भारतीय टेलीविज़न के दर्शकों के लिए एफएक्स चैनल कई मिनी सीरीज लेकर आ रहा है। इस कड़ी में १७ अगस्त से एक साइकोलॉजिकल क्राइम सीरीज लूथर प्रसारित होने जा रही है। भारतीय दर्शकों को इस कड़ी में अपराध के खतरनाक मोड़ और रहस्य के आकर्षक घुमाव नज़र आएंगे। इस सीरीज की हर कड़ी की कहानी दर्शकों को जकड़ने और रोमांचित करने वाली है। इस सीरीज में जॉन लूथर की मुख्य भूमिका एचबीओ की सीरीज 'द वायर' में ड्रग माफिया का किरदार करने वाले इदरीस एल्बा कर रहे हैं। लूथर एक ऐसा जीनियस डिटेक्टिव है, जो अपराधियों को क्रूर हत्यारे की मार भी सकता है और इमोशनल भी है। इस सीरीज में लूथर एक के बाद एक पेचीदे मामलों को सुलझाएगा। लूथर को अपराधियों का शिकार भी करना है और खुद को शिकारी बनाने से रोकना भी है। डिटेक्टिव जॉन लूथर की भूमिका के लिए इदरीस एल्बा गोल्डन ग्लोब में बेस्ट एक्टर का अवार्ड जीत चुके है। इदरीस एल्बा टेलीविज़न सीरीज के अलावा थॉर और मंडेला: लॉन्ग वाक टू फ्रीडम में अभिनय कर चुके हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 13 August 2015
इंडियन ऑडियंस के लिए 'लूथर'
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'द लास्ट विच हंटर' के कॉल्डर विन डीजल
कॉल्डर, वह जांबाज़ योद्धा, जिसने चुड़ैलों की रानी के संसार पर हमला बोल दिया था। ताकि, दुनिया को बचाया जा सके। कॉल्डर चुड़ैलों की रानी को तो पछाड़ देता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव से उसे अमरता का अभिशाप मिलता है। अब वह जीवन के पार अपनी पत्नी और बेटी से नहीं मिल सकता। इस जटिल भूमिका को परदे पर विन डीजल कर रहे हैं। विन डीजल को इस प्रकार की फिल्मों में महारत हासिल है। द लास्ट विच हंटर में विन डीजल के कॉल्डर को न्यूयॉर्क सिटी को पुनः जीवित हो उठी चुड़ैल के फैलाये जा रहे प्लेग से बचाना है। कॉल्डर को इसे रोकने के लिए चुड़ैल के काल्पनिक संसार में लौटना है। उसके इस मिशन में उसके साथ एलिजाह वुड, रोज लेस्ली और माइकल कैन साथ हैं। विन डीजल की एक्शन और फंतासी फिल्मों के शौक़ीन दर्शको के लिए यह फिल्म तोहफा है। इस फिल्म में जलती तलवार का एक्शन और लपलपाती तलवार वाली गोथिक फंतासी के मिश्रण के साथ रोमांस भी है। इस फिल्म का निर्देशन ब्रेट आइजनर कर रहे हैं। 'द लास्ट विच हंटर' २३ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।
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Hollywood
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वेलकम बैक की स्टारकास्ट ने की बिना रिहर्सल किया गाने की शूट
किसी भी मल्टीस्टारर फिल्म में एक्टर्स को एक साथ लाना उनसे डेट निकलवाना और उन्हें एक साथ डायरेक्ट करना बहुत ही मुश्किल काम है, लेकिन डायरेक्टर अनीज़ बज़्मी यह हुनर बखूबी है , अनीज़ अपनी आगामी फिल्म वेलकम बैक है जिसमे नज़र आएंगे नाना पाटेकर, जॉन अब्राहम, अनिल कपुर, नसीरुद्दीन शाह नज़र आएंगे। अनीज़ फिल्म के लिए एक सोंग शूट करना चाहते पर सारे स्टार को एक साथ इकठ्ठा करना इतना भी आसान नहीं था उनके लिए, पर जैसे तैसे कर के उन्होंने सारे आर्टिस्ट से सोंग शूट के लिए डेट ले ही ली , और बिना किसी रिहर्सल सभी ने इस गाने को शूट किया।
अनीज़ ने जब इन सितारों को गाने के लिए संपर्क करना चाहा तब ये सितारे अपने दूसरे कमिटमेंट में बिज़ी थे, अनीज़ इन सितारों के डेट्स एक साथ नही मिल पा रहे थे, इसीलिए उन्होंने ने इस सितारों से अनुरोध किया की इस गाने के लिए समय दे और बिना रिहर्सल शूट करे.
