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Wednesday 16 June 2021

हेलेन को नायिका बनाने वाले चंद्रशेखर



चंद्रशेखर ने अपने करियर में नायक, चरित्र नायक और सह अभिनेता के अलावा छोटीमोटी भूमिकाये भी की थी. १९५० में प्रदर्शित फिल्म बेबस ऎसी ही एक फिल्म थी, जिससे चंद्रशेखर के फिल्म करियर की शुरुआत हुई. भारत भूषण और पूर्णिमा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म के निर्देशक भगवान थे.


बेबस के अतिरिक्त चंद्रशेखर ने लगभग २६० के करीब फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं की. वह वी शांताराम की फिल्म सुरंग से प्रख्यात हुए.


उन्हें किसी भी प्रकार की भूमिकाओं से किसी प्रकार की नापसंदगी नहीं थी. उन्हें बस सलुलोइड पर सक्रिय होने का मौका मिलना चाहिए.


उन्होंने सुरंग, रुस्तम ए बग़दाद, स्ट्रीट सिंगर, बसंत बहार, बरसात की एक रात, शराबी, शक्ति, अजनबी, कटी पतंग, आदि फिल्मों में नायक से लेकर सह भूमिकाये तक की. शक्ति सामंत की फिल्मों में वह नियमित नज़र आते थे.


माला सिन्हा ने, चंद्रशेखर के साथ आँख मिचोली, सुनहरा संसार और जहाँ आरा जैसी फ़िल्में की. माला सिन्हा चाहती थी कि वह चंद्रशेखर के साथ ज्यादा फिल्मे करें. आशा पारेख ने कहा कि हमें कभी लगा ही नहीं कि चंद्रशेखर इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं है.


चंद्रशेखर ने बतौर निर्माता, निर्देशक और लेखक दो फ़िल्में चा चा चा और स्ट्रीट सिंह बनाई. चा चा चा, उस समय की लोकप्रिय पाश्चात्य नृत्य शैली चा चा चा पर थी. नायक वह खुद थे और हेलेन को पहली बार नायिका बनने का मौका मिला था.


चंद्रशेखर की दूसरी फिल्म स्ट्रीट सिंगर में उस समय के तमाम वरिष्ठ अभिनेताओं का जमावड़ा था. ७ जुलाई १९२३ को हैदराबाद मे जन्मे चंद्रशेखर ने ब्रिटेन से पाश्चात्य नृत्य का डिप्लोमा किया था.इसका परिचय वह अपनी फिल्मों में बेहतरीन नृत्य पेश कर दिया करते थे.


खौफ उनकी आखिरी फिल्म थी.


उन्हें श्रद्धांजलि.

Tuesday 15 June 2021

धारदार जुबान वाले प्रतिभावान संगीतकार सज्जाद



आज की तिथि में, १९१७ में, आज के मध्य परदेश के सीतामऊ गाँव में जन्मे फिल्म संगीतकार सज्जाद या सज्जाद हुसैन इस बात के ज्वलंत उदाहरण हैं कि बॉलीवुड में वही प्रतिभाशाली लम्बी पारी खेल सकता है, जिसका या तो कोई गॉड फादर हो या जो तेल मालिश में माहिर हो.


सज्जाद में दोनों गुण नदारद थे. उनकी जुबान तो तलवार से भी ज्यादा धारदार थी. वह कुछ ऐसा बोलते कि सामने वाला तिलमिला उठाता और दुबारा वापस नहीं आता. अन्याय उन्हें मंजूर नहीं था. उस पर करेला पर नीम यह कि वह काफी गुस्सैल भी थे. गुस्सा उनकी नाक पर रहता था. नूरजहाँ जैसी गायिका से भिड जाना भी उन्हें मंजूर था.


वह महान प्रतिभाशाली थे. पर वह अपनी प्रतिभा का अच्छा उपयोग कर पाने में नाकाम रहे. यही कारण था कि वह अपने तीन दशक लम्बे फिल्म करियर यह में मुश्किल से २० फ़िल्में कर पाए. २१ जुलाई १९९५ को ७८ साल की उम्र में उनका निधन हो गया.  


बतौर कंपोजर सज्जाद ने फिल्म गाली के चार गीत लिखे. उनकी स्वतंत्र फिल्म निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म दोस्त (१९४४) थी. सज्जाद ने के आसिफ की फिल्म हलचल और दिलीप कुमार- मधुबाला की फिल्म संगदिल को संगीत दिया. रुस्तम सोहराब उनकी आखिरी फिल्म थी.


