Friday 29 April 2016

सनी लियॉन के साथ वन नाईट स्टैंड में तनुज वीरवानी

अपनी अदाकारी और बोल्ड इमेज से बॉलिवुड में धमाल मचाने वाली सनी लियोनी बड़े पर्दे पर छाने के लिए एक बार फिर से तैयार हैं, क्योंकि उनकी आनेवाली फिल्म वन नाइट स्टैंडमें भी हॉट सींस की भरमार है और हमेशा की तरह सनी इस फिल्म में भी हॉट और सेक्सी अवतार में हैं।
सनी लियोन को पर्दे पर बेहद हार्ट और मादकता से भरपूर अवतारों के लिए खास रूप से जाना जाता है। स्वाभाविक रूप से उनकी फिल्म वन नाइट स्टैंडभी इससे अछूती नहीं है, क्योंकि इस फिल्म में भी उन्होंने सभी सीमाओं को हरसंभव लांघने की कोशिश की है। जैस्मीन डिसूजा के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण स्विस एंटरटेनमेंट कंपनी ने किया है, जबकि फिल्म में मुख्य भूमिका में सनी लियोनी एवं नायरा बनर्जी के साथ अपने जमाने की खूबसूरत अभिनेत्री रति अग्निहोत्री के पुत्र तनुज विरानी हैं।
इस फिल्म के दो-दो हिट गीत लव यू सोनियोएवं पुरानी जींसमें सनी के साथ नजर आनेवाले 29 वर्षीय तनुज विरवानी से जब इस फिल्म में सनी के अपोजिट काम करने के फैसले पर उनकी मां रति अग्निहोत्री की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘मैनें ये फिल्म साइन करने से पहले अपनी मम्मी को बताया कि मैं सनी लियोनी के साथ एक फिल्म, जिसका नाम वन नाइट स्टैंडहै, करने जा रहा हूं, तो ये सुनकर उन्हें अच्छा लगा। बस, उन्होंने यही कहा कि देखो बेटा, जब सनी लियोन की फिल्म होती है, तो फिल्म में लोग उन्हें ज्यादा देखना चाहते हैं। आप बस यह देखना कि आपका रोल अच्छा हो। किरदार चाहे छोटा ही सही, लेकिन दमदार होना चाहिए।तनुज ने बताया, ‘मेरी मां पहले दिन सेट पर भी आईं और वे सनी लियोनी से मिली और उन्हें काफी खुशी हुईं।
सनी ने बहुत ही कम समय बहुत ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली है, क्योंकि वह पर्दे पर चुंबन सीन देती हैं, बिकनी पहनती हैं और हॉट सींस देती हैं। लेकिन उन्हें इस बात की शिकायत है कि आखिर उन्हें क्यों केवल मैं बोल्ड दिवाकी श्रेणी में ही घसीटा जाता है। लेकिन क्या वन नाइट स्टैंडकी अवधारणा उचित है? पूछने पर सनी कहती हैं, ‘इंडियन सोसाइटी में भी ऐसा होता है, लेकिन सच बात यह है कि इसे स्वीकार करना इतना आसान नहीं होता। लेकिन, इस बारे में एक जरूर कहूंगी कि इस एक बात से लोगों को उसके चरित्र के बारे में अनुमान नहीं लगा लेना चाहिए। हो सकता है, इसका कारण एक विशेष परिस्थिति हो या किसी का अकेलापन भी हो सकता है।
फिल्म की कहानी के बारे में पूछने पर निर्देशक जैस्मीन डिसूजा कहते हैं, ‘यह फिल्म दो लोगों के बीच गुजरी एक रात की कहानी पर आधारित है, जिसमें दोनों के बीच संबंध बनते हैं और फिर दोनों को प्यार हो जाता है।लेकिन इस अवधारणा के बारे में जैस्मीन डिसूजा कहते हैं, ‘आमतौर पर लोगों की मानसिकता का एक यह है कि जब एक लड़का या पुरुष कुछ गलत भी करे, तो यह उनकी ओर से ठीक है, लेकिन वही गलती अगर महिलाएं करें, तो बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। आखिर, यह कहां का न्याय है? कुछ इसी तथ्य पर बेस्ड है फिल्म वन नाइट स्टैंड।

यह पूछने पर कि आखिर महज 55 दिनों में फिल्म कैसे कंप्लीट हो गई? निर्देशक ने कहा, ‘यह सब आपकी योजना पर निर्भर करता है। जब आप सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से और बेहतर ढंग से कार्यान्वित करते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं होता। मैं क्या और कैसा चाहता था, सब कुछ पहले से तय था, तो चीजें वास्तव में आसानी से होती चली गईं। वैसे, मैं इसके लिए अपनी टीम का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।

मराठी चैनल "माय मराठी” के चीफ एडिटर श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर का स्वर्गवास

नवोदित मराठी चैनल "माय मराठी" के चीफ एडिटर श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर का बुधवार २७ अप्रैल २०१६ को उनके चारकोप स्तिथ निवास स्थान पर स्वर्गवास हो गया, अपने पीछे वे अपनी पत्नी, बेटी, माता पिता और प्रियजनों को छोड़ गए। 'नवाकाल', 'संध्याकाल', 'मुंबई संध्या' जैसे कई अखबारों के साथ पिछले २५ वर्षो से जुड़े रहे श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर जी इस समय "माय मराठी" के चीफ एडिटर थे। चैनल का पूरा परिवार श्री मनोज कोरे, श्री शगुन, श्री आभास व अन्य लोग दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते है।

Thursday 28 April 2016

सेल्फी में व्यस्त दयाबेन और उनकी सहेलियाँ

गोकुलधाम सोसाइटी की दयाबेन, बबिता जी, अंजलि भाभी, माधवी भाभी, रोशन, मिसेज कोमल हांथी सभी ने मन बना लिया है शॉपिंग करने का । जब महिलाएं शॉपिंग का मन बना लेती है तो उन्हें कौन  रोक सकता है । मॉल में शॉपिंग करते करते इन पर चढ़ गया सेल्फी खींचने का खुमार । बस सब ने रंग बिरंगे नकली बाल लगाए और तरह तरह से सेल्फी लेने लगी । सबकी खुशियों पर ग्रहण तब लग गया जब उन्होंने मिस्टर अय्यर को किसी लड़की के साथ इश्क़ करते हुई मॉल में देखा । यह  सब देखकर बबिता जी का दिल टूट गया । दरअसल अय्यर की मदद करने के लिए इस लड़की को अय्यर की जीवन में असित कुमार मोदी लाये है । इस पर दयाबेन का कहना है, " हम सब ने बहुत अलग अलग तरह से मुंह बनकर सेल्फी निकली मगर अय्यर भाई को किसी और लड़की  साथ देखकर हमारे खुशियों खराब हो गई और बबिता जी का दिल टूट गया है ।"

उड़ता पंजाब दिलजीत दोसांझ

दिलजीत दोसांझ की पहचान सिंगर और एक्टर के बतौर है।  वह देश विदेश में अपनी गायिकी के कारण मशहूर हैं।  उन्हें जितनी सफलता बतौर सिंगर मिली, उतनी ही सफलता बतौर एक्टर भी मिली।  दिलजीत पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार माने जाते हैं।  २०११ में दिलजीत दोसांझ ने मुख्य धारा की पंजाबी फिल्मों में एंट्री की।  लेकिन, उनकी फिल्म द लायन ऑफ़ पंजाब से करियर की शुरुआत फ्लॉप हुई।  फिल्म का उनका ट्रैक  लक् २८ कुड़ी दा ज़बरदस्त हिट हुआ।  उनकी दूसरी पंजाबी फिल्म जीहने मेरा दिल लुट्या को अच्छी सफलता मिली।  इस फिल्म में गिप्पी ग्रेवाल और नीरू बाजवा की मुख्य भूमिका थी।  उनकी २०१२ में रिलीज़ फिल्म जट्ट एंड जूलिएट को बड़ी सफलता मिली।  अगले ही साल इसके सीक्वल जट्ट एंड जूलिएट २ को भी ज़बरदस्त सफलता हासिल हुई।  २०१५ में रिलीज़ फंतासी फिल्म सरदारजी भी ज़बरदस्त हिट हुई।  इसी साल उनकी रिलीज़ फिल्म अम्बरसरिया भी सफल हो रही है।  अब उनकी २०१५ की फिल्म सरदारजी का सीक्वल सरदारजी २ रिलीज़ होने जा रही है।  सरदारजी २ या द रीटर्न  ऑफ़ सरदारजी  २४ जून को रिलीज़ होनी जा रही है।  लेकिन, इससे पहले १७ जून को दिलजीत दोसांझ की बतौर नायक पहली फिल्म उड़ता पंजाब रिलीज़ हो जाएगी।  इस फिल्म में उनकी जोड़ीदार करीना कपूर खान है।  ज़ाहिर है कि इस लायन ऑफ़ पंजाब ने ज़बरदस्त छलांग लगाईं है।

शाहरुख़ खान ने क्यों पहले की इम्तियाज़ अली की फिल्म !