अनीज़ बज़्मी का कहना है की "मेरे लिए बहुत ही मुश्किल था इन सितारों से सामान डेट मिल पाना, पर जैसे ही मुझे एक सामान डेट दी मैंने उनसे अनुरोध किया की बिना रिहर्सल ही इस गाने की शूट करे, ये सितारे न ही सिर्फ अच्छे डांसर्स है बल्कि ये लोग स्क्रीन पर भी बहुत अच्छे लग रहे है।
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शूटिंग/लोकेशन
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सोनू सूद करेंगे दारा सिंह की बायोपिक
सोनू सूद बोलीवूड में अपनी अभिनय क्षमता को मना चुके है , साथ ही वे साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी तमिल , तेलगु और कन्नड़ फिल्म्स कर चुके है। पंजाब के एक फिल्म मेकर ने एक स्क्रिप्ट लिखी है जो की भारतीय पहलवान और अभिनेता दारा सिंह पर है और उस मेकर ने अभिनेता सोनू सूद को इस फिल्म के लिए अप्प्रोच किया है।
अगर सूत्रों की माने तो सोनू यह फिल्म पिछले हफ्ते ही ऑफर हुई है और यह फिल्म साल के अंत तक फ्लोर पर जायेगी।
सूत्रों का कहना है " सोनू इस फिल्म में दिलचस्पी रखते है , और मेकर्स चाहते है सोनू स्क्रिप्ट पढ़े और जल्द ही इस पर काम शुरू हो। सोनू को अगर यह स्क्रिप्ट पसंद आई तो वे जल्द ही फाइनल कॉल करेंगे।
सोनू कहते है " हा मुझे इस फिल्म के लिए प्रस्ताव मिला है जो की दारा सिंह की बायोपिक फिल्म है। में स्क्रिप्ट पढूंगा और जल्द ही इस पर सही निर्णय लूंगा।
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हस्तियां
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लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में फिल्म ३१ अक्टूबर ने बटोरी वाहवाही
फिल्म 31st ऑक्टोबर की स्टारकास्ट सोहा अली खान, वीरदास , फिल्म के राइटर प्रोडूसर सचदेव और डायरेक्टर शिवाजी लोटन पाटिल इन दिनों लंदन फिल्म फेस्टिवल के लिए लंदन में मौजूद है और गर्व को बात यह की इस फिल्म को वहां पर बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है, लोग इस फिल्म की जमकर तारीफ कर रहे हैं
यह फिल्म ३१ अक्टूबर १९८४ की जब दो सिख बॉडीगुर्द ने मिलकर इंदिरा गांधी की हत्या कर दिया था जिसने पूरा पोलिटिकल सेनारिओ को ही हिलाकर रख दिया और जिसकी वजह से लोगो का नजरिया एक विशेष समुदाय के लिए पूरी तरह से बदल गया . वास्तविक जीवन पर आधारित इस फिल्म माध्यम से लोगो को तांत्रिक चालाकियों के और उस दिन दिल्ली के लोगो ने क्या देखा यह दर्शाया है, इस फिल्म को लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल स्क्रिीनिंग के लिए चुना गया.
फिल्म की अच्छी प्रतिक्रिया के बाद अभिनेता वीर दास का कहना है की " वहां पर मेरा अनुभव बहुत ही बेहतरीन रहा, समारोह में लोगो से बातचीत के दौरान मैंने लोगो को बताया की मैं इस तरह के समारोह में जल्दी हिस्सा नहीं लेता लेकिन ३१ अक्टूबर एक ऐसी फिल्म है जिसे लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल जैसे प्लेटफार्म पर दिखाना फिल्म के लिए ज़रूरी है, यह फिल्म एक साधारण परिवार की कहानी है , यह कहानी है की किस तरह आप अपने परिवार को बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं
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फिल्म फेस्टिवल
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फिल्म 'ज़ुबान' का फर्स्ट लुक
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Poster
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पंद्रह साल बाद मनोज बाजपाई के साथ रवीना टंडन
भारतीय स्वतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रवीना टंडन और मनोज बाजपाई एक साथ। एक साथ अक्स और शूल जैसी फ़िल्में कर चुकी मनोज बाजपाई और रवीना टंडन की जोड़ी पूरे १४ साल बाद नज़र आएगी। इस जोड़ी ने जागो, एलओसी कारगिल और घात फिल्मों में भी साथ काम किया। ज़ाहिर है कि १४ साल बाद मनोज और रवीना का एक लघु फिल्म 'जय हिन्द' के लिए यह मिलन काफी उत्तेजना से भरा हुआ था । स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज़ादी का महत्त्व बताने वाली इस फिल्म की शूटिंग दक्षिण मुंबई में हुई। इस जोड़ी ने फिल्म की शूटिंग दो दिन में पूरी कर डाली। प्रतिभावान मनोज बाजपाई और रवीना टंडन का एक साथ आना सनसनीखेज होता है। इन दोनों ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत रखे हैं। रवीना टंडन ने २००२ में रिलीज़ फिल्म दमन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत रखा है । जबकि, मनोज बाजपाई ने पहले १९९९ में रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेता का तथा उसके बाद २००४ में पिंजर के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड जीता है। चौदह साल बाद रवीना टंडन के साथ फिर शूटिंग करने को लेकर मनोज बाजपाई कहते हैं, "रवीना मेरी अच्छी दोस्त है। हम दोनों की पिछली फिल्म दो दशक पहले शूट हुई थी। लेकिन, मेरे और रवीना के बीच कम्फर्ट वही बना हुआ है। इस फिल्म का मैसेज बहुत स्ट्रांग है। मुझे उम्मीद है कि पब्लिक इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।"