सज्जाद के गुस्से के अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि फिल्म दोस्त के तीन गीत नूरजहाँ ने गाये थे, जो बड़े हिट साबित हुए थे. पर जब इस फिल्म के निर्माता और नूरजहाँ के पति शौकत हुसैन रिज़वी ने इन गीतों की सफलता का पूरा श्रेय नूरजहाँ को दे दिया तो सज्जाद इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने फिर कभी रिज़वी और नूरजहाँ के साथ कोई फिल्म नहीं की.


सज्जाद हुसैन के रचे गीतों को सुरैया, लता मंगेशकर और आशा भोंसले ने भी गया था. लता मंगेशकर तो उन्हें अपने पसंदीदा संगीतकारों में रखती थी.


उन्हें वायलिन, वीणा, जलतरंग, बांसुरी, पियानो, बैंजो, अकॉर्डियन, हवईन, स्पेनिश गिटार, सितार, क्लेरीनेट, बीन और मैन्डोलिन जैसे वाद्य यन्त्र बजाने में महारत हासिल थी. 

Monday 14 June 2021

कन्नड़ अभिनेता संचारी विजय (Sanchari Vijay) का निधन !



कन्नड़ फिल्म अभिनेता संचारी विजय का निधन हो गया है. वह १२ जुलाई को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वह अपने एक दोस्त से मिलने के बाद, अपनी मोटर साइकिल से वापस घर आ रहे थे.



उन्हें नाजुक हालत में बंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब से वह आइसीयू में थे. आज डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद, परिवार ने यह फैसला किया कि उनके अंगों का दान कर दिया जाए.

संचारी विजय का कन्नड़ फिल्म डेब्यू रंगप्पा होगबितना से २०११ में हुआ था. उन्होंने फिल्मों में भिन्न तरह की भूमिकाये की थी.



उन्हें २०१५ में फिल्म नानू अवनल्ला...अवालू के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. यह पुरस्कार उन्हें फिल्म में एक ट्रांसजेंडर विद्या की भूमिका के लिए मिला था.



उनकी दो कन्नड़ फ़िल्में निर्माण के भिन्न चरणों में है. लेकिन, ईश्वर ने इस महान अभिनेता को ३८ साल की उम्र में दुनिया से उठा लिया. उन्हें श्रद्धांजलि.

Sunday 30 May 2021

इन्दू की जवानी के Ryan Stephen का निधन



फिल्म निर्माता और लेखक रयान स्टीफेन के निधन हो गया है. वह ५० साल के थे. कोरोना पीड़ित हो जाने के कारण गोवा के अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था.


रयान स्टीफेन ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. उन्होंने मुंबई से प्रकाशित जी मैगज़ीन की लिए पत्रकार जीवन की शुरुआत की. शोटाइम और स्टार डस्ट में भी रहे. वह वेब पोर्टल मज़ा मीडिया के फिल्म सलाहकार थे.


एमटीवी, ज़ूम, जी और ९ एक्सएम चैनलों के साथ भी काम किया. जिस्म, पाप, रोग और एल ओ सी कारगिल के पीआर भी स्टीफेन थे. उन्होंने बतौर निर्माता दो फ़िल्में लघु फिल्म देवी और इस साल रिलीज़ फीचर फिल्म इन्दू की जवानी का निर्माण किया.


स्टीफेन के निधन पर, इन्दू की जवानी की अभिनेत्री किअरा अडवाणी और अभिनेता आदित्य सियाल, देवी की अभिनेत्री और स्टीफेन की अच्छी दोस्त काजोल, निर्देशक अबीर सेनगुप्ता, मनोज बाजपेई, अनुराग कश्यप, आदि ने उनके निधन पर शोक जताया है. उन्हें श्रद्धांजलि.

Monday 5 April 2021

सपनों में क्यों नज़र आती थी दिव्या भारती ?


दिव्या भारती की १९ साल की छोटी उम्र में ५ अप्रैल १९९३ को मृत्यु हो गई थी. उनकी मौत हादसा थी, या हत्या या फिर आत्महत्या, इस रहस्य को पुलिस कभी नहीं खोल पाई और मामला बंद कर दिया गया.

दिव्या भारती का बॉलीवुड में करियर सिर्फ सवा साल का था. उन्होंने चार तेलुगु और एक तमिल फिल्म करने के बाद, बॉलीवुड में कदम रखा. १९९२ में उनकी पहली हिंदी फिल्म सनी देओल, चंकी पाण्डेय, नसीरुद्दीन शाह और सोनम के साथ फिल्म विश्वात्मा रिलीज़ हुई. १९९२ में ही उनकी शोला और शबनम, दीवाना, जान से प्यारा, बलवान, दुश्मन ज़माना, दिल आशना है, गीत और दिल ही तो है प्रदर्शित हुई. इन फिल्मों में उन्होंने पृथ्वी, गोविंदा, शाहरुख खान, अरमान कोहली, अविनाश वधावन और जैकी श्रॉफ के साथ अभिनय किया. बलवान, सुनील शेट्टी की पहली फिल्म थी. १९९३ में उनके जीवन में केवल एक फिल्म क्षत्रिय रिलीज़ हुई. रंग और शतरंज उनकी मौत के बाद रिलीज़ हुई थी.

