डायरेक्टर विक्रम भट्ट के सिनेमेटोग्राफर पिता प्रवीण भट्ट के सहयोगी के बतौर, १९६५ में फिल्म हिमालय की गोद में से शुरुआत करने वाले सिनेमेटोग्राफर डब्ल्यू बी राव का निधन हो गया। उन्हें रंगों और प्रकाश का संयोजन करने की अनोखी क्षमता थी, इसलिए उन्होंने बॉलीवुड में बड़ी ज़ल्दी अपना मुकाम हासिल कर लिया। बदलते रिश्ते, कालिया, लहू के दो रंग, सल्तनत और आर या पार जैसी फिल्मों में सहायक की भूमिका निभाने के बाद राव को स्वतंत्र छायांकन करने का पहला मौका मिला विनोद खन्ना और डिंपल कपाडिया की मुकुल एस आनंद निर्देशित फिल्म इन्साफ से। इसके बाद, उन्होंने मुकुल आनंद की तमाम फिल्मों के अलावा डेविड धवन, धर्मेश दर्शन, आदि की फिल्मों की लगातार सिनेमेटोग्राफी की। उन्होंने डेविड धवन की फिल्म जुड़वा धर्मेश दर्शन की राजा हिन्दुस्तानी और धड़कन जैसी सफल फिल्मों की फोटोग्राफी की। उनके छायांकन वाली फिल्मों में शादी करके फस गया यार, आपकी खातिर, मेरे जीवन साथी, दोस्ती फ्रेंड्स फॉरएवर, बेवफा, तलाश, हां मैंने भी प्यार किया, हर दिल जो प्यार करेगा, जैसी हिट फ़िल्में लगातार दी। रामगोपाल वर्मा की क्लासिक फिल्म रंगीला की सफलता में डब्ल्यू बी राव की सिनेमेटोग्राफी का बड़ा हाथ था। द अनफॉरगेटबल और आई एम् सिंह उनकी आखिरी फ़िल्में थी। वह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday 16 January 2018
विनोद खन्ना की वापसी फिल्म इन्साफ के सिनेमेटोग्राफर डब्ल्यू बी राव का निधन
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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