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हस्तियां
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देसी टैलेंट के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच
डिजिटल प्रसारण नेटवर्क/मल्टी चैनल नेटवर्क 'क्युकी' की स्थापना शेखर कपूर, समीर बंगारा और एआर रहमान द्वारा की गई है। रचनाकारों]की रचनाओं के वीडियो यूट्यूब और अन्य नेटवर्क पर वितरित करने और बौद्धिक सम्पदा स्थायी बनाने के उद्देश्य से रचनाकारों के साथ काम करता है। इसके तहत मशहूर संगीतकार और मल्टीचैनल नेटवर्क 'क्युकी' के सह-संस्थापक ए.आर. रहमान ने अपने नए बैंड नफ़्स के पहले म्यूजिक वीडियो का शुभारंभ किया । रहमान द्वारा संस्थापित और गठित इस बैंड ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिहाज़ से एक मौलिक पहल की है । एकपेल्ला शैली से प्रभावित और एक अलग धड़कते मुखर लय और सजीव धीमी स्वर लहरी को समेटे यह बैंड वास्तव में भविष्य की आवाज़ है। डलास क्वायर के पुरुस्कार विजेता संगीतकार, अरेंजर और संचालक अर्जुन चंडी को नई प्रतिभाओं की प्रतिभा को मांजने और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए ख़ास तौर पर बुलाया गया है। अपने बैंड पर ए आर रहमान टिप्पणी करते हुए कहते हैं,"नफ़्स का अंतिम लक्ष्य खुशियां बांटना है। यह भारत और विदेशों में अपने दर्शकों के लिए एक विज़ुअल ट्रीट होगा।"
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गीत संगीत
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Tuesday, 11 August 2015
मिशन इम्पॉसिबल की इंडियन बॉक्स ऑफिस पर धूम
भारतीय बॉक्स ऑफिस पर ४२ करोड़ का वीकेंड बना कर टॉम क्रूज़ की एक्शन फिल्म 'मिशन: इम्पॉसिबल- रोग नेशन' पैरामाउंट पिक्चर्स के लिए इस क्षेत्र में सबसे अच्छी ओपनिंग लेने वाली फिल्म बन चुकी है। रोग नेशन टॉम क्रूज़ की मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की पांचवी फिल्म है। अभी तक इस सीरीज की किसी फिल्म ने इससे अच्छा बिज़नेस नहीं किया है। मिशन : इम्पॉसिबल सीरीज की फिल्म घोस्ट प्रोटोकॉल ने २०११ में ३० करोड़ ८३ लाख का बिज़नेस किया था। इस लिहाज़ से २००६ में रिलीज़ फिल्म 'मिशन : इम्पॉसिबल ३' ने ३ करोड़ ४२ लाख का मामूली कलेक्शन किया था। हालाँकि, १० साल पहले हॉलीवुड की फिल्मों का भारत में इतना क्रेज नहीं था। यही कारण है कि हिंदुस्तान में हॉलीवुड फिल्मों के माहौल को बनाने के लिए खुद टॉम क्रूज़ भारत आये थे। अलबत्ता, मिशन : इम्पॉसिबल रोग नेशन का सीरीज की फिल्मों द्वारा भारतीय दर्शकों में इतनी जल्दी पकड़ बना लेना दिलचस्प है। यही कारण है कि रोग नेशन उर्फ़ दुष्ट राष्ट्र का यह कलेक्शन किसी हॉलीवुड फिल्म के इंडिया कलेक्शन के लिहाज़ से चौथा सबसे बड़ा कलेक्शन है। हॉलीवुड की जिन तीन फिल्मों फ़ास्ट एंड फुरियस ७, अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रान और जुरैसिक वर्ल्ड ने रोग नेशन से ज़्यादा कलेक्शन किया है, वह सभी इसी साल रिलीज़ हुई हैं। मिशन : इम्पॉसिबल रोग नेशन भारत में एक हज़ार स्क्रीन में तमिल तेलुगु और हिंदी में रिलीज़ हुई है ।
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बॉक्स ऑफिस पर
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"मेरे साईं राम" का म्यूजिक रिलीज किया
पिछले दिनों, विख्यात निर्माता टी पी अग्रवाल एवं के सी बोकाडिया ने फिल्म "मेरे साईं राम" का म्यूजिक एल्बम रिलीज़ किया। उक्त अवसर पर अन्य मेहमानो में निर्माता व संपादक कुमार मोहन, नृत्य निर्देशक पप्पू खन्ना, कलाकार सुरेन्द्र पल, बिग बॉस के एजाज खान, सुधीर दलवी, लाइफलाइन एजेंसी के शब्बीर भाई के आलावा फिल्म की पूरी यूनिट व मीडिया के लोग उपस्तिथ थे। फिल्म के निर्माता हैं, सुजीत घोष व अरुंधति घोष, निर्देशन नवीन जोशी का है, संगीत शकील अहमद, गीत सुजीत घोष व हेमंत भट्ट, गायक घनी मुहम्मद, सुजाता पटवा व मदन शुक्ल हैं, फिल्म की मार्केटिंग स्क्रीन शॉट मीडिया एवं एंटरटेनमेंट ग्रुप ने किया है, ऑडियो 'रेड एंड येलो' ने रिलीज़ किया है। इस फिल्म के प्रस्तुतकर्ता एस आर जी फिल्म्स एंड वीडियो हैं। फिल्म को अपने अभिनय से सुधीर दलवी, मुकुल नाग और स्मिता डोंगरे ने सजाया है।
