Saturday 12 December 2015

कौन होगा बॉक्स ऑफिस का बादशाह और टाइगर !

२०१५ ख़त्म होने को है।  खान अभिनेताओं - आमिर खान, शाहरुख़ खान और सलमान खान की उम्र में एक एक साल का इजाफा हो चूका है।  आमिर खान अगले साल १४ मार्च को फिफ्टी प्लस के अभिनेता बन जायेंगे।  शाहरुख़ खान भी फिफ्टी  प्लस के हैं।  सलमान खान २७ दिसंबर को फिफ्टी के हो जायेंगे।   साफ़ है कि अब यह काफी उम्र के हो गए हैं।  अपनी से आधी उम्र की अभिनेत्री के साथ रोमांस लड़ाना इन्हे फबता नहीं।  इसके बावजूद यह खान अभिनेता रोमांस पे रोमांस दे मारे हैं।  सलमान खान अभी  दिवाली में ३० साल की सोनम कपूर के साथ रोमांस कर प्रेम रतन धन पायो की झोली में १०० करोड़ गिरवा चुके हैं।  शाहरुख़ खान ने ३१ साल की दीपिका पादुकोण के साथ रोमांस लड़ा लड़ा कर 'चेन्नई एक्सप्रेस' और 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी हिट फ़िल्में दी हैं।  आमिर खान की फिल्म 'पीके' की नायिका अनुष्का शर्मा मात्र २७ साल की हैं। धूम ३ की कैटरिना कैफ भी ३२ साल की हैं।  उम्र के इतने फासले के बावजूद इन्हे बेमेल जोड़ा नहीं समझा जा रहा।  दर्शक इनकी  फ़िल्में देख रहे हैं।
बेमेल जोड़ी बनाने के बावजूद खान  अभिनेता लोकप्रिय हैं।  इनकी फिल्मों को दर्शक मिलते हैं।  यह अभिनेता एक्शन भी करते हैं और रोमांस भी लड़ाते हैं।  यह इन खान अभिनेताओं  की स्टार पावर ही है कि इन अभिनेताओं की फिल्म लगते ही दर्शक सिनेमाघरों में टूट पड़ते हैं।  ऎसी फ़िल्में दर्शकों के लिए फेस्टिवल सेलिब्रेशन जैसा माहौल ले आती हैं।  बॉक्स ऑफिस पर जितने दर्शक किसी सलमान खान,  शाहरुख़ खान या आमिर खान की फिल्म को जुटते हैं, उतने किसी भी अभिनेता की फिल्म के लिए नहीं जुटते।  टॉप ग्रॉसिंग  १० फिल्मों के चार्ट पर नज़र डालें तो आठ फिल्मों के नायक खान अभिनेताओं में से कोई नज़र आता है।  आमिर खान और सलमान खान की तीन तीन फ़िल्में इस चार्ट में हैं।  बाकी दो फ़िल्में शाहरुख़ खान की हैं।  टॉप पर काबिज़ आमिर खान की फिल्म 'पीके' का वर्ल्डवाइड कलेक्शन ७३५ करोड़ का है।  सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान ६२६ करोड़ के कलेक्शन के साथ दूसरी पायदान पर है।  धूम ३ ने ५४२ करोड़, चेन्नई एक्सप्रेस ने ४२३ करोड़, प्रेम रतन धन पायो ४०० करोड़, ३ इडियट्स ३९५ करोड़, हैप्पी न्यू ईयर ३८३ करोड़ और किक ३७७ करोड़ का कलेक्शन  कर चुकी हैं ।
