डिशूम और
जुड़वाँ २ के बाद निर्माता साजिद नाडियाडवाला और वरुण धवन तीसरी बार एक साथ फिल्म करने जा रहे हैं। साजिद नाडियाडवाला, पिछले साल रिलीज़ तेलुगु ब्लॉकबस्टर अर्जुन
रेड्डी का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे। अर्जुन रेड्डी, आज के शहरी युवा की समस्या
प्यार में धोखा खाने के बाद युवाओं के खुद को नशे में डुबो लेने वाले कथानक पर
फिल्म है। इस फिल्म के लेखक और निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा की यह पहली फिल्म है। इस फिल्म में विजय देवरकोंडा ने अर्जुन रेड्डी का किरदार बखूबी किया था। फिल्म
में उनकी नायिका शालिनी पाण्डेय थी। अर्जुन रेड्डी के किरदार के लिए साजिद
नाडियाडवाला सबसे पहले रणवीर सिंह को लेना चाहते थे। रणवीर के मना करने पर वह अपने
रंगून हीरो शाहिद कपूर के पास गए। लेकिन शाहिद ने भी इस फिल्म को करने से मना कर
दिया। इसके बाद उन्होंने जुड़वाँ २ के अपने हिट हीरो वरुण धवन को अर्जुन रेड्डी
बना दिया। वरुण धवन की युवा इमेज है। उनकी कॉमेडी युवा दर्शक पसंद करता है। ख़ास बात यह है कि तेलुगु फिल्म को भी पहले शर्वानंद को लिया जाना था। लेकिन,
उन्होंने तारीखों की समस्या के कारण फिल्म करने से मना कर दिया। बाद में विजय देवरकोंडा
फिल्म के लिए माने, लेकिन कोई भी प्रोडूसर इस बोल्ड फिल्म पर पैसा लगाने के लिए
तैयार नहीं हुआ। क्योंकि, तेलगु फिल्मों का नायक इतना शराब में डूबा और निराश नहीं होता। तब संदीप रेड्डी वंगा के भाई और पिता आगे आये और उन्होंने फिल्म
में पैसा लगाया। इस फिल्म की निर्माण लागत सिर्फ छः करोड़ रूपये थी। लेकिन, यह
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ५१ करोड़ का कारोबार कर पाने में कामयाब हुई। इस समय इस फिल्म
को तमिल में भी बनाया जा रहा है। अर्जुन रेड्डी के हिंदी रीमेक का निर्देशन संदीप
रेड्डी वंगा ही करेंगे। वरुण धवन इस फिल्म की शूटिंग यशराज बैनर की फिल्म सुई
धागा की शूटिंग पूरी करने के बाद ही शुरू कर पाएंगे। क्योंकि, अर्जुन रेड्डी के
लिए उन्हें अपने को दुबला करना पड़ेगा। इस फिल्म का टाइटल अर्जुन रेड्डी से बदल कर कोई
दूसरा किया जा सकता है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 9 January 2018
वरुण धवन बनेंगे शराबी अर्जुन रेड्डी
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खबर है
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड की पहली ३ डी कॉमेडी बूम बूम इन न्यूयॉर्क
दिलजीत
दोसांझ और सोनाक्षी सिन्हा के साथ रितेश देशमुख, लारा दत्ता और बोमन ईरानी के साथ और भी कई दूसरे कलाकारों से लैस फिल्म;बूम बूम इन बॉलीवुड की पहली हास्य फिल्म
है, जो त्रिआयामी फॉर्मेट में यानि थ्रीडी प्रभाव वाली फिल्म है। बूम बूम इन न्यूयॉर्क एक दिल को छू लेने वाली, गुदगुदाने वाली कॉमेडी है। यह फिल्म खुद के लिए एक बेहतर जीवन की तलाश में रहने वाले दो भारतीय युवाओं की कहानी है, जिन्हें न्यूयॉर्क शहर की अप्रत्याशित यात्रा ऐसी कॉमिक सिचुएशन में ला देती है, जिससे हमेशा के लिए उनके जीवन में बदलाव आ जाता है। निर्देशक चक्री टोलेटी की इस फिल्म में फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर की दोहरी भूमिका है। इस फिल्म को पहली रियलिटी स्टेज शो फिल्म कहा जा रहा है। फिल्म की कहां मशहूर अवार्ड फंक्शन आइफा के इर्दगिर्द घूमती है। पिछले दिनों इस फिल्म का ज़िक्र रोहित शेट्टी की हिट कॉमेडी फ्रैंचाइज़ी गोलमाल का टाइटल में उपयोग करने के कारण सुर्ख़ियों में आई थी। बाद में, करण जौहर के हस्तक्षेप के बाद फिल्म का टाइटल बदल दिया गया। वासु भगनानी कहते है, "बूम बूम इन न्यूयॉर्क थिएटर ऑडियंस के लिए मनोरंजन का एक नया अनुभव होगा। मुझे पूरा यकीन है कि हमारे दर्शकों ने इतने बड़े सितारों को एक साथ एक फिल्म में अब से पहले नहीं देखा होगा। बूम बूम इन न्यू यॉर्क निश्चित रूप से एक हिट फिल्म साबित होगी।" पूजा फिल्म्स विज़ फिल्म्स द्वारा निर्मित बूम बूम इन न्यू यॉर्क २३ फरवरी को रिलीज़ हो रही है। इसी दिन दो दूसरी दिलचस्प फिल्में भी रिलीज़ हो रही हैं। २३ फरवरी को अभिषेक शर्मा निर्देशित थ्रिलर फिल्म परमाणु : द स्टोरी ऑफ़ पोखरण और प्रदीप सरकार निर्देशित फिल्म हिचकी भी रिलीज़ हो रही है। परमाणु : द स्टोरी ऑफ़ पोखरण, भारत द्वारा १९९८ में किये गए परमाणु विस्फोट के इर्दगिर्द घूमती थ्रिलर फिल्म है। इस फिल्म में जॉन अब्राहम, डायना पेंटी, बोमन ईरानी और शाद रंधावा की प्रमुख भूमिका है। हिचकी की नायिका रानी मुख़र्जी है। फिल्म में वह एक ऎसी सफल टीचर बनी हैं, जो हकलाती है। साफ़ है कि तीनों फ़िल्में अलग जॉनर की फिल्में है और इनके कलाकारों का अलग दर्शक वर्ग है। इनकी लागत भी बहुत ज़्यादा नहीं है। इसलिए इन फिल्मों के एक साथ रिलीज़ होने पर किसी को ख़ास ऐतराज़ नहीं होगा। जो फिल्म अच्छी बनी होगी, वह बॉक्स ऑफिस पर राज करेगी।
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खबर चटपटी
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पद्मावती ही नहीं भंसाली की लीला से भी जुड़ी थी गोलियों की रासलीला
ऑपरेशन सेंसर
बोर्ड के ज़रिये रानी पद्मावती, स्त्री लिंग से पुरुष लिंग में परिवर्तित कर पद्मावत बना दी गई
है। अभी तक बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका
पादुकोण के किरदार रानी पद्मिनी उर्फ़ संजय लीला भंसाली की पद्मावती पर आधारित
टाइटल वाली फिल्म पद्मावती अब पद्मावत बन कर नायिका रानी के बजाय काव्य रचना बन गई है। किसी फिल्म
का टाइटल बदल कर,
फिल्म से
जुड़े विवादों को कम करने या कम हुआ मान लेने की यह कवायद कितनी कारगार होगी, यह तो वक़्त ही बतायेगा। क्योंकि, मेवाड़ रानी पद्मिनी के साथ खिलजी के कथित
रोमांस दृश्यों को लेकर उठा विवाद अब ख़त्म हो जायेगा, कहाँ नहीं जा सकता। राजस्थान सरकार ने
पद्मावत की रिलीज़ की तारिख तय होते ही इस फिल्म को राजस्थान में रिलीज़ होने से रोक
कर विवाद के ख़त्म न होने का संकेत दे दिया है। संभव है कि कुछ दूसरी राज्य सरकारें