यह फिल्म साईबाबा की अन्य पिछली फिल्मो की तरह उनके जीवन पर आधारित न होकर एक भक्त और साईबाबा की कहानी है, इस फिल्म में साईबाबा के आदर्श और उनके द्वारा दी गयी शिक्षा पर आधारित है।
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गीत संगीत
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कोलकाता की 'मांझी'
फिल्म निर्माता निर्देशक केतन मेहता ने अपनी फिल्म 'माझी : द माउंटेन मैन' के प्रमोशन का अजब आईडिया ईज़ाद किया है। वह आजकल अपनी मांझी-टीम को लेकर शहर घूम रहे हैं और उस शहर माँझियों यानि उन हस्तियों को जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी बिना साहस खोये ऐसा काम क्या, जिसने उन्हें समाज में अमर कर दिया। मांझी द माउंटेन मैन की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो पहाड़ काट कर रास्ता बनाता है। फिल्म में नाज़ुद्दीन सिद्दीकी मांझी की भूमिका में हैं। सुभाषिनी मिस्त्री एक ऐसा नाम है, जिसे कलकत्ता में मांझी के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में मांझी द माउंटेन मेन की टीम प्रमोशन के लिए कोलकत्ता पहुंची। टीम ने सुभाषिनी मिस्त्री से मुलाकात की। इस दौरान सुभाषिनी ने मांझी के टीम से बाते की। बातचीत में मालूम हुआ कि सुभाषिनी जिंदगी में बहुत कष्ट से आगे आयी है। २३ साल की उम्र में उनका पति का साथ छूट गया। क्यूंकि वह अपने पति के इलाज का खरचा उठा न सकी। पति के जाने के बावजूद उन्होंने मूड कर नहीं देखा। बच्चो के पालन पोषण के लिए उन्होंने सब्जियां बेचीं तथा घरो में बर्तन तक माँझे । कुछ सालो बाद उन्होंने एक बीघा जमीन खरीदी और उस पर एक अस्पताल बनाया।इस हॉस्पिटल में गरीब से गरीब लोगो का मुफ्त इलाज़ किया जाता है। अब सुभाषिनी के दो अस्पताल है। एक अस्पताल में उनका एक बेटा खुद डॉक्टर है। यहाँ तक पहुंच ने के लिए सुभाषिनी ने ४७ साल कड़ी मेहनत की है। वह अब तक़रीबन ७० साल की है और समाज सेवा से जुडी हुई है। पश्चिम बंगाल सरकार उन्हें अपना गौरव मानती है।
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ये ल्लों !!!
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अक्षय कुमार हुए दंग देख कर ९० किलो की पगड़ी
अभी अक्षय कुमार की २ अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' का सांग वीडियो जारी हुआ है। 'तुंग तुंग बाजे' गीत में पंजाबी तड़का लाने के लिए भांगड़ा और गिद्दा के पुरस्कार सम्मानित कलाकारों को लिया गया है। इस गीत की शूटिंग पंजाब के कई शहरों में की गई है। इस शूटिंग के दौरान अक्षय कुमार एक निहंग के संपर्क में आये, जिसने ९० किलो की पगड़ी पहन रखी थी । अक्षय कुमार ९० किलों की पगड़ी पहने निहंग को देख कर दंग रह गए। इसे देखने के बाद यह तय पाया गया कि इस गीत में पगड़ी वाले निहंग को ख़ास दिखाया जाये। प्रीतम चक्रवर्ती के संगीत निर्देशन में 'तुंग तुंग बाजे' गीत को युवा पंजाब के दिलों की धड़कन दिलजीत दोसांझ ने गया है। 'द लायन ऑफ़ पंजाब', 'जट्ट और जूलियट' और सरदारजी जैसी हिट फिल्मों के एक्टर और गायक दिलजीत दोसांझ का फिल्म 'उड़ता पंजाब' से बॉलीवुड डेब्यू हो रहा है। इस फिल्म में दिलजीत करीना कपूर के अपोजिट हैं।
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ये ल्लों !!!
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स्वरुप संपत की वापसी
फिल्म और टीवी एक्ट्रेस स्वरुप संपत की पूरे १४ साल बाद वापसी होने जा रही है। वह करीना कपूर और अर्जुन कपूर की आर बाल्की निर्देशित फिल्म 'की एंड का' में करीना कपूर की मॉड शॉड मदर की भूमिका से वापसी कर रही हैं। १९७९ की मिस इंडिया स्वरुप संपत १९८४ में प्रसारित शफी इनामदार के साथ दीदी जीजा और साले के दिलचस्प कॉमेडी सीरियल 'यह जो हैं ज़िन्दगी' की रेनू से घर घर में मशहूर हो गई थी । हालाँकि, इससे पहले वह हृषिकेश मुख़र्जी की कॉमेडी फिल्म 'नरम गरम' में अपने फिल्म करियर की शुरुआत कर चुकी थी। इस फिल्म में स्वरुप के नायक अमोल पालेकर थे। स्वरुप संपत की कुछ मशहूर फिल्मों में 'नाखुदा', 'तुम्हारे बिना', 'सवाल', 'बहु की आवाज़', आदि हैं। एक्टर परेश रावल के साथ शादी करने के बाद अपने परिवार पर ध्यान लगाने के लिए, 'साथिया' फिल्म की २००२ में रिलीज़ के बाद स्वरुप संपत ने फिल्म और टीवी को अलविदा कह दी। अब वह एक बार फिर बड़े परदे पर दस्तक दे रही हैं, तो स्वरुप संपत के प्रशंसकों का खुश होना लाजिमी है। फिल्म में ट्वेंटीज के दो बच्चों की ५७ साल की माँ स्वरुप संपत ३५ साल की करीना कपूर की माँ बन रही हैं। इस फिल्म के स्वरुप संपत में तमाम सीन करीना और अर्जुन के साथ ही हैं। स्वरुप संपत कहती हैं, "मुझे इन दोनों के साथ काम करके बड़ा मज़ा आया।"
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अब जॉन अब्राहम भी बने गायक !