इससे साफ़ है कि बॉलीवुड में सबसे ज़्यादा सफल अभिनेता यही तीन हैं।  लेकिन, यह तीनों अभिनेता, ख़ास कर शाहरुख़ खान और सलमान खान, अपनी इमेज को भुना रहे हैं।  इनकी फ़िल्में और इनिशियल पर डिपेंड करती हैं।  आम तौर  पर इन तीनों खानों की फ़िल्में तीन हजार से चार हजार प्रिंट्स में रिलीज़ होती हैं।  प्रेम रतन धन पायो तो ४००० प्लस प्रिंट में रिलीज़ हुई थी।  इनका बिज़नेस पहले वीकेंड पर टिका होता है।  वीकडेस में यह फ़िल्में धड़ाम हो जाती हैं।  'प्रेम रतन धन पायो' का बिज़नेस तो वीकेंड में संडे को ही गिर गया था।  आमिर खान की फिल्म ३ इडियट्स और पीके ही वीकडेस को होल्ड कर पाई थी।  इससे ज़ाहिर है कि दर्शक इनकी स्टार पावर के कारण और इनका प्रशंसक होने के कारण सिनेमाघर तक जाता है।  लेकिन, फिल्म में कुछ ख़ास न होने पर वह फिल्म से मुंह मोड़ लेता है।  यानि, दर्शक कंटेंट पर  आधारित फिल्म को तवज्जो देने लगा है।
ऐसे में खान अभिनेताओं के अलावा अभिनेताओं की खोज ज़रूरी हो जाती हैं।  यह  कहना ठीक नहीं होगा कि सभी निर्माता इन तीन खान अभिनेताओं को लेना चाहते हैं।  इसके दो कारण है।  सभी निर्माताओं के पास इन तीन  अभिनेताओं  की फीस भरने लायक रकम नहीं जुटती।  दूसरी बात यह अभिनेता कितने निर्माताओं की फ़िल्में करेंगे और कब शूट करेंगे।  आमिर खान  साल में एक फिल्म के फ्रॉमूला पर चल रहे हैं।  सलमान खान की व्यस्तता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह अपने भाई अरबाज़ खान की फिल्म दबंग ३ के लिए तारीखे एलाट नहीं कर पा रहे हैं। जबकि, बॉलीवुड  हर साल २०० से ज़्यादा फिल्मों का निर्माण करता है। पिछले साल २०१४ में २०१ हिंदी फ़िल्में रिलीज़ हुई थी।  ऐसे में नए अभिनेताओं की खोज ज़रूरी हो जाती है।
ऐसा नहीं है कि दर्शक किसी सलमान, शाहरुख़ या आमिर की फिल्म ही देखना चाहते हैं।  इस साल आमिर खान की कोई फिल्म रिलीज़ नहीं होगी।  शाहरुख़ खान की इकलौती फिल्म 'दिलवाले' १८ दिसंबर को रिलीज़ हो रही है।  सलमान खान की रिलीज़ दो फ़िल्में १०० करोड़ क्लब में शामिल है।  इसके बावजूद इस साल  बॉलीवुड की दो फ़िल्में तनु वेड्स मनु रिटर्न्स और एबीसीडी २ मशहूर सौ करोडिया क्लब में शामिल हो चुकी है।  तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की नायिका कंगना रनौत के वजह से फिल्म हिट हुई।  एबीसीडी २ में वरुण धवन और श्रद्धा शर्मा ही जमे जमाये चहरे थे। तीन फ़िल्में अक्षय कुमार की फिल्म बेबी और सिंह इज़ ब्लिंग तथा जॉन अब्राहम की फिल्म 'वैलकम बैक' ने ९० करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया। ऐसे में दर्शकों को खान अभिनेताओं को विकल्प दिया जा सकता है।  यह विकल्प सस्ता भी होगा और प्रोडूसर के लिए फायदेमंद भी।
