Saturday, 6 January 2018

यॉर्कशायर में ऎसी कई डरावनी घटनाएं घटी थी- करण कुंद्रा

करण कुंद्रा टीवी से फिल्मों में आये अभिनेता हैं।  विक्रम भट्ट ने वेब सीरीज का वायदा किया था।  क्या वेब सीरीज में काम करने का मौका मिला ? यॉर्कशायर में डर क्यों लगा ? मुबारकां कैसे मिली ? क्या शूटिंग एन्जॉय करते हैं ? पिता  की याद क्यों आती है, बताया करण कुंद्रा ने - 
विक्रम भट्ट की फिल्म का हिस्सा बनना कैसा रहा ?
इसकी नींव बहुत पहले विक्रम सर ने रख दी थी। मैंने सर के साथ हॉरर स्टोरी फिल्म की थी। उस समय सर ने कहा कि ये लांच नहीं है लेकिन अच्छी फिल्म है। फिल्म के बाद मैंने टीवी के शो गुमराह, रोडीज में काम किया। विक्रम सर को मेरे काम के बारे में पता था। 
और १९२१ कैसे मिली ?
फिर उनका एक दिन कॉल आया और वो मुझे एक वेब सीरीज के लिए कास्ट करना चाहते थे। फिर  मैं एक दिन विक्रम सर से मिलने गया। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट सुनाई, तो मुझे लगा की वो वेब सीरीज होगी। लेकिन वह तो पूरी बड़ी फिल्म थी। उन्होंने जरीन खान से पहले ही बात कर ली थी। उस समय मुझे पता चला कि इतने बड़े लोगों के साथ फिल्म करने को मिल रही है। 
शूटिंग के बारे में बताइये ?
हमने यॉर्कशायर में ही पूरी फिल्म शूट की है, जहां कई ऐसी घटनाएं घटी, जिसकी वजह से डर भी लगता था। फोटो में अलग अलग चेहरे भी आ जाते थे। 
मुबारकां कैसे मिली ?
मैं रोडीज और टीवी के शो कर रहा था, उस समय अनीस भाई (अनीस बज्मी) का कॉल आया। बड़ा ही तगड़ा रोल था, वो पंजाबी लड़के की कहानी थी। उस समय मैंने अनीस भाई को हाँ कहा और मुबारकां में अर्जुन बन गया। उसके पूरा होने के २०-२५ दिन बाद १९२१ शुरू हो गयी। 
डर लगता है किसी चीज से ?
दुखी होने से डर लगता है। मैंने जिंदगी में बहुत सारे उतार चढ़ाव देखें हैं। मेरे पिताजी ने दो सौ   रुपये से शुरुआत की थी। घर में मैं सबसे छोटा था। हमारी फैक्ट्री भी बंद हो गयी थी। तो मैंने वह दौर भी देखा है। इसलिए ख़ुशी बहुत जरूरी है। रीयल इंसान आपके इर्द गिर्द होना बहुत जरूरी है।  
शूट एन्जॉय करते हैं ?
फिल्में या टीवी के शो करता हूँ, पैक के बाद तुरंत घर और फॅमिली के पास चला जाता हूँ। 
डैड की कोई बात याद आती है ?
जी वो हमेशा कहते थे की तू कुछ भी करेगा, पर भूखा नहीं मरेगा। काम और फॅमिली के साथ आगे बढ़ता जा रहा हूँ। 
जरीन के साथ काम करना कैसा रहा ?

बहुत ही अच्छा अनुभव था। उनसे भी मुझे काफी बातें सीखने को मिली। 

No comments: