Thursday, 5 September 2019

शिक्षक दिवस पर



रिशिना कंधारी- मेरा मानना ​​है कि सुधीर पांडे सर और सुलभा आर्या मेरे लिए चलता फ़िरता संस्थान हैं। वे हमें थिएटर, फिल्म और टीवी उद्योग में अपने 30+ वर्षों के अनुभव से बहुत सी कहानियाँ सुनाते रहते हैं। हर कहानी, जो वे हमें बताते हैं, उनसे कुछ नया सीखने को मिलता है। मुझे उन सभी का अवलोकन करना बहुत पसंद है। अपने नियमित शूटिंग के दौरान मैं किरन कर्माकर सर का सूक्ष्मता से निरीक्षण करती हूं, जिससे मुझे अपने अभिनय कौशल को सुधारने और रीटेक को कम करने में मदद मिलती है। यहां तक ​​कि जब भी मैं कहीं भी फंसती हूं, तो स्वाति शाह दी अपनी सलाह साझा करके मेरी बहुत मदद करती हैं। ऐसे वरिष्ठ अभिनेताओं के साथ काम करना बहुत अच्छी सीख है।

सिमरन परीन्जा- किरण कर्माकर सर के बारे में सबसे अच्छी बात जो मैं स्वीकार करती हूं, वह यह है कि जब एक से अधिक रिटेक देने की बात आती है, तो वह आलस नहीं करते हैं। मुझे लगता है कि मैं ही वह हूं जो कई बार रीटेक करने पर आलसी हो जाती है, लेकिन किरण सर इसे कभी भी उबाऊ काम नहीं मानते। इसके बजाय वह फिर से अधिक इम्प्रोवाइजेशन और समान ऊर्जा के साथ प्रदर्शन करते है। इसके अलावा, मैं उनके रचनात्मक विचारों और धाराप्रवाह उच्चारण के लिए उनकी प्रशंसा करती हूं, जो वह शूटिंग के दौरान उपयोग करते हैं। इसके अलावा, स्वाति मैम मेरी माँ की तरह है। वह अपनी बेटी की तरह मेरा मार्गदर्शन करती हैं। कुछ दिनों पहले मैं अस्वस्थ थी और सूरज थापर सर जो मेरे पिता का किरदार निभा रहे हैं, उन्होंने सेट पर डॉक्टर को बुलाया। सभी ने मेरा ध्यान रखा और मैम ने बीमार होने पर अपना ध्यान रखने के लिए मुझे अच्छी तरह से समझाया। 

मुदित नायर- जब भी मैं सुधीर पांडे सर और किरण कर्माकर सर के साथ एक सीन कर रहा होता हूं, मैं उनके प्रदर्शन को देखता हूं। वे दोनों बेहद प्रतिभाशाली हैं और अपनी कला पर उनका बेहतरीन नियंत्रण है। मैं वास्तव में अभिनय प्रेरणा के लिए उन दोनों को देखता हूं। किरण सर मुझे अक्सर छोटे सुझाव और प्रतिक्रिया देते हैं, जो मुझे मेरे दृश्यों को सुधारने में मदद करता है। मैं और सुधीर सर अक्सर अभिनय, उनकी तकनीकों और किसी विशेष दृश्य के प्रति दृष्टिकोण आदि के बारे में चर्चा करते हैं। मुझे लगता है कि मैं एक बेहतरीन समय बिता रहा हूं क्योंकि मैं उद्योग में सर्वश्रेष्ठ काम कर रहा हूं और सीख रहा हूं। इसके अलावा, सुलभ मैम बेहद विनम्र, और सहज कलाकार हैं। वह मेरे जन्म से पहले से अभिनय कर रही है। तो फिर से उसके साथ काम करना एक सम्मान की बात है। इन सभी वरिष्ठ अभिनेताओं- सुधीर पांडे सर, सुलभा आर्या, मैं और मेरे साथ काम करने वाले अन्य लोग स्वयं में अभिनय विद्यालय हैं और मुझे लगता है कि जैसे मैं अपना जीवन जी रहा हूं।

Esha Gupta felicitated with Green Crusader Award by Bhamla Foundation



An ardent environmentalist, Esha Gupta is a voice synonymous with conservation of earth. The gorgeous actress has often expressed concerns on the alarming issues of the environment and made sure to have them relayed to local authorities. A huge believer of sustainable development, Esha has passionately helmed the cause of going green, much before it became cool to do so.


