Thursday 31 January 2019

एस्केप रूम का ट्रेलर

सस्पेंस है कि अमावस रिलीज़ होगी या होगा झोल



नरगिस फाखरी की वापसी फिल्म अमावस की रिलीज़ की तारीख़ तीसरी बार बदल दी गई है।

सचिन जोशी के साथ नरगिस की इस हॉरर फिल्म को पहले ११ जनवरी को रिलीज़ होना था। चूंकि, जनवरी में, ख़ास तौर पर ११ जनवरी को बहुत सी फ़िल्में रिलीज़ होने जा रही थी, इसलिए फिल्म अमावस की रिलीज़ १ फरवरी तक के लिए टाल दी गई।


भूषण पटेल निर्देशित हॉरर फिल्म अमावस, नरगिस फाखरी की वापसी के लिहाज़ से खास मानी जा रही थी। फिल्म के निर्माता चाहते थे कि फिल्म के प्रमोशन में नरगिस ज़रूर हिस्सा ले। नरगिस ने शुरू में प्रमोशन में हिस्सा लिया। सचिन जोशी के साथ फोटोशूट किये।  इंटरव्यू भी दिए।

लेकिन, नरगिस का इंटरव्यू लेते समय पत्रकारों की रूचि फिल्म के बारे में, नरगिस के रोल के बारे में जानने के बजाय नरगिस की निजी ज़िन्दगी में ज़्यादा  थी। उन्होंने नरगिस से उनके प्रेमियोंउनसे टूटन और कथित गर्भ की खबरों पर ज़्यादा सवालात किये।


इससे नरगिस नाराज़ हो गई।  उन्होंने  पूछने वाले पत्रकारों को कड़े जवाब भी दिए। कई इंटरव्यू कैंसिल भी कर दिए। एक दिन यकायक उड़ चली अपने देश।

निर्माता उनकी वापसी की बात जोहते रहे। नरगिस वापस नहीं लौटी। ऐसे में निराश निर्माताओं ने, अमावस की रिलीज़ की तारीख़ १ फरवरी के बजाय ८ फरवरी कर दी। अब यह नरगिस फाखरी की अमावस ८ फरवरी को रिलीज़ होगी।


इसी तारीख़ को, निर्देशक विभास अरोरा की जिमी शेरगिल, युविका चौधरी और यशपाल शर्मा की ड्रामा फिल्म एसपी चौहाननिर्देशक अजय यादव की विक्रांत मस्तल, अंतरा बनर्जी और मधुमिता बिस्वास की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म सस्पेंस, निर्देशक विक शक्ति के की विक शर्मा और राशूल टंडन अभिनीत कॉमेडी ड्रामा फिल्म झोल और योगेश मिश्रा की अकबर खान, दीना उप्पल और मोहित गौर अभिनीत एक्शन ड्रामा फिल्म पार्किंग क्लोज्ड भी रिलीज़ हो रही है।  



प्रियंका चोपड़ा बनेंगी ओशो की माँ शीला - क्लिक  करें 

प्रियंका चोपड़ा बनेंगी ओशो की माँ शीला



शादी के बाद, किसी फिल्म अभिनेत्री के अभिनय करियर में फर्क पड़े, ऐसा हॉलीवुड में कभी नहीं देखा गया। अलबत्ता, बॉलीवुड मे ज़रूर शादी के बाद, अभिनेत्री को गैर रोमांटिक मान लिया जाता था।
मगर, अब समय बदला है। बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्रियां शादी के बाद ख़त्म नहीं मान ली जातीं। 

कम से कम प्रियंका चोपड़ा के बारे में ऐसा होता नहीं लग रहा। वह हॉलीवुड और बॉलीवुड के बड़े प्रोजेक्ट करने जा रही हैं। बेशक, इन फिल्मों में उनकी भूमिका काफी भिन्न होंगी।

पिछले दिनों, प्रियंका चोपड़ा एक टॉक शो, द एलेन शो में अपनी फिल्म इज नॉट इट रोमांटिक के प्रमोशन के लिए गई हुई थी। उन्होंने इस शो में बातचीत के दौरान बताया कि वह हॉलीवुड के लेखक निर्देशक बैरी लेविंसन के साथ ओशो पर एक फिल्म लिख रही हैं।


इस फिल्म में ओशो कौन होंगे, मालूम नहीं। लेकिन ओशो की सेक्रेटरी माँ आनंद शीला की भूमिका प्रियंका चोपड़ा करेंगी। एक भारतीय धर्म गुरु ओशो की भारतीय-अमेरिकी महिला माँ शीला ओशो का का दाहिना हाथ थी। कहते हैं कि ओशो के पतन में इस महिला का बड़ा हाथ था। इस प्रकार से माँ  आनंद शीला का चरित्र काफी रहस्यमी और दागदार लगता है। इसी लिहाज़ से वह ख्यात और कुख्यात भी हैं।

