विदेशी भाषा की फिल्मों की श्रेणी में ईरानी फिल्म द सेल्समैन ने ऑस्कर जीता। इस फिल्म के निर्देशक असगर फरहाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ईरान सहित सात देशों के नागरिकों के अमेरिका प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाने के विरोध में ऑस्कर समारोह में शामिल न होने का फैसला किया था। उसी समय यह तय सा हो गया था कि द सेल्समैन बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म का ऑस्कर जीतेगी। असगर की नामौजूदगी में उनका बयान पढ़ा गया। जिसमे असगर ने अमेरिकी सरकार द्वारा उनके देश (ईरान) का अपमान करने के लिए अमेरिका न आने का उल्लेख किया था। असगर का यह दूसरा ऑस्कर था। वह २०१२ में भी फिल्म द सेपरेशन के लिए ऑस्कर जीत चुके हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 27 February 2017
द सेल्समैन का डायरेक्टर नहीं पहुंचा ऑस्कर लेने
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Oscar Awards
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 26 February 2017
हॉलीवुड अभिनेता बिल पैक्सटन का निधन
हॉलीवुड फिल्मों और टीवी सीरीज के अभिनेता बिल पैक्सटन का आज निधन हो गया। हाल ही में उनकी सर्जरी हुई थी। उसमे कुछ गड़बड़ी के कारण उनका निधन हो गया। बिल ने अपना करियर हॉलीवुड फिल्मों में आर्ट डिपार्टमेंट से शुरू किया था। इसके बाद वह चालीस साल तक बतौर अभिनेता और फिल्म निर्माता छाये रहे। उनकी यादगार फिल्मों में एलियन (१९८६), अपोलो १३ (१९९५), ट्विस्टर (१९९६) और टाइटैनिक (१९९७) थी। एचबीओ पर ड्रामा सीरीज बिग लव के पाँचों सीजन (२००६ से २०११) में अभिनय किया। ऐतिहासिक मिनी सीरीज हैटफ़ील्ड्स एंड मकॉय (२०१२) उन्हें एमी नॉमिनेशन भी मिला। उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में एज ऑफ़ टुमारो, नाईटक्रॉलर, द कॉलोनी वर्टीकल लिमिट के नाम शामिल हैं। उन्होंने कुल ९७ फिल्मों एवं टीवी सीरीज में अभिनय किया। २८ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही विज्ञानं फंतासी सीरीज द सर्किल में बिल ने एमा वाटसन के पिता की भूमिका की है। मृत्यु के समय वह ६१ साल के थे। श्रद्धांजलि।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 25 February 2017
फिल्म पत्रकारों की फ़िल्में
बॉलीवुड
फिल्मों की आलोचना करना फिल्म समीक्षकों का पसंदीदा काम है। किसी फिल्म की इतना निर्मम तरीके से बखिया उधेड़ते हैं कि फिल्मकार और फिल्म से जुड़े
लोग तिलमिला उठते हैं। कई ऐसे उदाहरण हैं, जिनमे फिल्म वालों ने पत्रकारों को उनकी आलोचना
के एवज में नहीं बख्शा। यह तब हो रहा है,
जब कई
फिल्मकारों ने अपने करियर की शुरुआत बतौर पत्रकार की। ऐसे जब हिंदी फिल्मों की
बखिया उधेड़ने वाले पत्रकार फिल्म बनाने पर उतरते हैं, तो फिल्मकार भी
पत्रकार बन जाते हैं। ऐसे पत्रकारों
के बारे में जानना दिलचस्प होगा।
पहला
फिल्म पत्रकार/संपादक - बाबूराव पटेल
बाबूराव
पटेल ऐसे पहले फिल्म लेखक, संपादक थे, जिन्होंने पहली
फिल्म पत्रिका फ़िल्म इंडिया (१९३५ से प्रकाशित) की स्थापना की और संपादन
किया। उनकी मैगज़ीन का प्रश्न उत्तर का
स्तम्भ दिलचस्प हुआ करता था, जिसमे वह प्रश्न और उत्तरों के द्वारा फिल्म
वालों की बखिया उधेड़ा करते थे। उनके इस
स्तम्भ की चर्चा टाइम मैगज़ीन ने ३ नवम्बर १९४१ के अंक में उदाहरण सहित की थी। इसे देखे कर ही मशहूर अंग्रेजी
फिल्म मासिक फिल्मफेयर ने भी प्रश्न उत्तर का एक
कॉलम शुरू किया। शुरुआत में पाठकों
के सवालों के जवाब जीनियस अभिनेता आई एस जौहर दिया करते थे। आजकल शत्रुघ्न सिन्हा
इसका संचालन कर रहे हैं।बाबूराव पटेल ने तत्कालीन फिल्मकारों, फिल्म कलाकारों और
उनकी फिल्मों की ऎसी तीखी आलोचना की कि यह लोग तिलमिला उठते थे। एक ऎसी ही टिपण्णी
पढ़ कर उस समय की बड़ी एक्ट्रेस शांता आप्टे ने उनके चैम्बर में ही उनकी पिटाई कर दी
थी। बाबूराव ने सति महानंदा, महारानी, बाला जोबन, परदेसी सैयां,
द्रौपदी और
ग्वालन जैसी फिल्मों का निर्देशन किया।
बीआर
चोपड़ा
लुधियाना
में जन्मे बीआर चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत १९४४ में लाहौर से प्रकाशित होने
वाली मासिक पत्रिका सिने हेराल्ड के पत्रकार के बतौर की थी। १९४७ में वह आई एस जौहर की कहानी पर फिल्म
चांदनी चौक का निर्माण कर रहे थे कि देश का बंटवारा हो गया और वह दिल्ली और फिर
बॉम्बे आ गए। उनकी बतौर निर्देशक पहली
करवट फ्लॉप हुई थी। लेकिन, अगली ही फिल्म
अफसाना से वह स्थापित हो गए। इस फिल्म में
अशोक कुमार की दोहरी भूमिका थी। बाद में
१९५४ में चोपड़ा ने चांदनी चौक का निर्माण मीना कुमारी के साथ किया।
खालिद
मोहम्मद
फिल्मफेयर
मैगज़ीन के प्रधान संपादक रहे खालिद मोहम्मद फिल्मों की समीक्षा करते समय कोई कसर
नहीं छोड़ा करते थे। उनकी समीक्षा फिल्म
दर्शकों को काफी पसंद आती थी, लेकिन फिल्मकार इसे पसंद नहीं करते थे। खालिद
मोहम्मद ने बहुत कम फिल्मों को फाइव स्टार
रेटिंग दी। इनमे सत्या और स्लमडॉग
मिलियनेयर शामिल है। वह मशहूर अभिनेत्री
ज़ुबैदा बेगम के बेटे थे। उन्होंने अपनी माँ पर ही श्याम बेनेगल के लिए २००१ में
रिलीज़ फिल्म ज़ुबैदा की स्क्रिप्ट लिखी थी।
खालिद मोहम्मद द्वारा निर्देशित पहली हिंदी फिल्म फ़िज़ा थी। हृथिक रोशन, करिश्मा कपूर और जया
बच्चन अभिनीत एक आतंकवादी पर फिल्म फ़िज़ा को उनके साथी समीक्षकों ने काफी सराहा,
लेकिन
दर्शकों को फिल्म उतनी पसंद नहीं आई।
खालिद सुभाष घई की फिल्मों को बुरी तरह से खारिज़ किया करते थे। इसीलिए, जब खालिद की फिल्म फ़िज़ा रिलीज़ हुई और एक अख़बार ने
सुभाष घई से फिल्म की समीक्षा करने को कहा तो उन्होंने फ़िज़ा को स्केची कैरेक्टराइजेशन,
इनकोहेरेंट
स्क्रिप्ट, स्क्रीची
बैकग्राउंड म्यूजिक वाली फिल्म बताया।
खालिद मोहमद ने फ़िज़ा के अलावा तारीख, तहज़ीब और सिलसिले
फिल्मों का भी निर्देशन किया।
मृणाल
सेन भी थे पत्रकार
किसी
पत्रकार या समीक्षक का फिल्म निर्देशन
करना, कोई
नया नशा नहीं। बाबूराव पटेल उदहारण हैं कि
वह पत्रकारिता करते करते फिल्म निर्देशन भी करने लगे। उनकी फ़िल्में अच्छा बिज़नस भी कर गई। बीआर चोपड़ा जैसे कई उदाहरण हैं, जिनमे पत्रकार या
फिल्म समीक्षक निर्देशन के क्षेत्र में उतरे।
मृणाल सेन ने फिल्म निर्देशन से
पहले फ्रीलान्स जॉर्नलिस्ट के बतौर काम किया था।
उन्होंने १९५६ में बांग्ला फिल्म रात भोरे से बतौर निर्देशक अपने करियर की
शुरुआत की। डिअर सिनेमा डॉट कॉम के फाउंडर-एडिटर बिकास मिश्र ने फिल्म चौरंगा
(२०१४) का निर्देशन किया था। स्क्रीन और टीवी एंड वीडियो वर्ल्ड के संपादक
संजीत नार्वेकर ने कई लघु फ़िल्में बनाई हैं
और मराठी और हिंदी फ़िल्में लिखी हैं। फिल्म पब्लिसिटी करने वाले हरीश शर्मा
और इरफ़ान शमी भी फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में उतरे हैं। इरफ़ान सांसी भाषा में बनाने वाले दुनिया की
पहली फिल्म का निर्देशन करेंगे।
कम
बजट की फ़िल्में ज्यादा पत्रकार निर्देशक
कम
बजट की फिल्मों के प्रति फिल्म निर्माताओं और संस्थाओं का रुझान बढ़ा है। जहाँ यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शन्स,
बालाजी फिल्म,
मुक्ता
आर्ट्स, आदि
बड़े बैनर भी अपनी सब्सिडियरी यूनिट्स के
जारी काम बजट की फ़िल्में बना रहे हैं। कुछ
एक्टर भी अपने बैनर के ज़रिये कम बजट की
फ़िल्में बना रहे हैं। इन फिल्मों के कारण