The stunner has been the face of various earth conservation activities like recycling, waste management, beach cleaning, preservation of green cover and saving mangroves. In view of Esha's sizeable contribution to the environment, Bhamla Foundation has presented her with Green Crusader Award. Known for its involvement in social and environmental issues, the foundation also felicitated Esha for her involvement in green activitism.

Esha says "Such awards give us motivation n reminder of how much more our planet needs us. But always gives me courage to not stop fighting for our home. Protecting Mother Nature isn’t about a nation. It’s our duty to protect our planet as human beings if we want our kids to have the same. In fact, a better future than what we have had. And that is only possible if we don’t make it political but humanitarian. "I have always spoken for the once who can’t speak for themselves. I believe it’s still not that late to save our planet earth if we work together" says Esha

कॉलेज की दोस्ती के छिछोरे


नितेश तिवारी की फिल्म छिछोरे, ठेठ बॉलीवुड फिल्म लगती है। कॉलेज के सात दोस्त, इनमे से एक लड़की। लड़की भी ऎसी कि पूरा कॉलेज उसका दीवाना है। लेकिन उसका प्यार होता है एक शर्मीले लडके से। फिल्म में कॉलेज के छात्रों के बीच की दोस्ती, प्यार, तकरार, लड़ाई-झगड़ा और सुलह सफाई का माहौल देखने को मिलता है। ट्रेलर से कॉलेज के दोस्तों पर छिछोरे में नयापन नहीं लगता। ऐसा नयापन, जो फिल्म को हिट बना सके।

किताबी ज्ञान के खिलाफ ३ इडियट्स
राजकुमार हिरानी की फिल्म ३ इडियट्स इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों पर थी। इस फिल्म ठेठ कॉलेज के माहौल था। लेकिन, फिल्म की ख़ास चीज थी, इंजीनियरिंग शिक्षा के किताबी ज्ञान होने की खिलाफत का जज़्बा । रेंचो के करैक्टर के माध्यम से जुगाड़ को किताबी शिक्षा से ज्यादा महत्त्व दिया गया था। हास्य-व्यंग्य के प्रभाव के कारण फिल्म काफी प्रभावशाली बन पड़ी थी।

कॉलेज रोमांस की फ़िल्में
वैसे कॉलेज के छात्रों पर बनी ज़्यादातर फ़िल्में कॉलेज रोमांस को उभारने वाली फ़िल्में थी। अब चाहे वह करण जौहर की फिल्म कुछ कुछ होता है हो या हालिया रिलीज़ शाहिद कपूर और किअरा अडवाणी की कॉलेज रोमांस फिल्म कबीर सिंह। इन फिल्मों में थोड़े बहुत बदलाव के साथ रोमांस उभर कर आता था। ऎसी फिल्मों में जाने तू या जाने ना, फालतू, यारियां, स्टूडेंट ऑफ़ द इयर १ और २ जैसी कई फिल्मों के नाम शामिल किये जा सकते हैं।

कॉलेज की राजनीति
कॉलेज की छात्र राजनीति दर्शाने वाली फिल्मों की भी कोई कमी नहीं। गुलजार निर्देशित फिल्म मेरे अपने में, कॉलेज के छात्रों की राजनीति और टकराव के बाद उपजी हिंसा का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया था। गुलाल, दिल दोस्ती एटसेट्रा, मणि रत्नम की फिल्म युवा, आरक्षण, हासिल, आदि फिल्मों में भी छात्र राजनीति का हिंसक चित्रण होता था। रंग दे बसंती के छात्र भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ खड़े होते थे। फुकरे के कॉलेज के लडके आसान पैसे कमाने के लिए गलत रास्ता चुनते हैं और डॉन के चक्कर में फंस जाते है।

छिछोरे मे नया क्या ?
उपरोक्त फिल्मों से अलग, कॉलेज छात्रों की दिल-दोस्ती का चित्रण करने वाली फिल्म छिछोरे में ऐसा क्या है कि दर्शक इस फिल्म को देखने सिनेमाघरों तक पहुंचे ? नेट पर उपलब्ध फिल्म की कहानी की जानकारी पर विश्वास करें कि सात दोस्त, जो देश-विदेश के अलग अलग हिस्सों में रहते हैं, अपने कॉलेज के दो दोस्त सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्दा कपूर के बच्चे को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। क्या कॉलेज के छात्रों का यह जज्बा दर्शकों को प्रभावित कर सकेगा ?  

