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Wednesday 10 June 2020

Vidya Balan और परिणीता का १५ साल

फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन को हिंदी फिल्मों मै १५ साल हो गए। १० जून २००५ को उनकी पहली हिंदी फिल्म परिणीता प्रदर्शित हुई थी। शरतचंद्र चटर्जी की कहानी पर फिल्म परिणीता कलकत्ता के खांटी बंगाली माहौल वाली फिल्म थी।  इससे पहले टीवी सीरियल और बंगाली फ़िल्में कर चुकी विद्या बालन ने परिणीता की लोलिता को जीवंत कर दिया था। लोलिता के इस सफर में विद्या बालन के साथी थे गिरीश की भूमिका में संजय दत्त और शेखर की भूमिका मे सैफ अली खान थे। प्रदीप निर्देशन में विद्या बालन की इस लोलिता को भी सफलता मिली थी। इससे पहले, बिमल रॉय के निर्देशन में फिल्म परिणीता (१९५३) में मीना कुमारी, १९७६ में अनिल गांगुली के निर्देशन में सुलक्षणा पंडित इस किरदार को सफलतापूर्वक कर चुकी थी । परिणीता और विद्या बालन के १५ साल पहले शुरू सफ़र की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विधु विनोद चोपड़ा द्वारा १७ करोड़ में बनाई गई परिणीता बॉक्स ऑफिस पर ३२.६ करोड़ का ग्रॉस कर चुकी है. इस फिल्म के बाद से विद्या बालन को कभी पीछे मुड कर नहीं देखना पडा । इसीलिए, फिल्म और खुद के इंडस्ट्री में १५ साल पूरे होने पर विद्या बालन ने फिल्म की शूटिंग के दौरान संजोई गई अपनी यादों को अपने प्रशंसकों से साझा किया ।


Tuesday 9 June 2020

शकुंतला के वसंत देसाई


डॉक्टर कोटनिस की अमर कहानी, शकुंतला, अंधों की दुनिया, मंदिर, दहेज़, झाँसी की रानी, सुहागन, झनक झनक पायल बाजे, तूफ़ान और दिया, दो आँखें बारह हाथ, सम्राट पृथ्वीराज चौहान, दो फूल, अर्धांगिनी, स्कूल मास्टर, गूँज उठी शहनाई, दो बहने, अम्पूर्ण रामायण, प्यार की प्यास, भारत मिलाप, लड़की सह्याद्री की, रक् राज्य, आशीर्वाद, गुड्डी, अचानक, आदि बहुचर्चित फिल्मों के संगीतकार वसंत देसाई का आज जन्मदिन है. ९ जून १९१२ को जन्मे वसंत देसाई ने प्रमुख रूप से वी शांताराम की फिल्मों को अपने संगीत से सजाया. २२ दिसम्बर १९७५ को वह एचएमवी के साथ एक संगीत कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग करा कर घर वापस लौटे थे. वह अपने अपार्टमेंट की लिफ्ट में चढने को ही थे कि लिफ्ट चल दी. इसमे पिस कर वसंत देसाई की अकाल मृत्यु हो गई.

Wednesday 12 February 2020

वैलेंटाइन्स डे पर ‘घोस्ट’ की वापसी


हॉलीवुड से तीस साल पहले के रोमांस की वापसी होने जा रही है। निर्देशक जेरी जुकर की १३ जुलाई १९९० को प्रदर्शित फिल्म घोस्ट ने रोमांस की दुनिया में तहलका मचा दिया था। टूट कर प्यार करने वाले बैंकर सैम वीट और आर्टिस्ट मौली जेन्सन की दुनिया उस समय तहस-नहस हो जाती है, जब सैम का मित्र कार्ल उसे मार डालता है। वह मौली की जान का भी दुश्मन बन चूका है। सैम की आत्मा मौली को बचाने के लिए भटक रही है। इसके लिए वह अलौकिक शक्तियों से बात करने वाली ओडा मए ब्राउन से मदद लेता है।

रोमांस और इमोशन की घोस्ट 
इस फिल्म में मौली और सैम का गर्मागर्म रोमांस। मौली को बचाने के लिए सैम की आत्मा की छटपटाहट। सैम की अपनी छू सकने वाली शक्तियों को पाने की कोशिश ने एक ऐसा ड्रामा रचा था कि २२ मिलियन डॉलर में बनी फिल्म घोस्ट ने ५०५ मिलियन डॉलर से ज़्यादा का ग्रॉस किया था। इस फिल्म में पैट्रिक स्वेज़ ने सैम वीट, डेमी मूर ने मौली जेंसन और व्हूपी गोल्डबर्ग ने ओडा माए ब्राउन की भूमिका की थी। इस भूमिका के लिए व्हूपी ने ऑस्कर पुरस्कार भी जीता था। अब यही  फिल्म वैलेंटाइन्स डे पर १४ फरवरी को सीमित पर्दों में पूरी दुनिया में प्रदर्शित की जा रही है। 