नये नए निर्देशकों की राह आसान हुई है।
यही कारण है कि काफी पत्रकार निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमा रहे
हैं। मुम्बई मिरर के लिए फिल्म रिव्यु
करने वाले करण अंशुमान की फिल्म बंगिस्तान चर्चित हुई। न्यूज़ वीडियो मैगज़ीन न्यूजट्रैक और मुम्बई
मिरर के पत्रकार मिन्टी तेजपाल ने टीवी मूवी काम का प्लाट, फिल्म समीक्षक राजा
सेन ने एक्स- द फिल्म, द
हिन्दू के सुधीश कामथ ने द फोर लेटर वर्ड, गुड नाईट गुड मॉर्निंग और एक्स- पास्ट इस
प्रेजेंट, द
टेलीग्राफ के बॉलीवुड फिल्म समीक्षक प्रतिम डी गुप्ता ने बांग्ला रोमांस फिल्म
पांच अध्याय, प्रिंट
टेलीविज़न और इन्टरनेट जॉर्नलिस्ट महेश नायर ने एक्सीडेंट ऑन हिल रोड, ज़ी न्यूज़ स्टार
न्यूज़ और इंडिया टुडे न्यूज़ के पत्रकार विनोद कापड़ी ने मिस टनकपुर हो बना कर खुद
का नाम पत्रकार से फिल्म निर्देशक बनी हस्तियों में शामिल करवा लिया है। लेकिन इस सबसे ज़्यादा सफल रहे पोलिटिकल
जॉर्नलिस्ट सुभाष कपूर। सुभाष की फ्लॉप
शुरुआत फिल्म से सलाम इंडिया से हुई थी।
लेकिन जॉली एलएलबी ने उन्हें स्थापित कर दिया। उनकी अक्षय कुमार के साथ जॉली एलएलबी का सीक्वल
अगले सीक्वल रिलीज़ होगा।
महिला
पत्रकार भी पीछे नहीं
साई
परांजपे आल इंडिया रेडियो में काम कराती थी।
उन्होंने स्पर्श, चश्मेबद्दूर और कथा जैसी फिल्मों का निर्देशन
किया। बांग्ला और हिंदी फिल्मों की
अभिनेत्री अपर्णा सेन १९८६ से २००५ तक बांग्ला पाक्षिक सानंद की संपादक थी। संघर्ष की डायरेक्टर तनूजा चंद्र ने १९९३- ९४
में प्लस चैनल के लिए काम किया था। खुद की
पहचान बतौर एक्ट्रेस स्थापित की थी। भावना
तलवार एशियन एज में फिल्म, थिएटर और फैशन देखा कराती थी। फिर एक एड कंपनी में काम करने लगी।
२००७ में धर्म फिल्म का निर्देशन किया।
पंकज कपूर और सुप्रिया पाठक की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म की कहानी एक
ब्राह्मण द्वारा एक मुसलमान लडके को पालने की कहानी थी, जिसकी ज़िन्दगी में
उस समय भूचाल आ जाता है, जब चलता
है कि वह बच्चा वास्तव में मुस्लमान है। इस
फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में राष्ट्रीय एकीकरण की फिल्म का नर्गिस
दत्त अवार्ड मिला था। पीपली लाइव फिल्म में मीडिया की ब्रेकिंग न्यूज़ की भेड़चाल का
चित्रण करने वाली निर्देशक अनुषा रिज़वी खुद भी एनडी टीवी इंडिया में जॉर्नलिस्ट
थी।
पत्रकारों
के फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में उतरने से ख़ास तौर पर बॉलीवुड फिल्मों को नई
दृष्टि मिली है। यहीं कारण है कि आतंकवाद
और राजनीतिक भ्रष्टाचार पर तीखी टिप्पणियां करने वाली फ़िल्में देखने को मिल जाती
हैं। सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी
अदालतों की दशा पर तीखा व्यंग्य करती
हैं। लेकिन न्यायपालिका पर दोष नहीं
लगाती। सोचिये अगर बीआर चोपड़ा पत्रकार की नज़र न रखते तो नया दौर साधना, कानून, गुमराह, पति पत्नी और वह,
आज की आवाज़,
निकाह,
आदि समाज के
हर वर्ग पर नज़र रखने वाली फ़िल्में देखने को नहीं मिलती।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दुनिया की मर्द और औरतों के ख़्वाबों में कौन हैं हॉलीवुड हस्तियां
दुनिया में खब्तियों का कोई जवाब नहीं। दूसरे मर्द या दूसरी औरत के साथ सेक्स करने की इच्छा हर औरत मर्द में नज़र आती है। जब मैक्सिम मैगज़ीन ने दुनिया के छह हजार लोगों के बीच सर्वे किया कि वह किस हॉलीवुड हस्ती के साथ अपना बिस्तर गर्म करना चाहते या चाहती हैं तो हर कोई उतावला दिखा इन हस्तियों के साथ सोने की कल्पना करने के लिए। उनके इस उतावलेपन का परिणाम था कि टेलीविज़न सेलिब्रिटी ३६ साल की किम कार्दशियन सबसे आगे थी। २००३ में अपने पुरुष मित्र के साथ लीक्ड सेक्स टेप से मशहूर हुई किम वर्चुअल वर्ल्ड में अपनी कामुक तस्वीरों के साथ हमेशा गर्म रहती हैं। किम के बाद अमेरिकन फिल्म एक्ट्रेस, मॉडल और गायिका ३२ साल की स्कारलेट जोहानसन मर्दों की पसंद थी। स्कारलेट जोहानसन को आधुनिक हॉलीवुड की सेक्स सिंबल माना जाता है। मिला क्यूनिस (३३ साल) के साथ बिस्तर गर्म करने के इच्छुक पुरुष भी कम नहीं थे । रोमांटिक कॉमेडी फिल्म फॉरगेटिंग सारा मार्शल में रेचल की भूमिका से मशहूर मिला क्यूनिस हॉलीवुड की एक्शन और इमोशनल फिल्मों की पसंदीदा हैं। जहाँ तक महिलाओं का सवाल है उनके ख्यालों में जॉर्ज क्लूनी, जॉनी डेप और डेंजेल वाशिंगटन सबसे ज़्यादा महिलाओं के बिस्तर में व्यस्त हो सकते हैं । जॉर्ज क्लूनी ५५ साल के हैं। इसके बावजूद महिलाओं को उनमे कामुकता नज़र आती है। ओसियन सीरीज की फिल्मों के क्लूनी को २ ऑस्कर अवार्ड मिल चुके हैं। क्लूनी के बाद अमेरिकन एक्टर और पाइरेट्स ऑफ़ द कॅरीबीयन सीरीज की फिल्मों के कैप्टेन जैक स्पैरो जॉनी डेप के साथ महिलाएं बिस्तर गर्म करवाना चाहती थी। जॉनी डेप ५३ साल के हैं। अमेरिका के अश्वेत एक्टर, फिल्म डायरेक्टर और निर्माता डेंजेल वाशिंगटन सबसे ज़्यादा उम्रदराज़ (६२ साल) होने के बावजूद महिलायें उनकी दीवानी हैं। डेंजेल को ग्लोरी और ट्रेनिंग डे के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेता और श्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर मिल चुका है। कृपया लिस्ट भी देखें।
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गर्मागर्म
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घोस्ट मेरा दोस्त यानि बॉलीवुड के भूत
फिल्म निर्माता और
अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी पंजाब के फिल्लौर गाँव की पृष्ठभूमि पर
है। एक एनआरआई लड़का कनन शादी करने के लिए अपने गाँव फिल्लौर आता है। जन्मपत्री से
पता चलता है की वह मांगलिक है। इसलिए जिस लड़की से वह शादी करेगा, उसकी जान को खतरा
है। इसका हल यह निकाला जाता है कि कनन शादी करने से पहले गाँव के एक पेड़ से फेरे
ले। कनन को फेरे लेने पड़ते हैं। लेकिन,उसे नहीं मालूम कि पेड़ में शशि का भूत
रहता है। होता यह है कि फेरे के बाद पेड़ कटवा दिया जाता है। शशि का भूत जहाँ जहां
कनन जाता है, वह प्रेत भी जाता है। इस से बड़ी हास्यास्पद
रोमांटिक स्थिति पैदा हो जाती हैं। फिल्लौरी में शशि के प्रेत की भूमिका अनुष्का
शर्मा कर रही हैं। उनके प्रेमी की भूमिका में दिलजीत दोसांझ हैं।
खून करने वाले दुश्मन
भूत
पुराने जमाने से
हिंदी फिल्मों में भूतों ने ख़ास भूमिका अदा की है। तमाम फ़िल्में इन भूतों या
आत्माओं के इर्दगिर्द घूमी हैं। इसलिए यह
भूत या कहिये आत्माएं भी बॉलीवुड फिल्मों में दो प्रकार की नज़र आती हैं। डरावने और खून से सने चेहरों वाले बेइंतहा खून
खराबा करने वाले भूत, जो किसी वजह से आसपास गुजरने वाले या उनके रहने
की जगह पर पहुँचने वाले लोगों का क़त्ल कर देते हैं। इन भूतों का अंत क्रॉस या हिन्दू देवी देवताओं
के चिन्हों के ज़रिये किया गया। विक्रम भट्ट ने अपनी फिल्म १९२० की आत्मा को हीरो
से हनुमान चालीसा पढ़वा कर मरवाया था। इन
फिल्मों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया
है। ऐसी फ़िल्में बना कर इन के निर्माताओं
ने बॉक्स ऑफिस पर खूब चांदी बटोरी। आम तौर पर मामूली बजट पर बनी इन फिल्मों में
हिंदी फिल्मों के असफल चेहरे या बिलकुल नए चेहरे नज़र आये। ऐसी फिल्मों को दर्जन या
आधा दर्जन अभिनेता अभिनेत्रियों की ज़रुरत होती थी।
दोस्त भूत क्यों ?