Article 15 के बाद जातपात को सनसनी बनाती प से Pyaar फ से Faraar


घुँघरू टूट गए - फिल्म WAR


Sushant Singh Rajput के लिए छिछोरे का हिट होना ज़रूरी है


दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी की फिल्म छिछोरे ७ दोस्तों की कहानी है।  लेकिन, फिल्म के केंद्र में सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर के करैक्टर हैं।  फिल्म के दर्शक भी, छिछोरे को सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर या नितेश तिवारी की फिल्म बता रहे हैं।  खुद का सुशांत सिंह राजपूत भी चाहते हैं कि छिछोरे हिट हो।  क्योंकि, बाकी के छह दोस्तों का पता नहीं, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत का करियर तो दांव पर लगा हुआ है।

काई पो छे (२०१३) से हिंदी फिल्मों में आये, सुशांत सिंह राजपूत के खाते में शुद्ध देशी रोमांसपीकेएम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी और केदारनाथ जैसी सफल फ़िल्में दर्ज है।  लेकिन, राब्ता जैसी बड़ी सोलो  फिल्म की असफलता ने, सुशांत के करियर को डावांडोल कर दिया है।  डाकू फिल्म सोनचिरैया, बॉक्स ऑफिस पर  बुरी तरह से ध्वस्त हुई। अब उनकी पूरी आशा छिछोरे पर टिकी हुई हैं।

सुशांत सिंह राजपूत को छिछोरे की सफलता की सख्त ज़रुरत है।  इतना ही नहीं, उन्हें अपने अभिनय से भी दर्शकों को प्रभावित करना है।  छिछोरे के बाद, उनकी दो फिल्मों का भविष्य ज़्यादा डांवाडोल हो सकता है।  करण जौहर की तरुण मनसुखानी निर्देशित फिल्म ड्राइव को ठन्डे बस्ते में डाल दिए जाने की खबर है।  कास्टिंग डायरेक्टर से फिल्म डायरेक्टर बने मुकेश छाबड़ा की फिल्म किजी और मैनी से दिल बेचारा बन जाने के बावजूद दर्शकों का ध्यान नहीं खींच पाई है।  यह फिल्म शुरू होने के साथ ही मीटू के आरोपों में फंस गई थी। दिल बेचारा को २९ नवंबर को रिलीज़ होना है।


ज़ाहिर है कि सुशांत का करियर दांव पर है।  कॉलेज के दोस्तों की दोस्ती कहानियों पर बनी फिल्मों की दर्शकों ने हमेशा ही पसंद किया है।  लेकिनछिछोरे का ट्रेलर ३ इडियट्स और स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर की नक़ल लगता हुआ, दर्शकों को उदासीन बना रहा है।  इसलिए, सब कुछ माउथ पब्लिसिटी पर निर्भर करेगा।  क्या सुशांत सिंह राजपूत, श्रद्धा कपूर और अपने बाकी के दोस्तों के साथ छिछोरे को दर्शकों के दिलों में उतार पाएंगे ?




Wednesday, 4 September 2019

Mohanlal की फिल्म KAAPAAN का ट्रेलर


मॉं- बेटी अमृता सिंह और......!


शिव और विष्णु के संबंधों का नमः


स्टार प्लस का, शाम ७ बजे से प्रसारित होने वाला शो एक भ्रम सर्वगुण संपन्न, अगले शुक्रवार १३ सितम्बर को आखिरी बार प्रसारित होगा. पहले यह खबर थी कि इस सीरियल को दो हफ़्तों का विस्तार दे दिया गया है. लेकिन, अब खबर है कि इस विस्तार को निरस्त कर दिया गया है. इस प्रकार से, यह सीरियल सिर्फ ९ दिनों तक प्रसारित हो सकेगा. कारोबारी अदावत, धोखा, आत्महत्या, बर्बादी, हत्या और चाल परपंच पर केन्द्रित यह शो अब अपने दांव पेंचों के कारण अपना प्रभाव खो बैठा है.

शो की मुख्य किरदार पूजा शर्मा की माँ के जीवित होने के प्रकरण के बाद यह शो खिंचता हुआ महसूस हो रहा था. इसे पूजा के प्रायश्चित के सहारे खींचना दर्शकों के गले नहीं उतर रहा था. कथित प्रायश्चित के बजाय पूजा अगर मित्तल परिवार को उनकी संपत्ति सौंप देती तो ज्यादा अच्छा प्रायश्चित होता...लेकिन खैर. 


इस शो में श्रेनु पारीख और जईन इमाम मुख्य भूमिका मे हैं. श्रेनु सुंदर ज़रूर है. लेकिन, अभिनय के मामले में कमज़ोर हैं. जईन तो खैर सपाट चेहरा हैं. इस शो में परीक्षित साहनी और  अयूब खान को भी शामिल किया गया है. अयूब खान का किरदार तो मारा जा चुका है. परीक्षित साहनी व्हील चेयर पर बैठे सबकों हिला रहे हैं. कहने का मतलब यह कि दीप्ती कलवानी के हाथ से एक भ्रम सर्वगुण संपन्न की डोर छूट चुकी हैं.


