सत्या फिल्म मेकर रामगोपाल वर्मा सेंसर बोर्ड से सचमुच परेशान नज़र आते हैं। इसीलिए उन्होंने अपने आरजीवी टॉकीज की स्थापना की है। यह ऑनलाइन टॉकीज बिना सेंसर के फ़िल्में दिखा सकेगा। इस टॉकीज पर लघु फिल्मों के दूसरे निर्माता भी अपनी शार्ट फ़िल्में अपलोड कर सकते हैं, बशर्ते कि वह वर्मा की कसौटियों पर खरी उतरें। कैसी होनी चाहिए यह फिल्में ! ट्विटर पर रामगोपाल वर्मा की शार्ट फिल्म सिंगल एक्स का पोस्टर इसे बयान करता है। रामगोपाल की यह शार्ट फिल्म 'एन इरोटिक थ्रिलर' फिल्म है। रामगोपाल वर्मा कहते हैं, "आरजीवी थिएटर में इरोटिक फिल्मों के अलावा अपराध और डरावनी फ़िल्में भी रिलीज़ होंगी। मैं गॉड पर फिल्म रिलीज़ नहीं करूंगा, क्योंकि, मुझे ईश्वर पर विश्वास नहीं। मुझे खेल से नफरत है, इसलिए खेल पर कोई फिल्म नहीं होगी। रोमांटिक और सेक्स कॉमेडी के रिलीज़ होने का भी कोई सवाल नहीं, क्योकि मेरे लिए लव और सेक्स गंभीरता का मामला है।" इससे स्पष्ट है कि शार्ट फिल्म बनाने वालों के लिए काफी विषय है रामगोपाल वर्मा के थिएटर के लिए फिल्म बनाने के। रामगोपाल वर्मा अपनी पहली शार्ट फिल्म 'सिंगल एक्स' को सेंसर बोर्ड को समर्पित करते हैं। वह कहते हैं, "मुझे पूरी आशा है कि सिंगल एक्स को दाऊद इब्राहिम ज़रूर पसंद करेगा।" तो तैयार हो जाइये रामगोपाल वर्मा की इरोटिक थ्रिलर फिल्म सिंगल एक्स को आरजीवी टॉकीज पर देखने और अपनी अपनी फ़िल्में अपलोड करने के लिए।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 9 February 2016
राम गोपाल वर्मा का आरजीवी टॉकीज
Labels:
Ramgopal Varma,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
शेमारू एंटरटेनमेंट
ने अपनी डिजिटल मार्केटिंग को विस्तार देने के लिए कुणाल वाधवनी को अपना सोशल मीडिया
और डिजिटल मार्केटिंग हेड नियुक्त किया है। कुणाल वाधवानी शेमारू से पहले
एवरीमीडिया टेक्नोलॉजीज के मीडिया प्लानिंग और बाइंग के हेड थे। उन्होंने बड़ी
संख्या में बॉलीवुड फिल्मों, कई ब्रांडों की डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन रेपुटेशन मैनेजमेंट का काम देखा है। कुणाल कार्डिफ यूनिवर्सिटी यूनाइटेड किंगडम से मार्केटिंग के मास्टर डिग्री धारक
हैं। कुणाल के शेमारू में आने का स्वागत करते हुए शेमारू एंटरटेनमेंट के डायरेक्टर
जय मारू कहते हैं, “हम डिजिटल मार्केटिंग का महत्व और आम लोगों में इसके बढ़ाते
प्रभाव को समझते हैं. कुणाल शेमारू को डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में आगे ले
जायेंगे।”
Labels:
Shemaroo Entertainments,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 8 February 2016
रंजित बारोट के साथ 'क्युकी' का 'खुशनुमा'
मल्टीचैनल नेटवर्क और डिजिटल एजेंसी क्युकी और रंजीत बारोट की नई म्यूजिक वेब सीरीज प्रोजेक्ट एक्स #द विनर्स वे लांच हुई। इस के अंतर्गत ए आर रहमान, शुभा मुद्गल, सलीम मर्चेंट और अमित त्रिवेदी ने रंजीत बरोट की कम्पोजीशन खुशनुमा को अपने अंदाज़ में पेश किया है। खुशनुमा के वीडियो की कहानी एक कलाकार की है, जो अपने पिता के विरोध के बावजूद अपने संगीत को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए निकल पड़ता है। ताकि उसे सम्मान मिले और पिता की स्वीकृति भी। खुशनुमा को शुभा मुद्गल, अमित त्रिवेदी और सलीम मर्चेंट ने गया हैं। यह सीरीज चार हिस्सों में है।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
हृथिक रोशन की फिल्म के ‘काबिल’ यमी गौतम !
हिंदी टीवी सीरियल
चाँद के पार चलो, राजकुमार आर्यन, यह प्यार न होगा कम और मीठी छूरी नंबर १ की
अभिनेत्री यमी गौतम ने कन्नड़ फिल्मों से बड़े परदे का रुख किया था। उन्होंने एक एक
कन्नड़, पंजाबी और तमिल फ़िल्में करने के बाद विक्की डोनर से हिंदी फिल्म डेब्यू
किया था। इस फिल्म में यमी के नायक आयुष्मान खुराना थे, जिनका भी फिल्म डेब्यू हो
रहा था। बड़े बजट की फिल्मों एक्शन जैक्सन और बदलापुर में छोटी भूमिकाएं करने वाली
यमी गौतम ने अब लम्बी छलांग लगाईं है। खबर है कि उन्हें राकेश रोशन के प्रोडक्शन की लम्बे समय
से रुकी फिल्म काबिल में हृथिक रोशन के अपोजिट नायिका का रोल मिला है। इस फिल्म
का निर्देशन संजय गुप्ता करेंगे। इस शुक्रवार (१२ फरवरी को) रिलीज़ हो रही
निर्देशक दिव्या खोसला कुमार की रोमांटिक फिल्म सनम रे में पुलकित सम्राट की
नायिका यामी गौतम, हृथिक रोशन के साथ फिल्म पा कर पुलकित हो रही होंगी। अब देखने वाली बात
होगी कि आयुष्मान खुराना के साथ विक्की डोनर से मशहूर यमी को हृथिक रोशन के साथ
फिल्म में क्या कुछ करने को मिलेगा। क्या यमी गौतम तमाम बॉलीवुड अभिनेत्रियों की
तरह बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ कुछ मिनट के ग्लैमरस रोल कर रही होंगी ? इस
सवाल पर तो यमी गौतम को ही विचार करना है।
Labels:
Hrithik Roshan,
Yami Gautam,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 7 February 2016
निशिकांत कामथ अपनी फिल्म के बैड मैन
अपनी ही फिल्म में अभिनय करने वाले हिंदी फिल्म डायरेक्टरों की पांत में निशिकांत कामथ का नाम भी जुड़ने जा रहा है। वैसे निशिकांत कामथ पहले भी छह फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। यहाँ ख़ास बात यह है कि २५ मार्च को रिलीज़ होने जा रही फिल्म रॉकी हैंडसम में निशिकांत बैड मैन यानि बुरे आदमी के किरदार में होगे। इस प्रकार वह पहली बार कोई बुरा किरदार कर रहे होंगे। निशिकांत कामथ द्वारा ही निर्देशित रॉकी हैंडसम में निशिकांत गोवा के एक गैंग लॉर्ड केविन परेरा का किरदार कर रहे हैं। केविन परेरा गंजा और दुष्ट किरदार है। पहले इस किरदार को दूसरे एक्टर को करना था। लेकिन, आखिरी मौके पर साथियों की सलाह पर निशिकांत ने केविन परेरा की विग खुद के सर पर रखवा ली। निशिकांत कहते हैं, "मुझे एक्टिंग करने में मज़ा आता है और मैं कैमरा के सामने कॉन्फिन्डेन्ट भी रहता हूँ । लेकिन, अपनी ही फिल्म में कैमरे का सामना डरावना होता है। एक डायरेक्टर के डायरेक्शन के साथ एक्टिंग करना आसान नहीं होता। शायद आगे मैं ऐसा नहीं करूँ।" वैसे निशिकांत के लिए रॉकी हैंडसम के विलेन को करना ज़्यादा आसान था। क्योंकि,फिल्म की स्क्रिप्ट खुद ही लिखने के कारण वह केविन परेरा के किरदार से अच्छी तरह से परिचित थे। वैसे जब जॉन अब्राहम ने अपने डायरेक्टर को गंजे सर और फैंसी सूट में देखा तो वह चौंक पड़े। बहरहाल, फिल्म के इन दोनों हीरो और विलेन के बीच काफी खतरनाक एक्शन सीन फिल्माए गए हैं।
Labels:
John Abraham,
Nishikant Kamath
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आमिर खान मिल कर बनाएंगे मल्टीप्लेक्स चेन
खबर गर्म है कि निर्माता और निर्देशक तथा धर्मा प्रोडक्शन्स के करण जौहर, अभिनेता आमिर खान, यूटीवी के पूर्व संस्थापक रोनी स्क्रूवाला, वितरक अनिल थडानी तथा यूटीवी-डिज्नी फिल्म्स के सिद्धार्थ रॉय कपूर ने मल्टीप्लेक्स मोनोपोली के विरुद्ध गुप्त युद्ध छेड़ दिया है. यह पंचकड़ी किसी न किसी रूप में फिल्म निर्माण और वितरण से जुड़ी है. मल्टीप्लेक्स थिएटर मालिकों के फिल्म प्रदर्शन के क्षेत्र में एकाधिकार के कारण फिल्मों की रिलीज़ की शर्तों में अनुकूल परिवर्तन कराने में कामयाब हो जाते हैं. यह पंच प्यारे इस एकाधिकार को तोड़ने के लिए छोटे मल्टीप्लेक्स थिएटरो की चैन तैयार करेंगे, नए थिएटर बनवायेंगे तथा अन्य दूसरे जारी सोचेंगे जो आर्थिक रूप से फायदेमंद हों तथा बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन्स का विकल्प बन सकें.
Labels:
Aamir Khan,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 6 February 2016
हॉलीवुड फिल्म में ऑस्ट्रोनौट पूजा बत्रा !
आम तौर पर बॉलीवुड की सक्सेसफुल फिल्म अभिनेत्रियाँ तक हॉलीवुड की फिल्मों को तरसती है। हॉलीवुड फिल्मों में कोई भी, कैसा भी मौका मिलते ही, उसे लपक लेती हैं। लेकिन, पूजा बत्रा इसका अपवाद कही जा सकती हैं। १९९३ की फेमिना मिस इंडिया इंटरनेशनल पूजा बत्रा की पहली बॉलीवुड फिल्म विश्वविधाता (१९९७) जैकी श्रॉफ, आयेशा झुल्का और शरद कपूर के साथ थी। विश्वविधाता फ्लॉप हुई। लेकिन, इस फिल्म के ठीक बाद रिलीज़ निर्देशक प्रियदर्शन की फिल्म विरासत हिट हुई। विरासत में अनिल कपूर और तब्बू नायक नायिका थे। पूजा बत्रा सह नायिका थी। विरासत के हिट होने के पूजा का बॉलीवुड करियर चल निकलने की उम्मीद थी। लेकिन, उनका फिल्म करियर वह रफ़्तार नहीं पकड़ सका। कहीं प्यार न हो जाये, हसीना मान जाएगी, दिल ने फिर याद किया और नायक : द रियल हीरो के बावजूद वह बॉलीवुड में अपनी जगह बना पाने नाकामयाब रही। इसके बाद वह एक डॉक्टर से शादी कर लॉस एंजेल्स अमेरिका चली गई। वहां वह महिलाओं के प्रति हिंसा के विरोध में एक एनजीओ चला रही हैं और हॉलीवुड फिल्मों के निर्माण से भी जुडी हैं। उनकी फिल्म निर्माण कंपनी ग्लोबेल इंक ने ही अक्षय कुमार और करीना कपूर की फिल्म कमबख्त इश्क़ के लिए सील्वेस्टर स्टैलोन और डेनिस रिचार्ड को और चांदनी चौक टू चाइना के लिए रैपर बोहेमिया को जुटाया था। उनकी ही कंपनी हॉलीवुड फिल्म वन अंडर द सन का निर्माण कर रही हैं। इस फिल्म के निर्देशक विन्सेंट ट्रेन और रियाना हार्टले हैं। इस फिल्म में जीन फरबर (कैप्टेन अमेरिका), माइकल कीली और बाल कलाकार अवा कैन्ट्रेल की भी भूमिका हैं। यह फिल्म एक ऑस्ट्रोनॉट कैथरीन वॉस के इर्द गिर्द घूमती है, जो एक नष्ट स्पेस शटल की एकमात्र जीवित सदस्य है। अब होता यह है कि कैथरीन अपनी खतरनाक बीमारी से ग्रस्त बेटी से मिलना चाहती है। जबकि, उसे एक असाधारण उपहार के कारण भागना पड़ रहा है। कैथरीन की भूमिका पूजा बत्रा कर रही हैं। यह करैक्टर भारत की पहली महिला ऑस्ट्रोनॉट जैसा है। इस भूमिका के लिए पूजा बत्रा ने काफी तैयारियां की हैं। पूजा बत्रा कहती है, "प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण को हॉलीवुड फ़िल्में मिल रही हैं। लेकिन, रास्ता खोला है इरफ़ान खान ने। हमारे लिए निरंतरता का अभाव है। मैं यही निरंतरता बनाना चाहती हूँ।"
Labels:
Hollywood,
Pooja Batra,
हस्तियां,
हॉलीवुड
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
हैरिसन फोर्ड चार दशक बाद भी ब्लेड रनर
खबर है कि रिडले स्कॉट की १९८२ में रिलीज़ मास्टरपीस फिल्म 'ब्लेड रनर' की फॉलो-अप फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वार्नर ब्रदर्स के साथ सोनी पिक्चर्स द्वारा रिलीज़ किया जायेगा । अलकॉम इंटरनेशनल के सह-संस्थापक और सह सीईओ एंड्रू कोसोव और ब्रॉडरिक जॉनसन ने इस बात का ऐलान किया। द बिग शार्ट के रयान गॉस्लिंग और स्टार वार्स के हैरिसन फोर्ड की भूमिका वाली इस फिल्म का निर्देशन डेनिस विलेनुव कर रहे हैं। डेनिस ने प्रिजनरस और इन्सेन्डिस जैसी फ़िल्में निर्देशित की हैं। जुलाई २०१६ में रिलीज़ होने जा रही है इस फिल्म की शुरुआत १९८२ की ब्लेड रनर के खात्मे के समय से कई दशकों (कोई चार दशक) बाद से शुरू होगी। इस फिल्म की कहानी, मूल ब्लेड रनर के लेखक हैम्पटन फैंचर के साथ माइकल ग्रीन ने लिखी है। ब्लेड रनर के प्रीक्वेल और सीक्वेल बनाने का फ्रैंचाइज़ी अधिकार एलकॉन एंटरटेनमेंट ने २०११ में बड यॉर्किन और सिंथिया साइक्स यॉर्किन से खरीदे थे। वार्नर ब्रदर्स की फिल्म ब्लेड रनर (१९८२) के लिए फिलिप के डिक के उपन्यास 'डू एन्ड्रॉइडस ड्रीम ऑफ़ इलेक्ट्रिक शीप' का पटकथा रूपांतरण हैम्पटन फैंचर और डेविड पीपलस ने किया था। रिडले स्कॉट ने एलियन के बाद इस फिल्म के निर्देशन की कमान सम्हाली। फिल्म को विज़ुअल इफेक्ट्स और आर्ट डायरेक्शन की श्रेणी में नामांकित किया गया था। ब्लेड रनर को १९९३ में यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल फिल्म रजिस्ट्री ने 'सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सौन्दर्यपूर्ण महत्व' के लिहाज़ से लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस के लिए चुना था। विज़ुअल इफेक्ट्स सोसाइटी द्वारा २००७ में इसे सबसे ज़्यादा दृश्य प्रभाव वाली फिल्म बताया गया। १९८२ की ब्लेड रनर में रिक डेकार्ड का मुख्य किरदार हैरिसन फोर्ड ने किया था। जुलाई २०१६ शुरू होने जा रही फॉलो-अप फिल्म में भी रिक डेकार्ड का किरदार हैरिसन फोर्ड कर रहे हैं। चूंकि, पहली फिल्म से फॉलो-अप फिल्म के बीच ३४ साल का अंतराल है और हैरिसन फोर्ड उम्र में भी इतना ही इज़ाफ़ा हो चूका है, इसलिए फॉलो-अप फिल्म की कहानी तीस चालीस साल बाद की रखी गई है। एंड्रू कोसोव, ब्रॉडरिक जॉनसन के साथ थंडरबर्ड फिल्म्स के फ्रैंक गिउस्तरा और टिम गैम्बल और रिडले स्कॉट बतौर कार्यकारी निर्माता होंगे । इस फिल्म का छायांकन १३ बार के ऑस्कर नामित रॉजर डॉकिन्स करेंगे। रॉजर ने एलकॉन की प्रिजनरस और सिकरियो फिल्मों का छायांकन किया था। उन्हें सिकरियो के लिए भी नामांकन मिला है।
Labels:
Harrison Ford,
Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
पहली फ्लॉप फिल्म के बावजूद !
