पिछले चार-पांच सालों में रिलीज़ फिल्मों के चार समूहों पर ध्यान दे।
१- हिचकी, हेलीकाप्टर इला,
मनमर्जियां, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा।
२- सोनू के टीटू की स्वीटी, ब्लैकमेल और
गली बॉय।
३- हेट स्टोरी ४, राज़ी, अंधाधुन और
बदला।
४- रेड, धड़क, सूरमा और
सुई धागा।
यह तमाम फ़िल्में नायिका पर केंद्रित नहीं तो सशक्त नायिका चरित्र वाली
फ़िल्में हैं। इन फिल्मों में नायिका का
महत्त्व है। रानी मुख़र्जी की फिल्म हिचकी, काजोल की
फिल्म हेलीकाप्टर इला, तापसी पन्नू की फिल्म मनमर्जियां,
सोनम कपूर की फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा,
नुसरत भरुचा की सोनू के टीटू की स्वीटी, कृति कुलहरि
की ब्लैकमेल, आलिया भट्ट की गली बॉय,
उर्वशी रौतेला की हेट स्टोरी ४, आलिया भट्ट
की राज़ी, तब्बू की अंधाधुन,
तापसी पन्नू की बदला,
डिक्रूज़ की रेड, जाह्नवी कपूर की धड़क,
तापसी पन्नू की सूरमा और अनुष्का शर्मा की सुई धागा में इन सभी
अभिनेत्रियों के चरित्र या तो केंद्र में है या मज़बूत इच्छा शक्ति वाले हैं। इन
फिल्मों की नायिका को मोटे तौर पर आत्मनिर्भर और दृढ,
चालू, चतुर और चालबाज़,
खतरनाक और खूंखार तथा सहयोगिनी और सह-भगिनी कहा जा सकता है।
बोल्ड एंड ब्यूटीफुल
साठ के दशक में, नायक के हाथ पकड़ लेने भर से,
लजा कर दुहरी हो जाने वाली नायिका अब हिंदी फिल्मों के इतिहास की सेलुलोइड
में सिमट गई है। सलमान खान को हिट बनाने वाली मैंने प्यार किया की सुमन भी अब तीस
साल लम्बी दौड़ में पिछड़ चुकी है। २०११ में रिलीज़ आनंद एल राय की फिल्म तनु वेड्स
मनु की तनु उस समय भी नशे में धुत होती है, जब उसे
देखने वाले आ रहे होते हैं। वह मोहल्ले के गुंडे अपने दोस्त के साथ सैर सपाटा करती
है। दर्शक इस किरदार को देख कर चौंके थे। इसके बावजूद उन्हें तनु पसंद आई थी,
क्योंकि वह आखिरकर अपने मनु की सरलता की हो जाती है। तनु वेड्स मनु
रिटर्न्स में भी कंगना रानौत के बोल्ड होने का सिलसिला जारी रहा था।
सेक्स को ले कर बोल्ड !
अब तो नायिका खुद आगे बढ़ कर नायक को चूमती है। बरेली की बर्फी की छोटे शहर
की बिट्टी शादी करने आये लडके से पूछ लेती
है कि क्या वह वर्जिन है। लुका छुपी की रश्मि छोटे शहर की होने के बावजूद लिव-इन
रिलेशनशिप की पक्षधर है। वह अपने प्रेमी के साथ दूसरे शहर में लिव-इन में रहने
लगती है। मनमर्ज़ियाँ की रूमी अपने छोटे शहर की गलियों में बिंदास रोमांस करती
दिखाई देती है। यह चरित्र ख़ास इसलिए हैं
कि यह किसी विदेशी शहर या मेट्रो शहर के नहीं है। यह छोटे और संकीर्ण सोच वाले
शहरों और कस्बों में बसते हैं। सेक्स को लेकर इनकी बोल्डनेस चौंकाने वाली है।
सेक्स पर नायिका के बिंदास बोल
मगर, २०१९ में इस नायिका की बोल्डनेस अभूतपूर्व
हो जाती है। शशांक घोष की फिल्म वीरे दी वेडिंग की चार सहेलियां खूबसूरत और बोल्ड
चेहरा हैं। वह सेक्स पर बात करती है। मर्दाना खूबसूरती का मज़ा लेती है। साक्षी
सोनी तो एक मर्द के नितम्ब को सहलाती भी है। वह अपने पति से सुख नहीं पाती तो हस्त
मैथुन करके यह सुख पाती है। यह महिलायें सेक्स पर खुल कर बात करती हैं। कौमार्य और
चरम सुख का उपहास उड़ाती है। करीना कपूर खान, सोनम कपूर,
स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया इन महिलाओं की रील लाइफ हैं। चार
निर्देशकों अनुराग कश्यप, करण जौहर, जोया अख्तर
और दिबाकर बनर्जी की चार कहानियों के महिला चरित्र भी सेक्स के भूखे दिखाए गए हैं।
मेघा पति से सुख न पाने के कारण वाइब्रेटर का इस्तेमाल करती है। घर की बाई,
अपने मालिक को सेक्स करता देख कर उत्तेजित हो जाती है और खुद भी उसके साथ
सेक्स करना चाहती हैं। इन किरदारों को परदे पर राधिका आप्टे,
भूमि पेडनेकर, किअरा अडवाणी और मनीषा कोइराला करती हैं। इन
फिल्मों की नायिकाएं कामुक और सेक्स की दीवानी है। यह तनु वेड्स मनु की तनु से
कहीं बहुत आगे हैं। इनके सामने सुमन तो कहीं बहुत पीछे छूट जाती है।
चालू, चतुर और
चालबाज़
लव रंजन की फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी की स्वीटी बेहद चालाक और कुटिल
लड़की है। वह एक लडके को अपने रूप जाल में फंसा कर, शादी करना
चाहती है। वह अपने अतीत को झुठलाती है। अपने होने वाली पति के दोस्त को बार बार
गलत साबित करती है। अभिनय देव निर्देशित
ब्लैकमेल के तमाम मुख्य चरित्र अपराधी सोच के हैं। इनमे से एक रीना भी है। वह अपने पति के दफ्तर जाने के बाद अपने बॉय
फ्रेंड के साथ मौज़ करती है। ज़ोया अख्तर की फिल्म गली बॉय की सफीना अपने प्रेमी पर
हक़ मानती है। उसे गंवारा नहीं कि उसका प्रेमी दूसरी लड़की से बात करे। इसके लिए वह
एक दूसरे किरदार पर आक्रमण कर घायल कर देती है। इन लड़कियों को आप क्या नाम देंगे!
