Sunday 29 May 2016

एक डॉक्टर की मौत को जीवंत करने वाले पंकज कपूर

सालों की मेहनत  और पारिवारिक ज़िन्दगी को दांव पर लगा कर  डॉक्टर दीपंकर रॉय लेप्रोसी की वैक्सीन खोज लेते हैं।  यह खबर आग की तरह चैनलों के माध्यम से फ़ैल जाती हैं।  एक अंजाना सा जूनियर डॉक्टर वर्ल्ड फेम हो जाता है।  इसके साथ ही डॉक्टर रॉय को प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू हो जाता है।  उससे स्पष्टीकरण पूछा जाता है कि  लेप्रोसी वैक्सीन की खबर मीडिया में लीक कैसे हो गई।  उसे प्रशासन से लेकर शासन के उच्च स्तर से फटकार  मिलती है।  साथ के डॉक्टर उसे अपमानित करने की कोशिश करते हैं।  उसे दिल का दौरा पड़ता है। डॉक्टर का एक दूरस्थ गाँव में तबादला कर दिया जाता है। ऐसे समय में उसका साथ उसकी पत्नी और दो दोस्त ही देते हैं।  तभी खबर आती है कि लेप्रोसी वैक्सीन की खोज अमेरिकी  वैज्ञानिकों ने कर ली है। इसके साथ ही एक डॉक्टर की मौत हो जाती है।  यह कहानी है बांगला फिल्म डायरेक्टर तपन सिन्हा की १९९० में रिलीज़ फिल्म एक डॉक्टर की मौत की। यह फिल्म रामपद चौधरी की कहानी अभिमन्यु पर रामपद और तपन सिन्हा द्वारा लिखी गई थी। यह फिल्म नौकरशाही की तिकड़मों, सिस्टम द्वारा प्रतिभा को प्रताड़ित करने और मान्यता न देने की है। लेकिन, फिल्म यहां ख़त्म नहीं होती। डॉक्टर की मौत तब भी नहीं होती। फिल्म एक डॉक्टर की मौत मानवता की जीवंतता की कहानी है।  फिल्म के ख़त्म होते होते डॉक्टर रॉय को जॉन एंडरसन फाउंडेशन का एक खत मिलता है, जिसमे उसे दूसरे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के साथ अन्य दूसरी बीमारियों की दवाएं खोजने का न्योता मिलता है। डॉक्टर रॉय अनुभव करते हैं कि उनकी मेहनत बेकार नहीं गई थी।  वह इस न्योते को स्वीकार करने का मन बनाते हैं, क्योंकि वह मानव कल्याण के लिए काम करते रहना चाहते हैं।  इस फिल्म में डॉक्टर रॉय की बीवी का किरदार शबाना आज़मी ने किया था।  साथी डॉक्टर  कुंडू का किरदार बांगला फिल्म अभिनेता अनिल चटर्जी कर रहे थे।  आज के विश्व प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्टर इरफ़ान खान ने डॉक्टर रॉय के दूसरे दोस्त का किरदार किया था। यह इरफ़ान के करियर की तीसरी फिल्म थी। फिल्म में डॉक्टर दीपंकर रॉय का किरदार अभिनेता पंकज कपूर ने किया था।  पंकज कपूर का आज जन्मदिन (२९ मई १९६४) है।  

Saturday 28 May 2016

नर्गिस को मदर इंडिया बनाने वाले महबूब खान

नर्गिस को मदर इंडिया बनाने वाले महबूब खान 
महबूब खान के बैनर महबूब प्रोडक्शन्स का हंसिया और हथौड़ा इस बात का गवाह था कि वह सोशलिस्ट विचारधारा के थे।  ऐसा स्वाभाविक भी था।  गुजरात के गाँव बिल्मोरा के रमज़ान खान ने बॉलीवुड का महबूब खान बनने के सफर में फिल्म निर्माता और घोडा सप्लायर के अस्तबल में घोड़ों की नाल ठीक करने का काम करने से लेकर फिल्म अलीबाबा चालीस चोर के चालीस चोरो  में से एक चोर की भूमिका की।  उनकी फिल्मों में गरीबी, संघर्ष, शोषण, ज़मींदार, आदि ताकतवर और कमज़ोर चरित्रों का पॉजिटिव चित्रण मिलता है। मेरी जान, दिलावर और ज़रीना जैसी फिल्मों में अभिनय के बाद महबूब खान ने फिल्म अल हिलाल उर्फ़ जजमेंट ऑफ़ अल्लाह (१९३५) से बतौर निर्देशक कदम रखा।  महबूब खान ,नमाज़ी आदमी थे।  लेकिन, उनकी फिल्मों में कभी भी धार्मिक तनाव या थोथे उपदेश नज़र नहीं आये।  उनकी फ़िल्में या तो ठेठ सामाजिक होती थी या फिर रोमांस से भीगी।  उन्होंने जागीरदार, वतन और एक ही रास्ता जैसी लीक से अलग सफल फ़िल्में बनाई।  लेकिन, उन्हें ख़ास सराहना मिली पर्ल एस बक के उपन्यास मदर पर आधारित फिल्म औरत से।  इस फिल्म में उन्होंने एक सूदखोर साहुकार के अत्याचारों से तंग आकर गाँव छोड़ कर चले गए किसान की अकेली औरत के संघर्ष को दिखाया था।  इस फिल्म को सराहना के साथ साथ बड़ी सफलता भी मिली।  लेकिन, महबूब को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली औरत के रीमेक मदर इंडिया (१९५७) से।  इस फिल्म को ऑस्कर  पुरस्कारों में नामांकन मिला।  महबूब को श्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।  उन्होंने म्यूजिकल मनमोहन और जागीरदार बनाई तो ज़मींदार के अत्याचार पर रोटी भी बनाई।  दो  पुरुषों के एक स्त्री से प्रेम की कहानी अंदाज़ समय से काफी पहले की फिल्म थी। इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा को त्रिकोण फ़िल्में बनाने का फार्मूला दिया। हलके फुल्के रोमांस वाली फिल्म अनमोल घड़ी बड़ी हिट फिल्म साबित हुई।  दिलीप  कुमार, नादिरा और निम्मी अभिनीत फिल्म आन देश की पहली टैक्नीकलर फिल्म थी।  महबूब खान एक साफ़ दिल आदमी थे।  राजकपूर के साथ रोमांस के कारण नर्गिस फिल्म आन को बीच रास्ते छोड़ कर चली गई थी, लेकिन, इसके बावजूद महबूब खान ने मदर इंडिया की राधा  नर्गिस को ही बनाया।  उन्होंने ऐतराज़ करने पर दिलीप कुमार को हटा कर सुनील दत्त को बिरजू बना दिया।  लेकिन, दिलीप कुमार का दबाव सहन नहीं किया। यहाँ उल्लेखनीय है कि नर्गिस को तक़दीर फिल्म से नायिका बनाने वाले महबूब खान ही थे। उन्होंने ही फातिमा को नर्गिस नाम दिया था। कैसी विडम्बना है कि लगातार हिट फिल्म देने वाले महबूब खान की आखिरी फिल्म सन ऑफ़ इंडिया (१९६२) फ्लॉप हो गई । इस फिल्म की रिलीज़ के दो साल के अंदर महबूब खान का भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के एक दिन बाद २८ मई १९५७ को  निधन हो गया।  उनकी सौंवी जन्मतिथि पर भारत सरकार के डाक विभाग ने डाक टिकट जारी किया था।  


