गुजराती लालित्य
मुन्शा बहुमुखी प्रतिभा वाली गायिका हैं। उन्हें भिन्न शैली के गीत गाने में महारत हासिल है। उनके बहुत कम समय में २५ एल्बम रिलीज़ हो चुके हैं । पिछले दिनों उनकी नई एल्बम रब पिया को फिल्म एक्ट्रेस रवीना टंडन ने रिलीज़ किया किया । जानेमाने संगीतकार रविन्द्र जैन भी लालित्य को को आशीर्वाद देने आये । रोहित रॉय ने इवेंट में एंकर का
रोल अदा किया । इस मौके पर
लालित्य ने दो घंटे तक अपने गाये सूफी ,बॉलीवुड गीत ,ग़ज़ल ,भजन और
लोकगीत परफॉर्म किया । एल्बम को रिलीज़ किया है रेड रिबन म्यूजिक कंपनी ने । रब
पिया में लालित्य के गाये दिल को छू लेने वाले आठ गाने हैं । संगीत दिया है सुशांत शंकर
ने और गीत लिखे हैं डायमंड और शैली ने । एल्बम को गुजरात के
चम्पानेर में और कुल्लू मनाली के माहिया में शूट किया गया है । लालित्य की गायिकी के बारे में बताते हुए रवीना टंडन ने कहा, "लालित्य की आवाज़ में जादू है। वह दिल से गाती है । मैं उनके इस २५ वें
एल्बम पर बधाई देती हूँ ।" रविन्द्र जैन ने लालित्य को चार लाइन सुनाकर
आशीर्वाद और बधाई दी ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 18 November 2014
रवीना टंडन ने जारी किया लालित्य मुन्शा का एल्बम
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
इस शुक्रवार महाराष्ट्र के २०० सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है मराठी फिल्म मामाच्या गवाला जाऊया
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मराठी फिल्म इंडस्ट्री
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Monday, 17 November 2014
अनुष्का की फिल्म के साथ अनुष्का की फिल्म का ट्रेलर
जी हाँ. १९ दिसंबर को ऐसा होगा। फिल्म की हीरोइन की फिल्म का ट्रेलर उस फिल्म के साथ दिखाया जायेगा। राजकुमार हिरानी की फिल्म 'पीके' १९ दिसंबर को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म में आमिर खान के साथ मुख्य भूमिका में अनुष्का शर्मा है। आम तौर पर, किसी बड़ी फिल्म के साथ अपनी फिल्मों के ट्रेलर रिलीज़ करने का चलन है। ख़ास तौर पर बड़े सितारों वाले बड़े बजट की फ़िल्में ज़बरदस्त भीड़ आकर्षित किया करती हैं। इन फिल्मों के साथ किसी फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ करने का मतलब है सबसे ज़्यादा दर्शकों द्वारा उस ट्रेलर को देखा जाना। सो, पीके के साथ अपना ट्रेलर रिलीज़ करवाने की होड़ में निर्देशक नवदीप सिंह की फिल्म एन एच १० भी है। अनुष्का शर्मा इस फिल्म की नायिका भी हैं और निर्माता भी। अब चूंकि, वह पीके की भी नायिका हैं, इसलिए उनका तो पहला हक़ बनता है पीके के साथ अपने प्रोडक्शन हाउस की फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ करवाने का। चूंकि, आमिर खान और राजकुमार हिरानी ने अपनी फिल्म की हीरोइन की फिल्म के ट्रेलर को साथ रिलीज़ करने पर सहमति दे दी है, सो नवदीप सिंह फिल्म का ताज़ातरीन और पहला ट्रेलर तैयार करने में जुट गए हैं।
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ये ल्लों !!!
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दो साल बाद रिलीज़ हो रही है बरुण सोबती की फिल्म
स्टार प्लस के सीरियल इस प्यार को क्या नाम दूँ में ख़ुशी और अर्नब के बीच की नोंक झोंक टीवी दर्शकों को आज भी याद है। इस जोड़ी के अर्नब यानि अर्नब सिंह रायजादा दर्शकों को ख़ास तौर पर याद हैं। इसी दौरान जब दर्शक इस प्यार को क्या नाम दूँ के बरुण सोबती और सनाया ईरानी के बीच की नोंक झोंक का मज़ा ले रहा था, सीरियल शोहरत की बुलंदियों पर था, बरुण सोबती ने इस प्यार को क्या नाम दूँ को छोड़ने का ऐलान कर दिया। उस समय यह पता चला कि बरुण ने छोटे परदे को बड़े परदे की खातिर इस सीरियल को अलबिदा कहा था। चैनल को बरुण और सनाया की लोकप्रियता का अंदाजा था। इसीलिए चैनल ने बरुण सोबती के जाते ही इस प्यार को क्या नाम दूँ को अलबिदा कह दिया। बरुण ने जिस फिल्म की खातिर इस प्यार को क्या नाम दूँ जैसे सीरियल को छोड़ा था, उस फिल्म का नाम मैं और मिस्टर राइट था। इस प्यार को क्या नाम दूँ की बिदाई के दो साल बाद बरुण सोबती की पहली फिल्म मैं और मिस्टर राइट बन कर रिलीज़ को तैयार है। दर्शकों को मैं और मिस्टर राइट का इसलिए इंतज़ार है कि वह देखना चाहते कि जिस फिल्म के लिए बरुण सोबती ने इस प्यार को क्या नाम दूँ छोड़ा, वह फिल्म वरुण के करियर के लिए कितनी राइट साबित होती है।
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ये ल्लों !!!