तब कौन चेहरा या कौन कौन से चेहरे इन तीन खानों की जगह ले सकते हैं? अगर किसी अभिनेता को खान अभिनेताओं के जूते पर पैर घुसेड़ने को कहा जायेगा तो मामला मिसफिट का हो जायेगा।  कोई अभिनेता हू-ब- हू किसी दूसरे अभिनेता की जगह नहीं ले सकता।  मौलिकता बेहद  ज़रूरी है।  इस लिहाज़ से कुछ चहरे घूमते हैं।  इस साल अक्षय कुमार की चार फिल्मों बेबी, सिंह इज़ ब्लिंग, गब्बर इज़ बैक और ब्रदर्स ने ठीक ठाक  बिज़नेस किया था।  वह खुद को इमेज से हटा कर हिट फ़िल्में देने वाले अभिनेता हैं।  यह खासियत किसी सलमान खान या शाहरुख़ खान में नहीं है।  ह्रितिक रोशन टॉप पर जा सकते थे।  लेकिन, उनका इमेज से न बंधने का इरादा, उनके स्टारडम के आड़े आता है।  हालाँकि टॉप ग्रॉसर दस फिल्मों में शेष दो फ़िल्में 'बैंग बैंग' और 'कृष ३' ह्रितिक रोशन की ही हैं।  वह खान अभिनेताओं जैसे लोकप्रिय भी हैं। हालाँकि,  इस साल रणबीर कपूर 'बॉम्बे वेलवेट' जैसी १०० करोडिया असफलता दे चुके हैं।  इसके  बावजूद वह सबसे ज़्यादा प्रतिभाशाली और प्रशंसक रखने वाले अभिनेता हैं।  अजय देवगन भी विश्वसनीय अभिनेता हैं।  जहाँ तक अभिनेताओं की नई खेप का सवाल है. फिलहाल रणवीर सिंह, वरुण धवन, अर्जुन कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा, सुशांत सिंह राजपूत, आदि ही विश्वसनीय नाम लगते हैं। रणवीर सिंह और वरुण धवन बड़ी फिल्मों के नायक बन रहे हैं।  रणवीर सिंह की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' और वरुण धवन की फिल्म 'दिलवाले' १८ दिसंबर को रिलीज़ होगी।  ख़ास बात यह है कि जहाँ रणवीर 'बाजीराव मस्तानी' के नायक हैं, वहीँ वरुण धवन 'दिलवाले' में सह नायक हैं। रणवीर सिंह 'दिल धड़कने दो' जैसी बड़ी फ्लॉप फिल्म के नायक रहे हैं। परन्तु, वरुण धवन ने इस साल दो हिट फ़िल्में 'एबीसीडी २' और 'बदलापुर'  दी है।  यह दोनों अभिनेता आगे चल कर अलग अलग भूमिकाओं में पकड़ बना सकते हैं।  सुशांत सिंह राजपूत हर प्रकार की फ़िल्में कर रहे हैं।  वह हरफनमौला अभिनेता साबित हो सकते हैं।  भविष्य में कौन  अभिनेता खान तिकड़ी की जगह लेगा, यह बड़ा सवाल है। इसलिए, जवाब मिलने तक खान अभिनेताओं के साथ अक्षय कुमार, ह्रितिक रोशन और अजय देवगन की फिल्मों से ही संतोष  करना होगा।