मधुर भंडारकर की फिल्म में विद्या, कंगना और अनुष्का

पिछले साल रिलीज़ फिल्म कैलेंडर गर्ल्स की बुरी असफलता के बावजूद फिल्मकार मधुर भंडारकर हताश नहीं हैं।  वह पिछले कुछ महीनों से अपनी नई फिल्म के लिए रिसर्च कर रहे हैं और अभिनेत्रियों के चुनाव में लगे हुए थे।  सभी जानते हैं कि मधुर की फिल्मों के महिला किरदार काफी सशक्त होते हैं।  ऐसे किरदारों के लिए उनकी फिल्मों की अभिनेत्रियां भी काफी संवेदनशील होती है।  यह तब ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है, जब फिल्म का विषय विवादित भी हो।  मधुर भंडारकर की अगली फिल्म का विषय १९७५ के आपातकाल के दौर का है।  इस फिल्म का टाइटल 'मैं, इंदु' रख गया है।  फिल्म का विषय राजनीती ज़रूर है।  लेकिन, कथानक का सूत्र एक कवयित्री के हाथों में हैं, जो हकलाती है।  पर उसके बयान काफी प्रभावशाली होते हैं।  मधुर की फिल्म के टाइटल से साफ़ है कि इसमें दो किरदार - एक सूत्रधार 'मैं' और दूसरा 'इंदु' का होना निश्चित है।  मधुर ने इन दोनों किरदारों के इर्द गिर्द कई छोटी घटनाओं और चरित्रों को बुना है।  ज़ाहिर है कि इस फिल्म के महिला किरदारों के लिए मधुर भंडारकर को प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों की आवश्यकता होगी।   इसलिए, जब यह खबर आई कि मधुर भंडारकर की फिल्म में विद्या बालन, कंगना रनौत और अनुष्का शर्मा को लिया गया है तो कोई चौंका नहीं ।  यह अभिनेत्रियां महिला प्रधान फिल्मों में अपना सिक्का जमा चुकी हैं।  विद्या बालन और कंगना रनौत ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीते हैं। मज़बूत किरदारों  को मज़बूत अभिनय प्रतिभा वाली अभिनेत्रियां ही अंजाम दे सकती हैं।  इसलिए, कोई शक नहीं कि 'मैं, इंदु' के लिए विद्या और कंगना के साथ साथ अनुष्का का नाम भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता अभिनेत्री में गिना जाने लगे।


फिल्म बेवॉच में प्रियंका चोपड़ा का "द डार्क नाईट" के जोकर जैसा बड़ा किरदार

​अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने हॉलीवुड में एक तूफान मचा रखा है , हॉलीवुड कई हॉट अभिनेत्रियां फिल्म बेवॉच में किरदार पाने के लिए होड़ में थी पर बाजी मारी प्रियंका चोपड़ा ने।
अभिनेत्री और अंतरराष्ट्रीय आइकन, इस फिल्म में एंटी-हीरो की भूमिका निभाएगी इतना ही नहीं प्रियंका के लिए बेहद ही खास प्रोमोशनल कम्पैन चलाएंगे जो प्रियंका के इर्दगिर्द होगा।
अंदरूनी सूत्रों की माने तो " बेवॉच का पहला पोस्टर जो लॉन्च हुआ उसमे प्रियंका नहीं थी , इसकी एक खास वजह यह है की वे खुद इस फिल्म के लिए सोलो पोस्टर लॉन्च करेंगी जो उनके इस फिल्म का किरदार होगा। प्रोमोशन कम्पैन डार्क नाईट के जोकर यानि की हीथ लेजर की तर्ज पर होगा, मतलब प्रमोशन पूरी स्टारकास्ट के साथ नहीं तो वे अकेले प्रोमशन करेंगी यह कम्पैन मेगा बजट कम्पैन होगा जो इस आइकॉनिक किरदार के इर्दगिर्द होगा।
​सूत्रों के अनुसार " बेवॉच के लिए प्रियंका का अलग से इंट्रोडकशन और प्रोमोशनल कम्पैन होगा। फिल्म के निर्माता प्रियंका के किरदार को डेवेन जोन्स किरदार के सामान अहमियत दे रहे है, इसी लिए फिल्म के निर्माता प्रियंका के हॉलीवुड में बिग डेब्यू को और बड़ा बनाना चाहते है। निर्माता यह वाद कर रहे की डार्क नाईट के जीकर का प्रोमोशनल कम्पैन था उतना ही बड़ा और बिग बजट प्रियंका चोपड़ा का प्रमोशनल कम्पैन होगा।


Friday 27 May 2016

किआरा आडवाणी करीना के स्टाफ के साथ काम करने को लेकर उन्मादित है

किसी भी उभरते अभिनेता के लिए करीना कपूर खान की तारीफ करना स्वाभाविक है। आखिरकार आज वे फिल्मजगत की सबसे प्रतिभाशाली और खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक जो हैं। ऐसी ही एक अभिनेत्री जो उन्हें चाहती है वो है, किआरा आडवाणी। किआरा न केवल करीना की प्रशंसक है बल्कि वो अपनी अगली फिल्म में उनके स्टाफ के साथ काम करने की भी उम्मीद कर रही है। किआरा, जो जल्द ही जॉर्जिया में अब्बास मस्तान की 'मशीन' की शूटिंग शुरू करेगी, करीना के स्टाफ के साथ काम करेगी। करीना की हेयर स्टाइलिस्ट पॉम्पी हंस और उनके मेक उप आर्टिस्ट रितेश नाईक एक महीने लंबे शेड्यूल पर उनके साथ जायेंगे।
पॉम्पी और रितेश से पहले मिल चुकी किआरा इस प्रतिभाशाली टीम के साथ काम शुरू करने के लिए बेताब है। एक सूत्र के अनुसार, इस तिगड़ी ने मिलकर फिल्म में उनपर जँचने वाले स्टाइलिंग के विकल्पों पर चर्चा कर ली है। पॉम्पी और रितेश भी इस प्रतिभावान अदाकारा के साथ काम करने का इंतज़ार कर रहे हैं।
हमें यकीन है कि चूँकि अब किआरा के पास उनपर काम करने के लिए सबसे अच्छी टीम है तो वो स्क्रीन पर बेहद खूबसूरत दिखेंगी।

Thursday 26 May 2016

'तीन' के लिए तीनों ने कुछ नया सीखा

अमिताभ बच्चन, विद्या बालन और नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी अपनी आने वाली फ़िल्म 'तीन' में कुछ नया करते नज़र आएंगे । रिभु दासगुप्ता के निर्देशन में बनी फ़िल्म 'तीन' में, जहां अमिताभ बच्चन ने स्कूटर चलाया और फुटबॉल खेला, वहीं विद्या बालन ने भी अकेले ड्राइविंग की है । 10 जून को रिलीज़ हो रही इस सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्म में अमिताभ बच्चन एक ऐसे दादा के किरदार में नज़र आने वाले हैं, जो स्कूटर से अपनी लापता पोती की खोज कर रहा है । स्कूटर चलाने के अपने अनुभव के बारे में अमिताभ बताते हैं, ''स्कूटर और बाइक मैंने कम ही चलाई हैं । लेकिन जब मुझे पता चला कि इस फ़िल्म में मुझे स्कूटर चलाना है,  तो मैंने कहा कि 'जलसा' में एक स्कूटर भेज दो,  जिस पर मैं प्रैक्टिस कर सकूं ।'' अमिताभ आगे कहते हैं, “बैलेंस के मामले में स्कूटर,  बाइक की तुलना में ज़्यादा चुनौतिपूर्ण है । इसके अलावा बिग बी इस फ़िल्म में फुटबॉल खेलते भी दिखाई देंगे । विद्या बालन इस फ़िल्म में पुलिस अफ़सर की भूमिका में नज़र आने वाली हैं । वह भी फिल्म में कोलकाता की सड़कों पर गाड़ियां दौड़ाते दिखाई देंगी । अपने इस अनुभव के बारे में विद्या कहती हैं, ''वैसे तो मैंने ड्राइविंग की है, लेकिन यह पहली बार है जब मैंने अकेले ड्राइविंग की है.'' फिल्म के लिए विद्या का ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर कौन था ? विद्या बालन  बताती हैं, ''मुझे ड्राइविंग सुजॉय घोष ने सिखाई है ।'' यह फ़िल्म कोलकाता की पृष्ठभूमि में बनी है । फ़िल्म में काम करने वाले अधिकतर कलाकार और क्रू मेम्बेर्स की बंगाली पर अच्छी पकड़ भी है । ऐसे में इस बंगाली माहौल ने नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी को भी बांग्ला सिखा ही दी । फ़िल्म से जुड़े एक क़रीबी सूत्र का कहना है कि सुजॉय, रिभु, बिग बी और विद्या के लिए कोलकाता,  दूसरे घर की तरह है. ऐसे में ये सभी अपनी बातचीत में बंगाली कहावतों और लोकोक्तियों का जमकर इस्तेमाल करते थे । इस तरह से नवाज़ एक दिन के ख़त्म होने तक एक नया वाक्य सीख ही जाते थे । विद्या बालन और अमिताभ बच्चन जैसे 'शिक्षक' पाकर नवाज़ ख़ुश भी बहुत हैं । फ़िल्म में नवाज़ चर्च के पादरी की भूमिका में हैं