भी फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दे। लेकिन, फिलहाल,
सेंट्रल
बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन ने अपनी बला टाइटल बदल कर टाल दी है। टाइटल बदलने की
सेंसर बोर्ड की राजनीति प्रसून जोशी से समय की नहीं है। पहले के कई ऐसे उदाहरण हैं, जब फिल्मों के टाइटल बदल कर फ़िल्में रिलीज़
की गई। संजय लीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रासलीला : राम-लीला का टाइटल इसका
प्रमाण है। भंसाली की २०१३ की इस फिल्म का टाइटल राम-लीला रखा गया था। फिल्म रिलीज़ होने से पहले इस फिल्म के टाइटल पर
विवाद खडा हो गया। हिन्दू संगठनों को अपने ईष्ट देव राम के नाम पर फिल्म का नाम
रखे जाने पर ऐतराज़ था। यह मामला कोर्ट तक
गया। इस पर राम-लीला के निर्माताओं ने फिल्म के ओरिजिनल टाइटल के साथ गोलियों की
रासलीला जोड़ कर फिल्म को गोलियों की रासलीला: राम-लीला कर दिया। इसके बाद किसी
हिन्दू संगठन को राम-लीला के साथ शीर्षक के बावजूद फिल्म पर ऐतराज़ नहीं रहा।
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झिलमिल अतीत
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कृष्णा भट्ट कर रही है पिता विक्रम भट्ट को निर्देशित
आजकल, निर्देशक
विक्रम भट्ट अपनी १२ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 1921 के प्रमोशन में बहुत
ज़्यादा व्यस्त हैं। इसके बावजूद वह वेब
सीरीज़ अनटचेबल्स की रिलीज़ का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। विक्रम भट्ट अपने
ओटीटी प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह वेब सीरीज़ इस
नये प्लेटफॉर्म पर ही प्रदर्शित की जाएगी। विक्रम भट्ट को अनटचेबल्स का इसलिए इंतज़ार नहीं कि वह इस फिल्म में अभिनय कर
रहे हैं। बल्कि,
यह फिल्म
उनकी बेटी की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म है । १९२०, मिस्टर एक्स, हान्टेड और डेंजरस इश्क जैसी फिल्मों में अपने
पिता का निर्देशन में सहयोग करने वाली कृष्णा भट्ट अपनी इस वेब सीरीज़ के माध्यम से
बतौर निर्देशक एक नई शुरुआत करेंगी। अपने पिता को निर्देशन देने के बारे में
कृष्णा भट्ट ने कहा,
‘‘मुझे पिता के
साथ काम करने पर हमेशा ही सीखने को मिलता है। मैंने उनके अपूर्व ज्ञान और प्रतिभा
को पूरी तरह से आत्मसात करने के बाद ही निर्देशन शुरू किया है। मैं हमेशा ही हर
शूट के बाद उसे अपने पिताजी के नजरिये से देखती हूं और मुझे यह देखकर आश्चर्य होता
है कि वह इसके बारे में क्या सोच रखते हैं। मैं सोचती थी कि उनके साथ काम करना
मुझे कमजोर बनाने वाला होगा, लेकिन उनके साथ काम करने का मेरा अनुभव मुझे सशक्त एवं आनन्दित करने
वाला रहा है।‘‘
सीरीज़ की
शूटिंग के दौरान उन्हें अपने पिता से कई महत्वपूर्ण इनपुट प्राप्त हुए। विक्रम
भट्ट के बारे में कृष्णा भट्ट ने कहा, “वह एक प्रतिभाशाली अभिनेता हैं तथा अपने
प्रदर्शन से उन्होंने मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैंने समय समय पर उनसे प्राप्त
सुझावों का सहजता से उपयोग किया है, क्योंकि 35 साल के उनके अनुभवों को इस्तेमाल
में न लेना मूर्खता ही होगी। मैं उनके साथ फिर से काम करने का और इंतजार नहीं कर
सकती थी ।" ‘अनटचेबल्स’
एक क्राइम
थ्रिलर कोर्टरूम ड्रामा है। यह ड्रामा एक मेडिकल छात्र के चारों ओर घूमता है, जो एक एस्कॉर्ट है । जो अपने एक धनाढय
ग्राहक के मर्डर और रेप आरोपों का सामना कर रहा है। विक्रम भट्ट, अनटचेबल्स की
निर्देशक कृष्णा भट्ट के बारे में कहते हैं, “कृष्णा एक स्ट्रिक्ट डायरेक्टर है ।
उन्हें अगर मेरा काम पसंद नहीं आता है तो साफ़ कहती हैं कि इसे इस तरह से करो । मैं
भी उसके इंस्ट्रक्शन फॉलो करता हैं । जब तक मेरा कोई शॉट नहीं होता, मैं सेट पर
नहीं जाता हूँ ।“
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लिपस्टिक अंडर माय बुरखा के बाद फिर साथ एकता और अलंकृता
लिपस्टिक
अंडर माय बुरखा की निर्माता एकता कपूर और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव सफलता की
कहानी फिर से दोहराना चाहते है । लिपस्टिक अंडर माय बुरखा एक बोल्ड फिल्म थी।
मुस्लिम स्त्रियों में नए जमाने के असर और आधुनिकता को दिखाने वाली फिल्म थी। इस फिल्म को टोक्यो और मुंबई फिल्म फेस्टवियल
में दिखाया गया। जहाँ, इस फिल्म ने स्पिरिट ऑफ़ एशिया प्राइज और ऑक्सफेम अवार्ड
जीता। फिल्म को जितना समीक्षकों ने सराहा, उतना ही बॉक्स ऑफिस पर सफलता भी मिली। फिल्म के निर्माण में सिर्फ छः
करोड़ खर्च हुए थे। लेकिन,
फिल्म ने
बॉक्स ऑफिस पर २६.६८ करोड़ का कारोबार किया। यह दोनों फ़िलहाल एक स्क्रिप्ट पर काम
कर रहे है । इस जोडी की आपस में बात तय हो चुकी है कि किस कहानी पर फिल्म बनाई
जायेगी । इस समय फिल्म की कास्टिंग चल रही है। लिपस्टिक अंडर माय बुरखा को मिली
आलोचकों की प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता के बाद, एकता कपूर और अलंकृता श्रीवास्तव के बीच सहयोग को दर्शकों द्वारा
उत्सुकता देखा जाना स्वाभाविक है। अपने और एकता कपूर के सहयोग को लेकर अलंकृता
श्रीवास्तव कहती हैं,
"मुझे लगता है
कि में जैसी फिल्मे बनाना चाहती हूँ, उसके लिए साहस और कुछ जोखिम उठाने की जरुरत है । मुझे इस बात की बहुत
खुशी है एक बहादुर प्रोड्यूसर एकता मेरे साथ है। भविष्य महिलाओ का है, और मुझे लगता है कि अधिक महिला सहयोग करे
यह हमें देखने की जरूरत है । न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में ।“ अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म निर्माण
शैली की प्रशंसा करते हुए एकता कपूर कहती हैं, "अलंकृता की फिल्म निर्माण शैली बोल्ड, मनोरंजक है और हमारे समाज के लिए ज़रूरी और ज्वलंत सवाल पूछने वाली
होती है। मुझे सिर्फ इतना खुशी है कि हम कुछ और नई राह बनाने और बेहद मनोरंजक
कहानियों को एक साथ दिखाने के लिए पुन: मिल रहे हैं।“
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मल्टीप्लेक्स स्क्रीन्स के लिए पैडमैन और पद्मावत !!!