प्रियंका चोपड़ा के करियर बूस्ट के लिहाज़ से यह प्रोजेक्ट फायदेमंद साबित हो सकता है। इस प्रोजेक्ट से प्रियंका चोपड़ा बतौर निर्माता भी जुड़ जायेंगी। 

कुछ समय पहले बॉलीवुड में भी ओशो के जीवन पर फिल्म बनाए जाने की सुगबुगाहट थी। इस फिल्म में ओशो की भूमिका आमिर खान करने वाले थे। माँ आनंद शीला की भूमिका के लिए अलिया भट्ट का नाम सामने आया था। लेकिन, बाद में यह प्रोजेक्ट बंद मान लिया गया। 


जून २०२१ में रिलीज़ होगी बैटमैन, नहीं होंगे बेन अफलेक- क्लिक करें 

जून २०२१ में रिलीज़ होगी बैटमैन, नहीं होंगे बेन अफलेक


सुपर पॉवर रखने वाले नायक बैटमैन की अगली कहानी द बैटमैन के बारे में दो बातें बहुत साफ हो गई है। पहली फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ और दूसरी फिल्म का हीरो कौन ?

फिल्म के निर्माता वार्नर ब्रदर्स ने फिल्म द बैटमैन को २०२१ में रिलीज़ किये जाने का ऐलान किया है। अब यह फिल्म २५ जून २०२१ को रिलीज़ होगी।

दूसरी बात यह कि ब्रूस वेन उर्फ़ बैटमैन की भूमिका बेन अफ्लेक नहीं करेंगे। बेन अफ्लेक ने, २०१६ में रिलीज़ फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन डौन ऑफ़ जस्टिस में पहली बार बैटमैन का नकाब ओढ़ा था। वह उसी साल रिलीज़ फिल्म सुसाइड स्क्वाड में भी इसी भूमिका में थे। अफलेक ने ब्रूस वेन के नकाबपोश किरदार की तीसरी बार भूमिका जस्टिस लीग (२०१७) में की थी।


अब उनकी जगह कौन अभिनेता लेगा, अभी यह साफ़ नहीं है। लेकिन, खबर है कि स्टूडियो युवा ब्रूस वेन को परदे पर लाना चाहते हैं।

फिलहाल तो लेखक-निर्देशक मैट रीव्स, बैटमैन के चरित्र को कागज़ पर उतार रहे हैं। रीव्स वही लेखक निर्देशक हैं, जिनकी क्लोवरफील्ड, डौन ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स और वर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ एप्स जैसी फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं।

फिलहाल, बेन अफलेक तीन फिल्मों ट्रिपल फ्रंटियर, द लास्ट थिंग ही वांटेड और टोर्रेंस में व्यस्त हैं। 

क्या बॉक्स ऑफिस पर शतक जमा पायेगी मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी ? - क्लिक करें 

क्या बॉक्स ऑफिस पर शतक जमा पायेगी मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी ?


जी स्टूडियोज की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी की, २५ जनवरी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त शुरुआत हुई थी। फिल्म ने पहले दिन, ८.७५ करोड़ का कलेक्शन किया। दूसरे दिन, गणतंत्र दिवस पर फिल्म ने ऊंची छलांग लगी और १८.१० करोड़ का कलेक्शन किया। तीसरे दिन, यानि रविवार को फिल्म ने १५.७० करोड़ का कलेक्शन किया।

सोमवार ख़ास था. फिल्म का कलेक्शन कितना गिरता है, निगाहें इस पर लगी हुई थी। फिल्म ने सोमवार को ५.१० करोड़ का कारोबार किया। यह कारोबार, दूसरे और तीसरे दिन के कारोबार से तिहाई भी नहीं था, लेकिन यह ड्राप पहले दिन के कारोबार के मुकाबले ४५ प्रतिशत के करीब था। 

अब निगाहें इस बात पर टिकी हुई थी कि मणिकर्णिका बाकी के दिनों में क्या दर्शकों को आकर्षित कर पाती है ! जवाब दिया मंगलवार के कलेक्शन ने। फिल्म का मंगलवार का ४.७५ करोड़ का कारोबार सोमवार के कारोबार से ७-८ प्रतिशत ही कम था। इस प्रकार से, मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी पांच दिनों में अर्ध शतक मार चुकी थी।