बॉलीवुड अभिनेत्रियों के सामने रियल लाइफ किरदारों की चुनौती !

निर्देशक टोनी डिसूज़ा की फिल्म अज़हर  भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन की ज़िन्दगी पर फिल्म है।  फिल्म में अज़हर की क्रिकेटर ज़िन्दगी ही नहीं, निजी ज़िन्दगी का चित्रण भी हुआ है।  मोहम्मद अज़हरुद्दीन का किरदार इमरान हाशमी कर रहे हैं।  उनकी पहली बीवी नौरीन और दूसरी बीवी संगीता बिजलानी के किरदार भी है। इमरान को अज़हर के किरदार के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी है।  नौरीन को बहुत कम लोगों ने देखा है।  प्राची देसाई को अपने अभिनय के ज़रिये ही दर्शकों से नौरीन का परिचय कराना है।  मुसीबत है फिल्म अभिनेत्रियों की।  उन्हें रियल लाइफ किरदार को परदे पर उतारना ही है, उस किरदार का दर्द भी महसूस कराना है।  बेचारी नर्गिस फाखरी की मुसीबत यह है कि संगीता बिजलानी बॉलीवुड की ग्लैमरस अभिनेत्री थी और सलमान खान के साथ रोमांस के कारण दर्शकों से ज़्यादा परिचित भी थी।  नर्गिस फाखरी तो संगीता बिजलानी के ग्लैमर में ही उलझी नज़र आती हैं।
ग्लैमरस इमेज भारी 
रील लाइफ किरदार  करने में दिक्कतें यहीं हैं।  अभिनेत्री की दर्शकों के बीच एक ग्लैमरस इमेज होती  है।  रियल लाइफ गॉसिप भी उनका पीछा नहीं छोड़ती है।  इन से इन अभिनेत्रियों की एक ख़ास इमेज बन जाती है।  इससे पीछा छुड़ाते हुए रील पर रियल लाइफ किरदार को अंजाम देना होता है।  इस लिहाज़ से ओमंग कुमार की फिल्म सरबजीत उल्लेखनीय है।  पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में  मारे गये भारतीय कैदी सरबजीत की बहन दलबीर कौर की ज़िन्दगी पर इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन ने दलबीर और ऋचा चड्डा ने सरबजीत की पत्नी का किरदार किया है।  कितने दर्शक होंगे, जिन्होंने ने दलबीर कौर और सरबजीत की पत्नी की फोटो तक देखी  होगी!  इसलिए, दर्शकों द्वारा इन दोनों चेहरों को रियल लाइफ  समझने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए।  लेकिन, ऐश्वर्या और ऋचा को केवल चेहरा ही नहीं बनना है।  उन्हें उस किरदार के दर्द को भी दर्शकों को महसूस कराना है।  इस के लिए इन अभिनेत्रियों को अपनी अभिनय क्षमता का भी परिचय देना होगा। अपने चरित्रों को रियल की यही कोशिश उनके लिए दिक्कत तलब होगी ।  इसमे परीक्षा निर्देशक ओमंग कुमार की होगी। उन्होंने प्रियंका चोपड़ा जैसी ग्लैमरस अभिनेत्री को महिला मुक्केबाज़ में तब्दील कर दिया था। क्या वह सरबजीत में ऐश्वर्या राय  को दलबीर कौर बना पाएंगे ? इसका जवाब फिल्म के दर्शक दे सकते हैं।
आसान नहीं रियल किरदार 
बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियाँ रील पर रियल लाइफ किरदार कर रही हैं।  रियल लाइफ किरदार जहाँ अभिनेत्री आसान शोहरत देते हैं, वहीँ कड़ी परीक्षा भी लेते हैं।  अपने ग्लैमर के जाल से निकल कर रियल लाइफ किरदार में घुसना आसान जो नहीं होता।  ऋचा चड्डा को ही लीजिये।  वह सरबजीत में सरबजीत की पत्नी के किरदार में हैं तो निर्माता पूजा भट्ट और भूषण कुमार की कौस्तव नारायण नियोगी की फिल्म कैबरे में वह एक कैबरे डांसर के किरदार में नज़र आएँगी।  सूत्रों का कहना है कि कैबरे वास्तव में हेलेन की कहानी है।  हेलेन आज के दर्शकों का भी जाना पहचाना चेहरा है।  लेकिन, यहं ऋचा को हेलेन को परदे पर उतारने के लिए अच्छे अभिनय की जितनी ज़रुरत होगी, उससे कहीं अधिक अच्छी  नृत्य प्रतिभा की ज़रुरत होगी।  क्या ऋचा चड्डा के शरीर में इतना लोचा है, उनके कदमों में इतनी थिरकन है कि वह रील लाइफ हेलन बन सके ?
विद्या बालन : कभी 'गीता' कभी 'मान्यता'!
फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' में सिल्क स्मिता का किरदार निभानेवाली अभिनेत्री विद्या बालन एक बार फिर से चुनौतीपूर्ण भूमिका में नज़र आएँगी। वह मराठी फिल्म एक अलबेला में पुराने ज़माने के हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री गीता बाली की भूमिका  कर रही हैं  । यह फिल्म मशहूर अभिनेता भगवान दादा भगवान आबाजी पालव) को ट्रिब्यूट है ।  फिल्म के एक गीत शोला जो भड़के में गीता बाली बनी विद्या बालन भगवान के साथ डांस करती नज़र आएंगी। गीताबाली बनने के लिए विग्स इस्तेमाल की गई और उस दौर का पहरावा पहनाया गया। खबर है कि विद्या बालन संजय दत्त पर बायोपिक फिल्म में संजय दत्त की वर्तमान पत्नी मान्यता दत्त का किरदार कर सकती हैं।  हालाँकि, इस रोल के लिए राजकुमार हिरानी की पहली पसंद कंगना रनौत है। इसमें कोई शक नहीं कि विद्या बालन सशक्त अभिनेत्री हैं।  लेकिन, एक बिंदास अभिनय करने वाली पचास साठ के दशक की अभिनेत्री गीताबाली और वर्तमान में जानी पहचानी हस्ती मान्यता दत्त का किरदार करना विद्या बालन के लिए आसान नहीं होगा। 
प्रतिष्ठा और पुरस्कार 
रियल लाइफ किरदार अभिनेत्रियों के लिए चुनौती तो होते हैं।  लेकिन, इन्हे करना अभिनेत्री की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला होता है।  द डर्टी पिक्चर में सिल्क स्मिता का रियल लाइफ किरदार करके विद्या बालन ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।  प्रियंका चोपड़ा को मैरी कॉम बन कर कई पुरस्कारों में नॉमिनेशन मिला या उन्हें जीता ।  यही कारण है कि फिल्म अभिनेत्रियों में रियल लाइफ किरदार करने का जज़्बा पैदा हुआ है।  यही कारण है कि सोनम कपूर ने नीरजा में कंधार में आतंकवादियों की गोलाबारी में मारी गई एयर होस्टेस नीरजा भनोट का किरदार करना मंज़ूर किया।  ऐश्वर्या राय बच्चन का दलबीर कौर का किरदार बॉलीवुड एक्ट्रेस का रियल लाइफ करैक्टर की और अगला कदम है।  
यहाँ ६ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही फिल्म सुलतान और २३ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म दंगल का ज़िक्र करना ज़रूरी है।  यह ज़िक्र इसलिए नहीं कि सुल्तान सलमान खान और दंगल आमिर खान की फिल्म है। ज़िक्र इस लिए भी नहीं दोनों फ़िल्में हरियाणवी पहलवानो पर फिल्म है।  दंगल हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट और उसकी कुश्ती लड़ने वाली बेटियों बबिता और गीता फोगट पर फिल्म है। यह दोनों किरदार क्रमशः सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख कर रही हैं। यह दोनों अभिनेत्रियां हिंदी दर्शकों का पहचाना चेहरा नहीं। लेकिन, कठिनाई सुलतान की अनुष्का शर्मा के लिए होगी, जो फिल्म में महिला पहलवान आरिफा का किरदार कर रही हैं।  यह किरदार गीता फोगट से प्रेरित बताया जा रहा है। अब सेक्सी अभिनेत्री अनुष्का कैसे खुद को गीता फोगट के रील लाइफ किरदार में ढाल पाएगी! यह अनुष्का के लिए किसी चुनौती से कम नहीं।     