इस शो की जगह, शाम ७ बजे से माइथोलॉजिकल शो नमः का प्रसारण होगा. इस शो के मुख्य चरित्र भगवन शिव और भगवन विष्णु हैं. यह शो इन्ही दोनों के बीच के संबंधों का चित्रण करने वाला है. बेशक इनके साथ पार्वती और लक्ष्मी के किरदार भी होंगे. 

सांड की आँख में हुए Tapsee Pannu और Bhoomi Pednekar को अनुभव



भारत को न सिर्फ विविध संस्कृतियों का देश माना जाता है, बल्कि यह कई खेलों का घर भी है। कबड्डी से लेकर कुश्ती तक, क्रिकेट और बैडमिंटन तक, भारतीय खेल जगत की हस्तियों ने वैश्विक स्तर के स्टेडियमों में अपनी प्रतिभा दिखाई है|

ऐसी ही दो बहुत दिलचस्प महिलाओं ने अपने तेज शूटिंग स्किल से देश को गौरवान्वित किया है। चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर ने 60 साल की उम्र पार करने बाद सबसे उम्रदराज़ 'शार्प शूटर' का ख़िताब अपने नाम किया है|

'सांड की आँख' इन दोनों शार्प शूटर्स पर बनी पहली फिल्म है जिसमें तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर दमदार किरदार में नज़र आएँगी|

नेशनल स्पोर्ट्स डे पर, 'सांड की आंख' की दोनों लीडिंग एक्ट्रेसेस ने बताया कि उनके लिए बड़े परदे पर इन अद्भुत शार्प शूटरों का किरदार निभाना कैसा रहा|

प्रकशी तोमर की भूमिका निभाने वाली तापसी पन्नू कहती हैं, “एक ऐसी महिला की भूमिका निभाना जिसने सभी बाधाओं के बाद भी बंदूक उठाई और उस उम्र में गौरव और सफलता की राह पर निशाना साधा, बहुत ही प्रेरित करने वाला था| फिल्म की शूटिंग के दौरान, मैं उनके घर में उनके साथ रहती थी| मैंने देखा कि कैसे वे दोनों शार्प शूटिंग के खेल को प्रोत्साहित करते हैं। एक ग्रामीण स्थान से आने के बावजूद, इन दो महिलाओं ने मुझे दिखाया है कि बात जब खेल की हो तो भारतीय महिलाएं मजबूत इच्छाशक्ति और अपने सपने के लिए लड़ने में, दुनिया में किसी से कम नहीं हैं।

तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रकाश झा और विनीत कुमार भी हैं। भूमि के लिए भी ये फिल्म एक इमोशनल और सीखने की जर्नी रही| उन्होंने कहा, "शार्प शूटिंग एक बहुत ही दिलचस्प खेल है और चंद्रो तोमर की भूमिका निभाते हुए मुझे खेल के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला| मैंने मेरठ के उस गाँव में रहने वाले बहुत सारे लोगों के साथ बातचीत की और यह जाना कि सभी लोग शार्प शूटिंग को लेकर कितने पैशनेट है| वे इस खेल में माहिर होने के लिए जो मेहनत करते हैं उसे देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं| इस खेल के लिए उत्साह बढ़ रहा है और मुझे उम्मीद है कि इसके लिए और अधिक खिलाड़ी सामने आएंगे|"

सारेगामा कारवां मिनी श्रीमदभगवद् गीता लॉन्च




आध्यात्मिक श्रेणी जैसे भक्ति और गुरबानी में लॉन्च किए गए सारेगामा कारवां की सफलता के बाद अब कारवां मिनी ने श्रीमदभगवद् गीता को समर्पित एक वर्जन लॉन्च किया है। सारेगामा के इस वर्जन में 18 अध्याय, 700 छंद और 100 से ज्यादा कृष्ण भजन है। संस्कृत में लिखे गए इन छंदों का सरल हिंदी में अनुवाद किया गया है, जिससे हर पीढ़ी को इसे समझने में आसानी हो। सभी छंद मन को शांति प्रदान करने वाली सकारात्मकता से भरी हुई शैलेंद्र भारती की आकर्षक आवाज में रेकॉर्ड किए गए हैं। इसके अलावा सारेगामा के इस वर्जन में मशहूर और दिग्गज गायकों, जैसे लता मंगेशकर, हरि ओमशरण, जगजीत सिंह, अनूप जलोटा समेत कई अन्य गायकों की आवाज में 100 से ज्यादा कृष्ण भजन शामिल किए गए हैं। कारवां मिनी श्रीमदभगवद् गीता 2490 रुपये के दाम में उपलब्ध अपनी तरह का अनोखा ऑडियो प्लेयर है।