आज की बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस के नाम पर नज़र डालिये। प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा, सोनाक्षी सिन्हा, कटरीना कैफ, सोनम कपूर, जैक्विलिन फर्नांडीज, श्रद्धा कपूर, अलिया भट्ट, आदि के चेहरे आँखों के सामने घूम जाते हैं। प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा, आदि की पहली रिलीज़ फ़िल्में जहाँ हिट साबित हुई थी, वही बाकी की अभिनेत्रियों के करियर की फ्लॉप फिल्मों से हुई थी। कटरीना कैफ की पहली फिल्म बूम बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी। लगा कि वह तमाम अन्य अंग प्रदर्शन करने वाली विदेशी अभिनेत्रियों में से एक हैं। लेकिन, अक्षय कुमार की फिल्मों ने कैटरीना कैफ को आज के मुकाम तक पहुंचा दिया। सोनम कपूर की पहली फिल्म आयेशा भी फ्लॉप हुई थी। लेकिन, इस फिल्म ने सोनम को फैशन आइकॉन का दर्ज़ा दिलवाया था। बाद में सफलता की सीढ़ियां चढ़ती हुई सलमान खान की फिल्म प्रेम रतन धन पायो की नायिका बन गई। करीना कपूर की भी पहली फिल्म अभिषेक बच्चन के साथ रिफ्यूजी फ्लॉप हुई थी। लेकिन, मुझे कुछ कहना है, अजनबी और कभी ख़ुशी कभी गम के बाद उनके पैर इंडस्ट्री में जम गए। वह चारों खान अभिनेताओं की फिल्मों की नायिका बनी।
हिंदी सिनेमा का इतिहास ऎसी पहली फ्लॉप फिल्मों वाली अभिनेत्रियों से भरा हुआ है, जो इसके बावजूद बॉलीवुड फिल्मों में अपना सिक्का जमा पाने में कामयाब हुई। इन अभिनेत्रियों में लगन थी, काम के प्रति समर्पण था और अनुशासित थी। उन्होंने हर मौके को लपकने की कोशिश की। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और वह बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में अपना नाम दर्ज़ करा पाने में कामयाब हुई।
सत्तर के दशक में हेमा, रीना और परवीन
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी, जीनत अमान, नीतू सिंह, रीना रॉय, परवीन बाबी, आदि अभिनेत्रियों का डेब्यू हुआ था। हेमा मालिनी की पहली हिंदी फिल्म महेश कौल निर्देशित सपनों का सौदागर राजकपूर के साथ होने के बावजूद फ्लॉप हुई थी । लेकिन, अगली फिल्म वारिस हिट हो गई। इसके बाद धर्मेन्द्र के साथ तुम हसीं मैं जवान और शराफत ने हेमा मालिनी को टॉप की एक्ट्रेस का रास्ता दिखा दिया। नीतू सिंह की पहली फिल्म राजकपूर के बेटे रणबीर कपूर के साथ रिक्शा वाला सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, रणधीर कपूर के साथ अगली फिल्म कसमे वादे हिट हो गई। रंधीर के छोटे भाई ऋषि कपूर के साथ तो उनकी जोडी इतनी जमी की रियल लाइफ में भी बन गई। रीना रॉय के करियर की शुरुआत बी आर इशारा की रुकती बनती फिल्म नै दुनिया नए लोग से हुई थी। लेकिन, जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो फ्लॉप साबित हुई। इशारा की फिल्म फिल्म ज़रुरत ने उन्हें सेक्सी फिल्मों की ज़रुरत बना दिया। इसके बाद रीना रॉय ने जैसे को तैसा, मदहोश, ज़ख़्मी, आदि फिल्मों के ज़रिये धीरे धीरे अपना मुकाम बना लिया। उनकी जीतेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ जोड़ी खूब जमी।
सत्तर के दशक की फिल्मों के मॉडर्न चेहरे
सत्तर के दशक में, जब अमिताभ बच्चन की तूती बोल रही थी, बॉलीवुड को दो अल्ट्रा मॉडर्न चेहरे मिले। इन चेहरों की फ्लॉप शुरुआत हुई थी। जीनत अमान की भी पहली दो फ़िल्में हंगामा और हलचल फ्लॉप हुई। लेकिन देव आनंद की फिल्म हरे राम हरे कृष्ण के बाद वह बॉलीवुड में जम गई। हालाँकि, इस फिल्म में वह देव आनंद की बहन की भूमिका में थी, लेकिन, वह अपनी पर्सनालिटी के बल पर डॉन, द ग्रेट गैम्बलर, दोस्ताना, राम बलराम, लावारिस, आदि फिल्मों में अमिताभ बच्चन की नायिका बनी। एक साल तक वह बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस भी बनी। उन्ही की तरह सत्तर के दशक की हिंदी फिल्मों का मॉडर्न चेहरा परवीन बाबी भी थी। परवीन बाबी को विवादित फिल्म बनाने वाले फिल्मकार बीआर इशारा ने फिल्म ‘चरित्र’ में सलीम दुर्रानी के अपोजिट कास्ट किया था। चरित्र फ्लॉप हुई। लेकिन, अगली फिल्म मज़बूर बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म के साथ परवीन बाबी ने बॉलीवुड में तब के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की नायिका बनने तक का सफ़र तय कर लिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मजबूर के अलावा दीवार, अमर अकबर अन्थोनी, काला पत्थर, सुहाग, दो और दो पांच, शान, कालिया, देश प्रेमी, नमक हलाल, खुद्दार, महान और अमीर आदमी गरीब आदमी कीं। किमी काटकर का करियर छोटा रहा। उनकी पहली फिल्म पत्थर दिल फ्लॉप हुई थी। लेकिन, हेमंत बिर्जे के साथ एडवेंचर ऑफ़ टार्ज़न ने उन्हें मॉडर्न सेक्स बम साबित कर दिया। वह इस सफलता के बाद हम फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका बन पाने में कामयाब हुई।
अस्सी के दशक की फ्लॉप का टॉप
अस्सी के दशक में श्रीदेवी टॉप की अभिनेत्री हुआ करती थी। उनकी बतौर नायिका पहली हिंदी फिल्म अमोल पालेकर के साथ सोलहवां सावन फ्लॉप हुई थी। दूसरी फिल्म सदमा भी कुछ ख़ास नहीं कर सकी। फिर आई जीतेंद्र के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म हिम्मतवाला। यह फिल्म सुपर हिट हुई। श्रीदेवी की थंडर थइ ने हिंदी दर्शकों इतना आकर्षित किया कि वह सबसे सफल सेक्स बम बन गई। अब यह बात दीगर है कि अपनी अभिनय क्षमता के बूते वह टॉप पर पहुंची। उन्होंने अपने समय के सभी टॉप अभिनेताओं जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ कई फ़िल्में की। दक्षिण का एक दूसरा चेहरा मीनाक्षी शेषाद्री की पहली फिल्म राजीव गोस्वामी के साथ पेंटर बाबू सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, सुभाष घई की फिल्म हीरो (१९८३) ने उनका बॉलीवुड में टॉप तक पहुँचने का सफ़र शुरू करवा दिया। मीनाक्षी शेषाद्री भी अमिताभ बच्चन की फिल्मों की नायिका बनी। उन्होंने भी शहंशाह, गंगा जमुना सरस्वती, अकेला और तूफ़ान जैसी फ़िल्में अमिताभ बच्चन के साथ की। गोविंदा की फिल्मों की डांसिंग स्टार नीलम कोठारी का करियर भी फ्लॉप फिल्म जवानी (१९८४) से शुरू हुआ था। लेकिन, गोविंदा के साथ अगली फिल्म लव ८६ के हिट होते ही, वह अगले दस सालों तक हिंदी की तमाम बड़ी फिल्मों की नायिका बनी । माधुरी दीक्षित ने राजश्री की फिल्म अबोध से फ्लॉप बॉलीवुड डेब्यू किया था। उन्हें हिट एक्ट्रेस का दर्ज़ा दसवी फिल्म के बाद मिला। यह फिल्म थी चंदू नार्वेकर यानि एन चन्द्र की फिल्म ‘तेज़ाब' ।इस फिल्म के बाद माधुरी दीक्षित टॉप की हीरोइन बनने की ओर तेज़ी से बढ़ी। वह शायद इकलौती ऎसी अभिनेत्री थी, जो किसी भी फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका नहीं बनी, फिर भी टॉप की हीरोइन मानी गई। जूही चावला के शुरुआत सनी देओल की फ्लॉप फिल्म सल्तनत से हुई, जिसमे वह शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर की नायिका थी। उन्हें दो साल बाद ही बड़ी सफलता मिली आमिर खान के साथ रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक से।
फ्लॉप फिल्म की रानी का ऐश्वर्य
नब्बे के दशक में तीन बंगाली अभिनेत्रियों का आगमन हुआ। हालाँकि, इन तीनों की शुरुआत फ्लॉप फिल्मों से हुई। पहले आई काजोल। उनकी कमल सडाना के साथ पहली फिल्म बेखुदी १९९२ में रिलीज़ हुई और बुरी तरह से फ्लॉप हुई। लेकिन, अगले ही साल शाहरुख़ खान के साथ फिल्म बाज़ीगर ने काजोल को स्थापित कर दिया। वह टॉप पर पहुंची। काजोल की कजिन रानी मुख़र्जी ने १९९७ में ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म डेब्यू किया । हालाँकि,ऐश्वर्या राय के पास मिस वर्ल्ड का ऐश्वर्य था। लेकिन, उनकी पहली तमिल और हिंदी फ़िल्में फ्लॉप हुई। ऐश्वर्य की पहली फिल्म बॉबी देओल के साथ और प्यार हो गया बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। ऐश्वर्या राय को टॉप पर पहुँचने का ऐश्वर्या मिला संजय लीला भंसाली की सलमान खान के साथ फिल्म हम दिल दे चुके सनम से। इस फिल्म में नंदिनी की भूमिका से ऐश्वर्या बॉलीवुड पर छा गई। दूसरी ओर रानी मुख़र्जी को भी एक खान अभिनेता का साथ मिला। अमजद खान के बेटे शादाब के साथ फिल्म राजा की आएगी बरात से असफल शुरुआत करने वाली रानी मुख़र्जी की आमिर खान के साथ विक्रम भट्ट की फिल्म सुपर हिट हो गई। इन फिल्मों के साथ ही रानी मुख़र्जी बॉलीवुड की रानी बन गई और ऐश्वर्या को स्टारडम का ऐश्वर्य मिल गया। प्रीटी जिंटा की पहली फिल्म मणि रत्नम की शाहरुख़ खान के साथ फिल्म दिल से फ्लॉप हुई थी। अब्बास मुस्तान की फिल्म सोल्जर ने उन्हें हिट बना दिया। करिश्मा कपूर की १९९१ में प्रेम कैदी के साथ शुरुआत भी खराब हुई थी। लेकिन, धीरे धीरे उनके कदम जमते चले गए। उन्होंने सलमान खान और गोविंदा के साथ हिट जोड़ी बनाई।
फ्लॉप शुरुआत करने वाले हिट चेहरे
हिंदी सिनेमा का इतिहास ऎसी पहली फ्लॉप फिल्मों वाली अभिनेत्रियों से भरा हुआ है, जो इसके बावजूद बॉलीवुड फिल्मों में अपना सिक्का जमा पाने में कामयाब हुई। इन अभिनेत्रियों में लगन थी, काम के प्रति समर्पण था और अनुशासित थी। उन्होंने हर मौके को लपकने की कोशिश की। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और वह बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में अपना नाम दर्ज़ करा पाने में कामयाब हुई।
सत्तर के दशक में हेमा, रीना और परवीन