बुद्धवार को फिल्म ने, ४.५० करोड़ का कारोबार कर बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बनाए रखी। फिल्म दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और केन्द्रीय भारत में पकड़ बनाए हुए है। दूसरे हफ्ते में फिल्म को २१०० के करीब स्क्रीन्स पर देखा जा सकेगा।

उम्मीद यही की जा रही है कि पहला सप्ताह ख़त्म होते होते, फिल्म ६० करोड़ का आंकड़ा पार कर जायेगी। इसके बाद महत्वपूर्ण होगा दूसरा वीकेंड। अगर इस दूसरे वीकेंड में मणिकर्णिका ने दर्शकों को आकर्षित कर लिया तो फिल्म का दूसरे सप्ताह में शतक मारना संभव हो जाएगा।

मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी को भारत में ३००० स्क्रीन्स में और विदेश में ७०० स्क्रीन्स में हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज़ किया गया था।

जी स्टूडियोज और कमल जैन की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी में कंगना रानौत, अंकिता लोखंडे, जीशुआ सेनगुप्ता, डैनी डेंजोग्पा और अतुल कुलकर्णी ने अभिनय किया है। 



फिल्म गली बॉय में ५ से ज्यादा स्ट्रीट रैपर्स का जलवा- क्लिक करें 

फिल्म गली बॉय में ५ से ज्यादा स्ट्रीट रैपर्स का जलवा



हाल ही में फिल्म गली बॉय के निर्माताओं ने एक शानदार लाइव म्यूजिक लॉन्च इवेंट में फिल्म का म्यूजिक एल्बम लॉन्च किया है । जहां रणवीर सिंह के साथ रैपर डिवाइन और नेजी सहित अन्य रैपर्स ने फिल्म के सभी गानों पर रैप करते हुए नज़र आये थे ।

गली बॉय में कई तरह के गानो को शामिल किया गया है । यह गाने नियमित बॉलीवुड ट्रैक नहीं बल्कि असली हिप हॉप संगीत हैं, जो कि जवान दिलो की धड़कन जैसा है।

यह पहली बार है की किसी फिल्म में ५ से ज्यादा रैपर्स के साथ  मशहूर रैपर्स डिवाइन, नेजी और एमीवे एक साथ फिल्म में नजर आएंगे। यह उनके फैन्स के लिए बड़ी बात है की उनके चहेते बड़ी स्क्रीन पर नजर आये आएंगे।


फिल्म में  कुल १८ गाने हैं और सभी गानों में इंटेंस लिरिक्स के साथ मजेदार रैप संगीत शामिल किया गया है।

फ़िल्म में रणवीर का किरदार भारतीय रैपर नेज़ी उर्फ नावेद शेख और डिवाइन उर्फ विवियन फर्नांडीस के जीवनगाथा से प्रेरित है।

एक्सेल एंटरटेनमेंट और टाइगर बेबी द्वारा निर्मित, जोया अख्तर द्वारा निर्देशित गली बॉय १४ फरवरी को रिलीज होने के लिए तैयार है।

Brie Larson intense flight training for Captain Marvel - क्लिक करें 

Wednesday 30 January 2019

Brie Larson intense flight training for Captain Marvel


Marvel Studios’ presents “Captain Marvel,” an all-new adventure from a previously unseen period in the history of the Marvel Cinematic Universe that introduces the MCU’s first stand-alone, female-franchise title character—Carol Danvers aka Captain Marvel.

Acknowledged as Marvel's mightiest Super Hero, Captain Marvel is touted to begin 2019 with a bang and is undoubtedly one of the most awaited films of this year.

Set in the 1990s, “Captain Marvel” follows Carol Danvers’ journey as she becomes one of the universe’s most powerful heroes.

Based on the beloved Marvel comic book series, first published in 1967, “Captain Marvel” stars Academy Award winner Brie Larson as Carol Danvers /Captain Marvel,  Samuel L. Jackson  as Nick Fury, Ben Mendelsohn as Talos, with Annette Bening, Clark Gregg and  Jude Law as Starforce Commander.


Brie Larson who has won an Oscar, followed the epic strength training routine in preparation for the role. She even did actual flight training which is was quite intense and despite falling sick, Brie continued to train!


When asked about the flight training, Brie said, "Oh, I puked a lot. That’s part of how I got my call sign. All of the pilots were like you’re not supposed to tell anybody that, and I was like I got no shame. But we were simulating a dog fight, so I was like flipping around all which way. My pilot was so incredible and super-talented. We got to 6.5 Gs. It was just amazing to feel all of that, especially once we were back on set. When we were simulating a barrel roll, I was able to recall that exactly, what that feels like, what your body feels like, how hard it is to breathe. It’s all of those little nuances that I hope will come through in the movie so that regardless of who you are, if you’re the Air Force or you’re a pilot or whatever, that you recognize that. That it feels real."