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रिलीज़ हुआ रजनीकांत और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म लिंगा का म्यूजिक
इंडियन सुपर स्टार रजनीकांत की नायिका हिंदी फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा की टॉलीवुड से परिचय कराने वाली फिल्म 'लिंगा' का म्यूजिक कल रात चेन्नई में रिलीज़ किया गया । इस रिलीज़ के मौके पर दक्षिण और बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं। इरोस इंटरनेशनल द्वारा रिलीज़ 'लिंगा' का म्यूजिक चेन्नई के सत्यम सिनेमा में बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा, दक्षिण की सुपर स्टार अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, कन्नड़ सुपर स्टार किच्छा सुदीप, विक्रम प्रभु, केएस रविकुमार, फिल्म निर्माता गणान्वेल राजा, अभिनेता विजय कुमार, संथानम, डायरेक्टर अमीर और अन्य हस्तियों की मौजूदगी में रिलीज़ किया गया। आयोजनस्थल ठेठ दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के तौर तरीकों के अनुरूप 'लिंगा' के पोस्टरों से सजाया गया था। आम तौर पर मुंबई में म्यूजिक रिलीज़ के फंक्शन काफी देर से, मेहमानों और पत्रकारों को लम्बी प्रतीक्षा करवाने के बाद शुरू होते हैं। लेकिन, सत्यम में ऐसा कुछ नहीं हुआ। खुद सुपर स्टार रजनीकांत समय के पाबंद हैं, इसलिए लिंगा का म्यूजिक रिलीज़ प्रोग्राम भी समय से शुरू हो गया। म्यूजिक रिलीज़ पर लिंगा के संगीतकार एआर रहमान मौजूद नहीं थे, परन्तु उन्होंने अपना रिकॉर्ड सन्देश भेजा था। इस सन्देश में रहमान ने रजनीकांत की फिल्म लिंगा का संगीत देकर खुद को सम्मानित महसूस किया था। सबसे ज़्यादा खुश सोनाक्षी सिन्हा थी. हालाँकि, म्यूजिक रिलीज़ पर लिंगा की दूसरी नायिका अनुष्का शेट्टी भी मौजूद थीं, परन्तु सोनाक्षी सिन्हा के स्टेज पर पहुँचने पर चेन्नई के उनके प्रशंसकों ने सोनाक्षी का ज़ोरदार स्वागत किया। साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही सोनाक्षी ने रजनीकांत को आदरपूर्वक नमस्कार किया। उन्होंने कहा,"मैं अपनी टॉलीवुड में एंट्री को सुपरस्टार रजनीकांत की नायिका के रूप में देखती हूँ।" यहाँ बताते चलें कि रजनीकांत और सोनाक्षी सिन्हा के पिता शत्रुघ्न सिन्हा की जोड़ी ने १९८७ में फिल्म उत्तर दक्षिण में साथ काम किया था। इस फिल्म के बाद से इन दोनों की अच्छी दोस्ती कायम हो गयी थी. लिंगा तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषा में १२ दिसंबर को रजनीकांत के जन्मदिन पर रिलीज़ होगी।
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साउथ सिनेमा
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Saturday, 15 November 2014
किल करती दिल लेती फिर खुद को किल कर लेती किल/दिल
गोविंदा, रणवीर सिंह, अली ज़फर और परिणीति चोपड़ा की फिल्म किल/दिल के लेखक के तौर पर तीन नाम नितेश तिवारी, श्रेयस जैन और निखिल मेहरोत्रा नज़र आते हैं। पर इनके जिम्मे पटकथा और संवाद ही हैं। कहानी लेखक के रूप में किसी का नाम नहीं है, न ही फिल्म में कोई कहानी है। जो कहानी है वह कई बार कही जा चुकी है। इसी बैनर की इस साल के शुरू में रिलीज़ फिल्म गुंडे की कहानी भी बचपन से अपराध में लिप्त दो दोस्तों की थी। देसी कट्टे की कहानी भी बिलकुल किल/दिल वाली थी। किल/दिल इंटरवल से पहले तक देव और टूटू की कहानी है, जिन्हे एक गुंडा भैयाजी कचरे से उठा कर लाता है, पाल पोस कर बड़ा करता है, पर पढ़ाता लिखाता नहीं, बन्दूक चलाना और सुपाड़ी लेकर लोगों को मारना सिखाता है। देव रणवीर सिंह बने हैं और टूटू अली ज़ाफर। देव को एक लड़की से प्यार हो जाता है. उस लड़की से प्यार के बाद वह बन्दूक छोड़ देता है। इस समय तक कहानी संवादों के सहारे ज़ोरदार ढंग से चलती है। इंटरवल के बाद ! इंटरवल की कहानी तो खुद निर्माता आदित्य चोपड़ा और निर्देशक शाद अली को तक नहीं मालूम रही होगी. तभी, फिल्म क्लाइमेक्स पर बुरी तरह से बिखर जाती है. शाद अली तय नहीं कर पाये कि फिल्म को कहाँ ख़त्म करे। इस प्रकार की फिल्मों के के खतरे यही होते हैं। इसीलिए शाद पूरे बचकाने ढंग से एक सुपाड़ी के हाथों गोविंदा के करैक्टर को मरवा कर फिल्म ख़त्म कर देते हैं. कहा जा सकता है कि आदित्य और शाद की जोड़ी इंटरवल इंटरवल तक के किये कराये पर फ्लश चला देते हैं।
फिल्म के संवाद पंच वाले हैं। इन पर रणवीर सिंह और अली ज़फर की जोड़ी ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। दोनों की जोड़ी ज़मी भी खूब. गोविंदा बता जाते हैं कि खल अभिनय क्या होता है। वह अकेले ही अली और रणवीर की जोड़ी पर छा जाते हैं। परिणीति चोपड़ा की एक इमेज बन चुकी है। उनके रोल टेलर मेड होते हैं। इसी बल पर वह हिट फ़िल्में भी देख चुकी हैं। पर अब वह उबाने की हद पर पहुँच चुकी हैं. हालाँकि, फिल्म में उनका काम बढ़िया है। संवादों के अलावा फिल्म का बढ़िया पक्ष शंकर एहसान लॉय का फिल्म के अनुरूप संगीत और उससे कहीं बहुत अर्थपूर्ण गुलज़ार के बोल हैं। इस फिल्म में गणेश अचार्य ने तमाम गीतों को इस तरह से फिल्माया है कि कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं ।