खून खराबा करने से अलग भूतों की श्रेणी में आने वाले भूतों की नस्ल भिन्न होती है। यह भूत किसी का खून नहीं करते, इनकी मौजूदगी से दर्शकों में भय पैदा होता है। यह भूत भिन्न कारणों से परदे पर आते हैं। कौन से हैं यह भूत !
जब मदद माँगने आये भूत
घोस्ट दोस्त की
आत्माओं या भूतों को अपना बदला लेने के लिए शरीर की मदद की दरकार होती हैं। ऎसी आत्माये अपने शरीर की हत्या करने वाले लोग या लोगों से बदला लेना चाहती
हैं। इसलिए वह नायक या नायिका से संपर्क करता
है। सीपी दीक्षित की १९८२ में रिलीज़
फिल्म गज़ब में धर्मेन्द्र की दोहरी भूमिका थी। एक धर्मेन्द्र बदसूरत चेहरे वाला था। विलेन द्वारा उसकी हत्या कर दी जाती है। अब गांव में दूसरा धर्मेन्द्र आता है। तब पहले धर्मेन्द्र की आत्मा उसी मदद कर अपनी हत्या का बदला लेती है। अनुराग बासु की फिल्म साया (२००३) में तारा
शर्मा की आत्मा अपने बच्चे के लिए जॉन अब्राहम को सन्देश भेजती है। हॉलीवुड की फिल्म घोस्ट से प्रेरित हो कर
बॉलीवुड ने दो हिंदी फ़िल्में प्यार का साया और माँ बनाई। प्यार का साया में राहुल रॉय और शीबा नायक
नायिका थे, जबकि माँ की स्टार कास्ट में जीतेंद्र और जयाप्रदा जैसे बड़े सितारे
शामिल थे। माँ हिट साबित हुई।
मददगार भूत
अमिताभ बच्चन जब भी
भूत बने, फ्रेंडली घोस्ट यानि मददगार भूत ही बने। फिल्म भूतनाथ भूतनाथ रिटर्न और
अरमान फिल्म में अमिताभ बच्चन मददगार भूत की भूमिका में थे। अरमान में डॉक्टर बने
अमिताभ बच्चन की मौत हो जाती है। मौत के बाद वह अपने बेटे अनिल कपूर को ऑपरेशन में
मदद करते हैं। भूतनाथ में अमिताभ एक बच्चे के मददगार थे तो भूतनाथ रिटर्न में राजनीतिक दलों की चालों का पर्दाफाश करने वाले भूत थे। भूत बने सलमान खान फिल्म हेल्लो ब्रॉदर में अरबाज़ खान के शरीर में
आकर मदद किया करते थे। चमत्कार में
नसीरुद्दीन शाह अपना बदला लेने के साथ साथ क्रिकेट मैच जीतने में शाहरुख़ खान की मदद भी
करते थे। भूत अंकल के जैकी श्रॉफ, वाह ! लाइफ हो तो
ऎसी के शाहिद कपूर और टार्ज़न द वंडर कार के अजय देवगन के भूत भी मददगार भूत
थे।
ये भूत नहीं आत्माएं
हैं
रामगोपाल वर्मा और
विक्रम भट्ट की भयावनी फिल्मों में,
चाहे टाइटल 'भूत' क्यों न रहा हो, आत्माएं भटका करती
थी। रामगोपाल वर्मा की फिल्मों फूँक,
फूँक २, डरना मना है, डरना ज़रूरी है, वास्तुशास्त्र, भूत रिटर्न, आदि फिल्मों में
आत्माएं भटकती और डराती थी। विक्रम भट्ट
की तमाम फिल्मों में पुराने और वीरान विदेशी हवेली में आत्माएं ह्त्या तक कर दिया
करती थी। विक्रम भट्ट निर्देशित फिल्म राज़
की सफलता के बाद भटकती आत्माओं की राज़ सीरीज की फिल्मों का सिलसिला शुरू हो
गया। उनकी अन्य फिल्मों १९२० और १९२० ईविल
रिटर्न, शापित और हॉन्टेड में भटकती आत्माएं दिखाई गई थी। इन फिल्मकारों की भूत फिल्मों में बिपाशा बासु, अजय देवगन और अरबाज़ खान ने भी अभिनय किया।
कहाँ है भूत! न ही
कोई आत्मा !!
हिंदी फिल्म दर्शकों
का भूत या आत्मा से पहला परिचय कमाल अमरोही ने १९४९ में रिलीज़ फिल्म महल से कराया
था। इस फिल्म में अशोक कुमार और मधुबाला
मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में शुरू से
मधुबाला को एक भटकती और आएगा आने वाला आएगा गीत गाने वाली आत्मा बताया गया
था। लेकिन क्लाइमेक्स में यह फिल्म बताती
थी कि वह कोई आत्मा नहीं, वास्तविक महिला थी। बिरेन नाग की फिल्म बीस साल बाद (१९६२), राज खोसला की फिल्म
वह कौन थी ? (१९६४), महमूद की फिल्म भूत बंगला (१९६५) और
प्रियदर्शन की फिल्म भूल भुलैया (२००७) में भी आत्मा का एहसास कराया गया था। लेकिन इन फिल्मों में वास्तव में कोई आत्मा
नहीं थी।
डरावनी फिल्मों के
रामसे
फिल्लौरी एक रोमांस फिल्म है। इसलिए, अनुष्का शर्मा का भूत किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। वह एक फ्रेंडली घोस्ट है। जो सिर्फ अपनी रोमांस कथा दुनिया को बताना चाहता है। ज़ाहिर है कि निर्देशक अंशाई लाल ने अपनी कहानी का भूत एक अच्छा भूत है। हिंदी फिल्मों में काफी ऐसे भूत कहानी के केंद्र में रहे हैं। जहाँ रामसे और भाखरी की फिल्मों में दोयम दर्जे के कलाकारों ने अभिनय किया, वहीँ इन दोस्त घोस्ट वाली फिल्मों को करने मे बॉलीवुड के सुपर स्टार भी नहीं हिचके।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'पद्मावती' नहीं बनेगी मिसेज स्मिथ !