खतरनाक और खूंखार नायिका
हिंदी फिल्मों की नायिका अब हत्या करने में भी नहीं हिचकिचाती। बेशक इन हत्याओं का उसका उद्देश्य भिन्न हो
सकता है। निर्देशक विशाल पंड्या की फिल्म हेट स्टोरी ४ ताशा (उर्वशी रौतेला) को
अपना बदला लेना है। इस के लिए वह ह्त्या भी कर सकती है। इस लिहाज़ से राज़ी की आलिया भट्ट द्वारा की गई
हत्याओं की वजह वाजिब है। वह अपने देश के लिए कुछ भी कर सकती है। श्रीराम राघवन की
फिल्म अंधाधुन की सिमी (तब्बू) अपने पति की हत्या कर देती है। किसी के देख लेने के
शक में ह्त्या भी करती है और अंधा भी बना देती है। सुजॉय घोष की की फिल्म बदला की
नैना सेठी (तापसी पन्नू) भी खतरनाक हत्यारी है।
सहयोगिनी और सह-भगिनी भी
सुरेश त्रिवेणी निर्देशित तुम्हारी सुलु की सुलोचना (विद्या बालन)
जिम्मेदार माँ, पत्नी और ग्रहस्थिन महिला है। वह आत्मनिर्भर
बनना चाहती है, लेकिन परिवार की कीमत पर नहीं। निर्देशक
राजकुमार गुप्ता की फिल्म रेड की आयकर अधिकारी की पत्नी मालिनी (इलीना डिक्रूज़)
गुंडों के हमलों के बावज़ूद डरती नहीं। पति के साथ खड़ी रहती है। शशांक खेतान की
फिल्म धड़क की पार्थवी (जाह्नवी कपूर) अपने से छोटी जाति के लडके से प्रेम करती है
और शादी करती है। यह बात दीगर है कि इसके लिए उसे अपनी जान गंवानी पड़ती है। शाद
अली की हॉकी लीजेंड संदीप सिंह पर फिल्म
सूरमा की हरप्रीत (तापसी पन्नू) संदीप सिंह के अपंग हो जाने पर भी साथ देती
है। शरत कटारिया निर्देशित फिल्म सुई धागा की ममता (अनुष्का शर्मा) अपने पति मौजी
की आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है।
आत्मनिर्भर और दृढ नायिका
सिद्धार्थ पी मल्होत्रा निर्देशित फिल्म हिचकी की नैना (रानी मुख़र्जी) को
बात करते करते हिचकी आने की बीमारी से ग्रस्त है। इसके बावजूद वह शिक्षक बनना चाहती
है और बन कर दिखाती भी है। वही प्रदीप सरकार की फिल्म हेलीकाप्टर इला की इला
(काजोल) पढ़ना चाहती है। इसके लिए वह अपने बेटे के साथ क्लास में बैठती है और
बिलकुल छात्रों सा व्यवहार करती है। अनुराग कश्यप की फिल्म मनमर्जियां की रूमी
(तापसी पन्नू) को यह स्वीकार करने में हिचक नहीं कि वह किसी लडके से प्यार करती
थी। शैली चोपड़ा धर की डेब्यू फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा की स्वीटी को
समलैंगिक है। वह परिवार के विरोध के बावजूद अपनी सहेली के साथ रहना चाहती है। यह
तमाम करैक्टर दृढ और आत्मनिर्भर नायिका के हैं, जो काफी हद
तक पॉजिटिव हैं।
बोल्ड और खतरनाक किरदारों की अभिनेत्रियां
परदे पर बोल्ड या परंपरागत किरदार
करने के लिहाज़ से तपसी पन्नू, आलिया भट्ट,
कृति सेनन, कीर्ति कुल्हारी,
नुसरत भरुचा, विद्या बालन, इलीना
डिक्रूज़, कृति खरबंदा, आदि
अभिनेत्रियों के नाम उल्लेखनीय हैं। यह सभी अभिनेत्रियाँ युवा पीढ़ी का नेतृत्व
करती है । यह रियल लाइफ में भी बोल्ड निर्णय लेने वाली महिलाये हैं । तभी तो यह
अभिनेत्रियाँ परिपाटी से हटकर किरदार कर सकीं । ख़ास बात यह है कि इन ज़्यादातर
अभिनेत्रियों की व्यक्तिगत छवि भी, उनके
किरदारों की तरह है । यानि यह अभिनेत्रियाँ इसी लिए ऐसे किरदार कर सकी कि वह खुद
को वैसा ही महसूस करती थी ।
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