शाहरुख़ खान, जब फैन की शूटिंग कर ही रहे थे, उस समय उनसे  दो फिल्मकारों आनंद एल राय और इम्तियाज़ अली ने अपनी अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट के साथ संपर्क किया।  खान को दोनों ही स्क्रिप्ट पसंद आई और उन्होंने दोनों ही फिल्मों  को हां कर दी।  फिर यह खबर आई कि शाहरुख़ खान ने आनंद एल राय को तैयार रहने की हरी झंडी दे दी है ।  अब जबकि, फैन रिलीज़ हो चुकी है। खान रईस के पोस्ट प्रोडक्शन में व्यस्त हैं। ताज़ा खबर यह है कि शाहरुख़ खान ने आनंद एल राय के बजाय इम्तियाज़ अली की फिल्म पहले शूट करने का निर्णय लिया है।  रईस का काम ख़त्म करने के बाद वह इम्तियाज़ अली की फिल्म शुरू कर देंगे।  इसके लिए उन्होंने तारीखें भी दे दी हैं।  आखिर शाहरुख़ खान ने राय के ऊपर अली को क्यों तरजीह दी।  जबकि फिल्मों की सफलता के लिहाज़ से आनंद एल राय का रिकॉर्ड ज़्यादा अच्छा है।  उन्होंने तनु वेड्स मनु, रांझणा और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स जैसी लगातार हिट फ़िल्में दी है।  इस समबन्ध में सूत्र बताते हैं कि इम्तियाज़ अली की स्क्रिप्ट शूटिंग करने के लिहाज़ से बिलकुल तैयार है।  जबकि आनंद एल राय को अभी इस पर काम करना है। इसलिए शाहरुख़ खान ने इम्तियाज़ अली को तारीखें अलॉट कर दी।  अब वह राय की फिल्म अली की फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद करेंगे।  इम्तियाज़ अली की फिल्म परंपरागत रोमांस फिल्म है।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान तीसरी बार अनुष्का शर्मा के नायक बनेंगे।  आनंद एल राय की फिल्म कमोबेश एक प्रयोगात्मक फिल्म है।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान एक बौने व्यक्ति का किरदार करेंगे।  अभी फैन में प्रयोग कर खान अपना हाथ जला बैठे है।  फैन को समीक्षकों की सराहना तो खूब मिली।  पर दर्शक नहीं मिली।  लगातार १०० करोडिया फिल्म दे रहे खान की यह पहली फिल्म है जो बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ नहीं कमा सकी।  इसलिए, स्वाभाविक है कि शाहरुख़ खान राय की फिल्म में बौने का किरदार को प्रयोगात्मक रिस्क न लेते।


Tuesday 26 April 2016

गोपीनाथ मूंदे के किरदार में शरद केलकर

जीटीवी के सीरियल सात फेरे के नाहर सिंह के किरदार से मशहूर हुए शरद केलकर की बॉलीवुड यात्रा भी बड़ी प्रभावशाली रही है। संजयलीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रास लीला :राम लीला में उनका लीला के भाई कांजी भाई ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इस साल प्रदर्शित दो फिल्मों, हिंदी फिल्म रॉकी हैंडसम और तेलुगु फिल्म सरदार गब्बर सिंह में उनका नेगेटिव किरदार बहुत सराहा गया। अब वह एक बायोपिक फिल्म कर रहे हैं।  अपनी आगामी मराठी फिल्म "संघर्ष यात्रा" में  वह केंद्रीय मंत्री रहे गोपीनाथ मुंडे के किरदार  में नजर आएंगे। ​दिलचस्प बात यह है कि यह किरदार निभाने के लिए शरद केलकर  को खुद में शारीरिक रूपसे काफी बदलाव करने पड़े। किरदार के लुक में आने के लिए उन्हें कई घंटे ​मेक अप करने में बीत जाते। ​शरद कहते है " ​मेने पहली बार प्रोस्थेटिक्स मेक अप इस्तेमाल किया है। यह बेहद ही जटिल प्रोसेस है और इसमें ३ घंटो तक का समय लग जाता है। मुझे एक जगह बिना किसी मूवमेंट बैठना होता था और इससे मुझे बहुत नींद आती थी। गर्म तापमान के चलते यह मेरे लिए और भी चैलेंजिंग होगया था, क्यूंकि मुझे मेक अप में और ज्यादा पसीना आता है। यह मेरी परीक्षा जैसे रहा। मेक अप को निकालना और भी मुश्किल और तकलीफ देह होता था, क्यूंकि ग्लू चेहरे  से चिपका हुआ रहता था। शुक्र है की हमारी मेहनत का अच्छा नतीजा रहा। हमारा यह प्रयास बेहद अच्छा रहा।"



Monday 25 April 2016

मधुबाला से प्रेरणा मिली लॉरेन गोटलेब को

लॉरेन गोटलेब ने वेस्ट से इंडिया आकर यहाँ के सिने जगत में एक  डांसर के रूप में अपने करियर की शुरआत की और कड़ी मेहनत करते हुए अपना एक ठोस मुकाम बनाया। शायद इसीलिए दोनों ही इंडस्ट्री के लोग आज उनसे बहुत प्रभावित हैं। मुंबई आने के बाद से ही बॉलीवुड ने उनके टैलेंट को परखते हुए उन्हें हाँथों-हाँथ लिया। लॉरेन ने देखते ही देखते डांसर से अभिनेत्री बनने का सफ़र भी पूरा कर लिया। वह अपने काम के प्रति बेहद सजग और समर्पित अभिनेत्री हैं। इसी के चलते आज तक किसी भी फिल्ममेकर को उनकी आवाज़ की डबिंग किसी और से नहीं करानी पड़ी। भाषा और उच्चारण पर अच्छी पकड़ बना वह खुद ही अपने डायलॉग्स की डबिंग करती हैं, जबकि सभी जानते हैं हिंदुस्तानी भाषा उनके लिए बिलकुल नयी है।वैसे तो लॉरेन शेड्यूल के चलते लगातार व्यस्त ही रहती हैं लेकिन खबर ऐसी आ रही है कि आजकल वह फ़िल्मी दुनिया की एवरग्रीन अभिनेत्री मधुबाला की फिल्में खूब देख रही हैं।वह मधुबाला का काम देख कर बहुत ज़्यादा प्रभावित हुई हैं और उन्होंने उनकी सारी पुरानी फिल्मों का कलेक्शन अपनी एक फ्रेंड की मदद से इकट्ठा कर लिया है।वह मधुबाला की  करिश्माई ख़ूबसूरती और अदाकारी की दीवानी हो गयी हैं। इस पर बात करते हुए लॉरेन ने बताया," मैं मधुबाला जी के बारे में ज़्यादा तो नहीं जानती लेकिन उनके बारे में हमेशा अच्छा ही सुना है।उनको और ज़्यादा जानने के लिए मैंने उनकी सारी मूवीज को कलेक्ट कर लिया है और अब मुझे उनकी फ़िल्म देखने को लत सी हो गयी है।स्क्रीन पर उनकी उपस्तिथि और सौंदर्य गज़ब का दिखता है और मैं उनकी ज़बरदस्त प्रशंसक हो गयी हूँ।"


Saturday 23 April 2016

भजन रत्‍न’’ रिएलिटी शो का ऑडिशन होगा 24 शहरों में

एक बार फिर देश में रिएलिटी शो की धूम मची है। डांस इंडिया डांस, यू थिंक यू कैन डांस के बीच एक नये रिएलिटी शो का आगाज होने जा रहा हैा लेकिन यह रिएलिटी शो बिलकुल अनूठा है।जो भजन पर बेस्‍ड हैा अथ इंटरटेनमेंट के बैनर तले शुरू होने जा रहे इस रिएलिटी शो क नाम रखा गया है भजन रत्‍न । इस रिएलिटी शो के डायरेक्‍टर पंकज नारायण कहते हैं, ‘’ हम पूरे देश से भजन रत्‍न ढूंढ रहे हैं और यह अपनी तरह का पहला रीयालिटी शो है जिसमें नामी गिरामी बॉलीवुड हस्तियों का  समर्थन मिल रहा है। इस रिएलिटी शो का ऑडिशन 28 मई से शुरू होगा जो 9 जुलाई तक चलेगा। मुंबई, दिल्‍ली, चंडीगढ, देहरादून, गुडगांव, नोएडा, पटना, रांची, हैदराबाद आदि 24 शहरों में इसका ऑडिशन होगा। आस्‍था चैनल पर प्रसारित होने वाले भजन रत्‍न रिएलिटी शो को दर्शक 15 जुलाई से देख सकेंगे। यह अपने आप में पहली
तरह का अनूठा रियालिटी शो है जिसमें सभी धर्म के लोग गाएंगे जिसमें सूफी भी शामिल होगा। जो जीतेगा उसे ‘’भजन रत्‍न‘’ के सम्‍मान से नवाजा जाएगा। एक समय था जब लोग हरिओम शरण और अनूप जलोटा के भजनों को सुनकर अपने दिन की शुरुआत करतेथे, समाचार में सुनाई पडता था कि सचिन तेंदुलकर क्रीज पर जाने से पहले हरिओम शरण की भजन सुनते थे जिससे उनकी एकाग्रता बनी रहे। लेकिन नई पीढी बदलते परिवेश में इस परंपरा से दूर सी होती जा रही थी। इसी को ध्‍यान में रखते हुए इस कांसेप्‍ट के जरिए लोगों को उनके जडों से जोडना इसका मकसद है जिससे सर्वधर्म समभाव स्‍थापित किया जा सके। भजन सिंगर अनूप जलोटा, लोकगायक मालिनी अवस्‍थी और कथक डांसर बिरजू महराज इस शो को जज करेंगे। इसका प्रसारण आस्‍था चैनल पर 15 जुलाई से हर शुक्रवार और शनिवार को किया जाएगा। इस शो में बॉलीवुड गायक एश्‍वर्य निगम, टीवी कलाकार रिचा सोनी तथा कथक डांसर आरूषि निशंक भी दिखाई देंगे। गौरतलब है कि देश के इस पहले भजन पर आधारित रियालिटी शो को सफल बनाने के लिए बॉलीवुड के जाने-माने म्‍युजिक डायरेक्‍टर और सिंगर अपना समर्थन देने जुटेंगे।