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Deepika Padukone,
खबर है
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
द अकैडमी अवार्ड्स
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में शुमार ऑस्कर अवार्ड्स २६ फरवरी को घोषित किये जायेंगे। श्रेष्ठ फिल्म (बेस्ट पिक्चर) की श्रेणी में ९ फिल्मों के नामों का ऐलान हो चूका है। इनमे से किसी एक को २६ फरवरी के विजेता घोषित किया जायेगा। इसके अलावा अन्य दूसरी श्रेणियों में भी नामांकन का ऐलान किया जा चुका है। आइये जानते हैं कौन कौन सी फिल्म, कौन कौन एक्टर-एक्ट्रेस और एनीमेशन मूवीज ऑस्कर की दौड़ में शामिल हैं -
श्रेष्ठ फिल्म (बेस्ट पिक्चर)- इस श्रेणी में अराइवल, फेंसेज़, हैक्सा रिज, हेल ऒर हाई वॉटर, हिडन फिगर्स, ला ला लैंड, लायन, मेनचेस्टर बय द सी और मूनलाइट जैसी नौ फ़िल्में नामित हैं।
अराइवल-
बारह स्पेसक्राफ्ट रहस्यमय तरीके से पृथ्वी पर उतरते हैं, जिनमे एलियंस हैं। भाषाई प्रोफेसर लुइस बैंक्स को उनकी भाषा समझने लिए तैनात किया जाता है। निर्देशक डेनिस विलेनुवे की इस रहस्य ड्रामा से भरपूर विज्ञान फंतासी फिल्म के निर्माताओं शॉन लेवी, डान लेविन, आरोन रैडर और डेविड लिंडे का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है। अराइवल को सिनेमेटोग्राफी, डायरेक्शन, फिल्म एडिटिंग। प्रोडक्शन डिजाईन, साउंड एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामांकन मिला है।
फेंसेज़-
ट्रॉय मैक्सन पूर्व खिलाड़ी है और अपनी पत्नी रोज और किशोर बेटे कोरी के साथ पिट्सबर्ग में रिटायर लाइफ जी रहा है। उसके मन में बेसबॉल और ज़िन्दगी के प्रति कड़वाहट भरी है। इससे मैक्सन और फुटबॉल के उदीयमान खिलाड़ी कोरी के साथ उसके सम्बन्ध खराब होने लगते हैं। निर्माता स्कॉट रूडिन और फिल्म के निर्देशक और एक्टर डेंजेल वाशिंगटन का बेस्ट एक्टर की श्रेणी में आठंवा ऑस्कर नॉमिनेशन हैं। फिल्म के एक अन्य निर्माता टॉड ब्लैक का यह पहला नामांकन है। यह फिल्म बेस्ट एक्टर, एक्ट्रेस और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित हुई है।
हैक्सा रिज-
निर्देशक मेल गिब्सन की यह फिल्म द्वितीय विश्व युध्द के दौरान अमेरिकन आर्मी के डेस्मंड टी डॉस की कहानी है, जो ओकिनावा के युद्ध में लोगों पर गोलियां चलाने से इनकार कर देता है। इस बायोपिक फिल्म का नायक डेस्मंड पहला सैनिक था, जिसे बिना एक भी गोली चलाये मैडल ऑफ़ हॉनर दिया गया था। फिल्म की निर्माता जोड़ी बिल मैकेनिक और डेविड पेरमुट का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है। इस फिल्म को बेस्ट एक्टर, डायरेक्शन, फिल्म एडिटिंग, साउंड एडिटिंग और साउंड मिक्सिंग की श्रेणी में भी नामांकन मिला है।
हेल ऒर हाई वाटर-
डेविड मैकेंज़ी निर्देशित इस फिल्म में दो भाई टोबी और टेनर वेस्ट अपने खेत बचाने के लिए टेक्सास बैंक लूट लेते हैं। टेक्सास रेंजर मार्कस हैमिलटन के रिटायरमेंट से पहले का यह आखिरी मामला है। वह इस मामले की तह तक पहुंचता ही है कि। ...! निर्माता कार्ला हैकेन और जूली यॉर्न का यह पहला अकादमी नॉमिनेशन है। फिल्म सपोर्टिंग एक्टर, फिल्म एडिटिंग और ओरिजिनल स्क्रीप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित हुई है।
हिडन फिगर्स-
साठ के दशक की शुरुआत में अफ्रीकी-अमेरिकी महिला गणितज्ञों की टीम तमाम बाधाओं के बावजूद नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपना योगदान देती हैं। थिओडोर मेलफी निर्देशित हिडन फिगर्स की निर्माता डोना गिगलिओटी का यह चौथा ऑस्कर नॉमिनेशन है। पीटर चेर्निन और जेन्नो टॉपिंग पहली बार और फैरेल विलियम्स दूसरी बार नामित हुए हैं। फिल्म अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग और सपोर्टिंग एक्ट्रेस की श्रेणी में भी नामित हुई है।
ला ला लैंड-
एक्टर बनने की इच्छुक मिया और जैज़ पियानिस्ट सेबेस्टियन शो बिज़नस में अपना मुकाम बनाने के लिए लॉस एंजेल्स में संघर्ष कर रहे हैं। निराशा के इस दौर में भी वह अपने बीच पैदा प्यार को भी सींचने की कोशिश करते हैं। फिल्म के निर्देशक डेमियन कैज़ेल हैं। निर्माता फ्रेड बर्जर और जॉर्डन होरोविट्ज का यह पहला और मार्क प्लाट का दूसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है। ला ला लैंड बेस्ट एक्टर और एक्ट्रेस, सिनेमेटोग्राफी, कॉस्ट्यूम डिजाईन, डायरेक्शन, एडिटिंग, ओरिजिनल म्यूजिक स्कोर, ओरिजिनल सांग, प्रोडक्शन डिजाईन, साउंड एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग और ओरिजिनल स्क्रीनप्ले राइटिंग सहित १४ श्रेणियों में नामित हुई है।
लायन-
पांच साल का सारू अपने परिवार से बिछुड़ जाता है। बड़े होने पर वह टेक्नोलॉजी के जरिये कलकत्ता में अपने परिवार की खोज करता है। गार्थ डेविस निर्देशित लायन एंजी फील्डर का पहला और एमिल शर्मन और लैन कैनिंग का दूसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है। फिल्म सपोर्टिंग एक्टर और एक्ट्रेस, सिनेमेटोग्राफी, ओरिजिनल स्कोर और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले की श्रेणी में भी नामित है।
मेनचेस्टर बय द सी-
अपने भाई की मौत की खबर पा कर अप्रेंटिस ली शैंडलर अपने गाँव वापस आता है। अब उसे गाँव में अपने अनाथ भतीजे की देखभाल भी करनी है और अपने दुःख को भी काबू रखना है। केनेथ लोनेर्गन निर्देशित इस फिल्म के निर्माता मैट डैमन इससे पहले चार बार - बतौर एक्टर तीन बार और एक बार बतौर लेखक नामित हो चुके हैं। किम्बर्ली स्टीवार्ड, क्रिस मूर, लॉरेन बेक और केविन जे वाल्श का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है। फिल्म बेस्ट एक्टर, सपोर्टिंग एक्टर और एक्ट्रेस, डायरेक्शन और ओरिजिनल स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित है।
मूनलाइट-
एक अश्वेत युवा बचपन से दुनिया में अपना मुकाम बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। फिल्म के निर्देशक बैरी जेनकिन्स है। यह एडेले रोमांसकी का पहला, जेरेमी क्लिनर का चौथा और डेडे गार्डनर का पांचवा नॉमिनेशन है। मूनलाइट सपोर्टिंग एक्टर और एक्ट्रेस, सिनेमेटोग्राफी, डायरेक्शन, एडिटिंग, ओरिजिनल स्कोर और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित है।
श्रेष्ठ अभिनेता (एक्टर इन लीडिंग रोल)- इस श्रेणी में कैसी एफलेक, एंड्रू गारफील्ड, रयान गॉस्लिंग, वैगो मॉर्टेंसन और डेंजेल वाशिंगटन नामित हैं।
कैसी एफलेक-
फिल्म मेनचेस्टर बय द सी में अप्रेंटिस ली शैंडलर के किरदार के लिए नामित होने वाले कैसी २००७ में द असैसिनेशन ऑफ़ जेसे जेम्स के लिए सपोर्टिंग एक्टर की श्रेणी में नामित हो चुके हैं।
एंड्रू गारफील्ड-
हैकसॉ रिज में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लोगों पर गोली चलाने से इनकार करने वाले सैनिक डेस्मंड डॉस की भूमिका के नामित एंड्रू गारफील्ड का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है।
रयान गॉस्लिंग-
जाज जैज़ पियानिस्ट सेबेस्टियन के किरदार के लिए नामित रयान गॉस्लिंग २००६ में हाफ नेल्सन के लिए भी नामित हो चुके हैं।
वैगो मॉर्टेंसन-