In an interview, Larson revealed that her strength training—which included 100 kg deadlifts and 200 kg hip thrusts—didn’t just transform her physically, but also helped her prepare mentally to become Captain Marvel, the most powerful hero in the Marvel Comics Universe.

“A huge part of Captain Marvel is her strength,” Larson said. “I knew if I could go through that experience, I would get closer to her and I’d understand her.”


Marvel Studio’s Captain Marvel releases in India on 8th March 2019 in English, Hindi, Tamil and Telugu.


रुस्लान मुमताज़ की 'मायके' में वापसी - क्लिक करें 

रुस्लान मुमताज़ की 'मायके' में वापसी


बहुत प्रतिभाशाली और हैंडसम अभिनेता रुस्लान मुमताज का नाम फिल्म और टेलीविज़न उद्योग में नया नहीं। कुछ समय तक, टेलीविजन उद्योग से दूर होने के बाद, रुस्लान सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के शो मैं मायके चली जाउंगी तुम देखते रहियो के साथ छोटे पर्दे पर वापस आ रहे हैं। रुस्लान शो में सृष्टि जैन (जया) को लुभाते हुए नजर आएंगे।

इस शो मे, रुस्लान भारत से बाहर के एक सफल व्यवसायी ध्रुव रायचंद के चरित्र में दिखाई देंगे। वह अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिए अपनी दादी के साथ भारत लौटता है और जया के साथ प्यार में पड़ जाता है।

ध्रुव एक आदर्श लड़का है और दिल से संपूर्ण भारतीय है। वह विनम्र, ईमानदार, बेहद बुद्धिमान और दयालु है। समर, और होने वाले तलाक के अपने कड़वे अनुभवों के साथ, जया ध्रुव के प्यार में पड़ जाएगी? क्या जया को लुभाने में ध्रुव सफल होगा? क्या समर जया का भरोसा जीत पाएगा?

रुस्लान मुमताज़ ने कहा मैं इस शो का हिस्सा बनकर अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकता। एक अनोखा कथानक, एक प्यार-नफरत वाला रिश्ता और कुछ अद्भुत अभिनेताओं के साथ काम करने से मुझे ध्रुव जैसे चरित्र को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

शो के बारे में जानने के लिए मैंने पिछले कुछ एपिसोड देखे थे और मुझे यह बहुत ही अच्छा लगा। सृष्टि जैनएक खूबसूरत अदाकारा हैं और मुझे लगता है कि हम एक अच्छी जोड़ी बनाएंगे, जिसे दर्शक ऑन-स्क्रीन देखना पसंद करेंगे। मैं एक एनआरआई की भूमिका निभा रहा हूं जो अपना  व्यवसाय स्थापित करने के लिए भारत आता है और जया से प्यार करने लगता है। यह क रोमांटिक किरदार है और मैं अद्भुत और उत्साही टीम के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।” 

रुस्लान मुमताज़ के बारे में, दर्शकों को याद दिलाते चलें कि रुस्लान, मशहूर मराठी फिल्म अभिनेत्री और सम्बन्ध, महुआ, बंधे हाथ और दो फूल जैसी फिल्मों की एक्ट्रेस अंजना मुमताज़ मांजरेकर के बेटे हैं। उन्होंने हिंदी फिल्म एमपी ३: मेरा पहला पहला प्यार (२००७) से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  लेकिन, फिल्म चल न सकी। मिलाप ज़वेरी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म जाने कहाँ से आई में रितेश देशमुख, जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ और सोनल सहगल के साथ काम करने के बावजूद, रुस्लान को जल्द ही टेलीविज़न की ओर जाना पड़ा।  उन्होंने  टेलीविज़न शो कहता है दिल जी ले ज़रा में संगीता घोष के कम उम्र  प्रेमी की भूमिका निबाही थी। 



पूरी हुई अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म - क्लिक करें 

पूरी हुई अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म


अलंकृता श्रीवास्तव की अगली फिल्म डॉली किटी और वह चमकते सितारे की शूटिंग पूरी हो गई। इस शूट में, कोंकणा सेन शर्मा और भूमि पेडनेकर ने  हिस्सा लिया। शूटिंग ख़त्म होने पर, एक केक काट कर इसका जश्न भी मनाया गया। इस बारे में, अलंकृता श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर खुद एक पोस्ट दर्ज कर इसका ऐलान किया।