दिव्या भारती की रहस्यमय मौत को ज्यादा रहस्यमय बनाती है, उनसे जुड़े लोगों की वह बाते, जिनमे उन्होंने खुलासा किया कि दिव्या भारती अपनी मौत के बाद भी उनके सपने में आती थी. दिव्या की माँ का कहना था कि जब मुझे कहीं जाना होता था तो दिव्या भारती ही सपनों में आकर मुझे जगाती थी. पति साजिद नाडियाडवाला को भी काफी समय तक दिव्या भारती सपनों में नज़र आती रही. साजिद की हिन्दू से मुस्लिम बनी दूसरी पत्नी वर्धा नाडियाडवाला दावा करती रही कि दिव्या उनके सपनों में छः साल तक आती रही. यह बयान कहाँ तक सच हैं, कहना मुश्किल है, लेकिन इनसे दिव्या भारती के इर्दगिर्द रहस्य की चादर ज़रूर कुछ ज्यादा मोटी हो जाती है.

Sunday 4 April 2021

शशिकला का निधन



हिंदी फिल्म उद्योग में, शशिकला के नाम से सुप्रसिद्ध शशिकला ओमप्रकाश सैगल का आज निधन हो गया. वह ८८ साल की थी.


शशिकला ओमप्रकाश सैगल का जन्म ४ अगस्त १९३२ को हुआ था. शोलापुर के मराठी परिवार में जन्मी शशिकला के पिता दिवालिया हो चुके थे. इस पर उनका परिवार बॉम्बे आ गया. शशिकला पर बचपन से ही घर का दायित्व आ गया था. वह काम की तलाश में स्टूडियो स्टूडियो घूमा करती थी. ऐसे ही वह एक दिन नूरजहाँ के सामने पड़ गई. नूरजहाँ ने, उन्हें अपने पति शौकत हुसैन रिज़वी की फिल्म जीनत की एक क़व्वाली में काम दिलवा दिया.


इसके बाद, शशिकला का संघर्ष जारी रहा. उन्हें पीएन आरोरा और अमिया चक्रवर्ती जैसे निर्माताओं ने अपनी फिल्मों में काम दिया. छोटे मोटे रोल करते हुए, वह शम्मी कपूर के साथ फिल्म डाकू में नज़र आई. वी शांताराम की फिल्म तीन बत्ती चार रास्ता में भी शशिकला को अभिनय करने का मौक़ा मिला.


निर्माता निर्देशक किशोर साहू, जोनी वॉकर के साथ शशिकला को लेकर एक फिल्म सौदा बना रहे थे. इस फिल्म में हॉलीवुड के महावत अभिनेता साबू को लिया गया था. परन्तु, यह फिल्म यकायक बंद कर दी गई.


इसके बाद शशिकला स्टंट फिल्मो की ओर मुड़ गई. इसी प्रकार की छोटी-बड़ी और सह भूमिकाओं वाली करीब १०० फिल्मों में शशिकला ने अभिनय किया. उन्हें, ओपी रल्हन की फिल्म फूल और पत्थर में एक कैबरे डांसर की भूमिका करने का मौक़ा मिला. इस फिल्म की बड़ी हिट होने के बाद शशिकला वंपिश भूमिकाओ में उपयोग होने लगी.


उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में जंगली, सुजाता, आरती,गुमराह, वक़्त, अनुपमा, फूल और पत्थर, राहगीर, आई मिलन की बेला, खूबसूरत, कभी ख़ुशी कभी गम, आदि थी. वह आखिरी बार, २००४ में प्रदर्शित फिल्म पद्मश्री लालू प्रसाद यादव में एक दक्षिण अफ्रीकी फिल्म अभिनेत्री की भूमिका में नज़र आई. वह फिल्म मुझसे शादी करोगी में सलमान खान के चरित्र की दादी बनी थी.

उन्हें श्रद्धांजलि. 


सौमित्र चटर्जी की पत्नी दीपा का निधन



बंगाली फिल्मों के वरिष्ठ अभिनेता सौमित्र चत्तेर्जी की पत्नी दीपा चटर्जी के कोलकात्ता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह ८४ साल की थी. उन्हें ३१ मार्च को किडनी की बिमारी के कारण भर्ती कराया गया था. आज सुबह चार बजे उनके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था.