कैप्टेन फैंटास्टिक में पैसिफिक नार्थवेस्ट में अपने छह बच्चों का पालन कर रहे बेन की भूमिका के लिए नॉमिनेशन पाने वाले वेगो भी २००७ में ईस्टर्न प्रोमिसेज़ के लिए नामित हो चुके हैं।
डेंजेल वाशिंगटन-
फेंसेज़ में ट्रॉय मैक्सन के किरदार के लिए नॉमिनेशन पाने वाले डेंजेल का यह आठवां ऑस्कर नॉमिनेशन है। वह ट्रेनिंग डे (२००२) और ग्लोरी (१९८९) के लिए ऑस्कर जीत चुके हैं। वह फेंसेज़ के दो नॉमिनेशन के अलावा फ्लाइट (२०१२), द हरिकेन (१९९९), मालकम एक्स (१९९२) और क्राई फ्रीडम (१९८७) के लिए भी नामित हो चुके हैं।
श्रेष्ठ अभिनेत्री (एक्ट्रेस इन लीडिंग रोल)- इस श्रेणी में इसाबेल हुपर्ट, रूथ नेगा नताली पोर्टमैन, एमा स्टोन और मेरील स्ट्रीप जैसी वरिष्ठ अभिनेत्रियां नामित हैं।
इसाबेल हुपर्ट-
एल्ले में बलात्कार के बावजूद मदद के लिए पुलिस के पास नहीं जाने वाली, बल्कि खुद ही अपराधियों का पता लगा कर उन्हें सज़ा देने वाली सफल सीईओ मिशेल का किरदार करने के लिए नामित इसाबेल हुपर्ट का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है।
रूथ नेगा-
फिल्म लविंग के अपने श्वेत पति को पाने के लिए अमेरिकी कानून में बदलाव की लड़ाई लड़ने वाली अफ्रीकन अमेरिकन महिला मिल्ड्रेड का किरदार करने के कारण रूथ नेगा को यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन मिला है।
नताली पोर्टमैन-
फिल्म जैकी में अमेरिका के पहली महिला जैकी केनेडी का किरदार करने के लिए नताली पोर्टमैन का यह तीसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है। इससे पहले वह ब्लैक स्वान (२०१०) और क्लोज़र (२००४) के लिए भी नामित हो चुकी हैं।
एमा स्टोन-
ला ला लैंड की उदीयमान गायिका मिया के किरदार के लिए एमा स्टोन का नामांकन उनका ऑस्कर के लिए दूसरा नामांकन हैं। २०१४ में वह फिल्म बर्डमैन में सपोर्टिंग एक्ट्रेस की श्रेणी में नामित हुई थी।
मेरील स्ट्रीप-
फ्लोरेंस फोस्टर जेनकिन्स में टाइटल रोल करने वाली हॉलीवुड की सबसे वरिष्ठ एक्ट्रेस मेरील स्ट्रीप का यह बीसवां ऑस्कर नॉमिनेशन है। वह इनटू द वुड्स (२०१४), ऑगस्ट: ओसेज काउंटी (२०१३), जूली एंड जूलिया (२००९), डाउट (२००८), द डेविल वेअर्स प्रादा (२००६), अडॉप्टेशन (२००२), म्यूजिक ऑफ़ द हार्ट (१९९९), वन ट्रू थिंग (१९८८), द ब्रिजेज ऑफ़ मैडिसन काउंटी (१९९५), पोस्टकार्ड फ्रॉम द एज (१९९०), अ क्राई इन द डार्क (१९८८), आयरनवीड (१९८७), आउट ऑफ़ अफ्रीका (१९८५), सिल्कवुड (१९८३), द फ्रेंच लैफ्टिनेंटस वुमन (१९८१) और द डियर हंटर (१९७८) के लिए नामित होने के अलावा द आयरन लेडी (२०११), सोफीज़ चॉइस (१९८२)और क्रैमर वर्सेज क्रैमर (१९७९) के लिए ऑस्कर अवार्ड्स जीत चुकी हैं।
श्रेष्ठ फिल्म (बेस्ट पिक्चर)- इस श्रेणी में अराइवल, फेंसेज़, हैक्सा रिज, हेल ऒर हाई वॉटर, हिडन फिगर्स, ला ला लैंड, लायन, मेनचेस्टर बय द सी और मूनलाइट जैसी नौ फ़िल्में नामित हैं।
अराइवल-
बारह स्पेसक्राफ्ट रहस्यमय तरीके से पृथ्वी पर उतरते हैं, जिनमे एलियंस हैं। भाषाई प्रोफेसर लुइस बैंक्स को उनकी भाषा समझने लिए तैनात किया जाता है। निर्देशक डेनिस विलेनुवे की इस रहस्य ड्रामा से भरपूर विज्ञान फंतासी फिल्म के निर्माताओं शॉन लेवी, डान लेविन, आरोन रैडर और डेविड लिंडे का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है। अराइवल को सिनेमेटोग्राफी, डायरेक्शन, फिल्म एडिटिंग। प्रोडक्शन डिजाईन, साउंड एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामांकन मिला है।
फेंसेज़-
ट्रॉय मैक्सन पूर्व खिलाड़ी है और अपनी पत्नी रोज और किशोर बेटे कोरी के साथ पिट्सबर्ग में रिटायर लाइफ जी रहा है। उसके मन में बेसबॉल और ज़िन्दगी के प्रति कड़वाहट भरी है। इससे मैक्सन और फुटबॉल के उदीयमान खिलाड़ी कोरी के साथ उसके सम्बन्ध खराब होने लगते हैं। निर्माता स्कॉट रूडिन और फिल्म के निर्देशक और एक्टर डेंजेल वाशिंगटन का बेस्ट एक्टर की श्रेणी में आठंवा ऑस्कर नॉमिनेशन हैं। फिल्म के एक अन्य निर्माता टॉड ब्लैक का यह पहला नामांकन है। यह फिल्म बेस्ट एक्टर, एक्ट्रेस और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित हुई है।
हैक्सा रिज-
निर्देशक मेल गिब्सन की यह फिल्म द्वितीय विश्व युध्द के दौरान अमेरिकन आर्मी के डेस्मंड टी डॉस की कहानी है, जो ओकिनावा के युद्ध में लोगों पर गोलियां चलाने से इनकार कर देता है। इस बायोपिक फिल्म का नायक डेस्मंड पहला सैनिक था, जिसे बिना एक भी गोली चलाये मैडल ऑफ़ हॉनर दिया गया था। फिल्म की निर्माता जोड़ी बिल मैकेनिक और डेविड पेरमुट का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है। इस फिल्म को बेस्ट एक्टर, डायरेक्शन, फिल्म एडिटिंग, साउंड एडिटिंग और साउंड मिक्सिंग की श्रेणी में भी नामांकन मिला है।
हेल ऒर हाई वाटर-
डेविड मैकेंज़ी निर्देशित इस फिल्म में दो भाई टोबी और टेनर वेस्ट अपने खेत बचाने के लिए टेक्सास बैंक लूट लेते हैं। टेक्सास रेंजर मार्कस हैमिलटन के रिटायरमेंट से पहले का यह आखिरी मामला है। वह इस मामले की तह तक पहुंचता ही है कि। ...! निर्माता कार्ला हैकेन और जूली यॉर्न का यह पहला अकादमी नॉमिनेशन है। फिल्म सपोर्टिंग एक्टर, फिल्म एडिटिंग और ओरिजिनल स्क्रीप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित हुई है।
हिडन फिगर्स-
साठ के दशक की शुरुआत में अफ्रीकी-अमेरिकी महिला गणितज्ञों की टीम तमाम बाधाओं के बावजूद नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपना योगदान देती हैं। थिओडोर मेलफी निर्देशित हिडन फिगर्स की निर्माता डोना गिगलिओटी का यह चौथा ऑस्कर नॉमिनेशन है। पीटर चेर्निन और जेन्नो टॉपिंग पहली बार और फैरेल विलियम्स दूसरी बार नामित हुए हैं। फिल्म अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग और सपोर्टिंग एक्ट्रेस की श्रेणी में भी नामित हुई है।
ला ला लैंड-
एक्टर बनने की इच्छुक मिया और जैज़ पियानिस्ट सेबेस्टियन शो बिज़नस में अपना मुकाम बनाने के लिए लॉस एंजेल्स में संघर्ष कर रहे हैं। निराशा के इस दौर में भी वह अपने बीच पैदा प्यार को भी सींचने की कोशिश करते हैं। फिल्म के निर्देशक डेमियन कैज़ेल हैं। निर्माता फ्रेड बर्जर और जॉर्डन होरोविट्ज का यह पहला और मार्क प्लाट का दूसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है। ला ला लैंड बेस्ट एक्टर और एक्ट्रेस, सिनेमेटोग्राफी, कॉस्ट्यूम डिजाईन, डायरेक्शन, एडिटिंग, ओरिजिनल म्यूजिक स्कोर, ओरिजिनल सांग, प्रोडक्शन डिजाईन, साउंड एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग और ओरिजिनल स्क्रीनप्ले राइटिंग सहित १४ श्रेणियों में नामित हुई है।
लायन-
पांच साल का सारू अपने परिवार से बिछुड़ जाता है। बड़े होने पर वह टेक्नोलॉजी के जरिये कलकत्ता में अपने परिवार की खोज करता है। गार्थ डेविस निर्देशित लायन एंजी फील्डर का पहला और एमिल शर्मन और लैन कैनिंग का दूसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है। फिल्म सपोर्टिंग एक्टर और एक्ट्रेस, सिनेमेटोग्राफी, ओरिजिनल स्कोर और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले की श्रेणी में भी नामित है।
मेनचेस्टर बय द सी-
