Tuesday 5 March 2019

संजय दत्त के साथ १६ साल बाद रवीना टंडन


जीना मरना तेरे संग, क्षत्रिय, ज़माने से क्या डरना, आतिश, विजेता, जंग, खौफ और एलओसी कारगिल जैसी फ़िल्में एक साथ कर चुके, बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त और रवीना टंडन १६ साल बाद फिर साथ नज़र आ सकते हैं।


पिछली फिल्म कारगिल
इन दोनों की पिछली फिल्म एलओसी कारगिल थी, जो २००३ में रिलीज़ हुई थी। कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि पर इस फिल्म में संजय दत्त और रवीना टंडन का साथ कोई दृश्य नहीं था। लेकिन, पिछले साल, शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो को चुनौती साबित होने वाले, कन्नड़ सुपरस्टार यश की फिल्म केजीएफ चैप्टर १ की सीक्वल फिल्म केजीएफ चैप्टर २ में यह दोनों जोड़ीदार बने नज़र आ सकते हैं।


कर्णाटक के सोने पर फिल्म
केजीएफ पार्ट १ एक पीरियड एक्शन फिल्म थी।  कर्णाटक की सोने की खदानों के घटनाक्रम को लपेटे, इस फिल्म को सभी भाषाओँ के दर्शकों ने पसंद किया था। ख़ास तौर पर यश ने दर्शकों को प्रभावित किया था । इस फिल्म ने, एक समय  शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो के कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया था।


चैप्टर १ में होते !
केजीएफ सीरीज के एक्टर यश की मानें तो अगर बात बन गई होती तो संजय दत्त और रवीना टंडन की जोड़ी केजीएफ चैप्टर १ में भी नज़र आती । लेकिन, किसी न किसी कारण से यह दोनों एक्टर ही अपना कन्नड़ फिल्म डेब्यू नहीं कर सके।


बिना बॉलीवुड एक्टर के सफल केजीएफ़
केजीएफ चैप्टर २ में रवीना टंडन और संजय दत्त का लिया जाना, क्या हिंदी दर्शकों को आकर्षित करने के लिए है? सफलता के दौर में यह सही नहीं लगता।  क्योंकि, बिना किसी बॉलीवुड एक्टर के केजीएफ चैप्टर १ को जैसी सफलता मिली थी, वह अभूतपूर्व थी तथा कथ्य की नवीनता और फिल्म की रोचकता का नतीजा थी।


भूमिका के अनुरूप चयन
चूंकि, चैप्टर २ को चैप्टर १ के साथ ही लिखा गया था।  इसलिए, फिल्म में निरंतरता और घटनाओं पर पकड़ बनी रहना स्वाभाविक है।  दरअसल, केजीएफ चैप्टर २ को बॉलीवुड दर्शकों को लुभाने की ज़रुरत नहीं।  कथ्य आधारित फ़िल्में सितारों की मोहताज़ नहीं होती।  खुद यश भी दावा करते हैं कि संजय दत्त और रवीना टंडन कहानी में फिट किरदारों के लिए काफी उपयुक्त हैं।  इसीलिए इन्हे केजीएफ चैप्टर २ में लिए जाने की सोची गई।

मगर, अभी इंतज़ार करना होगा।  केजीएफ के निर्माताओं की इन दोनों सितारों से बात चल रही है। जल्द ही यह फाइनल हो जाएगा कि संजय दत्त और रवीना टंडन आतिश, विजेता और जंग जैसा जादू जगा पाएंगे ?



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