लीजिये साहब! अलाउद्दीन खिलजी का पैडमैन पर हमला २५ जनवरी को ही होने जा रहा है। इससे पहले अनुमान लगाए जा रहे थे कि पद्मावत २६ जनवरी को रिलीज़ होगी या ९ फरवरी को ! अक्षय कुमार की आर बाल्की निर्देशित पैडमैन की मौजूदगी में ऐसा ही लगता था कि पद्मावत के निर्माता अक्षय कुमार की फिल्म से टकराव न लेकर अपनी फिल्म ९ फरवरी को रिलीज़ करेंगे, जिस दिन अनुष्का शर्मा की फिल्म परी और लव रंजन की फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी रिलीज़ हो रही है । लेकिन, पद्मावत के निर्माता वायकॉम १८ को अपने पिछले एक महीने से फंसे करोड़ों रुपये पर हो रहा नुकसान साल रहा था। इसलिए, उन्होंने पहली उपलब्ध तारिख को ही अपनी फिल्म को लॉक कर दिया। पब्लिसिटी के लिहाज़ से पद्मावत दर्शकों के ज़्यादा नज़दीक लग रही थी। फिल्म वितरक और प्रदर्शक पद्मावत को मुंहमांगे स्क्रीन देने को तैयार थे। इसीलिए पैडमैन के निर्माताओं के लिए यकायक पद्मावत के अलाउद्दीन खिलजी का हमला हकबका देने वाला रहा। उन्हें विश्वास नहीं है कि पद्मावत इस तरह उनकी फिल्म के सामने आ जाएगी। वह अभी भी उम्मीद करेंगे कि पद्मावत के निर्माता किसी दूसरी तारिख पर चले जाएँ। बहरहाल, जो भी हो, पद्मावत और पैडमैन का मुकाबला मल्टीप्लेक्स स्क्रीन के लिए ही ज़्यादा होगा। अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन के लिए ज़्यादातर सिंगल स्क्रीन थिएटर दो हफ़्तों के लिए बुक हो चुके हैं। अब पद्मावती को मल्टीप्लेक्स स्क्रीन के लिए पैडमैन से भिड़ना है। वैसे इतना तय है कि पद्मावती के सामने आ जाने से पैडमैन को ज़्यादा नुकसान होगा। लेकिन, यह नुकसान पद्मावत को नुकसान के लिहाज़ से काफी कम होगा। पद्मावत २०० करोड़ के बजट वाली फिल्म है। इसे कम से कम ४०० करोड़ का कारोबार करना है, अपनी रकम निकालने के लिए। पहले देखिए क्या होगा २५ जनवरी तक।
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खबर चटपटी,
ये ल्लों !!!
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Monday, 8 January 2018
पद्मावत को बागमती की चुनौती भी
बाहुबली एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी अपनी नई फिल्म बागमती से बॉलीवुड की दो फिल्मों को चुनौती देने आ रही हैं। जी अशोक निर्देशित फिल्म बागमती का ट्रेलर फिल्म की रिलीज़ से सिर्फ १८ दिन पहले आज रिलीज़ हुआ है। इस ट्रेलर में जयराम, उन्नी मुकुन्दन, आशा शरथ, आदि पिनिसेट्टी, विद्युलेखा रमन और एस थमन के बीच अनुष्का शेट्टी सब पर छाई नज़र आती हैं। ट्रेलर के आखिर में अनुष्का के हाव भाव और संवाद उनकी भूमिका के सशक्त होने का संकेत देते हैं। इस फिल्म के निर्देशक अपनी फिल्म को किसी जॉनर में बांधना नहीं चाहते। वह कहते हैं कि बागमती बायोपिक नहीं हैं, पीरियड ड्रामा भी नहीं है। फंतासी के तत्व नज़र आ सकते हैं, पर फिल्म में फ़न्तासी नहीं है। इसे आप थ्रिलर कर कसते हैं, पर इस जॉनर में बाँध नहीं सकते। फिल्म के स्क्रीनप्ले में और भी कुछ उत्तेजनापूर्ण है। दक्षिण के दर्शकों को फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार है। बागमती २६ जनवरी (गणतंत्र दिवस पर) को रिलीज़ हो रही है। इससे एक दिन पहले बॉलीवुड को दो बड़े सितारों वाली फ़िल्में भी रिलीज़ हो रही हैं। अक्षय कुमार की पैडमैन और रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म पद्मावत रिलीज़ हो रही है। यह दोनों फ़िल्में हिंदी बेल्ट के सिनेमाघरों में आपस में टकरा रही हैं। मनोज बाजपेई और सिद्धार्थ मल्होत्रा की थ्रिलर फिल्म ऐय्यारी इस टकराव को त्रिकोण दे रही थी । लेकिन, अब यह फिल्म ९ फरवरी तक टाल दी गई है। इसके बावजूद हिंदी बेल्ट में इन दोनों फिल्मों के टकराव से हो रहा नुकसान दक्षिण में कुछ ज़्यादा हो सकता है। खास तौर पर, बागमती पद्मावत (पहले पद्मावती) को नायिका प्रधान फिल्म होने के कारण बड़ी चुनौती साबित होगी । देखें, क्या होता है २५/२६ जनवरी २०१८ को !
