पिछले दिनों, सनी देओल के बेटे करण की फिल्म पल पल दिल के पास का टीज़र इंटरनेट पर रिलीज़ किया गया। पल पल दिल के पास का निर्देशन खुद सनी देओल ने किया है। फिल्म का टीज़र सनी की मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। यह टीज़र सनी के प्रशंसकों को खूब पसंद आ रहा है। लेकिन, सनी देओल के लिए यह प्रशंसा उस समय ख़ास हो गई, जब शाहरुख़ खान ने इस टीज़र को रीट्वीट करते हुए लिखा, "क्या उत्तेजनापूर्ण टीज़र है ! इस खूबसूरत फिल्म के लिए करण और सहर को बधाई ! सनी देओल ने इस फिल्म को अपने दिल और आत्मा से बनाया है। पूरी टीम को प्यार। पल पल दिल के पास।' इस ट्वीट पर सनी देओल ने जवाब दिया, "बहुत बहुत धन्यवाद शाहरुख़ खान।" क्या यह बर्फ कटने जैसा है ? सनी देओल और शाहरुख़ खान के रिश्तों पर बर्फ ज़मने की कहानी १९९३ में फिल्म डर की शूटिगं के दौर से शुरू होती है। डर, बॉलीवुड के इन दो बड़े एक्टरों की पहली और आखिरी फिल्म कही जा सकती है। इस फिल्म के सुपरहिट होने के बावजूद शाहरुख़ खान के साथ सनी देओल ने कभी कोई फिल्म नहीं की। इसकी भी अपनी कहानी है। फिल्म में शाहरुख़ खान ने जूही चावला से एकतरफा प्रेम करने वाले जुनूनी प्रेमी की भूमिका की थी। सनी देओल एक कमांडो और जूही के मंगेतर बने थे। फिल्म के क्लाइमेक्स सीन में शाहरुख़ खान सामने से बात करते करते सनी देओल को चाकू मारते हैं। सनी देओल को ऐतराज़ था कि एक साधारण सा लड़का, एक कमांडो के सामने से चाकू कैसे मार सकता है। इसे लेकर, सनी और फिल्म के निर्देशक यश चोपड़ा के बीच काफी गर्मागर्म बहस हुई। लेकिन, सनी को झुकना पड़ा। इसके बाद यश चोपड़ा ने फिल्म के क्लाइमेक्स में इस जुनूनी प्रेमी को बेबसी से मार खाते दिखा कर, दर्शकों की सहानुभूति का पात्र बना दिया। डर के सुपरहिट होने का फायदा शाहरुख़ खान को हुआ, लेकिन सनी देओल पीछे रह गए। शाहरुख़ खान, चूंकि यश चोपड़ा के प्रिय एक्टर थे, इसलिए सनी ने इसका बुरा माना। शाहरुख खान से सनी देओल कभी बात तक नहीं हुई, साथ दिखाई देना तो दूर की बात है। क्या शाहरुख खान की ट्वीट को बर्फ कटने जैसा कुछ समझा जा सकता है ?
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 18 August 2019
क्या कट रही है Shahrukh Khan और Sunny Deol के बीच डर से जमी बर्फ ?
पिछले दिनों, सनी देओल के बेटे करण की फिल्म पल पल दिल के पास का टीज़र इंटरनेट पर रिलीज़ किया गया। पल पल दिल के पास का निर्देशन खुद सनी देओल ने किया है। फिल्म का टीज़र सनी की मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। यह टीज़र सनी के प्रशंसकों को खूब पसंद आ रहा है। लेकिन, सनी देओल के लिए यह प्रशंसा उस समय ख़ास हो गई, जब शाहरुख़ खान ने इस टीज़र को रीट्वीट करते हुए लिखा, "क्या उत्तेजनापूर्ण टीज़र है ! इस खूबसूरत फिल्म के लिए करण और सहर को बधाई ! सनी देओल ने इस फिल्म को अपने दिल और आत्मा से बनाया है। पूरी टीम को प्यार। पल पल दिल के पास।' इस ट्वीट पर सनी देओल ने जवाब दिया, "बहुत बहुत धन्यवाद शाहरुख़ खान।" क्या यह बर्फ कटने जैसा है ? सनी देओल और शाहरुख़ खान के रिश्तों पर बर्फ ज़मने की कहानी १९९३ में फिल्म डर की शूटिगं के दौर से शुरू होती है। डर, बॉलीवुड के इन दो बड़े एक्टरों की पहली और आखिरी फिल्म कही जा सकती है। इस फिल्म के सुपरहिट होने के बावजूद शाहरुख़ खान के साथ सनी देओल ने कभी कोई फिल्म नहीं की। इसकी भी अपनी कहानी है। फिल्म में शाहरुख़ खान ने जूही चावला से एकतरफा प्रेम करने वाले जुनूनी प्रेमी की भूमिका की थी। सनी देओल एक कमांडो और जूही के मंगेतर बने थे। फिल्म के क्लाइमेक्स सीन में शाहरुख़ खान सामने से बात करते करते सनी देओल को चाकू मारते हैं। सनी देओल को ऐतराज़ था कि एक साधारण सा लड़का, एक कमांडो के सामने से चाकू कैसे मार सकता है। इसे लेकर, सनी और फिल्म के निर्देशक यश चोपड़ा के बीच काफी गर्मागर्म बहस हुई। लेकिन, सनी को झुकना पड़ा। इसके बाद यश चोपड़ा ने फिल्म के क्लाइमेक्स में इस जुनूनी प्रेमी को बेबसी से मार खाते दिखा कर, दर्शकों की सहानुभूति का पात्र बना दिया। डर के सुपरहिट होने का फायदा शाहरुख़ खान को हुआ, लेकिन सनी देओल पीछे रह गए। शाहरुख़ खान, चूंकि यश चोपड़ा के प्रिय एक्टर थे, इसलिए सनी ने इसका बुरा माना। शाहरुख खान से सनी देओल कभी बात तक नहीं हुई, साथ दिखाई देना तो दूर की बात है। क्या शाहरुख खान की ट्वीट को बर्फ कटने जैसा कुछ समझा जा सकता है ?
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कुछ चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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