द साइलंट हीरोज एक इमोशनल एडवेंचर फिल्म है- महेश भट्ट

फिल्म द साइलेंट हीरोज १३ मूक बधिर बच्चों पर आधारित फिल्म।  यह फिल्म 11 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है । इस फिल्म की कहानी भावनात्मक तो है ही प्रेरणादायक दी है। फिल्म के बारे में तफ्सील से बता रहे हैं डायरेक्टर महेश भट्ट। यहाँ बताते चलें कि 'ये' 'वो' महेश भट्ट नहीं है, जो हॉरर फ्रैंचाइज़ी फ़िल्में बनाते हैं। यह महेश भट्ट उत्तराखंड से हैं।  उनकी फिल्म 'द साइलेंट हीरोज' की शूटिंग भी उत्तराखंड में ही हुई है। पेश हैं उनसे बातचीत-  
द साइलेंट हीरोज जैसा सब्जेक्ट चुनने की वजह?
मैं मूक बधिर बच्चों के एक स्कूल में डाक्यूमेंट्री फिल्म शूट कर रहा था।  शूटिंग के दौरान मैंने  महसूस किया कि जिन्हें हम बेचारा या डेफ कहते हैं, वे हमसे ज्यादा समझदार और ज्यादा सक्षम हैं। उनका दिमाग हमसे कहीं  स्ट्रांगली काम करता है। उनके माता पिता भी उन्हें अलग नजर से देखते हैं। ऐसे में मेरे मन में विचारा आया कि क्यों न इस सब्जेक्ट पर फिल्म बनाई जाए ताकि लोगों का नजरिया बदले। इनको देखे तो लोग सिर उठा कर देखे। दूसरी अहम बात मुझे एक साफ सुथरी फिल्म बनानी थी और इससे बेहतर हो नहीं सकती थी। फिर मैंने सोचा कि क्यों न मैं उत्तराखंड की पृष्टभूमि पर फिल्म शूट की जाए जिससे उत्तराखंड टूरिज्म को बढ़ावा भी मिले। 
द साइलेंट हीरोज जोखिम भरा प्रोजेक्ट नहीं ?
बिलकुल इस फिल्म में सब नॉन स्टार्स काम कर रहे है। न कोई नामी गिरामी हीरोइन है न हीरो। इसमें सब कुछ नया है । यह एक थीम बेस्ड फिल्म है। मुझे उम्मीद है यह फिल्म अपना प्रभाव जरूर छोड़ेगी।
फिल्म के 13 मूक बधिर कलाकारों का चुनाव कैसे किया ?
मुझे कुछ मूक बधिक यानि डेफ बच्चों की जरुरत थी। ऐसे में मैं देहरादून के एक इंस्टीटूट में गया।मैंने अपनी बात रखी। स्कूल की प्रिंसिपल राजी हो गईं। लेकिन यह इतना सरल भी नहीं था। ऐसे में करीब 6 महीने तक इन बच्चों की कक्षा में जाकर चुपचाप बैठ जाता था और उनको देखता था की उनका व्यवहार कैसा है, वो आपस में कैसे बात करते हैं। जब सब कुछ तय हो गया तो सोंच कैमरा वो कैसे फेस करेंगे। क्योंकि मैं एक्शन बोलूंगा तो उनको तो पता ही नहीं कि एक्शन क्या होता है, उन्हें तो इशारों में बोलना होता था तो तब एक आदमी कैमरा के नीचे छिप कर उनको  इशारो में समझाता था तब जाकर शूटिंग संभव हो पाई। शूटिंग छह महीने में पूरी हो पाई ।
अपने बाॅलीवुड तक के लम्बे सफर के बारे में कुछ बताएं ?
मुझे इस सफर में लगभग बीस साल हो गए हैं। मैंने उत्तरारखंड के कई ज्वलंत मुद्दों पर छोटी-छोटी फिल्में बनाई हैं जैसे पर्यावरण, पानी बचाओ, बालिका शिक्षा, वन प्रबंधन, आदि। मैं इन फिल्मों को जब गांव-गांव जाकर दिखता था, उनका रिस्पांस देखकर मुझे लगता था कि शायद बदलाव आएगा। लेकिन वह बदलाव मुझे दिखा नहीं। इसलिए मैंने अपनी बात बड़े परदे के माध्यम से कहने की कोशिश की है, ताकि जहां से मेरी आवाज क्षेत्रीय न होकर राष्ट्रीय हो जाए। 
फिल्म के लिए क्या रिसर्च की !
करीब डेढ़ साल तक कहानी पर काम किया है । मैंने रिसर्च करने के बाद पाया कि हममें और उनमें बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। हमनें फिल्म में समानता की बात की है। उन्हें जो लोग भी डिसेबल कहते हैं, वह सही नहीं हैं।
फिल्म वास्तिविक दिखे इसके लिए आपने क्या कुछ किया?
फिल्म में काम कर रहे 13 बच्चे सचमुच में मूक-बधिर ही हैं।  ये दुनिया की पहली फिल्म है जो ओपन कैप्सन के साथ रिलीज हो रही है, जिससे पहली बार मूक-बधिर बच्चे भी थियेटर में फिल्म देखने का आनन्द उठा सकेंगे। ये दुनिया भर की डैफ कम्यूनिटी के लिए एक ग्लोबल फिल्म है। फिल्म को वास्तविकता के करीब ले जाने लिए इसे सिंक साउंड में शूट किया गया है। अर्थात सभी सांउड को लोकेशन में ही रिकार्ड किया गया है। फिल्म की शूटिंग हिमालयी प्रदेश उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में की गयी है। 
आप क्या मैसेज देना चाहते हैं?
मैं चाहता हूँ कि समाज इन मूक-बधिर बच्चों को विकलांग ना समझे, बल्कि यह तो कई मायनों में ये हमसे श्रेष्ठ हैं।  इसलिए स्पेशल हैं। इंडीपेंडेट सिनेमा की ये एक कैम्पेन फिल्म है, जो मनोरंजन के साथ ही एक अलग समाज और संवाद की दुनिया से परिचय कराती है।  यह सन्देश देती है कि अगर ठान लीजिये तो कुछ भी नामुमकिन नहीं । 

