Sunday 3 March 2019

बड़े परदे पर स्टीरियोफोनिक साउंड में कई भाषाएँ बोलेगा सिनेमा !


एस एस राजामौली की बाहुबली सीरीज की दो फिल्मों के बाद, दक्षिण और शेष भारत में लोकप्रिय हिंदी फिल्मों के बीच की दीवार गिराने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह कन्नड़ फिल्म केजीएफ पार्ट १ यानि कोलर गोल्ड फील्ड पार्ट १ की सफलता के साथ रफ़्तार पकड़ चुका लगता है।  तेलुगु और तमिल भाषा मे बनाई गई फिल्म बाहुबली और बाहुबली २ के हिंदी संस्करणों को मिली सफलता बेशक महत्वपूर्ण थी। लेकिन, कन्नड़ फिल्म केजीएफ पार्ट १ के हिंदी संस्करण को मिली सफलता इस लिहाज़ से अभूतपूर्व थी कि यह फिल्म बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस के बेताज बादशाह शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो के सामने रिलीज़ हुई थी।  फिल्म में हिंदी बेल्ट में पहचाना जाने वाला कोई चेहरा नहीं था।  इस फिल्म की ओर दर्शकों का ध्यान आकृष्ट करने के ख्याल से मौनी रॉय पर एक हिंदी गीत शूट कर शामिल किया गया था। इसके बावजूद इस फिल्म ने एक समय जीरो को पछाड़ दिया था। इससे साफ हो गया था कि बहुभाषी यानि मल्टीलिंगुअल फिल्मों का दौर आ गया है। 


१९५३ से हो गई थी बहुभाषी फिल्मों की शुरुआत
वैसे तो किसी फिल्म को दो या अधिक भाषाओँ में बनाने का सिलसिला पचास के दशक में ही शुरू हो चला था।  तीन भाषाओं में बनाई गई पहली फिल्म १९५३ में रिलीज़ फिल्म चंडीरानी थी। यह फिल्म तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई गई थी। इस फिल्म का निर्देशन भानुमती रामकृष्ण ने किया था। १९९९ में रिलीज़ निर्देशक अशोक की फिल्म हिंदी में काम तंत्र, तमिल में कामा और तेलुगु में काम टाइटल के साथ बनाई गई थी। संगीतम श्रीनिवास ने अपनी फिल्म लिटिल जॉन को इंग्लिश, हिंदी और तमिल में बनाया था। किशन श्रीकांत की कन्नड़ फिल्म केयर ऑफ़ फूटपाथ २ को, तेलुगु में मांजा और हिंदी में किल देम यंग टाइटल के साथ बनाया गया था। इन्द्रजीत लंकेश की फिल्म लव यू अलिया कन्नड़, तेलुगु और हिंदी में बनाई गई थी। मिलिंद राऊ की तमिल फिल्म अवल, तेलुगु में गृहम और हिंदी में हाउस नेक्स्ट डोर थी। प्रशांत नील की कन्नड़ फिल्म केजीएफ़ पार्ट १ को हिंदी में इसी टाइटल के साथ रिलीज़ करने के लिए एक आइटम सॉंग गली गली मौनी रॉय पर शूट किया गया था।


आगामी बहुभाषी फ़िल्में
कन्नड़ फिल्म केजीएफ़ पार्ट १ की सफलता से उत्साहित फिल्म के निर्माताओं ने अब इस फिल्म के दूसरे हिस्से केजीएफ पार्ट २ को हिंदी में भी शूट करने का फैसला लिया है। इस फिल्म में यश के साथ काम करने के लिए बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त से संपर्क भी किया गया है। निर्देशक सुजीत की प्रभाष और श्रद्धा कपूर अभिनीत फिल्म साहो हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनाई जा रही है। कमल हासन की तमिल फिल्म शाबाश नायडू भी तेलुगु शाबाश नायडू और हिंदी शाबाश कुंडू में बनाई जा रही है । कपिल देव के जीवन पर रणवीर सिंह अभिनीत बायोपिक फिल्म ८३ को तीन भाषाओँ हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनाया जा रहा है । इस फिल्म को, हिंदी के अलावा दूसरी भारतीय भाषाओँ में बनाने का फैसला इस लिए लिया गया कि क्रिकेट की लोप्रियता पूरे देश में है तथा पहले विश्व कप की जीत का जश्न पूरे देश ने मनाया था । इसलिए, इस फिल्म को पूरा देश देखना भी चाहेगा. फिल्म ८३ अप्रैल २०२० में रिलीज़ होगी । मणिरत्नम की अगली फिल्म सितारों से जगमगाती होगी। तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषा में बनाई जाने वाली यह फिल्म तमिल क्लासिक नॉवेल पोंनियिन सेल्वन (कावेरी पुत्र) पर आधारित होगी।  इस फिल्म का बजट १५० करोड़ के आसपास होगा। मणिरत्नम ने, खुद की लिखी इस फिल्म के निर्देशन का जिम्मा अपने सहयोगी धनशेखर को सौंपा है। फिल्म में दक्षिण के महेश बाबु और रामचरण के अलावा बॉलीवुड से अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन को शामिल किये जाने की खबर है । निर्देशक वीके प्रकाश की साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म एक लेखिका की कहानी है, जो अपने भय से जूझ रही है।  प्राण टाइटल वाली इस फिल्म में नित्या मेनन की मुख्य भूमिका है। यह फिल्म को  हिंदी के अलावा मलयालम, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओँ में भी बनाया जा रहा है।