उन्होंने इस मौके के चित्र भी अपलोड किये। इनमे अलंकृता के साथ उनकी फिल्म के सितारे और क्रू के सदस्य शामिल थे।

डॉली किटी और वह चमकते सितारे, अलंकृता की पहले की फिल्मों की तरह नारी प्रधान कथानक वाली है। कुछ समय पहले, इस फिल्म के जो पोस्टर लांच किये गए थे, उनमे फिल्म की मुख्य अभिनेत्रियां कोंकणा सेन शर्मा और भूमि पेडनेकर के चरित्रों के हाथों में  शराब का जाम और सिगरेट नज़र आ रही हैं। इन दोनों चरित्रों के सर एक पिंजड़े में है।


यह संकेतात्मक है कि आप हमें पिंजरे में क़ैद करना चाहोगे तो कर नहीं पाओगे। एक प्रकार से यह फिल्म भी अलंकृता की पहली दो फिल्मों टर्निंग ३० और लिपस्टिक अंडर माय बुरखा की तरह बोल्ड विषय और चरित्र चित्रण वाली फिल्म है।

इस फिल्म में भी, भूमि पेडनेकर की नई एंट्री के अलावा कोंकणा सेन शर्मा और कुबरा सैत भी होंगी। फिल्म में, अमोल पराशर, विक्रांत मैसी, करण कुंद्रा, आमिर बशीर, आदि पुरुष चरित्रों  में नज़र आएंगे। इस फिल्म की तमाम शूटिंग ग्रेटर नॉएडा में हुई है।  

सानिया मिर्ज़ा ने कपिल शर्मा से कहा- बर्तन वापस दे दो ! - क्लिक करें 

सानिया मिर्ज़ा ने कपिल शर्मा से कहा- बर्तन वापस दे दो !


प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा अपनी बहन अनम मिर्ज़ा के साथ इस सप्ताहांत में द कपिल शर्मा शो के आने वाले एपिसोड में खाई देंगी। सानिया जो कपिल के साथ एक करीबी रिश्ता साझा करती हैं, उन्होंने पाया कि शादी के बाद वे बदल गए हैं।

हैदराबाद में जन्मी और पली-बढ़ी सानिया की हैदराबादी हिंदी पर अच्छी कमांड है, लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी बहन अनम स्थानीय भाषा बोलने में ज्यादा माहिर हैं। सानिया को लगता है कि हैदराबाद के लोग आम तौर पर स्वभाव से थोड़े ढीले होते हैं और साथ ही थोड़ा आलसी भी होते हैं, इसलिए वे शब्दों को खाकर समाप्त कर देते हैं और सभी हिंदी शब्दों के संक्षिप्त रूप देते हैं, जैसे आइकु, जाइकु, आदि।

हैदराबाद की बात करें तो वहां बनाई गई बिरयानी विश्व प्रसिद्ध है। कपिल ने सानिया को धन्यवाद दिया कि वह और उनकी टीम हैदराबाद में थे, तो उन्होंने उन्हें सबसे अब तक की सबसे टेस्टी बिरयानी में से एक खिलाई, जिस पर सानिया तुरंत चुटकी लेती है और उन्हें बताती है, “आपने अभी तक बर्तन वापस नहीं किए हैं और वे मुझसे इसके बारे में पूछते रहते हैं।



कपिल तब पूरी घटना को विस्तार से याद करते हैं और कहते हैं, “हम हैदराबाद गए थे और बिरयानी खाना चाहते थे। हमने सानिया से सबसे अच्छी जगह के बारे में पूछताछ करने के लिए कॉल किया, जहां से हम ऑर्डर कर सकते हैं। सानिया, जो उस समय दुबई में थी, ने हम सभी के लिए कुछ मुंह में पानी लाने वाली बिरयानी की व्यवस्था की। मात्रा को देखते हुए हम निडर हो गए क्योंकि यह बहुत अधिक था। हमने इसे हर कमरे में भेज दिया और इसके अंत तक, स्टाफ सहित होटल में हर किसी को बिरयानी की खुशबू आ रही थी। इस प्रक्रिया में, कुछ बर्तन खो गए थे। हमने सोचा कि हम बिरयानी के बिल का निपटारा करेंगे, लेकिन बिरयानी लाने वाले ने अपने बर्तनों के बारे में पूछना शुरू कर दिया।


भारत में क्यों न बने वीएफएक्स से बाल फ़िल्में ! - क्लिक करें 

भारत में क्यों न बने वीएफएक्स से बाल फ़िल्में !