दीपा चटर्जी जानीमानी बैडमिंटन खिलाड़ी थी. उन्होंने दो बांगला फ़िल्में भी की थी. इनमे उत्तम कुमार और सुप्रिया चौधरी के साथ बिलम्बित लय और सौमित्र चटर्जी के साथ फिल्म दुर्गा के नाम उल्लेखनीय हैं.


सौमित्र चटर्जी की दीपा के साथ शादी १९६० में हुई थी. इन दोनों के दो बच्चे हैं. सौमित्र चटर्जी का १५ नवम्बर २०२० को कोरोना की वजह से देहांत हो गया था.

Thursday 25 March 2021

पहली फिल्म में लड़का बनी थी नंदा !



आज पुराने जमाने की अभिनेत्री नंदा की पुण्य तिथि है. आम बच्चों की तरह नंदा भी कैमरे का सामना नहीं करना चाहती थी. पर उनके फिल्म निर्माता पिता उन्हें अपनी फिल्म मंदिर में लेना चाहते थे. माँ के समझाने पर वह इसके लिए राजी हो गई. सात साल की नंदा ने फिल्म में एक लडके की भूमिका की थी. इसे उनके दूसरे भाई कर सकते थे. परन्तु पिता मास्टर विनायक को नंदा पर ही भरोसा था. अब यह बात दूसरी है कि मंदिर के पूरा होने से पहले ही मास्टर विनायक का आकस्मिक निधन हो गया. इस फिल्म को दिनकर पाटिल ने पूरा किया. इस प्रकार से लडके की भूमिका से फिल्मों में प्रवेश पाने वाली नंदा ने भिन्न तरह की भूमिकाओं से हिंदी फिल्म दर्शकों में अपनी जगह बनाई. उन्हें श्रद्धांजलि.आज पुराने जमाने की अभिनेत्री नंदा की पुण्य तिथि है. आम बच्चों की तरह नंदा भी कैमरे का सामना नहीं करना चाहती थी. पर उनके फिल्म निर्माता पिता उन्हें अपनी फिल्म मंदिर में लेना चाहते थे. माँ के समझाने पर वह इसके लिए राजी हो गई. सात साल की नंदा ने फिल्म में एक लडके की भूमिका की थी. इसे उनके दूसरे भाई कर सकते थे. परन्तु पिता मास्टर विनायक को नंदा पर ही भरोसा था. अब यह बात दूसरी है कि मंदिर के पूरा होने से पहले ही मास्टर विनायक का आकस्मिक निधन हो गया. इस फिल्म को दिनकर पाटिल ने पूरा किया. इस प्रकार से लडके की भूमिका से फिल्मों में प्रवेश पाने वाली नंदा ने भिन्न तरह की भूमिकाओं से हिंदी फिल्म दर्शकों में अपनी जगह बनाई.

दिलचस्प तथ्य यह भी है कि बालिग़ नन्दा ने पहली फिल्म तूफ़ान और दिया में बहन की भूमिका की थी. वह सतीश व्यास की बहन बनी थी. राजेंद्र कुमार उनके नायक थे. नंदा की १९९५ में रिलीज़ एक फिल्म का नाम दिया और तूफ़ान था.

उन्हें श्रद्धांजलि. 

Sunday 14 February 2021

सेलुलॉइड में रंग भर देने वाली मधुबाला


आज हुस्न की मलिका और हिंदुस्तान की वीनस मधुबाला का जन्मदिन है. आज अगर वह जीवित होती तो वह ८८ साल की होती. लेकिन, उनकी मृत्यु मात्र ३६ साल की उम्र में २३ फरवरी १९६९ को हो गई. उनके दिल में छेद था. जब तक इस बीमारी का पता चला, तब तक इसके बंद होंगे की कोई गुंजाईश नहीं रह गई थी.



राजकपूर के साथ फिल्म नील कमल (१९४७) में नायिका की भूमिका करने वाली, मधुबाला के दिल में छेद का पता फिल्म बहुत दिन हुए (१९५४) की शूटिंग के दौरान चला. इस फिल्म में मधुबाला ने राजकुमारी चंद्रकांता  की भूमिका की थी. उन्होंने फिल्म मुगले आज़म में अनारकली की भूमिका कर इस काल्पनिक चरित्र को सजीव और अमर कर दिया. तब वैलेंटाइन डे नहीं मनाया जाता था. लेकिन, मधुबाला हर युवा दिल में रोमांस भर देती थी.



मधुबाला की सुपरहिट फिल्मों में महल, तराना, संगदिल, अमर, मिस्टर एंड मिसेज ५५, फागुन, काला पानी, हावड़ा ब्रिज, चलती का नाम गाडी, बरसात की रात और मुगले आज़म थी.