फिल्म के संवाद पंच वाले हैं। इन पर रणवीर सिंह और अली ज़फर की जोड़ी ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। दोनों की जोड़ी ज़मी भी खूब. गोविंदा बता जाते हैं कि खल अभिनय क्या होता है। वह अकेले ही अली और रणवीर की जोड़ी पर छा जाते हैं। परिणीति चोपड़ा की एक इमेज बन चुकी है। उनके रोल टेलर मेड होते हैं। इसी बल पर वह हिट फ़िल्में भी देख चुकी हैं। पर अब वह उबाने की हद पर पहुँच चुकी हैं. हालाँकि, फिल्म में उनका काम बढ़िया है। संवादों के अलावा फिल्म का बढ़िया पक्ष शंकर एहसान लॉय का फिल्म के अनुरूप संगीत और उससे कहीं बहुत अर्थपूर्ण गुलज़ार के बोल हैं। इस फिल्म में गणेश अचार्य ने तमाम गीतों को इस तरह से फिल्माया है कि कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं ।
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फिल्म समीक्षा
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फिलहाल नहीं हो सकेगी काजोल की वापसी
अभिनेत्री काजोल की वापसी की खबरों से खुश काजोल के प्रशंसकों के लिए खबर कुछ अच्छी नहीं है। अजय देवगन ने पत्नी काजोल के लिए मलयालम फिल्म हाउ ओल्ड आर यू के हिंदी रीमेक के अधिकार खरीदे थे। परन्तु रोशन ने ऐन मौके पर टांग अड़ा दी । काजोल की वापसी में टांग अड़ाने वाला रोशन कोई ह्रितिक या राकेश नहीं, बल्कि मलयाली फिल्मों के डायरेक्टर रोशन एंड्रूस हैं, जिन्होंने मलयालम फिल्म हाउ ओल्ड यू का निर्देशन किया था। रोशन का अड़ंगा यह था कि मलयालम फिल्म के कॉन्ट्रैक्ट में उनसे सम्बंधित क्लॉज़ भी हैं कि फिल्म के किसी भी रीमेक का निर्देशन वह ही करेंगे । अजय देवगन, जो अपनी पत्नी की वापसी ज़ोरदार चाहते है, केवल छह मलयाली फिल्मों के निर्देशक पर भरोसा नहीं कर सकते थे। अजय देवगन काजोल की रीमेक फिल्म का ज़िम्मा अतिथि तुम कब जाओगे जाओगे के डायरेक्टर अश्विनी धीर को सौंपना चाहते थे। अश्विनी धीर ने अजय देवगन की दो फिल्मों अतिथि तुम कब जाओगे और सन ऑफ़ सरदार का निर्देशन किया है। हाउ ओल्ड आर यू एक अधेड़ आयु की औरत की कहानी है, जो अपनी पहचान बनाना चाहती है। इस इस फिल्म का किरदार काजोल की उम्र के लिहाज़ से फिट बैठता था। यहाँ यह बताना ठीक होगा कि हाउ ओल्ड आर यू से मलयालम फिल्मों की अभिनेत्री मंजू वर्रियर ने सफल वापसी की थी। इसलिए एंड्रूस चाहते हैं कि काजोल की वापसी भी उन्ही के निर्देशन में रीमेक फिल्म से हो। लेकिन, ऐसा विरला ही हुआ है कि सफल फिल्म का रीमेक मूल फिल्म के डायरेक्टर ने ही किया हो। तमाम तमिल और तेलुगु फिल्मों के रीमेक हिंदी बेल्ट के डिरेक्टरों ने ही डायरेक्ट किये। शायद एआर मुरुगदॉस ही अपवाद हैं, जिन्होंने हिट तमिल फिल्म गजिनी का हिंदी रीमेक भी डायरेक्ट किया था। मुरुगदॉस ने अपनी एक अन्य तमिल फिल्म थुप्पकी का हिंदी रीमेक हॉलिडे अ सोल्जर इज़ नेवर ऑफ ड्यूटी अक्षय कुमार के साथ डायरेक्ट किया था। रोशन खुद को मुरुगदॉस नहीं समझ सकते। उन्हें समझना होगा कि एक निर्माता का विशेषाधिकार होता है कि वह अपनी फिल्म किस से डायरेक्ट करवाये। हो सकता है कि रोशन के जिद्द पकड़ लेने के कारण अजय देवगन अपनी पत्नी के लिए हाउ ओल्ड आर यू का रीमेक नहीं बनवा पाएं। काजोल किसी दूसरी फिल्म से वापसी कर सकती है। लेकिन, यह तय है कि रोशन एंड्रूस बॉलीवुड में अजय देवगन के रूप में एक ताक़तवर दुश्मन खड़ा कर लेंगे।
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ये ल्लों !!!
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गोल्डी बहल ने अभिषेक शर्मा को साइन किया
गोल्डी बहल और सृष्टि आर्य की प्रोडक्शन संस्था रोज मूवीज ने एक बार फिर कमर कस ली है। इन दोनों ने अपने बैनर तले एक के बाद एक फिल्मों का निर्माण शुरू कर दिया है । इस प्रोडक्शन हाउस ने हाल ही में पान सिंह तोमर जैसी फिल्म की निर्देशक तिग्मांशु
धूलिया और अभिनेता इरफ़ान खान की जोड़ी को फिल्म "बड़े भाईसाहब" के लिए अनुबंधित किया है । अब इस प्रोडक्शन हाउस ने, अक्षय कुमार की हालिया रिलीज़ फिल्म द शौक़ीनस के निर्देशक अभिषेक शर्मा को अपनी अगली फिल्म हमें ऐतराज़ है के लिए साइन किया है। शर्मा निर्देशित तेरे बिन लादेन जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी ।
हमे ऐतराज है एक कॉमेडी फिल्म है। इसे न्यूयॉर्क और भारत में फरीदाबाद में
फिल्माया जायेगा । फिलहाल इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम चल
रहा है और कास्टिंग भी जल्द पूरी की जाएगी । दो फिल्मों का ऐलान करते हुए गोल्डी बहल कहते है, "में काफी उत्साहित हूँ। फिल्म हमें ऐतराज़ है का विषय काफी दिलचस्प है। अभिषेक सामाजिक विषयो पर अच्छा हास्य बना लेते है । उम्मीद है कि उनके
साथ काम करना बढ़िया अनुभव साबित होगा ।" गोल्डी बहल और सृष्टि आर्य के साथ फिल्म करके अभिषेक भी उत्साहित हैं । वह कहते हैं, "गोल्डी
बहल और सृष्टि आर्या हमेशा अच्छे कॉन्सेप्ट पर फ़िल्में बनाते हैं । यह दोनों निर्देशक को बहुत सपोर्ट करते है ।"
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आज जी
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अब राधिका आप्टे बनी बिनोदिनी