अभी, सितम्बर में रिलीज़ होने जा रही सूरज पंचोली और आत्या शेट्टी की डेब्यू फिल्म 'हीरो' के टाइटल सांग के सलमान खान द्वारा गाये जाने की चर्चा हो ही रही थी कि अब एक दूसरे अभिनेता के गायक बनने की खबर आ गई है। अब अभिनेता जॉन अब्राहम भी गायक बन गए हैं। जहाँ 'हीरो' सलमान खान के बैनर की फिल्म है। वहीँ, जॉन अब्राहम अपनी अभिनीत फिल्म 'वेलकम बैक' में एक ख़ास गीत गा रहे हैं। जॉन अब्राहम यह एक पूरा गीत खुद अपने लिए ही गा रहे हैं। जॉन अब्राहम पर फिल्माए गए इस गीत के बोल 'टाइम लगाये कायको, अरे बन जा मेरी बाइको' हैं। जहाँ सलमान खान का गया फिल्म हीरो का गीत एक रोमांस गीत है, जो फिल्म के रोमांटिक जोड़े पर फिल्माया गया है, वहीँ जॉन का गीत एक टपोरी टाइप गीत है। इस गीत को आमिर खान के गाये फिल्म गुलाम के 'आती क्या खंडाला' और शाहरुख़ खान के फिल्म 'जोश' के 'अपुन बोला तू मेरी लैला' गीत की तरह का गीत है। इस गीत की धुन संगीतकार अनु मालिक ने तैयार की है। इस गीत में जॉन अब्राहम के साथ अनु मालिक की बेटी अनमोल मालिक ने आवाज़ दी है। जॉन अब्राहम यह गीत अनिल कपूर और नाना पाटेकर की परदे की बहन श्रुति हासन को पटाने के लिए गाते हैं । निर्माता सलमान खान की फिल्म हीरो और अभिनेता जॉन अब्राहम की फिल्म 'वेलकम बैक' का बहुचर्चित टकराव टल चूका है, लेकिन, इसके बावजूद बतौर गायक इन दोनों का टकराव देखना दिलचस्प होगा। निर्देशक अनीस बज़्मी, जो सलमान खान के साथ 'नो एंट्री' और 'रेडी' जैसी हिट फ़िल्में बना चुके हैं और 'नो एंट्री में एंट्री' बनाने जा रहे हैं, सलमान खान के अपोजिट जॉन अब्राहम के इस गीत को जल्द से जल्द आकाशीय चैनलों से प्रसारित करना चाहते हैं।
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Monday, 10 August 2015
विनय पाठक प्रधान मंत्री के लिए नेहरू जैकेट बना रहे हैं
इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अभिनेता विनय पाठक प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी को एक नेहरू जैकेट भेंट स्वरुप भेज रहे हैं जो उन्होंने खुद अपने हाथों से तैयार की है, और यह कला विनय ने स्वतन्त्रता सैनानी गौर हरी दास से सीखी है, जिनका किरदार वह फ़िल्म 'गौर हरी दास्ताँ -द फ्रीडम फ़ाइल' में निभा रहे हैं । विनय ने बताया कि गौर हरी दास जी ने यह कला पूर्व प्रधानमन्त्री मोरारजी देसाई जी को भी सिखाई थी । विनय ने भी किरदार की तयारी के लिए गौर हरी दास जैसे ही इस कला में दक्ष होने के लिए विधिवत ट्रेनिंग ली है, और फ़िल्म के दृश्यों की रेहेरसल्स के दौरान ही कब उन्हें चरखे से प्यार हो गया पता ही नहीं चला और उसी समय उन्होंने निश्चय कर लिया कि वह एक चरखे से बनायीं गयी नेहरू जैकेट प्रधानमन्त्री जी को गौर हरी दास फ़िल्म की पूरी यूनिट की तरफ से ज़रूर भेंट करेंगे । स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या 14 अगस्त को वह इस जैकेट को भेंट करने के लिए वह बेहद उत्सुक है, उसी दिन फ़िल्म गौर हरी दास्ताँ -द फ्रीडम फ़ाइल को भी रिलीज़ किया जायेगा ।
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'सिंह इज़ ब्लिंग' की एक झलक (Photo feature)
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'शानदा'र के कुछ जानदार फोटोज
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तमाशा की रैपअप पार्टी
फिल्म 'तमाशा' पूरी हुई। ९ अगस्त को हुई फिल्म की रैपअप पार्टी में रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण भी कुछ ऐसे शामिल हुए। देखिये कुछ फोटोज -
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जब 'भाइयों' ने वेलकम किया टुटी वेडिंग का !