अपने भाई की मौत की खबर पा कर अप्रेंटिस ली शैंडलर अपने गाँव वापस आता है। अब उसे गाँव में अपने अनाथ भतीजे की देखभाल भी करनी है और अपने दुःख को भी काबू रखना है। केनेथ लोनेर्गन निर्देशित इस फिल्म के निर्माता मैट डैमन इससे पहले चार बार - बतौर एक्टर तीन बार और एक बार बतौर लेखक नामित हो चुके हैं। किम्बर्ली स्टीवार्ड, क्रिस मूर, लॉरेन बेक और केविन जे वाल्श का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है। फिल्म बेस्ट एक्टर, सपोर्टिंग एक्टर और एक्ट्रेस, डायरेक्शन और ओरिजिनल स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित है।
मूनलाइट-
एक अश्वेत युवा बचपन से दुनिया में अपना मुकाम बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। फिल्म के निर्देशक बैरी जेनकिन्स है। यह एडेले रोमांसकी का पहला, जेरेमी क्लिनर का चौथा और डेडे गार्डनर का पांचवा नॉमिनेशन है। मूनलाइट सपोर्टिंग एक्टर और एक्ट्रेस, सिनेमेटोग्राफी, डायरेक्शन, एडिटिंग, ओरिजिनल स्कोर और अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले राइटिंग की श्रेणी में भी नामित है।
श्रेष्ठ अभिनेता (एक्टर इन लीडिंग रोल)- इस श्रेणी में कैसी एफलेक, एंड्रू गारफील्ड, रयान गॉस्लिंग, वैगो मॉर्टेंसन और डेंजेल वाशिंगटन नामित हैं।
कैसी एफलेक-
फिल्म मेनचेस्टर बय द सी में अप्रेंटिस ली शैंडलर के किरदार के लिए नामित होने वाले कैसी २००७ में द असैसिनेशन ऑफ़ जेसे जेम्स के लिए सपोर्टिंग एक्टर की श्रेणी में नामित हो चुके हैं।
एंड्रू गारफील्ड-
हैकसॉ रिज में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लोगों पर गोली चलाने से इनकार करने वाले सैनिक डेस्मंड डॉस की भूमिका के नामित एंड्रू गारफील्ड का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है।
रयान गॉस्लिंग-
जाज जैज़ पियानिस्ट सेबेस्टियन के किरदार के लिए नामित रयान गॉस्लिंग २००६ में हाफ नेल्सन के लिए भी नामित हो चुके हैं।
वैगो मॉर्टेंसन-
कैप्टेन फैंटास्टिक में पैसिफिक नार्थवेस्ट में अपने छह बच्चों का पालन कर रहे बेन की भूमिका के लिए नॉमिनेशन पाने वाले वेगो भी २००७ में ईस्टर्न प्रोमिसेज़ के लिए नामित हो चुके हैं।
डेंजेल वाशिंगटन-
फेंसेज़ में ट्रॉय मैक्सन के किरदार के लिए नॉमिनेशन पाने वाले डेंजेल का यह आठवां ऑस्कर नॉमिनेशन है। वह ट्रेनिंग डे (२००२) और ग्लोरी (१९८९) के लिए ऑस्कर जीत चुके हैं। वह फेंसेज़ के दो नॉमिनेशन के अलावा फ्लाइट (२०१२), द हरिकेन (१९९९), मालकम एक्स (१९९२) और क्राई फ्रीडम (१९८७) के लिए भी नामित हो चुके हैं।
श्रेष्ठ अभिनेत्री (एक्ट्रेस इन लीडिंग रोल)- इस श्रेणी में इसाबेल हुपर्ट, रूथ नेगा नताली पोर्टमैन, एमा स्टोन और मेरील स्ट्रीप जैसी वरिष्ठ अभिनेत्रियां नामित हैं।
इसाबेल हुपर्ट-
एल्ले में बलात्कार के बावजूद मदद के लिए पुलिस के पास नहीं जाने वाली, बल्कि खुद ही अपराधियों का पता लगा कर उन्हें सज़ा देने वाली सफल सीईओ मिशेल का किरदार करने के लिए नामित इसाबेल हुपर्ट का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है।
रूथ नेगा-
फिल्म लविंग के अपने श्वेत पति को पाने के लिए अमेरिकी कानून में बदलाव की लड़ाई लड़ने वाली अफ्रीकन अमेरिकन महिला मिल्ड्रेड का किरदार करने के कारण रूथ नेगा को यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन मिला है।
नताली पोर्टमैन-
फिल्म जैकी में अमेरिका के पहली महिला जैकी केनेडी का किरदार करने के लिए नताली पोर्टमैन का यह तीसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है। इससे पहले वह ब्लैक स्वान (२०१०) और क्लोज़र (२००४) के लिए भी नामित हो चुकी हैं।
एमा स्टोन-
ला ला लैंड की उदीयमान गायिका मिया के किरदार के लिए एमा स्टोन का नामांकन उनका ऑस्कर के लिए दूसरा नामांकन हैं। २०१४ में वह फिल्म बर्डमैन में सपोर्टिंग एक्ट्रेस की श्रेणी में नामित हुई थी।
मेरील स्ट्रीप-
फ्लोरेंस फोस्टर जेनकिन्स में टाइटल रोल करने वाली हॉलीवुड की सबसे वरिष्ठ एक्ट्रेस मेरील स्ट्रीप का यह बीसवां ऑस्कर नॉमिनेशन है। वह इनटू द वुड्स (२०१४), ऑगस्ट: ओसेज काउंटी (२०१३), जूली एंड जूलिया (२००९), डाउट (२००८), द डेविल वेअर्स प्रादा (२००६), अडॉप्टेशन (२००२), म्यूजिक ऑफ़ द हार्ट (१९९९), वन ट्रू थिंग (१९८८), द ब्रिजेज ऑफ़ मैडिसन काउंटी (१९९५), पोस्टकार्ड फ्रॉम द एज (१९९०), अ क्राई इन द डार्क (१९८८), आयरनवीड (१९८७), आउट ऑफ़ अफ्रीका (१९८५), सिल्कवुड (१९८३), द फ्रेंच लैफ्टिनेंटस वुमन (१९८१) और द डियर हंटर (१९७८) के लिए नामित होने के अलावा द आयरन लेडी (२०११), सोफीज़ चॉइस (१९८२)और क्रैमर वर्सेज क्रैमर (१९७९) के लिए ऑस्कर अवार्ड्स जीत चुकी हैं।
एनिमेटेड फीचर फिल्म- इस श्रेणी की एनीमेशन फिल्मों में कुबो एंड द टू स्ट्रिंग्स, मोआना, माय लाइफ ऐज आ ज़ूशीनी, द रेड टर्टल और जूटोपिया के नाम शामिल हैं।
कुबो एंड द टू स्ट्रिंग्स-
युवा कुबो को अपने पिता की तीन चीज़ों की तलाश हैं, जिनसे वह अपनी जादूगरी की ताकत फिर हासिल कर सकता है। फिल्म के निर्माता अरियाने सुटनर पहली बार तथा निर्माता- निर्देशक ट्रेविस नाइट दूसरी बार (पहला नामांकन द बॉक्सट्रॉल्स (२०१४)) ऑस्कर नॉमिनेशन पा रहे हैं। इस फिल्म को विजुअल इफेक्ट्स की श्रेणी में भी नामांकन मिला है।
युवा कुबो को अपने पिता की तीन चीज़ों की तलाश हैं, जिनसे वह अपनी जादूगरी की ताकत फिर हासिल कर सकता है। फिल्म के निर्माता अरियाने सुटनर पहली बार तथा निर्माता- निर्देशक ट्रेविस नाइट दूसरी बार (पहला नामांकन द बॉक्सट्रॉल्स (२०१४)) ऑस्कर नॉमिनेशन पा रहे हैं। इस फिल्म को विजुअल इफेक्ट्स की श्रेणी में भी नामांकन मिला है।
मोआना-
किशोरी मोआना को समुद्र से प्यार है। मगर पिता की हिदायत है कि वह पोलीनेसियन आइलैंड की सीमा से आगे न जाए। लेकिन, जब मोआना के घर को खतरा पैदा होता है तो वह सीमा भी पर करती है और एक डेमी गॉड मोई से मदद भी पाती है। फिल्म के निर्माता ओसनेट शुरुर का पहला तथा निर्देशक जॉन मस्कर का दूसरा और निर्देशक रॉन क्लेमेंट्स का तीसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है।
किशोरी मोआना को समुद्र से प्यार है। मगर पिता की हिदायत है कि वह पोलीनेसियन आइलैंड की सीमा से आगे न जाए। लेकिन, जब मोआना के घर को खतरा पैदा होता है तो वह सीमा भी पर करती है और एक डेमी गॉड मोई से मदद भी पाती है। फिल्म के निर्माता ओसनेट शुरुर का पहला तथा निर्देशक जॉन मस्कर का दूसरा और निर्देशक रॉन क्लेमेंट्स का तीसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है।
माय लाइफ ऐज अ ज़ूशीनी-
शराबी माँ की मौत के बाद ज़ूशीनी अनाथालय में आ जाता हैं, जहां उसके जैसे तमाम बच्चे हैं। वह उन बच्चों से दोस्ती भी करता है और बड़े होकर अपने और सबके भविष्य बनाने की तैयारी भी करता है। निर्माता क्लाड बरास और मैक्स कार्ली का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है।
शराबी माँ की मौत के बाद ज़ूशीनी अनाथालय में आ जाता हैं, जहां उसके जैसे तमाम बच्चे हैं। वह उन बच्चों से दोस्ती भी करता है और बड़े होकर अपने और सबके भविष्य बनाने की तैयारी भी करता है। निर्माता क्लाड बरास और मैक्स कार्ली का यह पहला ऑस्कर नॉमिनेशन है।