बांगला कवि रबीन्द्र नाथ टैगोर की कृति चोखेर बाली पर 'बर्फी' निर्देशक अनुराग बासु जो सीरियल बनाने जा रहे हैं, उसमे नायिका बिनोदिनी की भूमिका अभिनेत्री राधिका आप्टे करेंगी। बिनोदिनी एक युवा विधवा है, जो समाज के दुर्व्यवहार के कारण अकेली और वीरान ज़िन्दगी जीने को मज़बूर है। बिनोदिनी अत्यधिक विदुषी स्त्री है। वह समाज के इस व्यवहार से तंग आकर अपनी इस हालत के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति से बदला लेने का निर्णय करती है। इस रचना पर २००३ में ऋतुपर्णो घोष ने फिल्म चोखेर बाली : अ पैशन प्ले का निर्माण किया था। इस फिल्म में बिनोदिनी की भूमिका ऐश्वर्या राय ने की थी। अन्य भूमिकाओं में प्रसेनजीत चटर्जी, राइमा सेन और लिली चक्रवर्ती आदि थे। राधिका आप्टे ऐश्वर्या राय की बड़ी प्रशंसक हैं। अनुराग बासु के साथ काम करना उनका सपना था। इस प्रकार से सीरियल चोखेर बाली राधिका का अपनी पसंदीदा एक्ट्रेस के किरदार को दुबारा करने का सौभाग्य और सपना सच होने जैसा है।
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नए चेहरे
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मिस हेरिटेज इंटरनेशनल मराठी फिल्म में
आम तौर पर मिस इंडिया, मिस वर्ल्ड, मिस अर्थ, आदि आदि अपने फिल्म करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म से करते हैं। पर शीतल उपारे इस मायने में अलग लगती हैं। वह अपने फिल्म करियर की शुरुआत एक मराठी फिल्म 'इंडियन प्रेमाचा लफड़ा' से कर रही हैं। विदर्भ की शीतल उपारे २०१४ की मिस हेरिटेज इंटरनेशनल हैं। कुछ समय नागपुर में रहने के बाद शीतल सिंगापुर चली गयीं और सिंगापुर एयर लाइन्स में काम करने लगी। भारत वापस आने के बाद उन्होंने मिस हेरिटेज इंडिया में हिस्सा लिया और इस प्रतियोगिता को जीत लिया। अब वह इसी साल होने वाले इंटरनेशनल फिनाले के लिए नेपाल जाएँगी। आईपीएल यानि इंडियन प्रेमाचा लफड़ा में प्यार ,इमोशन ,अफेक्शन, ड्रामा और कॉमेडी सब कुछ है। फिल्म का निर्माण
किया है मोहनलाल पुरोहित ने और एसोसिएट निर्माता मुश्ताक अली हैं। फिल्म के निर्देशक
हैं दीपक कदम तथा संगीत दिया है आशीष डोनाल्ड ने । फिल्म १२ दिसंबर को
महाराष्ट्र में रिलीज़ होगी।
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मराठी फिल्म इंडस्ट्री
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ज़ायद खान की फिल्म के ट्रेलर रिलीज़ पर ऋतिक रोशन
ज़ायद खान आज भी शरीफ हैं। वह एक पति और एक पिता भी हैं। इसलिए, उनकी शराफत के तेल लेने जाने का सवाल नहीं उठता है। दरअसल, शराफत गयी तेल लेने उनकी आगामी फिल्म का नाम है। ज़ायद खान की पिछली फिल्म तेज़ एक मल्टी स्टारर फिल्म थी, जो २०१२ में रिलीज़ हुई थी । यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई थी। इसके बाद ज़ायद
कुछ समय के लिए सिल्वर स्क्रीन से दूर हो गए। लेकिन अब ट्रिनिटी ग्रुप की
कॉमिक फिल्म 'शराफत गयी तेल लेने ' में नजर आने वाले हैं । शराफत गयी तेल लेने का निर्देशन
गुरमीत सिंह ने किया है। इस फिल्म से पहले वह वार्निंग और व्हाट द फिश फिल्म बना चुके है । फिल्म में जायद के अलावा टीना
देसाई और अनुपम खेर भी है। उल्लेंखनीय है कि जायद खान अभिनेता ऋतिक रोशन के साले हैं। पर अब जायद की बहन यानि सुज़ैन से ऋतिक का अलगाव हो चूका है। लेकिन, ऋतिक का खान परिवार से लगाव कम नहीं हुआ है। इसीलिए, जब शराफत गयी तेल लेने की ट्रेलर लॉन्चिंग हुई तो अपने बिजी शिड्यूल के बावजूद ऋतिक रोशन अपने भूतपूर्व साले ज़ायद खान के बगल में खड़े नज़र आये ।
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Thursday, 13 November 2014
कुणाल कोहली ने ज्योति कपूर के आरोपों का खंडन किया
कुणाल कोहली और जेनिफर विंगेट अभिनीत 'फिर से ' फिल्म के निर्माता दावते
इश्क़ की को राईटर ज्योति कपूर से नाराज है क्यूंकि निर्देशक से एक्टर बने
कुणाल कोहली पर उनकी स्क्रिप्ट लेने का आरोप लगाया है।
इस राइटर का कहना है की तक़रीबन एक साल पहले यह स्क्रिप्ट कुणाल कोहली को
सुनाई थी लेकिन इस के कोई पुख्ता सबूत कोई नहीं है जो बात उन्होंने कही
है।
इस
सब पर कुणाल कोहली ने यह सफाई दी है " जो भी आरोप लगे है वे सभी बेबुनियाद
है यह शायद पैसा मांगने के लिए या सस्ती पब्लिसिटी पाने के लिए किया जा
रहा है। आप किसी इंसान से एक बार मिलते है इसका मतलब यह नहीं होता की आप
उनकी स्क्रिप्ट ले लेते हो। में पहले से ही सुखमनी सदन के साथ स्क्रिप्ट पर
काम कर रहा था जब ज्योति से मुलाकात हुई। यह बहुत गकट बात है की एक बार
किसीसे मिलने पर स्क्रिप्ट लेने का आरोप लगे। ऐसे फ्रॉड केस निर्माताओ और
निर्देशकों नए टैलेंट का मनोबल गिराते है। में इस मसले में पूरी तरह
निपटाने के लिए सहयोग करूँगा तथा कुछ भी नहीं छुपाऊँगा।
कुणाल
कोहली फिर से इस फिल्म से बतौर एक्टर डेब्यू कर रहे है ,कुणाल अपने
निर्देशन में हम तुम और फ़ना जैसी हिट फिल्मे दे चुके है। बॉम्बे फिल्म
कंपनी लिमिटेड द्वारा और शिव कुमार द्वारा निर्मित इस फिल्म में कुणाल
कोहली और अजय भुइयां द्वारा निर्देशित "फिर से "यह फिल्म मई 2015 में
प्रदर्शित करने के लिए निर्धारित है।
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Wednesday, 12 November 2014
अब टकरा रहे हैं अजय देवगन और सैफअली खान !