कॉस्टयूम ड्रामा फिल्म ज्वाला उनकी आखिरी फिल्म थी, जिसे सोना नाम की हमशक्ल ने पूरा किया था. इस फिल्म के नायक सुनील दत्त थे. यह मधुबाला की इकलौती रंगीन फिल्म थी.

Tuesday 9 February 2021

राजकपूर के सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर का देहांत


स्वर्गीय राजकपूर के सबसे छोटे बेटे और स्वर्गीय ऋषि कपूर के भाई राजीव कपूर का दिल का दौरा पड़ने के बाद देहांत हो गया. वह ५८ साल के थे.



चिम्पू के नाम से मशहूर राजीव कपूर का जन्म २५ अगस्त १९६२ को हुआ था. स्वर्गीय पृथ्वीराज कपूर के इस पोते का हिंदी फिल्मों में आगमन १६ सितम्बर १९८३ को प्रदर्शित फिल्म एक जान हैं हम से हुआ था. इस फिल्म का निर्देशन राजीव मेहरा ने किया था. दिव्या राना की नायिका की भूमिका वाली यह फिल्म फ्लॉप हुई थी. उनकी दूसरी फिल्म आसमान भी दिव्या राना के साथ थी. यह दोनों ही फ़िल्में बुरी तरह से फ्लॉप हुई.



फिर वह रवींद्र पीपट की फिल्म लावा में अपने बड़े भाई ऋषि कपूर की नायिका डिंपल के साथ फिल्म लावा में नज़र आये. यह फिल्म भी उनके डूबते करियर को बचा नहीं सकी. बची खुची कसर सितारा बहुल फिल्म ज़बरदस्त की असफलता ने पूरी कर दी.



इन चार असफलताओं का बोझ राजीव कपूर के कन्धों पर कितना बड़ा रहा होगा कि उन्हें अपने पिता राजकपूर द्वारा निर्देशित फिल्म राम तेरी गंगा मैली की बड़ी सफलता का भी कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद कोई ११ फ़िल्में करने के बावजूद उन पर से फ्लॉप एक्टर ठप्पा हट नहीं सका.



राजीव कपूर ने टीवी सीरीज वंश के अलावा तीन फिल्मों हिना, आ अब लौट चलें और प्रेम ग्रन्थ का निर्माण किया था. वह फिल्म प्रेम ग्रन्थ में माधुरी दीक्षित के साथ बड़े भाई ऋषि कपूर और चाचा शम्मी कपूर को निर्देशित कर रहे थे. यही उनका आखिर बॉलीवुड प्रोजेक्ट था. हाल ही में उन्हें लेकर फिल्म टूलसीदास जूनियर की घोषणा हुआ थी.

Saturday 19 December 2020

परवेश मेहरा का निधन


फिल्म निर्माता परवेश मेहरा का निधन हो गया है. वह पिछले एक महीने से, मुंबई के ब्रीच केंडी हॉस्पिटल में कोरोना से संघर्ष कर रहे थे. विनोद मेहरा, रेखा और विनोद खन्ना की फिल्म ऐलान से एग्जीक्यूटिव प्रोडूसर के रूप में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले परवेश मेहरा ने शाहरुख़ खान की फिल्म चमत्कार और राम जाने जैसी फिल्मों का निर्माण करने वाले परवेश मेहरा ने सलाखें, चढ़ी जवानी बुड्ढे नू, बंदी, हमारे तुम्हारे, अशांति, एक जान हैं हम, सोहनी महिवाल, जाल, प्यार के दो पल, आखिरी अदालत, मुजरिम और शिकारी फिल्मों का निर्माण किया था. शाहरुख़ खान की फिल्म राम जाने और दिलीप कुमार और रेखा की फिल्म किला की भारी असफलता ने परवेश मेहरा के निर्माता की कमर तोड़ के रख दी. किला परवेश मेहरा और दिलीप कुमार के करियर की आखिरी फिल्म साबित हुई.

Sunday 6 December 2020

हिंदी फिल्मों के कमिश्नर, जज और मुखिया थे रवि पटवर्धन (Ravi Patwardhan)


हिंदी और मराठी फिल्म अभिनेता रवि पटवर्धन का देहांत हो गया है।  उनकों आज सुबह बड़ा दिल का दौरा पड़ा था।   इससे पहले, इस साल की शुरू में भी उन्हें दिल का दौरा  पड़ा था। लेकिन, वह स्वस्थ हो कर घर वापस आ गए थे।  उन्हें शनिवार की रात  सांस लेने में कठिनाई हो रही थी।  उन्हें पास के एक निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया।  लेकिन, उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।  उन्होने ८४ साल की उम्र में अंतिम सांस ली ।