अनीस बज़्मी की कॉमेडी डॉन ड्रामा फिल्म 'वेलकम बैक' के गाने 'टुटी वेडिंग बोले दी' के वीडियो को टेलीविज़न और सोशल साइट्स पर की सफलता के बाद फिल्म वेलकम बैक के म्यूजिक को जोरशोर से लांच होना ही था। पिछले दिनों फिल्म के तीन मुख्य भाई किरदारों मजनू भाई, उदय भाई और अज्जु भाई यानि अनिल कपूर, नाना पाटेकर और जॉन अब्राहम ने फिल्म के आधा दर्जन से ज़्यादा संगीतकारों द्वारा तैयार संगीत को लांच किया। 'टुटी वेडिंग बोले दी' के संगीतकार मीका सिंह हैं। उन्होंने ही इस गीत को गया भी है और वीडियो में हिस्सा भी लिया है। इस गीत के बारे में फिल्म के निर्देशक अनीस बज़्मी बताते हैं, "मैं कॉंफिडेंट हूँ कि वेलकम बैक का टाइटल सांग २००७ की फिल्म वेलकम के टाइटल सांग की तरह पसंद किया जायेगा सराहा जायेगा। मीका सिंह ने इस एलबम में शानदार काम किया है। यह पूरे एल्बम का श्रेष्ठ गीत है।"
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मी लार्ड ! यह बॉलीवुड कोर्ट रूम ड्रामा है
कोर्ट रूम ड्रामा
कानून (१९६०) से जज्बा (२०१५) तक आ पहुंचा है। नर्गिस से लेकर ऐश्वर्या राय बच्चन
तक और राजेंद्र कुमार से लेकर अरशद वारसी तक, न जाने कितने एक्टर्स ने काला कोट
पहन कर रूपहले परदे पर ड्रामा फैलाया है। कभी हिंदी फिल्मो का क्लाइमेक्स हुआ करता था कोर्ट
रूम ड्रामा। सस्पेंस और थ्रिलर फिल्मों की जान रहा है कोर्ट रूम ड्रामा। कभी यह
ड्रामा पूरी फिल्म में फैला नज़र आता है। इसी साल रिलीज़ हिंदी मराठी कोर्ट रूम
ड्रामा फिल्म ‘कोर्ट’ को बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल फिल्म अवार्ड मिला है। अब
दर्शकों की तमाम निगाहें संजय गुप्ता की फिल्म ‘जज्बा’ पर लगी हुई हैं, जिससे
ऐश्वर्या राय बच्चन एक वकील के किरदार में फिल्मों में अपनी वापसी कर रही हैं।
फिल्म के टाइटल में अदालत
और कानून!
कोर्ट रूम ड्रामा
आँखों के सामने ले आता है निचली अदालत या हाई कोर्ट की बिल्डिंग, काले कोट पहने
घूमते लोग, अदालत का कमरा, ऊंची डायस पर बैठा जज, दांये कटघरे पर खडा मुज़रिम और
काले कोट में सजे एक दूसरे पर चिल्लाते वकील। कभी पूरी फिल्म या फिल्म के आखिरी कुछ
मिनटों में यह दृश्य ड्रामेबाजी के नाटकीय आयाम स्थापित करता था। कोर्ट रूम
ड्रामा की यह झलक हिंदी फिल्मों के शीर्षकों में भी नज़र आती थी। बॉलीवुड ने अदालत
टाइटल के साथ १९४८, १९५८ और १९७७ में हिंदी फिल्मों का निर्माण किया। अदालत
शीर्षक के साथ आप की अदालत, जनता की अदालत, मेरी अदालत और आखिरी अदालत जैसी फिल्मों का निर्माण हुआ। ए आर कारदार ने १९४३ में शाहू मोदक, महताब और बद्री प्रसाद को लेकर कानून
टाइटल से फिल्म बनाई। कानून शीर्षक वाली बीआर चोपड़ा की राजेंद्र कुमार, अशोक
कुमार और नंदा की फिल्म रहस्य रोमांच के लिहाज़ से मास्टरपीस थी। इस फिल्म
में राजेंद्र कुमार ने पहली बार काला कोट पहन कर अधिवक्ता कैलाश खन्ना की भूमिका
की थी। कानून शीर्षक वाली दो अन्य फ़िल्में १९९४ और २०१४ में रिलीज़ हुई। कानून टाइटल वाली
अमिताभ बच्चन, रजनीकांत और हेमा मालिनी की एक फिल्म अँधा कानून सुपर हिट हुई थी। इसके अलावा आज का अँधा कानून, धरम और कानून, दूसरा कानून, फ़र्ज़ और कानून, गुनाह और
कानून, कहाँ है कानून, कानून अपना अपना, कानून और मुजरिम, कानून का क़र्ज़, कानून की
हथकड़ी, कानून की ज़ंजीर, कानून क्या करेगा, कानून मेरी मुट्ठी में, कायदा कानून,
कुदरत का कानून, नया कानून, कानून कानून है, मेरा कानून, आदि कानून शीर्षक वाली
दर्जनों फ़िल्में रिलीज़ हुई। इनमे कुछ फ्लॉप हुई तो कुछ का कोर्ट रूम ड्रामा हिट
भी हो गया।
अदालत और कानून नहीं
तो क्या हुआ....!