मुज़फ्फरनगर २०१३ में नजर आएंगे यारियाँ फेम देव शर्मा

२०१४ में प्रदर्शित फिल्म यारियाँ में नील के किरदार से चर्चित हुवे अभिनेता देव शर्मा अब फिल्म मुज्जफ़रनगर २०१३ में मुख्य भूमिका में नजर आयेगे। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में २०१३ हुई सांप्रदायिक दंगे  पुरे दुनियाँ में सुर्खियाँ में आये और स्थानिय सरकार, विपक्षी राजनेताओं, आदि सहित प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था। अब इसी ताने बाने पर निर्माता मनोज कुमार मांडी ने फिल्म मुज़फ़्फ़रनगर २०१३ के जरिये इस दंगों से जुडी कई कहानियो और किरदारों को परदे पर दिखाएँगे। फिल्म में देव शर्मा  मुज्जफ़रनगर के करीब मोरना गाँव के युवक मन्नू का किरदार निभा रहे है फिल्म में देव शर्मा के साथ प्रमुख अभिनेत्री के रूप में दक्षिण भारतीय फिल्मो के अभिनेत्री ऐश्वर्या देवन अपने बॉलीवुड कैरियर की शुरुवात करेंगी। फिल्म में अन्य महत्वपूर्ण किरदारों में एकांश भारद्वाज, अनिल जॉर्ज, मुर्सलीन क़ुरैशीसंदीप बोस, रवि खन्ना और सुनील चितकारा नजर आएँगे। बतौर निर्माता मनोज कुमार मांडी ने, जो मुज़फ्फरनगर के स्थानीय निवासी है और साम्प्रदायिक दंगों को उन्होंने ने बहुत ही करीब से देखा है, पिछले दो वर्षो के रिसर्च के बाद फिल्म की कहानी, संगीत और गाने भी खुद ही तैयार किये है, जिससे फ़िल्म में स्थानीय जुड़ाव एवं स्वाभाविकता बनी रहें।  फिल्म का निर्देशन हरीश कुमार कर रहे है। निर्देशक हरीश कुमार का कहना है,"मुज़फ्फरनगर के दंगों से जुड़ी कई ऐसी कहानियॉं फ़िल्म के जरिये दर्शको तक पहुंचेगी हमने फिल्म में किसी फिक्शन का सहारा नहीं लिया गया पूरी कोशिश फिल्म को एक रियलिस्टिक फिल्म बनाये रखने का है।"
   

फिल्म अज़हर में लारा दत्ता बनी सरकारी वकील

फिल्म फितूर में अपनी दमदार परफॉरमेंस के बाद अभिनेत्री लारा दत्त एक बार फिर फिल्म "अज़हर" में एक अहम किरदार में नज़र आएँगी। इस फिल्म में लारा के के किरदार का नाम मीरा है, जो एक सरकारी वकील है। लारा का किरदार एक ऐसे वकील का हैं, जो निडर और बेबाक है, जो सच्चाई की लड़ाई लड़ती है। लारा इस फिल्म में अज़हरुद्दीन को मैच फिक्ससिंग के आरोप में  दोषी साबित करने में लगी रहती हैं। उनका कहना है,"मेरे लिए यह किरदार बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा है क्योकि यह पूरी तरह फिक्शनल केरेक्टर है।" लारा ने अपने इस किरदार के लिए काफी मेहनत की है। वह अपनी एक दोस्त से मिली जो पेशे से वकील है। उसके साथ कुछ दिन रही, उनके काम करने के तरीके और हर बारीक़ से बारीक़ गतिविधियों को ध्यान से  अनुसरण किया। इस बारे में फिल्म के डायरेक्टर टोनी डिसूज़ा कहते हैं, "लारा दत्ता के लुक, हावभाव इस किरदार के लिए बहुत ही सटीक थे इसीलिए हमने उन्हें इस किरदार के लिए चुना।  लारा ने अपने किरदार को वास्तविक रूप देने के लिए बहुत मेहनत की है।" लारा और टोनी इससे पहले हिंदी फिल्म ब्लू में भी एक दूसरे के साथ काम कर चुके हैं। 


Friday 22 April 2016

'स्पर्श' के कैलेंडर लॉन्चिंग पर भव्य फैशन शो।

"स्पर्श के फैशन फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया" के कैलेंडर लांचिंग पर कई खूबसूरत मॉडलों ने रैंप वाकिंग की, इस अवसर पर बॉलीवुड व समाज के कई गणमान्य लोग उपस्तिथ थे। "स्पर्श" की एम डी सेजल चड्ढा दिल्ली के बाद मुंबई में जुहू स्तिथ होटल सन-एन-सैंड में २१ अप्रैल को अपने कैलेंडर लॉन्चिंग के अवसर पर इस भव्य समारोह का आयोजन किया था। सेजल चड्ढा ने मेहमानों के स्वागत किया, जिसके उपरांत फैशन शो हुआ, व कैलेंडर की लॉन्चिंग की गयी।
इस अवसर पर को मेहमान जैसे गायक अशोक मस्ती सिंह, दिलबाग सिंह, व्यवसायी प्रदीप सोलंकी, यासीर खान, आवेश दहिया, रोहित मेहरा, संजय मुंजाल, संदीप अरोड़ा, विजय गुप्ता, बॉलीवुड से फिल्म मेकर रूपेश राय सिकंद, नेता व अभिनेता अली खान, फिल्म फुकरे से प्रख्यात नवज्योत, सिद्धार्थ सागर, तनुज महाशब्दे, राजेश पूरी, पंकज बैरी, शिवा, शोभिता राणा, अनुष्का एवं कई और हस्तियां मौजूद थी। सईद अफसर अली निज़ामी जो की निजामुद्दीन दरगाह के प्रमुख हैं इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। यह एक बिज़नेस कैलेंडर है जहाँ लोग अपने उत्पादनो को और अपनी योजनाओं को प्रचारित कर सकते हैं। मॉडलों ने हर  महीने का कैलेंडर का पृष्ठ लेकर रैंप पर कैटवाक किया।  

प्रियंका की उपलब्धि से बम बम की टीम में जश्न का माहौल ।

बॉलीवुड की सुपर अदाकारा व भोजपुरी फ़िल्म बम बम बोल रहा है काशी की निर्मात्री प्रियंका चोपड़ा को टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 प्रभावशाली हस्तियों की सूची में शामिल किया है । इस खबर के आते ही बम बम बोल रहा है काशी की पूरी टीम में उत्साह का वातावरण बन गया । फ़िल्म के लेखक निर्देशक संतोष मिश्रा , एसोसिएट प्रोड्यूसर रवि शंकर जायसवाल , सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ , आम्रपाली दुबे , अंतरा बनर्जी , मनोज टाइगर , संजय पांडे , प्रकाश जैस , प्रचारक उदय भगत सहित पूरी टीम ने एक दूसरे को बधाई दी । उल्लेखनीय है की बम बम बोल रहा है काशी के निर्माण के दौरान प्रियंका चोपड़ा की लोकप्रियता में कई उपलब्धियों ने चार चाँद लगा दिया । इस दौरान उन्हे पद्मश्री से तो नवाजा ही गया साथ ही ऑस्कर प्रेजेंटर भी बनी । ऑस्कर प्रेजेंटर बनने वाली प्रियंका पहली बॉलीवुड स्टार है । बहरहाल , प्रियंका की इन उपलब्धियों से बम बम बोल रहा की पुरी टीम में दूना उत्साह आ गया है ।


"एक नया फंडा" का भव्य मुहूर्त

हम सबका कोई न कोई फंडा होता हैं कुछ  कुछ अलग  करने का  अगर नहीं हैं तो आपको ज़िओन फिल्म्स इंटरनेशनल के बैनर तले बनने जा रही हिंदी फीचर फिल्म "'एक नया फंडा" का इंतज़ार करना होगा.  यह एक  कॉमेडी फिल्म हैं. इस फिल्म का भव्य मुहूर्त फिल्मालय स्टूडियो, अँधेरी पश्चिम में हाल ही में संपन्न हुआ. महूरत शॉट के लिए सुनील कस्तुरे ने पवित्र नारियल फोड़ा और विजू खोटे ने क्लैप दिया. निर्माता पी. अभय कुमार और रोबिन गावित की इस फिल्म का लेखन-निर्देशन दीपांजलि विद्यार्थी कर रही हैं. यह उनकी पहली फिल्म है. फिल्म के छायाकार हैं नविन वी. मिश्रा. फिल्म में नवोदित सनी एवं सीमा कदम की मुख्य जोड़ी है. अन्य कलाकार माया जायसवाल, विजू खोटे और रज़्ज़ाक़ खान आदि हैं. इस फिल्म में अलग-अलग मूड के पांच गाने होंगे, जिसके संगीतकार हैं अनुनाद दलवी. मुहूर्त के अवसर अपर शुभकामना देने पप्पू पोलिस्टर, अली खान, आर्यन वैद्य, सुनील कस्तुरे, ओमकार दस मानिकपुरी 'नत्था', कमाल खान, शामी एम. इरफ़ान आदि फिल्म जगत के कलाकार-पत्रकार पधारे. मुहूर्त के बाद फिल्म की एक दिन की शूटिंग भी की गयी. इस फिल्म की स्टार्ट-टू-फिनिश शूटिंग मई-जून  में कोल्हापुर और  मुंबई में की जाएगी.



Thursday 21 April 2016

रॉजर मूर को बांड बनाने वाले गाए हैमिलटन का निधन

जेम्स बांड सीरीज की चार फ़िल्में निर्देशित करने वाले गाए हैमिलटन का निधन हो गया।  वह ९३ साल के थे।  १९५२ में 'द रिंगर' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले गाए हैमिलटन ने साढ़े तीन दशक लम्बे करियर के दौरान २२ फिल्मों का निर्देशन किया।  उन्होंने जेम्स बांड सीरीज की चार फिल्मों गोल्डफिंगर (१९६४), डायमंड्स आर फॉरएवर (१९७१), लिव एंड लेट डाई (१९७३) और द मैन विथ द गोल्डन गन (१९७४)  का निर्देशन किया था। गाए हैमिलटन की पहली दो बांड फ़िल्में गोल्डफिंगर और डायमंड्स आर फॉरएवर सीन कनरी के साथ थी।  लिव एंड लेट डाई से पहली बार रॉजर मूर ने बांड सूट पहना था।  गाए ने रॉजर मूर से साफ़ कहा कि  वह सीन कनरी की नक़ल न करें, बल्कि अपनी मौलिकता बनाये रखें।  गाए हैमिलटन १६  सितम्बर १९२२ को पेरिस में पैदा हुए थे।  उन्होंने अपने फिल्म करियर की शुरुआत १९३८ में क्लैपर बोर्ड बॉय के बतौर की थी।  उन्होंने कैरोल रिड की तीन फिल्मों द फालेन आइडल, द थर्ड मैन और आउटकास्ट ऑफ़ द आइलैंडस में असिस्ट किया।  रिड ने ही गाए को उनकी पहली फिल्म द रिंगर दिलाने में मदद की।  हैमिलटन की शुरूआती फ़िल्में सैन्य कहानियों पर केंद्रित हुआ करती थी। उनकी पहली बिग बजट फिल्म द डेविल्स डिसप्ल थी।  इस फिल्म में किर्क डगलस और बर्ट लैंकेस्टर जैसे बड़े सितारे थे।  हैमिलटन को सुपरमैन: द मूवी (१९७८) के निर्देशन के लिए चुना गया था।  लेकिन, उन दिनों वह टैक्स चोरी के मामले में दोषी पाये जाने के कारण इंग्लैंड में ३० दिनों से ज़्यादा नहीं ठहर सकते थे।  इसलिए उन्हें यह फिल्म छोड़नी पड़ी।  उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म ट्राई दिस वन फॉर साइज थी।  उन्होंने बैटमैन फिल्म को निर्देशित करने से मना कर दिया था।  हैमिलटन ने दो विवाह किये. एक्ट्रेस नाओमी चांस से उनका विवाह असफल रहा।  फिर उन्होंने अल्जीरियन एक्ट्रेस करीमा से किया, जो उनकी बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म आउटकास्ट इन द आइलैंडस की नायिका थी।  अंतिम समय में वह अपने घर मजोरका  स्पेन में रह रहे थे।






Wednesday 20 April 2016

बॉलीवुड में असफल साउथ में सफल !

