फिल्म निर्माता- निर्देशक जे पी दत्ता, जिन्होंने
हिंदी फिल्म दर्शकों को बॉर्डर और एलओसी कारगिल जैसी उत्कृष्ट युद्ध फ़िल्में दी
हैं, १२ साल के वनवास के बाद वापसी कर रहे
हैं।
उनकी वापसी एक युद्ध फिल्म पल्टन से
हो रही है।
"यह फिल्म, १९६७ में,
भारतीय सेना द्वारा नाथू ला बॉर्डर पर चीनी सैनिकों के खिलाफ दिखाई गई अनसुनी
वीरता की गाथा है, जिसमे भारतीय सेना ने चीनी सेना को अपने कदम
वापस लेने के लिए मज़बूर कर दिया था।"
पल्टन के जांबाज़ सैनिकों में जैकी श्रॉफ,
अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, हर्षवर्द्धन
राणे, लव सिन्हा, गुरमीत
चौधरी, सिद्धांत कपूर और रोहित रॉय के नाम
उल्लेखनीय हैं। इस कास्ट में सोनल चौहान,
मोनिका गिल, एशा गुप्ता, आदि
अभिनेत्रियों के नाम भी शामिल हैं।
जेपी दत्त ने, २००६ में, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की रियल
लाइफ जोड़ी के साथ पीरियड ड्रामा फिल्म उमरावजान का निर्माण और निर्देशन किया था।
लेकिन, यह फिल्म बुरी तरह से असफल हुई थी। इस असफलता के बाद,
दत्ता बिलकुल खामोश हो गए। लेकिन,
अंदर ही अंदर, उनकी कलम, १९६७ के वीर
सैनिकों की गाथा लिख रही थी।
पल्टन अपनी शुरुआत से ही एक्टरों के यकायक फिल्म छोड़ देने के कारण चर्चा
में रही।
"सबसे पहले सुनील शेट्टी ने,
स्क्रिप्ट को लेकर फिल्म छोड़ी।
इसके बाद, ऐन पूरी यूनिट के लोकेशन पर पहुँचने के बाद,
अभिषेक बच्चन ने सोनू सूद की तुलना में अपनी कमज़ोर भूमिका के कारण,
फिल्म छोड़ कर जेपी दत्ता को करारा झटका दिया । जबकि, इन्ही जेपी
दत्ता ने अभिषेक बच्चन का हिंदी फिल्म डेब्यू रिफ्यूजी से करवाया था।"
यह, ६८ साल के फिल्मकार की जांबाज़ी है कि वह एक
युद्ध फिल्म बनाने की हिम्मत बटोर सका।
पल्टन, ७ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है।
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