द रेड टर्टल-
एक नाविक समुद्र के किनारे वीरान द्वीप में फंस जाता है। वह जितनी बार नाव बना कर समुद्र पर करने की कोशिश करता है, एक बड़ी लहर और विशालकाय लाल कछुआ उसके हर प्रयास असफल कर देते है। फादर एंड डॉटर (२०००) के लिए ऑस्कर जीत चुके माइकल डुडौक डिविट का यह तीसरा नॉमिनेशन है। वह द मोंक एंड द फिश (१९९४) के लिए नामित हो चुके हैं। यह द विंड राइजेज के बाद निर्माता ताशियो सुजुकी का दूसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है।
एक नाविक समुद्र के किनारे वीरान द्वीप में फंस जाता है। वह जितनी बार नाव बना कर समुद्र पर करने की कोशिश करता है, एक बड़ी लहर और विशालकाय लाल कछुआ उसके हर प्रयास असफल कर देते है। फादर एंड डॉटर (२०००) के लिए ऑस्कर जीत चुके माइकल डुडौक डिविट का यह तीसरा नॉमिनेशन है। वह द मोंक एंड द फिश (१९९४) के लिए नामित हो चुके हैं। यह द विंड राइजेज के बाद निर्माता ताशियो सुजुकी का दूसरा ऑस्कर नॉमिनेशन है।
जूटोपिया-
खरगोश जुडी होप्स जूटोपिया में तैनात धोखेबाज़ पुलिस वाला है। वह एक मामले को सुलझाने के दौरान दुष्ट लोमड़ी के संपर्क में आता है। निर्देशक बायरन होवार्ड और रिच मूर का यह दूसरा नामांकन है। इससे पहले बायरन बोल्ट (२००८) और रिच रेक-इट राल्फ (२०१२) के लिए नामित हो चुके हैं। निर्माता क्लार्क स्पेंसर पहली बार ऑस्कर समारोह में मौजूद होंगे। यह फिल्म वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर १ बिलियन डॉलर से अधिक का बिज़नस कर चुकी है।
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Oscar Awards
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 24 February 2017
संपादक की पिटाई करने वाली शांता आप्टे
शांता आप्टे १९१६ में जन्मी थी। वह २४ फरवरी १९६४ को दिल के दौरे का शिकार हो गई। मतलब वह कुल ४८ साल जीवित रही। शांता आप्टे का फिल्म करियर १९३२ में, भालजी पेंढारकर की मराठी फिल्म श्याम सूंदर में राधा की भूमिका से शुरू हुआ था। उनकी पहली हिंदी फिल्म अमृत मंथन (१९३४) थी। उन्होंने १९५८ तक कोई ढाई दर्जन हिंदी मराठी फ़िल्में की। उनकी यादगार फिल्मों में अमृत मंथन, अमर ज्योति, दुनिया न माने, आदि फ़िल्में थी। उनकी यादगार अभिनय वाली फिल्म दुनिया न माने थी, जो एक बूढ़े से साथ कम उम्र की लड़की की शादी पर थी। शांता आप्टे भी बांग्ला फिल्मों की कानन बाला की तरह मराठी फिल्मों की गायिका अभिनेत्री थी। उन्होंने अपनी स्वाभाविक भावभंगिमाओं और नेत्र संचालन से फिल्मों में अभिनय की परिभाषा में भारी बदलाव किया। कुख्यात पर ईमानदार पत्रकार बाबूराव पटेल ने, उन पर इंडिया हैज नो स्टार टाइटल से एक लेख फिल्म इंडिया में छापा थी। शांता आप्टे का फिल्म करियर वी शांताराम की फिल्म कंपनी प्रभात स्टूडियोज से शुरू भी हुआ और फला फूला भी। लेकिन यही शांता इस कंपनी के खिलाफ प्रभात स्टूडियोज के गेट पर भूख हड़ताल पर भी बैठी। तत्कालीन फिल्म इंडिया के संपादक बाबूराव पटेल से पूरी फिल्म इंडस्ट्री घबड़ाया करती थी। वह निर्मम आलोचक थे। बाबूराव के ऐसे ही एक लेख से नाराज़ हो कर शांता आप्टे उनकी पिटाई करने के लिए उनके चैम्बर में जा घुसी। फिल्म दुनिया न माने, प्रभात फिल्म कंपनी के बाहर की फ़िल्में न करने के कॉन्ट्रैक्ट खिलाफ भूख हड़ताल करने और पत्रकार बाबूराव पटेल की पिटान ने शांता आप्टे को स्त्री अधिकारों की समर्थक और बोल्ड अभिनेत्री बना दिया था। शांता आप्टे ने कभी विवाह नहीं किया। लेकिन शांता आप्टे की मौत के दस साल बाद मराठी फिल्मों और रंगमंच की अभिनेत्री नयना आप्टे ने खुद को शांता आप्टे की गुप्त विवाह की देन बताया था । नयना आप्टे ने हृषिकेश मुखेर्जी की दो फिल्मों मिली और चुपके चुपके में छोटी भूमिकाएं की थी।
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Thursday, 23 February 2017
हुमा कुरैशी बनी फेसबुक मुख्यालय में पहुँचाने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री
इन दिनों अपनी फिल्म
वायसराय हाऊस के प्रमोंशन के लिए लंदन गयी, अभिनेत्री हुमा कुरैशी को फेसबुक मुख्यालय व्दारा
विशेष निमंत्रण मिला था। यह निमंत्रण मिलने
के बाद इन दिनों वायसराय हाऊस का लंदन में बडे पैमाने पर प्रमोशन कर रहीं हुमा २२ फरवरी को फेसबुक के मुख्यालय गयी थी। वहाँ जाकर
उन्होंने अपने फिल्म को लेकर काफी चर्चा की। फेसबुक की टीम ने हुमा को अपने
कार्यालय की सफर करवायी। और फिर यहाँ से हुमा ने लाइव चैट भी किया। हुमा कहती हैं,
"मुझे खुशी है कि मैं
वह पहली भारतीय अभिनेत्री हूँ, जिसनें लंदन के फेसबुक के मुख्यालय का दौरा किया हैं। यहाँ का
निमंत्रण मिलना निश्चित ही एक गौरव की बात हैं। यहाँ आकर मुझे जो प्यार और सम्मान
मिला, जिससे मैं काफी खुश
हो गयी हूँ।" जॉली एलएलबी २ की सफलता से इस वक्त हुमा काफी उत्साहित हैं। वह
हाल ही में, लंदन फैशन वीक में
मौजुद थी। टीटम जोन्स शो में मौजुद होने के लिए भी हुमा को इस डिजाइनर जोडी से
आमंत्रण मिला था। यहाँ मौजुद होकर पहले पंक्ति में बैठकर फैशन शो देखने का उन्हें
सम्मान मिला। वायसराय हाऊस
लंदन में ३ मार्च २०१७ को रिलीज होंगीं।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 22 February 2017
लीगो बैटमैन के सामने लीगो निंजागो
एक तरफ, जहाँ वार्नर ब्रदर्स की एनीमेशन एक्शन एडवेंचर फिल्म द लीगो बैटमैन मूवी इस हफ्ते (१० फरवरी को) रिलीज़ हो रही है, ठीक उसी समय सिनेमाघरों में वार्नर एनीमेशन ग्रुप छह निन्जा योद्धाओं पर एनीमेशन फिल्म द लीगो निन्जागो मूवी का ट्रेलर रिलीज़ किया जा रहा था। यह ट्रेलर सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुका है। फिल्म के छह निंजाओं को अपने आइलैंड निन्जागो को बचाना है। फिल्म में सेंसेई वु, कोको, लॉयड, गारमेड़ों, काई, न्या, जेन, जे और कोल के एनीमेशन करैक्टर हैं, जिन्हें जैकी चैन, ओलिविया मान, डेव फ्रांको, जस्टिन थेरॉक्स, माइकल पेना, एब्बी जेकॉब्सन, जॉच वुड्स, कुमैल नानजिआनी और फ्रेड अर्मिसेन ने आवाज़ें दी हैं। सेंसेई वु छह निंजाओं का मास्टर और गुरु है। गारमेड़ों एक ईविल करैक्टर है, जिससे निन्जागो आइलैंड की रक्षा की जानी है। इन निंजाओं के पास वरदान से प्राप्त शक्तियां हैं। इस शक्तियों के सहारे यह निन्जा रात में महान योद्धा बन कर अपनी ताकतवर गाड़ियों के साथ दुश्मनों और राक्षसों पर हमला करते हैं। दिन में वह पढ़ाई से डराने वाले सामान्य से स्कूली छात्र बन जाते हैं । इस फिल्म को तीन डायरेक्टरो चार्ली बीन (ट्रॉन: अपराइजिंग, रोबोटबॉय), पॉल फिशर और बॉब लोगन (मीटबॉल्स ४) ने निर्देशित किया है। द लीगो निन्जागो मूवी २५ सितम्बर को रिलीज़ होगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 20 February 2017
उत्तर प्रदेश के चुनावों में अपनी पार्टी बीजेपी का चुनाव प्रचार करने के बाद लोनावला में अपने पति, पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र के साथ आराम फरमा रही हैं मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी
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फोटो फीचर
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Saturday, 18 February 2017
शैलिने वुडले नहीं बनेंगी टीवी पर डिवेर्जेंट की प्रायर
डिवेर्जेंट सीरीज की तीसरी फिल्म अलीजंट के डोमेस्टि क बॉक्स ऑफिस पर ६६ मिलियन डॉलर के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लायंसगेट ने पिछले साल जुलाई में ऐलान किया था कि वह अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार चौथी फिल्म बनाने के बजाय इसे टीवी मूवी के तौर पर बनाएंगे। इस योजना के अनुसार टेलीविज़न के लिए स्पिन-ऑफ भी बनाया जाना था। लायंसगेट के इस ऐलान ने डिवेर्जेंट सीरीज के एक्टरों को काफी निराश किया था। कुछ ने इसे व्यक्त भी किया था। फिल्म में अबनेगशन यानि सेल्फलेस फक्शन में जन्मी बीट्रिस प्रायर का किरदार करने वाली अभिनेत्री शैलिने वुडले ने यह साफ़ कर दिया है कि वह इस फ्रैंचाइज़ी की टीवी फिल्म में काम करने नहीं जा रही। एक इंटरव्यू में वुडले ने साफ़ कहा, "नहीं, मैं टेलीविज़न के लिए शो का हिस्सा नहीं बनने जा रही।" ज़ाहिर है कि डिवेर्जेंट फ्रैंचाइज़ी का टीवी फॉर्मेट में आना किसी रचनात्मक उद्देश्य से नहीं बल्कि आर्थिक कारणों से लिया गया निर्णय है। दरअसल, डिवेर्जेंट फ्रैंचाइज़ी को कभी भी हंगर गेम्स मूवीज जैसी लोकप्रियता नहीं मिल सकी। ऐसे में तीसरी फिल्म की असफलता ने सीरीज को अपना चेहरा बदलने के लिए मज़बूर कर दिया। लेखिका वेरोनिका रॉथ के उपन्यास पर बनाई गई सीरीज की फिल्मों के लिए बुरी खबर यह थी कि रॉथ ने अपने आखिरी उपन्यास का क्लाइमेक्स काफी लंबा और घटनाओं भरा रखा था। ऐसे क्लाइमेक्स हॉलीवुड फिल्मों के दर्शकों को रास नहीं आते।
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Tuesday, 14 February 2017
अमला अक्केनी की मलयालम फिल्मों में वापसी
दक्षिण में तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों की नायिका अमला अक्केनी लंबे समय बाद मलयालम फिल्म सी/ओ सायरा बानू से वापसी कर रही हैं। उन्होंने १९९१ में दो मलयालम फ़िल्में करने के बाद फिर कोई तीसरी मलयालम फिल्म नहीं की। वह फ़िरोज़ खान की फिल्म दयावान से हिंदी दर्शकों से परिचित हुई। इसके बाद वह कब तक चुप रहूंगी, दोस्त, जुर्रत और शिवा में क्रमशः आदित्य पंचोली, मिथुन चक्रवर्ती, कुमार गौरव और नागार्जुन की नायिका बनी। शिवा के दौरान नागार्जुन से रोमांस के बाद अमला अक्केनी बन गई। २०१३ में फिल्म लिसेन अमाया और २०१५ में हमारी अधूरी कहानी जैसी हिंदी फिल्मों में चरित्र भूमिकाओं में भी वह नज़र आई।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 13 February 2017
टेलीविज़न पर दस शादियां करने वाली सुरभि
टेलीविज़न सीरियलो में किसी करैक्टर से दो- दो, तीन- तीन शादियां करने का सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है। लेकिन, सुरभि ज्योति इस मायने में रिकॉर्ड कायम कर चुकी हैं कि उन्होंने टेलीविज़न के परदे पर एक दो नहीं दस-दस निकाह पढ़े हैं। क्षेत्रीय रंगमंच से हिंदी टेलीविज़न सीरियलो में अपनी पहचान बनाने वाली सुरभि ज्योति जालंधर पंजाब में पैदा हुई हैं। उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया है। २०१० में उन्होंने पंजाबी टेलीविज़न का रुख किया और कुछ सीरियल किये। २०१२ में वह ज़ी टीवी पर मुस्लिम सोशल शो क़ुबूल है से हिंदी दर्शकों में अपनी पहचान बना पाने में सफल हुई। यह सीरियल २०१६ तक प्रसारित हुआ। सुरभि ने कई किरदार किये। इसी शो में सुरभि ने १० निकाह पढ़े थे। यही सुरभि इस समय के स्टार के पॉपुलर शो इश्कबाज़ में मल्लिका कबीर की मेहमान भूमिका में नज़र आई थी । अब उनका एक सुपरनैचुरल थ्रिलर शो 'कोई लौट के आया है' २५ फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इस सीरियल में वह गीतांजलि का मुख्य किरदार करेंगी। हालाँकि यह सीरियल भटकती आत्मा पर केंद्रित है। परंतु, सुरभि ज्योति कहती हैं, "मैं आत्माओं पर विश्वास नहीं करती।" यह सीरियल ५२ कड़ियों में ख़त्म हो जाएगा। उनकी एक वेब सीरीज तनहाइयाँ हॉट स्टार पर १४ फरवरी से देखी जा सकती हैं।
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ये ल्लों !!!
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पहलवान के बाद अंतरिक्ष यात्री बनेंगे आमिर खान
सिद्धार्थ रॉय कपूर से बात बन गई तो अभिनेता आमिर खान, रियल लाइफ करैक्टर महावीर फोगाट को सिल्वर स्क्रीन पर करने के बाद एक अन्य रियल लाइफ करैक्टर अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को भी सेलुलाइड पर उतारेंगे। १९८२ में, इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) और सोवियत इंटरकॉसमॉस के संयुक्त स्पेस कार्यक्रम के तहत इंडियन एयर फाॅर्स के पायलट राकेश शर्मा अंतरिक्ष में भेजे गए थे । तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के साथ बातचीत के दौरान अंतरिक्ष से भारत कैसा लगता है पूछे जाने पर राकेश शर्मा का यह कहना कि सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा यादगार बन गया था। निर्माता आदित्य रॉय कपूर अपने नए बनाये गए बैनर रॉय कपूर फिल्म्स के तहत राकेश शर्मा पर फिल्म का निर्माण करेंगे। इस फिल्म की स्क्रिप्ट आमिर खान को उपलब्ध करा दी गई है। इस फिल्म के निर्देशक महेश मथाई होंगे। महेश मथाई ने १९९९ में फिल्म भोपाल एक्सप्रेस का निर्देशन किया था। फिल्म के सह निर्माता आमिर खान भी होंगे। इस फिल्म का टाइटल अभी फाइनल नहीं हुआ है। लेकिन अपुष्ट खबरें हैं कि फिल्म का टाइटल सैलूट रखा जा सकता है।
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खबर है
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Sunday, 12 February 2017
पाकिस्तानी क्रिकेटर की फिल्म में संजय दत्त के साथ कैटरीना कैफ !
पाकिस्तानी क्रिकेटर रमीज़ राजा फिल्म बनाना चाहते हैं। यह फिल्म क्रिकेट पर होगी। लेकिन, विषय आतंकवाद होगा। इस फिल्म में रमीज़ दिखाना चाहेंगे कि कैसे क्रिकेट के ज़रिये आतंकवाद ख़त्म हो सकता है। इस फिल्म को खुद रमीज़ राजा ने ही लिखा है। यह विषय पिछले दस सालों से रमीज़ के दिमाग में घूम रहा था। पाकिस्तानी क्रिकेटर की फिल्म का नाम दोरबाज़ होगा। रमीज़ राजा ने अपनी फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए संजय दत्त को चुना है। यह भी खबर है कि रमीज़ राजा अपनी इस मसाला सस्पेंस फिल्म में दो नायिकाएं होंगी। शाहरुख़ खान की फिल्म रईस से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली माहिरा खान फिल्म की एक हीरोइन होंगी। रमीज़ दूसरी हीरोइन के लिए कैटरीना कैफ को लेना चाहते हैं। एक अखबार को इंटरव्यू में रमीज़ राजा ने कहा कि माहिरा खान और कैटरीना कैफ बेहद प्रतिभाशाली अभिनेत्रियां हैं। मैं इन दोनों को अपनी फिल्म में लेना चाहता हूँ। निश्चित रूप से भारतीय दर्शकों को कैटरीना कैफ को एक पाकिस्तानी फिल्म में देखने से ज़्यादा उत्सुकता इसे लेकर होगी कि दुनिया में आतंक सप्लाई करने वाले देश के रमीज़ राजा का आतंकवाद ख़त्म करने की क्रिकेटिया दवा क्या है ?
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