Wednesday 20 April 2016

बॉलीवुड में असफल साउथ में सफल !

अनुराग  कश्यप के वासेपुर गैंग्स की सदस्य हुमा कुरेशी साउथ की ओर मार्च  करने की तैयारी में हैं।  वह मलयालम फिल्म वाइट में मम्मूट्टी की नायिका हैं।  मम्मूट्टी इस साल ७ सितम्बर को ६३ साल के हो जायेंगे।  हुमा उनसे ३३ साल छोटी हैं।  इस अनमेल जोड़ी का परदे पर रोमांस अजीब लग सकता है।  लेकिन, यह हुमा कुरेशी के लिए बड़ी शुरुआत हो सकती है।  मलयालम फिल्म वाइट ने उन्हें दक्षिण में पॉपुलर बना दिया है।  उन्हें फिल्म अवार्ड्स में मोटी रकम दे कर बुलाया जा रहा है।  उन्हें कुछ दूसरी साउथ फ़िल्में करने के ऑफर मिले हैं।
हुमा कुरेशी का बॉलीवुड में करियर ख़ास आकार नहीं ले पाया है।  गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से उन्हें जो पॉपुलैरिटी मिली थी, वह उड़ चली है।  बदलापुर में वह नायक वरुण धवन की नायिका तक नहीं थी।  एक्स पास्ट इज़ प्रेजेंट में वह राधिका आप्टे, बिदिता बाग, पिआ बाजपेई, स्वरा भास्कर, अदिति चेंगप्पा और नेहा महाजन के साथ भीड़  का एक हिस्सा बनी नज़र आती हैं।  जो दो तीन फ़िल्में उनके खाते में हैं, वह कुछ ख़ास चर्चित नहीं हो रही।  ऐसे में उन्हें साउथ तो जाना ही था।  
बॉलीवुड में असफल टॉलीवुड में सफल 
साउथ में कई ऎसी एक्ट्रेस हैं, जो बॉलीवुड में सफल नहीं हो सकी तो साउथ की फिल्मों में चली गई।  साउथ ने उन्हें हाथोंहाथ लिया। वह  साउथ की तमिल-तेलुगु भाषा की फिल्मों की बड़ी अभिनेत्री बनी।  सत्तर के दशक तक साउथ की मोटी आँखों और भारी भरकम डीलडौल वाली हिट अभिनेत्रियां हिंदी फिल्मों की नायिका बनने के लिए आती रही।   लेकिन, इसके बाद उलटा चक्र चलने लगा।  फरहीन ने १९९२ में रोनित रॉय के साथ फिल्म जान तेरे नाम से डेब्यू किया था।  हिंदी फिल्म दर्शकों ने फरहीन और रोनित रॉय में जान नहीं देखी।  रोनित टीवी पर चले गए, फरहीन  साउथ की फिल्मों में आ गई।   हालाँकि,  साउथ में भी वह कुछ ख़ास नहीं कर सकी।  निराश फरहीन ने क्रिकेटर मनोज प्रभाकर से शादी कर घर बसा लिया। हिंदी फिल्म निर्माता चंदर सदना की सौतेली बेटी नगमा के करियर की शुरुआत सलमान खान के साथ फिल्म बागी : अ रिबेल फॉर लव (१९९०) से हुई थी। बागी फ्लॉप हुई . नगमा यलगार, बेवफा से वफ़ा, दिलवाले कभी न हारे, धरतीपुत्र, आदि फ्लॉप फिल्मों के साउथ चली गई। वहां उन्हें दक्षिण की स्टार अभिनेत्रियों में शुमार की गई . उनकी सौतेले पिता से बहन ज्योतिका डोली सजा के रखना की असफलता के बाद साउथ की बड़ी एक्ट्रेस बनी. फिल्म दर्द का रिश्ता में सुनील दत्त की ब्लड कैंसर से पीड़ित बेटी का किरदार करने वाली खुशबू ने जानू, तन-बदन, सौतेला पति, मेरी जंग, आदि के बाद दक्षिण का रुख किया और साउथ की फिल्म की सुपर स्टार बनी। सिमरन ने सनम हरजाई, तेरे मेरे सपने, आदि हिंदी फिल्मों में अभिनय के बाद दक्षिण की फिल्मों में भाग्य आजमाया। हिंदी फिल्मों में कुछ ख़ास न कर सकी सिमरन का दक्षिण में सितारा चमक उठा। श्रिया सरन और जेनेलिया डिसूजा ने २००३ में रितेश देशमुख के साथ रोमांटिक फिल्म तुझे मेरी कसम से डेब्यू किया था। फिल्म ख़ास नहीं चली। यहाँ दिलचस्प बात यह है कि श्रिया और जेनेलिया का हिंदी फिल्मों  में करियर ख़ास नहीं रहा . लेकिन दक्षिण में दोनों को बड़ी सफलता मिली। हवा, कोई मिल गया, जागो और आबरा का डबरा की चाइल्ड आर्टिस्ट हंसिका मोटवानी ने हिट फिल्म तेरा सुरूर से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  लेकिन, हंसिका को हिंदी से ज़्यादा तमिल और तेलुगु फिल्मों में सफलता मिली।    