बांगला फिल्म खेला घर (१९५३) से मराठी फिल्म म्होरक्या (२०१७) तक,  भारत में बनी बाल फिल्मों ने ६५ साल लम्बा सफर तय कर लिया है।  लेकिन, तकनीक के क्षेत्र में बच्चों के लिए फिल्मों का सफर बहुत सुस्त रहा है।  हालाँकि, १९८४ में प्रदर्शित मलयालम फिल्म माय डिअर कुट्टिचेतन (हिंदी में छोटा चेतन) में त्रिआयामी यानि ३डी तकनीक का उपयोग कर लिया गया था।  लेकिन, इस फिल्म के बाद से, बच्चों की फिल्मों में नई नई तकनीक डालने का काम काफी सुस्त रहा है।  शायद इसका कारण शिवा का इन्साफ (३डी) की असफलता भी थी। यही कारण है कि देश के बच्चों को हॉलीवुड की सुपरहीरो या साइंस  फिक्शन फिल्मों से ही  मनोरंजन करना पड़ रहा है।

इस साल, २१ दिसंबर को शाहरुख़ खान अपनी फिल्म जीरो में बाल दर्शकों के साथ साथ उनके अभिभावकों को भी  चौंकाएंगे। इस फिल्म में, साढ़े पांच फुट से ज़्यादा कद वाले शाहरुख़ खान ३ फिट के बौने बने, नाच-गा रहे होंगे।  उनके कद को लगभग आधा करने का कमाल तकनीक का नतीजा है।  फोर्स्ड पर्सपेक्टिव तकनीक से शाहरुख़ खान ३ फुट के नज़र आ रहे हैं।  ऐसा दूसरी बार हो रहा है कि शाहरुख़ खान खुद पर विशेष इफेक्ट्स का उपयोग कर रहे हैं।

शाहरुख़ खान हमेशा से बच्चों का मनोरंजन करते रहे हैं।  उन्होंने, पहली बार अपनी भारतीय सुपरहीरो फिल्म रा.वन में वीएफ़एक्स का खूब उपयोग किया था।  इस तकनीक से, उनका सुपरहीरो जी.वन और उनका बुरा किरदार रा.वन हैरतअंगेज़ कारनामे कर रहे थे। रा.वन यानि रैंडम एक्सेस वर्शन १.० के बाद उम्मीद थी कि बॉलीवुड में बच्चों के लिए फंतासी फ़िल्में बननी शुरू हो जायेंगी। लेकिन, रा.वन के फ्लॉप होने के बाद, खुद शाहरुख़ खान भी सुस्त पड़ गए। उनकी रा.वन सीक्वल फिल्म बंद हो गई।

रा.वन २०११ में बनी थी। लेकिन, इस फिल्म से पहले भी उच्च तकनीक, वीएफएक्स, आदि प्रभावों से सजी कुछ हिंदी फ़िल्में रिलीज़ हुई थी। २००४ में निर्माता निर्देशक धीरज कुमार की फिल्म आबारा का डाबरा को ३डी प्लस तकनीक का इस्तेमाल कर बनाया गया था।  इस तकनीक से बनी फिल्मों को बिना चश्मे के ज़रिये भी देखा जा सकता है।  हिंदी फिल्मों में वीएफएक्स का पहला उपयोग, शेखर कपूर ने फिल्म मिस्टर इंडिया (१९८७) में किया था। इससे पहले, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में वीएफएक्स का उपयोग फिल्म माय डिअर कुट्टिचेतन (हिंदी में छोटा चेतन) में किया गया। २०५० के विश्व को दिखाने वाली हैरी बवेजा की फिल्म लव स्टोरी २०५० (२००८) और सुजॉय घोष की फिल्म अलादीन (२००९) में वीएफएक्स का उपयोग खूब किया गया था। लव स्टोरी २०५० में वीएफएक्स के १२०० फ्रेम, अलादीन में १६०० फ्रेम और शंकर की फिल्म एंथिरन (हिंदी में रोबोट) में २००० से ज़्यादा वीएफएक्स फ्रेम उपयोग किये गए थे।  रोबोट के अलावा, बाकी फ़िल्में फ्लॉप हुई थी।