अनुराग  कश्यप के वासेपुर गैंग्स की सदस्य हुमा कुरेशी साउथ की ओर मार्च  करने की तैयारी में हैं।  वह मलयालम फिल्म वाइट में मम्मूट्टी की नायिका हैं।  मम्मूट्टी इस साल ७ सितम्बर को ६३ साल के हो जायेंगे।  हुमा उनसे ३३ साल छोटी हैं।  इस अनमेल जोड़ी का परदे पर रोमांस अजीब लग सकता है।  लेकिन, यह हुमा कुरेशी के लिए बड़ी शुरुआत हो सकती है।  मलयालम फिल्म वाइट ने उन्हें दक्षिण में पॉपुलर बना दिया है।  उन्हें फिल्म अवार्ड्स में मोटी रकम दे कर बुलाया जा रहा है।  उन्हें कुछ दूसरी साउथ फ़िल्में करने के ऑफर मिले हैं।
हुमा कुरेशी का बॉलीवुड में करियर ख़ास आकार नहीं ले पाया है।  गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से उन्हें जो पॉपुलैरिटी मिली थी, वह उड़ चली है।  बदलापुर में वह नायक वरुण धवन की नायिका तक नहीं थी।  एक्स पास्ट इज़ प्रेजेंट में वह राधिका आप्टे, बिदिता बाग, पिआ बाजपेई, स्वरा भास्कर, अदिति चेंगप्पा और नेहा महाजन के साथ भीड़  का एक हिस्सा बनी नज़र आती हैं।  जो दो तीन फ़िल्में उनके खाते में हैं, वह कुछ ख़ास चर्चित नहीं हो रही।  ऐसे में उन्हें साउथ तो जाना ही था।  
बॉलीवुड में असफल टॉलीवुड में सफल 
साउथ में कई ऎसी एक्ट्रेस हैं, जो बॉलीवुड में सफल नहीं हो सकी तो साउथ की फिल्मों में चली गई।  साउथ ने उन्हें हाथोंहाथ लिया। वह  साउथ की तमिल-तेलुगु भाषा की फिल्मों की बड़ी अभिनेत्री बनी।  सत्तर के दशक तक साउथ की मोटी आँखों और भारी भरकम डीलडौल वाली हिट अभिनेत्रियां हिंदी फिल्मों की नायिका बनने के लिए आती रही।   लेकिन, इसके बाद उलटा चक्र चलने लगा।  फरहीन ने १९९२ में रोनित रॉय के साथ फिल्म जान तेरे नाम से डेब्यू किया था।  हिंदी फिल्म दर्शकों ने फरहीन और रोनित रॉय में जान नहीं देखी।  रोनित टीवी पर चले गए, फरहीन  साउथ की फिल्मों में आ गई।   हालाँकि,  साउथ में भी वह कुछ ख़ास नहीं कर सकी।  निराश फरहीन ने क्रिकेटर मनोज प्रभाकर से शादी कर घर बसा लिया। हिंदी फिल्म निर्माता चंदर सदना की सौतेली बेटी नगमा के करियर की शुरुआत सलमान खान के साथ फिल्म बागी : अ रिबेल फॉर लव (१९९०) से हुई थी। बागी फ्लॉप हुई . नगमा यलगार, बेवफा से वफ़ा, दिलवाले कभी न हारे, धरतीपुत्र, आदि फ्लॉप फिल्मों के साउथ चली गई। वहां उन्हें दक्षिण की स्टार अभिनेत्रियों में शुमार की गई . उनकी सौतेले पिता से बहन ज्योतिका डोली सजा के रखना की असफलता के बाद साउथ की बड़ी एक्ट्रेस बनी. फिल्म दर्द का रिश्ता में सुनील दत्त की ब्लड कैंसर से पीड़ित बेटी का किरदार करने वाली खुशबू ने जानू, तन-बदन, सौतेला पति, मेरी जंग, आदि के बाद दक्षिण का रुख किया और साउथ की फिल्म की सुपर स्टार बनी। सिमरन ने सनम हरजाई, तेरे मेरे सपने, आदि हिंदी फिल्मों में अभिनय के बाद दक्षिण की फिल्मों में भाग्य आजमाया। हिंदी फिल्मों में कुछ ख़ास न कर सकी सिमरन का दक्षिण में सितारा चमक उठा। श्रिया सरन और जेनेलिया डिसूजा ने २००३ में रितेश देशमुख के साथ रोमांटिक फिल्म तुझे मेरी कसम से डेब्यू किया था। फिल्म ख़ास नहीं चली। यहाँ दिलचस्प बात यह है कि श्रिया और जेनेलिया का हिंदी फिल्मों  में करियर ख़ास नहीं रहा . लेकिन दक्षिण में दोनों को बड़ी सफलता मिली। हवा, कोई मिल गया, जागो और आबरा का डबरा की चाइल्ड आर्टिस्ट हंसिका मोटवानी ने हिट फिल्म तेरा सुरूर से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  लेकिन, हंसिका को हिंदी से ज़्यादा तमिल और तेलुगु फिल्मों में सफलता मिली।    
हिंदी में फ्लॉप, साउथ में हिट...बॉलीवुड में वापसी 
बॉलीवुड की कई ऎसी अभिनेत्रियाँ हैं, जो फ्लॉप हुई।  उन्होंने साउथ का रुख किया।  दक्षिण की फिल्मों में उन्हें अच्छी सफलता मिली।  इसके बाद वह एक बार फिर हिंदी फिल्मों में लौटी।  इनमे से कुछ अभिनेत्रियाँ आज की साउथ फिल्मों के टॉप एक्टरों की फिल्म में नायिका बन कर आती हैं।  आइये एक नज़र डालते हैं ऐसी कुछ अभिनेत्रियों पर- 
काजल अग्रवाल- मुंबई में पैदा पंजाबी काजल अग्रवाल ने २००४ में रिलीज़ फिल्म क्यों हो गया न में ऐश्वर्या राय की सहेली का छोटा किरदार किया था। फिल्म बड़ी फ्लॉप  साबित हुई।  फिर काजल को दो तेलुगु फिल्मों लक्ष्मी कल्याणम और चंदामामा ने दक्षिण की फिल्मों में पैर जमाने का मौका दे दिया।  उन्हें रामचरन, अल्लू  अर्जुन,  भारत, आदि के साथ फ़िल्में करने का मौका मिला।  उन्हें सात साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी करने का मौका मिला रोहित रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म सिंघम में अजय देवगन की नायिका के रूप में।  यह फिल्म सुपर हिट साबित हुई।  उनकी दूसरी हिंदी फिल्म स्पेशल २६ भी सुपर हिटी साबित हुई।  
तमन्ना भाटिया- मुंबई की सिन्धी कुड़ी तमन्ना भाटिया के हिंदी फिल्म करियर की विवादित शुरुआत निर्माता सलीम की फिल्म चाँद सा रोशन चेहरा (२००५) से हुई थी। फिल्म बुरी तरह से असफल हुई। उन्होंने भी काजल अग्रवाल की तरह तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी सफलता मिली। काजल अग्रवाल ने भी हिंदी फिल्मों में वापसी की। उनकी वापसी फिल्म साजिद खान निर्देशित और अजय देवगन के साथ हिम्मतवाला थी। लेकिन, यह फिल्म असफल हुई। काजल अग्रवाल की आने वाली फिल्मों में हिंदी सहित तीन भाषाओँ में बनाई जा रही फिल्म अभिनेत्री और बाहुबली पार्ट २ है।  
श्रुति हासन- मशहूर अभिनेता कमल हासन की तमिल फिल्मों के सुपर स्टारों में गिनती होती है। लेकिन, श्रुति हासन ने बतौर नायिका हिंदी फिल्म लक से परदे पर कदम रख।  फिल्म फ्लॉप हुई। दो साल बाद श्रुति हासन का सफल तेलुगु फिल्म डेब्यू हुआ। लेकिन, उनकी दूसरी हिंदी फिल्म दिल तो बच्चा है जी बुरी तरह से फ्लॉप हुई। श्रुति की तमिल-तेलुगु फ़िल्में सफल भी हुई और श्रुति को पुरस्कार भी मिले।  २०१३ में रमैया वस्तावैया और डी डे से श्रुति हासन ने धमाकेदार वापसी की। 
एमी जैक्सन- ब्रिटिश मॉडल एमी जैक्सन की हिंदी फिल्म एक दीवाना था (२०१२) बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी।  लेकिन, साउथ की फिल्मों में एमी के कदम जम गए।  दक्षिण की फिल्मों की सफलता के कारण उन्हें अक्षय कुमार के साथ फिल्म सिंह इज़ ब्लिंग मिली।  इस फिल्म से एमी ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है।  अब वह रजनीकांत के साथ रोबोट के सीक्वल २.० के हिंदी अवतार में नज़र आएंगी।  
साउथ में भारी भरकम अभिनेत्रियां सफल  होती रही हैं। खुशबू और नगमा को दक्षिण की फिल्मों में पैर जमाने के लिए अपने वजन को काफी बढ़ना पड़ा था। उदाहरण है मॉडल से एक्टर बनी  बॉलीवुड एक्ट्रेस  दीपिका पादुकोण, जिनके तमिल फिल्म कोचादईयान में पतले शरीर को साउथ के दर्शकों ने बिलकुल नकार दिया।  हालाँकि इस फिल्म के नायक रजनीकांत थे। इस लिहाज़ से हुमा कुरेशी जिस भारी बदन के कारण हिंदी दर्शकों द्वारा नकार दी गई,  साउथ का दर्शक उन्हें इसी भारी बदन के साथ स्वीकार कर लगा।  आखिर उन्हें अपनी सेक्स अपील ही तो दिखानी है। 