ज़रूरी नहीं कि टाइटल
में अदालत या कानून का इस्तेमाल हो। लेकिन, इनमे कोर्ट रूम ड्रामा था।साठ और सत्तर के दशक तक तो अदालत, कानून और
कोर्ट रूम फिल्मों की ज़रूरी डिश हुआ करती थी। यह फ़िल्में किसी हॉलीवुड या विदेशी
फिल्मों का रीमेक हुआ करती थी। मसलन, विक्रम भट्ट की लिसा हेडन और आफताब
शिवदासानी अभिनीत फिल्म कसूर हॉलीवुड फिल्म जैग्ड एज की रीमेक थी। अजय देवगन और अक्षय
खन्ना की फिल्म दीवानगी हॉलीवुड फिल्म प्राइमल फियर का रीमेक थी। समर खान की
कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म शौर्य मोटा मोटी अ फ्यू गुड मेन पर आधारित थी। इसके अलावा
निर्देशक सुहैल तातारी की फिल्म अंकुर अरोरा मर्डर केस और राजकुमार राव की हंसल
मेहता निर्देशित फिल्म शाहिद उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। कुछ ऐसी फ़िल्में भी हैं, जिनके
कोर्ट रूम ड्रामा ने फिल्मों को हिट बना दिया।
ऐतराज (२००४)- अब्बास
मस्तान ने हॉलीवुड फिल्म डिस्क्लोजर का भारतीयकरण कर अक्षय कुमार, करीना कपूर और
प्रियंका चोपड़ा की फिल्म ऐतराज़ बना दिया। इस फिल्म में अन्नू कपूर और करीना कपूर
ने काला कोट पहन कर कोर्ट रूम में भरपूर ड्रामा किया था। वकील करीना कपूर अपने
ऑनस्क्रीन पति अक्षय कुमार को बलात्कार के आरोप से बरी करवाती हैं।
नो वन किल्ड जेसिका
(२०११)- जेसिका लाल मर्डर केस पर राजकुमार गुप्ता की नो वन किल्ड जेसिका में
दिखाया गया था कि किस प्रकार से वकीलों द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जाती है। इस फिल्म में विद्या बालन और रानी मुख़र्जी की मुख्य भूमिका थी।
ओएमजी- ओह माय गॉड
(२०१२)- गुजराती नाटक पर इस फिल्म का फॉर्मेट बड़ा दिलचस्प था। एक वकील अपनी दूकान
का मुआवजा लेने के लिए ईश्वर, अल्लाह और क्राइस्ट को प्रतिवादी बनाता है। अक्षय
कुमार और परेश रावल के उत्कृष्ट अभिनय और उमेश शुक्ल के निर्देशन ने फिल्म को हिट
बना दिया। फिल्म के कोर्ट रूम में दिलचस्प पैरवी का ड्रामा था।
जॉली एलएलबी (२०१३)-
सुभाष कपूर की यह फिल्म एक असफल वकील अरशद वारसी के माध्यम से अदालतों की स्थिति
पर व्यंग्य करती थी। किस प्रकार से नामचीन वकील अदालत को प्रभावित करने की कोशिश
करते हैं, इसका चित्रण भी फिल्म में हुआ था। फिल्म में अरशद वारसी और बोमन ईरानी
के बीच का कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म की जान था।
एक रुका हुआ फैसला
(१९८६)- निर्देशक बासु चटर्जी ने रंजित कपूर के साथ अमेरिकन फिल्म १२ एंग्री मेन
(१९५७) को एक रुका हुआ फैसला बना दिया था। पंकज कपूर, दीपक काजीर, अमिताभ श्रीवास्तव, एस एम् ज़हीर, एम् के रैना, के के रैना, आदि की जूरी की भूमिका वाली
फिल्म ‘एक रुका हुआ फैसला’ में जूरी के बारह सदस्यों को बंद कमरे में एक आदमी
द्वारा अपने बूढ़े पिता की हत्या पर बहस करके फैसला लेना है। केवल एक कमरे में
फिल्माई गई यह फिल्म उत्कृष्ट लेखन का नमूना है।
मोहन जोशी हाज़िर हों
(१९८४)- सईद अख्तर मिर्ज़ा की फिल्म ‘मोहन जोशी हाज़िर हो’ मोहन के किरदार से न्याय
व्यवस्था की खामियों और सुस्तियों को व्यंग्यात्मक ढंग से उजागर करती थी। नेशनल
फिल्म अवार्ड विजेता इस फिल्म में दसियों साल तक मुकदमे चलते रहने, वकीलों और
अदालत का क्रमचारियों की मिली भगत से अपराधियों के छूट जाने को दर्शाया गया था। फिल्म में मोहन जोशी की भूमिका में भीष्म सहनी ने मार्मिक अभिनय किया था। वकील
बने नसीरुद्दीन शाह और सतीश शाह की कुटिलता देखने योग्य थी।
वकीलों के किरदार
में सुपर स्टार
जब हिंदी फिल्मों के
कोर्ट रूम ड्रामा का इतिहास पुराना है तो ज़ाहिर है कि वकील किरदार भी उतने ही
पुराने रहे होंगे। इन काले कोट वाले किरदारों को तमाम सुपर स्टार्स ने किया। इनकी अदायगी के कारण उनकी फिल्मों के कोर्ट रूम सीन्स जानदार बन गए। हिंदी
फिल्मों के सदाबहार हीरो अशोक कुमार ने कई फिल्मों में वकील किरदार किये। उनके
अभिनय से सजी वकील किरदार वाली फिल्मों में धूल का फूल, पूजा के फूल, ममता, धुंध,
आदि उल्लेखनीय थी। अनिल कपूर ने चॉकलेट, ठिकाना, मेरी जंग और युद्ध में वकील