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी, जीनत अमान, नीतू सिंह, रीना रॉय, परवीन बाबी, आदि अभिनेत्रियों का डेब्यू हुआ था। हेमा मालिनी की पहली हिंदी फिल्म महेश कौल निर्देशित सपनों का सौदागर राजकपूर के साथ होने के बावजूद फ्लॉप हुई थी । लेकिन, अगली फिल्म वारिस हिट हो गई। इसके बाद धर्मेन्द्र के साथ तुम हसीं मैं जवान और शराफत ने हेमा मालिनी को टॉप की एक्ट्रेस का रास्ता दिखा दिया। नीतू सिंह की पहली फिल्म राजकपूर के बेटे रणबीर कपूर के साथ रिक्शा वाला सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, रणधीर कपूर के साथ अगली फिल्म कसमे वादे हिट हो गई। रंधीर के छोटे भाई ऋषि कपूर के साथ तो उनकी जोडी इतनी जमी की रियल लाइफ में भी बन गई। रीना रॉय के करियर की शुरुआत बी आर इशारा की रुकती बनती फिल्म नै दुनिया नए लोग से हुई थी। लेकिन, जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो फ्लॉप साबित हुई। इशारा की फिल्म फिल्म ज़रुरत ने उन्हें सेक्सी फिल्मों की ज़रुरत बना दिया। इसके बाद रीना रॉय ने जैसे को तैसा, मदहोश, ज़ख़्मी, आदि फिल्मों के ज़रिये धीरे धीरे अपना मुकाम बना लिया। उनकी जीतेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ जोड़ी खूब जमी।
सत्तर के दशक की फिल्मों के मॉडर्न चेहरे
सत्तर के दशक में, जब अमिताभ बच्चन की तूती बोल रही थी, बॉलीवुड को दो अल्ट्रा मॉडर्न चेहरे मिले। इन चेहरों की फ्लॉप शुरुआत हुई थी। जीनत अमान की भी पहली दो फ़िल्में हंगामा और हलचल फ्लॉप हुई। लेकिन देव आनंद की फिल्म हरे राम हरे कृष्ण के बाद वह बॉलीवुड में जम गई। हालाँकि, इस फिल्म में वह देव आनंद की बहन की भूमिका में थी, लेकिन, वह अपनी पर्सनालिटी के बल पर डॉन, द ग्रेट गैम्बलर, दोस्ताना, राम बलराम, लावारिस, आदि फिल्मों में अमिताभ बच्चन की नायिका बनी। एक साल तक वह बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस भी बनी। उन्ही की तरह सत्तर के दशक की हिंदी फिल्मों का मॉडर्न चेहरा परवीन बाबी भी थी। परवीन बाबी को विवादित फिल्म बनाने वाले फिल्मकार बीआर इशारा ने फिल्म ‘चरित्र’ में सलीम दुर्रानी के अपोजिट कास्ट किया था। चरित्र फ्लॉप हुई। लेकिन, अगली फिल्म मज़बूर बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म के साथ परवीन बाबी ने बॉलीवुड में तब के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की नायिका बनने तक का सफ़र तय कर लिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मजबूर के अलावा दीवार, अमर अकबर अन्थोनी, काला पत्थर, सुहाग, दो और दो पांच, शान, कालिया, देश प्रेमी, नमक हलाल, खुद्दार, महान और अमीर आदमी गरीब आदमी कीं। किमी काटकर का करियर छोटा रहा। उनकी पहली फिल्म पत्थर दिल फ्लॉप हुई थी। लेकिन, हेमंत बिर्जे के साथ एडवेंचर ऑफ़ टार्ज़न ने उन्हें मॉडर्न सेक्स बम साबित कर दिया। वह इस सफलता के बाद हम फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका बन पाने में कामयाब हुई।
अस्सी के दशक की फ्लॉप का टॉप
अस्सी के दशक में श्रीदेवी टॉप की अभिनेत्री हुआ करती थी। उनकी बतौर नायिका पहली हिंदी फिल्म अमोल पालेकर के साथ सोलहवां सावन फ्लॉप हुई थी। दूसरी फिल्म सदमा भी कुछ ख़ास नहीं कर सकी। फिर आई जीतेंद्र के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म हिम्मतवाला। यह फिल्म सुपर हिट हुई। श्रीदेवी की थंडर थइ ने हिंदी दर्शकों इतना आकर्षित किया कि वह सबसे सफल सेक्स बम बन गई। अब यह बात दीगर है कि अपनी अभिनय क्षमता के बूते वह टॉप पर पहुंची। उन्होंने अपने समय के सभी टॉप अभिनेताओं जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ कई फ़िल्में की। दक्षिण का एक दूसरा चेहरा मीनाक्षी शेषाद्री की पहली फिल्म राजीव गोस्वामी के साथ पेंटर बाबू सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, सुभाष घई की फिल्म हीरो (१९८३) ने उनका बॉलीवुड में टॉप तक पहुँचने का सफ़र शुरू करवा दिया। मीनाक्षी शेषाद्री भी अमिताभ बच्चन की फिल्मों की नायिका बनी। उन्होंने भी शहंशाह, गंगा जमुना सरस्वती, अकेला और तूफ़ान जैसी फ़िल्में अमिताभ बच्चन के साथ की। गोविंदा की फिल्मों की डांसिंग स्टार नीलम कोठारी का करियर भी फ्लॉप फिल्म जवानी (१९८४) से शुरू हुआ था। लेकिन, गोविंदा के साथ अगली फिल्म लव ८६ के हिट होते ही, वह अगले दस सालों तक हिंदी की तमाम बड़ी फिल्मों की नायिका बनी । माधुरी दीक्षित ने राजश्री की फिल्म अबोध से फ्लॉप बॉलीवुड डेब्यू किया था। उन्हें हिट एक्ट्रेस का दर्ज़ा दसवी फिल्म के बाद मिला। यह फिल्म थी चंदू नार्वेकर यानि एन चन्द्र की फिल्म ‘तेज़ाब' ।इस फिल्म के बाद माधुरी दीक्षित टॉप की हीरोइन बनने की ओर तेज़ी से बढ़ी। वह शायद इकलौती ऎसी अभिनेत्री थी, जो किसी भी फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका नहीं बनी, फिर भी टॉप की हीरोइन मानी गई। जूही चावला के शुरुआत सनी देओल की फ्लॉप फिल्म सल्तनत से हुई, जिसमे वह शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर की नायिका थी। उन्हें दो साल बाद ही बड़ी सफलता मिली आमिर खान के साथ रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक से।
फ्लॉप फिल्म की रानी का ऐश्वर्य
नब्बे के दशक में तीन बंगाली अभिनेत्रियों का आगमन हुआ। हालाँकि, इन तीनों की शुरुआत फ्लॉप फिल्मों से हुई। पहले आई काजोल। उनकी कमल सडाना के साथ पहली फिल्म बेखुदी १९९२ में रिलीज़ हुई और बुरी तरह से फ्लॉप हुई। लेकिन, अगले ही साल शाहरुख़ खान के साथ फिल्म बाज़ीगर ने काजोल को स्थापित कर दिया। वह टॉप पर पहुंची। काजोल की कजिन रानी मुख़र्जी ने १९९७ में ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म डेब्यू किया । हालाँकि,ऐश्वर्या राय के पास मिस वर्ल्ड का ऐश्वर्य था। लेकिन, उनकी पहली तमिल और हिंदी फ़िल्में फ्लॉप हुई। ऐश्वर्य की पहली फिल्म बॉबी देओल के साथ और प्यार हो गया बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। ऐश्वर्या राय को टॉप पर पहुँचने का ऐश्वर्या मिला संजय लीला भंसाली की सलमान खान के साथ फिल्म हम दिल दे चुके सनम से। इस फिल्म में नंदिनी की भूमिका से ऐश्वर्या बॉलीवुड पर छा गई। दूसरी ओर रानी मुख़र्जी को भी एक खान अभिनेता का साथ मिला। अमजद खान के बेटे शादाब के साथ फिल्म राजा की आएगी बरात से असफल शुरुआत करने वाली रानी मुख़र्जी की आमिर खान के साथ विक्रम भट्ट की फिल्म सुपर हिट हो गई। इन फिल्मों के साथ ही रानी मुख़र्जी बॉलीवुड की रानी बन गई और ऐश्वर्या को स्टारडम का ऐश्वर्य मिल गया। प्रीटी जिंटा की पहली फिल्म मणि रत्नम की शाहरुख़ खान के साथ फिल्म दिल से फ्लॉप हुई थी। अब्बास मुस्तान की फिल्म सोल्जर ने उन्हें हिट बना दिया। करिश्मा कपूर की १९९१ में प्रेम कैदी के साथ शुरुआत भी खराब हुई थी। लेकिन, धीरे धीरे उनके कदम जमते चले गए। उन्होंने सलमान खान और गोविंदा के साथ हिट जोड़ी बनाई।
फ्लॉप शुरुआत करने वाले हिट चेहरे
श्रद्धा कपूर की बतौर नायिका पहली फिल्म ‘लव का द एंड’ बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी। लेकिन, फिल्म आशिकी २ ने उन्हें आज के दौर की सबसे सफल नायिका की कतार में ला दिया। जक्विलिने फर्नांडिस की पहली दो फ़िल्में अलादीन और जाने कहाँ से आई है फ्लॉप हुई थी। उन्हें सफलता मिली अक्षय कुमार के साथ फिल्म हाउसफुल से। किक में वह सलमान खान की नायिका बनी। एमी जैक्सन की पहली हिंदी फिल्म एक दीवाना था फ्लॉप हुई थी। सिंह इज़ ब्लिंग में अपने एक्शन दृश्यों से उन्होंने दर्शकों का ध्यान खींचा। अलिया भट्ट की पहली फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर हिट फिल्मों में शुमार नहीं होती। लेकिन, अलिया हिट हैं।
इस साल भी कुछ नए चेहरे वाली फ़िल्में दर्शकों के सामने होंगे। इनमे काफी फ़िल्में फ्लॉप हो जाएंगी। इसके बावजूद सनम तेरी कसम की मावरा हुसैन, इश्क़ फॉरएवर की रूही सिंह, लव शुदा की नवनीत कौर, तेरा सुरूर की फराह करीमी, यह लाल रंग की पिया बाजपेयी, फैन की वलूशा डिसूज़ा और श्रेया पिलगांवकर, मिर्ज़या की सैयमी खेर, राज़ रिबाउंड की कीर्ति खरबंदा, रईस की माहिरा खान, हैप्पी भाग जाएगी की मोमल शेख, मोहन जोदड़ो की पूजा हेगड़े, शिवाय की सयेशा सहगल, आदि कतई निराश नहीं होंगी। ऊपर के तमाम उदाहरण उन्हें उत्साहित करते रहेंगे कि शुक्रवार बदलते देर नहीं होगी।
अल्पना कांडपाल
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सलमान अहमद की 'रिदम् ' का जूनून
पाकिस्तानी बैंड 'जूनून' के सूफी गीत 'सैयोनी' की दिलो दिमाग पर छा जाने वाली धुन और इस गीत के म्यूजिक वीडियो में सलमान अहमद, नुसरत हुसैन और अली अजमत की त्रिमूर्ति आज भी आँखों के सामने घूम जाती है। इस तिकड़ी के एक सदस्य और बैंड जूनून के संस्थापक सलमान अहमद एक बार फिर हिंदुस्तान के संगीत प्रेमियों को मुग्ध करने आ रहे हैं। सलमान अहमद ने एक बॉलीवुड फिल्म रिदम् के दो गीतों का म्यूजिक दिया है। इसके अलावा वह इस फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस में भी नज़र आएंगे। फिल्म के निर्देशक विवेक कुमार कहते हैं,"सैयो नी में दिमाग से मिट नहीं सकता। मैं जब सलमान अहमद के संपर्क में आया तो उन्हें मेरा विचार पसंद आया। मैं जो मेलोडी चाहता था, वह इस फिल्म के गीतों में है।" रिदम् एक म्यूजिकल रोमांस फिल्म है। इस फिल्म में कनाडियन एक्टर अदील चौधरी मुख्य भूमिका में हैं। वह म्यूजिक कंपोजर भी हैं। फिल्म के संगीत में भी उनका योगदान है। फिल्म की नायिका रिनिल रॉथ जर्मन हैं। वह कत्थक सहित नृत्य के लगभग सभी विधाओं में पारंगत हैं। बॉलीवुड फिल्म दर्शकों को सलमान अहमद की रिदम् का जूनून १९ फरवरी को महसूस करने का मौका मिलेगा।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 3 February 2016
यह 'बर्ड्स' इतनी 'एंग्री' क्यों हैं !