बदलते इंसानी जीवन की यात्रा : ब्लू माउंटेन्स

निर्देशक सुमन गांगुली की फिल्म 'ब्लू माउंटेन्स' इंसान की जीवन यात्रा और संवेगों की तुलना नीले पहाड़ से करती है, जो बदलते मौसम के साथ रंग बदलता है। फिल्म की कहानी रणवीर शोरी के चरित्र ओम के इर्दगिर्द घूमती है।  टैलेंट हंट में ओम का चुनाव हो जाता है।  वह गायक बनने की प्रक्रिया में है।  उधर उसकी पूर्व गायिका माँ अपने अधूरे सपने अपने बेटे पर लादती चली जाती है।  इस फिल्म माँ निर्माण राजेश जैन और सरजू कुमार आचार्य ने किया है।  इस फिल्म को हैदराबाद में हुए १९वे चिल्ड्रन फिल्म फेस्टिवल में 'ब्लू माउंटेन्स' को गोल्डन एलीफैंट अवार्ड मिला है। इस फिल्म में रणवीर शोरी, ग्रेसी सिंह, राजपाल यादव, यथार्थ रत्नम, सिमरन शर्मा, महेश ठाकुर और ऋषभ शर्मा ने अभिनय किया है।  पिछले दिनों, इस फिल्म का प्रेस शो और स्टार मीट  आयोजित की गई। जिसमे फिल्म के सितारों के अलावा परीक्षित साहनी भी पहुंचे।  'ब्लू माउंटेन्स' अगले साल रिलीज़ की जाएगी। Displaying simran sharma,raujesh jain,ranveer shorey,yatharth ratnum & monty sharma.jpgDisplaying simran sharma,raujesh jain,ranveer shorey,yatharth ratnum & monty sharma.jpgDisplaying simran sharma,raujesh jain,ranveer shorey,yatharth ratnum & monty sharma.jpg


फिर 'तेरे बिन लादेन---'

२०१० में रिलीज़ राजनीतिक व्यंग्य फिल्म 'तेरे बिन लादेन' स्लीपर हिट फिल्म साबित हुई थी।  वॉकवाटर मीडिया की ६ करोड़ के मामूली बजट से बनी इस फिल्म ने १५ करोड़ का बिज़नेस किया था ।  अभिषेक शर्मा निर्देशित यह फिल्म आज भी श्रेष्ठ व्यंग्य फिल्मों में शुमार की जाती है। अब एक बार फिर, वॉकवाटर मीडिया और अभिषेक शर्मा की जोड़ी अगले साल १९ फरवरी को इस फिल्म का सीक्वल 'तेरे बिन लादेन- डेड ऑर अलाइव' ले कर आ रही है।  २०१० की फिल्म में रिपोर्टर की भूमिका करने वाले अली ज़फर इस बार ख़ास भूमिका में होंगे।  मुख्य भूमिका में मनीष पॉल और सिकंदर आ गए हैं।  अभिनेता प्रद्युम्न सिंह ने पिछली फिल्म में ओसामा बिन लादेन के हमशक्ल नूरा की हास्य भूमिका की थी।  इस बार भी वह इसी अवतार में नज़र आएंगे।पिछले दिनों फिल्म 'तेरे बिन लादेन- डेड ऑर अलाइव' का फर्स्ट लुक रिलीज़ हुआ।  इस मौके पर निर्देशक अभिषेक शर्मा ने अपनी फिल्म को ओरिजिनल सीक्वल फिल्मों में से सबसे ज़्यादा ओरिजिनल फिल्म बताया।  वह कहते हैं, "यह पहली ऎसी सीक्वल फिल्म है, जिसकी कहानी पहली फिल्म की कहानी से जुडी हुई है, लेकिन ठीक उसी जगह से नहीं शुरू होती, जहाँ पहली फिल्म ख़त्म हुई थी।  आप इस फिल्म को परंपरागत सीक्वल फिल्म नहीं कह सकते।" फिलहाल, 'तेरे बिन लादेन- डेड ऑर अलाइव' की टीम को फिल्म की रिलीज़ के बाद दर्शकों के रिस्पांस का इंतज़ार है। क्या पहली फिल्म की तरह सीक्वल फिल्म भी हिट होगी ? वैसे पहली फिल्म के कारण दूसरी फिल्म से उम्मीदें ज़्यादा बन जाती हैं। फिल्म का वितरण अनुराग कश्यप की कंपनी फैंटम फिल्म कर रही है। 