    

Wednesday 25 May 2016

अभिनेत्री सारिका आगामी फिल्म फेस्टिवल के जूरी की होगी हेड

नब्बे से अधिक फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्री सारिका पांच सदस्यीय भारतीय फीचर फिल्म के इंडियन शोकेस सेक्शन की हेड होंगी।  पिछले कुछ सालो में मराठी और बंगाली फिल्मों को बेस्ट फिल्म अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है । पिछले साल दुलाल सरकार को बेस्ट एक्टर अवार्ड से सम्मानित किया गया है । अभिनेत्री सारिका ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म मंझली दीदी से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की । उन्होंने गीत गाता चल, खुशबू (1975),  जानी दुश्मन (1979),  क्रांति (1981) , सत्ते पे सत्ता (1982),  रज़िया सुल्तान (1983) , राजतिलक (1984) और  परजानिया (२००५) जैसी और भी कई फिल्में की है। दो बार नेशनल अवार्ड विजेता रह चुकी सारिका ने अमिताभ बच्चन स्टारर युद्ध से अपना टेलीविज़न डेब्यू किया था । अब उनकी  अध्यक्षता में ज्यूरी १६ फिल्मों के लिए अवार्ड्स तय करेंगी। प्रतिभाशाली अभिनेत्री सारिका और वितरण डायरेक्टर ​७वे जागरण फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी मेंबर होंगी । पद्म भूषण विजेता जाहनू बरूवा भारत के बेहतरीन असमी फिल्म डायरेक्टर में से एक हैं, जिन्होंने अब तक १० नेशनल अवार्ड विनिंग फ़िल्में ​बनायीं है । जाहनु ने मैंने गांधी को नहीं मारा, मुंबई  कटिंग जैसी कई इंटरनेशनल पुरस्कार जीतने वाली हिंदी फिल्में भी बनाई है । जाहनू बरुआ तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरी की अध्यक्षता करेंगे। यह जूरी ५० लघु फिल्मों में से कुछ बेहतरीन फिल्मों को इंटरनेशनल अवार्ड के लिए चुनेगी ।

जब नर्गिस के सामने गूंगे हो गए सुनील दत्त

सुनील दत्त के लिए नर्गिस के मन में प्रेम पनपा निर्देशक मेहबूब खान की फिल्म मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान।  इस फिल्म में नर्गिस, राजेंद्र कुमार और सुनील दत्त की माँ का किरदार कर रही थी।  फिल्म के एक सीन में खलिहान में रखे अनाज के ढेर पर सूदखोर लाला के आदमी आग लगा देते हैं।  नर्गिस का  बदहवास  किरदार इस आग में घुस जाता है।  इस सीन को फिल्माए जाने के दौरान नर्गिस  सचमुच आग में घिर गई।  जब सेट पर मौजूद कोई भी शख्स नर्गिस को आग से बाहर निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था, सुनील दत्त आग के दरिया में कूद पड़े। फिल्म का रील लाइफ सीन, रियल लाइफ में भी सच साबित हो गया।   बहरहाल, सुनील दत्त नर्गिस को तो बचा लाये, लेकिन खुद बुरी तरह से झुलस गए।  उन्हें तेज़ बुखार हो गया। उस समय नर्गिस ने उनकी तीमारदारी की।  इस दौरान नर्गिस और सुनील दत्त को लगा कि वह एक दूजे के लिए ही बने हैं।  राजकपूर से प्रेम में धोखा खाई नर्गिस ने सुनील दत्त से शादी कर ली और स्टारडम को अलविदा कह दिया।  इसमें कोई शक नहीं कि नर्गिस- सुनील जोड़ी बनाने वाली फिल्म मदर इंडिया थी। लेकिन, सुनील दत्त  तो बहुत पहले से नर्गिस के दीवाने थे।  इसीलिए उन्हें रेडियो सीलोन में आरजे के कार्य के दौरान नर्गिस से इंटरव्यू का मौका मिला तो वह झट तैयार हो गए।  अब यह बात दीगर है कि रेडियो सीलोन को यह प्रोग्राम कैंसिल करना  पड़ा। क्योंकि स्थापित अभिनेत्री नर्गिस का इंटरव्यू लेने गए युवा दत्त के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल सका।  इसके बाद सुनील दत्त बिमल रॉय की फिल्म दो बीघा ज़मीन की शूटिंग के दौरान फिल्म के सेट पर नर्गिस से मिले।  यह एक तरफा प्यार था।  नर्गिस अपने स्टारडम और राजकपूर के साथ फिल्म और रोमांस में व्यस्त थी।  अगर, मदर इंडिया के सेट पर आग नहीं लगती, नर्गिस इसके बीच न फंसती,  सुनील दत्त उन्हें बचाने के प्रयास में खुद न  झुलसते तो पता नहीं इस इकतरफे प्यार का क्या हश्र होता।  सुनील दत्त  की हृदयघात से मृत्य २५ मई २००५ को ७४ साल की उम्र में हो गई थी।  