सुसाइड स्क्वॉड की हार्ले क्विन मार्गोट रॉबी

बायोपिक द वुल्फ ऑफ़ वाल स्ट्रीट और कॉमेडी ड्रामा अबाउट टाइम की एक्ट्रेस मार्गोट रॉबी इस साल दो फिल्मों द लीजेंड ऑफ़ टार्ज़न और सुसाइड स्क्वॉड में नज़र आएंगी।  इन फिल्मों में  खास होगी सुपरविलेन  किरदारों वाली फिल्म सुसाइड स्क्वॉड। यह फिल्म डीसी कॉमिक्स के सुपर पावर रखने वाले विलेनों का जमावड़ा है।  फिल्म में मार्गोट रॉबी का हार्ले क्विन का किरदार इस लिहाज़ से ख़ास है कि कभी डी सी कॉमिक्स की किताबों में नज़र नहीं आया।  इसे पहली बार १९९२ में देखा गया बैटमैन एनिमेटेड सीरीज की किताबों में।  यह एक झक्की किरदार  है, जिसके पास सुपर पावर हैं।  वैसे यह मज़ाकिया भी काफी है।  फिल्म 'सुसाइड स्क्वॉड में हार्ले क्विन को बैटमैन सीरीज की फिल्मों के विलेन द जोकर के नज़दीक है।  सुसाइड स्क्वॉड में द जोकर का किरदार जरेड लेटो कर रहे हैं।  अमेरिकी सरकार की गुप्तचर संस्था टास्क फ़ोर्स एक्स कुछ सुपरविलेन कैदियों को आम माफ़ी की शर्त पर खतरनाक ब्लैक ऑप्स मिशन को  पूरा करने के लिए भर्ती करती है। फिल्म के सुपर  पावर रखने वाले अन्य विलेनों में खतरनाक हत्यारे डेड शॉट की भूमिका में विल स्मिथ, सैन्य अधिकारी रिक फ्लैग की भूमिका में जोएल किंनमन, सरकारी अधिकारी अमांडा वालर की  भूमिका में वाइला डेविस, आदि के नाम शामिल हैं। 

अब फिर जापान से गॉडजिला

कोई एक साल पहले जापान के तोहो स्टूडियो ने दैत्याकार छिपकली गॉडजिला पर फिल्म बनाने का ऐलान किया था। तोहो ने ही १९५४ में पहली बार इस दैत्याकार आकृति गॉडजिला को बड़े परदे पर उतारा था।  इसके बाद गॉडजिला ने अमेरिका सहित दुनिया के देशों की स्क्रीन यात्रा की। अब कोई १२ साल बाद तोहो स्टूडियो ने नई गॉडजिला फिल्म बनाये जाने का ऐलान किया। दिसंबर में इस नई फिल्म की एक झलक दिखाई गई। इस फिल्म को गॉडजिला: रेसर्जेंस टाइटल दिया गया। पिछले दिनों २९ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही  इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया गया।  इस ट्रेलर में दैत्याकार हरी छिपकली जापान को नष्ट करने के लिए बेकरार है।  तोहो ने क्लासिक गॉडजिला फिल्म के अलावा २८ अन्य गॉडजिला फ़िल्में बनाई हैं।  तोहो की पिछली फिल्म गॉडजिला फाइनल वार्स २००४ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद तोहो ने गॉडजिला का लाइसेंस अमेरिकी स्टूडियो वार्नर ब्रदर्स को दे दिए।  वार्नर ने  २०१४ में डायरेक्टर गारेथ एडवर्ड्स के निर्देशन में गॉडजिला का रीमेक बनाया।  इस फिल्म ने ५२५ मिलियन  डॉलर का बिज़नेस किया।  २०१४ की गॉडजिला ने जापानी मार्किट से २६ मिलियन डॉलर कमाए।  इसे देखते हुए तोहो ने एक और गॉडजिला फिल्म का  ऐलान कर दिया।  गॉडजिला: रेसर्जेंस का लेखन- निर्देशन हिडेकी आंनो कर रहे हैं।  शिंजी हिगुचि विजुअल इफेक्ट्स का काम देखेंगे। शिंजी ने ही लाइव एक्शन फिल्म अटैक ऑन टाइटन का निर्देशन किया था।  यहाँ दिलचस्प तथ्य यह है कि वार्नर ब्रदर्स और गारेथ एडवर्ड्स सीक्वल फिल्म गॉडजिला २ का निर्माण कर रहे हैं।  यह फिल्म जून २०१८ में रिलीज़ होगी। 

Tuesday 19 April 2016

तापसी के साथ अली के रोमांस का तडका

2016 की फिल्मों में युवा जोड़ियों को लेने की होड़ में लगी है । इसी क्रम में बेबी फेम तापसी पन्नू और अभिनेता अली फैज़ल एक साथ रोमांस करते दिखेंगे । अभिनेता प्रकाश राज फ़िल्म 'तड़का' के साथ निर्देशन क्षेत्र में डेब्यू कर रहे हैं। वह अपनी फिल्म में  इस खूबसूरत और टैलंटेड जोड़ी को निर्देशित करेंगे।यह फिल्म तमिल फ़िल्म 'उन समयाल अरविल' का रीमेक है। फ़िल्म में नाना पाटेकर और श्रेया सरन भी अहम् भूमिकाओं में नज़र आयेंगे। मई के पहले सप्ताह से गोआ में शूट करने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयीं हैं। फ़िल्म का कथानक क्रॉस कनेक्शन पर आधारित है जो पूरी तरह दो अजनबियों के भाग्यों को बदल के रख देता है।इस फ़िल्म की मस्त कॉमेडी फिल्म के किरदारों द्वारा की गयी गलतियों से पैदा होती है। वह गलतियाँ ठीक कर ली जाएँगी या ठीक करने में और कितनी  गलतियाँ होती जायेंगी यह देखा जाना दिलचस्प होगा।  लेकिन जो भी होगा हँसा-हंसा के लोटपोट कर देने वाला होगा। तापसी कहती हैं, " यह जानकार कि प्रकाश सर मुझे डायरेक्ट करेंगे,मैं बेहद एक्साइटेड हूँ।मैंने इससे पहले भी उनके साथ दो तेलुगु फिल्में की है और सेट पर बेहद अच्छा समय बिताया है।शूट के समय उनका एनर्जी लेवल देखते ही बनता है।नाना पाटेकर जी इस फ़िल्म का हिस्सा है और मुझे उनके साथ स्क्रीन साझा करनी है।यह तो सोने पर सुहागा जैसा है।मैंने यह फ़िल्म साउथ में देखी है लेकिन हिंदी ऑडिएंस को ध्यान में रखते हुए इसमें काफी चेंजेस किये गये है।फ़िल्म की शानदार स्टार कास्ट के साथ काम करने को लेकर मैं बेहद रोमांचित हूँ।" अली का कहना है," मैं प्रकाश सर के काम का हमेशा से प्रशंसक रहा हूँ, चाहे वह साउथ में हो या फिर यहां।उनके द्वारा निर्देशित किया जाना किसी भी एडवेंचर से कम नहीं है।यह उन बेहद उम्दा कहानियों में से एक है जो मैंने आज तक की हैं।लगता है कि बिग सक्रीन पर एक बड़ा 'तड़का' लगने वाला है।मेरे साथ फ़िल्म में तापसी, नाना पाटेकर और श्रेया सरन जैसी प्रतिभावान कास्ट है।सब कुछ तैयार है और मैं भी।"

Monday 18 April 2016

राजमौली का भव्य क्रिएशन मेरा भारत महान !