बॉलीवुड के दो बड़े अभिनेताओं का टकराव सुनिश्चित लग रहा है। बॉलीवुड के दो बड़े अभिनेता है सैफअली खान और अजय देवगन। उनका यह टकराव उनके बीच के किसी झगड़े कर परिणाम नहीं है। इन दोनों की कोई फ़िल्में भी निकट भविष्य में एक ही तारिख में रिलीज़ नहीं हो रही। अजय-सैफ टकराव इन अभिनेताओं की फिल्मों की सामान कहानी को लेकर है। हालाँकि, इस समानता से इंकार भी किया जा रहा है। सैफअली खान निर्देशक सुजॉय घोष की जिस फिल्म में काम कर रहे हैं, वह कइगो हिगाशिनो के जापानी उपन्यास डिवोशन ऑफ़ सस्पेक्ट एक्स पर आधारित फिल्म है। कइगो का उपन्यास डिटेक्टिव गैलिलियो सीरीज का तीसरा उपन्यास है। यह उपन्यास २००५ में बाजार में आया था। इसके लिए कइगो को कई पुरस्कार मिले थे। इस उपन्यास की कहानी माँ बेटी द्वारा अपने ब्लैक मेलर को मार देने की है। वहीँ दूसरी ओर बताया जा रहा है कि अजय देवगन की फिल्म मलयालम फिल्म दृश्यम का रीमेक है। दृश्यम को तेलुगु और तमिल में भी रीमेक किया गया था। बताते हैं कि दृश्यम भी उसी जापानी उपन्यास से प्रेरित फिल्म है। अजय देवगन की फिल्म से जुड़े लोग बताते हैं कि फिल्म का जापानी उपन्यास से कोई लेना देना नहीं। यह फिल्म मलयालम फिल्म का रीमेक भर है। हमने इसे रीमेक करने के अधिकार प्राप्त कर रखे हैं। जबकि, वास्तविकता यह है कि २०१३ में रिलीज़ फिल्म दृश्यम भी माँ बेटी द्वारा ब्लैक मेलर की हत्या पर केंद्रित फिल्म थी। बहरहाल, सैफ की फिल्म की शूटिंग अगले साल के मध्य में ही शुरू हो सकेगी, क्योकि हैप्पी एंडिंग की रिलीज़ के बाद अगले साल सैफअली खान रीमा कागती की फिल्म की शूटिंग पूरी करेंगे । रीमा की फिल्म के बाद ही सैफ सुजॉय की फिल्म पर काम शुरू करेंगे । इसका मतलब यह हुआ कि सैफ और अजय की सामान कहानी वाली फिल्मों के लिहाज़ से बाज़ी अजय देवगन के हाथ लगने जा रही है । क्योंकि, उनकी फिल्म पर बड़ी तेज़ी से काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्टूडियो का इरादा अजय देवगन की फिल्म को २०१५ में ही रिलीज़ करने का है । इसलिए कोई शक नहीं कि सैफअली खान की फिल्म अजय देवगन की फिल्म से काफी पिछड़ जाएगी ।
राजेंद्र कांडपाल
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जब रिचर्ड निक्सन से मिले थे एल्विस प्रेसली !
२१ दिसंबर १९७०। अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास वाइट हाउस का लॉन। पॉप स्टार एल्विस प्रेसली दुनिया के सबसे ताक़तवर व्यक्ति रिचर्ड निक्सन से मिलने आये थे। इस अति गोपनीय ढंग से हुई इस मीटिंग में इन दोनों में क्या बातचीत हुई किसी को पता नहीं चला था । क्योंकि, इस मीटिंग के तीन साल बाद पॉप स्टार का देहांत हो गया था और चार साल बाद रिचर्ड निक्सन को वाटरगेट स्कैंडल के चलते इस्तीफ़ा देना पड़ा था । लेकिन एक अमेरिकी अख़बार ने दो साल बाद इस अति गोपनीय बैठक की खबर प्रकाशित की थी । पॉप स्टार और अमेरिकी प्रेजिडेंट के बीच की यह मीटिंग उन आरोपों के चलते लगी थी कि एल्विस के बैंड के प्रभाव से अमेरिकी युवाओं में हिप्पी कल्चर बढ़ रहा है और वह ड्रग्स का सेवन धड़ल्ले से कर रहे हैं । लोगों ने उन्हें सलाह दी कि वह इस दिशा में कुछ करें। २१ दिसंबर की पॉप आइकॉन और सबसे ज़्यादा ताक़तवर राष्ट्रपति की यह मुलाक़ात इसी सिलसिले में हुई थी । अंदाजा लगाया जाता है कि इस मुलाक़ात के बाद निक्सन ने एल्विस प्रेसली को ब्यूरो ऑफ़ नारकोटिक्स एंड डेंजरस ड्रग्स का भगोड़ा अंडरकवर एजेंट बनाया था । ताकि, वह ड्रग माफिया से भिड़ सके । इस कहानी की सच्चाई पता लगाना असंभव है । लेकिन, १९९७ में ऎलन ऑरकुश ने रिक पीटर्स, बॉब गुण्टों और अलीसों कोर्ट को लेकर फिल्म 'एल्विस मीट्स निक्सन' का निर्माण किया था । फिल्म में रिक प्रेसली, बॉब रिचर्ड निक्सन और एलिसन कोर्ट एल्विस की पत्नी प्रिसिला बनी थीं । अब एक बार फिर इसी कल्पना पर लीज़ा जॉनसन फिल्म एल्विस एंड निक्सन का निर्माण करने जा रही हैं । लीज़ा ने इससे पहले हेट शिप लव शिप, इन द एयर, रिटर्न जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है । रिचर्ड निक्सन की भूमिका में दो बार के ऑस्कर पुरस्कार विजेता अभिनेता केविन स्पेसी को लिया गया है । माइकल शैनन एल्विस प्रेस्ली की भूमिका में हैं । इस फिल्म को हनाला और जोए सगल के साथ अभिनेता करी एल्वेस ने लिखा है ।
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Hollywood
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पी के आई यानि 'पीके' का मुक़ाबला 'आई ' से
इस साल दूसरी बार बॉलीवुड और टॉलीवुड का टकराव होने जा रहा है। बॉलीवुड का एक और खान टॉलीवुड के सुपर स्टार से टकराएगा। तमिल फिल्मों के सुपर स्टार विक्रम की विज्ञान फंतासी फिल्म 'आई ' क्रिसमस वीकेंड में यानि २५ दिसंबर को रिलीज़ होगी। रोबोट के निर्देशक शंकर की फिल्म 'आई' को तमिल के अलावा तेलुगु और हिंदी में डब कर भी रिलीज़ किया जायेगा। 'आई ' भारत की सबसे महंगी फिल्म है। इसका बजट १८५ करोड़ है। इस फिल्म से कई विदेशी तकनीशियनों को जोड़ा गया है। मैट्रिक्स ट्राइलॉजी के मार्शल आर्ट्स कोरियोग्राफर युएन वो-पिंग ने डिज़ाइन किये हैं। नई न्यूज़ीलैंड की वेटा वर्कशॉप कंपनी के पीटर जैक्सन और रिचर्ड टेलर इस फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स और प्रॉप्स डिज़ाइन कर रहे हैं। ज़ाहिर है कि फिल्म को बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है। शंकर की निगाहें दक्षिणेतर भारत के बाजार पर भी होंगी। लेकिन, 'आई ' से छह दिन पहले यानि १९ दिसंबर को आमिर खान की फिल्म 'पीके ' रिलीज़ हो चुकी होगी। आमिर खान अपनी फिल्म को क्रिसमस वीकेंड का फायदा भी उठाने के लिए ही १९ दिसंबर को रिलीज़ कर रहे हैं। ज़ाहिर है इस प्रकार से कम से कम क्रिसमस वीकेंड में आमिर खान को विक्रम की फिल्म से कड़ी टक्कर मिलने जा रही है। इस प्रकार से दूसरी बार बॉलीवुड से टॉलीवुड टकराएगा। इसी दिवाली में विजय अभिनीत एआर मुरुगदॉस निर्देशित एक्शन फिल्म कठ्ठी शाहरुख़ खान की फराह खान निर्देशित कॉमेडी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर रिलीज़ हुई थी। सीमित प्रिंट में रिलीज़ होने के बावजूद कठ्ठी ने पहले दिन ही १५ करोड़ की कमाई की थी। यह फिल्म १२ दिनों में १०० करोड़ से ज़्यादा का कलेक्शन कर चुकी थी। कठ्ठी के तेलुगु और हिंदी में डब कर रिलीज़ किये जाने के कारण खान की फिल्म को कम स्क्रीन मिले थे। ऐसा ही कुछ दिवाली में भी होना है। इसमे कोई शक नहीं कि आमिर खान की फिल्म 'पीके' चार हज़ार से ज़्यादा प्रिंट्स में रिलीज़ की जाएगी। अब बॉलीवुड फिल्मों का बिज़नेस वीकेंड तक ही सीमित होता है। इसके लिए हॉलिडे वीकेंड, ज़्यादा से ज़्यादा प्रिंट्स और स्क्रीन्स का फार्मूला अपनाया जाता है। बॉलीवुड के सुपर सितारों की फिल्मों की रिलीज़ इसी डिज़ाइन पर की जाती हैं। आमिर खान की पिछली फिल्म धूम ३ क्रिसमस वीकेंड पर चार से ज़्यादा प्रिंट्स में रिलीज़ की गयी थी। यह फिल्म बॉलीवुड की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गयी थी। पीके के धूम ३ से अधिक प्रिंट्स में रिलीज़ होने की संभावना है।
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ये ल्लों !!!