Tuesday 24 May 2016

जैसे यह रोल मेरे लिए ही लिखा गया था- तुलना बुटालिया

थ्रिलर फिल्म "फ्रेडरिक"से बॉलीवुड में इंट्री कर रही नई अभिनेत्री तुलना बुटालिया।  उनका अभिनय से पहला नाता है।  बिना किसी दूसरे माध्यम का अनुभव किये फिल्म की नायिका बन रही तुलना बुटालिया से चलते चलाते की बातचीत- 
सवाल:आप फिल्मों में कैसे आई और यह मूवी आपको किस तरह मिली ?
तुलना:यह प्लानिंग के तहत नहीं हुआ। पहले भी मुझे दो तीन बार ऑफर आया था मगर मैंने इंकार कर दिया था। लेकिन इस बार जब "फ्रेड्रिक "की पेशकश आई तो मैं ने इस ऑफर को जाने नहीं दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह रोल मेरे लिए ही लिखा गया था। निर्माता मनीष कलारिया और निर्देशक राजेश बुटालिया को मुझ पर पूरा भरोसा था कि मैं अपनी  भूमिका के साथ इंसाफ कर पाऊँगी ।मेरा ऑडिशन हुआ स्क्रीन टेस्ट में मैं पास हो गई। हालाँकि यह स्पष्ट था कि मुझे अभिनय क्षेत्र में गाइडेंस की ज़रूरत थी और निर्देशक ने  मुझे इस मामले में बहुत गाइड किया ।
सवाल:फिल्म के दूसरे कलाकारों और निर्देशक के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
तुलना:मेरा पूरा अनुभव नया था। सब ने मुझे बड़ा उत्साहित किया। निर्देशक हमेशा मेरे साथ रहे उन्होंने ट्रेनिंग दी और गाइड किया। अगर मैं कुछ कर नहीं पा रही थी तो उन्होंने मुझे पूरा मौका दिया और धैर्य बरक़रार रखा.और जब तक मैंने वैसा शॉट नहीं दिया जैसा वह चाहते थे तब तक मुझे प्रयास का अवसर प्रदान किया। उन्होंने मेरी अभिनय क्षमता को निखारने के लिए वर्कशॉप रखे। फिल्म के सेट पर मौजूद तमाम अदाकार खास कर अविनाश ने मेरी बहुत मदद की। मेरा पूरा अनुभव अमेज़िंग था । 
सवाल:एक्शन सीन करने के लिए आपने किस से ट्रेनिंग ली ?

तुलना:ईमानदारी से कहू तो फिल्म के सेट पर मैंने सब कुछ सीखा और इसको लेकर बहुत नर्वस थी। मैं हमेशा से बड़ी ऐक्टिव परसन रही हूँ। पहले मैंने कुछ किक बॉक्सिंग सीखी थी इसलिए मुझे थोड़ा विश्वास था लेकिन फिल्म में खतरनाक एक्शन सीन करना एक अलग ही बात होती है। इसलिए मुझे एक्शन मास्टर विक्की ने ढेर सी चीज़ें सिखाईं। एक्शन वाले सीन करने में काफी समय लगता था ।

राजेंद्र कांडपाल 

Monday 23 May 2016

हिंदी फिल्म "पूरब की आवाज़" की पहली झलक

हिंदी फिल्म "पूरब की आवाज़" की पहली झलक अत्यन्त शानदार तरीके से २० मई २०१६ को गोरेगाव स्तिथ कार्निवाल सिनेमा के अनमोल बैंक्वेट में संपन्न हुआ, साथ ही इसका संगीत विवादित फिल्मकार कमाल राशिद खान (के आर के) द्वारा रिलीज़ किया गया। इस अवसर पर फिल्म से जुड़े सरे कलाकार व तकनिकी सम्भंदित  अलावा डिस्ट्रीब्यूटर व मीडिया के लोग मौजूद थे, जिन्होंने फिल्म के नए दृष्टिकोण के वजह से काफी सराहना की। फिल्म रिलीज़ बय महमूद अली, पेन न कैमरा इंटरनेशनल ऑन ५ अगस्त २०१६।
फिल्म "पूरब की आवाज़" की एक झलक।
फिल्म की कहानी १९४२ की एक देशभक्त क्रन्तिकारी लड़की 'वीरांगना कनकलता' के जीवन पर आधारित है।  कनकलता ने १६ वर्ष की उम्र में २० सितम्बर १९४२ में देश के लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुई। अब तक भगत सिंह, मंगल पांडेय जैसे शहीदों पर कई फिल्म बनी है, पर आसाम की ोस वीरांगना पर यह प्रथम फिल्म है।
फिल्म के निर्माता है लोकनाथ डेका, कथाकार हैं चंद्रा मुदोई, एक्सिक्यूटिव निर्माता जमाल अहमद रो, संगीत डा हितेश बोरुाह, अजय फुकन एवं तपन ककति, नृत्य नबा कुमार दास।   फिल्म के कलाकार हैं, निपुण गोस्वामी, उर्मिला महानता, देबसिस बरठकुर, डॉ तपन शर्मा, मोनीमरा बोरा, रीना बोरा व अन्य।

एल पी के जी फिल्म्स प्रोडक्शन, मशहूर वितरण कम्पनी 'पेन-एन-कैमरा इंटरनेशनल' के महमूद अली के साथ मिलकर लगभग १००० सिनेमा में इसे रिलीज कर रहे हैं, ५ अगस्त २०१६ को यह रिलीज़ होगी। संपूर्ण भारत में मुंबई, दिल्ली-उत्तर प्रदेश, कोलकाता, बिहार, सी पी, सी आई, राजस्थान व उड़ीसा और आसाम में  प्रदर्शित होगी।

Saturday 21 May 2016

हरभजन मान अभिनीत पंजाबी फिल्म 'साडे सीएम साब' का म्यूजिक लांच अनूठे अंदाज में संपन्न

- हरभजन मान की फिल्म 'साडे सीएम साब' के थिरकाने वाले गीत रिलीज हुए
- हरभजन मान अभिनीत फिल्म 'साडे सीएम साब' में होंगे बॉलीवुड प्लेबैक गायिकाओं, सूफी गायकों और खुद हरभजन मान की आवाज में दिलकश गाने
 पंजाबी व हिंदी भाषाओं में अगले शुक्रवार 27 मई को दुनिया भर में रिलीज होने जा रही, यूनिसिस इन्फोसॉल्युशंस सागा म्यूजिक निर्मित और हरभजन मान अभिनीत फिल्म 'साडे सीएम साब' का म्यूजिक लांच बहुत ही स्टायल के साथ गुडग़ांव के किं गडम ऑफ ड्रीम्स में 'शोशा' कार्यक्रम के बीच लांच हुआ। 
पंजाबी फिल्म के म्यूजिक लांच के लिए गुडग़ांव क्यों? इस पर यूनिसिस इन्फोसॉल्युशंस सागा म्यूजिक के एमडी सुमीत सिंह कहते हैं, 'अधिकांश पंजाबी फिल्मों के म्यूजिक लांच प्रोग्राम ज्यादातर चंडीगढ़ में किये जाते हैं, वहीं इस फिल्म के निर्माताओं ने म्यूजिक लांच के लिए गुडग़ांव के 'किंगडम ऑफ ड्रीम्स' को चुना है। आगामी 21 मई को वहां एक शानदार म्यूजिक लांच पार्टी आयोजित की जायेगी। 'साडे सीएम साब' के डायरेक्टर विपिन पराशर ने बताया, 'एनसीआर में म्यूजिक लांच करने के पीछे विचार यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर यह खबर फैल जाये, जैसा कि पहले किसी भी पंजाबी फिल्म के मामले में नहीं हुआ है। आखिरकार, यह फिल्म हिंदी में भी तो आ रही है।'
म्यूजिक लांच पार्टी एक महा आयोजन था, जिसमें सूफी गानों के लिए मशहूर जानी-मानी बॉलीवुड गायिका हर्षदीप कौर ने दिल को छू लेने वाली परफॉर्मेंसेस दीं। हर्षदीप ने 'साडे सीएम साब' में हरभजन मान के साथ एक रोमेंटिक गीत 'मेरे विच तेरी' भी गाया है। हरभजन मान ने भी दर्शकों के मनोरंजन हेतु अपनी लुभावनी आवाज में पहले तो हर्षदीप के साथ 'मेरे विच तेरी' गाया, फिर उन्होंने दोस्ती की थीम पर 'चुप करजा' और अंत में एक आध्यात्मिक सिंगल 'आद सच जुगाड़ सच' गाकर समां बांध दिया।
हरभजन मान ने कहा, 'मुझे भरोसा है कि फिल्म के छह गाने पक्का हिट होंगे। इनमें से कुछ तो डिजिटल एवं सोशल मीडिया पर लांच होने के बाद से ही शानदार रैस्पोंस पा रहे हैं। हर गीत दूसरे गीत से बेहतर लगता है। 'साडे सीएम साब' के लिए उस्ताद राहत फतेह अली खान जैसे महारथी ने अपनी आवाज दी है, तो इसका टाइटल सांग प्रसिद्ध गायक दलेर मेहंदी की आवाज में है। इसमें राहत फतेह अली खान के साथ बॉलीवुड की गायिका मधुश्री भट्टाचार्य ने 'सजना' गीत गाया है।'
एक रोचक तथ्य यह है कि 'साडे सीएम साब' में खलनायक बने देव सिंह गिल पर एक गीत फिल्माया गया है 'शेरां दा राज', वहीं देव सिंह जो दक्षिण भारतीय ब्लॉकबस्टर फिल्मों 'मगाधीरा' एवं 'लिंगा' जैसी फिल्मों में नाम कमा चुके हैं।
'साडे सीएम साब' के डायरेक्टर विपिन पराशर कहते हैं, 'साडे सीएम साब' का पंजाबी वर्जन पंजाब, अन्य उत्तर भारतीय राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में धूम मचायेगा। फिल्म में यूनिवर्सल अपील है जो मनोरंजन के साथ बहुत ही गहरा संदेश देती है। जहां तक इसके संगीत का सवाल है तो यह लोगों का लंबे समय तक याद रहेगा। सीएम साब' के गीतों के पीछे सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अपना योगदान देने वाले सभी कलाकार बहुत ही प्रतिभाशाली और सदाबहार किस्म के हैं। इसके गीत बाबू सिंह मान एवं महान पाकिस्तानी गीतकार एवं शायर एस एम सादिक ने लिखे हैं। संगीत निर्देशन अविशेक मजूमदार का है, जो कई बॉलीवुड फिल्मों में जान फूंक चुके हैं। अन्य संगीत निर्देशक हैं ऋषि-सिद्धार्थ एवं गोल्डकाटर््ज।

