दूसरा विश्व युद्ध छिड़ा हुआ था। इस समय रूस और साइबेरिया से पोलिश शरणार्थियों से भरा के जहाज, जिसमे पांच हजार बच्चे और औरते भरी हुई थी, शरण के लिए पोलैंड से लेकर ईरान तक एक देश से दूसरे देश भटक रहा था। ऐसे समय मे यह जहाज ब्रिटिश शासित मुंबई पहुंचा। इस जहाज के बारे में खबर जाम साहिब के महाराजा दिग्विजय सिंह को मिली। उन्होंने जामनगर में बालछड़ी में चिल्ड्रन कैंप स्थापित कर दिया। जहाँ इन शरणार्थियों को रखा गया। यह लोग १९४५ तक यहीं रहे। इस ३०० एकड़ में फैले इस कैंप में आजकल सैनिक स्कूल चलता है। पोलैंड के शासकों ने महाराजा के इस काम को देखते हुए, वारसा में उनके सम्मान में द जमसाहेब दिग्विजय सिंह जडेजा स्कूल की स्थापना की। २०१६ में पोलैंड की संसद ने महाराजा के सम्मान में एक प्रस्ताव भी पारित किया। महाराजा की मृत्यु ३ फरवरी १९६६ को हो गई थी। महाराजा के इस व्यक्तित्व और कृतित्व को एक फिल्म के माध्यम से भी उकेरा जा रहा है। ओमंग कुमार के निर्देशन में इस फिल्म का निर्माण भारत-पोलिश सहयोग से किया जा रहा है। द गुड महाराजा टाइटल के साथ बनाई जा रही फिल्म में संजय दत्त ने महाराजा जाम साहिब दिग्विजय सिंह का किरदार कर रहे हैं। इस फिल्म का फर्स्ट लुक पोस्टर आज जारी किया गया है, जिसमे संजय दत्त महाराजा के गेटअप में नज़र आ रहे हैं। हिंदी फिल्मों में वापसी के बाद संजय दत्त की ओमंग कुमार के साथ यह दूसरी फिल्म है। ओमंग कुमार के निर्देशन में संजय दत्त की पहली वापसी फिल्म भूमि २२ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 31 August 2017
महाराजा के किरदार में संजय दत्त
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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