क्या है वीएफएक्स (VFx), सीजीआई (CGI) 
विज़ुअल इफेक्ट्स यानि दृश्य प्रभाव का लघु रूप है वीएफएक्स (VFx) । इस तकनीक के द्वारा किसी दृश्य को तैयार किया जाता है या बदला जाता है या उसे बड़ा कर दिया जाता है, जिसे लाइव एक्शन शूटिंग के दौरान नहीं किया जा सकता।  रा.वन और रोबोट के ट्रेन और कारों के पीछे भागते और घुसते रा.वन और चिट्टी के दृश्य इसी तकनीक से बनाये गए थे। सीजीआई (CGI) यानि कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी। इसका इस्तेमाल एनीमेशन और लाइव एक्शन फिल्मों के लिए काफी किया जा रहा है। हॉलीवुड की फिल्म द लायन किंग का निर्माण फोटोरीयलिस्टिक कंप्यूटर एनिमेटेड तकनीक से किया गया है। इस प्रभाव से, फिल्म का शेर का बच्चा सिम्बा सजीव नज़र आएगा। 

दरअसल, उच्च तकनीक का फिल्मों में इस्तेमाल करना काफी महंगा होता है। पांच सेकंड के एक वीएफएक्स शॉट को बनाने में औसतन १०-१२ लोग काम करते हैं।  इन्हे ४ हजार से पांच हजार रुपये प्रतिघंटा का पारिश्रमिक देना पड़ता है।  इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि एक दो घंटे की फिल्म को बनाने में कितने लोग, कितना परिश्रम, कितना समय और कितना पैसा खर्च होता है। अमूमन, हॉलीवुड के निर्माता फिल्म का ६०-७० प्रतिशत तक बजट वीएफएक्स/सीजीआई के लिए रखते हैं।  जबकि, हिंदी फिल्म निर्माता १० प्रतिशत से ज़्यादा बजट नहीं रखते।  यहाँ ज़्यादा पैसा स्टार बटोरने में खर्च हो जाता है।

यहीं कारण है कि हॉलीवुड से उत्कृष्ट श्रेणी की, बच्चों के साथ साथ उनके माता-पिता को पसंद आने वाली फ़िल्में देखने को मिलती रहती हैं। बैटमैन, सुपरमैन, स्पाइडर-मैन, सुपरहीरो पावर रखने वाले हॉलीवुड के करैक्टर भारत के बाल दर्शकों के प्रिय बन जाते हैं।  यहाँ तक कि उनका छोटा चींटा सुपरहीरो अंट-मैन भी बाल दर्शक बटोरता है। हॉलीवुड के चरित्रों का आकर्षण बच्चों को डेडपूल जैसे हिंसक चरित्र की तरफ भी खींच ले जाता है, क्योंकि वह हंसोड़ है।


एनीमेशन के लिहाज़ से, भारत में फिल्मों की कमी नहीं है।  आजकल तो कंप्यूटर ग्राफ़िक्स से फ़िल्में बनाना इतना समय खर्च करने वाला नहीं रहा। यही कारण है कि पिछले दशक से, पांडव द फाइव वारियर से शुरू एनीमेशन फिल्मों का सिलसिला लगातार जारी है। सन ऑफ़ अलादीन, द लीजेंड ऑफ़ बुद्धा, बागमती द क्वीन ऑफ़ फार्च्यूंस, बाल हनुमान, कृष्णा, बाल गणेश, रिटर्न ऑफ़ हनुमान, घटोत्कच, रोडसाइड रोमियो, चीनी चीनी बैंग बैंग, जंबो, लव कुश द वारियर ट्विन्स, टूनपुर का सुपरहीरो, सुपर के- द मूवी, छोटा भीम, अर्जुन द वारियर, दिल्ली सफारी, महाभारत, मोटू पतलू किंग ऑफ़ किंग्स, आदि के अलावा हालिया रिलीज़ हनुमान वर्सेज महिरावण जैसी एनीमेशन फ़िल्में बच्चों को ध्यान में रख कर बनाई गई है।  खबर है कि अजय देवगन की फिल्म सिंघम के चरित्र से प्रेरित होकर छोटा सिंघम भी बनाई जा चुकी है।

इसके बावजूद कि हमने काफी एनीमेशन फ़िल्में बना ली है, भारत की फंतासी फिल्म बाहुबली और बाहुबली २ तथा कृष सीरीज की फ़िल्में दुनिया में दर्शकों को आकर्षित कर पाने में सक्षम हुई हैं, हम हॉलीवुड से काफी पीछे हैं।  २०१८ में रिलीज़, अमेरिकन फ़न्तासी फिल्म द जंगल बुक ने भारत में १८० करोड़ का कारोबार किया था।  इस फिल्म के तमाम जानवर किरदार, एनिमेटेड होते हुए भी सजीव से लगते थे।  लाइफ ऑफ़ पाई को ही लीजिये। इस फिल्म का बड़ी नाव पर पाई पटेल के साथ बैठा शेर जीवित नहीं, एनीमेशन तकनीक  ने बना था।  हालिया रिलीज़ फिल्म मोगली लीजेंड ऑफ़ द जंगल के एनीमेशन से बने जानवर बिलकुल सजीव लगते थे।  अगले साल रिलीज़ होने जा रही लायन किंग फिल्म के एनीमेशन से बने किरदारों को बिलकुल सजीव तैयार किया गया है। इस प्रकार की सजीवता भारतीय फिल्मों में दूर की कौड़ी है।