घोस्ट की भद्दी नक़ल 
बॉलीवुड ने भी घोस्ट की नक़ल पर दो फ़िल्में बनाई। पहली ऎसी फिल्म प्यार का साया (१९९१) थी। निर्देशक बी सुभाष की इस फिल्म में मुख्य भूमिका में राहुल रॉय और शीबा थे। अभिनेत्री अमृता सिंह ने व्हूपी गोल्डबर्ग वाली भूमिका की थी। राहुल राय और शीबा के गरमागरम रोमांस वाली फिल्म प्यार का साया भद्दी नक़ल साबित होती थी। यह फिल्म कमज़ोर एक्टरों के कारण बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई। 


माँ के घोस्ट का इमोशन  
घोस्ट की नक़ल पर, बॉलीवुड में दो फ़िल्में एक साथ निर्माणाधीन थी। प्यार का साया के अलावा दूसरी फिल्म माँ (१९९१) थी। यह प्यार का साया के एक हफ्ते बाद रिलीज़ हुई थी। निर्माता अनिल शर्मा की अजय कश्यप निर्देशित इस फिल्म का लेखक श्याम गोयल ने कुछ इतनी खूबसूरती से भारतीयकरण किया था कि फिल्म दर्शकों द्वारा काफी पसंद की गई। यह फिल्म एक माँ (जयाप्रदा) की, अपनी हत्या के बाद बच्चे को बचाने की छटपटाहट का भावुक चित्रण करती थी। जयाप्रदा ने दिल छू लेने वाला अभिनय किया था। दूसरी भूमिकाओं में जीतेंद्र थे।

Saturday 25 January 2020

Sanjay Leela Bhansali की फिल्म पद्मावत के दो साल



यह मानों कल की ही बात लगती है जब बहुप्रतिभाशाली निर्देशक संजय लीला भंसाली की आइकोनिक फिल्म 'पद्मावत' सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी। सिर्फ इस फिल्म की कहानी ने ही सिल्वर स्क्रीन पर अपना जादू नही चलाया, बल्कि संजय लीला भंसाली के दृष्टिकोण और फिल्म के म्यूज़िक ने हर किसी पर अपना जादू बिखेरा।

पद्मावत में स्टोरी से लेकर, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर की दमदार परफॉरमेंस, फिल्म के म्यूज़िक और इमोशंस ने हर सिनेमा प्रेमी को इस फिल्म के द्वारा एक अद्भुत और अनोखा एक्सपीरियंस करवाया।

साफ़ तौर पर इस दमदार फिल्म ने दर्शकों के दिल में अपना एक गहरा प्रभाव छोड़ा। इस फिल्म ने एक नहीं बल्कि तीन राष्ट्रीय अवॉर्ड अपने नाम किए। पद्मावत को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन, बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर और बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया।

इस फिल्म ने भारत और विदेशों में बॉक्स-ऑफिस पर एक बहुत ही अच्छा रिकॉर्ड कायम किया। यह फिल्म संजय लीला भंसाली की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी।

यह कोई आश्चर्य की बात नही हैं कि आज के समय में भी इस ब्लॉकबस्टर पैकेज फिल्म को सबसे प्रतिष्ठित फिल्म के रूप में याद किया जाता है।

Wednesday 22 January 2020

Karan Johar spills never before heard facts about fan favourite Kabhi Khushi Kabhie Gham



Kabhi Khushi Kabhie Gham, or K3G as its popularly called is a cult-classic in Bollywood cinema. With its various dialogues, characters and drama, it’s easily one of the most popular movies in Indian cinema history. Karan Johar, director of the film, recently gave a no-holds-barred look into the making of the film, with a special appearance from Shah Rukh Khan, as well as what he really thought about the film, on Audible Suno’s show “Picture ke Peeche” 

Here are some of the wackiest things Karan had to say:

“I thought that I’m making the biggest film in Hindi cinema since Mughal-e-Azam until Aamir Khan’s Lagaan and Farhaan’s Dil Chahta hai” 
Karan talks about how he thought that Kabhi Khushi Kabhie Gham would be the biggest film of all time and of 2001, but movies like Dil Chahta Hai and Lagaan scared him and shook his confidence. But his main aim was still to have an all-star cast. 

“I made the same film as Kuch Kuch Hota Hain, that’s what K3G was”
He says that back then he had no original ideas and K3G took the same storyline as his previous hit Kuch Kuch Hota Hain. He laughs and says “I took the storyline of Kabhi Kabhi and the family values of Hum Aapke Hai Kaun and made this mush of a film”

“K3G is the single biggest slap in my face and my biggest reality check” 
While extremely proud of how loved the film is, Karan says that he was shocked into reality when the film did badly in terms of reviews and awards. He says that he didn’t know what he was doing, including spending 1 crore 10 lakhs on “Suraj Hua Maddham” and making a film 3 hours long.

“Poo, OMG! You should go and check online. There are lines, memes and games on Poo, but at the time only Bebo and I loved her character” 
Johar reveals that the most beloved character in the movie was a reflection of him. He says “I am Poo, that’s who I am, I wrote all the lines, picked the clothes, everything”. He also reminisces going to Milan to pick out Kareena’s clothes, which were inspired by Alicia Silverstone’s character in Clueless. He also says that Kareena was stuck inside Poo’s character for the next 6 years because of how much she loved it.