कारवां  मिनी श्रीमदभगवद् गीता उन लोगों के लिए आदर्श प्रॉडक्ट है, जो इस पुस्तक के प्राचीन उपदेशों को समझने के साथ आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता को भी समझना चाहते हैं। यह डिवाइस काफी आसानी से चलाया जा सकता है और अलग-अलग आयुवर्ग के लोग इसका बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरे सभी कारवां मिनी वैरिएंट्स की तरह इस वर्जन भी इंटरनेट की मदद और विज्ञापन की रुकावट के बिना लंबे समय तक सुना जा सकता है। 

श्रोताओं के आनंद को दोगुना करने के लिए कारवां मिनी श्रीमद भगवत गीता में एएम और एफएम रेडियो का भी ऑप्शन दिया गया है। इसमें आप कोई भी लोकल स्टेशन ट्यून कर सकते हैं।  श्रोता कारवां मिनी में अपना मनपसंद म्यूजिक कलेक्शन अपने फोन को ब्लूटूथ के माध्यम से डिवाइस से कनेक्ट कर या यूएसबी ड्राइव में प्लगइन कर सुन सकते हैं। इसकी बैटरी लाइफ काफी लंबी है। इसमें 4 घंटे तक आप बिना किसी रुकावट के अपना मनपसंद संगीत सुन सकते है। केवल यही नहीं, कारवां मिनी ऑक्‍स या ऑक्‍स आउट फीचर को सपोर्ट करता है। ये देश भर में 6 महीने की वारंटी के साथ मिल रहा है। 

सारेगामा इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विक्रम मेहरा ने कहा, “श्रीमदभगवद्गीता सभी पीढ़ियों और आयुवर्ग के लोगों के लिए प्रासंगिक है। कारवां मिनी श्रीमदभगवद् गीता से हमारा यह प्रयास है कि सिर्फ एक बटन को दबाने से श्रीमदभगवद् गीता के उपदेश घर-घर में पहुंच जाएं।

कारवां मिनी श्रीमदभगवद् गीता को 2490 रुपये के उचित दाम में खरीदा जा सकता है। यह सारेगामा की वेबसाइट और नजदीकी रिटेल की दुकानों में उपलब्ध है।

आप www.Saregama.com पर लॉगइन कीजिए और अपने परिवार के लिए कारवां मिनी श्रीमद् भगवत गीता को आज ही बुक कीजिए। हम आपको इसे गिफ्ट पैक में रैप करके देंगे, जिसके लिए आपको कोई अतिरिक्त कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी। इससे यह मौका आपके लिए और स्पेशल बन जाएगा।

सारेगामा इंडिया के विषय में
पूर्व में द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के रूप में मशहूर, सारेगामा भारत में सबसे बड़े म्यूजिक आर्काइव्ज का स्वामित्व रखता है, जो दुनिया के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। भारत में अब तक रिकॉर्ड किए गए तमाम म्यूजिक में से लगभग 50 प्रतिशत का स्वामित्व सारेगामा को देश की संगीत विरासत का सबसे प्रामाणिक और आधिकारिक कोष भी बनाता है। सारेगामा ने अब मनोरंजन की अन्य शाखाओं में भी अपना विस्‍तार किया है - यह प्रकाशन से भी जुड़ा है।

ALTBalaji and ZEE5‘s ‘Coldd Lassi Aur Chicken Masala’ is a Sweet, Fiery & Passionate Mix Of Emotions



The wait is finally over as ALTBalaji and ZEE5’s first co-created original titled Coldd Lassi Aur Chicken Masala has launched today. Excitement for the show has been at its peak since the time the first look of the show was released and the sweet & fiery trailer only added to the curiosity. In this recipe of love,  the viewers will be treated to the sparkling chemistry between the reigning queen of television Divyanka Tripathi Dahiya, who makes her digital debut, along with heartthrob Rajeev Khandelwal. The viewers can finally savor the first seven episodes which have launched today and are in for a second helping that they’ll relish with the remaining five episodes releasing on September 7.