मेगा बजट मल्टीलिंगुअल फ़िल्में
तीन सौ करोड़ का इससे अधिक के बजट में बनने वाली फिल्मों का सिलसिला भी शुरू होने को है।  विक्रम की महाभारत के एक चरित्र कर्ण पर फिल्म महावीर कर्ण को हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु और मलयालम में रिलीज़ किया जाएगा।  इस फिल्म का बजट ३०० करोड़ है। दुबई के अरबपति बी आर शेट्टी, १००० करोड़ की लागत से, महाभारत का भीम की दृष्टि से विवरण पर आधारित फिल्म रणदमूज़म का निर्माण कर रहे हैं। यह फिल्म मलयालम, हिंदी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ में एक साथ शूट की जायेगी। इस फिल्म में मोहनलाल के भीम की केंद्रीय भूमिका करने की उम्मीद है। अमिताभ बच्चन के भीष्म और ऐश्वर्य राय बच्चन के द्रोपदी बनने की अफवाहें भी थी। यह भी खबर थी कि फिल्म में जैकी चैन भी होंगे।  फिलहाल यह फिल्म पचड़े में फंसी बताई जा रही है।


सही मायनों में बहुभाषी फिल्म
एकाधिक भाषाओं में सही मायनों में बनी फिल्म के लिहाज़ से पिछले साल सितम्बर में रिलीज़ फिल्म ३ स्मोकिंग बैरल का नाम उल्लेखनीय है। निर्देशक संजीब डे की यह पहली फिल्म थी। इस अन्थोलॉजी फिल्म में तीन कहानियों को बुना गया था, जो ज़िन्दगी की भिन्न अवस्थाओं का चित्रण करने वाली थी। इस कहानी में सशस्त्र संघर्ष के बीच फंसे एक बच्चे, नशीली दवाओं को लाने और ले जाने वाला एक लड़का और हाथियों के शिकार में लिप्त एक व्यक्ति की कहानियाँ थी। इस थ्रिलर फिल्म के संवादों को इंग्लिश, हिंदी, बंगाली, असमी, नगा और मणिपुरी भाषाओँ में लिखा गया था।  इसे दुनिया की कुछ दूसरी भाषाओं में भी डब किया गया था। इस फिल्म की तमाम शूटिंग नार्थ ईस्ट के सातों राज्यों  में हुई थी।


एक से ज्यादा भाषाए जानने वाली बॉलीवुड एक्टर
किसी बहुभाषी फिल्म को दूसरी भाषों में डब कर रिलीज़ कर दिया जाना एक बिलकुल अलग बात है. परन्तु, सही मायनों में बहभाषी फिल्म बनाने के लिए यह ज़रूरी है कि एकाधिक भाषाओँ को जानने वाले एक्टर भी उपलब्ध हो । इस लिहाज़ से बॉलीवुड काफी भाग्यशाली है । कई हिंदी फिल्म एक्टर हिंदी के अलावा दूसरी भाषाए भी अच्छी तरह बोल और पढ़ सकते हैं । ऐश्वर्य राय बच्चन को नौ भाषाए हिंदी, बंगाली, इंग्लिश, तमिल, मराठी, तेलुगु, तुलु, कन्नड़ और उर्दू आती हैं । ऐश्वर्या कुछ स्पेनिश फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं । ऐश्वर्या राय बच्चन के मोहब्बतें और देवदास के नायक शाहरुख़ खान कई भाषाओँ के माहिर हैं । वह हिंदी, इंग्लिश, उर्दू और कन्नड़ काफी अच्छी तरह से बोल सकते हैं । उन्हें जर्मन भाषा भी आती है । अभिनेत्री विद्या बालन को छः भाषाए तमिल, हिंदी, बंगाली, मराठी, मलयालम और इंग्लिश आती है । कंगना रानौत धाराप्रवाह हिंदी, इंग्लिश और फ्रेंच बोल सकती हैं । अमिताभ बच्चन हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, पंजाबी और कुछ बंगाली भाषा बोल सकते हैं । दक्षिण की सुपरस्टार अभिनेत्री असिन को सात भाषाएँ हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, इंग्लिश, इटालियन और फ्रेंच आती हैं । बेफिक्रे एक्ट्रेस वाणी कपूर तमिल, तेलुगु, इंग्लिश, हिंदी और फ्रेंच भाषाएँ धाराप्रवाह बोल सकती हैं । तपसी पन्नू ने दक्षिण और बॉलीवुड की कई फ़िल्में की हैं । वह हिंदी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और इंग्लिश बोल सकती है । दीपिका पादुकोण भी हिंदी, इंग्लिश, तुलु और बंगाली बोल सकती हैं ।


मणिरत्नम की डब फिल्मों से शुरुआत
मणिरत्नम की फिल्मों रोजा, हमसे है मुक़ाबला, हिंदुस्तानी, बॉम्बे, आदि फिल्मों के हिंदी में डब हो कर रिलीज़ होने और उनको मिली अभूतपूर्व लोकप्रियता ने दक्षिण की फिल्मो के हिन्दी भाषी दर्शकों के सामने पहुँचाने का जो रास्ता खोल दिया था, वह बाहुबली के बाद प्रतिस्पर्द्धा का मैदान बन गया है। कई दूसरी दक्षिण भाषाओँ की फ़िल्में कई भाषाओँ में बन कर पूरे देश की जनता को अपील करने वाली बनने जा रही हैं। इनसे पूरे देश को एक दूसरे की भाषा, संस्कृति और रहन सहन को जानने का अच्छा अवसर मिलेगा।


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