Thursday 30 August 2018

काँटा लगा गर्ल शेफाली ज़रीवाला की वापसी

२००२ में रिलीज़ एक म्यूजिक वीडियो ने टीवी की दुनिया में तहलका मचा दिया था।

इस वीडियो पर अश्लीलता का आरोप लगा। एल्बम के वीडियो को टेलीविज़न से बाहर भी किया गया।

लेकिन, तब तक इस की मॉडल शैफाली ज़रीवाला को ज़बरदस्त शोहरत मिल चुकी थी। काँटा गर्ल के नाम से मशहूर हो गई थी।

यह विवादित एल्बम था काँटा लगा और काँटा लगा लड़की थी शेफाली ज़रीवाला।

१९७२ में रिलीज़ फिल्म समाधी के आशा पारेख पर फिल्माए गए गीत काँटा लगा की मिक्सिंग डीजे डॉल ने की थी और गीत को बेबी डॉल ने गया था।

इस वीडियो की सफलता के बाद, शेफाली ज़रीवाला कभी आर कभी पार रीमिक्स एल्बम के वीडियो में भी नज़र आयी।

१९७२ की फिल्म समाधी का आरडी बर्मन का संगीतबद्ध और लता मंगेशकर का गाये गीत काँटा लगा को रिक्रिएट किया गया था।

समाधी का गीत जितना देखने और सुनाने में उत्तेजना पैदा करने वाला गीत था, शेफाली ज़रीवाला ने इस गीत को उतना ही कामुक बना दिया था। उनके हावभाव सस्ते किस्म के थे। गीत हिट हुआ।  यो कहिये  कि कही आर कहीं पार भी हिट हो गया।

परन्तु  इस तुरंत सफलता ने म्यूजिक वीडियो की ओर दूसरी मॉडल को भी आकर्षित किया। काँटा लगा के बूते पर, शेफाली ज़रीवाला को सलमान खान, अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा की फिल्म मुझसे शादी करोगी में बिजली की भूमिका मिल गई। लेकिन, सिर्फ तीन चार एल्बम और बॉलीवुड की इकलौती फिल्म के बाद, शेफाली ज़रीवाला की दूकान सिमट गई।

अब यही काँटा लगा गर्ल शेफाली ज़रीवाला वापसी कर रही हैं।

वह ऑल्ट बालाजी के डिजिटल शो बेबी कम ना से वापसी कर रही हैं।

इस वेब सीरीज में श्रेयस तलपड़े और चंकी पांडेय के साथ शेफाली ज़रीवाला को लिया गया है।

फरहाद सामजी निर्देशित इस सीरीज की रिलीज़ की तारीख़ अभी तय नहीं की गई है।

यह सीरीज एक हिंदी-अंग्रेजी नाटक डबल ट्रबल पर आधारित है।  यह नाटक एक तलाकशुदा आदमी की कहने है, जो दो औरतों से सम्बन्ध बनाने की फिराक में है।   


राजकुमार राव की हॉरर जॉनर की कॉमेडी फिल्म 'स्त्रीं'- पढ़ने  के लिए क्लिक करें 

Monday 30 July 2018

नोरा फतेही का दिलबर बनाम सुष्मिता सेन का दिलबर दिलबर !


सुष्मिता सेन - दिलबर दिलबर 
आजकल, जॉन अब्राहम की मिलाप झावेरी निर्देशित फिल्म सत्यमेव जयते का रिक्रिएट गीत दिलबर दिलबर काफी देखा जा रहा है।

यह गीत संजय कपूर और प्रिया गिल अभिनीत फिल्म सिर्फ तुम के गीत का रिक्रिएशन है।

१९९९ में रिलीज़ फिल्म सिर्फ तुम का दिलबर दिलबर गीत काफी लोकप्रिय हुआ था।

फिल्म फ्लॉप हुई थी, लेकिन यह गीत उसके काफी समय बाद भी टीवी चैनलों पर दिखाया जाता रहा था।

अगाथियन निर्देशित इस रोमांस फिल्म की कहानी काफी रद्दी सी थी। शायद इसीलिए फिल्म फ्लॉप हुई।

फिल्म में सुष्मिता सेन ने संजय कपूर की बॉस की भूमिका की थी, जो उसे मन ही मन चाहती हैं।  फिल्म का यह दिलबर दिलबर गीत इसी चाहत का नतीजा था।

जब दर्शक, सत्यमेव जयते का दिलबर गीत देखते हैं तो सुष्मिता सेन पर फिल्माया दिलबर गीत याद आ जाता है।

हालाँकि, सत्यमेव जयते में अभिनेत्री नोरा फतेही ने अपनी बेले डांसिंग प्रतिभा के बदौलत इस गीत को अपने तौर पर संवारा है।

लेकिन, इसके बावजूद दिलबर दिलबर की धुन पर सुष्मिता सेन का कमर हिलाना दर्शकों की आँखों के सामने से गुजर जाता है।

उस समय दर्शकों को २० साल पहले २२ साल की सुष्मिता सेन द्वारा किया गया गीत, २६ साल की नोरा फतेही के गीत पर भारी पड़ता लगता है।