रवि पटवर्धन ने, अपने अभिनय  जीवन में १५० नाटकों और २०० के करीब हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया था।  फिल्मों में उनकी भूमिकाये बड़ी नहीं  हुआ करती थी।   लेकिन, उनमे भिन्नता थी।  उन्होने गाँव के मुखिया से लेकर पुलिस कमिश्नर, वकील और जज की भूमिकाये तक की।  यहाँ तक कि वह खल भूमिका करने में भी नहीं हिचके। उनकी फिल्म यशवंत में पुलिस कमिश्नर की  भूमिका की काफी चर्चा हुई।

रवि पटवर्धन अंतिम समय तक अभिनय की दुनिया में सक्रिय थे।  उन्होंने पिछले साल ही मराठी सीरीज अगाबाई ससुबाई में आजोबा की भूमिका से मराठी दर्शकों को प्रभावित किया था।  इस शो के दूसरे सीजन की भी शुरुआत होने जा रही थी।

Tuesday 3 November 2020

परदे के राम भी थे परदे के सिकदर पृथ्वीराज कपूर


परदे पर  अर्जुन, राम, कर्ण, दशरथ,  राजा हरिश्चंद्र,  राणा कुम्भा, पृथ्वीराज चौहान, सिकंदर,  पोरस, शाहजहां, अकबर, आदि ढेरों धार्मिक ऐतिहासिक चरित्र।  पहली बोलती फिल्म आलम आरा का नायक।  सन्यासी विद्रोह का नेतृत्वकर्ता सन्यासी सत्यानंद।  पृथ्वी थिएटर के संस्थापक। संगीत नाटक अकादेमी फ़ेलोशिप, संगीत नाटक अकादेमी अवार्ड, पद्मभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता। राजकपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर जैसे यशस्वी बेटों के पिता।



जी हाँ, बात हो रही है एक्टर पृथ्वीराज कपूर की।  उनका जन्म आज ही के दिन, ३ नवंबर १९०६ को अविभाजित भारत के पंजाब के लायलपुर में हुआ था।  १९२३ में रामशरणी मेहरा से उनका विवाह हुआ।  वह ३ अप्रैल १९५२ से २ अप्रैल १९६० तक राज्य सभा के  सदस्य रहे।



उनका फिल्म करियर मूक फिल्म बे धारी तलवार (१९२९) से हुआ था। उन्होंने ९ मूक फ़िल्में की।  वह पहली बोलती फिल्म आलम आरा के नायक थे। उन्होंने अभिनय के अलावा फिल्म पैसा (१९५७) का निर्देशन भी किया। २९ मई १९७२ को ६५  साल की उम्र में उनका निधन हो गया। राजकपूर,  शम्मी कपूर, शशि कपूर के अलावा वह रविंदर कपूर, देविंदर कपूर कर उर्मिला सियाल के पिता भी थे। 

Tuesday 6 October 2020

देवानंद के भांजे एक्टर विशाल आनंद का निधन


बॉलीवुड के मशहूर आनंद परिवार के देवानंद, विजय आनंद और चेतन आनंद के भांजे विशाल आनंद का ४ अक्टूबर की रात निधन हो गया. वह ८२ साल के थे. विशाल आनंद ने, फिल्मों में आने से पहले अपने नाम को भीष्म कोहली से बदल कर विशाल आनंद कर लिया था, ताकि बॉलीवुड के मशहूर आनंद भाइयों के नाम का फायदा मिल सके.



उन्होंने हमारा अधिकार, सा रे गा मा पा, चलते चलते, टैक्सी ड्राईवर, इंतज़ार, दिल से मिले दिल, किस्मत और मैंने जीना सीख लिया जैसी ११ फिल्मों में काम किया था. लेकिन, केवल एक फिल्म चलते चलते ही हिट हुई थी. इस फिल्म में उनकी नायिका सिमी ग्रेवाल थी.



विशाल आनंद, ऐसे उदाहरणों में शामिल थे कि अगर आप में प्रतिभा नहीं है तो प्रभावशाली फ़िल्मी परिवार भी कोई मदद नहीं कर सकता. विशाल आनंद, अपने अभिनय में देवानंद की नक़ल करते नज़र आते थे. उन्हें श्रद्धांजलि.

अजय देवगन के छोटे भाई अनिल देवगन का देहांत

बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के छोटे भाई अनिल देवगन का देहांत हो गया है. वह ४५ साल के थे. अजय देवगन ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी सूचना दी. अनिल देवगन ने अभिनय के क्षेत्र में भाग्य नहीं आजमाया. वह कैमरा के पीछे काम करना चाहते थे. उन्होंने, तीन फिल्मों राजू चाचा, ब्लैक मेल और हाल ए दिल का निर्देशन किया.