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खबर चटपटी
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Sunday, 7 January 2018
बॉलीवुड न्यूज़ ०७ जनवरी
रणबीर कपूर और अलिया
भट्ट इस साल अपने प्रशंसकों को हैप्पी न्यू ईयर इजराइल
से बोलेंगे। वह अपने दोस्त अयान मुख़र्जी के साथ, छुट्टियाँ मनाने चल दिए हैं। आलिया अपने दोस्तों को छोड़ कर इजराइल गई
हैं । दरअसल, यह दोनों अयान मुख़र्जी के साथ कथित छुट्टियाँ काम के सिलसिले में भी
मना रहे हैं। यानि यह काम के साथ साथ आराम का मामला है। अयान मुख़र्जी इजराइल में
यरूशलम की रेकी करने गए हैं। यरूशलम यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों का पवित्र स्थल है। इस दौरान इजराइल-जॉर्डन सीमा
पर भी रेकी करेंगे। इस रेकी का उद्देश्य होगा ब्रह्मास्त्र की शूटिंग के लिए
आकर्षक और सुंदर जगहों को खोजना। ब्रह्मास्त्र की शूटिंग के लिहाज़ से यह खोज काफी
मायने रखती है। ब्रह्मास्त्र एक फंतासी ट्राइलॉजी फिल्म है। इस ट्राइलॉजी की पहली
फिल्म २०१९ में रिलीज़ होनी है। इजराइल की रेकी के बाद, अयान मुख़र्जी भारत वापस आकर ज़ल्द से ज़ल्द ब्रह्मास्त्र की शूटिंग शुरू
कर देना चाहते हैं। सभी जानते हैं कि ब्रह्मास्त्र एक फंतासी फिल्म है। इसमे,
फंतासी दृश्यों के लिए बड़ी मात्रा में स्पेशल
इफेक्ट्स तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। इस काम में काफी समय लगेगा। इसलिए,
अयान मुख़र्जी निर्धारित शिड्यूल में अपना काम
पूरा कर लेना चाहते हैं, ताकि टेक्निकल टीम
को अपना काम पूरा करने में सुविधा हो और पर्याप्त समय भी मिले। फिल्म मे रणबीर कपूर और अलिया भट्ट के
कपप युद्ध के दृश्य भी रखे हैं। यह इजराइल की प्राचीन युद्ध विधा है। इस विधा में
योद्धा आमने सामने आ कर, हाथों और पंजों के
बल पर जोराजमाइश करते हैं। इसकी ट्रेनिंग में दोनों को हिस्सा लेना है । इस तकनीक
में धैर्य की भी परीक्षा भी होती है। ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर की अलिया भट्ट
के साथ जोड़ी पहली बार बन रही है। फिल्म में अमिताभ बच्चन की भी ख़ास भूमिका है।
फिल्म के निर्माता करण जौहर और उनका बैनर धर्मा प्रोडक्शन्स है।
सुपर ३० में मृणाल ठाकुर
कुमकुम भाग्य में
बुलबुल अरोड़ा की भूमिका करने वाली अभिनेत्री मृणाल ठाकुर सुपर ३० में शामिल हो गई
है। वह हृथिक रोशन की, पटना के एक गणितज्ञ
आनंद कुमार के जीवन पर फिल्म सुपर ३० में शामिल की गई हैं । वह फिल्म में आनंद कुमार की पत्नी का किरदार कर
रही हैं। आनंद कुमार गरीब बच्चों को आईईटी में सफलता पाने के लिए कोचिंग करते हैं।
वह हर साल ऐसे ३० लड़कों की हर तरह से मदद करते हैं। उनके शिष्यों की शतप्रतिशत सफलता आनंद कुमार के
मिशन की सफलता है। आनंद कुमार का किरदार प्रेरणादायक है। वह खुद बहुत अच्छा न कमा
सकने के बावजूद गरीब बच्चों की मदद करते हैं। इस काम में उनकी पत्नी और भाई भी मदद
करते हैं। आनंद कुमार के मिशन में साथ देने के कारण आनंद कुमार की पत्नी का किरदार
ख़ास हो जाता है। हृथिक रोशन को कभी बड़ी एक्ट्रेस की चाह नहीं होती। उन्होंने
नवोदित पूजा हेगड़े के साथ फिल्म मोहनजोदड़ो की थी। मृणाल ठाकुर, कॉलेज के दिनों से ही स्टार प्लस के शो मुझसे कुछ
कहती...ये खामोशियां, हर युग में आयेगा एक
अर्जुन, आदि लम्बे नाम वाले सीरियलों में अभिनय कर चुकी
है।
जेपी दत्ता की पल्टन में अनु मलिक
अनु मलिक और जेपी
दत्ता की संगीतकार-फिल्मकार जोड़ी का साथ बीस साल पुराना है। बॉर्डर से जेपी दत्ता
के साथ संगीतकार अनु मालिक जुड़े। बॉर्डर
में, अनु मालिक द्वारा तैयार धुनों पर तमाम गीत देश
भक्ति और जोश से भरे हुए थे। इस फिल्म के लिए अनु मालिक की धुन पर गीत लिखने के
लिए जावेद अख्तर को और फिल्म का मेरे दुश्मन गीत गाने के लिए हरिहरन को राष्ट्रीय
फिल्म पुरस्कार मिला। इसके बाद, अनु मालिक ने दत्ता
की अगली फिल्म रिफ्यूजी का संगीत भी दिया। फिल्म के संगीत के लिए अनु मालिक को
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और जावेद अख्तर को एक बार फिर पंछी नदिया गीत के लिए
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। अनु मालिक ने जे पी दत्ता की पिछली दोनों फिल्मों
एलओसी- कारगिल और उमरावजान का भी संगीत भी दिया था। जे पी दत्ता की यह दोनों
फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास न कर सकी। २०१६ में घोषित उनकी निर्माणाधीन फिल्म
पलटन भी चीन और भारत के बीच युद्ध पर फिल्म है। सोनू सूद, जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल,
हर्षवर्द्धन राणे, रोहित रॉय, गुरमीत चौधरी,
सिद्धांत कपूर और लव सिन्हा जैसी स्टारकास्ट जेपी
दत्ता की पलटन है। इस फिल्म की पल्टन में संगीतकार के तौर पर अनु मालिक शामिल हैं।
अनु मालिक को, इस बार चीन को ध्यान में रख कर, उस समय की भावनाओं के अनुकूल संगीत तैयार करना
है। अनु मालिक का जोशीला संगीत फिल्म की स्टार कास्ट में जोश भर सकता है। अड़सठ साल
के जेपी दत्ता में आज भी जोश है। क्या अट्ठावन साल के अनु मालिक के संगीत में भी
वैसा ही जोश होगा ?
जैक्विलिन के लिए नायिका प्रधान फिल्म के
मायने !