इसके बावजूद दोनों की डांसिंग प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए दोनों ही गीत को अपनी अपनी पसंद का गीत कहा जाना ठीक होगा ।   



विनोद कापड़ी की 'पीहू' - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Friday 13 July 2018

नए चेहरों की तुम बिन, औंधे मुंह गिरा सुपर स्टार का अक्स

सत्रह साल पहले, आज ही की तारीख़ और दिन था।

अमूमन, शुक्रवार नई फिल्मों की रिलीज़ का दिन था। १३ जुलाई २००१ को दो नई फ़िल्में रिलीज़ हुई थी।

इन दो फिल्मों सेदो युवा फिल्मकारों, ३८ साल के राकेश ओमप्रकाश मेहरा और ३६ साल के अनुभव सिन्हा का, बतौर फिल्म निर्देशक डेब्यू हो रहा था। लेकिन, इन दोनों युवा निर्देशकों की फ़िल्में अलग अलग जॉनर की फ़िल्में थी।

राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म अक्स सुपरनैचुरल थ्रिलर फिल्म थी। यह दो हॉलीवुड फिल्मों फेसऑफ और फालेन का चर्बा थी। अनुभव सिन्हा की फिल्म तुम बिन एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी।

ख़ास बात यह थी कि राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म अक्स, रिलीज़ से पहले ही काफी चर्चित हो गई थी।  कारण थी, इसकी बड़ी स्टारकास्ट।  अक्स में अमिताभ बच्चन, मनोज बाजपेयी, रवीना टंडन, नंदिता दास, केके रैना, वीरेंद्र सक्सेना, अमोल पालेकर, आदि जैसी स्टारकास्ट शामिल की गई थी।  यह सभी बड़े सितारे सुपरनैचुरल थीम को रहस्यमई बना रहे थे।

जबकि, अनुभव सिन्हा की फिल्म तुम बिन से तीन नए चेहरों का फिल्म डेब्यू हो रहा था।  तीनों ही देश के मशहूर मॉडल थे।  यह नए चेहरे थे मॉडल और बांगला फिल्म एक्टर प्रियांशु चटर्जी, मॉडल संदली सिन्हा और ग्रेसिम मिस्टर इंडिया के रनरअप और मॉडल राकेश बापट के।  इनके साथ एक तीसरे पुरुष मॉडल हिमांशु मलिक भी थे। यह तीनों आपस में रोमांटिक एंगल बना रहे थे। 


अमिताभ बच्चन, अपने समय के सुपरस्टार, मेगा स्टार, वन मैन इंडस्ट्री, आदि न जाने क्या क्या थे।उनके रहने मात्र से फिल्म के हिट होने की गारंटी मिल जाती थी।  मनोज बाजपेयी, सत्या, शूल, कौन, फ़िज़ा और ज़ुबैदा जैसी फिल्मों से अपने अभिनय का डंका बजा चुके थे।  ग्लैमरस रवीना टंडन का किरदार रहस्य  से भरपूर था।  फिल्म की पूरी शूटिंग रॉयल कैसल बुडापेस्ट हंगरी में हुई थी। कहने का मतलब यह कि फिल्म के हिट होने की पूरी पूरी गारंटी थी। 

वहीँ, तुम बिन को ऐसी गारंटी देने वाली कोई चीज़ नहीं थी।  सिवाय म्यूजिकल फिल्म बनाने वाले बैनर टी-सीरीज और निर्माता भूषण कुमार के।  हिंदी फिल्म दर्शक अपने मॉडल एक्टर्स से प्रभावित नज़र नहीं आता था। तुम बिन की  पूरी शूटिंग कनाडा में हुई थी।

१३ जुलाई २००१ को यह दोनों फ़िल्में रिलीज़ हुई।  इस तारिख से पहले तक, तुम बिन के संगीत ने धूम मचानी शुरू कर दी थी।  इसलिए, इन दोनों फिल्मों वाले सिनेमाघरों में खासी भीड़ जुटी थी।  फैसला पहला दिन पहला शो के दर्शकों के हाथों में था।

उन्होंने फैसला दे दिया। 

अक्स को देख कर निकले दर्शकों के मुंह से धुंआधार गालियां निकल रही थी। अक्स की स्टार कास्ट पर मनोज बाजपेयी भारी पड़े थे। लेकिन, अमिताभ बच्चन के किरदार ने दर्शकों को बेचैन कर दिया था। दर्शक झल्ला उठे थे। फिल्म को इतनी ज़बरदस्त बैड पब्लिसिटी मिली कि मैटनी शो शुरू होते होते फिल्म बैठ गई। 


दूसरी ओर तुम बिन के सिनेमाघरों में जश्न मन रहा था।  दोपहर का शो देख कर निकलते दर्शकों की जुबान पर तुम्हारे सिवा, मेरी दुनिया, कोई फरियाद, आदि गीत चढ़े हुए थे।  संदली सिन्हा का राकेश बापट से अधूरा रोमांस, प्रियांशु चटर्जी का एकतरफा रोमांस और हिमांशु मालिक का त्याग भरा प्यार, हिंदी दर्शकों के सर चढ़ कर बोलने लगा था। 

पहले शो के साथ ही, अक्स फ्लॉप हो चुकी थी, जबकि तुम बिन लम्बी दौड़ का घोड़ा साबित हो रही थी। 


हालाँकि, तुम बिन और अक्स का भारतीय बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन समान था।  दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर ८-८ करोड़ का कारोबार किया था।  इसके बावजूद अक्स फ्लॉप हुई, क्योंकि इस फिल्म का बजट १० करोड़ था, जबकि तुम बिन सिर्फ ३ करोड़ में बना ली गई थी। 



स्काइस्क्रैपर और अंट-मैन के बीच बॉलीवुड के मेमने ! - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Thursday 21 June 2018

जब टीना मुनीम के लिए ऋषि कपूर से मारामारी करने जा पहुंचे थे संजय दत्त

इस चित्र में ऋषि कपूर, संजय दत्त और रणबीर कपूर दिखाई दे रहे हैं।

ऋषि कपूर के बेटे हैं रणबीर कपूर, यह तो सभी जानते हैं।

यह भी सभी जानते हैं कि रणबीर कपूर २९ जून को रिलीज़ हो रही फिल्म संजू में संजय दत्त की भूमिका रणबीर कपूर निबाह रहे हैं।

यह चित्र इन तीनों के बीच काफी हंसी ख़ुशी वाला लग रहा है।

लेकिन, संजूसंजय दत्त और रणबीर कपूर का रियल कनेक्शन भी है।

क्या आपको मालूम है कि संजय दत्त कभी ऋषि कपूर से मारामारी करने जा पहुंचे थे ?

आइये बताते हैं आपको।

संजय दत्त की बतौर नायक पहली फिल्म रॉकी थी।

इस फिल्म में संजय दत्त का रील लाइफ रोमांस टीना मुनीम (अब अम्बानी) थी।

रॉकी से संजय दत्त और टीना मुनीम रोमांस ने जन्म ले लिया।

कहा जा सकता है कि वह संजय दत्त का पहला रोमांस थी।

इस जोड़ी ने रील लाइफ में केवल रॉकी में ही अभिनय किया था।

लेकिनसंजय दत्त टीना के  प्रति काफी गंभीर हो चले थे।

जबकि टीना मुनीम खालिस पेशेवर एक्ट्रेस थी।

रॉकी से पहले ही टीना मुनीम और आज के ‘संजू’ के पिता ऋषि कपूर के साथ जोड़ी हिट हो चुकी थी। टीना मुनीम और ऋषि कपूर ने आपके दीवानेक़र्ज़कातिलों के कातिलये वादा रहादीदार ए यार और बड़े दिल वाला जैसी फ़िल्में साथ की थी।

लेकिनटीना मुनीम की मोहब्बत में पागल नशेड़ी एक्टर संजय दत्त को लगा कि ऋषि कपूर उनसे उनका प्यार छीन रहे हैं।

एक दिन वह गुलशन ग्रोवर के साथ  पहुँच गए ऋषि कपूर से मारामारी करने।

लेकिनउस समय रणबीर कपूर की माँ नीतू सिंह ने संजय दत्त को समझाया कि इंडस्ट्री में हो तो विश्वास करना सीखो। ऋषि कपूर और टीना मुनीम के सम्बन्ध खालिस पेशेवर हैं, और कुछ नहीं। 

संजय दत्त का गुस्सा शांत हो गया।

अब यह बात दीगर है कि रॉकी की रिलीज़ के १० साल बाद टीना मुनीमटीना अम्बानी बन गई। 

आज, यह दोनों यानि ऋषि कपूर और संजय दत्त उस घटना को याद कर खूब हँसते है ।

अब संजय दत्त के नादानी भरे कारनामों पर कौन न हँसे।  

क्या, राजकुमार हिरानी ने इस किस्से को अपनी फिल्म संजू में रखा होगा ?

क्या रील के संजू रणबीर कपूर अपने ही पिता से मारपीट करने पहुंचे होंगे ?

जवाब तो २९ जून को ही मिलेगा! 

म्यूजिक वीडियो में सोनल चौहान और अमायरा दस्तूर - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Saturday 7 April 2018

कौन होगी संजय लीला भंसाली की फिल्म में शाहरुख़ खान की नायिका !

मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक ने चौंकाने वाली खबर दी है। पहले यह समझा जाता था कि शाहरुख़ खान, आनंद एल राज की फिल्म जीरो पूरी करने के बाद एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा पर बायोपिक फिल्म सैल्यूट की शूटिंग शुरू करेंगे। इस फिल्म का निर्देशन महेश मथाई को करना है। लेकिन, अखबार की खबर के अनुसार, शाहरुख़ खान ने निर्माता आदित्य रॉय कपूर के ऊपर संजय लीला भंसाली को तरजीह दी है। अब शाहरुख़ खान, राकेश शर्मा बायोपिक के बजाय संजय लीला भंसाली की फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे। संजय अपनी फिल्म की शूटिंग इस साल के अंत तक करना चाहते हैं। इस समय तक जीरो का काम ख़त्म हो जायेगा। जबकि, राकेश शर्मा बायोपिक के लिए शाहरुख़ खान को तीन महीने तक ख़ास ट्रेनिंग लेनी होगी। राकेश शर्मा पर फिल्म की शूटिंग अगले साल जनवरी से शुरू होनी है। जहाँ तक संजय लीला भंसाली की जोड़ी की फिल्म का सवाल है, सूत्र बताते कि यह एक काल्पनिक प्रेम कहानी (संभव है साहिर लुधियानवी-अमृता प्रीतम रोमांस) पीरियड फिल्म है।  इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनने के शाहरुख खान ने तत्काल फिल्म में काम करने पर रजामंदी दे दी थी। दिक्कत, शाहरुख़ खान की नायिका चुनने को लेकर है। हालाँकि, कई अभिनेत्रियों के नामों पर विचार किया जा रहा है। लेकिन, अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है। वैसे, संजय लीला भंसाली की प्रिय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण बिलकुल खाली बैठी हैं।  उनकी, विशाल भरद्वाज निर्देशित गैंगस्टर फिल्म अनिश्चित काल तक टल गई है। उन्हें शाहरुख़ खान के साथ संजय लीला भंसाली की फिल्म करने से कोई ऐतराज भी नहीं होगा। वैसे अगर दीपिका का नाम फाइनल हो गया तो वह ओम शांति ओम, चेन्नई एक्सप्रेस और हैप्पी न्यू इयर के बाद चौथी बार शाहरुख़ खान की नायिका होंगी। संजय लीला भंसाली के साथ भी दीपिका की चौथी फिल्म होगी।  संजय दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को ले कर तीन फ़िल्में गोलियों के रास लीला राम-लीला, बाजीराव मस्तानी और पद्मावत बना चुके हैं। संजय लीला भंसाली, दीपिका पादुकोण और शाहरुख़ खान की तिकड़ी पहली बार एक साथ होगी।  

२०१८ की पहली तिमाही का बॉलीवुड धमाका ! - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Friday 2 March 2018

सूर्यवंशी में सलमान खान की नायिका थी शीबा

सूर्यवंशी में सलमान खान के साथ 
हरी सिंह की फिल्म विंड्स से शीबा की वापसी हो रही है।  इस फिल्म में शीबा के साथ किरण कुमार  मुख्य भूमिका में हैं।  अभिनेत्री शीबा को कुछ समय पहले सस्पेंस थ्रिलर टीवी सीरियल हासिल में सारिका रायचंद की भूमिका में देखा गया था।  शीबा कोई १५  साल बाद कैमरा फेस कर रही थी।  शीबा ने आखिरी फिल्म दम (२००३) की थी।  यह वही शीबा हैं, जो कभी सलमान खान और  अक्षय कुमार की फिल्मों में नायिका बनी थी। शीबा के करियर की शुरुआत सुनील दत्त की दहेज़ प्रथा की बुराइयों पर आधारित फिल्म यह आग कब बुझेगी से हुई थी।  इस फिल्म के बाद, शीबा को सलमान खान के साथ सूर्यवंशी और अक्षय कुमार के साथ मिस्टर बांड में अभिनय करने का मौक़ा मिला था।  अब यह बात दीगर है कि यह दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम हो गई। सूर्यवंशी के बाद सलमान खान और मिस्टर बांड के बाद अक्षय कुमार का करियर ख़त्म नहीं हुआ।  आज यह दोनों सुपर स्टार में गिने जाते हैं।  लेकिन, शीबा का करियर ख़त्म होता चला गया।  ख़ास बात यह थी कि शीबा की बाद में रिलीज़ कोई भी फिल्म उनके करियर को बचा नहीं सकी।  हालाँकि, इस दौरान शीबा ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ सुरक्षा और रावण राज जैसी हिट फिल्मे भी की थी।  मिस्टर बांड में अक्षय कुमार हिंदुस्तानी  जेम्स बांड बने थे।  उन्ही तर्ज़ पर शीबा ने मिस ४२० फिल्म में लेडी बांड बनने की कोशिश की।  इस  फिल्म का निर्देशन शीबा के पति आकाशदीप ने किया था।  फिल्म  के नायक बाबा सहगल थे।  लेकिन, फिल्म असफल हुई।  शीबा का एक म्यूजिक एल्बम आग लग गयी (१९९५) भी रिलीज़ हुआ है।   उन्होंने मिस ४२० के अपने गीत  खुद गाये थे।