बाहुबली को पूरे देश मे मिली ज़बरदस्त सफलता के बाद इसके निर्देशक एस एस राजमौली बॉलीवुड के दिग्गजों की निगाहों में हैं।  उनके साथ बॉलीवुड का हर बड़ा सितारा फिल्म करना चाहता है।  एक्शन स्टार सनी देओल भी इसके अपवाद नहीं।  एस एस राजमौली ने उनके एक प्रोजेक्ट मेरा भारत महान का क्रिएटिव डायरेक्टर बनना मज़ूर कर लिया है।  मेरा भारत महान एक देशभक्ति की फिल्म है।  फिल्म के नायक सनी देओल ही होंगे।  इस फिल्म की कहानी बाहुबली और बजरंगी भाईजान के लेखक विजयेंद्र प्रसाद हैं।  यह भी कहा जा सकता है कि मेरा भारत महान विजयेंद्र प्रसाद की पहली निर्देशित फिल्म राजन्ना का हिंदी रूपांतरण है।  जून में फ्लोर पर जाने को तैयार इस फिल्म का निर्देशन संभव है कि विजयेंद्र प्रसाद ही मेरा भारत महान का निर्देशन करे।  तो तैयार हो जाये बॉलीवुड फिल्म दर्शक राजमौली की भव्य देशभक्ति फिल्म देखने के लिए। 

एक बार फिर रामगोपाल वर्मा के गैंगस्टर विवेक ओबेरॉय

रक्त चरित्र ( २०१०) के  छह साल बाद रामगोपाल वर्मा और विवेक ओबेरॉय की डायरेक्टर- एक्टर जोड़ी फिर  एक साथ है।  रामगोपाल वर्मा की अगली फिल्म का टाइटल 'राय' रखा गया है।  इस फिल्म में राय की भूमिका विवेक  ओबेरॉय कर रहे हैं। चौदह साल पहले रामगोपाल वर्मा ने ही फिल्म कंपनी के ज़रिये विवेक ओबेरॉय को उभरते गैंगस्टर चंदू के किरदार में पैदा किया था।  राय भी एक गैंगस्टर फिल्म है।  लेकिन, फिल्म के राय के रूप में विवेक ओबेरॉय रामगोपाल वर्मा की दूसरी पसंद थे।  वर्मा का इरादा सुदीप को राय बनाने का था।  लेकिन, कई कारणों से सुदीप फिल्म नहीं कर सके और उनकी जगह विवेक ओबेरॉय फिल्म में आ गए। फिल्म के गैंगस्टर राय के बारे में रामगोपाल वर्मा ट्विटर पर लिखते हैं, "दुनिया के सबसे बड़े पाब्लो एस्कोबार, दाऊद इब्राहिम, अल कपोन, आदि भी राय के सामने कुछ भी नहीं।" चार भाषाओँ कन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही इस फिल्म की तमाम शूटिंग मैंगलोर, बैंगलोर, मुंबई, दुबई और लंदन में की जाएगी।  फिल्म के प्रोडूसर सी आर मनोहर हैं।  राय का फर्स्ट लुक पोस्टर १ मई को जारी होगा।

संता बंता प्राइवेट लिमिटेड में नेहा धूपिया का बिकिनी अवतार

बॉलीवुड की बोल्ड एक्ट्रेस में शुमार नेहा धूपिया बोल्ड  होने का कोई मौका नहीं छोड़ती।  अपनी फिल्म क़यामत सिटी अंडर थ्रेट में नेहा धूपिया ने जेम्स बांड फिल्म की उर्सुला एंड्रेस की तर्ज़ पर समुद्र से निकलते हुए बिकिनी सीन  किया था।  इस सीन ने  नेहा धूपिया को बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस बना दिया था। अब एक बार फिर नेहा धूपिया ने बिकिनी अवतार लिया है।  उनका यह अवतार २२ अप्रैल को रिलीज़ हो रही फिल्म संता बंता प्राइवेट लिमिटिड में देखने को मिलेगा।  दिलचस्प तथ्य यह है कि नेहा धूपिया ने अपने लिए यह बिकिनी फिजी की दर्ज़नो दुकानों को छान कर खरीदी है।  इस फिल्म में नेहा धूपिया को सजीली बिकिनी में देखना कितना फायदेमंद होगा, यह तो संता बंता प्राइवेट लिमिटिड का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ही बताएगा।  लेकिन,  नेहा धूपिया खुद की  खरीदी अपनी बिकिनी पर इतना ज़्यादा पसंद आई कि शूटिंग पूरी होने के बाद इसे खुद के लिए रख लिया। 


  

Sunday 17 April 2016

भंसाली ने किया फिल्म की रिलीज़ की तारिख का ऐलान !

फिल्म निर्माता, निर्देशक, संगीतकार और न जाने क्या क्या संजय लीला भंसाली ने फिलहाल तारीख का ऐलान कर दिया है।  संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म १५ दिसंबर २०१७ को रिलीज़ होगी।  अभी इस फिल्म के लिए स्टार कास्ट और स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है।  केवल इतना ही मालूम  हुआ है कि यह फिल्म संजय लीला भंसाली की अब तक कि फिल्मों में काफी बड़ी होगी।  इस फिल्म में इंडस्ट्री के कई बड़े सितारे काम करते नज़र आएंगे।  भंसाली ने अपने डायरेक्टर करियर की शुरुआत ख़ामोशी द म्यूजिकल में नाना पाटेकर, सलमान खान और मनीषा कोइराला को निर्देशित करते हुए की थी।  हम दिल दे चुके सनम में सलमान खान, अजय देवगन  और ऐश्वर्या राय,  देवदास में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ, ब्लैक में  अमिताभ बच्चन और रानी मुख़र्जी और गुज़ारिश में ह्रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन  जैसी स्टार कास्ट को डायरेक्ट कर चुके संजय लीला भंसाली के लिए बड़े सितारों के साथ फिल्म बनाना बड़ी छोटी बात है।  यहाँ बड़ी बात यह है कि संजय लीला भंसाली ने केवल तारीखों का ऐलान किया है।  यानि भंसाली का ब्लाइंड गेम।  यह उनके अति आत्मविश्वास की तरफ इशारा भी करता हैं।  पिछले साल क्रिसमस वीकेंड से पहले रिलीज़ उनकी फिल्म बाजीराव-मस्तानी ने शाहरुख़ खान, काजोल और वरुण  धवन निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म दिलवाले को बुरी मात दी थी।  इस मात की तिलमिलाहट शाहरुख़ खान को आज भी सालती होगी।  अब देखने वाली बात होगी कि संजय  लीला भंसाली की फिल्म क्या आकार लेती है।  लेकिन, क्या भंसाली की फिल्म को खाली मैदान मिलेगा ? क्या क्रिसमस वीकेंड के खिलाड़ी आमिर खान अपनी फिल्म के साथ हफ्ता छोड़ भागेंगे ? क्या  शाहरुख़ खान इतनी जल्दी हार मान लेंगे ?  इस साल क्रिसमस वीकेंड में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।  इस लिए २०१७ में भी ऐसा ही कोई दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।    

विनोद मेहरा का बेटा भी फिल्मों में

अब एक्टर विनोद मेहरा के बेटे रोहन मेहरा के फिल्म डेब्यू की ख़बरें हैं।  उन्हें निखिल अडवाणी अपनी अगली फिल्म से लांच करेंगे।  निखिल अडवाणी पिछले साल आदित्य पंचोली और ज़रीना वहाब के बेटे सूरज पंचोली और सुनील शेट्टी की बेटी आथिया शेट्टी को फिल्म हीरो से लांच कर चुके हैं।  जहाँ हीरो का निर्माण सलमान खान ने किया था, रोहन मेहरा की फिल्म का निर्माण निखिल अडवाणी के बैनर एमे एंटरटेनमेंट के तहत होगा।  यह सच्ची घटना पर थ्रिलर फिल्म होगी।  लेकिन, इस फिल्म के निर्देशक खुद निखिल नहीं होंगे, बल्कि उनके एक असिस्टेंट द्वारा निर्देशित की जाएगी।  फिल्म की शूटिंग इस साल के अंत में शुरू होगी।  

करीना कपूर ने नहीं की है ‘सदमा’ को न

पिछले दिनों ऐड फिल्मकार लॉयड बैप्टिस्ट ने निर्देशक बालू महेंद्र की फिल्म सदमा के रीमेक का ऐलान किया था । फिल्म में नायिका के किरदार के लिए करीना कपूर को लिया जाना था । इसमें करीना कपूर के साथ रणवीर सिंह के लीड रोल में होने की बात भी सुनने में आ रही थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से यह खबरें आनी शुरू हो गई थी कि करीना कपूर ने सदमा में काम करने से इनकार कर दिया है और करीना कपूर के इंकार करने के बाद  श्रीदेवी और कमल हासन की सुपरहिट हिंदी फिल्म सदमा की रीमेक फिल्म डिब्बे में बंद कर दी गयी है । दरअसल यह खबरें इस लिए उडी कि कथित रूप से करीना कपूर ने साफ़ किया था कि वह सदमा के रीमेक का हिस्सा नहीं है । अब इस फिल्म के प्रवक्ता हिमांशु झुनझुनवाला का लिखित बयान जारी हुआ है कि इस तरह ख़बरें ग़लत हैं। ना तो सदमा फिल्म का रीमेक बंद हुआ है और ना ही करीना कपूर ने इंकार किया है।  इस फिल्म के निर्देशक लॉयड बैप्टिस्ट ने कहा, “सदमा एक बहुत बड़ी फिल्म है । मैं इसके रीमेक के साथ पूरा न्याय करना चाहता हूँ। जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेना चाहता । इस लिए सब कुछ फाइनल हो जाने के बाद पूरा खुलासा कर दिया जायेगा ।“ सदमा का रीमेक हिंदी और इंग्लिश में बनाया जायेगा । इंडस्ट्री के जानेमाने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा इस फिल्म की कास्टिंग करेंगे जिसे सेवन फिल्म्स प्रोडूस कर रही है ।

Saturday 16 April 2016

पुरानी फिल्म अभिनेत्रियां टीवी पर चरित्र नायिका !

