फिल्म ऐतराज़ के प्रमोशन पर |
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 9 October 2017
अब्बास-मुस्तान के साथ अक्षय कुमार की थ्रिलर
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खबर है,
गर्मागर्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आनंद की फिल्म में शाहरुख़ और जूही चावला
शाहरुख़ खान और जूही चावला फिर एक साथ काम करने जा रहे हैं। वह एक साथ आनंद एल राज की फिल्म में नज़र आएंगे। लेकिन, यह फिल्म में जूही चावला का कैमिया होगा। शाहरुख़ खान फिल्म के नायक हैं। कभी शाहरुख़ खान और जूही चावला की जोड़ी हिट मानी जाती थी। इस जोड़ी ने राजू बन गया जेंटलमैन, डर, कभी हाँ कभी न, राम जाने, यस बॉस, डुप्लीकेट, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, वन टू का फोर, चलते चलते, भूतनाथ, आदि डेढ़ दर्जन फिल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं की हैं। यह दोनों आखिरी बार बॉम्बे टाल्कीज में स्पेशल अपीयरेंस कर रहे थे। शाहरुख़ खान ने जूही चावला के साथ २००४ में प्रोडक्शन कंपनी ड्रीम्ज अनलिमिटेड की स्थापना की थी। बाद में यह कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट में बदल गई। शाहरुख़ खान फिल्म के जूही चावला के साथ हिस्से की शूटिंग पूरी कर ली है।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड की शूटिंग पूरी
अक्षय कुमार की बायोपिक फिल्म गोल की शूटिंग पटियाला में ख़त्म हो गई। अक्षय कुमार ने इसकी सूचना अपने प्रशंसकों को, खुद के प्लेन में सवार होते हुए चित्र के साथ दी। उन्होंने ट्वीट किया, "पटियाला में गोल का एक और शानदार शिड्यूल पूरा हुआ। मुझे, फ्लाइट पकड़ने तक जो प्यार और स्नेह मिला, उसके लिए मैं आभारी हूँ।" गोल्ड भारत के आज़ादी के बाद, १९४८ में लंदन में हुए १४वे ओलंपिक्स में हॉकी का पहला स्वर्ण जीतने की कहानी है। यह गोल्ड बलबीर सिंह की अगुआई में जीता गया था। फिल्म में बलबीर सिंह की भूमिका अक्षय कुमार कर रहे हैं। अमित साध की अहम् भूमिका है। फिल्म का निर्देशन रीमा कागती (हनीमून ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड, तलाश :द आंसर लाइज वीथिन) कर रही हैं। फिल्म का निर्माण रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के बैनर एक्सेल एंटरटेनमेंट के अंतर्गत किया जा रहा है। फिल्म अगले साल स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर रिलीज़ की जाएगी।
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शूटिंग/लोकेशन
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Sunday, 8 October 2017
तीनों खान अभिनेताओं के साथ फ़िल्में करने वाली एक्ट्रेस बनी प्रियंका चोपड़ा
प्रियंका चोपड़ा और आमिर खान एक साथ फिल्म करने जा रहे हैं। यह फिल्म एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा की बायोपिक फिल्म होगी। इस फिल्म का अस्थाई टाइटल सलूट है। फिल्म में आमिर खान ने राकेश शर्मा की भूमिका की है। प्रियंका चोपड़ा फिल्म में राकेश शर्मा की पत्नी का किरदार करेंगी । क्वांटिको के तीसरे सीजन की शूटिंग शुरू करने जा रही प्रियंका चोपड़ा पहली बार आमिर खान के साथ फिल्म करेंगी । ३२ साल की प्रियंका चोपड़ा ने अपने १७ साल लम्बे फिल्म करियर में पचास से ज़्यादा फ़िल्में की हैं। वह अब तक सलमान खान के साथ गॉड तुस्सी ग्रेट हो, मुझसे शादी करोगी और सलाम ए इश्क़ : अ ट्रिब्यूट टू लव, शाहरुख़ खान के साथ डॉन और डॉन २ जैसी फिल्में कर चुकी हैं। आमिर खान के साथ उन्होंने अब तक एक भी फिल्म नहीं की थी। अब सैल्यूट के साथ प्रियंका चोपड़ा भी तीनों खान अभिनेताओं के साथ फ़िल्में करने वाली करीना कपूर खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा की श्रेणी की अभिनेत्रियों में शामिल हो जाएँगी। यह फिल्म अगले साल के आखिर तक फ्लोर पर जाएगी। फिल्म का निर्देशन महेश मथाई करेंगे।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
केदारनाथ में सारा अली खान
अभिषेक कपूर की फिल्म केदारनाथ में सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान एक हिन्दू पुजारी की बेटी का किरदार कर रही हैं। इस लड़की को केदारनाथ की बाढ़ में फंस जाने के बाद एक मुस्लिम पिट्ठू बचाता है। इसके बाद दोनों में मोहब्बत हो जाती हैं। फिल्म में मुस्लिम पिट्ठू का किरदार सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग केदारनाथ धाम में हुई है। यह पहली फिल्म है, जिसकी शूटिंग केदारनाथ की दुर्गम पहाड़ियों पर हुई है। फिल्म का निर्देशन अभिषेक कपूर का है। पेश है इस फिल्म का फर्स्ट लुक।
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शूटिंग/लोकेशन
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्यों नहीं कहा जाये १०० करोड़ क्लब की नायिका ?
