Thursday 30 August 2018

राजकुमार राव की हॉरर जॉनर की कॉमेडी फिल्म 'स्त्रीं'

कल ( शुक्रवार ३१ अगस्त को) रिलीज़ हो रही राजकुमार राव की, पहली बार श्रद्धा कपूर के साथ फिल्म स्त्री हॉरर कॉमेडी फिल्म है।

आम तौर पर, राजकुमार राव एक रीयलिस्टिक हीरो होने के नाते, लीक से हट कर आम आदमी की फ़िल्में ही करते रहे हैं।

मसलन, इसी साल रिलीज़, एक इंटरनेशनल आतंकी पर फिल्म ओमेर्ता, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनाव करने गई पोलिंग पार्टी के मुखिया पर फिल्म न्यूटन, एक खाली मकान में फंस गए भूखे-प्यासे आदमी की कहानी ट्रैप्ड, अलीगढ यूनिवर्सिटी के एक समलैंगिक प्रोफेसर की कहानी पर फिल्म अलीगढ और एक मानवाधिकारवादी मुस्लिम वकील की रियल लाइफ कहानी शाहिद इसका प्रमाण है।

स्त्री इससे कहीं बिलकुल अलग हॉरर फिल्म है।

लेकिन, राजकुमार राव पहली बार कोई हॉरर फिल्म नहीं कर रहे।

अगर उनके हीरो के रूप में करियर की बात की जाए तो उनकी बतौर नायक पहली फिल्म रागिनी एमएमएस एक हॉरर फिल्म थी।

दिबाकर बनर्जी के निर्देशन में बनी, इस प्रकार की हॉरर फिल्मों को एकता कपूर हॉरेक्स यानि हॉरर एंड सेक्स फिल्म बताती हैं ।

बॉलीवुड में एकता कपूर की ईज़ाद इस प्रकार की फिल्मों में हॉरर भी होता है और सेक्स भी।

स्त्री को हॉरेक्स फिल्म नहीं कहा जा सकता।  इस फिल्म में हॉरर के साथ कॉमेडी का  मिश्रण है। 

एक कसबे लोगों में, एक महिला के भूत का भय छाया हुआ है।  यह भूत रात में निकलता है  और किसी एक घर का दरवाज़ा खटखटाते हुए, उस घर के लोगों के किसी परिचित की आवाज़ निकाल कर दरवाज़ा खोलने को कहता है। जो शख्स दरवाज़ा खोलता है, उसकी मौत हो जाती है।

स्त्री, अमर कौशिक की पहली फिल्म है।  लेकिन, उन्हें फिल्म की लेखक जोड़ी राज निदिमोरू और कृष्णा डीके की मदद मिल रही है। इस जोड़ी की हास्य लिखने की अपनी शैली है। सैफ अली खान की फिल्म गो गोवा गॉन इसका प्रमाण है।

हिंदी फिल्मों में भी, हॉरर के कई जॉनर आजमाए गये हैं।  लेकिन हॉरर कॉमेडी का बहुत कम उपयोग किया गया है।

राजकुमार राव की शादी में ज़रूर आना, बरेली की बर्फी, बहन होगी तेरी, आदि जैसी फिल्मों से एक रोमांटिक आम युवा की  इमेज बनी है।

क्या राजकुमार राव इस इमेज से निकल करस्त्री को बॉक्स ऑफिस पर पुरुष फिल्म बना सकेंगे ?



शाश्वत प्रतीक का म्यूजिक वीडियो पल जो लॉन्च- पढ़ने के लिए क्लिक करें 

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