टेलीविज़न के परदे पर सितारों की उलटफेर करने में बाज़ी मार गई है निर्माता निवेदिता बासु।  उनके दो गायिका बहनों की कहानी वाले सीरियल 'मेरी आवाज़ ही पहचान है' में हिंदी फिल्मों के कई सितारे हैं।  निवेदिता ने बड़ा उलटफेर यह किया है कि उन्होंने हिंदी फिल्मों की कई पहचानी अभिनेत्रियों के अलावा पाकिस्तानी गायिका और अभिनेत्री सलमा आगा को गायिका नयनतारा की भूमिका दी है।  सलमा आगा ने १९८२ में बीआर चोपड़ा की हिंदी फिल्म 'निकाह' से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  वह एक प्रकार से गायिका अभिनेत्री के बतौर स्थापित हो गई थी।  लेकिन, अपने नाज़ नखरों के चलते और बीआर चोपड़ा जैसे निर्माता से पंगा लेने के कारण उनकी हिंदी फिल्मों से जल्द विदाई हो गई।  उनकी बतौर नायिका आखिरी हिंदी फिल्म गहरा राज़ १९९६ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद वह पाकिस्तान वापस हो गई।  अब उनकी टीवी सीरियल से हिंदुस्तान में वापसी हो रही है तो देखने वाली बात  होगी कि क्या वह हिंदी  फिल्म निर्माताओं को भी प्रभावित करना चाहेंगी ?
इस आवाज़ में इनका अभिनय ही पहचान है
एंड टीवी के शो मेरी आवाज़ ही पहचान है में हिंदी फिल्मों के कई दूसरे नामचीन चेहरेभी हैं।  यह सीरियल दो गायिका बहनों की कहानी है।  बताया जाता है कि सीरियल की कहानी वास्तव में हिंदी फिल्मों की गायिका बहनों लता मंगेशकर और आशा भोंसले की असल जीवन की कहानी है।  इस फिल्म में लता मंगेशकर और आशा भोंसले की बाल भूमिका जन्नत ज़ुबैर और मेहनाज़ मान ने की है।  युवा किरदार अमृता राव और अदिति वासुदेव ने किये हैं।  यह दोनों ही फिल्म अभिनेत्रियां हैं।  अमृता राव ने तो इश्क़ विश्क, मैं हूँ न, एक विवाह ऐसा भी, आदि जैसी कई फिल्मों में नायिका का रोल किया है।  अदिति वासुदेव भी दो हिंदी फ़िल्में दो दूनी चार और सुलेमानी कीड़ा कर चुकी हैं।  प्रौढ़ मंगेशकर बहने दीप्ति नवल और ज़रीना वहाब बनी है। हिंदी फिल्मों के दर्शक इन दोनों ही अभिनेत्रियों को बेहद अच्छी तरह से पहचानते हैं।  ६० से ८० के दशक में इन दोनों अभिनेत्रियों का डंका बजा करता था।  दीप्ति नवल एक बार फिर, चश्मे बद्दूर, अंगूर, साथ साथ, श्रीमान श्रीमती, एक बार चले आओ, कमला, आदि दर्जनों फिल्मों की नायिका रह चुकी हैं।  ज़रीना वहाब चितचोर, घरोंदा, तुम्हारे लिए, सावन को आने दो,  आदि ढेरों फिल्मों में नायिका की भूमिका की थी।  उनके आदित्य पंचोली से बेटे सूरज पंचोली भी एक्टर हैं।  इसी सीरियल में माँ का किरदार करने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी को हिंदी दर्शक १०७९ की फिल्म दादा में एक गैंगस्टर को सुधारने वाली  अंधी बच्ची का किरदार किया था।  उन्होंने कई समानांतर फिल्मोें में नायिका की भूमिका की।  उनकी उल्लेखनीय फिल्मो में रुकमा देवी की हवेली, सूरज का सातवां घोडा, त्रिशग्नि, वंचित और रिहाई थी।  उन्हें वह छोकरी (१९९२) फिल्म में स्पेशल जूरी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
फिर रजनीगंधा की विद्या
विद्या सिन्हा आजकल सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद में सुषमा त्रिपाठी का किरदार कर रही हैं।  काव्यान्जलि, नीम नीम शहद शहद और क़ुबूल है जैसे सीरियलों में ख़ास किरदार कर चुकी विद्या सिन्हा सत्तर और अस्सी के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री थी।  उनके खाते में रजनीगंधा, छोटी सी बात, इंकार, मुक्ति, कर्म, पति पत्नी और वह, मीरा, स्वयंवर, आदि हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं।
तेरह साल बाद शिल्पा
रमेश सिप्पी की फिल्म भ्रष्टाचार से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शिल्पा शिरोडकर का फिल्म करियर किशन कन्हैया, पाप की कमाई, न्याय अन्याय, हम, दिल ही तो है, आँखे, खुदा गवाह, आदि फिल्मों के बावजूद ख़ास नहीं चल सका।  २०१० में रिलीज़ बारूद :द फायर उनकी आखिरी फिल्म थी। गज जमीनी (२०००) के बाद शिल्पा ने अपने परिवार पर ध्यान देना शुरू किया।  कोई १३ साल बाद उन्होंने टीवी की ओर रुख किया।  उनका सीरियल एक मुट्ठी आसमान बहुत सफल रहा।  आजकल वह सिलसिला प्यार का सीरियल मे जानकी तिवारी के वैम्पिश किरदार  में नज़र आ रही है।
फिर टीवी पर ग्रेसी सिंह
एंड टीवी के सीरियल संतोषी माँ में दो पूर्व फिल्म अभिनेत्रियां ग्रेसी सिंह और उपासना सिंह क्रमशः संतोषी माँ और मधु प्रताप मिश्र के अहम किरदार कर रही हैं।  ग्रेसी सिंह के खाते में आमिर खान के साथ लगान, अनिल कपूर के साथ, अजय देवगन के साथ गंगाजल और संजय दत्त के साथ मुन्नाभाई एमएमबीबीएस जैसी हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं। इसके बावजूद २००२ में प्रसारित सीरियल अमानत की डिंकी  का किरदार करके फिल्म अभिनेत्री बनी ग्रेसी सिंह का फिल्म करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल सका। संतोषी माँ में मधु का किरदार करने वाली उपासना सिंह ने १९८६ में राजश्री की फिल्म बाबुल से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी।  उन्होंने मैं गीता, गंगा का वचन, फूलवती, आदि एक्शन फ़िल्में की।  इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में सह भूमिका करने लगी।   आजकल भी वह हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं करती रहती हैं।  अभी वह चाक एन डस्टर फिल्म में मंजीत के किरदार में नज़र आई थी।
बॉलीवुड के अलावा भी हैं टीवी पर
स्टार टीवी के सीरियल दहलीज़ में स्वाधीनता रामकृष्णन का किरदार करने वाली अभिनेत्री त्रिधा चौधुरी का पहला टीवी  सीरियल हैं।  लेकिन वह चार बांगला और तेलुगु फ़िल्में कर चुकी है। नागिन में यामिनी सिंह रहेजा का नेगटिव किरदार करने वाली अभिनेत्री साउथ की फिल्मों की अभिनेत्री हैं।  उनकी लाइफ पर बनी फिल्म नाचे मयूरी से उन्हें पहचान मिली।  उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है।  वह फिल्मों की तरह टीवी सीरियलों में भी काफी पॉपुलर हैं।  टीवी सीरियल तमन्ना में क्रिकेटर धरा का किरदार करने वाली अभिनेत्री अनुजा साठे गोखले मराठी रंगमंच और फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री हैं।  उन्होंने पांच मराठी फ़िल्में की हैं।  बाजीराव मस्तानी फिल्म में अनुज ने भिउबाई का किरदार किया था। अनुज की तरह सीरियल मे आई कम इन मैडम ! में ग्लैमरस और सेक्सी मैडम संजना का किरदार कर रही अभिनेत्री नेहा पेंडसे भी मराठी हैं।  वह कई हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी फ़िल्में कर चुकी है।  नाना पाटेकर की पुरस्कार प्राप्त फिल्म नट सम्राट का नाम भी उनके खाते में दर्ज़ है।  संजना उनका काफी ग्लैमरस रोल है।
यह भी नायिका थी कभी
तमन्ना में धरा की दादी का किरदार केतकी दवे ने किया है।  वह दर्जनों हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं।  ज़ी टीवी के सीरियल काला टीका में जेठी माँ का किरदार कर रही मीता वशिष्ठ ने अस्सी और नब्बे के दशक में कई हिंदी फिल्मों में काम किया।  समान्तर फिल्मों में मीता वशिष्ठ एक नाम हुआ करती थी।  इसी सीरियल में कल्याणी झा का खल किरदार मोना अम्बेगाओंकर ने किया है।  मोना ने नब्बे के दशक की कुछ हिंदी फ़िल्में की हैं। कलर्स के सीरियल कृष्णदासी में कृष्णा दासी तुलसी का मुख्या किरदार करने वाली अभिनेत्री छवि मित्तल ने हिंदी फिल्म एक विवाह ऐसा भी में सह भूमिका और कैसे कहें में मुख्य किरदार किया था।
और अरुणा ईरानी
बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका अरुणा ईरानी अच्छी डांसर होने के कारण हिंदी फिल्मों में डांसर के बतौर ज़्यादा मशहूर हुई।  उन्होंने कई फिल्मों में नायिका और बेटा जैसी फिल्मों में चरित्र नायिका का किरदार किया। महमूद के साथ उनकी कॉमेडी जोड़ी खूब जमी।  वह टीवी सीरियल भी बनाती हैं।  उनके हालिया रिलीज़ सीरियलों में भाग्यलक्ष्मी और सौभाग्यलक्ष्मी है । सौभाग्यलक्ष्मी में वह वसुंधरा प्रजापति का अहम किरदार कर रही हैं।