विडियो गेम्स सीरीज की फिल्मों से ३ जून २०१६ को एक नया नाम एंग्री बर्ड्स का भी जुड़ जायेगा। इस लोकप्रिय वीडियो गेम पर आधारित कंप्यूटर एनिमेटेड ३ डी फिल्म 'द एंग्री बर्ड्स मूवी (३डी) का निर्देशन, जॉन विट्टी की स्क्रिप्ट पर फरगल राइली और क्ले कैटिस की जोड़ी ने किया है। हिंदी और इंग्लिश में रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म को देख कर दर्शक जान पाएंगे कि यह न उड़ सकने वाली चिड़ियाँ इतनी नाराज़ क्यों हैं ! वैसे फिल्म की कहानी एक टापू में न उड़ सकने वाली चिड़ियाओं पर केंद्रित है। जो अपने आप में बेहद खुश हैं। इस खुशियों से भरी दुनिया में चिड़चिड़ी रेड, तेज़ भागने वाली चक और अस्थिर-चित्त बॉम्ब इस दुनिया की लगती ही नहीं हैं। लेकिन, जब रहस्यपूर्ण हरे सुंवर पहुँचते हैं, तो उनके उद्देश्य को पता लगाने का जिम्मा रेड, चक और बॉम्ब ही उठाते हैं। इन एनिमेटेड किरदारों रेड, चक और बॉम्ब को आवाज़ वी आर द मिलर्स और हॉरिबल बॉसेस के जैसन सुडीकिस, फ्रोजेन के बाद जॉश गाड और दिस इज़ द एंड, ईस्टबाउंड और डाउन के डैनी मैकब्राइड ने क्रमशः दी है। बिल हैडर ने सुंवरों के राजा लियोनार्ड और पीटर डिंक्लेज ने माइटी ईगल किरदार को आवाज़ दी है। इस फिल्म को अमेरिका और फ़िनलैंड के सहयोग से बनाया गया है। देखिये फिल्म का ट्रेलर -
Labels:
Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
छाया रहेगा बॉलीवुड फिल्मों पर विदेशी रंग
खबर है कि पाकिस्तानी सिंगर गुलाम अली 'घर वापसी' करेंगे। किसी सेक्युलर और कम्युनल को चौंकने की ज़रुरत नहीं। गुलाम अली पाकिस्तान से हिंदुस्तान नहीं आ रहे कि घर वापसी हो। यह सुहैब इल्यासी की आगामी फिल्म का टाइटल है। इस फिल्म के लिए पिछले दिनों गुलाम अली ने चुपके चुपके शूटिंग की और गीत की और एक गीत की रिकॉर्डिंग भी । यह एक देशभक्ति से भरा गीत है, जिसके बोल कुछ यो हैं- अपनी मिटटी की खुशबू हैं रागों में यह बसी है...चूमेंगे इसको शान से हमको तो प्यारा है यह वतन अपनी जान से। घर वापसी में अलोक नाथ, फरीदा जलाल, रीमा लागू, दीपक तिजोरी और ज़रीना वहाब भी अभिनय कर रहे हैं।
शिवसेना या महाराष्ट्र नव निर्माण सेना चाहे जितना ज़ोर लगा दे, पाकिस्तान से दोयम दर्ज़े के टैलेंट का आना ज़ारी है। गुलाम अली तो खैर एक छोटी भूमिका में हैं। सुहैब ने निश्चित तौर पर उन्हें उनके साथ जुड़े विवादों का फायदा उठाने के मक़सद से फिल्म में लिया होगा। सुहैब की आदत विवादों से फायदा उठाने की रही है। यह देखने वाली बात होगी कि सुहैब इल्यासी की बुजुर्ग कलाकारों वाली फिल्म केवल गुलाम अली के आकर्षण के कारण कितनी बड़ी हिट होती है ?
मिश्रित रक्त वाली अभिनेत्रियां
लेकिन जहाँ तक बॉलीवुड की बात है, हिंदी फ़िल्में अब पाकिस्तानी और मिश्रित रक्त वाले एक्टर्स का जमावड़ा बन गई है। विदेशी कलाकारों की भरमार हो रही है। अब हर दूसरी फिल्म में कोई पाकिस्तानी, ईरानी या मिश्रित रक्त वाला या विदेशी एक्टर नज़र आता है। अभी २२ जनवरी को रिलीज़ अक्षय कुमार की फिल्म एयरलिफ्ट के साथ एकता कपूर के बैनर की फिल्म क्या कूल हैं हम ३ रिलीज़ हुई थी। इस पोर्न फिल्मों के दो एक्टरों की कहानी में मेरी ली और संस्कार की भूमिका में बड़ी छातियों वाली राजस्थान से कैथोलिक क्रिस्चियन और पंजाबी रक्त वाली अभिनेत्री गिज़ेल ठकराल केवल अपनी छातियों के कारण ही सीटियां पाती हैं। बॉलीवुड गिज़ेल की छातियों पर लट्टू नज़र आता है। क्योंकि, वह अगले ही हफ्ते यानि २९ जनवरी को एक दूसरी एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'मस्तीज़ादे' में तितली बूबना के किरदार में नज़र आती हैं। कोई शक नहीं अगर उन्हें एडल्ट फिल्मों में स्थाई तौर पर देखा जाने लगे। क्या कूल हैं हम ३ की नायिका मंदना करीमी ईरान में जन्मी भारतीय मुस्लमान पिता और ईरानी माँ की संतान हैं। वह भाग जॉनी और मैं और चार्ल्स जैसी फ़िल्में भी कर चुकी हैं। क्या कूल हैं हम ३ में साक्षी का किरदार करने वाली क्लॉडिया सिएस्ला पोलिश-जर्मन मॉडल हैं। वह कई भारतीय उत्पादों की मॉडल बनने के अलावा अक्षय कुमार की फिल्म खिलाडी ७८६ और देसी कट्टे जैसी हिंदी फ़िल्में भी कर चुकी हैं।
बॉलीवुड की सेक्स कॉमेडी या इरोटिक कॉमेडी या एडल्ट कॉमेडी फिल्मों की एक्टर्स के रूप में सनी लियॉन स्थापित हो गई हैं। वह कनाडियन बोर्न पोर्न फिल्म स्टार हैं। वह लगभग एक दर्जन हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। वह मस्तीज़ादे के बाद वन नाईट स्टैंड और बेईमान लव में भी नज़र अाएंगी। एक चैनल के इंटरव्यू के बाद हिंदुस्तानी फिल्म दर्शकों में उनके प्रति सहानुभूति लहर है। इसका नतीज़ा मस्तीज़ादे के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर देखा जा सकेगा ।
विदेश से आई मिश्रित रक्त वाली अभिनेत्रियों में लिसा रे भी हैं। लिसा रे हिंदी फिल्म इश्क़ फॉरएवर से वापसी कर आ रही हैं। टोरंटो कनाडा में जन्मी लिसा के पिता बंगाली हिन्दू है और माँ पोलिश हैं। लिसा ने विक्रम भट्ट की फिल्म कसूर से २००१ में डेब्यू किया था। तेरे बिन लादेन डेड ऑर अलाइव में जूनियर का किरदार करने वाली मिया उदेया कनाडा से हैं। उन्हें उनके पिता के बारे में मालूम नहीं, लेकिन उनकी माँ फ्रेंच कनाडियन हैं। वह किंगफ़िशर कैलेंडर की मॉडल बनने के बाद उन्हें हिंदी फिल्मों में छोटे रोल और रियलिटी शोज मिलने लगे। फिल्म रॉकी हैंडसम में जॉन अब्राहम के साथ एना का किरदार कर रही ब्राज़ीलियाई मॉडल नतालिया कौर की पुर्तगाली हैं और पिता पुर्तगाल और भारतीय रक्त का मिश्रण हैं । आयशा, रास्कल्स, क्वीन और द शौक़ीनस में अभिनय चुकी लिसा हेडन चेन्नई में जन्मी है। वह ऑस्ट्रेलिया में पली बढ़ी। उनके पिता भारतीय हैं और माँ ऑस्ट्रेलियाई। संता बंता, हाउसफूल ३ और बादशाहो उनकी आगामी कुछ फ़िल्में हैं।
विदेशी चेहरों से हाउसफुल
साजिद खान की शुरू हाउसफुल सीरीज की तीसरी फिल्म हाउसफुल ३ विदेशी एक्ट्रेसों के बॉलीवुड में जमावड़े का ख़ास उदहारण है। इस फिल्म के तीन नायकों अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन और रितेश देशमुख के साथ जैक्विलिन फर्नांडीज, नर्गिस फाखरी, लिसा हेडन और एली एवरम के रोमांटिक किरदार हैं। मिकी वायरस और किस किस को प्यार करू में मुख्य भूमिका कर चुकी एली एवरम जून में रिलीज़ हो रही फिल्म हाउसफुल ३' में ख़ास भूमिका में हैं। इस फिल्म में अक्षय कुमार की नायिका श्रीलंकाई एक्ट्रेस जैक्विलिन फर्नेंडीज, अभिषेक बच्चन की नायिका अमेरिका से आई पाकिस्तानी पिता और चेक माँ की माँ नर्गिस फाखरी है और रितेश देशमुख की नायिका ऑस्ट्रेलियाई लिसा हेडन हैं। एली एवरम स्वीडिश एक्ट्रेस हैं। जैक्विलिन, हाउसफुल ३ के अलावा ढिशूम, अ फ्लाइंग जट्ट और अक्कोर्डिंग टू मैथ्यू में भी अभिनय कर रही हैं। ढिशूम में नर्गिस फाखरी का कैमिया है। वह इस फिल्म के अलावा अज़हर, हेरा फेरी ३ और बैंजो में भी नज़र आएँगी। कुछ अन्य विदेशी एक्ट्रेस में कैटरीना कैफ बॉलीवुड में सबसे सफल एक्ट्रेस हैं। उनकी आगामी फिल्मों में फितूर, जग्गा जासूस और बार बार देखो उल्लेखनीय हैं। ब्रितानी फिल्म अभिनेत्री एमी जैक्सन बॉलीवुड के अलावा दक्षिण की फिल्मों में भी सफल हैं। हालाँकि, उनका फिल्म एक बेचारा था से डेब्यू असफल रहा था। लेकिन, सिंह इज़ ब्लिंग के बाद उनका सितारा बुलंद है। वह रजनीकांत के साथ फिल्म रोबोट के सीक्वल में नायिका हैं। यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज़ होगी।
पाकिस्तान से तो.....!
बॉलीवुड में पाकिस्तान के कलाकारों का आना हमेशा जारी रहता है। हालिया सालों में मीरा, इमरान अब्बास, हुमैमा मालिक, वीणा मलिक, आदि जैसे पाकिस्तानी कलाकार इक्का दुक्का फ़िल्में कर के पाकिस्तान घर वापसी कर चुके हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान से कथित टैलेंट के आने का सिलसिला जारी है। इस साल पाकिस्तान से कुछ नए चहरे आएंगे और कुछ पहले के एक्टर्स अगली फिल्मों में नज़र आएंगे।
सनम तेरी कसम- निर्देशक जोड़ी राधिका राव और विनय सप्रू की रोमांस फिल्म ' सनम तेरी कसम' से दो नए चेहरों का बॉलीवुड डेब्यू हो रहा है। फिल्म के नायक हर्षवर्धन राणे कई तेलुगु फिल्मों में काम कर चुके हैं। फिल्म में उनकी नायिका पाकिस्तान के आहिस्ता आहिस्ता, निखार गए गुलाब सारे, जैसे टीवी सीरियलों की अभिनेत्री मावरा हुसैन हैं। मावरा २४ साल की हैं। वह पिछले दिनों पाकिस्तान में सैफअली खान की फिल्म 'फैंटम' की रिलीज़ का विरोध करने वालों के खिलाफ ट्वीट करने के कारण सुर्ख़ियों में आई। खबर है कि दो अन्य बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी उन्हें साइन किया गया है।
दो फिल्मों में फव्वाद खान
कपूर एंड संस में सिद्धार्थ मल्होत्रा और अलिया के साथ एक कपूर भाई अविनाश की भूमिका में दिखाई देंगे। इस फिल्म के अलावा वह करण जौहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में अपने पाकिस्तानी साथी इमरान अब्बास नक़वी के साथ नज़र आएंगे।
रिदम के साथ अदील चौधरी
फवाद खान और अली ज़फर की सफलता के बाद पाकिस्तान की सनसनी अभिनेता अदील चौधरी बॉलीवुड में सनसनी बनना चाहते हैं। अदील भी अली ज़फर की तरह एक्टर सिंगर हैं। उनके पाकिस्तानी टीवी सीरियल कैसे तुमसे कहूँ को बड़ी सफलता मिली थी। इस सीरियल के बाद अदील ने पेप्सी के विज्ञापन से भारत के टेलीविज़न दर्शकों को अपना परिचय दिया। उनका एल्बम कोई चेहरा ब्लॉकबस्टर साबित हुआ। उन्हें अपने हिट गीत मूव योर बॉडी के लिए एमटीवी अवार्ड मिला। इस एल्बम के वीडियो को शाहिद कपूर और विद्या बालन पर शूट किया गया था। शाहरुख़ खान के साथ एक के बाद तीन विज्ञापन करने के अदील लेखक-निर्देशक विवेक कुमार की म्यूजिकल रोमांस फिल्म 'रदम' से फिल्म डेब्यू कर रहे हैं।
रईस शाहरुख़ खान के साथ माहिरा खान
फिल्म रईस में शाहरुख़ खान की पाकिस्तान सुंदरी माहिरा खान ने २०११ में सीरियल हमसफ़र से टेलीविज़न डेब्यू किया था। इसी साल वह शोएब मंसूर की फिल्म 'बोल' में आयेशा का किरदार में नज़ा आई। पिछले साल उनकी फिल्म बिन रोये रिलीज़ हुई थी। महिरा का बॉलीवुड डेब्यू राहुल ढोलकिया की गुजरात के एक डॉन पर फिल्म 'रईस' में खान की नायिका के बतौर हो रहा है।
कुछ दूसरे चेहरे
निर्देशक मुदस्सर अज़ीज़ की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म हैप्पी भाग जाएगी मे पाकिस्तान की एक्ट्रेस मोमल शेख सेकंड लीड में नज़र आएंगी । पाकिस्तान टीवी के यह ज़िन्दगी है, मिरत उल उरूस, कुदरत और मुझे खुद पे यक़ीन है जैसे सीरियलों से मशहूर मोमल शेख ३५ साल की हैं और विवाहित हैं।
शिवसेना या महाराष्ट्र नव निर्माण सेना चाहे जितना ज़ोर लगा दे, पाकिस्तान से दोयम दर्ज़े के टैलेंट का आना ज़ारी है। गुलाम अली तो खैर एक छोटी भूमिका में हैं। सुहैब ने निश्चित तौर पर उन्हें उनके साथ जुड़े विवादों का फायदा उठाने के मक़सद से फिल्म में लिया होगा। सुहैब की आदत विवादों से फायदा उठाने की रही है। यह देखने वाली बात होगी कि सुहैब इल्यासी की बुजुर्ग कलाकारों वाली फिल्म केवल गुलाम अली के आकर्षण के कारण कितनी बड़ी हिट होती है ?