'सुल्तान' से बाहर शाहरुख़ खान !

राइटर-डायरेक्टर अली अब्बास ज़फर ने सुल्तान के लिए एक सीन लिखा था, जिसमे सुलतान एक बॉलीवुड सुपर स्टार से मिलने जाता है। अली अब्बास ज़फर सुल्तान के रील लाइफ सुपर स्टार एक्टर के बारे में सोच ही रहे थे कि एक दिन शाहरुख़ खान यशराज स्टूडियो में सलमान खान से मिलने सुल्तान के सेट पर चले आये। उन्हें आया देख कर अली के दिमाग में एक प्लान चमका। उन्होंने सलमान खान के शाहरुख़ खान से मिलने की घटना को कैमराबंद कर लिया। लम्बे समय बाद, दोनों खान किसी फिल्म में एक साथ दिखाई पड़ने थे । लेकिन, अब फिल्म के निर्माताओं ने इस सीन को फिल्म में न रखने का निर्णय लिया है।  उनका यह फैसला दोनों  खानों के बीच किसी मनमुटाव का नतीजा नहीं है।  दरअसल, प्रोडक्शन हाउस ने शाहरुख़ खान के सुल्तान सेट पर पहुँचने और सलमान खान से मिलने को शूट तो कर लिया।  लेकिन, इसके लिए शाहरुख़ खान से लिखित में अनुमति नहीं ली थी।  अब जबकि सुल्तान ईद के मौके पर रिलीज़ हो रही है, शाहरुख़ खान की लिखित अनुमति का अतापता नहीं है।  इसलिएफिल्म के प्रोडक्शन हाउस ने इस सीन को फिल्म में न रखने का फैसला लिया।  अभी यह साफ़ नहीं है कि सुल्तान में कोई सुपर स्टार होगा या नहीं ? अगर होगा तो यह सुपर स्टार कौन अभिनेता होगा ! वैसे सलमान खान कह सकते हैं कि उनकी फिल्म में किसी सुपर स्टार का क्या काम ! 

Friday 20 May 2016

पहला फिल्म्स टुडे ड्रीम अचीवर्स अवार्ड

राजेश श्रीवास्तव ने  विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों को फिल्म्स टुडे ड्रीम अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया। इस इवेंट में फिल्म, टीवी और मीडिया के कई लोगों को अवार्ड दिया गया। भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदीआचार्य प्रमोद कृष्णन ,स्वामी कुमारन और ली फनघुए कॉन्सुलेट जनरल चीन ,मुंबई मुख्य अतिथि थे। एजाज़ खानसुनील पालराजपाल यादवसुरेन्द्र पालब्राईट के योगेश लखानी,एकता जैनटीना घईगिरीश वानखेड़ेदबंग दुनिया के संपादक नीलकंठ पराटकरसन्देश गुजराती पेपर के सतीश सोनीमरयम ज़करियासत्तार दीवानयश टोंकउदित नारायणरणजीतजसवीर कौरशबाब साबरीशारिब तोषीसंजीव दर्शन और कई जानेमाने लोगों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। फिल्म्स टुडे मैगज़ीन ने भी इस साल दस वर्ष पुरे कर लिए।

Thursday 19 May 2016

'फ्यूचर वर्ल्ड' में मिला जोवोविच

रेजिडेंट ईविल सीरीज की फिल्मों की ऐलिस यूक्रेन की एक्ट्रेस मिला जोवोविच इस फ्रैंचाइज़ी की फिल्मों के अलावा भी फ़िल्में करती रही हैं। पहली रेजिडेंट ईविल २००२ में रिलीज़ हुई थी।  उस समय तक मिला ने जूलैंडर की कटिंका के बतौर शोहरत पा ली थी।  अब इस सीरीज की दूसरी फिल्म रिलीज़ होने वाली है।  रेजिडेंट ईविल की फिल्मों से पहले मिला ने रिटर्न टू द ब्लू लैगून, चैपलिन,  डैजड एंड कन्फ्यूज्ड, द फिफ्थ एलिमेंट, आदि फिल्मों से नाम कमा लिया था।  रेजिडेंट ईविल फिल्मों ने मिला को एक्शन ज़ोंबी फिल्मों की ख़ास अभिनेत्री बना दिया।  वह ऐलिस का पर्याय बन गई।  लेकिन, रेजिडेंट फिल्मों में व्यस्त रहने के बावजूद मिला जोवोविच ने पहली रेजिडेंट ईविल से दूसरी रेजिडेंट ईविल : अपोकैलिप्स के बीच नो गुड डीड और यू स्टुपिड मैन, तीसरी ईविल फिल्म एक्सटिंक्शन से पहले अल्ट्रावायलेट, चौथी फिल्म आफ्टरलाइफ से पहले  अ परफेक्ट गेटअवे और द फोर्थ काइंड, रेट्रिबुशन से पहले स्टोन, डर्टी गर्ल, लकी ट्रबल, ब्रिंगिंग अप बॉबी, आदि फ़िल्में तथा रेट्रिबुशन के बाद कैम्बेलिन, सर्वाइवर, अ वारियर टेल और जूलैंडर २ जैसी फ़िल्में की है।  अब जबकि रेजिडेंट ईविल फिल्मों को फाइनल चैप्टर के साथ विराम लगने जा रहा है मिला जोवोविच के पास दूसरी फिल्मों के लिए ज़्यादा समय है।  यही कारण है कि रेजिडेंट ईविल द फाइनल चैप्टर के अगले साल रिलीज़ होने के बावजूद मिला जोवोविच ने जेम्स फ्रांको की नष्ट देश की कहानी फ्यूचर वर्ल्ड में काम करना शुरू कर दिया है।  यह फिल्म फ्रांको की अब तक की फिल्मों से बिलकुल अलग विषय पर है।  इसे ब्रूस थिएरी, जे डेविस और जेरेमी चेउंग ने लिखा है।  फिल्म का निर्देशन ब्रूस चुंग के साथ खुद फ्रांको करेंगे।  जेम्स फ्रांको फिल्म में ख़ास भूमिका भी करेंगे।  फ्यूचर वर्ल्ड कुलीन कुल में पैदा के लड़का भयंकर गर्मी, बीमारी और युद्ध से नष्ट होती सभ्यता में खुद को असमर्थ पा  रहा है।  उसे अपनी बीमार माँ की दवा के लिए वेस्टलैंड की यात्रा करनी है।   उसके साथ उसके बॉडीगार्ड हैं।  आपस में युद्धरत सेनापतियों ने एक खूबसूरत-जीवंत हत्यारी रोबोट पर नियंत्रण पा लिया है।  खबर है कि यह जीवंत रोबोट मिला जोवोविच ही होंगी।  फिल्म में गायक-अभिनेता जॉर्ज लेविस जूनियर फिल्म रैटकैचर का किरदार कर रहे हैं।  वैसे अभी यह साफ़ नहीं हुई है कि  फ्यूचर वर्ल्ड की शूटिंग कब शुरू होगी।

