राजेंद्र कांडपाल 

जब लीड पर छा जाता है साइड एक्टर

कभी हिंदी फिल्मों की नायिका के लिहाज़ से अनहोनी हो जाती है।  जब किसी फिल्म की नायिका पर छा जाती उसकी सह-नायिका और नायक को पस्त कर देता है सह-नायक।  अभी पिछले साल दिसंबर में रिलीज़ संजयलीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी का उदाहरण ही लीजिए।  यह फिल्म राज नर्तकी और बाजीराव की प्रेमिका मस्तानी की प्रेम गाथा थी।  यह दोनों रोल यानि बाजीराव रणवीर सिंह बने थे और उनकी मस्तानी दीपिका पादुकोण थी।  इस रोमांस को घरेलु छौंक दे रही थी काशीबाई।  काशीबाई यानि बाजीराव की धर्मपत्नी और परदे पर इस करैक्टर को करने वाली प्रियंका चोपड़ा ।  दीपिका पादुकोण का रोल अपेक्षाकृत  लम्बा और  महत्वपूर्ण था।  इसके बावजूद छा गई थी प्रियंका चोपड़ा की काशीबाई।  इस रोल के लिए  प्रियंका चोपड़ा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड्स मिला।  हालाँकि, दीपिका पादुकोण भी इन पुरस्कारों में श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई।   लेकिन, उन्हें यह अवार्ड्स बाजीराव मस्तानी की मस्तानी के लिए नहीं, बल्कि पीकू में पीकू की भूमिका के लिए।
ज़ाहिर है कि सपोर्टिंग रोल में भी दीपिका पादुकोण पर प्रियंका चोपड़ा भारी पड़ी थी।  कभी ऐसा हो जाता है, जब हीरो पर साइड हीरो भारी पड़ जाता है।  अपनी फिल्म की लीड को पछाड़ देती है सहयोगी भूमिका।  छा जाते हैं इन भूमिकाओं को करने वाले अभिनेता या अभिनेत्रियां।  दिलचस्प तथ्य यह है कि लीड एक्टर से सपोर्टिंग एक्टर की टक्कर का दर्शक भी खूब मज़ा लेते हैं।  ऐसे दिलचस्प टकराव वाली फिल्म हिट तो होती ही है।
दिलीप कुमार की फिल्मों में टकराव
इस समय याद आ रही है  दिलीप कुमार और उनकी फिल्मों की।  उन्हें ट्रेजेडी किंग कहा जाता था।  वह अपने समय के एक्टर स्टार थे यानि सितारा जो बढ़िया अभिनय भी कर सकता है।  यही दिलीप कुमार कम से कम दो बार अपने सपोर्टिंग एक्टर से मात खा गए।  दिलीप कुमार को पहली बार मात मिली १९५९ में रिलीज़ एस एस वासन की फिल्म पैगाम में राज कुमार से।  इस फिल्म में दोनों कुमारों ने भाई भाई की भूमिका की थी।  उस समय राजकुमार  महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया के शामू के रोल से पहचाने जाते थे।  इसलिए उम्मीद  उम्मीद की जाती थी कि अनुभवी दिलीप कुमार इस  कल के लौंडे को डकार जायेंगे।   लेकिन, हुआ बिलकुल उल्टा। मेथड एक्टर दिलीप कुमार पर लाउड डायलाग उगलने वाले राजकुमार भारी पड़ गए।  दर्शकों के रिएक्शन पर दिलीप कुमार मन मसोस कर रह गए।  पैगाम के नौ साल और पांच साल  बाद, दिलीप कुमार को  फिर मात  मिली फिल्म संघर्ष में संजीव कुमार से।  वाराणसी के पंडों पर इस फिल्म में दिलीप कुमार और संजीव कुमार पंडों के दो समूहों के नेता थे।  फिल्म में कई ऐसे सीन  थे, जिनमे इन दोनों एक्टरों के बीच धुंआधार संवादों का आदान प्रदान हो रहा था।  स्पॉन्टेनियस एक्टर संजीव कुमार उस समय नौनिहाल और अनोखी रात जैसी फिल्मों से अपनी पहचान बना रहे थे।  लेकिन, संघर्ष में दिलीप कुमार को धो डालने के बाद संजीव कुमार ने बॉलीवुड में सनसनी फैला दी।  पैगाम और संघर्ष के बाद दिलीप कुमार ने राजकुमार और  संजीव कुमार के साथ लम्बे समय तक कोई फिल्म नहीं की।  पैगाम के ३२ साल बाद सुभाष घई ने इन दोनों दिग्गजों को फिल्म सौदागर में ईगोइस्ट ठाकुरों का किरदार किया था।  सुभाष घई ने ही १५ साल बाद फिल्म विधाता में दिलीप कुमार और संजीव कुमार को पेश किया।
जब हारा देओलों का नायक
हिंदी फिल्मों के पहले मर्द अभिनेता और ही-मैन के टाइटल से नवाज़े गए धर्मेंद्र और उनके ढाई किलो का हाथ वाले बेटे सनी देओल को भी बलिष्ठ कद काठी के बावजूद मात खानी पड़ी है।  उन्हें यह मात मिली चोपडाओं की फिल्मों के कारण। १९६९ में यश चोपड़ा के निर्देशन में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी आदमी और इंसान।  इस फिल्म में फ़िरोज़ खान ने एक उद्योगपति जेके और धर्मेंद्र ने उनके दोस्त की भूमिका की थी।  धर्मेंद्र फिल्म के नायक थे और फ़िरोज़ खान सह नायक।  लेकिन, यश चोपड़ा ने फिल्म के क्लाइमेक्स में क़ुरबानी दिलवा कर फ़िरोज़ को दर्शकों की सहानुभूति दिलवा कर  धर्मेंद्र के किरदार पर भारी बना दिया।  यश चोपड़ा ने तो १९९३ में अपनी फिल्म डर के खलनायक शाहरुख खान को नायक सनी देओल से पिटवा कर भी नायक  बना दिया था । सनी देओल के मुक्कों की बौछारों के बीच बेबस शाहरुख़ खान दर्शकों के हीरो बन गए। वही सनी देओल काफी छोटी भूमिका के बावजूद दामिनी के नायक ऋषि कपूर पर छा गए।  राजकुमार संतोषी की ३० अप्रैल १९९३ को रिलीज़ फिल्म दामिनी में सनी देओल ने एक शराबी वकील गोविन्द की भूमिका की  थी, जो मीनाक्षी शेषाद्रि को जीत दिलाने के लिए उसके लिए बलात्कार का मुक़दमा लड़ता है।  सनी देओल पूरी फिल्म और ऋषि कपूर पर इस लिए नहीं छाये कि उनकी भूमिका पॉजिटिव लिखी गई थी।  बल्कि, वह अपनी शानदार संवाद अदायगी और संयत अभिनय के कारण छा गए थे।  उनका बोला गया संवाद 'चड्ढा यह ढाई किलो  का हाथ जब किसी पर पड़ता है तो वह उठता नहीं उठ जाता है' दर्शकों को पागल कर देता था।
एक थी मुमताज़
ईरानियन मूल की मुमताज़ ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट और छोटी छोटी भूमिकाओं से भूमिकाओं से की थी।  उन्हें पहलवान दारासिंह की नायिका के बतौर  शोहरत मिली।  मेरे सनम जैसी  फिल्मों में उनकी भूमिकाओं में नेगेटिव शेड थे।  सावन की घटा (१९६६) में नायक मनोज कुमार की नायिका शर्मीला टैगोर थी। मुमताज़ सह नायिका के किरदार में थी। उस समय तक मुमताज़ को दारा सिंह की फिल्मों की हीरोइन मानते हुए ख़ास तवज्जो नहीं मिलती थी।  यह फिल्म एकतरफा प्यार और बलिदान की कहानी थी।   मुमताज़ एक तरफा प्यार करने वाली और बलिदान करने वाली नायिका सलोनी का किरदार कर रही थी। वह अपने प्यार को बचाने के लिए विलेन को अपना शरीर सौंप देती है। इस बलिदान के ज़रिये मुमताज़ उस समय की बड़ी अभिनेत्री शर्मीला टगोर पर छा गई।  बाद में दिलीप कुमार के साथ राम और श्याम करने के बाद वह हिंदी फिल्मों की बड़ी नायिका बन गई।  उन्होंने राजेश खन्ना के साथ आठ रोमांटिक फ़िल्में की थी और यह आठों फ़िल्में प्लैटिनम जुबली फिल्मों में शुमार की गई। 
लीड पर छा गए कुछ दूसरे सपोर्टिंग एक्टर 
मधुर भंडारकर की फिल्म फैशन की नायिका प्रियंका चोपड़ा थी।  मॉडलिंग पर इस फिल्म के तमाम दूसरे किरदारों की तरह सफल  मॉडल शोनाली गुजराल का किरदार कंगना रनौत ने किया था।  छोटी भूमिका के बावजूद प्रियंका के टक्कर में आना आसान नहीं था।   लेकिन, कंगना इस रोल में न केवल उभरी बल्कि सपोर्टिंग एक्ट्रेस का में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने भी कामयाब हुई।  १९७८ की फिल्म मुकद्दर का सिकंदर में अमिताभ बच्चन की नायिका राखी गुलजार थी।  इस फिल्म में रेखा ने एक तवायफ जोहरा बाई का किरदार किया था।  लम्बाई के लिहाज़ से छोटी इस  भूमिका से रेखा फिल्म की नायिका राखी पर छा गई।  उन्हें फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नॉमिनेशन भी मिला।  सुभाष है की फिल्म ताल के नायक अक्षय खन्ना थे और ऐश्वर्या राय नायिका। अनिल कपूर सपोर्टिंग किरदार में होने के बावजूद अक्षय खन्ना पर भारी पड़े।  विशाल  भारद्वाज की फिल्म 'ओमकारा (२००६) के नायक अजय देवगन थे।  फिल्म में सैफ अली खान ने उनके गुर्गे लंगड़ा त्यागी का सहयोगी किरदार किया था।  अपने कुछ नेगेटिव किरदार के कारण सैफ अजय देवगन पर छा गए।  उन्हें इस किरदार के लिए बेस्ट विलेन का फिल्मफेयर अवार्ड मिला।  हेरा फेरी फिल्म में दो हीरो अक्षय कुमार और  सुनील शेट्टी के किरदार पर परेश रावल का बाबूराव गणपतराव का किरदार भारी पड़ा था।  २००२ की संजयलीला भंसाली की फिल्म देवदास में चंद्रमुखी के अपने किरदार से माधुरी दीक्षित फिल्म की पारो ऐश्वर्या राय पर छा गई थी।  उन्हें फिल्मफेयर ने  बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवार्ड से नवाज़ा गया।  यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह है कि  १९५५ की देवदास में चंद्रमुखी का किरदार करने वाली वैजयंतीमाला को भी इसी श्रेणी में पुरस्कृत किया गया था। लेकिन वैजयंतीमाला ने इसे लेने मना कर दिया था।
लीड एक्टर पर कोई सपोर्टिंग एक्टर यूं ही नहीं छा जाता।  ऐसे रोल को लेखक की तवज्जो मिलनी ही चाहिए।  देवदास की चंद्रमुखी वैश्या होने के बावजूद देवदास के दिल के नज़दीक थी।  माधुरी दीक्षित हों या सैफ अली खान या फिल्म शाहरुख़ खान, सभी अपने लेखक की कलम पर सवार अपने  अभिनय का डंका बजा पाने में कामयाब हुए थे।  ज़ाहिर है कि यह सभी सशक्त एक्टर थे।  तभी तो लगभग सभी ने   कोई न कोई अवार्ड ज़रूर जीता।  


राजेंद्र कांडपाल