मिश्रित रक्त वाली अभिनेत्रियां
लेकिन जहाँ तक बॉलीवुड की बात है, हिंदी फ़िल्में अब पाकिस्तानी और मिश्रित रक्त वाले एक्टर्स का जमावड़ा बन गई है। विदेशी कलाकारों की भरमार हो रही है। अब हर दूसरी फिल्म में कोई पाकिस्तानी, ईरानी या मिश्रित रक्त वाला या विदेशी एक्टर नज़र आता है। अभी २२ जनवरी को रिलीज़ अक्षय कुमार की फिल्म एयरलिफ्ट के साथ एकता कपूर के बैनर की फिल्म क्या कूल हैं हम ३ रिलीज़ हुई थी। इस पोर्न फिल्मों के दो एक्टरों की कहानी में मेरी ली और संस्कार की भूमिका में बड़ी छातियों वाली राजस्थान से कैथोलिक क्रिस्चियन और पंजाबी रक्त वाली अभिनेत्री गिज़ेल ठकराल केवल अपनी छातियों के कारण ही सीटियां पाती हैं। बॉलीवुड गिज़ेल की छातियों पर लट्टू नज़र आता है। क्योंकि, वह अगले ही हफ्ते यानि २९ जनवरी को एक दूसरी एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'मस्तीज़ादे' में तितली बूबना के किरदार में नज़र आती हैं। कोई शक नहीं अगर उन्हें एडल्ट फिल्मों में स्थाई तौर पर देखा जाने लगे। क्या कूल हैं हम ३ की नायिका मंदना करीमी ईरान में जन्मी भारतीय मुस्लमान पिता और ईरानी माँ की संतान हैं। वह भाग जॉनी और मैं और चार्ल्स जैसी फ़िल्में भी कर चुकी हैं। क्या कूल हैं हम ३ में साक्षी का किरदार करने वाली क्लॉडिया सिएस्ला पोलिश-जर्मन मॉडल हैं। वह कई भारतीय उत्पादों की मॉडल बनने के अलावा अक्षय कुमार की फिल्म खिलाडी ७८६ और देसी कट्टे जैसी हिंदी फ़िल्में भी कर चुकी हैं।
बॉलीवुड की सेक्स कॉमेडी या इरोटिक कॉमेडी या एडल्ट कॉमेडी फिल्मों की एक्टर्स के रूप में सनी लियॉन स्थापित हो गई हैं। वह कनाडियन बोर्न पोर्न फिल्म स्टार हैं। वह लगभग एक दर्जन हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। वह मस्तीज़ादे के बाद वन नाईट स्टैंड और बेईमान लव में भी नज़र अाएंगी। एक चैनल के इंटरव्यू के बाद हिंदुस्तानी फिल्म दर्शकों में उनके प्रति सहानुभूति लहर है। इसका नतीज़ा मस्तीज़ादे के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर देखा जा सकेगा ।
विदेश से आई मिश्रित रक्त वाली अभिनेत्रियों में लिसा रे भी हैं। लिसा रे हिंदी फिल्म इश्क़ फॉरएवर से वापसी कर आ रही हैं। टोरंटो कनाडा में जन्मी लिसा के पिता बंगाली हिन्दू है और माँ पोलिश हैं। लिसा ने विक्रम भट्ट की फिल्म कसूर से २००१ में डेब्यू किया था। तेरे बिन लादेन डेड ऑर अलाइव में जूनियर का किरदार करने वाली मिया उदेया कनाडा से हैं। उन्हें उनके पिता के बारे में मालूम नहीं, लेकिन उनकी माँ फ्रेंच कनाडियन हैं। वह किंगफ़िशर कैलेंडर की मॉडल बनने के बाद उन्हें हिंदी फिल्मों में छोटे रोल और रियलिटी शोज मिलने लगे। फिल्म रॉकी हैंडसम में जॉन अब्राहम के साथ एना का किरदार कर रही ब्राज़ीलियाई मॉडल नतालिया कौर की पुर्तगाली हैं और पिता पुर्तगाल और भारतीय रक्त का मिश्रण हैं । आयशा, रास्कल्स, क्वीन और द शौक़ीनस में अभिनय चुकी लिसा हेडन चेन्नई में जन्मी है। वह ऑस्ट्रेलिया में पली बढ़ी। उनके पिता भारतीय हैं और माँ ऑस्ट्रेलियाई। संता बंता, हाउसफूल ३ और बादशाहो उनकी आगामी कुछ फ़िल्में हैं।
विदेशी चेहरों से हाउसफुल
साजिद खान की शुरू हाउसफुल सीरीज की तीसरी फिल्म हाउसफुल ३ विदेशी एक्ट्रेसों के बॉलीवुड में जमावड़े का ख़ास उदहारण है। इस फिल्म के तीन नायकों अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन और रितेश देशमुख के साथ जैक्विलिन फर्नांडीज, नर्गिस फाखरी, लिसा हेडन और एली एवरम के रोमांटिक किरदार हैं। मिकी वायरस और किस किस को प्यार करू में मुख्य भूमिका कर चुकी एली एवरम जून में रिलीज़ हो रही फिल्म हाउसफुल ३' में ख़ास भूमिका में हैं। इस फिल्म में अक्षय कुमार की नायिका श्रीलंकाई एक्ट्रेस जैक्विलिन फर्नेंडीज, अभिषेक बच्चन की नायिका अमेरिका से आई पाकिस्तानी पिता और चेक माँ की माँ नर्गिस फाखरी है और रितेश देशमुख की नायिका ऑस्ट्रेलियाई लिसा हेडन हैं। एली एवरम स्वीडिश एक्ट्रेस हैं। जैक्विलिन, हाउसफुल ३ के अलावा ढिशूम, अ फ्लाइंग जट्ट और अक्कोर्डिंग टू मैथ्यू में भी अभिनय कर रही हैं। ढिशूम में नर्गिस फाखरी का कैमिया है। वह इस फिल्म के अलावा अज़हर, हेरा फेरी ३ और बैंजो में भी नज़र आएँगी। कुछ अन्य विदेशी एक्ट्रेस में कैटरीना कैफ बॉलीवुड में सबसे सफल एक्ट्रेस हैं। उनकी आगामी फिल्मों में फितूर, जग्गा जासूस और बार बार देखो उल्लेखनीय हैं। ब्रितानी फिल्म अभिनेत्री एमी जैक्सन बॉलीवुड के अलावा दक्षिण की फिल्मों में भी सफल हैं। हालाँकि, उनका फिल्म एक बेचारा था से डेब्यू असफल रहा था। लेकिन, सिंह इज़ ब्लिंग के बाद उनका सितारा बुलंद है। वह रजनीकांत के साथ फिल्म रोबोट के सीक्वल में नायिका हैं। यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज़ होगी।
पाकिस्तान से तो.....!
बॉलीवुड में पाकिस्तान के कलाकारों का आना हमेशा जारी रहता है। हालिया सालों में मीरा, इमरान अब्बास, हुमैमा मालिक, वीणा मलिक, आदि जैसे पाकिस्तानी कलाकार इक्का दुक्का फ़िल्में कर के पाकिस्तान घर वापसी कर चुके हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान से कथित टैलेंट के आने का सिलसिला जारी है। इस साल पाकिस्तान से कुछ नए चहरे आएंगे और कुछ पहले के एक्टर्स अगली फिल्मों में नज़र आएंगे।
सनम तेरी कसम- निर्देशक जोड़ी राधिका राव और विनय सप्रू की रोमांस फिल्म ' सनम तेरी कसम' से दो नए चेहरों का बॉलीवुड डेब्यू हो रहा है। फिल्म के नायक हर्षवर्धन राणे कई तेलुगु फिल्मों में काम कर चुके हैं। फिल्म में उनकी नायिका पाकिस्तान के आहिस्ता आहिस्ता, निखार गए गुलाब सारे, जैसे टीवी सीरियलों की अभिनेत्री मावरा हुसैन हैं। मावरा २४ साल की हैं। वह पिछले दिनों पाकिस्तान में सैफअली खान की फिल्म 'फैंटम' की रिलीज़ का विरोध करने वालों के खिलाफ ट्वीट करने के कारण सुर्ख़ियों में आई। खबर है कि दो अन्य बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी उन्हें साइन किया गया है।
दो फिल्मों में फव्वाद खान
कपूर एंड संस में सिद्धार्थ मल्होत्रा और अलिया के साथ एक कपूर भाई अविनाश की भूमिका में दिखाई देंगे। इस फिल्म के अलावा वह करण जौहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में अपने पाकिस्तानी साथी इमरान अब्बास नक़वी के साथ नज़र आएंगे।
रिदम के साथ अदील चौधरी
फवाद खान और अली ज़फर की सफलता के बाद पाकिस्तान की सनसनी अभिनेता अदील चौधरी बॉलीवुड में सनसनी बनना चाहते हैं। अदील भी अली ज़फर की तरह एक्टर सिंगर हैं। उनके पाकिस्तानी टीवी सीरियल कैसे तुमसे कहूँ को बड़ी सफलता मिली थी। इस सीरियल के बाद अदील ने पेप्सी के विज्ञापन से भारत के टेलीविज़न दर्शकों को अपना परिचय दिया। उनका एल्बम कोई चेहरा ब्लॉकबस्टर साबित हुआ। उन्हें अपने हिट गीत मूव योर बॉडी के लिए एमटीवी अवार्ड मिला। इस एल्बम के वीडियो को शाहिद कपूर और विद्या बालन पर शूट किया गया था। शाहरुख़ खान के साथ एक के बाद तीन विज्ञापन करने के अदील लेखक-निर्देशक विवेक कुमार की म्यूजिकल रोमांस फिल्म 'रदम' से फिल्म डेब्यू कर रहे हैं।
रईस शाहरुख़ खान के साथ माहिरा खान
फिल्म रईस में शाहरुख़ खान की पाकिस्तान सुंदरी माहिरा खान ने २०११ में सीरियल हमसफ़र से टेलीविज़न डेब्यू किया था। इसी साल वह शोएब मंसूर की फिल्म 'बोल' में आयेशा का किरदार में नज़ा आई। पिछले साल उनकी फिल्म बिन रोये रिलीज़ हुई थी। महिरा का बॉलीवुड डेब्यू राहुल ढोलकिया की गुजरात के एक डॉन पर फिल्म 'रईस' में खान की नायिका के बतौर हो रहा है।
कुछ दूसरे चेहरे
निर्देशक मुदस्सर अज़ीज़ की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म हैप्पी भाग जाएगी मे पाकिस्तान की एक्ट्रेस मोमल शेख सेकंड लीड में नज़र आएंगी । पाकिस्तान टीवी के यह ज़िन्दगी है, मिरत उल उरूस, कुदरत और मुझे खुद पे यक़ीन है जैसे सीरियलों से मशहूर मोमल शेख ३५ साल की हैं और विवाहित हैं।
Labels:
फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 2 February 2016
सपना पब्बी बोर्न इनटू ब्रॉथेल
विशेष फिल्मस के बैनर तले बनी साधारण फिल्म खामोशियाँ से फ्लॉप डेब्यू करने वाली सपना पब्बी ने दर्शकों का ध्यान अनिल कपूर के शो '२४' से अपनी ओर खींचा था। सपना हमेशा चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं करने का सपना देखती आई हैं। अब उन्हें यह चुनौती मिली है ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली के हिंदी संस्करण से। २००४ में ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म बॉर्न टू ब्रॉथल कलकत्ता के रेड लाइट एरिया सोनागाछी की वैश्याओं और उनके बच्चो की दशा पर बनाई गई थी। इस डॉक्यूमेंट्री के हिंदी संस्करण में सपना पब्बी एक वैश्या का किरदार कर रही हैं। इस फिल्म में सपना के अलावा सीमा बिस्वास और दिव्या दत्ता भी हैं। ज़ना ब्रिस्की और रॉस कॉफ़मैन द्वारा लिखित और निर्देशित डॉक्यूमेंट्री इन वैश्याओं की रियल स्टोरी थी। हिंदी संस्करण का निर्देशन अरूप दत्त कर रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग मार्च से शुरू होने जा रही है। इसलिए सपना रियल किरदारों को नज़दीक से देखने और समझने के लिए कोलकत्ता जा रही हैं।
Labels:
Sapana Pabbi,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब जिम्मी शेरगिल बने हलवाई
