इसे गब्बर सिंह के लहज़े में बड़ी नाइंसाफी है ही कहा जायेगा। बिहार की हर साल हजारों की संख्या में होने वाली पकडुआ शादियां, बिहार के बाहर भी कुख्यात हैं। अकेले २०१७ में बिहार में ३४०० से ज़्यादा पकडुआ विवाह हुए थे। लेकिन, बॉलीवुड ने इस ओर अपने बहरे कान दे रखे हैं। पकडुआ शादियों पर फिल्मों की भरमार नहीं ! जबरिया जोड़ी जैसी फ़िल्में इक्का दुक्का ही हैं।
पकडुआ शादी का अंतर्द्वंद्व
दिलचस्प तथ्य
यह है कि जबरिया जोड़ी से पहले पकडुआ शादी पर बनाई गई इकलौती फिल्म अंतर्द्वंद २००७
में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन
सुशील राजपाल ने किया था। फिल्म की कहानी
एक आईएएस अफसर बनने तैयारी कर रहे युवक का स्थानीय दबंग अपनी बेटी से जबरन शादी
कराने के लिए अपहरण करवा लेता है। इस फिल्म को सामजिक सरोकारों की श्रेष्ठ फिल्म
का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
फिल्म से जुड़े दिलचस्प तथ्य यह है कि यह फिल्म २००७ में पूरी हो गई
थी। २००९ में इसे राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार मिलने के बाद, २०१० में कुछ जगहों पर रिलीज़ हुई।
एक सीरियल भी
पकडुआ शादी पर एक सीरियल भी बनाया जा चुका है। २००९ मे, कलर्स टीवी से प्रसारित इस सीरियल का टाइटल सबकी जोड़ी वही बनाता
भाग्यविधाता था। बिहारी के मोतिहारी जिले की इस कहानी को खूब पसंद किया गया। इस शो को तमिल और तेलुगु में डब कर क्षेत्रीय
चैनलों से प्रसारित किया गया था।
लेकिन बिहार में शूट नहीं
जबरिया जोड़ी
की कहानी के बिहारी संजीव झा द्वारा लिखा गया है।
लेकिन,
इस फिल्म की
शूटिंग बिहार में नहीं हुई है। जबरिया
जोड़ी की शूटिंग के लिए सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा को अपनी दूसरी कास्ट
और क्रू के साथ लखनऊ,
बाराबंकी और
मलिहाबाद में बिहारी लहजे में संवाद बोलने
पड़े थे। फिल्म के नायक-नायिका सिद्धार्थ
मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा हँसी तो फसी के ५ साल बाद फिर साथ है। लेकिन, को एली एवराम के जिल्ला हिलेला आइटम पर ज़्यादा भरोसा है।
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