दक्षिण की दो फिल्मों चिरंजीवी की १५१वी फिल्म सई रा नरसिम्हा रेड्डी और विजय देवराकोण्डा की फिल्म अर्जुन रेड्डी। इन जातिसूचक शीर्षकों को लेकर दक्षिण के एक समीक्षक महेश कथि ने लिखा कि मुझे अर्जुन रेड्डी, नरसिम्हा नायडू, पेदारायडु, रामन्ना चौधरी टाइटल पर ऐतराज नहीं। मैं उम्मीद करता हूँ कि कृष्णा मडिगा, माला रमुडु, आदि शीर्षकों के साथ भी ज़्यादा फ़िल्में आएंगी। यहाँ बताते चलें की नायडू दक्षिण की अगड़ी जातियों के तथा मडिगा और रमुडु पिछड़ी जातियों के उपनाम हैं। मगर, इस ऐतराज़ का कोई आधार नज़र नहीं आता है। सई रा नरसिम्हा रेड्डी १८४६ में रायलसीमा में अंग्रेज़ों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा खड़ा करने वाले स्वतंत्रता सेनानी थे। इस फिल्म को दूसरी बाहुबली बताया जा रहा है। फिल्म में बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है। जबकि, अर्जुन रेड्डी के रोमांटिक एंटरटेनर है। इसमें जातिसूचक कुछ भी नहीं है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 27 August 2017
दक्षिण की दो फिल्मों के टाइटल पर विवाद
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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