हिंदी और पंजाबी फिल्मों में तरह तरह के किरदार कर चुके अभिनेता जिमी शेरगिल अब हलवाई बन गए हैं। उनका यह हलवाई किरदार रियल में होगा, लेकिन रील के लिए। वह कलर्स चैनल के लिए एक शो कर रहे हैं मिशन सपने सीजन २। इस शो में सलेबिर्टी का आम आदमी का चेहरा देखने को मिलता है। जिमी इस शो में हरियाणा के मुक्केबाज़ रिशु की मदद के लिए हलवाई बने हैं। रिशु को अपना परिवार चलाने के लिए घरेलु काम करना पड़ता है। जिमी शेरगिल शो में रिशु का हाथ बंटा उसे आर्थिक मदद तो देंगे ही, उसकी दशा को लोगों के सामने भी ला पायेंगे। इस एपिसोड की शूटिंग चंडीगढ़ में हुई है। जब चंडीगढ़ में लोगों ने यह सुना कि उनकी पंजाबी फिल्मों का खूबसूरत एक्टर सड़क पर खडा हो कर हलवाई का काम कर रहा है तो वह बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो गए। इस प्रकार से जिमी शेरगिल अपनी पॉपुलैरिटी के बल पर रिशु के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा धनराशी इकठ्ठा करने में कामयाब हो गए। इस बारे में बात करते हुए जिमी शेरगिल ने कहा, "मिशन सपने की शूटिंग चकित करने वाली थी। रिशु मेरे गाँव का ही है। इस बढ़िया शो के कारण में रिशु की मदद कर सका। जिम्मी शेरगिल की आने वाली फिल्मों में निशिकांत कामथ की फिल्म मदारी, राजेश पिल्लई की फिल्म ट्रैफिक, आनंद एल राज की फिल्म हैप्पी भाग जायेगी जैसी फ़िल्में शामिल हैं।
Labels:
Jimmy Shergil,
Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ऑस्कर पुरस्कारों में प्रियंका चोपड़ा
२८ फरवरी २०१६ को होने जा रहे ८८ वे अकादमी अवार्ड्स समारोह में बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भी नज़र आयेंगी। उन्हें यह मौका किसी बॉलीवुड फिल्म के कारण नहीं मिल रहा है। क्योंकि भारत से विदेशी फिल्मों की श्रेणी में भेजी गई इकलौती मराठी फिल्म कोर्ट भी ऑस्कर समारोह से बाहर हो चुकी है। इसलिए, निश्चित रूप से प्रियंका चोपड़ा को यह सम्मान अमेरिकी सीरियल 'क्वांटिको' से मिली शोहरत के कारण मिल रहा है। वह स्टीव कारेल, क्विंसी जोंस, ब्युं-हुन ली, जेयर्ड लेटो, जुलिआने मूर, ओलिविया मून, मर्गोट रोबी, जैसन सेगेल, एंडी सेर्किस, जे के सिमोंस, केरी वाशिंगटन और रीस विदरस्पून जैसी हॉलीवुड की हस्तियों के साथ प्रेजेंटर के रोल में होंगी। ज़ाहिर है कि एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री के लिए यह बड़ा सम्मान है।
Labels:
Hollywood,
Priyanka Chopra
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 1 February 2016
कार्निवल सिनेमाज में घायल वन्स अगेन
Labels:
आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 30 January 2016
रामगोपाल वर्मा की ‘गवर्नमेंट’ में अजित डोवल
मशहूर चन्दन तस्कर
वीरप्पन पर फिल्म के बाद निर्माता निर्देशक रामगोपाल वर्मा की अगली फिल्म
अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड नेक्सस पर होगी। इस फिल्म में आज कल प्रधान मंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार अजित डोवल का करैक्टर भी होगा। अपनी फिल्म के बारे में ट्वीट करते हुए
रामगोपाल वर्मा ने लिखा कि मेरी फिल्म का फोकस वास्तविक तथ्यों पर होगा, जिसमे
बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड का नेक्सस दिखाया जायेगा। किस प्रकार से अंडरवर्ल्ड से बॉलीवुड जुड़ा है, इसका भी चित्रण होगा। इस फिल्म का नाम ‘गवर्नमेंट’
होगा। सूत्र बताते हैं कि फिल्म की कहानी कभी अच्छे दोस्त रहे दावूद इब्राहीम और
छोटा राजन की दुश्मनी पर होगी। इससे ज़ाहिर है कि फिल्म का कथानक मुंबई सीरियल ब्लास्ट
के बाद का होगा। आजकल छोटा राजन गिरफ्तार कर भारत लाया जा चूका है। छोटा राजन ने
दावूद इब्राहीम में बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट में लिंक होने के कारण दावूद के काफी गुर्गों
को इंटेलिजेंस एजेंसी को सूचना दे कर मरवा दिया था। इसलिए इस फिल्म में छोटा शकील
और अबू सालेम के अलावा छोटा राजन की पत्नी सुजाता, मोनिका बेदी और अरुण गवली के
अलावा अजित डोवल, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और बाला साहेब ठाकरे के किरदार भी होंगे। ज़ाहिर है कि जैसे जैसे गवर्नमेंट की शूटिंग आगे बढ़ेगी इसके साथ विवादों के जुड़ने की
सूची लम्बी होती चली जायेगी। लेकिन, अपनी गैंगस्टर फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले रामगोपाल वर्मा से एक बढ़िया थ्रिलर फिल्म की उम्मीद तो की ही जाती है।
किलिंग वीरप्पन |
Labels:
Ramgopal Varma,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब लिली जेम्स ने घायल किया सह कलाकारों को !
सेठ ग्राहम-स्मिथ का २००९ में एक उपन्यास 'प्राइड एंड प्रेज्यूडिस एंड ज़ोम्बीज' बाजार में आया था। यह जेन
ऑस्टेन के रोमांटिक नॉवेल 'प्राइड एंड प्रेज्यूडिस' और मॉडर्न डे ज़ॉम्बीज़ कथाओं का पैरोडी था। इस उपन्यास स्क्रीन एडॉप्शन है डायरेक्टर बर स्टेर्स की फिल्म है 'प्राइड एंड प्रेज्यूडिस एंड ज़ोम्बीज' । ज़ाहिर है कि यह कॉमेडी हॉरर फिल्म ज़ोम्बी-किलिंग के
पागलपन और बड़ी संख्या में खून खराबे का बिग पैक साबित होने जा रही है । एक हादसा इसकी ताकीद करता है। फ़िल्म की शूटिंग के दौरान कुछ बेहद खतरनाक फाइट सीन्स
को करते हुए एलिज़ाबेथ बेनट का किरदार कर रही अभिनेत्री लिली जेम्स ने अपने कुछ साथी कलाकारों को घायल कर दिया । हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में लिली जेम्स ने शूट के दौरान हुए इस हादसे का ज़िक्र किया। लिली जेम्स ने कहा,"
जब मैंने फ़िल्म का टाइटल देखा तो कुछ समझ
ही नही आया । फिर मैंने इस फ़िल्म की कहानी पढ़ी । स्क्रिप्ट बेहद शानदार और फनी
थी ।मुझे महसूस हुआ कि पीरियड ड्रामा को जॉम्बीज की ज़रूरत थी । मेरा किरदार एक
छोटी तलवार वाले निंजा का है । यह किरदार हर समय अपने पास तलवार रखता है । मुझे लगता
है कि हम अपने पास हथियार इसलिए रखते हैं क्योंकि हमे यह महसूस होता है कि जॉम्बीज
कभी भी प्रकट हों सकते हैं । मुझे शूट के दौरान कोई चोट नहीं आयी लेकिन मैंने ज़ॉम्बीज़ बने दूसरें
लोगों को बहुत घायल किया।" रोमांस और एक्शन के
डबल धमाल वाली इस फ़िल्म मे लिली जेम्स अब तक क़ी सबसे खतरनाक ज़ोंबी किलर साबित होने
जा रही है । पीवीआर पिक्चर्स द्वारा यह फ़िल्म पूरे भारत में १२ फरवरी को रिलीज़ की जा
रही है ।
Labels:
Burr Steers,
Hollywood,
Lilly James,
Zombie Movies
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कभी फरवरी में बॉलीवुड मनाता था इनके बर्थडे भी
बॉलीवुड चढ़ते सूरज को नमस्कार करता है। इंडस्ट्री का यह सुर्य नमस्कार नज़र आता था, इन सेलिब्रिटीज की जन्मदिन की पार्टियों में। जितना बड़ा एक्टर या फिल्म निर्माता- निर्देशक उतना ही बड़ा सेलिब्रेशन और उतने ही ज़्यादा सलामी बजाते गेस्ट। इन बर्थडे पार्टियों से पता चलता था स्टार स्टेटस। लेकिन, आज जब यह सितारे गुमनामी में हैं या मृत हो चुके हैं, तो किसी को याद नहीं कि यह सितारे आज की तारिख में पैदा भी हुए थे। कुछ ऐसे स्टार भी थे, जिन्हे उनके जीवन काल में ही भुला दिया गया। अपनी शोहरत की गुमनामी में खो कर अपना जन्मदिन तो बहुत से कलाकारों ने भुला दिया था।
कितनों को याद है कि १ फरवरी को एक्टर ए के हंगल का जन्मदिन मनाया जाता था। अरे नहीं, हंगल को तो उनके जीवनकाल में ही बॉलीवुड ने भुला दिया गया । पचास साल की उम्र में बासु भट्टाचार्य की फिल्म तीसरी कसम से राजकपूर और वहीदा रहमान के साथ थिएटर एक्टर अवतार कृष्ण हंगल ने बॉलीवुड डेब्यू किया था। चार दशक लम्बे अपने फिल्म करियर में हंगल ने २५५ फ़िल्में की। ७०, ८० और ९० के दशक की लगभग हर फिल्म में ए के हंगल मुख्य किरदारों के पिता,चचा या दादा बने नज़र आते। दबे कुचले बूढ़े की भूमिका के लिए वह फिट थे। कश्मीरी पंडित अवतार कृष्ण हंगल को आज भी शोले के इमाम साहब के किरदार से याद किया जाता है। लेकिन, बॉलीवुड अंत समय में उन्हें बिलकुल भूल गया था। उनके पास अपने इलाज़ के पैसे तक नहीं थे।
बॉलीवुड की धूमकेतु
कुछ ऎसी फिल्म अभिनेत्रियां थी, जो धूमकेतु की तरह उभरी और जल्द ही अस्त हो गई। शमिता शेट्टी, उदिता गोस्वामी, सोनू वालिया, जिया खान, भाग्यश्री पटवर्धन (२३) और दिव्या भारती ऎसी भी अभिनेत्रियां थी। आदित्य चोपड़ा निर्देशित फिल्म मोहब्बतें ऐसी रोमांस फिल्म थी, जिसकी तीन युवा रोमांटिक जोड़े में से एक भी बहुत सफल नहीं हुआ। इनमे २ फरवरी को जन्मी शिल्पा शेट्टी की छोटी बहन शमिता शेट्टी भी थी। शमिता शेट्टी इस फिल्म में जिम्मी शेरगिल, उदय चोपड़ा, जुगल हंसराज, प्रीती झंगियानी और किम शर्मा के साथ रोमांटिक तिगड़ी बना रही थी। फिल्म सुपर हिट हुई। पर यह तिकड़ी फ्लॉप ही रही। नौ फरवरी को उदित गोस्वामी और१९ फरवरी को सोनू वालिया का जन्म हुआ था। १९८५ की मिस इंडिया सोनू वालिया ने बॉलीवुड में ज़माने के लिए हर पैंतरे अपनाये। उन्होंने आकर्षण में अकबर खान के साथ ज़बरदस्त चुम्बन आलिंगन किया। फिल्म फ्लॉप हुई। लेकिन, सोनू वालिया की तूती बोलने लगी। वह खून भरी मांग में कबीर बेदी के साथ वैम्प की भूमिका में थी। उन्होंने अपने समय के लगभग सभी बड़े सितारों के साथ फ़िल्में की। पूजा भट्ट निर्देशित फिल्म पाप में जॉन अब्राहम के साथ गर्मागर्म रोमांस सीन करके उदित गोस्वामी सुर्ख तो हो गई, लेकिन अपना करियर लम्बा नहीं कर पाई। आजकल वह डायरेक्टर मोहित सूरी की पत्नी के किरदार में सुखी जीवन जी रही हैं। कहा जा सकता है कि २३ फरवरी को जन्मी भाग्यश्री पटवर्द्धन ने अपने भाग्य को खुद लिखा। वह सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान खान की नायिका थी। उनका करियर टॉप पर होता। लेकिन,भाग्यश्री ने अपने बचपन के दोस्त हिमालय से शादी कर ली। फिर वह अपने पति के साथ काम करने की शर्त पर वापस आई। लेकिन, ऎसी सभी फ़िल्में फ्लॉप हुई। भाग्यश्री का करियर बनने से पहले ही ख़त्म हो गया। इसके साथ ही इन अभिनेत्रियों का बर्थडे सेलिब्रेशन इनके परिवार तक सीमित हो गया। बॉलीवुड तो भूल ही गया उन्हें।
नहीं मना सकी बीसवां जन्मदिन
