आदिल हुसैन अपने पुरस्कार के साथ |
भारतीय फिल्म एक्टर आदिल हुसैन को, नार्वे की फिल्म व्हाट विल पीपल से के लिए
श्रेष्ठ अभिनेता का नार्वे का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।
निर्देशक-लेखक इरम हक़ के जीवन से प्रेरित इस
फिल्म की कहानी नॉर्वे में रह रहे एक प्रवासी पाकिस्तानी परिवार की है, जिसकी बेटी दो जीवन जी रही है।
जब वह घर से बाहर होती है तो एक नार्वे की लड़की
की तरह मौजमस्ती कर रही होती है। घर में वह ठेठ पाकिस्तानी लड़की होती है।
उस १६ साल की लड़की की दो दुनिया उस समय टकरा
जाती हैं, जब उसका पिता उसे कमरे में पुरुष मित्र के साथ
देख लेता है।
उसे पाकिस्तान में, उसके रूढ़िवादी संयुक्त परिवार में भेज दिया
जाता है, जहाँ बंधन है, परिवार
की निगाहें हैं।
फिल्म में इस १६ साल की
लड़की के पिता की भूमिका आदिल हुसैन ने की है। आदिल हुसैन को इसी भूमिका के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला
है।
गोलपाड़ा असम के इस अभिनेता को, २०१२ में रिलीज़ हॉलीवुड फिल्म लाइफ ऑफ़ पाइ और
श्रीदेवी की वापसी फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से पहचाना गया।
हालाँकि, वह
उससे पहले तक कमीने, इश्कियां, रिलक्टेंट फ़ण्डामेंटालिस्ट और एजेंट विनोद जैसी
फ़िल्में कर चुके थे।
उन्होंने, अनफ्रीडम, जेड प्लस, मैं
और चार्ल्स, एंग्री इंडियन गॉडेस, मुक्ति भवन, द
वायलिन प्लेयर,
आदि फिल्मों से अपनी पहचान पुख्ता बनाई हैं।
आदिल हुसैन, केवल भारतीय फिल्मों तक सीमित नहीं। उनकी पहचान विदेश में भी है। लाइफ ऑफ़ पाइ और व्हाट विल पीपल से इक्का दुक्का उदाहरण नहीं।
आदिल हुसैन ने अपने पुरस्कार अपने नगर
गोलपाड़ा और असम को समर्पित किया।
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