पहली दो फ़िल्में बड़े बजट की फ़िल्में थी. राजू चाचा अजय देवगन के प्रोडक्शन की फिल्म थी. इस फिल्म में अजय देवगन और काजोल प्रमुख भूमिका में थे.



ब्लैक मेल में अजय देवगन, प्रियंका चोपड़ा, सुनील शेट्टी और दिया मिर्ज़ा की प्रमुख भूमिकाये थी. यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म थी.



तीसरी फिल्म हाल ए दिल से दो एक्टरों का फिल्म डेब्यू हो रहा था. इस फिल्म के नायक अध्ययन सुमन थे, जो एक्टर और राजनेता शेखर सुमन के पुत्र हैं. अध्ययन की नायिका अमृता पाठक फिल्म निर्माता कुमार मंगत पाठक की बेटी हैं. अनिल देवगन आखिर बार, फिल्म सन ऑफ़ सरदार के क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में नज़र आये.

Tuesday 22 September 2020

नहीं रहे बांड फिल्म मूनरेकर के माइकल लोन्सडेल

एंग्लो फ्रेंच मूल के एक्टर माइकल लोन्सडेल का ८९ साल की आयु में देहांत हो गया।  माइकल नेजेम्स बांड फिल्म मूनऱेकर में एक पागल वैज्ञानिक ह्यूगो ड्रक्स की भूमिका की थी, जो पहले पूरी  दुनिया को जहर देकर मार  डालना चाहता है और फिर अपने ग्रह से दुनिया को आबाद करना चाहता है। इस फिल्म में जेम्स बांड की भूमिका सर रॉजर मूर ने की थी।  रॉजर मूर के लिगेसी अकाउंट पर लोन्सडेल को श्रद्धांजलि देते हुए  लिखा गया, "यह जानकर बेहद दुःख हुआ कि आज माइकल लोन्सडेल का भी देहांत हो गया।  ह्यूगो ड्रक्स के रूप में वह मीठा बोलने वाले और सभ्य दुश्मन थे।" लोन्सडेल का फिल्म करियर साठ साल  लम्बा था। पेरिस में जन्मे, एक ब्रितानी सैनिक और फ्रांको-आयरिश मूल की माँ की संतान लोन्सडेल के फिल्म करियर की शरुआत  फ्रेंच फिल्म इट हैपेंड इन एडेन से हुई थी। उन्होंने इंग्लिश और फ्रेंच फिल्मों में कोई  २०० भूमिकाये की। द डे ऑफ़ जैकाल (१९७३)  में उनकी डिप्टी कमिश्नर क्लॉड लेबल की भूमिका की काफी सराहना हुई।  उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में रोनिन और म्युनिख उल्लेखनीय थी।

Friday 11 September 2020

डायना रिग: इकलौती बांड गर्ल जिसकी जेम्स बांड से शादी हुई !

टीवी सीरीज द एवेंजरस में एमा पील और गेम ऑफ़ थ्रोंस में ओलेंना टायरेल की भूमिका करने वाली अभिनेत्री डेम डायना रिग का ८२ साल की उम्र में देहांत हो गया. २० जुलाई १९३८ को आज के साउथ यॉर्कशायर में जन्मी रिग ने छठी जेम्स बांड फिल्म ऑन हर मेजेस्टीज सीक्रेट सर्विस में जेम्स बांड गर्ल काउंटेस ट्रेसी डी विसेन्जो की भूमिका की थी. रिग इकलौती ऎसी बांड गर्ल थी, जिसके स्क्रीन के जेम्स बांड से शादी हुई थी. फिल्म ऑन हर मेजेस्टीज सीक्रेट सर्विस में ब्रितानी जासूस जेम्स बांड की भूमिका जॉर्ज लाज़ेबी ने की थी. स्टेज से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाली डायना ने अ मिडसमर नाईटस ड्रीम, द ग्रेट मपेट केपर, ईविल अंडर द सन, आदि जैसी कई मशहूर सीरीज और फिल्मों में अभिनय किया. वह अपनी मृत्यु से पहले लास्ट नाईट इन सोहो में मिसेज कॉलिंस की भूमिका कर रही थी.