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'किक २' से किक नहीं की गयी है राकुल प्रीत !
आपने सही पढ़ा कि दक्षिण की बड़ी अभिनेत्री राकुल प्रीत 'किक २' से किक यानि बाहर नहीं की गयी है। पर इसे थोड़ा गलत समझा है। राकुल प्रीत की फिल्म किक २ सलमान खान की इस साल ईद में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म किक का सीक्वल नहीं है। यो, किक के डायरेक्टर साजिद नाडियाडवाला सलमान खान के साथ किक का सीक्वल बनाएंगे। लेकिन,शायद उस फिल्म में राकुल प्रीत सलमान खान की नायिका नहीं होंगी। राकुल प्रीत के जिस किक २ में नायिका होने का जिक्र किया जा रहा है, वह दरअसल २००९ में रिलीज़ सुरेंदर रेड्डी की रवि तेजा और इलेअना डिक्रूज अभिनीत ब्लॉकबस्टर एक्शन कॉमेडी थ्रिलर फिल्म किक का सीक्वल है। रवि तेजा की इसी ब्लॉकबस्टर किक पर सलमान खान की फिल्म रीमेक की गयी थी। तेलुगु किक में राकुल प्रीत की कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन, किक २ में उन्हें रवि तेजा की नायिका बनाया गया था। राकुल प्रीत टॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्री है। उन्होंने लगातार तीन सुपर हिट फ़िल्में वेंकटाद्रि एक्सप्रेस, लोकयम और करंट थीगा दी हैं। हिंदी में वह 'यारियां' फिल्म में नज़र आयी थीं। राकुल ने किक २ की एक हफ्ते तक शूटिंग कर ली है। इसी दौरान यह खबर आयी थी कि डायरेक्टर सुरेंदर रेड्डी को २४ साल की राकुल प्रीत ५० प्लस के रवि तेजा के मुकाबले काफी कम उम्र लग रही थी। इसलिए राकुल प्रीत को किक २ से किक यानि बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है । परन्तु अब सुरेंदर सुरेंदर रेड्डी ने साफ़ कर दिया है कि राकुल को किक २ से किक नहीं किया गया है। दरअसल हुआ यह था कि किक २ की शूटिंग के दौरान दक्षिण में तकनीशियनों ने हड़ताल कर दी। इससे किक २ की शूटिंग रुक गयी। इस समय का उपयोग राकुल ने तारीखें रमेश सिप्पी सिप्पी की फिल्म शिमला मिर्च को दे दी थीं। इस फिल्म में राकुल प्रीत को हेमा मालिनी और राजकुमार राव जैसे कलाकारों के साथ काम करने अवसर मिल रहा है। राकुल के शिमला मिर्च की शूटिंग में चले जाने से यह अफवाह उड़ी।
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साउथ सिनेमा
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पीआर के 'पुनर्जन्म' पर पीआर !
पिछले दिनों सोशल साइट्स पर गुजरे ज़माने के शीर्ष पीआर राजू करिया की आकस्मिक मृत्यु की खबरे आग की तरह फ़ैल गयी। उनके प्रशंसकों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला भी चल निकला। मगर अब यकायक दो महीने बाद राजू करिया सशरीर प्रकट हो गए हैं। उन्होंने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर अपने जीवित होने की पुष्टि की। क्या बॉलीवुड की हस्तियों की पीआर के कभी के महारथी राजू करिया की यह खुद के लिए पीआर थी। प्रेस कांफ्रेंस में राजू ने साफ़ किया कि वह ब्रेन हैमरेज के शिकार हो कर मुंबई के बाहर के एक अस्पताल की आईसीयू में भर्ती थे। किसी महिला ने उनका मोबाइल चुरा कर उनके मरने की खबर फैला दी थी। उनकी यह सफाई आसानी से गले उतरने वाली नहीं थी, क्योंकि वर्तमानत में पीआर के क्षेत्र में काफी पिछड़ चुके राजू करिया के लिए खुद को चर्चा में लाने के लिए यह गिमिक ज़रूरी थी। यह उस समय ज़्यादा साफ़ हो गया, जब प्रेस कांफ्रेंस में एक दूसरे वरिष्ठ पीआर डेल भगवागर ने उन्हें पुनर्जन्म की बधाई देते हुए, उपहार में एक बेबी डायपर पैक भेंट में दिया। जिस पर लिखा था- नया जन्म मुबारक हो। दरअसल, डेल भगवागर को राजू की इस 'अकस्मात् मृत्यु' पर कतई भरोसा नहीं था। उन्होंने उस समय भी ट्विटर पर पोस्ट किया था कि मुझे सुनी सुनाई बात पर भरोसा नहीं। अपने इस भरोसे को लेकर डेल कहते हैं, "दो दशक पहले जब में मुंबई आया तो लगातार राजू करिया को फॉलो करता रहा हूँ। वह जन्मजात जीनियस हैं और ट्रेंड सेटर हैं। वह अपनी कला के सिद्धहस्त है। मैंने उन्हें नज़दीकी से भांपा है और उनकी अच्छी बाते स्वीकार की हैं। इसलिए मैं जानता हूँ कि उनका पीआर दिमाग किस प्रकार काम करता है।" इससे यह तो साफ़ हो गया कि एक पीआर अपनी पीआर की खातिर अपनी मौत की खबर भी फैला सकता है। पता चला है कि राजू करिया अपने मित्र के साथ एक नयी पीआर कंपनी लांच करने जा रहे हैं और फ़िल्में भी बनाएंगे।
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ये ल्लों !!!