हिंदी में फ्लॉप, साउथ में हिट...बॉलीवुड में वापसी 
बॉलीवुड की कई ऎसी अभिनेत्रियाँ हैं, जो फ्लॉप हुई।  उन्होंने साउथ का रुख किया।  दक्षिण की फिल्मों में उन्हें अच्छी सफलता मिली।  इसके बाद वह एक बार फिर हिंदी फिल्मों में लौटी।  इनमे से कुछ अभिनेत्रियाँ आज की साउथ फिल्मों के टॉप एक्टरों की फिल्म में नायिका बन कर आती हैं।  आइये एक नज़र डालते हैं ऐसी कुछ अभिनेत्रियों पर- 
काजल अग्रवाल- मुंबई में पैदा पंजाबी काजल अग्रवाल ने २००४ में रिलीज़ फिल्म क्यों हो गया न में ऐश्वर्या राय की सहेली का छोटा किरदार किया था। फिल्म बड़ी फ्लॉप  साबित हुई।  फिर काजल को दो तेलुगु फिल्मों लक्ष्मी कल्याणम और चंदामामा ने दक्षिण की फिल्मों में पैर जमाने का मौका दे दिया।  उन्हें रामचरन, अल्लू  अर्जुन,  भारत, आदि के साथ फ़िल्में करने का मौका मिला।  उन्हें सात साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी करने का मौका मिला रोहित रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म सिंघम में अजय देवगन की नायिका के रूप में।  यह फिल्म सुपर हिट साबित हुई।  उनकी दूसरी हिंदी फिल्म स्पेशल २६ भी सुपर हिटी साबित हुई।  
तमन्ना भाटिया- मुंबई की सिन्धी कुड़ी तमन्ना भाटिया के हिंदी फिल्म करियर की विवादित शुरुआत निर्माता सलीम की फिल्म चाँद सा रोशन चेहरा (२००५) से हुई थी। फिल्म बुरी तरह से असफल हुई। उन्होंने भी काजल अग्रवाल की तरह तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी सफलता मिली। काजल अग्रवाल ने भी हिंदी फिल्मों में वापसी की। उनकी वापसी फिल्म साजिद खान निर्देशित और अजय देवगन के साथ हिम्मतवाला थी। लेकिन, यह फिल्म असफल हुई। काजल अग्रवाल की आने वाली फिल्मों में हिंदी सहित तीन भाषाओँ में बनाई जा रही फिल्म अभिनेत्री और बाहुबली पार्ट २ है।  
श्रुति हासन- मशहूर अभिनेता कमल हासन की तमिल फिल्मों के सुपर स्टारों में गिनती होती है। लेकिन, श्रुति हासन ने बतौर नायिका हिंदी फिल्म लक से परदे पर कदम रख।  फिल्म फ्लॉप हुई। दो साल बाद श्रुति हासन का सफल तेलुगु फिल्म डेब्यू हुआ। लेकिन, उनकी दूसरी हिंदी फिल्म दिल तो बच्चा है जी बुरी तरह से फ्लॉप हुई। श्रुति की तमिल-तेलुगु फ़िल्में सफल भी हुई और श्रुति को पुरस्कार भी मिले।  २०१३ में रमैया वस्तावैया और डी डे से श्रुति हासन ने धमाकेदार वापसी की। 
एमी जैक्सन- ब्रिटिश मॉडल एमी जैक्सन की हिंदी फिल्म एक दीवाना था (२०१२) बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी।  लेकिन, साउथ की फिल्मों में एमी के कदम जम गए।  दक्षिण की फिल्मों की सफलता के कारण उन्हें अक्षय कुमार के साथ फिल्म सिंह इज़ ब्लिंग मिली।  इस फिल्म से एमी ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है।  अब वह रजनीकांत के साथ रोबोट के सीक्वल २.० के हिंदी अवतार में नज़र आएंगी।  
साउथ में भारी भरकम अभिनेत्रियां सफल  होती रही हैं। खुशबू और नगमा को दक्षिण की फिल्मों में पैर जमाने के लिए अपने वजन को काफी बढ़ना पड़ा था। उदाहरण है मॉडल से एक्टर बनी  बॉलीवुड एक्ट्रेस  दीपिका पादुकोण, जिनके तमिल फिल्म कोचादईयान में पतले शरीर को साउथ के दर्शकों ने बिलकुल नकार दिया।  हालाँकि इस फिल्म के नायक रजनीकांत थे। इस लिहाज़ से हुमा कुरेशी जिस भारी बदन के कारण हिंदी दर्शकों द्वारा नकार दी गई,  साउथ का दर्शक उन्हें इसी भारी बदन के साथ स्वीकार कर लगा।  आखिर उन्हें अपनी सेक्स अपील ही तो दिखानी है। 

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