जिस समय, तेलुगु फिल्म डिअर कामरेड रिलीज़ भी नहीं हुई
थी, उससे पहले ही हिंदी फिल्म निर्माता करण जौहर ने फिल्म के हिंदी रीमेक के
अधिकार ७ करोड़ में खरीद लिए थे। उसी समय
यह खबर भी आई थी कि फिल्म के रीमेक में शाहिद कपूर अभिनय करेंगे।
इसके लिए उन्हें ४० करोड़ की फीस भी प्रस्तावित है। ऎसी खबरें स्वाभाविक भी थी।
अर्जुन रेड्डी बनाम कबीर सिंह
डिअर कामरेड, तेलुगु एक्टर विजय देवरकोंडा की फिल्म
है। अर्जुन की पिछली तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी ने बॉक्स
ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। इस फिल्म का
हिंदी रीमेक, मूल फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा ने
ही बनाया था। रीमेक फिल्म कबीर सिंह को
मूल फिल्म से कहीं बहुत ज़्यादा सफलता मिली थी। इस फिल्म में नायक की भूमिका शाहिद
कपूर ने की थी।
शाहिद कपूर ने मना कर दिया !
स्वाभाविक था कि करण जौहर, विजय
देवरकोंडा जैसे सफल अभिनेता की फिल्म का रीमेक बनाने को तैयार हो जाते। इसलिए यह सोचा जाना भी स्वाभाविक था कि विजय
देवरकोंडा की फिल्म के एक रीमेक में अभिनय करने वाले शाहिद कपूर,
दूसरी फिल्म के लिए भी तैयार हो जाते । लेकिन,
ऐसा नहीं हुआ। शाहिद कपूर ने,
डिअर कामरेड का हिंदी रीमेक करने से मना कर दिया। शाहिद कपूर ने डिअर
कामरेड के हिंदी संस्करण का कामरेड बनने से क्यों इंकार किया ?
रीमेक फिल्म के एक्टर का ठप्पा
डिअर कामरेड के हिंदी रीमेक को, मूल फिल्म
के विजय देवरकोंडा ने भी मना कर दिया था।
क्यों मना क्या पता नहीं ? शायद तेलुगु
फिल्मों की व्यस्तता ? लेकिन, शाहिद कपूर
ने डिअर कामरेड के रीमेक को इसलिए मना किया कि वह नहीं चाहते थे कि उन पर विजय
देवरकोंडा की फिल्मों के रीमेक के नायक का ठप्पा लगे । वह भी एक फिल्म के बाद लगातार
दूसरी फिल्म ।
शाहिद कपूर का सही फैसला
शाहिद कपूर ने डिअर कामरेड के हिंदी रीमेक को इंकार करके सही फैसला
किया। डिअर कामरेड, एक कॉलेज के यूनियन लीडर और राज्य स्तर की
महिला क्रिकेट खिलाडी के रोमांस की कहानी है। जबकि अर्जुन रेड्डी मेडिकल कॉलेज की
छात्र और छात्रा के रोमांस की कहानी
थी। दूसरी सबसे बड़ी समानता यह कि दोनों
ही फिल्मों का नायक चैतन्य और अर्जुन
रेड्डी ज़बरदस्त क्रोधी एंगर मैनेजमेंट के शिकार थे। हिंदी दर्शकों के दिमाग में कबीर सिंह अभी जीवित है।
वह कैसे उसी प्रकार के दिमागी बीमार चैतन्य को स्वीकार कर सकता है।
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