किरदार किये थे। मेरी जंग में उनका अदालत में ज़हर पीकर एक मुजरिम को निर्दोष
साबित करने का सनसनीखेज था। अमिताभ बच्चन ने महान और ज़मानत में काला कोट पहना। शत्रुघ्न सिन्हा के दोस्ताना और विश्वनाथ के वकील किरदार सुपर हिट हुए. उन्होंने फिल्म जुल्मों सितम, इंसानियत के दुश्मन, आमिर आदमी गरीब आदमी और परवाना
में भी वकील किरदार किये। फिल्म जंगबाज़ में राजकुमार ने वकील की भूमिका की थी। फिल्म का किरदार उनकी रियल लाइफ की तरह हेलीकाप्टर से अदालत आता था। वकील
किरदार करने वाले अन्य सुपर स्टारों में विनोद खन्ना (मुकद्दर का सिकंदर, कैद और
पहचान), सुनील दत्त (वक़्त), सनी देओल (दामिनीं और योद्धा), ऋषि कपूर (कारोबार),
मिथुन चक्रवर्ती (हत्यारा), गोविंदा(क्योंकि, मैं झूठ नहीं बोलता), अभिषेक बच्चन
(फिर मिलेंगे), संजीव कुमार (लाखों की बात और खुद्दार), दिलीप कुमार (किला),
राजेंद्र कुमार (कानून और साजन की सहेली), सलमान खान (निश्चय) ने भी वकील किरदार
किये थे। सुपर स्टारों में आमिर खान और शाहरुख़ खान ने अभी तक काला कोट नहीं पहना है।
नर्गिस से ऐश्वर्या राय तक
कदाचित नर्गिस ने सबसे पहले फिल्म आवारा में काला कोट पहन कर फिल्मों
में वकील नायिका का आगाज़ किया। ममता में सुचित्रा सेन भी वकील बनी थी, जो अपनी
माँ की मार्मिक वकालत करती थी। इसके अलावा हेमा मालिनी (दर्द और कुदरत का कानून),
करीना कपूर (ऐतराज़), लिसा रे (कसूर), रवीना टंडन (पहचान), डिंपल कपाडिया (ज़ख़्मी
शेर), वहीदा रहमान (अल्लाहरखा) और लारा दत्ता (बर्दाश्त) ने भी वकील किरदार किये। अब ऐश्वर्या राय बच्चन फिल्म 'जज़्बा' में वकील का किरदार कर रही हैं।
चरित्र अभिनेता बने वकील
कुछ चरित्र अभिनेताओं के किये वकील किरदार मुख्य किरदारों पर भारी पड़े। चरित्र
अभिनेता इफ्तिखान की फिल्म नज़राना, दोस्ताना, मैं तेरे लिए, खट्टा मीठा, सफ़र,
अपराधी कौन, आदि फिल्मों में वकील किरदार उल्लेखनीय थे। इसके अलावा प्राण (मिट्टी और सोना तथा गुमनाम), केएन सिंह (मेरा साया), सदाशिव अमरापुरकर (रिश्ते और सबसे बड़ा खिलाड़ी‑), मदनपुरी (इत्तेफाक), कादर
खान (खुदगर्ज और जस्टिस चौधरी), गोगा
कपूर (आज की औरत,
अंजाने रिश्ते और शहंशाह), डैनी डेन्ग्ज़ोप्पा (ढाल, अधिकार, जीवन, जख्मी
शेर और आखिरी संघर्ष), गुलशन ग्रोवर (बवंडर) अमजद
खान (चमेली की शादी), अनुपम खेर (सत्यमेव जयते, एतबार, जिद्दी, गर्व और जख्मी शेर), किरण
कुमार (नजर के सामने, मोक्ष और क्योंकि मै झूठ
नहीं बोलता), परेश रावल (एतराज और अकेले हम
अकेले तुम), अमरीश पुरी (मेरी जंग, हलचल और दामिनी), शक्ति
(कपूर पाप की आंधी), मोहन जोशी (लाल बादशाह
और क्रोध) के वकील किरदार भी यादगार हैं।
हास्य अभिनेता भी
पीछे नहीं
कई हास्य अभिनेताओं
ने वकील किरदार में अपनी छाप छोडी। असरानी (ये
तेरा घर ये मेरा घर और प्रियतमा), केस्टो
मुखर्जी (आप के दीवाने), उत्पल दत्त (हनीमून), जानी लीवर (हद कर दी आपने), पेटल (किरायेदार), असित
सेन (मंझली दीदी),
देवन वर्मा (सुर संगम), राकेश बेदी (सुनो ससुरजी) तथा (वादा), आईएस जौहर (प्रियतमा और अप्रैल फूल) के वकील किरदार दर्शकों
को आज भी याद हैं।
अमर
अमर फिल्म में दिलीप
कुमार और मधुबाला वकील बने हैं। एक प्रवास के दौरान दिलीप कुमार गाँव की एक लड़की
निम्मी से शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं। इन संबंधों के फलस्वरूप निम्मी माँ बन जाती
है। लेकिन, वह बच्चे के बाप का
नाम किसी को नहीं बताती। जयंत गाँव का गुंडा है, जिसे वकील मधुबाला सज़ा करवाती है। जेल से छूट कर
जयंत गाँव जाता है। जब उसे बच्चे के बारे में मालूम होता है, तब वह निम्मी से बच्चे के
पिता का नाम पूंछता है। मामला कोर्ट तक पहुंचता है। तमाम नाटकीय बहस के बाद दिलीप
कुमार अपना जुर्म क़ुबूल करता है। लेकिन, वह नापसंदगी की शादी को उम्रकैद की सज़ा मानते हुए, तीन साल की सज़ा भुगतना मंज़ूर करता है। यह कथानक
महबूब की फिल्म अमर का है।
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फिल्म पुराण
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