Thursday 10 December 2015

अनिल कपूर द्वारा कबीर बेदी के प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय टीवी धारावाहिक 'संदोकन' की डीवीडी हुई लांच

भारत के पहले अंतरष्ट्रीय अभिनेता कबीर बेदी ने अपने विश्व विख्यात टीवी धारावाहिक की डीवीडी सेट भारत में लांच किया हैं। 
सुपर हिट अंतराष्ट्रीय  टीवी सीरीज 'संदोकन' में कबीर बेदी ने मुख्य भुमिका निभाई है। 70 के दशक में यह सीरीज यूरोप और लैटिन अमेरिका में तूफ़ान की तरह छाई हुई थी। इसी 6 घंटे की सीरीज को हिंदी में डब करके डीवीडी के रूप में रिलीज़ किया जा रहा है। 'संदोकान' जैसे  महाकाव्य साहसिक और रोमांस नाटक की डीवीडी बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनिल कपूर द्वारा लांच किया गया। अन्तर्ष्टीय टीवी शो '24' के रीमेक को भारत तक लाने वाले अनिल कपूर ने इस मौके पर 'संदोकन' और कबीर बेदी का समर्थन करते हुए इस महफ़िल की शोभा बढ़ाई ।  
'संदोकन' एशियाई राजकुमार की कहानी  है जो अपने देश और प्रेमिका को ब्रिटिश साम्राज्य से मुखता करने के लिए  समुद्री डाकू बन जाता है, जिसकी भूमिका कबीर बेदी ने निभाई है। यह साहसिक, कार्रवाई, दोस्ती, विश्वासघात और एक असंभव प्रेम-कहानी की गाथा है।इस शो ने कबीर बेदी को रात को रात इटली, फ्रांस और जर्मन जैसे महाद्वीपों का सुपरस्टार बना दिया था और लैटिन अमेरिका में एक नया रिकॉर्ड कायम किया था। 
भारत देश के पहले अंतरष्ट्रीय अभिनेता कबीर बेदी को हाल ही में उनके यूरोपियन टीवी शो 'संदोकान' के लिए 'रोम फिक्शन टीवी फेस्टिवल' में सम्मानित किया गया है। कबीर बेदी भारत के पहले अभिनेता है जिन्होंने विदेशों में अपनी लोकप्रियता हासिल की है। कबीर 'ऑक्टोपस्सी' और 'बोल्ड एंड द ब्यूटीफुल' जैसी कई हॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं। यह 'संदोकन' ही था ही था जिसने कबीर बेदी के एक्टिंग करियर में चार चांद लगा दिए। 40 वर्ष बीतने  बाद भी इस शो  लोकप्रियता आज भी बरकरार है। यह टीवी सीरीज एमिलो सलगरी के काल्पनिक किरदार पर आधारित है। 'संदोकन' के इस कलेक्टर्स एडिशन के डीवीडी सेट में दर्शकों के लिए ख़ास हिंदी डब हुई 'संदोकान' टीवी सीरीज के डीवीडी के साथ 'संदोकन' के लिए रचा गया हिंदी गाना भी है। 
इस अवसर पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कबीर बेदी ने कहा है ' मुझे बेहद ख़ुशी है की मेरे भारत देश वो चीज़ देखने का अवसर मिलेगा जिसने मुझे एक अंतराष्ट्रीय सितारा बना दिया। यह मेरे विरासत का हिस्सा है। मै भारत में 'संदोकन' को स्वतंतरा रूप से रिलीज़ कर रहा हूँ। आज की इस आधुनिक युग में मै 'इ कॉमर्स' और डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से संदोकान को लोगों तक पंहुचा रहा हूँ। 
इस समारोह में मौजूद अभिनेता अनिल कपूर ने कहा है ' मै बचपन से ही कबीर बेदी जी का सच्चा प्रशंशक हूँ। मुझे गर्व है की कबीर जी जैसे महान व्यक्ति मेरे मित्र हैं। मै उनके व्यक्तित्व और आवाज़ का बहुत बड़ा फैन हूँ। उन्होंने सिर्फ अंतराष्ट्रीय जगत में नाम ही नहीं कमाया बल्कि आणि वाली पीढ़ी के लिए अंतरष्ट्रीय जगत का दरवाज़ा खोला है। मुझे बेहद गर्व है की विश्वविख्यात टीवी शो 'संदोकान' भारत में लांच किया जा रहा है। 
प्रतिष्ठित 'संदोकन' सीरीज के ट्रेलर को कबीर बेदी के यूट्यूब चैनल, फेसबुक और ट्विटर पर देखा जा सकता है। 'संदोकन' के कलेक्टर्स एडिशन के डीवीडी बॉक्ससेट एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी वेब्सीटेस से भी खरीदा जा सकता है। इन डीवीडी को हंगामा से किराया पर भी लिया जा सकता है। 
नोट : कबीर बेदी 1982 के बाद से, 30 से अधिक वर्षों के लिए ऑस्कर अकादमी के मतदान सदस्य  और इटैलियन गणराज्य के एक शूरवीर है। कबीर बेदी अब कैवलिएर कबीर बेदी हैं। 