The story revolves around the lives of two aspiring chefs, Nitya and Vikram, who fall in love but get separated due to unforeseen circumstances. Nitya played by Divyanka Tripathi, is a perfectionist in every sense and has big dreams which are not bound by traditions, customs or any other superstitions. On the other hand, Vikram played by Rajeev Khandelwal is exactly opposite of Nitya who loves experimenting with food. A two Michelin Star chef, Vikram cooks from his heart and not from his mind. While Nitya falls in love with Vikram’s talented personality and his cooking, it is love at first sight for Vikram. He falls head over heels for her headstrong personality, her uprightness, brutal honesty and is absolutely besotted by her. Their romance brews, leading them to see the happily ever after by tying the knot. Life is blissful and the two continue to be absolutely in love with each other, until one day a misunderstanding rocks their world and tears them apart. Love turns sour and the two get separated. However, as destiny has it, the two come back face to face with each other after 8 long years. While Nitya and Vikram both seem to have moved on in life with each accomplishing great feats in their career but is the love intact or lost is the questions that will be answered as the show progresses.  As they face each other after years, their minds are shrouded with a thousand questions, disbelief, and anger. Has time healed the two lovers? Have they moved past the misunderstanding and found solace in other partners or are they still stuck with an unknowing beacon of hope? The show promises to take you through a roller-coaster of emotions as it depicts romance, betrayal, separation, pain in the most realistic manner. The stirring series is directed by ace filmmaker Pradeep Sarkar, known for path-breaking films like Mardaani, Parineeta, and Laaga Chunari Mein Daag. Produced by Doris De and Suhail Zaidi, of Linga Bhairavi Devi Productions, the show also features actors, Barkha Sengupta, Maninee Mishra, Navniit Nisshan, Priyanshu Chatterjee, Mrinal Dutt, Madhussneha in pivotal roles.

Speaking on directing the series, Pradeep Sarkar said, “I am truly excited for my first web directorial venture. Depicting a fine narrative on screen is what inspired me to become a director. With a riveting take on human emotions set in the background of cooking, Coldd Lassi Aur Chicken Masala fits exactly as to how I want my idea to pan out in front of a very large audience. Adding to this, I had two very fine actors in the form of Rajeev and Divyanka, who are household names in the Indian entertainment industry. It was the perfect combination of a fine script, a talented cast  and it is indeed an enjoyable watch for the audience.”

Commenting on the Launch, Divyanka Tripathi said, "It’s been several months of hard work and long shooting hours that have finally borne fruit. With the show having launched, I actually feel like a school kid who’s eagerly awaiting their results. I can’t wait to see how well the audience has taken to the show and my new look. Seeing the adulation that the trailer received, I am filled with excitement and really hope that they love the series as well.”

Rajeev Khandelwal quipped, “I feel the concept of the series is sure to grip the audience’s attention, which is why I am really looking forward to their response. If you are a romantic at heart and a fan of love stories, then you should definitely watch this series. It’s refreshingly different. We have done our best, given it all and now await the verdict. All I can hope at this point is that the audiences shower their love on us.”

The series spanning 12 enthralling episodes, will surely fill your hunger for some engaging content.

To watch the series, download and subscribe to the ALTBalaji & ZEE5 app!

नवोदय टाइम्स ०४ सितम्बर २०१९





Alia Bhatt को Rajamouli का सहारा


संजय लीला भंसाली की फिल्म इंशाल्लाह के बाद, सातवें आसमान पर उड़ रही अलिया भट्ट को, उस समय जोर का झटका धीरे से लगा, जब संजय लीला भंसाली ने, इंशाल्लाह को फिलहाल के लिए ठन्डे में डाल दिया। नतीजे के तौर पर, अलिया भट्ट के सामने घर बैठ कर उकताने और ऊंघने का समय आ गया था। लेकिन, अलिया ने इंशाल्लाह की तारीखें एस एस राजामौली को उनकी फिल्म आर आर आर के लिए दे दी।

दुल्हनिया रोमांस की आलिया
अलिया भट्ट, अपने छः साल लम्बे फिल्म करियर में, वरुण धवन की दुल्हनिया रोमांस से उबर नहीं पाई थी। वरुण धवन के साथ भी उनका रोमांस चौथी फिल्म कलंक तक पहुंचते पहुंचते, फीका पड़ चुका था। रणवीर सिंह के साथ गली बॉय भी कोई सहारा नहीं दे पाई थी। रणबीर कपूर के साथ फिल्म ब्रह्मास्त्र अभी रिलीज़ होनी है। ऐसे में सलमान खान के साथ फिल्म इंशाल्लाह, अलिया के लिए अच्छी खबर थी।

