स्वर्गीय मुकेश के पोते और गायक नितिन मुकेश के बेटे नील नितिन मुकेश के सितारे बुलंदी पर लगते हैं। उनकी दो फ़िल्में, दो महीने के अंतराल में रिलीज़ होने जा रही हैं। खास बात यह है कि यह दोनों फ़िल्में भिन्न जॉनर की हैं। लेकिन, दोनों ही फिल्मों मे नील की भूमिका अहम् हैं। एक फिल्म के वह नायक है, जबकि दूसरी फिल्म के खलनायक। लेकिन फिल्म की कहानी की धुरी उनके चरित्रों के इर्दगिर्द ही घूमती रहती हैं।
साहो के विलेन
पहली फिल्म साहो ३० अगस्त को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म से, वह पहली बार
किसी तेलुगु फिल्म के हीरो को चुनौती दे रहे हैं।
फिल्म में उनकी भूमिका मुख्य विलेन की है।
नील को यह फिल्म तीन साल पहले उस समय मिली, जब प्रभास की ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली द
बिगिनिंग रिलीज़ नहीं हुई थी। बाहुबली की
सफलता के बाद प्रभास को इसके दूसरे भाग को
पूरा करने में जुटना पड़ा। नतीजे के तौर पर साहो की शूटिंग ही शुरू नहीं हो
सकी। एक समय नील को लगा कि कहीं स्टारकास्ट के बदलाव में साहो का विलेन उनके हाथ
से न निकल जाए। लेकिन, निर्देशक
सुजीत वादे के पक्के निकले। साहो के जय नील ही बनाये गए। साहो भारतीय सिनेमा के
इतिहास के सबसे महंगी फिल्म है।
बाईपास हीरो
नील नितिन मुकेश की दूसरी फिल्म बाईपास दो कारणों से ख़ास है। एक तो यह कि
इस थ्रिलर-ड्रामा फिल्म के नायक नील है।
दूसरा,
फिल्म से,
नील के भाई नमन का बतौर निर्देशक फिल्म डेब्यू हो रहा है। पिछले दिनों बाईपास का फर्स्टलुक पोस्टर जारी
हुआ। इस पोस्टर की काली पृष्ठभूमि पर एक मुखौटा नज़र आता है, जिसकी एक
आँख में खंजर घुसा हुआ है और आँख खून की धार निकल रही है। यह पोस्टर अपने आप में
क्लासिक और उत्सुकता पैदा करने वाला है।
फिल्म के एक दृश्य में नील व्हील चेयर पर नज़र आते हैं। यह फिल्म १ नवंबर को
रिलीज़ हो रही है।
रहस्य है ख़ास
नील नितिन मुकेश की दोनों फिल्मों में रहस्य ख़ास है। बाईपास की कहानी में एक हत्या का रहस्य छुपा
हुआ है। जबकि, साहो की कहानी
मुंबई में हुई दो हजार करोड़ की डकैती के रहस्य से पर्दा हटाने की है। इन दोनों ही फिल्मों में हत्यारा कौन ! और चोर कौन
! ख़ास है। इन दोनों रहस्यों के इर्दगिर्द नील नितिन मुकेश के चरित्र विक्रम और जय
ख़ास हैं। ज़ाहिर है कि इन दोनों ही फिल्मों
का असर नील के करियर पर पड़ेगा ही।
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