Wednesday 18 May 2016

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में आम का मौसम

इन दिनों फलों के राजा आम का मौसम छाया हुआ है। ऐसे में गोकुलधाम सोसाइटी वाले आम से कैसे दूर रह सकते है । जी हाँ 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की माधवी भाभी यानि की मिसेज भिड़े अचार और पापड़ तो बेचती ही थी मगर इनदिनों वो आम का व्यापार भी करने वाली है । सोसाइटी वालो के साथ साथ बाहरी लोगो को भी आम बेचेंगी और अपने पति यानि मास्टर भिड़े को बता देना चाहती  है की वो व्यापार करने में निपुण है । अपने इस आम व्यापार पर मिसेज भिड़े यानि सोनालिका जोशी कहती है,"इन दिनों हर तरफ आम का मौसम है तो मैंने सोचा क्यों ना आम बेच कर थोड़ा पैसा कमा लिया जाए । निजी जीवन में भी मुझे आम की पहचान करनी आती है। मेरे सुसराल में आम के खेती होती है । मुझे आम में हापुस खाना बहुत पसंद है उसकी सुगंध से ही मुग्ध हो जाती हूँ ।"  

टर्मिनेटर मूड में नज़र आएंगे बॉबी देओल !

दर्शक बॉबी देओल को भूले नहीं होंगे।  एक्टर धर्मेंद्र के छोटे बेटे और सनी देओल के भाई बॉबी देओल पिछली बार २०१३ में रिलीज़ घर की फिल्म यमला पगला दीवाना २ में धर्मेंद्र और सनी देओल के साथ कॉमेडी करते नज़र आये थे । इसके  बाद से उनकी अभी तक कोई भी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई है।  अब पता चला है कि सनी देओल उनकों हीरो बना कर एक फिल्म का निर्माण करने जा रहे हैं।  सनी का इरादा इस साल बॉबी और अपने बेटे करण को लांच करने का था।  बस यह तय होना था कि पहले  किसकी फिल्म फ्लोर पर जाएगी।  लेकिन, अब फाइनल हो गया है।  बॉबी देओल की फिल्म चंगेज़ पहले फ्लोर पर जाएगी। इस फिल्म का निर्देशन विवेक सिंह चौहान करेंगे। वह सलाम नमस्ते फिल्म में सिद्धार्थ राज आनंद के असिस्टेंट थे। यह एक एक्शन फिल्म होगी।  बॉबी देओल हॉलीवुड के रैम्बो या टर्मिनेटर के बॉलीवुडी अंदाज़ में नज़र आएंगे।  वैसे बॉबी देओल के लिए एक्शन नया नहीं।  उन्हें हिट बनाने वाली फिल्म प्रीटी जिंटा के साथ सोल्जर एक्शन फिल्म ही थी।  रानी मुख़र्जी के साथ फिल्म बिच्छू में भी उनके हावभाव एक्शन हीरो वाले थे।  चंगेज़ में बॉबी की नायिका आमिर खान की फिल्म धोबी घाट की मोनिका डोगरा होंगी।  इस फिल्म की शूटिंग दिल्ली और आसपास के इलाकों में की जाएगी।

पिता और पुत्री के सम्बन्धो पर होगी अश्विनी अय्यर तिवारी की अगली फिल्म

अश्विनी अय्यर तिवारी ने हिंदी फिल्म निल बटे सन्नाटा में अपनी निर्देशकीय प्रतिभा से काफी प्रशंसा बटोरी।  यह उनका डायरेक्टोरियल डेब्यू था। निल बटे सन्नाटा एक माँ और बेटी की कहानी थी। इस फिल्म की समीक्षकों ने खूब प्रसंशा की।  अब अश्विनी अपनी अगली फिल्म पिता और पुत्री के सम्बन्धो पर बनाने जा रही हैं । सूत्र बताते है," अश्विनी की अगली फिल्म होमवर्क नामक किताब से पूरी तरह रूपांतरित की जाएगी। यह फिल्म हिंदी और मलयालम दोनों ही भाषाओं में रिलीज़ की जाएगी।" अपनी फिल्म के बारे में अश्विनी कहती हैं,"मैं अपनी आगामी फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित हूँ। यह एक ऐसी कहानी है जिसके बारे में लोगो को जानना बहुत ज़रूरी है। मैं जब निल बटे सन्नाटा का तमिल संस्करण डायरेक्ट कर रही थी, उसी वक्त मैंने अमला (अभिनेत्री) से इस सब्जेक्ट के बारे में बात की थी और उन्हें यह आईडिया बहुत पसंद आया था।" फिल्म का हिंदी संस्करण अश्विनी द्वारा डायरेक्ट किया जायेगा। इस फिल्म के मलयालम संस्करण में अमला पॉल अभिनय करती नज़र आएँगी। अमला ने फिल्म निल बटे सन्नाटा के तमिल संस्करण में स्वरा भास्कर का किरदार निभाया था। 

बॉलीवुड ने भी खेली है 'बाज़ी' !

एक वेब मॅगज़ीन ने देव आनंद और गीता बाली का चित्र लगा कर लिखा था 'बाज़ी' के पचास साल।  जी हाँ, यह चित्र देव आनंद, कल्पना कार्तिक, गीता बाली, के एन सिंह, जॉनी वॉकर अभिनीत फिल्म 'बाज़ी' का है।  लेकिन, यह फिल्म १९५१ में रिलीज़ हुई थी, इसलिए बाज़ी के पचास साल नहीं ६५  साल हो जाते हैं।  यह फिल्म अभिनेता और निर्देशक गुरु दत्त की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म थी।  गुरु दत्त ने इस फिल्म का सह लेखन किया था।  फिल्म की कथा, पटकथा और संवाद बलराज साहनी के लिखे थे।  बाज़ी बलराज साहनी की कलम से लिखी गई इकलौती फिल्म है।  १९४६ में फिल्म दूर चलें से फिल्म करियर शुरू करने वाले बलराज साहनी को १९५३ में रिलीज़ फिल्म दो बीघा ज़मीन ने संवेदनशील अभिनेता के बतौर स्थापित कर दिया था।  जॉनी वॉकर की यह बतौर अभिनेता पहली फिल्म थी।  वह उस समय बदरुद्दीन जमालुद्दीन क़ाज़ी के नाम से फ़िल्में करने आये थे।  गुरु दत्त ने उन्हें जॉनी वॉकर बना दिया।  बाज़ी अभिनेत्री कल्पना कार्तिक की भी पहली फिल्म थी।  कल्पना कार्तिक ने देव आनंद के साथ कोई पांच फ़िल्में करने के बाद देव आनंद के साथ ही शादी कर घर बसा लिया।  जहाँ तक वेब मॅगज़ीन वाली फिल्म बाज़ी का सवाल है, यह फिल्म १९६८ में रिलीज़ धर्मेंद्र, वहीदा रहमान, महमूद, एन ए अंसारी अभिनीत बाज़ी लगती है। इस एक्शन थ्रिलर फिल्म का निर्देशन मोनी भट्टाचार्जी ने किया था।  इस फिल्म में भी जॉनी वॉकर ने अभिनय किया था।  १६ साल बाद तीसरी बाज़ी रिलीज़ हुई।  यह भी धर्मेंद्र की मुख्य भूमिका वाली फिल्म थी।  पर इस फिल्म में उनका साथ रेखा ने दिया था।  रेखा और धर्मेंद्र ने कोई दर्जन भर फिल्मों में साथ अभिनय किया था। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और रंजीता की जोड़ी भी थी।  इन दोनों ने कोई २० फ़िल्में साथ की थी।  मिथुन-रंजीता रोमांस भी काफी गर्म हुआ था।  बाज़ी (१९८४) के निर्देशक राज एन सिप्पी थे।  फिल्म को साहित्यकार कमलेश्वर ने लिखा था।  कमलेश्वर ने लगभग १९ फिल्मों की कहानी, पटकथा और संवाद लिखे थे।  १९९५ में रिलीज़ चौथी बाज़ आशुतोष गोवारिकर निर्देशित और आमिर खान,  ममता कुलकर्णी और परेश रावल अभिनीत फिल्म थी।