रिश्ता लिखेंगे हम नया में होली - क्लिक करें 

Tuesday 9 January 2018

पद्मावती ही नहीं भंसाली की लीला से भी जुड़ी थी गोलियों की रासलीला

ऑपरेशन सेंसर बोर्ड के ज़रिये रानी पद्मावती, स्त्री लिंग से पुरुष लिंग में परिवर्तित कर पद्मावत बना दी गई है।  अभी तक बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के किरदार रानी पद्मिनी उर्फ़ संजय लीला भंसाली की पद्मावती पर आधारित टाइटल वाली फिल्म पद्मावती अब पद्मावत बन कर नायिका रानी के बजाय काव्य रचना बन गई है। किसी फिल्म का टाइटल बदल कर, फिल्म से जुड़े विवादों को कम करने या कम हुआ मान लेने की यह कवायद कितनी कारगार होगी, यह तो वक़्त ही बतायेगा। क्योंकि, मेवाड़ रानी पद्मिनी के साथ खिलजी के कथित रोमांस दृश्यों को लेकर उठा विवाद अब ख़त्म हो जायेगा, कहाँ नहीं जा सकता। राजस्थान सरकार ने पद्मावत की रिलीज़ की तारिख तय होते ही इस फिल्म को राजस्थान में रिलीज़ होने से रोक कर विवाद के ख़त्म न होने का संकेत दे दिया है। संभव है कि कुछ दूसरी राज्य सरकारें भी फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दे। लेकिन, फिलहाल, सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन ने अपनी बला टाइटल बदल कर टाल दी है। टाइटल बदलने की सेंसर बोर्ड की राजनीति प्रसून जोशी से समय की नहीं है। पहले के कई ऐसे उदाहरण हैं, जब फिल्मों के टाइटल बदल कर फ़िल्में रिलीज़ की गई। संजय लीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रासलीला : राम-लीला का टाइटल इसका प्रमाण है। भंसाली की २०१३ की इस फिल्म का टाइटल राम-लीला रखा गया था।  फिल्म रिलीज़ होने से पहले इस फिल्म के टाइटल पर विवाद खडा हो गया। हिन्दू संगठनों को अपने ईष्ट देव राम के नाम पर फिल्म का नाम रखे जाने पर ऐतराज़ था।  यह मामला कोर्ट तक गया। इस पर राम-लीला के निर्माताओं ने फिल्म के ओरिजिनल टाइटल के साथ गोलियों की रासलीला जोड़ कर फिल्म को गोलियों की रासलीला: राम-लीला कर दिया। इसके बाद किसी हिन्दू संगठन को राम-लीला के साथ शीर्षक के बावजूद फिल्म पर ऐतराज़ नहीं रहा। 

Monday 25 December 2017

कभी डबिंग आर्टिस्ट भी बन जाती थी रेखा

रेखा के बिंदासपन का जवाब नहीं।  वह बेहतरीन एक्ट्रेस थी।  अपने समय की नंबर वन एक्टर भी बनी।  लेकिन, उन्होंने कभी भी किसी से जलन रखने की कोशिश नहीं की।  शायद उनके जैसी सहयोगी एक्ट्रेस शायद ही कोई हो। बॉलीवुड में टॉप की एक्ट्रेस की रेस में रेखा के साथ श्रीदेवी भी लगी हुई थी। श्रीदेवी, जयाप्रदा के साथ, रेखा को टॉप से उतार देने की कोशिश कर रही थी। उस समय गज़ब की प्रतिस्पर्द्धा थी।  लेकिन, कहा जाए तो यह स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा थी। ख़ास तौर रेखा के लिहाज़ से। यहाँ तक कि वह अपने समय की जूनियर एक्ट्रेस के लिए डबिंग आर्टिस्ट का काम करने से भी नहीं चूकती थी। पता नहीं यह अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म करने का तकाज़ा था या कुछ और, रेखा ने श्रीदेवी के लिए फिल्म सूर्यवंशम में सौंदर्या के लिए डबिंग आर्टिस्ट का काम किया था। अमिताभ बच्चन और रेखा की एक साथ आखिरी फिल्म सिलसिला थी, जो १९८१ में  रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद दोनो ने साथ कोई फिल्म नहीं की।  के० भाग्यराज निर्देशित एक्शन ड्रामा फिल्म आखिरी रास्ता में अमिताभ बच्चन की दोहरी भूमिका थी।  फिल्म में अमिताभ बच्चन के विजय किरदार की नायिका श्रीदेवी थी । श्रीदेवी के इस किरदार के रेखा ने संवाद डब किये थे।  इससे पहले रेखा, १९८१ में ही रिलीज़ अमिताभ बच्चन की फिल्म याराना में नीतू सिंह के किरदार के संवाद डब कर चुकी थी।  उन्होंने अमिताभ बच्चन की १८ साल बाद रिलीज़ फिल्म सूर्यवंशम में तो एक तरह का कीर्तिमान बना दिया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन की दोहरी भूमिका थी। इस फिल्म में दो नायिकाएं सौंदर्या और जयसुधा थी। फिल्म में पिता अमिताभ बच्चन की पत्नी की भूमिका जयसुधा ने की थी और सौंदर्या बेटे अमिताभ बच्चन की नायिका थी। यह दोनों अभिनेत्रियां अच्छी हिंदी नहीं जानती थी। इसलिए, इनके संवाद किसी डबिंग आर्टिस्ट से डब कराये जाने थे।  रेखा ने इन दोनों के काम अकेले पूरे कर दिए।  इस  प्रकार से रेखा ने दोनों को ही अपनी आवाज़ दे कर एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है। इसका मतलब यह नहीं कि रेखा ने अमिताभ बच्चन की दीवानगी में डबिंग आर्टिस्ट का काम किया।  रेखा एक बेहद इमोशनल और समझदार महिला भी थी। वह अपनी साथी अभिनेत्रियों की प्रतिभा की इज़्ज़त करती थी। स्मिता पाटिल की आवाम और वारिस आखिर अभिनीत फिल्में थी।  वारिस की शूटिंग ख़त्म करने के तुरंत बाद स्मिता पाटिल की मृत्यु हो गई।  वह वारिस की डबिंग शुरू ही नहीं कर सकी।  आवाम भी अधूरी रह गई।  रेखा ने स्मिता पाटिल के अधूरे काम  को पूरा करने का निर्णय लिया।  वारिस  की डबिंग करने से पहले उन्होंने समझदारी से काम लिया।  उन्होंने पहले पूरी फिल्म देखी।  फिल्म में स्मिता पाटिल ने अपना बदला लेने वाली निरीह औरत का किरदार  किया था।  रेखा ने फिल्म देखने के बाद अपनी आवाज़ में चरित्र के  परिवर्तन के अनुरूप अपनी आवाज़ में बदलाव किया।  फिर स्मिता पाटिल के करैक्टर को अपनी आवाज़ इस प्रकार दी कि दर्शक समझ ही नहीं सके कि यह आवाज़ स्मिता पाटिल की नहीं है।  