बॉलीवुड हस्तियों को पसंद आई 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस'

हाल ही में रिलीज़ हुई अंतराष्ट्रीय विख्यात निर्देशक पैन नलिन की फिल्म 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' केवल समीक्षकों और दर्शकों को ही नहीं बल्कि बॉलीवुड हस्तियों को भी खूब पसंद आरही हैं। 4 दिसंबर को रिलीज़ हुई फिल्म 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' सोशल मीडिया पर जमकर तारीफें हो रही हैं।  बॉलीवुड हस्तियां भी इस फिल्म की तारीफ करने में पीछे नहीं हैं। जॉन अब्राहम, रणवीर सिंघ, कबीर खान, मिनी माथुर, अरशद वारसी, जावेद अख्तर, शेखर कपूर, वहीदा रेहमान,  शोभा डे, आयुष्मान खुराना, राकेश मेहरा, आर बल्कि और कल्कि कोएच्लिन जैसे कई बॉलीवुड हस्तियों की सोशल मीडिया पर अपनी राय रखते हुए इस फिल्म की बहुत तारीफ की है। 
जॉन अब्राहम  ने कहा है 'फिल्म एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' सुंदर और निर्भीक फिल्म है इससे ज़रूर देखें।'
रणवीर सिंघ  ने फिल्म देखने के बाद कहा है 'फिल्म बहुत ही शानदार है। इस फिल्म को तहे फिल्म से देखना चाहिए।  सभी लड़कियों के कमाल का अभिनय किया है।'
आयुष्मान खुराना  ने कहा है 'फिल्म एंग्री 'इंडेन गौड़ेसेस' एक ऐसी फिल्म है जो जैविक होने साथ ही वर्त्तमान पर आधारित है और आपको सोचने पर ज़रूर मजबूर कर्देगी।'
जावेद अख्तर  के कहा है 'आज तक हिंदी सिनेमा में ऐसा कुछ देखने नहीं मिला है जो फिल्म 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' में है. फिल्म का थीम बहुत ही शानदार है।'
वहीदा रेहमान  जी ने कहा है' मुझे यह फिल्म बहोत ही पसंद आई है। मै सभी को यह फिल्म देखने के लिए आग्रह करुँगी। सभी अभनेत्रियों ने शानदार काम किया है।'
आर बाल्की  ने कहा है 'इतने सालों में मैंने अबतक ऐसी बेहतरीन फिल्म नहीं देखि थी। उम्मीद करता हूँ सेंसर बोर्ड इस फिल्म पर ज़्यादा सकती न दिखाई। मै फिल्म 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' का फैन बन गया हूँ। 
राकेश ओमप्रकाश मेहरा  ने कहा है 'मेरे ख्याल से आज के युग के लिए यह बहुत है महत्वपूर्ण फिल्म है। इस फिल्म में आपको हँसाने और रुलाने की क्षमता है। फिल्म का म्यूजिक लाहजवाब है।'
कल्कि कोएच्लिन  ने कहा है 'यह बहुत ही दमदार फिल्म है। फिल्म की हर एक अदाकारा में आश्चर्यजनक  अभिनय किया है। फिल्म को देखके वक़्त आप इस फिल्म की कहानी में कब खो जाओगे पता नहीं चलेगा। यह फिल्म हर वो बात का जिक्र करती है जिनसे आज के दौर की महिलाऐं गुज़र रही हैं।'
गौरी शिंदे  ने कहा है 'मेरे लिए इस वर्ष सबसे बेहतरीन फिल्म 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' है।  फिल्म देखने के बाद मै बिलकुल हैरान रह गयी। सभी अदाकाराओं ने शानदार काम किया है , काश मई भी इन अभिनेत्रियों के साथ काम कर पाती। 
अरशद वारसी  ने कहा है ' सभी का अभिनय बहुत ही शानदार है। मैंने अबतक ऐसा काम केवल हॉलीवुड फिल्मों में ही देखा है। यहाँ सभी ने किरदार निभाया नही बल्कि उस किरदार को जिया है। '

