जैसे जैसे पद्मावत की रिलीज़ की तारिख नज़दीक आती जा रही है,
पद्मावत का विरोध भी बढ़ता जा रहा है। अभी भी करणी सेना जैसे तमाम विरोधी
हैं, जो कुछ सुनना नहीं चाहते। ऐसे में पद्मावत को चाहिए पॉजिटिव
रिस्पांस। यह पॉजिटिव रिस्पांस तभी मिल
सकता है, जब फिल्म आम दर्शक द्वारा देखी जाये। पत्रकारों के लिए प्रीव्यू कराने से कुछ होने नहीं जा रहा। पत्रकारों को फिल्म दिखाने की एवज़ में हुए
नुकसान से वायकॉम १८ अच्छी तरह से परिचित है। इसलिए, फिल्म के
पेड प्रीव्यू ही अच्छा जरिया बन सकते हैं। इससे कमाई भी होगी और फिल्म एक कदम आगे भी साबित होगी। जैसा कि
दर्शक पाठक जानते हैं कि पैडमैन के साथ पद्मावत २५ जनवरी को रिलीज़ हो रही है ।
वायकॉम १८, फिल्म पद्मावत के पेड प्रीव्यू २४ जनवरी की
रात को रखना चाहते हैं। इसके सिर्फ एक शो होंगे । इस शो को करने के लिए सिनेमाघरों
को, पहले से प्रदर्शित हो रही जिन फिल्मों के शो कैंसिल करने पड़ेंगे, उनके नुकसान
की भरपाई प्रोडूसर करेंगे । निर्माताओं का मानना है कि इस पेड प्रीव्यू से फिल्म
को पब्लिक ओपिनियन भी मिलेगी और समीक्षकों की राय भी । इसके अलावा पद्मावत पैडमैन
से एक कदम आगे भी बढ़ जायेगी । यह पेड प्रीव्यू हर उन राज्यों के सिनेमाघरों में हो सकेंगे, जहाँ पद्मावत २५ जनवरी को रिलीज़ हो रही है । यानि पेड प्रीव्यू राजस्थान,
गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा सहित उन सभी राज्यों
में नहीं हो पाएंगे, जहां फिल्म पर रोक लगा दी गई है । फिल्म
निर्माताओं की यह सोच माउथ पब्लिसिटी के लिहाज़ से बढ़िया लगती है,
लेकिन सवाल उस सेना और सोच का है, जो समझाना
नहीं चाहती । अभी तक, करणी सेना से बेहद बचकाने ढंग से निबटने
वाले पद्मावत के निर्माता, वितरक और प्रदर्शकों सहित अन्य जुड़े लोग, अब उनसे कैसे निबटते हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण होगा ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 17 January 2018
ख़ास होगा कि करणी सेना से कैसे निबटते हैं पद्मावत के लोग !
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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