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मार्गोट रॉब्बी की तालिबान फिल्म
मार्गोट रॉब्बी के नाम से मशहूर मार्गोट एलिस रॉब्बी ऑस्ट्रेलियाई
एक्ट्रेस हैं। २४ साल की इस एक्ट्रेस ने सोप ओपेरा नेबर्स की डोना फ्रीडमन
की भूमिका से लोकप्रियता पायी। अमेरिका में आने के बाद उन्होंने एबीसी
ड्रामा सीरीज पैन ऍम से दर्शकों के बीच जगह बना ली। २०१३ में रिलीज़ दो फिल्मों अबाउट टाइम और द वुल्फ फ़ो वॉल स्ट्रीट से वह हॉलीवुड में जगह बनाने में कामयाब हो गयी। आगामी फिल्म टार्ज़न में जेन की भूमिका में नज़र आने वाली मार्गोट के पास फिल्मों की कमी नहीं। वार्नर ब्रदर्स की फिल्म सुसाइड स्क्वॉड में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। इस फिल्म के निर्देशक डेविड अय्यर हैं। लेकिन, ख़ास है द तालिबान शफल। यह फिल्म एक अमेरिकी पत्रकार किम बार्कर के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तालिबान की गतिविधियों पर आधारित फिल्म है। यह २००२ के काबुल की कहानी है। इस फिल्म में किम बार्कर की भूमिका फिल्म की एक निर्माता और मशहूर अभिनेत्री टीना फे कर रही है। फिल्म में मार्गोट रोब्बी एक ब्लोंड और बार्कर के विरोधी चैनल की उससे प्रतिस्पर्द्धा करने वाली पत्रकार की भूमिका कर रही है, जो बाद में बार्कर की अच्छी दोस्त बन जाती है। यह फिल्म उन लम्हों का बयान करती है, जब बार्कर तालिबानी कहर का सामान करने के बावजूद उस क्षेत्र को पसंद करने लगती है। इस फिल्म का निर्देशन जॉन रेक्वा और ग्लेंन फिकारा कर रहे हैं। मार्गोट रॉब्बी विल स्मिथ के साथ फिल्म फोकस में जेस बैरेट की भूमिका में नज़र आएंगी। कहने का मतलब यह कि ऑस्ट्रेलियाई एक्ट्रेस मार्गोट रॉब्बी हॉलीवुड की फतह को निकल बड़ी है।
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 8 November 2014
अक्षय कुमार को डुबोने वाली फिल्म 'द शौक़ीनस' !
तीन दिनों में ४०००+ प्रिंट रिलीज़ कर १०० करोड़ कमाने वाले खानों की इस भीड़ में अक्षय कुमार ही एक ऐसा नाम है, जिनकी फिल्मों से दर्शक कुछ अलग और मनोरंजक फिल्म की उम्मीद करते हैं। अश्विन वर्डे, मुराद खेतानी, अक्षय कुमार की अभिषेक शर्मा निर्देशित फिल्म 'द शौक़ीनस' पूरी तरह से निराश करती है। द शौक़ीनस १९८२ में रिलीज़ बासु चटर्जी की फिल्म शौक़ीन का रीमेक है। पकी पकाई कहानी होने के बावजूद लेखक और संवाद लेखक तिग्मांशु धूलिया कुछ मनोरंजक पेश नहीं कर पाये। उनकी स्क्रिप्ट में झोल ही झोल हैं। सब कुछ ऐसे चलता है जैसे बच्चों का खेल। पूर्वार्ध में पियूष मिश्रा, अन्नू कपूर और अनुपम खेर के चरित्रों का परिचय कराते और उन्हें विकसित करने वाले दृश्य हैं। लेकिन इनमे कोई कल्पनाशीलता नहीं है. अविश्वसनीय और अनगढ़ दृश्यों की भरमार है। संवाद बहुत घिसे पिटे हैं। ऐसे चरित्रों के मुंह से ऐसे ही संवाद बुलाये जाते हैं।
फिल्म की कहानी तीन शौकीनों की हैं, जो किसी न किसी कारण से सेक्स को लेकर असंतुष्ट हैं। इसलिए वह अपनी सेक्सुअल संतुष्टि के लिए अपनी आँखें सेंकने से लेकर कर लड़कियों को छूने तक का असफल प्रयास करते हैं और बेइज़्ज़त होते हैं। फिर वह बैंकॉक जाकर अपनी इच्छा पूरी करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, घर में विरोध के कारण वहां नहीं जा पाते। फिर वह मॉरीशस जाते हैं। वहां उनकी मुलाकात अक्षय कुमार की दीवानी लड़की से होती है। वह उसे अक्षय कुमार से मिलाने का जतन करते हैं, ताकि उसकी निकटता पा सकें। बड़े अविश्वसनीय घटनाक्रम होते हैं मॉरीशस में। अजीब लगता हैं फिल्म में खुद की भूमिका कर रहे अक्षय कुमार का प्रेस कॉन्फ्रेरेन्स में पहले तीनों शौक़ीनस और उस लड़की को बेइज़्ज़त करना, फिर दुबारा उनकी सफाई देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करना। यही कारण है कि जब फिल्म ख़त्म होती है तब दर्शक खुद को तीनों शौकीनों की तरह असंतुष्ट महसूस करता है।
फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं जिसका ज़िक्र किया जाए, सिवाय अभिनय के। अक्षय कुमार तो साधारण रहे हैं। शौक़ीनस तिकड़ी में पियूष मिश्रा और अन्नू कपूर का अभिनय बढ़िया है. अन्नू कपूर तो दर्शकों की खूब तालियां बटोरते हैं, जबकि पियूष मिश्रा दर्शकों की प्रशंसा के हक़दार बनते हैं। न जाने क्या बात थी कि अनुपम खेर इन दोनों के सामने मुरझाये लगे। लिसा हेडेन ने फिल्म क्वीन में जितना प्रभावित किया था, इस फिल्म उससे कई गुना ज़्यादा निराश करती हैं। वह अपनी कमनीय काया का प्रदर्शन करती हैं, लेकिन कोई आकर्षण पैदा नहीं कर पातीं कि दर्शक उनके इस अंग प्रदर्शन के लिए फिल्म देखने आये।
इस फिल्म को देख कर अक्षय कुमार के प्रशंसक भी निराश होंगे।