Thursday 21 December 2017

जनवरी में टीवी स्क्रीन पर ‘पृथ्वी वल्लभ’

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन, २०१८  की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में करने जा रहा है। यह चैनल पृथ्वी वल्लभके जरिये अपने नए ब्रांड सेट ओरिजिनल्स को लॉन्च करने जा रहा है। राइटर्स गैलेक्सी के अनिरुद्ध पाठक द्वारा निर्मित पृथ्वी वल्लभ सांसें रोक देने वाले विजुअल्स, कैनवास और प्रोडक्शन स्केल से दर्शकों को चकित करने वाला है। इसके जरिये कई सारी बातें भारतीय टेलीविजन पर पहली बार होने वाली हैं। पृथ्वी  वल्लभ दो चिर-प्रतिद्वंद्वियों की अनूठी कहानी है, जो युद्ध के मैदान पर नफरत से शुरू होती है और सबसे बड़ी प्रेम कहानी के तौर पर समाप्त होती है। यह एक ऐसे युग की अनकही कहानी है जहाँ महत्वाकांक्षा सिर चढ़कर बोलती थी। इसमें रहस्य और फिक्शन का तड़का भी शामिल है। कला, संस्कृति, प्यार और युद्ध के मिश्रण से शो एक ऐसे युग में ले जाएगा जहाँ भारतीय शासक अपनी सत्ता, संपत्ति और जनता को बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरते थे। शो में आशीष शर्मा राजा मुंज पृथ्वी वल्लभ का जबकि सोनारिका भदौरिया मृणाल की भूमिका में दिखेंगे। वहीं, पवन चौपड़ा सिंहदंत, शालिनी कपूर राजमाता, आलेफिया कपाड़िया सविता, जितिन गुलाटी तैलप, पियाली मुंशी जक्काला, सुरेंद्र पाल विनयादित्य की भूमिका निभाएंगे। 
फिल्म पृथ्वी वल्लभ (१९४३) में सोहराब मोदी (राजा मुंज)
यहाँ बताते चलें कि पृथ्वी बल्लभ प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी और लेखक कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (के एम मुंशी) का १९२० में लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास की कहानी दो राजाओं की दुश्मनी, युद्ध का मैदान और राजनीति में स्त्री की भूमिका पर  केंद्रित है। इस उपन्यास पर दो फ़िल्में भी बनाई जा चुकी हैं। पहली फिल्म १९२४ में मणिलाल जोशी ने  बनाई थी। यह फिल्म अत्यधिक सेक्स और हिंसा के कारण विवादित हुई थी। दूसरी फिल्म पृथ्वी वल्लभ सोहराब मोदी ने बनाई थी। यह फिल्म अवन्तिपुर के राजा मुंज/पृथ्वी वल्लभ और पडोसी राजा तैलप के युद्ध से शुरू होती थी।  तैलप अपनी बहन मृणालवती और पास के राजा भिल्लम के ज़रिये  मुंज को फंसा लेता है और बंदी बना लेता है। मोदी की इस फिल्म में पृथ्वी वल्लभ खुद सोहराब मोदी बने थे।  तैलप का किरदार संकठा प्रसाद ने किया था।  उसकी बहन मृणावती दुर्गा खोटे बनी थी। राजा भिल्लम की भूमिका में के एन सिंह थे। यह फिल्म १९४३ में प्रदर्शित हुई थी। ज़ाहिर है कि अब ७४ साल बाद पृथ्वी वल्लभ को छोटे परदे पर लाया जा रहा है।  
सेट ओरिजिनल्स सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का ही एक सब-ब्रांड है, जिसका उद्देश्य प्रीमियम और उच्च दर्जे का कंटेंट बनाना है। इसके जरिए श्रेष्ठतम प्रोडक्शन वैल्यू, कहानियां और नई प्रतिभाओं को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। पृथ्वी वल्लभ जनवरी 2018 के अंत तक ऑन एयर हो जाएगा।