श्रीलंका से आयातित
बॉलीवुड सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडिस आजकल बाली में आराम फरमा रही हैं। वहां
दोस्तों के साथ जाने के बावजूद, वह अपनी फिटनेस के
प्रति उदासीन नहीं लगती। इस समय उनके पास जो फिल्में है, उनमे उन्हें चुस्त-दुरुस्त और फिट रहना और दिखना है। सलमान खान,
अनिल कपूर, बॉबी देओल और डेज़ी शाह के साथ रेमो डिसूज़ा निर्देशित फिल्म रेस ३ में
उन्हें अच्छी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन तो करना ही है, सलमान खान के करैक्टर के साथ कंधे से कंधा मिला कर एक्शन भी करने हैं।
यह एक्शन सामान्य एक्शन नहीं होंगे, बल्कि काफी मुश्किल
और खतरनाक भी होंगे। वह इसके लिए मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का गहन प्रशिक्षण ले रही
हैं। जैक्विलिन एक दूसरी फिल्म में सामान्य एक्शन के अलावा विदेशी सरजमीं की एक्शन
तकनीक भी शामिल है। तरुण मनसुखानी की फिल्म ड्राइव में वह सुशांत सिंह राजपूत की
नायिका हैं। पिछले दिनों, इस फिल्म की शूटिंग
इजराइल में हुई है। इन दो फिल्मों के अलावा जैकी ब्रिटिश लेखक पाउला हॉकिंस की
पुस्तक द गर्ल ऑन द ट्रेन के हिंदी फिल्म रूपांतरण के लिए फिल्मकार रिभु दासगुप्ता
के साथ मिल कर काम कर रही हैं। वह इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म को लेकर काफी
उत्साहित है। यह फिल्म ट्रेन में रोज सफ़र करने वाली एक लड़की की होगी, जो रोज ही रास्ते में एक जगह एक जोड़े को नाश्ता
करते देखा करती है। धीरे धीरे उसे लगने लगता है कि जैसे वह उस जोड़े को जानती है। द
गर्ल ऑन द ट्रेन पर आधारित लड़की के मुख्य किरदार वाली फिल्म करने से ऐसा लगता है
कि जैक्विलिन भी नारी प्रधान फ़िल्में करना
चाहती है। इस पर उनका कहना है, “मैं नारी प्रधान
फिल्म करने के लिए किसी भी नारी प्रधान फिल्म को करने नहीं जा रही। द गर्ल ऑन द
ट्रेन के लड़की के किरदार में कई आयाम हैं. इसलिए, मैं इस फिल्म को कर रही हूँ और करना चाहती हूँ।”
देवदास से ठीक उलट सुधीर मिश्रा की
दासदेव
निर्देशक-लेखक सुधीर
मिश्रा की अगली फिल्म दासदेव रिलीज़ के लिए तैयार है। फिल्म में ऋचा चड्ढा पारो,
अदिति राव हैदरी चांदनी और राहुल भट्ट देव का
किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के क्लॉसिक उपन्यास ‘देवदास’ का आधुनिक रूपान्तरण
है जिसमें राजनीति की पृष्ठभूमि में आधुनिक भारत को दिखाया गया है। सुधीर मिश्रा
ने इससे पहले ‘इस रात की सुबह नयी, हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, ये साली जिंदगी, खोया खोया चाँद’,
चमेली, आदि जैसी लीक से
हटकर फिल्में दी हैं। सुधीर मिश्रा ने १९१७ के शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के देवदास को
कुछ नये किरदारों के साथ आधुनिक भारत में उत्तरप्रदेश की राजनीतिक उथल-पुथल की
पृष्ठभूमि के मध्य पर एक प्रेम कथा से गूथा है। ‘दासदेव’ की कहानी क्लॉसिक
उपन्यास ‘देवदास’ से ठीक उलट चलती है । इसे एक
रोमांटिक थ्रिलर फिल्म कहा जा सकता है, जिसमें सत्ता के नशे
को मुख्य किरदार पर चढ़ता दिखाया गया है। अलबत्ता, दासदेव की कहानी भी तीन प्रमुख किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। ‘दासदेव’ सत्ता के बारे में
है, जो प्रेम के बीच दीवार खड़ी करती है। इस फिल्म में
देवदास के करैक्टर को उलट कर दासदेव बनाने के बारे में निर्देशक सुधीर मिश्रा ने
कहा, “किसी भी अच्छे काम को उपयोग में लेना मेरा अधिकार
है । यह मेरी धरोहर है । मैं उसके साथ बदलाव कर सकता हूं जब तक कि यह मुझे
स्वीकार्य है ।” यह फिल्म १६ फरवरी २०१८
को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है।
क्रिअर्ज की फिल्म 'आनंदवा' में जैकी भगनानी
क्रिअर्ज
एंटरटेनमेंट ने अभिनेता जैकी भगनानी को अपनी नई फिल्म 'आनंदवा' के लिए साइन किया
है। यह एक हास्य व्यंग्य से भरपूर फिल्म है। आनंदवा एक ऐसे आदमी की कहानी है,
जो अपनी जिन्दगी में आए एक बडे बदलाव का निराशा
के बजाए हंसते हंसते सामना करने की कोशिश करता है। निर्माता प्रेरणा अरोड़ा कहते
हैं,"जैकी हमारी पहली पसंद थे, क्योंकि हमने महसूस किया कि वे आनंदवा की भूमिका
के साथ न्याय कर पाएंगे। सही कॉमिक टाइमिंग के लिए संवेदनशीलता की बहुत जरूरत होती
है और जैकी इस काम में माहिर है। पहले दिन से मेरा उन पर भरोसा रहा है। जैकी काफी
मेहनती भी है। हम इस प्रोजेक्ट को ले कर बहुत उत्साहित हैं। यह फिल्म 2018 की
शुरूआत में फ्लोर पर जाएगी।" जैकी भगनानी के बिल्डर से सिनेमा बिल्डर बने
पिता वासु भगनानी ने अपने बेटे जैकी भगनानी को हीरो बनाने के लिए फिल्म फालतू
बनाई। फालतू के निर्देशक आज के रेमो
डिसूज़ा। थे। इस फिल्म से डेब्यू करने वाले रेमो आज सलमान खान को रेस ३ में
डायरेक्ट कर रहे हैं। लेकिन, जैकी भगनानी को दक्षिण की डरावनी थ्रिलर फिल्म
मोहिनी में तृषा के सपोर्टिंग किरदार करने पड़ रहे हैं। पटकथा लेखक और निर्देशक
अबिर सेनगुप्ता ने यह फिल्म कल्ट क्लासिक आनंद को श्रद्धांजलि के रूप में लिखी
है। अबिर कहते हैं, "लेकिन ये किसी भी रूप में इस फिल्म का रीमेक नहीं
है। यह एक आम आदमी आनंदवा की कहानी है, जो जीवन बदल देने
वाली एक स्थिति का सामना करते हुए, अपनी जीवन को
संभालना सीखता है।" क्या आनंदवा से जैकी भगनानी के करियर में आनंद की वापसी
होगी ? इस फिल्म की तकरीबन पूरी शूटिंग अगले साल फरवरी
से मुंबई में की जाएगी।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड की पुरानी जोड़ियां: फिर साथ साथ हैं !
समय के साथ
बिछुड़ चुकी या अलग हो चुकी जोड़ियां, फिर साथ साथ हैं। यह समय का
तकाज़ा है या करियर का तमाम हिट जोड़े एक बार फिर साथ आ रहे हैं। इन जोड़ों ने कभी हिंदी फिल्म दर्शकों को अपनी
केमिस्ट्री से आकर्षित किया था। कुछ
एक्टर-डायरेक्टर जोड़ियां भी पुराना जादू जगाने की तैयारी में हैं। आइये, पहले जानते इन जोड़ियों के बारे में, जो फिर से साथ आ रही हैं।
अनिल कपूर और
माधुरी दीक्षित-नेने
जब माधुरी
दीक्षित, नेने नहीं हुआ करते थी, उनके अभिनय, सेक्सी डांस नम्बरो और ग्लैमर का जादू हिंदी फिल्म दर्शकों पर छाया
रहता था। माधुरी दीक्षित ने अपने समकालीन कई अभिनेताओं के साथ हिट जोड़ियां
बनाई। इनमे एक अनिल कपूर भी थे। फिल्म
बेटा में अनिल कपूर के साथ माधुरी दीक्षित ने अपने सेक्सी हावभाव का कुछ ऐसा जादू
बिखेरा कि वह धकधक गर्ल के बतौर जानी जाने लगी। माधुरी दीक्षित ने अनिल कपूर के
साथ १९ फ़िल्में की। अनिल कपूर के साथ तेज़ाब ने माधुरी को बॉलीवुड में स्थापित कर
दिया। बेटा ने उन्हें धकधक गर्ल बना दिया।
इस जोड़ी की आखिरी फिल्म पुकार २००० में रिलीज़ हुई थी। अब १७ साल बाद, यह धकधक और तेज़ाबी जोड़ी इंद्रकुमार की
फिल्म टोटल धमाल में फिर धमाल मचाने आ रही है।
वैसे दर्शकों को ज़्यादा अपेक्षा करने की ज़रुरत नहीं कि उन्हें कुछ तेज़ाबी
देखने को मिलेगा। लेकिन, इतना तय है कि टोटल धमाल की यह जोड़ी अपनी
कॉमेडी टाइमिंग से १९९० के दशक का नास्टैल्जिया याद ज़रूर करा देंगे ।
अनिल कपूर और
ऐश्वर्या राय बच्चन
माधुरी
दीक्षित की तुलना में,
अनिल कपूर ने
ऐश्वर्य राय बच्चन के साथ सिर्फ दो ही फ़िल्में की। उन दिनों ऐश्वर्या राय, बच्चन नहीं हुआ करती थी। अनिल कपूर ने
ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म ताल (१९९९) और हमारा दिल आपके पास है (२०००) की। यह दोनों ही फ़िल्में हिट हुई थी।
इस प्रकार से अनिल कपूर और ऐश्वर्या राय भी १७ साल बाद साथ आ रहे हैं। खबर है कि निर्देशक अतुल मांजरेकर की फिल्म
फन्ने खान में दोनों अपने पुराने रोमांस में खोये नज़र आएंगे। फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन की एक पॉप सिंगर
की केंद्रीय भूमिका है। अनिल कपूर, अंतर्राष्ट्रीय पॉप सिंगर बनने की इच्छा
रखने वाली लड़की के पिता की भूमिका में हैं।
अमिताभ बच्चन
और ऋषि कपूर
१९७० और १९८० के दशक की मशहुर पुरुष जोड़ी में गिनी जाती है, अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की जोड़ी।
इन दोनों ने कभी कभी, अमर अकबर अन्थोनी, नसीब,
कुली, दोस्ती-दुश्मनी, अजूबा
और दिल्ली ६ में ज़्यादातर दोस्तों या बिछुड़े भाइयों की भूमिकाएं की। अजूबा को
छोड़ कर इस जोड़ी की सभी फ़िल्में हिट हुई।
अजूबा के २६ साल बाद, ऋषि कपूर और अमिताभ बच्चन निर्देशक उमेश शुक्ल की फिल्म १०२-नॉट आउट
में पिता-पुत्र की भूमिका में आ रहे हैं।
यह फिल्म एक गुजराती नाटक पर आधारित है।
फिल्म में अमिताभ १०२ साल के बूढ़े और
ऋषि कपूर उनके ७५ साल के बेटे की भूमिका कर रहे हैं। कभी दोस्तों और भाइयों के रूप में हिंदी फिल्म
दर्शकों को लुभाने वाले अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर, पिता -पुत्र के रूप में दर्शकों को आकर्षित करने की पूरी कोशिश में हैं।
संजय दत्त और
श्रीदेवी
संजय दत्त और
श्रीदेवी ने अपनी ऊंचाइयों के दौर में एक साथ
सिर्फ एक फिल्म की थी। वह फिल्म थी
महेश भट्ट निर्देशित गुमराह। इस फिल्म में
इन दोनों की जोड़ी बेहद पसंद की गई थी।
गुमराह,
१९९३ में
रिलीज़ हुई थी। यह सवाल अभी भी अनुत्तरित
है कि श्रीदेवी और संजय दत्त एक साथ गुमराह से पहले और बाद में क्यों नहीं साथ आये
! बताते हैं कि श्रीदेवी ने अपने
निर्माताओं को साफ़ निर्देश दे रखे थे कि उनके साथ
संजय दत्त को नहीं लिया जाये ।
श्रीदेवी क्यों नहीं संजय दत्त के साथ जोड़ी बनाना चाहती थी ? इसका कारण श्रीदेवी ने कभी भी नहीं बताया। लेकिन, संजय दत्त फिल्म चाँद का टुकड़ा के दौरान के एक किस्सा बयान करते
हैं। एक दोस्त ने जीतेन्द्र के साथ अभिनय कर रही श्रीदेवी की
खूबसूरती के बारे में बताया था। उन दिनों
वह बहुत शराब पी रहे थे और नशीली दवाओं का
सेवन कर रहे थे। उस दिन भी वह नशे में धुत्त श्रीदेवी की फिल्म
के सेट पर पहुँच गए। उस समय श्रीदेवी अपने
ट्रेलर में थी। संजय दत्त ने दरवाज़ा
खटखटाया। श्रीदेवी ने खोल दिया। संजय दत्त ने बयान किया था,"पता नहीं नशे में क्या कहा होगा, बुरी तरह से घबराई श्रीदेवी
ने दरवाज़ा तुरंत बाद कर दिया। इसके बाद
श्रीदेवी संजय दत्त का नाम सुन कर ही बिदक
जाती थी। हालाँकि, महेश भट्ट बताते हैं कि श्रीदेवी ने संजय
दत्त के साथ गुमराह करने से मना नहीं किया था।
लेकिन,
बकौल संजय
दत्त दोनों के बीच हाय-हेलो से ज़्यादा बात नहीं होती थी। अब यह दोनों, इत्तफ़ाक़ है कि करण जौहर के पिता यश जोहर, जो कि गुमराह के निर्माता थे, के स्टोरी आईडिया पर अभिषेक वर्मन की
फिल्म में ही यह दोनों साथ काम करेंगे। देश विभाजन पर इस फिल्म के निर्माता करण
जौहर ही है। फिल्म में वरुण धवन, आलिया भट्ट और सोनाक्षी सिन्हा को भी लिया
गया है।
शाहिद कपूर
और इम्तियाज़ अली
इम्तियाज़ अली
ने अपने करियर की दूसरी फिल्म जब वी मेट शाहिद कपूर के साथ की थी।
करीना कपूर के साथ शाहिद कपूर के कोमल रोमांस वाली यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर
बड़ी हिट साबित हुई थी। लेकिन, इस फिल्म के बाद इम्तियाज़ अली ने शाहिद
कपूर के साथ दूसरी फिल्म नहीं की। अब रणबीर कपूर
के साथ तमाशा और शाहरुख़ खान के साथ
जब हैरी मेट सेजल के फ्लॉप हो जाने के बाद, इम्तियाज़ अली फिर शाहिद कपूर के साथ एक
फिल्म बनाने जा रहे हैं। इस फिल्म में
शाहिद की नायिका के चुनाव के बाद फिल्म की शूटिंग अप्रैल से शुरू हो जाएगी। क्या शाहिद कपूर और इम्तियाज़ अली की
एक्टर-डायरेक्टर जोड़ी एक बार फिर २००७ की सफलता
दोहरा पाएगी ?