आखरी बार प्रस्तुत होगा 70 एमएम कल्चर फिल्म द हेटफुल एट' के ज़रिए

ऑस्कर विजेता निर्देशक 'क्वेंटिन टारनटिनो' द्वारा लिखित और निर्देशित फ़िल्म 'द हेटफुल एट' को प्रायोगिक फिल्म कहा जा सकता है।  क्योंकि, इस फ़िल्म को ७० ऍम ऍम फ़िल्म प्रोजेक्शन तकनीक पर शूट किया गया है। जो लुप्त हुए इस खूबसूरत कल्चर को ज़िंदा करने का एक बेहद संजीदा प्रयास है।यह फ़िल्म उन पाश्चात्य फिल्मों की उस प्रथा की तरह है जिसमे वह पले बढे हैं। सिविल वॉर के चलते व्योमिंग की प्रष्ठभूमि में गुथी यह फ़िल्म ऐसे इनामी शिकारियों की कहानी है जो एक बहुत बड़ी साजिश में फंस जाते हैं।
हाल ही में एक बातचीत में सैमुअल एल जैक्सन ने इस फ़िल्म की मेकिंग के बारे में बातचीत की, " द हेटफुल एट 70 ऍम ऍम पर शूट की गयी है,जो हमें 50 और 60 के दशक की फिल्मों के दौर में ले जाती है जैसे कि ओखलम और बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर शोले।" क्वेंटिन टारनटिनो ने भी 70 ऍम ऍम को चुने जाने का कारण हमारे साथ साझा किया, " मैं इस फ़िल्म के द्वारा उस पुरानी कहावत को तोडना चाहता हूँ जो यह कहती है कि 70 ऍम ऍम सिनेमा सिर्फ यात्रा विवरण के लिए है' जो कहती है कि यह तकनीक सिर्फ लॉरेंस ऑफ़ अरेबिया, पहाडी द्रश्यों और रेगिस्तानों द्रश्यों को ही शूट करने के लिए है।इन सारी कही सुनी बातों पर मेरा सिर्फ एक ही जबाब है।'नहीं'।जब आप बन्द जगहों पर भी 70 ऍम ऍम से शूट करते हो तो द्रश्य ज़्यादा अंतरंग नज़र आते हैं।पहले से कही ज़्यादा जीवंत और संजीदे।यह तकनीक सिर्फ सीनरी को शूट करने के लिए नहीं है बल्कि इससे बड़ी बड़ी फ़िल्मी सीक्वेंस शूट की जा सकती हैं।" निर्देशक टारनटिनो और सैमुअल जैक्सन की ज़बरदस्त जोड़ी, जानदार कहानी और 70mm पर एक निश्चित अल्ट्रा वाइड अनुपात इस फ़िल्म को देखने योग्य बनाता है। यह फ़िल्म पीवीआर पिक्चर्स द्वारा 15 जनवरी 2016 को भारत में रिलीज होने को पुरी तरह तैयार है।