सबसे दुखांत फरवरी में जन्मी दो अभिनेत्रियों जिया खान और दिव्या भारती का करियर है। जिया खान ने २००७ में अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म निःशब्द से अपना करियर शुरू किया था। वह फिल्म गजिनी में आमिर खान और हाउसफुल में अक्षय कुमार के साथ थी। लेकिन, फिल्मों में उनको सफलता नहीं मिली। पिछले साल रिलीज़ फिल्म हीरो के हीरो सूरज पंचोली के साथ प्रेम में निराश हो कर २० फरवरी १९८८ को जन्मी जिया खान ने ०३ जून २०१३ को कथित रूप से आत्महत्या कर ली। २३ फरवरी को जन्मी दिव्या भारती ने विश्वात्मा फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। वह गोविंदा, शाहरुख़ खान, ऋषि कपूर, आदि की फिल्मों की नायिका बनी । जब वह करियर के टॉप पर थी, तभी ५ अप्रैल १९९३ को अपने घर की बालकनी से गिर कर उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही इन एक्टर्स के ग्रैंड बर्थडे सेलिब्रेशन का सिलसिला भी ख़त्म हो गया।
सुर और गीतों के जन्मदाता
फरवरी में हिंदी फिल्मों को सार्थक और देश भक्ति वाले गीत देने वाले कवियों-गीतकारों का जन्म हुआ। कवि प्रदीप (६ फरवरी) ने हिंदी फिल्मो को देश भक्ति के दूर हटो ऐ दुनिया वालों, चल चल रे नौजवान, आओ बच्चो तुम्हे दिखाए झांकी हिंदुस्तान की, आदि जैसे देशभक्ति पूर्ण और जय संतोषी माँ फिल्म के तमाम भक्ति पूर्ण गीतों के अलावा भारत के लिए भगवान का वरदान हैं गंगा, कोई लाख करे चतुराई, काहे को बिसारे हरि नाम, आदि जैसे ढेरों भक्ति गीत लिखे थे। उनका ऐ मेरे वतन के लोगों गीत उन्हें हिंदुस्तान का कवि सम्राट साबित करता है। मोहम्मद ज़हूर ख़य्याम (१८ फरवरी) फिल्म संगीतकार होने के बावजूद शास्त्रीय संगीत की हस्तियों में शुमार किये जाते थे। इसी लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड भी मिला। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में फूटपाथ, फिर सुबह होगी, आखिरी खत, शगुन, कभी कभी, आदि के नाम शामिल हैं। उन्हें उमराव जान के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड मिला। जां निसार अख्तर (१४ फरवरी) भी ख़य्याम की तरह फिल्म से जुड़े होने के बावजूद साहित्य के क्षेत्र में सम्मानीय थे। उन्होंने बाप रे बाप, यास्मीन, सीआईडी, रुस्तम सोहराब, नूरी, प्रेम पर्वत, शंकर हुसैन, रज़िया सुल्तान, आदि फिल्मों के गीत लिखे। उन्हें १९७६ में साहित्य अकादेमी अवार्ड दिया गया। संगीतकार रविन्द्र जैन को टीवी सीरियल रामायण ने अमर कर दिया। उन्होंने राजश्री की फिल्मों को गीत संगीत दिया। वह राजकपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली के संगीतकार भी थे। लखनऊ में जन्मे तलत महमूद हिंदी फिल्मों के हीरो बनना चाहते थे। उन्होंने कानन बाला, कानन देवी, सुरैया, माला सिन्हा, नादिरा, नूतन, आदि बड़ी अभिनेत्रियों के साथ फ़िल्में भी की। लेकिन, बड़ी सफलता मिली बतौर ग़ज़ल गायक। वह एक समय दिलीप कुमार की आवाज़ हुआ करते थे।
हिंदी फिल्मों को मनोरंजन और रोमांस देने वाले
२६ फरवरी को जन्मे मनमोहन देसाई ने हिंदी फिल्मों को खोया मिला का हिट फार्मूला दिया। अमिताभ बच्चन को सुपर स्टार का दर्ज़ा दिलवाने वालों में देसाई की फ़िल्में शुमार होती हैं। उन्होंने राजकपूर, राजेश खन्ना, जीतेन्द्र, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, आदि के साथ एक से एक हिट फ़िल्में बनाई। नासिर हुसैन (०३ फरवरी) ने हिंदी फिल्मों को रोमांस दिया, संगीत से भरपूर मनोरंजन दिया, थ्रिलर फ़िल्में दी। उनका हाथ हमेशा दर्शकों की नब्ज़ पर रहा करता था। उन्होंने तुमसा नहीं देखा, फिर वही दिल लाया हूँ, जब प्यार किसी से होता है, कारवां, यादों की बरात, आदि उनकी हिट फ़िल्में थी। बम्बईया फिल्म उद्योग का बॉलीवुड नामकरण उन्ही का किया हुआ है। हिंदी फिल्मों में रोमांस की अलख जगाये रखने वाले जॉय मुख़र्जी २४ फरवरी, विनोद मेहरा १३ फरवरी और राहुल रॉय ९ फरवरी को जन्मे थे। राहुल रॉय आशिक़ी से सुपर हिट हुए थे। लेकिन, उनकी यह सफलता ज़्यादा फिल्मों तक नहीं चल सकी। विनोद मेहरा ने एक्शन और रोमांस से भरपूर थ्रिलर फ़िल्में की। उनकी रेखा के साथ जोड़ी ज़्यादा गर्म हुई। जॉय मुख़र्जी तो रोमांस के मसीहा थे। उनके करियर की शुरुआत साधना के साथ फिल्म लव इन शिमला से हुई। साधना के साथ फिल्म एक मुसाफिर एक हसीना भी की। आशा पारेख के साथ फिल्म फिर वही दिल लाया हूँ, लव इन टोक्यो और ज़िद्दी तथा सायरा बानो के साथ दूर की आवाज़, शागिर्द और यह ज़िन्दगी कितनी हसीं है में उनकी जोड़ी खूब जमी। आज इनके प्रशंसकों तक को इनका जन्मदिन याद नहीं होगा।
हिंदी फिल्मों के रोमांस के चेहरे
हिंदी फिल्मों की वीनस मधुबाला १४ फरवरी को जन्मी थी। केदार शर्मा की फिल्म नील कमल से डेब्यू करने वाली मधुबाला को कमाल अमरोही की फिल्म महल ने रहस्यमय सौंदर्य की नायिका बना दिया। उनकी यादगार फिल्मों में दुलारी, तराना, संगदिल, अमर, मिस्टर एंड मिसेज़ ५५, बरसात की रात, फागुन, काला पानी, चलती का नाम गाडी, मुग़ल ए आज़म, आदि थी। पचास के दशक में निम्मी गाँव की गोरी के बतौर मशहूर थी। लेकिन, उन्होंने हर प्रकार की फ़िल्में की। वह दीदार, दाग, आँधियाँ, उड़न खटोला, अमर, आदि सामजिक फिल्मों की नायिका बनी, तो उन्होंने अलिफ लैला और अंगुलिमाल जैसी धार्मिक और फंतासी और लव एंड गॉड जैसी फ़िल्में भी की। महबूब खान की फिल्म बहन में बहन के किरदार से अपने करियर का आगाज़ करने वाली नलिनी जयवंत अशोक कुमार के साथ फिल्म संग्राम करके टॉप पर पहुँच गई। अशोक कुमार और नलिनी जयवंत की जोड़ी ने जलपरी, काफिला, नौबहार, सलोनी, लकीरें, नाज़, शेरू, मिस्टर एक्स, आदि फ़िल्में की। वह शिकस्त, रेलवे प्लेटफार्म, फूटपाथ, नास्तिक, मुनीमजी, हम सब चोर हैं, काला पानी, आदि फिल्मों की लीड एक्ट्रेस थी। २१ फरवरी को जन्मी जयश्री गाड़कर को धार्मिक फिल्मों की नायिका के बतौर शोहरत मिली। टीना मुनीम ने कभी देवानंद के साथ फिल्म देश परदेस फिल्म में शराब के प्याले में नहा कर अपनी सेक्स अपील का कायल कर दिया। बिज़नेस टाइकून अनिल अम्बानी से शादी करने से पहले तक वह क़र्ज़, मनपसंद, यह वादा रहा, फिफ्टी फिफ्टी,रॉकी, सौतन, आदि फिल्मों की सेक्सी नायिका बनी। अमृता सिंह (९ फरवरी) ने भी अपने ग्लैमर की बदौलत अमिताभ बच्चन की मर्द जैसी फिल्मों की नायिका बनने का रुतबा हासिल किया।
कभी प्राण का जलवा हुआ करता था। उनकी जन्म दिन (१२ फरवरी) की पार्टी में बड़े हीरो और हीरोइन भी पहुंचते और टॉप के फिल्म निर्माता और निर्देशक भी। आई एस जौहर जीनियस एक्टर थे। उन्होंने कॉमेडी फ़िल्में की। लेकिन उनकी कॉमेडी में क्लास होता था। उनकी स्पूफ फ़िल्में लाजवाब थी। वह एक फिल्म मैगज़ीन में उसके पाठकों के सवालों के जवाब दिया करते थे। पहाड़ी सान्याल (२२ फरवरी) और मनमोहन कृष्ण (२६ फरवरी) सह भूमिकाओं में कमाल किया करते थे। सुजीत कुमार (७ फरवरी) ने सपोर्टिंग रोल किये। उन्होंने कई भोजपुरी फिल्मों में नायक की भूमिका की।
साफ़ है कि फरवरी में जन्मी फिल्म हस्तियों ने एक मुकाम बनाया, मील का पत्थर रखा, हिंदी सिनेमा को मज़बूती दी और अपना दबदबा कायम रखा। सोचा जा सकता है कि इन हस्तियों की बुलंदी के दौर में इनके जन्मदिन पर क्या जलवा रहता होगा। लेकिन, जैसे ही यह सितारे डूबने को हुए या इनका निधन हुआ, इनकी यादें भी इनके साथ चली गई। टीना मुनीम तो अम्बानी बन कर अपना जन्मदिन शान से मना लेती हैं। पर बाकी हस्तियां तो शायद अपनी पैदाइश की तारिख भी भूल गई होंगी। फिल्म इंडस्ट्री तो भूल ही गई।
कितनों को याद है कि १ फरवरी को एक्टर ए के हंगल का जन्मदिन मनाया जाता था। अरे नहीं, हंगल को तो उनके जीवनकाल में ही बॉलीवुड ने भुला दिया गया । पचास साल की उम्र में बासु भट्टाचार्य की फिल्म तीसरी कसम से राजकपूर और वहीदा रहमान के साथ थिएटर एक्टर अवतार कृष्ण हंगल ने बॉलीवुड डेब्यू किया था। चार दशक लम्बे अपने फिल्म करियर में हंगल ने २५५ फ़िल्में की। ७०, ८० और ९० के दशक की लगभग हर फिल्म में ए के हंगल मुख्य किरदारों के पिता,चचा या दादा बने नज़र आते। दबे कुचले बूढ़े की भूमिका के लिए वह फिट थे। कश्मीरी पंडित अवतार कृष्ण हंगल को आज भी शोले के इमाम साहब के किरदार से याद किया जाता है। लेकिन, बॉलीवुड अंत समय में उन्हें बिलकुल भूल गया था। उनके पास अपने इलाज़ के पैसे तक नहीं थे।
बॉलीवुड की धूमकेतु
कुछ ऎसी फिल्म अभिनेत्रियां थी, जो धूमकेतु की तरह उभरी और जल्द ही अस्त हो गई। शमिता शेट्टी, उदिता गोस्वामी, सोनू वालिया, जिया खान, भाग्यश्री पटवर्धन (२३) और दिव्या भारती ऎसी भी अभिनेत्रियां थी। आदित्य चोपड़ा निर्देशित फिल्म मोहब्बतें ऐसी रोमांस फिल्म थी, जिसकी तीन युवा रोमांटिक जोड़े में से एक भी बहुत सफल नहीं हुआ। इनमे २ फरवरी को जन्मी शिल्पा शेट्टी की छोटी बहन शमिता शेट्टी भी थी। शमिता शेट्टी इस फिल्म में जिम्मी शेरगिल, उदय चोपड़ा, जुगल हंसराज, प्रीती झंगियानी और किम शर्मा के साथ रोमांटिक तिगड़ी बना रही थी। फिल्म सुपर हिट हुई। पर यह तिकड़ी फ्लॉप ही रही। नौ फरवरी को उदित गोस्वामी और१९ फरवरी को सोनू वालिया का जन्म हुआ था। १९८५ की मिस इंडिया सोनू वालिया ने बॉलीवुड में ज़माने के लिए हर पैंतरे अपनाये। उन्होंने आकर्षण में अकबर खान के साथ ज़बरदस्त चुम्बन आलिंगन किया। फिल्म फ्लॉप हुई। लेकिन, सोनू वालिया की तूती बोलने लगी। वह खून भरी मांग में कबीर बेदी के साथ वैम्प की भूमिका में थी। उन्होंने अपने समय के लगभग सभी बड़े सितारों के साथ फ़िल्में की। पूजा भट्ट निर्देशित फिल्म पाप में जॉन अब्राहम के साथ गर्मागर्म रोमांस सीन करके उदित गोस्वामी सुर्ख तो हो गई, लेकिन अपना करियर लम्बा नहीं कर पाई। आजकल वह डायरेक्टर मोहित सूरी की पत्नी के किरदार में सुखी जीवन जी रही हैं। कहा जा सकता है कि २३ फरवरी को जन्मी भाग्यश्री पटवर्द्धन ने अपने भाग्य को खुद लिखा। वह सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान खान की नायिका थी। उनका करियर टॉप पर होता। लेकिन,भाग्यश्री ने अपने बचपन के दोस्त हिमालय से शादी कर ली। फिर वह अपने पति के साथ काम करने की शर्त पर वापस आई। लेकिन, ऎसी सभी फ़िल्में फ्लॉप हुई। भाग्यश्री का करियर बनने से पहले ही ख़त्म हो गया। इसके साथ ही इन अभिनेत्रियों का बर्थडे सेलिब्रेशन इनके परिवार तक सीमित हो गया। बॉलीवुड तो भूल ही गया उन्हें।