फिल्म की कहानी तीन शौकीनों की हैं, जो किसी न किसी कारण से सेक्स को लेकर असंतुष्ट हैं। इसलिए वह अपनी सेक्सुअल संतुष्टि के लिए अपनी आँखें सेंकने से लेकर कर लड़कियों को छूने तक का असफल प्रयास करते हैं और बेइज़्ज़त होते हैं। फिर वह बैंकॉक जाकर अपनी इच्छा पूरी करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, घर में विरोध के कारण वहां नहीं जा पाते। फिर वह मॉरीशस जाते हैं। वहां उनकी मुलाकात अक्षय कुमार की दीवानी लड़की से होती है। वह उसे अक्षय कुमार से मिलाने का जतन करते हैं, ताकि उसकी निकटता पा सकें। बड़े अविश्वसनीय घटनाक्रम होते हैं मॉरीशस में। अजीब लगता हैं फिल्म में खुद की भूमिका कर रहे अक्षय कुमार का प्रेस कॉन्फ्रेरेन्स में पहले तीनों शौक़ीनस और उस लड़की को बेइज़्ज़त करना, फिर दुबारा उनकी सफाई देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करना। यही कारण है कि जब फिल्म ख़त्म होती है तब दर्शक खुद को तीनों शौकीनों की तरह असंतुष्ट महसूस करता है।
फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं जिसका ज़िक्र किया जाए, सिवाय अभिनय के। अक्षय कुमार तो साधारण रहे हैं। शौक़ीनस तिकड़ी में पियूष मिश्रा और अन्नू कपूर का अभिनय बढ़िया है. अन्नू कपूर तो दर्शकों की खूब तालियां बटोरते हैं, जबकि पियूष मिश्रा दर्शकों की प्रशंसा के हक़दार बनते हैं। न जाने क्या बात थी कि अनुपम खेर इन दोनों के सामने मुरझाये लगे। लिसा हेडेन ने फिल्म क्वीन में जितना प्रभावित किया था, इस फिल्म उससे कई गुना ज़्यादा निराश करती हैं। वह अपनी कमनीय काया का प्रदर्शन करती हैं, लेकिन कोई आकर्षण पैदा नहीं कर पातीं कि दर्शक उनके इस अंग प्रदर्शन के लिए फिल्म देखने आये।
इस फिल्म को देख कर अक्षय कुमार के प्रशंसक भी निराश होंगे।
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अभिनय से बदरंग रंग रसिया
अगर किसी फिल्म के साथ बड़े नाम न जुड़े हों तो उस फिल्म को रिलीज़ में परेशानियां आती हैं, यह केतन मेहता की फिल्म 'रंग रसिया' के बारे में नहीं कहा जा सकता। २००८ में पूरी हो चुकी रंग रसिया अपने कारणों से छह साल तक रिलीज़ नहीं हो सकी। हालाँकि, विदेशी मेलों में इसे दिखाया गया। परन्तु, अब जबकि यह फिल्म रिलीज़ हो चुकी है, रणदीप हुडा और नंदना सेन जैसे नाम रंग रसिया के रंग को मंद कर रहे हैं। बतौर निर्देशक केतन मेहता ने एक मास्टरपीस बनाने की पूरी कोशिश की है। वह महान पेंटर राजा रवि वर्मा के जीवन को पूरी सुंदरता और पवित्रता के साथ परदे पर पेश करते हैं। उनकी ईमानदारी का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है कि वह रवि वर्मा और उनकी प्रेरणा सुगंधा के बीच के रोमांस को कुछ इस सुंदरता से पेश किया कि नंदना सेन आवक्ष नग्न हो कर भी अश्लीलता और कामुकता की अनुभूति नहीं करा रही थी। केतन मेहता केवल इसी एक दृश्य के लिए प्रशंसा के पात्र नहीं, वह राजा रवि वर्मा की पूरी कहानी को ईमानदारी से एक एक विवरण देते प्रस्तुत करते हैं। फिल्म को देखते हुए रवि वर्मा को न जानने वाले दर्शकों को भी उनके बारे में जानकारी हो जाती है। वह अपने इस महान पेंटर के योगदान और कष्टों का अनुभव करता है। इसमे केतन मेहता का साथ स्क्रिप्ट लिखने में संजीव दत्ता, संगीत के क्षेत्र में सन्देश शांडिल्य, कैमरा के पीछे राइल रालत्चेव और क्रिस्टो बाक्लोव बखूबी देते हैं। इन दोनों का कैमरा वर्क इस फिल्म को आकर्षक पेंटिंग की तरह पेश करता है।
फिल्म की कमी है इसके कलाकार। ख़ास तौर पर मुख्य भूमिका में रणदीप हुडा और नंदना सेन अपने चरित्र के साथ न्याय नहीं कर पाते। इन दोनों में न तो इतनी अभिनय प्रतिभा है और न ही व्यक्तित्व कि इन चरित्रों को स्वाभाविक बना सकें। परिणामस्वरूप, परेश रावल, दर्शन जरीवाला, सुहासिनी मुले, विक्रम गोखले, आदि सशक्त कलाकारों के बावजूद केतन मेहता की आकर्षिक पेंटिंग नहीं बन पाती। वैसे जो लोग राजा रवि वर्मा को नहीं जानते हों, उनके बारे में जानना चाहते हों तो इस फिल्म को ज़रूर देखें। बहुत कुछ जाएंगे. आपके दिलों में रवि वर्मा के प्रति सम्मान पैदा होगा।
फिल्म की कमी है इसके कलाकार। ख़ास तौर पर मुख्य भूमिका में रणदीप हुडा और नंदना सेन अपने चरित्र के साथ न्याय नहीं कर पाते। इन दोनों में न तो इतनी अभिनय प्रतिभा है और न ही व्यक्तित्व कि इन चरित्रों को स्वाभाविक बना सकें। परिणामस्वरूप, परेश रावल, दर्शन जरीवाला, सुहासिनी मुले, विक्रम गोखले, आदि सशक्त कलाकारों के बावजूद केतन मेहता की आकर्षिक पेंटिंग नहीं बन पाती। वैसे जो लोग राजा रवि वर्मा को नहीं जानते हों, उनके बारे में जानना चाहते हों तो इस फिल्म को ज़रूर देखें। बहुत कुछ जाएंगे. आपके दिलों में रवि वर्मा के प्रति सम्मान पैदा होगा।
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फिल्म समीक्षा
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