Tuesday 17 May 2016

काजल अग्रवाल का पहला ऑन स्क्रीन किस

काजल अग्रवाल अब स्क्रीन की वर्जिन गर्ल नहीं रह गई।  उनका नो किसिंग सीन प्लीज का जुमला, सिर्फ जुमला रह गया है।  दीपक तिजोरी की रोमांस ड्रामा फिल्म में रणदीप हूडा और काजल अग्रवाल के बीच बेहद रोमांटिक सीन फिल्माया जा रहा था।  मलेशिया में फिल्माए जा रहे इस सीन के दौरान रणदीप हूडा ने यकायक काजल अग्रवाल को बाँहों में खींच कर गहरा चुम्बन अंकित कर दिया।  शायद काजल अग्रवाल को इसका एहसास नहीं था।  इसलिए वह भौंचक सी रह गई।  उन्होंने खुद को तुरंत अलग किया और रणदीप से दूर हट गई।  उन्होंने दीपक तिजोरी से तुरंत इस सीन को काट देने के लिए कहा और अपने मेकअप रूम में चली गई।तब यह किसिंग सीन कैसे  बचा रह गया ? बताते हैं दीपक तिजोरी, "हमें मालूम था कि काजल साउथ की फिल्मों में भी चुम्बन नहीं देती।   वह साउथ की बड़ी स्टार हैं।  हम उनके साउथ करियर को प्रभावित नहीं कर सकते थे।   लेकिन, वह सीन एक इमोशनल क्षण में लिया गया था।  मैं अपने एक्टरों को सीन में इमोशन दिखाने की छूट देता हूँ।  सीन के अनुसार रणदीप का काजल को किस स्वाभाविक था।  तब मैंने काजल को इस सीन और चुम्बन के प्रभाव के बारे में बताया। सब जानने समझने के बाद काजल ने इस सीन को आवेश के साथ फिर से किया।" इस प्रकार से काजल अग्रवाल से नो किस गर्ल का टैग हमेशा के लिए हट गया।   

अभिषेक बच्चन के साथ ज़ंजीर का रीमेक बनाना चाहते थे प्रकाश मेहरा

प्रकाश मेहरा की मृत्यु १७ मई २००९ को हुई थी।  उनके खाते में बिना अमिताभ बच्चन के हसीना मान   जाएगी, मेला, समाधी, एक कुंवारी एक कुंवारा, हाथ की सफाई, खलीफा,  ज्वालामुखी, आदि फ़िल्में दर्ज़ हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ ज़ंजीर, हेरा फेरी, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, नमक हलाल और शराबी जैसी सुपर हिट फ़िल्में दी थी ।  हालाँकि, अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म जादूगर के बाद  प्रकाश मेहरा कोई हिट फिल्म नहीं दे सके।  लेकिन, एक समय उन्होंने ज़ंजीर का रीमेक बनाने का इरादा किया था।  इस रीमेक फिल्म में इंस्पेक्टर विजय का किरदार अभिषेक बच्चन को करना था।  अमिताभ बच्चन उसके पिता अजय बने थे और प्राण को खान साहेब का किरदार करना था।  लेकिन, कुछ कारणों से यह फिल्म ऐलान से आगे नहीं बढ़ सकी।  इसके बाद २०१३ में प्रकाश मेहरा के बेटे अमित मेहरा ने कुछ दूसरे निर्माताओं के साथ  अपूर्व लखिया के निर्देशन में ज़ंजीर को रीमेक किया।  फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी बच्चन, प्राण और अजित वाला किरदार क्रमशः रामचरण तेज, प्रियंका चोपड़ा, संजय दत्त और प्रकाश  राज ने किया।  लेकिन, फिल्म बुरी  तरह से असफल हुई।

Monday 16 May 2016

स्टीवन स्पीलबर्ग ने कहा- फायर हर राइट नाउ !

२१ साल की मेगन डेनिस फॉक्स के लिए ट्रांसफार्मर में काम करना सुनहरे ख्वाबों का सच हो जाने जैसा था।  उस समय तक मेगन वीडियो या टीवी सीरीज में काम कर रही थी।  हालाँकि, उनके नाम के सामने कंफेशंस ऑफ़ टीनएज ड्रामा क्वीन जैसी फिल्म का नाम दर्ज़ था।  लेकिन, ट्रांसफार्मर्स में शिया बेलोउफ जैसा एक्टर काम कर रहा था।  इस मेन-मशीन की टक्कर वाली एक्शन, एडवेंचर विज्ञानं फैंटसी फिल्म ट्रांसफार्मर्स' में मेगन फॉक्स के लिये करने से ज़्यादा दिखाने के पूरे मौके थे।  मेगन ने इसका भरपूर फायदा उठाया।  उन्होंने अपनी सेक्स अपील का ऐसा प्रदर्शन किया कि फिल्म मेन मशीन और वुमन की बन गई।  मेगन फॉक्स १६ साल के लड़कों की सेक्स फैंटसी बन गई।  यह फिल्म ३ जुलाई २००७ को रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म के बाद मेगन ने रिवेंज ऑफ़ द फालेन भी की।  जेनिफर्स बॉडी ने मेगन को स्थापित अभिनेत्री बना दिया।  जोन हेक्स और पैशन प्ले के बाद जब मेगन फॉक्स ट्रांसफार्मर्स सीरीज की तीसरी फिल्म डार्क ऑफ़ द मून की शूटिंग करने गई तो बिलकुल बदली हुई थी।  उनका मानना था कि फिल्म के डायरेक्टर माइकल बे डिक्टेटर जैसा व्यवहार करते हैं।  इसलिए, जब शिया बेलोउफ के साथ फिल्म की शूट के लिए मेगन पहुंची तो उनका  व्यवहार काफी खराब था।  सेट पर लोगों से उन्होंने हाय हेलो तक नहीं की।  मौजूद लोगों का कहना था कि वह हाय हेलो के बजाय थैंक्स यु बोल रही थी।  माइकल बे, जिन्होंने मेगन फॉक्स को इतना बड़ा मौका दिया था, वह उनका अपमान कर रही थी।  जब यह बात फिल्म के निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग को मालूम ही तो उन्होंने नाराज़ी भरे लहज़े में कहा, "फायर हर राइट नाउ। " इसके साथ ही मेगन फॉक्स की जगह रोसी हटिंगटन व्हिटले आ गई। आज मेगन फॉक्स का ३१ वा जन्मदिन है।