नहीं मना सकी बीसवां जन्मदिन
सबसे दुखांत फरवरी में जन्मी दो अभिनेत्रियों जिया खान और दिव्या भारती का करियर है। जिया खान ने २००७ में अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म निःशब्द से अपना करियर शुरू किया था। वह फिल्म गजिनी में आमिर खान और हाउसफुल में अक्षय कुमार के साथ थी। लेकिन, फिल्मों में उनको सफलता नहीं मिली। पिछले साल रिलीज़ फिल्म हीरो के हीरो सूरज पंचोली के साथ प्रेम में निराश हो कर २० फरवरी १९८८ को जन्मी जिया खान ने ०३ जून २०१३ को कथित रूप से आत्महत्या कर ली। २३ फरवरी को जन्मी दिव्या भारती ने विश्वात्मा फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। वह गोविंदा, शाहरुख़ खान, ऋषि कपूर, आदि की फिल्मों की नायिका बनी । जब वह करियर के टॉप पर थी, तभी ५ अप्रैल १९९३ को अपने घर की बालकनी से गिर कर उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही इन एक्टर्स के ग्रैंड बर्थडे सेलिब्रेशन का सिलसिला भी ख़त्म हो गया।
सुर और गीतों के जन्मदाता
फरवरी में हिंदी फिल्मों को सार्थक और देश भक्ति वाले गीत देने वाले कवियों-गीतकारों का जन्म हुआ। कवि प्रदीप (६ फरवरी) ने हिंदी फिल्मो को देश भक्ति के दूर हटो ऐ दुनिया वालों, चल चल रे नौजवान, आओ बच्चो तुम्हे दिखाए झांकी हिंदुस्तान की, आदि जैसे देशभक्ति पूर्ण और जय संतोषी माँ फिल्म के तमाम भक्ति पूर्ण गीतों के अलावा भारत के लिए भगवान का वरदान हैं गंगा, कोई लाख करे चतुराई, काहे को बिसारे हरि नाम, आदि जैसे ढेरों भक्ति गीत लिखे थे। उनका ऐ मेरे वतन के लोगों गीत उन्हें हिंदुस्तान का कवि सम्राट साबित करता है। मोहम्मद ज़हूर ख़य्याम (१८ फरवरी) फिल्म संगीतकार होने के बावजूद शास्त्रीय संगीत की हस्तियों में शुमार किये जाते थे। इसी लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड भी मिला। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में फूटपाथ, फिर सुबह होगी, आखिरी खत, शगुन, कभी कभी, आदि के नाम शामिल हैं। उन्हें उमराव जान के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड मिला। जां निसार अख्तर (१४ फरवरी) भी ख़य्याम की तरह फिल्म से जुड़े होने के बावजूद साहित्य के क्षेत्र में सम्मानीय थे। उन्होंने बाप रे बाप, यास्मीन, सीआईडी, रुस्तम सोहराब, नूरी, प्रेम पर्वत, शंकर हुसैन, रज़िया सुल्तान, आदि फिल्मों के गीत लिखे। उन्हें १९७६ में साहित्य अकादेमी अवार्ड दिया गया। संगीतकार रविन्द्र जैन को टीवी सीरियल रामायण ने अमर कर दिया। उन्होंने राजश्री की फिल्मों को गीत संगीत दिया। वह राजकपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली के संगीतकार भी थे। लखनऊ में जन्मे तलत महमूद हिंदी फिल्मों के हीरो बनना चाहते थे। उन्होंने कानन बाला, कानन देवी, सुरैया, माला सिन्हा, नादिरा, नूतन, आदि बड़ी अभिनेत्रियों के साथ फ़िल्में भी की। लेकिन, बड़ी सफलता मिली बतौर ग़ज़ल गायक। वह एक समय दिलीप कुमार की आवाज़ हुआ करते थे।
हिंदी फिल्मों को मनोरंजन और रोमांस देने वाले
२६ फरवरी को जन्मे मनमोहन देसाई ने हिंदी फिल्मों को खोया मिला का हिट फार्मूला दिया। अमिताभ बच्चन को सुपर स्टार का दर्ज़ा दिलवाने वालों में देसाई की फ़िल्में शुमार होती हैं। उन्होंने राजकपूर, राजेश खन्ना, जीतेन्द्र, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, आदि के साथ एक से एक हिट फ़िल्में बनाई। नासिर हुसैन (०३ फरवरी) ने हिंदी फिल्मों को रोमांस दिया, संगीत से भरपूर मनोरंजन दिया, थ्रिलर फ़िल्में दी। उनका हाथ हमेशा दर्शकों की नब्ज़ पर रहा करता था। उन्होंने तुमसा नहीं देखा, फिर वही दिल लाया हूँ, जब प्यार किसी से होता है, कारवां, यादों की बरात, आदि उनकी हिट फ़िल्में थी। बम्बईया फिल्म उद्योग का बॉलीवुड नामकरण उन्ही का किया हुआ है। हिंदी फिल्मों में रोमांस की अलख जगाये रखने वाले जॉय मुख़र्जी २४ फरवरी, विनोद मेहरा १३ फरवरी और राहुल रॉय ९ फरवरी को जन्मे थे। राहुल रॉय आशिक़ी से सुपर हिट हुए थे। लेकिन, उनकी यह सफलता ज़्यादा फिल्मों तक नहीं चल सकी। विनोद मेहरा ने एक्शन और रोमांस से भरपूर थ्रिलर फ़िल्में की। उनकी रेखा के साथ जोड़ी ज़्यादा गर्म हुई। जॉय मुख़र्जी तो रोमांस के मसीहा थे। उनके करियर की शुरुआत साधना के साथ फिल्म लव इन शिमला से हुई। साधना के साथ फिल्म एक मुसाफिर एक हसीना भी की। आशा पारेख के साथ फिल्म फिर वही दिल लाया हूँ, लव इन टोक्यो और ज़िद्दी तथा सायरा बानो के साथ दूर की आवाज़, शागिर्द और यह ज़िन्दगी कितनी हसीं है में उनकी जोड़ी खूब जमी। आज इनके प्रशंसकों तक को इनका जन्मदिन याद नहीं होगा।
हिंदी फिल्मों के रोमांस के चेहरे
हिंदी फिल्मों की वीनस मधुबाला १४ फरवरी को जन्मी थी। केदार शर्मा की फिल्म नील कमल से डेब्यू करने वाली मधुबाला को कमाल अमरोही की फिल्म महल ने रहस्यमय सौंदर्य की नायिका बना दिया। उनकी यादगार फिल्मों में दुलारी, तराना, संगदिल, अमर, मिस्टर एंड मिसेज़ ५५, बरसात की रात, फागुन, काला पानी, चलती का नाम गाडी, मुग़ल ए आज़म, आदि थी। पचास के दशक में निम्मी गाँव की गोरी के बतौर मशहूर थी। लेकिन, उन्होंने हर प्रकार की फ़िल्में की। वह दीदार, दाग, आँधियाँ, उड़न खटोला, अमर, आदि सामजिक फिल्मों की नायिका बनी, तो उन्होंने अलिफ लैला और अंगुलिमाल जैसी धार्मिक और फंतासी और लव एंड गॉड जैसी फ़िल्में भी की। महबूब खान की फिल्म बहन में बहन के किरदार से अपने करियर का आगाज़ करने वाली नलिनी जयवंत अशोक कुमार के साथ फिल्म संग्राम करके टॉप पर पहुँच गई। अशोक कुमार और नलिनी जयवंत की जोड़ी ने जलपरी, काफिला, नौबहार, सलोनी, लकीरें, नाज़, शेरू, मिस्टर एक्स, आदि फ़िल्में की। वह शिकस्त, रेलवे प्लेटफार्म, फूटपाथ, नास्तिक, मुनीमजी, हम सब चोर हैं, काला पानी, आदि फिल्मों की लीड एक्ट्रेस थी। २१ फरवरी को जन्मी जयश्री गाड़कर को धार्मिक फिल्मों की नायिका के बतौर शोहरत मिली। टीना मुनीम ने कभी देवानंद के साथ फिल्म देश परदेस फिल्म में शराब के प्याले में नहा कर अपनी सेक्स अपील का कायल कर दिया। बिज़नेस टाइकून अनिल अम्बानी से शादी करने से पहले तक वह क़र्ज़, मनपसंद, यह वादा रहा, फिफ्टी फिफ्टी,रॉकी, सौतन, आदि फिल्मों की सेक्सी नायिका बनी। अमृता सिंह (९ फरवरी) ने भी अपने ग्लैमर की बदौलत अमिताभ बच्चन की मर्द जैसी फिल्मों की नायिका बनने का रुतबा हासिल किया।
कभी प्राण का जलवा हुआ करता था। उनकी जन्म दिन (१२ फरवरी) की पार्टी में बड़े हीरो और हीरोइन भी पहुंचते और टॉप के फिल्म निर्माता और निर्देशक भी। आई एस जौहर जीनियस एक्टर थे। उन्होंने कॉमेडी फ़िल्में की। लेकिन उनकी कॉमेडी में क्लास होता था। उनकी स्पूफ फ़िल्में लाजवाब थी। वह एक फिल्म मैगज़ीन में उसके पाठकों के सवालों के जवाब दिया करते थे। पहाड़ी सान्याल (२२ फरवरी) और मनमोहन कृष्ण (२६ फरवरी) सह भूमिकाओं में कमाल किया करते थे। सुजीत कुमार (७ फरवरी) ने सपोर्टिंग रोल किये। उन्होंने कई भोजपुरी फिल्मों में नायक की भूमिका की।
साफ़ है कि फरवरी में जन्मी फिल्म हस्तियों ने एक मुकाम बनाया, मील का पत्थर रखा, हिंदी सिनेमा को मज़बूती दी और अपना दबदबा कायम रखा। सोचा जा सकता है कि इन हस्तियों की बुलंदी के दौर में इनके जन्मदिन पर क्या जलवा रहता होगा। लेकिन, जैसे ही यह सितारे डूबने को हुए या इनका निधन हुआ, इनकी यादें भी इनके साथ चली गई। टीना मुनीम तो अम्बानी बन कर अपना जन्मदिन शान से मना लेती हैं। पर बाकी हस्तियां तो शायद अपनी पैदाइश की तारिख भी भूल गई होंगी। फिल्म इंडस्ट्री तो भूल ही गई।
Labels:
फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मेल ब्रुक्स की कॉमेडी पैरोडी 'स्पेसबॉल्स'
नब्बे साल के अमेरिकन एक्टर, कॉमेडियन, फिल्मकार, संगीतकार और गीतकार मेल ब्रुक्स की प्रतिष्ठा स्वांग या कॉमेडी पैरोडी फिल्मों के निर्माता की है। उन्होंने द प्रोडूसर्स, द ट्वेल्व चेयर्स, ब्लेज़िंग सड्ल्स, यंग फ्रैंकेंस्टीन, साइलेंट मूवी, हाई एंग्जायटी, स्पेसबॉल्स और रोबिन हुड: मेन इन टाइटस का निर्माण और निर्देशन किया। स्पेसबॉल्स २६ जून १९८७ को रिलीज़ हुई थी। मेल ब्रुक्स इस फिल्म के लेखक, निर्माता और निर्देशक होने के अलावा जॉन कैंडी, रिक मॉर्निस, बिल पूलमैन, डाफ्ने सुनिगा, जॉर्ज वीनर के साथ एक्टर भी थे। यह फिल्म वीडियो पर कल्ट क्लासिक फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म की सेटिंग और करैक्टर मूल स्टार वार्स ट्राइलॉजी तथा अन्य विज्ञानं फंतासी फ्रैंचाइज़ी स्टार ट्रेक, एलियन और प्लेनेट ऑफ़ द एप्स की पैरोडी थे। फिल्म के निर्माण में २२.७ मिलियन डॉलर का खर्च आया था। फिल्म ने बॉक्स ३८.१ मिलियन डॉलर कलेक्ट किये थे। इस फिल्म के सीक्वल की किस्से भी बहुत व्यंग्यात्मक हैं। २००४ में मेल ब्रुक्स ने रिक मॉर्निस के साथ स्टार वार्स प्रीक्वेल ट्राइलॉजी की पैरोडी बनाने की सोची। इस फिल्म का नाम स्पेसबॉल्स ३: इन सर्च ऑफ़ स्पेसबॉल्स २ रखा जाना था। लेकिन,मॉर्निस और ब्रुक्स के बीच बात बात न बन पाने के कारण फिल्म पर आगे काम नहीं हो सका। इसके बाद पिछले साल फरवरी में ब्रुक्स ने कहा कि वह स्टार वार्स मूवी के रिलीज़ होने के बाद स्पेसबॉल्स का सीक्वल बनाएंगे। इस फिल्म का नाम स्पेसबॉल्स २: द सर्च फॉर मोर मनी रखा जाना बताया गया। इस टाइटल से ऐसा लगता था कि मेल ब्रुक्स सीक्वल बनाने के लिए गंभीर नहीं है।
Labels:
Hollywood,
Mel Brooks
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Posts (Atom)