करियर के लिहाज़ से सलमान से रोमांस
हालाँकि, सलमान खान के साथ अलिया भट्ट की फिल्म इंशाल्लाह बड़ी उम्र के रोमांस की फिल्म थी। लेकिन, अलिया भट्ट के लिहाज़ यह करियर के लिए बूस्टर फिल्म थी। वह सलमान खान की नायिका बन कर, अपने राज़ी करियर पर सितारे जड़ सकती थी। लेकिन, संजय लीला भंसाली के साथ सलमान खान के मतभेदों ने, अलिया भट्ट को एक बड़े ब्रेक से वंचित कर दिया।

दक्षिण के बाहुबलियों का सहारा
ऐसे में, अलिया के लिए दक्षिण के बाहुबली ही सहारा है। राजामौली की फ़िल्में पूरे देश में अपनी दमखम दिखाने में कामयाब होती है। पीरियड फिल्म आर आर आर को भारी पैमाने पर, दक्षिण के बड़े सितारों रामचरण और जूनियर एनटीआर के साथ बनाया जा रहा है। फिल्म में वह रामचरण का रोमांस बनी है।

इंशाल्लाह के फ्लॉप होने का डर !
फिल्म आर आर आर, किसी मायने में इंशाल्लाह से कमतर नहीं है। इंशाल्लाह एक लीक से हट कर फिल्म थी। फ्लॉप होने के भी खतरे थे। लेकिन, आर आर आर खालिस मसाला और भव्य कैनवास पर बनी फिल्म है। बड़े सितारे हैं। इसीलिए, अब अलिया भट्ट का सहारा दक्षिण के बाहुबली ही है।  

Ritesh Deshmukh बने खूंखार बौना


सत्यमेव जयते के बाद, लेखक निर्देशक मिलाप झावेरी की फिल्म मरजावां एक्शन से भरपूर प्रेम कहानी है। इस फिल्म में, एक विलेन के बाद, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख फिर आमने सामने होंगे।  रितेश देशमुख एक बार फिर विलेन की भूमिका में होंगे।  लेकिन, उनकी यह खल भूमिका थोड़ी ख़ास है। फिल्म में रितेश देशमुख बौना दुष्ट चरित्र बने है, जो क्रूरतम है। हिंदी फिल्मों में बौने बनने वाले रितेश देशमुख पहले एक्टर नहीं। उनसे पहले भी परदे पर बौने किरदारों को उतारा जा चुका है।

दक्षिण से आया पहला बौना
रूपहले परदे पर एक बौने को सबसे पहले दक्षिण में उतारा गया। दक्षिण के सुपरस्टार कमल हासन ने १९९५ में रिलीज़ तमिल फिल्म अपूर्वा सागोधरारगल के डब संस्करण अप्पू राजा में दो भाइयों की अपनी दोहरी भूमिका में बौने भी बने थे। चौबीस साल पहले यह तकनीक का चमत्कार था। कमल हासन ने अपनी दोहरी भूमिकाओं में कमाल का अभिनय किया था।

कैमरा ट्रिक से बौने जॉनी लीवर
कमल हासन के बाद, हिंदी फिल्म दर्शकों ने दूसरे बौने को देखा फिल्म आशिक़ में। बॉबी देओल और करिश्मा कपूर अभिनीत फिल्म आशिक़ (२००१) में जॉनी लीवर एक कॉमेडी सीक्वेंस में बौने की भूमिका में थे। उनका यह बौना सिर्फ कुछ मिनटों के लिए शादी के मंडप में दिखाया गया था।

घुटनों के बल चले अनुपम
शिरीष कुंदर निर्देशित जानेमन (२००६) एक सितारा बहुल फिल्म थी। इस फिल्म में चरित्र अभिनेता अनुपम खेर ने बौने बोनी कपूर की भूमिका की थी। यह अनुपम खेर की हास्य भूमिका थी। इस भूमिका के लिए अनुपम खेर अपने घुटनों के बल चले थे और नाचे भी थे।

शाहरुख़ खान भी बौने  
पिछले साल, आनंद एल राय की फिल्म जीरो में शाहरुख़ खान ने एक बौने बऊआ सिंह की भूमिका की थी। खासियत यह थी कि इस बौने के अरमान काफी बड़े थे। इससे दो खूबसूरत महिलाएं प्यार भी करती थी। इस कॉमेडी ड्रामा फिल्म में, शाहरुख़ खान ने बऊआ सिंह को खूब नाटकीय और हास्य की चाशनी में डुबो कर खेला था। यहीं शाहरुख़ खान मात खा गए। वह बऊआ सिंह के बजाय शाहरुख़ खान बन कर रह गए।