सनी देओल और
अनिल शर्मा
सनी देओल के
साथ ग़दर एक प्रेम कथा (२००१) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनांने के बावजूद निर्देशक
अनिल शर्मा को सनी के साथ दूसरी फिल्म द हीरो लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाई बनाने में दो
साल लग गए। यह फिल्म भी हिट हुई। लेकिन, इस जोड़ी की अगली फिल्म अपने २००७ में ही रिलीज़ हो सकी। २०१३ में, जब इस जोड़ी की चौथी फिल्म सिंह साहब द ग्रेट रिलीज़ हुई, तब तक दर्शकों के सिरों से इस जोड़ी का
जादू उतर चुका था। इस समय, सनी देओल अपने बेटे करण की बतौर नायक
फिल्म पल पल दिल के पास में तथा अनिल शर्मा
भी अपने बेटे उत्कर्ष की बतौर नायक फिल्म जीनियस में व्यस्त हैं। जैसे ही यह दोनों अपने बेटों की फिल्मों के
निर्देशकीय दायित्व से फारिग होंगे, एक साथ किसी फिल्म की शूटिंग शुरू कर देंगे।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
गंगा-आरती में सोनू टीटू और स्वीटी
सोनू के टीटू की स्वीटी का दूसरा गाना पिछले दिनों जारी किया गया । इस
गाने की खासियत गंगा-आरती का ३० सेकंड का दृश्य है । इस दृश्य के लिए, टीम ने पंडितों
द्वारा सम्पन्न किए जाने वाली वास्तविक आरती को फिल्माने का फैसला किया था। जब
आरती शुरू हुई
तो टीम के सारे लोग इतने भाव-मग्न हो गए थे कि शॉट के बाद भी (निर्देशक लव
रंजन ने) आरती के
दृश्य को कट नहीं कहा, बल्कि इसे पूरे १४ मिनट की अवधि के लिए जारी रखा। इसमें खास
बात यह है इस दृश्य को विभिन्न कोणों से सात शॉट में लिया जाना था और बिना किसी कट
के हर बार लव की पूरी आरती को फोकस करना था। ऋषिकेश पहुँचते ही इस गीत की शूटिंग
से पहले, टीम के लोग
गंगा में डुबकी लगाने से नहीं चूके ।
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
डीजे शेज़वुड ने गाया परदे में रहने दो !
रीमिक्स की दुनिया में, डीजे शेज़वुड इकलौते ऐसे नाम हैं, जो पिछले सात सालों में रीमिक्स की दुनिया में तहलका मचा देने वाले १०१ से ज्यादा रीमिक्स गीत
दे चुके हैं। उनके हिट कंपाइलेशन में मेरे पिया गए रंगून, हादसा, सुट्टा मिक्स,
सुपरगर्ल, बुड्ढा मिल गया, समथिंग समथिंग, तू दिस दा, आदि की लाखों कापियां बिक
चुकी हैं। यह रीमिक्स संगीत के इतिहास का नया पन्ना है। उनके रीमिक्स के विडियो
में राखी सावंत, मेघना नायडू, मुमैत खान, मिका सिंह, पूनम झावर, आदि अपनी कला का
प्रदर्शन का चुके हैं। बतौर गायक उनका पहला विडियो तुम ही हमारी मंजिल था। इसे बहुत सफलता और सराहना मिली। अब डीजे शेजवुड की नए साल की शुरुआत एक नए रीमिक्स
गीत परदे में रहने दो से हुई हैं। यूनिवर्सल, टी-सीरीज, टिप्स, वीनस और एचएमवी
वर्ल्डवाइड द्वारा रिलीज़ किये जा चुके हैं। इस रीमिक्स गीत में शेजवुड का साथ पूजा ने दिया
है। यह रीमिक्स १९६८ में रिलीज़ हिट फिल्म शिकार का आशा भोंसले द्वारा गाया, शंकर जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध आशा पारेख पर फिल्माया गया डांस
नंबर का है. डीजे शेजवुड कहते हैं, "यह बहुत अच्छा है कि हम कुछ पुराने धुनों को
सुधारने में सक्षम हैं। कुछ बहुत खूबसूरत धुन और गीत हैं। जब इन्हें एक आधुनिक
मोड़ दिया जाता है,
तो युवाओं को क्लासिक्स में पेश करने में मदद मिलती है। अतीत के इस
एवरग्रीन गाने के रीमिक्स से हर किसी को इस धुन से प्यार हो जायेगा। "
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Saturday, 6 January 2018
डर को दूर करने के लिए की 1921- ज़रीन खान
ज़रीन खान को भूतों से डर लगता है। भूतों वाली फिल्म देख लेने के बाद कई कई दिन सो नहीं पातीं। तो फिर भूतों वाली हॉरर फिल्म १९२१ क्यों की ? क्या वह अनप्रोफेशनल हैं ? वह किस बायोपिक फिल्म में काम करना चाहती हैं ? अक्सर २ विवाद के बारे में भी ज़रीन खान की बात-
फिल्म १९२१ के अनुभव के बारे में बताएं !
फिल्म १९२१ करने का अलग ही मजा था। विक्रम भट्ट के साथ
काम करने में अच्छा अनुभव हुआ। बहुत ज्यादा ठण्ड और बेहतरीन टीम के साथ फिल्म की शूटिंग हुयी। विक्रम
सर के साथ काम करने में बहुत मजा आया और कई बातें सीखने को मिली।
आपको डर लगता है ?
वैसे तो ये हॉरर फिल्म है और मुझे भूतों से बहुत
डर लगता है। अक्सर कभी मुझे कहीं जाने में डर लगता है तो हम मुसलमानो को एक मंत्र
बताया गया है। मैं उस मंत्र को मन में बोल लेती हूँ। फिल्म के सेट्स पर भी कई
डरावनी घटनाएं घटी। हमने कई सारे हॉंटेड जगहों पर शूटिंग की।
डर लगता है तो फिल्म क्यों की ?
चैलेंज था ! और मुझे चैलेंज एक्सेप्ट करना बहुत पसंद हैं। विक्रम सर के साथ
काम भी करना था। कई हॉन्टेड जगहों पर हमने काम किया। मैं भूतों वाली फिल्में देखती
हूँ तो मुझे कई रातों तक नींद नहीं आती, उसी डर को दूर भी करना था।
सेट पर आप डरीं ?
मुझे एक बार डर लगा, जब इंसान लोगों को
भूत बनाया गया था। उन्हें देखकर भी मुझे डर लग जाता था। ऊपरवाला ना करे की असल जिदंगी
में कभी भूत से पाला पड़े।
कंट्रोवर्सी आपका पीछा नहीं छोड़ती ?
पिछली फिल्म अक्सर २ के दौरान बहुत सारी गलत बातें मेकर्स की तरफ से
मेरे बारे में फैलाई गयीं, जबकि मैं एक प्रोफेशनल एक्ट्रेस हूँ। हमेशा समय पर सेट पर रहती हूँ। तबियत चाहे कितनी भी
खराब हो, अपना काम पूरा जरूर करती हूँ। मेरे बारे में जो भी कहा गया वह गलत था। वैसे उस बात का जिक्र
मैंने सलमान खान से भी नहीं किया।
बायोपिक करना चाहेंगी?
मेरी पसंदीदा रानी लक्ष्मीबाई हैं, लेकिन उनकी बायोपिक
पहले से ही बन रही है। मैं पूजा भट्ट पर बायोपिक में उनका रोल निभाना चाहूंगी।
खाली टाइम में क्या करती हैं ?
मैं खाली टाइम में पियानो सीख रही हूँ। प्रोइफेशनल तरीके से
पियानो बजाना जल्द ही सीख जाउंगी। मेरी रेगुलर क्लासेस चल रही हैं।
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Zareen Khan,
साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
यॉर्कशायर में ऎसी कई डरावनी घटनाएं घटी थी- करण कुंद्रा
करण कुंद्रा टीवी से फिल्मों में आये अभिनेता हैं। विक्रम भट्ट ने वेब सीरीज का वायदा किया था। क्या वेब सीरीज में काम करने का मौका मिला ? यॉर्कशायर में डर क्यों लगा ? मुबारकां कैसे मिली ? क्या शूटिंग एन्जॉय करते हैं ? पिता की याद क्यों आती है, बताया करण कुंद्रा ने -
विक्रम भट्ट की फिल्म का हिस्सा बनना कैसा रहा ?
