Thursday, 15 August 2019

कहाँ खो गया हिंदी फिल्मों में भाई-बहन का रिश्ता ?

अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म भारत में सलमान खान और तब्बू भाई-बहन की भूमिका में हैं।  हालिया रिलीज़ फिल्म खानदानी शफाखाना में यही किरदार वरुण शर्मा और सोनाक्षी सिन्हा कर रही हैं।  लेकिन, यह भाई-बहन किरदार कहानी का एक हिस्सा भर है।  कहानी के केंद्र मे इन भाई बहनों की कहानी कहीं नहीं है।  पिछले साल की बड़ी हिट फिल्म संजू, अभिनेता संजय दत्त की रियल लाइफ फिल्म है।  इस फिल्म में भी बहन के साथ अन्याय हुआ है। संजू का गुजराती दोस्त तो उभर कर आता है।  लेकिन संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त का लम्बा संघर्ष कहीं गुम हो जाता है।
भाई बहन का प्यार, राखी धागों का त्यौहार !

पारिवारिक फिल्मों के भाई बहन 
कभी हिंदी फ़िल्में पारिवारिक हुआ करती थी।  परिवार और परिवार के सदस्य तमाम फिल्मों की कहानियों के केंद्र में हुआ करते थे।  इस दौरान, हिंदी फिल्म दर्शकों को छोटी बहन (१९५९), भाई-बहन (१९५० और १९६९), राखी (१९६२) और अनपढ़ (१९६२) जैसी बहन-भाई के रिश्ते को गहराई से छूने वाली फ़िल्में प्रदर्शित हुई।

आया एंग्री यंगमैन
१९७३ में, जब अमिताभ बच्चन का एंग्री यंगमैन पैदा हो गया, तब भी हरे रामा हरे कृष्णा (१९७१) के बाद  रेशम की डोरी (१९७४), रक्षा बंधन (१९८०), रिश्ता कागज़ का (१९८३), प्यारी बहना (१९८५), ऐसा प्यार कहाँ (१९८६), आदि फ़िल्में देखने को मिली।  यह तमाम फ़िल्मो की कहानी के केंद्र में  भाई बहन थे।

मसला फिल्मों के दौर में ‘धनक’
इसके बाद , हिंदी फ़िल्में मसाला होती चली गई।  नायिका अब माशूका बन गई।  ऐसे समय में किसी सेक्सी अभिनेत्री के बहन बनने का सवाल ही कहाँ उठता था।  इसके बावजूद सलमान खान की बंधन (१९९८), सुनील शेट्टी की क्रोध (२०००), हृथिक रोशन और करिश्मा कपूर की फ़िज़ा (२०००), श्रेयस तलपड़े की इक़बाल (२००५), और नए चेहरों के साथ धनक (२०१६) जैसी मार्मिक फ़िल्में रिलीज़ हुई।  इन्ही में एक फिल्म माय ब्रदर निखिल भी उल्लेखनीय हैं, जिसके भाई बहन संजय सूरी और जूही चावला थे।

भाई-बहन की हिंसा में प्रेम का ‘प्रस्थानम’
हिंदी फिल्मों की कहानियों में ग्लैमर की भरमार हो चुकी है।  दर्शक काफी बदल गया है।  युवा दर्शकों में इमोशन के लिए कोई ख़ास लगाव नहीं। इसीलिए, हिंदी फिल्मों की कहानियां भाई-बहन को अगर दिखाती भी है तो कहानी के एक छोटे से हिस्से के तौर पर। इसी का तकाज़ा है कि निर्देशक देव कट्टा की पोलिटिकल एक्शन फिल्म प्रस्थानम के मुखिया संजय दत्त हैं।  उनका परिवार है ! यानि पत्नी, बेटा, बेटी और दूसरे लोग। लेकिन, यह सभी एक दूसरे की जान के दुश्मन। यह है मसाला हिंदी फिल्मों का परिवार और भाई-बहन !



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