अब जबकि निर्देशक जगन शक्ति की इसरो के वैज्ञानिकों के मंगल अभियान पर फिल्म मिशन मंगल रिलीज़ होने जा रही है, १०० से भी ज्यादा साल से फिल्म बना रहे बॉलीवुड की अंतरिक्ष फिल्मों की पड़ताल की जाए तो निराशा हाथ लगती है। हालाँकि, जिस साल अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चाँद पर पहुंचा था, उसके दो साल पहले ही भारत के निर्देशक टीपी सुन्दरम ने चाँद की उड़ान भर ली थी। टीपी सुन्दरम के निर्देशन में फिल्म ट्रिप टू मून यानि चाँद पर चढ़ाई (१९६७) में बॉलीवुड एक्टर दारा सिंह के कदम चाँद पर पड़ चुके थे। एक अन्य फिल्म वहां के लोग में मंगल गृह के एलियंस से हिन्दुस्तानी लोहा ले रहे थे। इस फिल्म में मंगल गृह के वासियों द्वारा पृथ्वी पर हमले की कल्पना की गई थी। इससे पहले, तमिल फिल्म कलाई अरसी (१९६३) में काले गृह के एक आदमी को अपने गृह के लोगों को नृत्य और संगीत सिखाने के लिए नायिका का अपहरण करते दिखाया गया था, जिसे बचाने के लिए हीरो उस गृह में जाता है। इसके बाद, लम्बे समय तक, बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं की कल्पना मंगल या चाँद के आसपास तक नहीं पहुँच सकी। २०१७ में निर्देशक संजय पूरण सिंह चौहान ने सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म चन्दा मामा दूर के का ऐलान किया। इस फिल्म के लिए सुशांत ने काफी रिसर्च भी की। लेकिन, यह फिल्म कभी शुरू ही नहीं हो सकी। इसके बाद, आमिर खान के साथ राकेश शर्मा बायोपिक सारे जहाँ से अच्छा की शुरुआत की गई। जो आमिर द्वारा छोड़ देने के बाद शाहरुख़ खान को सौंपी गई इसका टाइटल सेल्यूट कर दिया गया। लेकिन, यह फिल्म भी सिरे नहीं चढ़ सकी। इसी दौरान स्पेस शटल कोलंबिया से दो बार, अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाल कल्पना चावला एक हादसे में अंतरिक्ष में ही मारी गई थी। उन पर एक फिल्म का निर्माण प्रिया मिश्र करना चाहती थी। उन्होंने, कल्पना चावला की भूमिका के लिए प्रियंका चोपड़ा से बात भी कर ली थी. लेकिन, कल्पना चावला के पति जीन पिएरे हैरिसन ने फिल्म बनाने अधिकार देने से मना कर दिया था। अब जबकि, मिशन मंगल रिलीज़ होने जा रही, दक्षिण एक बार फिर आगे नज़र आता है. क्योंकि, दक्षिण से जयम रवि की तमिल फिल्म टिक टिक टिक और तेलुगु फिल्म अन्तरिक्षम ९००० केएमपीएच २०१८ में ही रिलीज़ हो चुकी है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 11 August 2019
अंतरिक्ष पर Bollywood की फ़िल्में
अब जबकि निर्देशक जगन शक्ति की इसरो के वैज्ञानिकों के मंगल अभियान पर फिल्म मिशन मंगल रिलीज़ होने जा रही है, १०० से भी ज्यादा साल से फिल्म बना रहे बॉलीवुड की अंतरिक्ष फिल्मों की पड़ताल की जाए तो निराशा हाथ लगती है। हालाँकि, जिस साल अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चाँद पर पहुंचा था, उसके दो साल पहले ही भारत के निर्देशक टीपी सुन्दरम ने चाँद की उड़ान भर ली थी। टीपी सुन्दरम के निर्देशन में फिल्म ट्रिप टू मून यानि चाँद पर चढ़ाई (१९६७) में बॉलीवुड एक्टर दारा सिंह के कदम चाँद पर पड़ चुके थे। एक अन्य फिल्म वहां के लोग में मंगल गृह के एलियंस से हिन्दुस्तानी लोहा ले रहे थे। इस फिल्म में मंगल गृह के वासियों द्वारा पृथ्वी पर हमले की कल्पना की गई थी। इससे पहले, तमिल फिल्म कलाई अरसी (१९६३) में काले गृह के एक आदमी को अपने गृह के लोगों को नृत्य और संगीत सिखाने के लिए नायिका का अपहरण करते दिखाया गया था, जिसे बचाने के लिए हीरो उस गृह में जाता है। इसके बाद, लम्बे समय तक, बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं की कल्पना मंगल या चाँद के आसपास तक नहीं पहुँच सकी। २०१७ में निर्देशक संजय पूरण सिंह चौहान ने सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म चन्दा मामा दूर के का ऐलान किया। इस फिल्म के लिए सुशांत ने काफी रिसर्च भी की। लेकिन, यह फिल्म कभी शुरू ही नहीं हो सकी। इसके बाद, आमिर खान के साथ राकेश शर्मा बायोपिक सारे जहाँ से अच्छा की शुरुआत की गई। जो आमिर द्वारा छोड़ देने के बाद शाहरुख़ खान को सौंपी गई इसका टाइटल सेल्यूट कर दिया गया। लेकिन, यह फिल्म भी सिरे नहीं चढ़ सकी। इसी दौरान स्पेस शटल कोलंबिया से दो बार, अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाल कल्पना चावला एक हादसे में अंतरिक्ष में ही मारी गई थी। उन पर एक फिल्म का निर्माण प्रिया मिश्र करना चाहती थी। उन्होंने, कल्पना चावला की भूमिका के लिए प्रियंका चोपड़ा से बात भी कर ली थी. लेकिन, कल्पना चावला के पति जीन पिएरे हैरिसन ने फिल्म बनाने अधिकार देने से मना कर दिया था। अब जबकि, मिशन मंगल रिलीज़ होने जा रही, दक्षिण एक बार फिर आगे नज़र आता है. क्योंकि, दक्षिण से जयम रवि की तमिल फिल्म टिक टिक टिक और तेलुगु फिल्म अन्तरिक्षम ९००० केएमपीएच २०१८ में ही रिलीज़ हो चुकी है।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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