इसकी नींव बहुत पहले विक्रम सर ने रख दी थी। मैंने सर के साथ हॉरर स्टोरी
फिल्म की थी। उस समय सर ने कहा कि ये लांच नहीं है लेकिन अच्छी फिल्म है। फिल्म के
बाद मैंने टीवी के शो गुमराह, रोडीज में काम किया। विक्रम सर को मेरे काम के बारे में पता था।
और १९२१ कैसे मिली ?
फिर उनका एक दिन कॉल आया और वो मुझे एक वेब सीरीज
के लिए कास्ट करना चाहते थे। फिर मैं एक दिन विक्रम सर से मिलने गया। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट सुनाई, तो मुझे लगा की वो वेब सीरीज होगी। लेकिन वह तो पूरी बड़ी फिल्म थी। उन्होंने जरीन खान से पहले ही बात कर ली थी। उस समय मुझे पता चला कि इतने बड़े
लोगों के साथ फिल्म करने को मिल रही है।
शूटिंग के बारे में बताइये ?
हमने यॉर्कशायर में ही पूरी फिल्म शूट की है, जहां कई ऐसी घटनाएं
घटी, जिसकी वजह से डर भी लगता था। फोटो में अलग अलग चेहरे भी आ जाते थे।
मुबारकां कैसे मिली ?
मैं रोडीज और टीवी के शो कर रहा था, उस समय अनीस भाई
(अनीस बज्मी) का कॉल आया। बड़ा ही तगड़ा रोल था, वो पंजाबी लड़के की कहानी थी। उस समय मैंने अनीस भाई को हाँ कहा और मुबारकां में अर्जुन बन गया। उसके पूरा होने
के २०-२५ दिन बाद १९२१ शुरू हो गयी।
डर लगता है किसी चीज से ?
दुखी होने से डर लगता है। मैंने जिंदगी में बहुत
सारे उतार चढ़ाव देखें हैं। मेरे पिताजी ने दो सौ रुपये से शुरुआत की थी। घर में मैं सबसे छोटा था। हमारी फैक्ट्री भी बंद हो
गयी थी। तो मैंने वह दौर भी देखा है। इसलिए ख़ुशी बहुत जरूरी है। रीयल इंसान आपके
इर्द गिर्द होना बहुत जरूरी है।
शूट एन्जॉय करते हैं ?
फिल्में या टीवी के शो करता हूँ, पैक के बाद तुरंत घर
और फॅमिली के पास चला जाता हूँ।
डैड की कोई बात याद आती है ?
जी वो हमेशा कहते थे की तू कुछ भी करेगा, पर भूखा नहीं मरेगा। काम और फॅमिली के साथ आगे बढ़ता जा रहा हूँ।
जरीन के साथ काम करना कैसा रहा ?
बहुत ही अच्छा अनुभव था। उनसे भी मुझे काफी बातें सीखने को
मिली।
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Karan Kundra,
साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
डिंपल की खातिर करण कपाडिया के सनी देओल
डिंपल कपाडिया और सनी देओल कनेक्शन अब साफ़ नज़र आ रहा है। कुछ समय पहले,
लन्दन में एक फुटपाथ के किनारे हाथ में हाथ डाले, सनी देओल और डिंपल कपाडिया की तस्वीरें सोशल
साइट्स पर वायरल हुई थी। यह कहा जाने लगा था कि पुराना प्यार फिर कुलांचे मारने
लगा है। यह रोमांटिक जोड़ा एक बार फिर रोमांस करने को बेताब है। मंजिल, अर्जुन, आग
का गोला, नरसिम्हा और गुनाह की यह जोड़ी फिर एक और गुनाह करने को बेताब है। लेकिन,
इसके बाद इस रोमांस की कोई सुगबुगाहट नहीं सुनाई पड़ी। पिछले दिनों, यह खबर आई कि बॉलीवुड का एक
और भतीजा हिंदी फिल्मों में भाग्य आजमाने आ रहा है। यह भतीजा था ट्विंकल खन्ना का
भाई और अक्षय कुमार का साला करण कपाडिया। करण कपाडिया, बॉबी अभिनेत्री डिंपल
कपाडिया के भतीजे हैं यानि डिंपल की छोटी बहन सिंपल के बेटे। सिंपल कपाडिया ने
१९७७ में अपने जीजा राजेश खन्ना के साथ फिल्म अनुरोध से डेब्यू किया था। राजेश
खन्ना के बुलंदियों के दौर में भी अनुरोध फ्लॉप हुई थी। इस फिल्म की असफलता के
बाद भी सिंपल ने कुछ फिल्मों में अभिनय किया। लेकिन, वह सफल फिल्म नायिका नहीं बन
सकी। सिंपल सफल फिल्म अभिनेत्री तो नहीं बन सकी। लेकिन, वह प्रतिभाशाली कॉस्टयूम
डिज़ाइनर थी। उन्होंने कोई दो दर्जन हिंदी फिल्मों की पोशाकें तैयार की थी। उन्हें
फिल्म रुदाली के लिए श्रेष्ठ कॉस्टयूम डिज़ाइनर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला
था। इन्ही सिंपल के बेटे हैं करण कपाडिया। सभी जानते हैं कि अक्षय कुमार एक स्थापित अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं। वह करण कपाडिया के करियर को बनाने के लिए
फिल्म निर्माण कर रहे हैं। उनके कहने पर टोनी डीसूजा, श्रीकांत भासी, निशांत पिट्टी और विशाल
राणा के साथ, करण कपाडिया की फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। यह वही टोनी हैं, जिन्होंने
अन्थोनी डिसूज़ा के नाम से, अक्षय कुमार की २००९ में रिलीज़, भारत की पहली अंडरवाटर
फिल्म ब्लू का निर्माण किया था। नई फिल्म, करण कपाडिया के धुंआधार एक्शन से भरपूर
फिल्म होगी। इस फिल्म का निर्देशन टोनी के चेले बेहज़ाद खम्बाटा करेंगे। करण की
फिल्म की नायिका का ऐलान भी नहीं हुआ है। लेकिन, इस फिल्म में अक्षय कुमार और
डिंपल कपाडिया तो होंगे ही. संभव है कि ट्विंकल खन्ना का भी कोई सरप्राइज आइटम हो। इस अनाम फिल्म में सनी देओल की अहम् भूमिका होगी। तो क्या इस फिल्म की खातिर
सनी देओल और डिंपल कपाडिया लन्दन में मिले थे ! कहते हैं टोनी डिसूज़ा, “बेहज़ाद (करण की फिल्म के निर्देशक) सनी
देओल के बड़े फैन हैं। वह सनी की फ़िल्में देख कर ही बड़े हुए हैं। वह उनकी पूजा
करते हैं। इसीलिए, जब हम लोग पहली बार सनी देओल से मिलने गए तो बेहज़ाद के मुंह से
बोल तक नहीं फूटे। बेहज़ाद ही सनी देओल को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे।” सनी देओल को लेने का निर्णय चाहे किसी का भी हो, इस
फिल्म में सनी देओल और डिंपल कपाडिया की जोड़ी कोई २४ साल बाद फिर बनेगी। इन दोनों
की आखिरी फिल्म गुनाह थी।
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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