पांच भूमिकाएं, भिन्न रंग
हिंदी दर्शकों द्वारा अब तक देखी गई पांच भूमिकाओं में बौने के भिन्न रंग देखने को मिलते हैं । जहाँ, अनुपम खेर और जॉनी लीवर का बौना हास्य पैदा कर रहा था, वहीँ कमल हासन का बौना गंभीर और हिंसक था । शाहरुख़ खान के बौने में हास्य और गंभीरता का मिश्रण था । मगर, मरजावां के रितेश देशमुख का बौना खूंखार हिंसक विलेन है, जो दर्शकों को अनोखा अनुभव देगा । 

ब्लैक टाइगर क्यों नहीं बने Hrithik Roshan?


हृथिक रोशन, निर्देशक राजकुमार गुप्ता की स्पाई फिल्म ब्लैक टाइगर में रियल लाइफ एजेंट रविन्द्र कौशिक की भूमिका करने वाले थे। उस समय तक, हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० रिलीज़ नहीं हुई थी। सुपर ३० रिलीज़ हुई। हृथिक रोशन के लिए बॉलीवुड का माहौल बदल गया। हृथिक के सामने स्क्रिप्ट की बौछार होने लगी। इसी बीच खबर आई कि हृथिक रोशन, ब्लैक टाइगर नहीं बनेंगे।

ब्लैक टाइगर को इंकार क्यों
हृथिक रोशन ने ब्लैक टाइगर को क्यों इनकार किया ? क्या इसलिए कि अब उन्हें ऑफर की भरमार हो गई थी ? हृथिक के पास, इस समय चार फिल्मों की स्क्रिप्ट हैं। हृथिक रोशन बहुत चुन चुन कर फ़िल्में करते हैं। वह फिल्मों की संख्या के बजाय गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं। उनकी फिजा, मिशन कश्मीर, लक्ष्य और गुज़ारिश जैसी फ़िल्में इसका प्रमाण है। इन फिल्मों में हृथिक रोशन की भूमिका बहुत सशक्त थी। राजकुमार गुप्ता की फिल्म ब्लैक टाइगर भी एक ऎसी ही फिल्म थी।

स्पाई फिल्मों की भरमार !
क्या स्पाई फिल्मो की भरमार ने हृथिक को ब्लैक टाइगर को इंकार किया ? इसी साल दो स्पाई फ़िल्में जॉन अब्राहम की रॉ : रोमियो अकबर वालटर और राजकुमार गुप्ता की ही लिखी इंडियाज मोस्ट वांटेड के अलावा ब्लेंक रिलीज़ हुई है। रविन्द्र कौशिक थिएटर एक्टर थे, जिन्हें रॉ ने प्रशिक्षित कर पाकिस्तान में अपने एजेंट के तौर पर प्लांट किया था। रविन्द्र ने वहा महत्वपूर्ण सूचनाये भारत को मुहैया करवाई। लेकिन स्पाई फिल्मों की भरमार ने हृथिक को विचलित नहीं किया था। 

इमेज का तकाज़ा !
हृथिक रोशन का, सुपर ३० के बाद, ब्लैक टाइगर नहीं बनना इमेज का तकाजा था। सुपर ३० अलग तरह की रियल लाइफ फिल्म थी। हृथिक ने सुपर ३० यह सोच कर नहीं की थी कि यह सुपर हिट साबित होगी। हृथिक रोशन मुख्या धारा की फिल्मों के कमर्शियल एक्टर हैं। उनकी एक्शन फिल्म वॉर प्रदर्शित होने वाली है। उनके प्रशंसक उन्हें ग्लैमर से भरपूर खालिस मसाला फिल्मों में ही पसंद करते हैं।

ब्लैक टाइगर का दुखांत
समय समय पर लीक से हटकर फिल्म करना एक एक्टर के लिहाज़ से बढ़िया है। लेकिन एक स्टार को लगातार ऎसी फिल्मों से परहेज करना चाहिये। ब्लैक टाइगर किसी भी मायने में कमर्शियल फिल्म नहीं थी। इस फिल्म में रविन्द्र कौशिक, साहसिक कारनामे करने के बावजूद पाकिस्तान की जेल में यातनाएं पाता है और पाकिस्तान की जेल में बुरी मौत मारा जाता है। हृथिक रोशन के प्रशंसक उन्हें ऐसी किसी भूमिका में देखना नहीं चाहेंगे। इसलिए, हृथिक ने ब्लैक टाइगर न बनने का फैसला किया।