दुःख की बात है कि जेम्स कैमरून जैसा विदेशी फिल्म निर्माता रामायण और महाभारत के चरित्रों से प्रेरित हो कर अवतार जैसी फिल्म बना डालता है, जो दुनिया में अरबों रुपये का कारोबार कर डालती है।  अवतार को रामायण के हनुमान और राम के चरित्रों से प्रेरणा मिली थी। लेकिन, भारतीय फिल्म निर्माता किसी हनुमान या राम को अपना हीरो नहीं बनाना चाहता।  इसके बावजूद कुछ फ़िल्में बच्चों को आकर्षित करेंगी। इनमे, निर्माता  करण जौहर की फंतासी फिल्म ब्रह्मास्त्र एक उदाहरण है, जो एक भारतीय सुपरहीरो को जन्म दे सकती है।  इसके अलावा, राकेश रोशन भी कृष फ्रैंचाइज़ी की चौथी फिल्म बनाने जा रहे हैं।  अनुराग कश्यप के राज कॉमिक्स के डोगा करैक्टर पर सुपरहीरो फिल्म बनाने की खबर थी।  मिस्टर इंडिया का सीक्वल बनाये जाने की भी अपुष्ट खबर है।

जब तक, भारतीय फिल्म निर्माताओं की ब्रह्मास्त्र, कृष ४ या डोगा जैसी फ़िल्में रिलीज़ हो, उससे पहले तक भारत के बाल दर्शक हॉलीवुड की अवेंजर्स ४, स्टार वार्स एपिसोड ९, फ्रोजेन २, द लीगो मूवी २अलादीन, लायन किंग, टॉय स्टोरी २, डम्बो, स्पाइडर-मैन २ और हाउ टू ट्रेन योर ड्रैगन ३ जैसी उच्च तकनीक से बनी मनोरंजक और शिक्षाप्रद फिल्मों से अपना मनोरंजन करें। शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो का बौना बॉऊआ सिंह भी उनका मनोरंजन कर सकता है।  


Anupam Kher – indisputability unconventional actor- क्लिक करें 

Anupam Kher – indisputability unconventional actor


From portraying a 65-year-old retired teacher in his debut film, Saaransh, to essaying the challenging role of India’s former PM Dr. Manmohan Singh in his latest release, The Accidental Prime Minister, Anupam Kher’s rich repertoire of 500 plus movies is certainly applause-worthy.

The prolific actor’s incredible journey of over three decades has resulted into him playing memorable characters thereby pushing the envelope as an actor. Interestingly, at a young age, the versatile actor has successfully managed to pull off roles and some really extraordinary looks that defy his age. Even after 34 years, Anupam is still as relevant and remains filmmaker’s first choice for impactful character-driven roles.

Be it a drunkard father in Daddy, a stubborn father-in-law in Sansar or the evil Dr. Dang in Karma, the funny guy in Khosla Ka Ghosla or a disciplined cop in A Wednesday, Anupam Kher remains as popular and pervasive among the masses. No other actor had ever played such challenging roles with such ease and enchantment.


The global actor’s has had a vast and glorious run not just in Bollywood but Hollywood as well, which still is going strong and prospering with the passing day. Shy of five hundred movies have appearances and contributions by the gifted actor, and even the epic number fails to sum up the abilities and caliber of this great performer.

The thespian made his presence felt in the West alike his Bollywood counterparts and is a much respectable and popular name there. Be it Bend It Like Beckham (2002), in which he played role of a London based Sikh gentleman, which was much applauded, and many such projects such as Bride And Prejudice, The Mistress Of Spices, Lust, Caution, Speedy Singhs and the Academy Award winning 2012 movie, Silver Linings Playbook, each portrayal and role speaks a million words for itself, defining Anupam as one of the most distinctive actors, India has ever produced.


One of the most highly-anticipated films released this year, The Accidental Prime Minister (TAPM) featuring Anupam in a game-changing role of India's former PM Dr Manmohan Singh is doing a fair business at the box office and audiences as well as critics are showering upon praises upon him.

Nidhhi Agerwal impresses in film ‘Mr Majnu’- क्लिक करें