Saturday 29 August 2020

कैंसर से हार गए वाकांडा के सम्राट चैडविक बोसमैन

मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की पहली एकल अश्वेत सुपरहीरो फिल्म ब्लैक पैंथर में काल्पनिक राज्य वाकांडा के सम्राट टीछल्ला/ ब्लैक पैंथर की भूमिका करने वाले अभिनेता चैडविक बोसमैन का २८ अगस्त को निधन हो गया। वह पिछले चार सालों से बड़ी आंत के कैंसर से पीड़ित थे। भारतीय फिल्म दर्शक, चैडविक बोसमैन को सुपर हीरो फिल्म ब्लैक पैंथर के ब्लैक पैंथर के रूप में ज्यादा पहचानते हैं। लेकिन, एंडरसन साउथ कैरोलिना में २९ नवम्बर १९७६ को जन्मे बोसमैन का अभिनय की दुनिया में प्रवेश टेलीविज़न सीरियल थर्ड वाच (२०१३) से हुआ था। उन्होंने बहुत से वास्तविक जीवन के चरित्रों को परदे पर किया था। इनमे फिल्म ४२ में जैकी रॉबिंसन, गेट ऑन अप में जेम्स ब्राउन और मार्शल में थुरगूड  मार्शल की भूमिका की थी। बोसमैन की दूसरी उल्लेखनीय फिल्मों में २१ ब्रिजेज और इसी साल रिलीज़ डा ५ ब्लड्स थी। वह चार साल से कैंसर की तीसरी स्टेज पर थे। कैंसर से लड़ते हुए, उन्होंने चौथी स्टेज का सफ़र भी तय कर लिया। उनका अंत निकट था। इसके बावजूद वह सक्रिय रहे। उन्होंने, अपनी कैंसर की पीड़ा झेलते हुए मार्शल से लेकर डा ५ ब्लड्स तक ब्लैक पैंथर, एवेंजरस: इनिनिटी वॉर, एवेंजरस एन्डगेम और २१ ब्रिजेज में बेहतरीन अभिनय किया। उनकी फिल्म मा रेनेज ब्लैक बॉटम उनकी मृत्यु के बाद रिलीज़ होगी।  बोसमैन ने सिर्फ ४३ साल की उम्र में खुद को अभिनय की दुनिया में अमर कर दिया। उन्हें श्रद्धांजलि। 

Monday 10 August 2020

कुली के रहीम चचा युनुस परवेज़

 

फिल्म दीवार में, युनुस परवेज़ अपनी ख़ास शैली में अमिताभ बच्चन के कुली से कहते हैं, 'पच्चीस बरस हो गये हमें यहाँ काम करते। हमने नहीं देखा कोई कुली उन्हें हफ़्ता देने से इनकार कर दे।' इस पर अमिताभ बच्चन तालियों वाला जवाब देते हैं, "रहीम चाचा, जो पच्चीस बरस में नहीं हुआ वो अब होगा।अगले हफ़्ते एक और कुली इन मवालियों को पैसा देने से इनकार करने वाला है।" इसके बाद, एक इतिहास बन गया था. दीवार के रहीम चाचा युनुस परवेज़ का फिल्म करियर १९६३ में रिलीज़ फिल्म कण कण में भगवान् से शुरू हुआ था.उन्होंने ४०० के करीब फिल्मों में सह भूमिकाये की थी. उनकी संवाद बोलने की खास शैली थी. जिसे लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया. उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में त्रिशूल, मिस्टर इंडिया, शान, गोलमाल, देश द्रोही, द बर्निंग ट्रेन, ज्वालामुखी, कालिया, आदि उल्लेखनीय हैं. वह रेडियो सीरीज इंस्पेक्टर ईगल में हवालदार नाइक की आवाज़ में पसंदीदा थे. उनका जन्म मिर्ज़ापुर में १० अगस्त १९३६ को हुआ था. उनकी मृत्यु ११ फरवरी २००७ को मुंबई में हुई थी.

Thursday 6 August 2020

ये रिश्ते हैं प्यार के एक्टर समीर शर्मा ने की आत्म-हत्या !

समीर शर्मा 

मुंबई से दुखद खबरों और मौतों की खबरें आने का सिलसिला जारी है. आजकल स्टार प्लस पर दिखाए जा रहे शो ये रिश्ते हैं प्यार के में शौर्य महेश्वरी की भूमिका करने वाले ४४ साल के एक्टर समीर शर्मा ने अपने मलाड स्थित घर में फ़ासी लगा कर आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या का कारण अभी पता नहीं चला है. पुलिस का अनुमान है कि समीर ने दो तीन दिन पहले आत्महत्या की होगी. क्योंकि, उनकी लाश से बदबू आनी शुरू हो गई थी.  दिल्ली के रहने वाले समीर शर्मा ने एडवरटाइजिंग कंपनी में काम करते हुए अभिनय की ओर रुख किया. उनका पहला शो दिल क्या चाहता है था. इस शो में नितिन की भूमिका करने के बाद उन्हें कहानी घर घर की में कृष्ण अगरवाल की भूमिका करने का मौक़ा मिला. क्योंकि सास भी कभी बहु थी में वह तुषार की भूमिका में थे. टेलीविज़न इंडस्ट्री के लिए यह बड़ा झटका है. उन्हें श्रद्धांजलि.