जब तक यह लेख
छपेगा, वरुण धवन की फिल्म जुड़वा २ सौ करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी होगी। जुड़वा २ वरुण धवन की बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़
बिज़नस करने वाली चौथी फिल्म होगी। वरुण
धवन की सौ करोडिया फिल्मों में एबीसीडी २, दिलवाले और बद्रीनाथ की दुल्हनिया के नाम शामिल हैं। वरुण धवन की सौ करोड़ का बिज़नस करने वाली एक
फिल्म दिलवाले में शाहरुख़ खान भी हैं। तब
दिलवाले को वरुण धवन की फिल्म क्यों कहा जाता है।
अगर, केवल एक एक्टर के नाते दिलवाले वरुण धवन
की सौ करोड़ का बिज़नस करने वाली फिल्म कही जा सकती है, तो जुड़वा को जैक्विलिन फर्नांडिस और तापसी पन्नू की सौ करोड़ कमाने
वाली फिल्म क्यों नहीं कही जा सकती है।
जिस प्रकार से दर्शक वरुण धवन के कारण दिलवाले को देखने गए, वैसे ही जुड़वा २ देखने वालों में
जैक्विलिन और तापसी के नाम पर फिल्म देखने वाले दर्शक भी शामिल थे।
सिर्फ ग्लैमर
के लिए ही नहीं
किसी भी हिट
फिल्म में हीरोइन रखी ही इसी लिए जाती है कि दर्शकों के बीच उसकी प्रतिष्ठा है।
फिल्म में ग्लैमर और सेक्स अपील भरने का काम फिल्म की नायिका ही करती हैं। वह दर्शकों के तनाव को कम करने का जरिया भी
है। दर्शक उसे परदे पर देखना ही इसी लिए
चाहते हैं। वरुण धवन की फिल्म एबीसीडी २
में वरुण धवन की नायिका श्रद्धा कपूर थी।
दिलवाले में उनकी नायिका कृति सेनन थी और शाहरुख़ खान की नायिका काजोल
थी। बद्रीनाथ की दुल्हनिया में आलिया भट्ट
थी। इन फिल्मों में नायिका ग्लैमर बिखेरने
का काम तो कर ही रही थी,
फिल्म की
कहानी का काफी दारोमदार नायिका पर भी था।
एबीसीडी २ में श्रद्धा कपूर का किरदार वरुण धवन के साथ टाइटल जीतने के लिए
डांसिंग पार्टनर थी। बद्रीनाथ की
दुल्हनिया की दुल्हनिया तो आलिया भट्ट ही थी।
क्या आलिया भट्ट के बिना बद्रीनाथ की दुल्हनिया की कल्पना की जा सकती है !
भूमिका के
आधार पर खारिज नहीं
हिंदी
फिल्मों की नायिका को सिर्फ यह कह कर नहीं खारिज किया जा सकता कि वह अपनी फिल्म
में ग्लैमर के लिए रखी जाती है। फिल्मों
को बॉक्स ऑफिस पर हिट बनाने का सारा दारोमदार नायक पर होता है। ऐसे में आइये जानने की कोशिश करते हैं कि सौ
करोड़ की फिल्मों की नायिका क्या सचमुच अपनी १०० करोड़ की फिल्म का सेहरा अपने सर
नहीं बाँध सकती ?
क्या किसी
१०० करोड़िया फिल्म में उसकी कोई भूमिका नहीं? इस तथ्य को १०० करोड़ की फिल्म की नायिका, उस फिल्म उस अभिनेत्री की भूमिका के आधार
पर आंकने की कोशिश करते हैं।
दीपिका
पादुकोण- दीपिका पादुकोण और करीना कपूर ऐसी अभिनेत्रियां है, जिन्होंने छह छह १०० करोडिया फिल्में की
हैं। ख़ास बात यह है कि दीपिका पादुकोण की
१०० करोड़ कमाने वाली फ़िल्में दीपिका पादुकोण की भूमिका पर भी टिकी नज़र आती हैं।
दिलचस्प बात यह है कि यह फ़िल्में भिन्न एक्टरों के साथ भी हैं। यह जवानी है दीवानी में रणबीर कपूर, रेस २ में सैफ अली खान, बाजीराव मस्तानी और गोलियों की रास लीला
रामलीला में रणवीर सिंह और चेन्नई एक्सप्रेस और हैप्पी न्यू ईयर में शाहरुख़ खान
उनके नायक थे। हैप्पी न्यू ईयर में दीपिका पादुकोण केवल ग्लैमर प्रदर्शन के लिए
थी। लेकिन, बाकी फिल्मों में उनकी भूमिका सशक्त और फिल्मों को मोड़ दे सकने वाली
थी।
अनुष्का
शर्मा - अनुष्का शर्मा के खाते में तीन फ़िल्में ऐसी हैं, जो सौ करोड़ या उससे अधिक का बिज़नेस कर
चुकी हैं। ऐ दिल है मुश्किल, सुलतान और जब तक है जान ऎसी १०० करोड़
कलेक्शन करने वाली फ़िल्में हैं, जिनमे अनुष्का शर्मा या तो सोलो थी या दूसरी एक्ट्रेस के साथ। जब तक हैं जान में शाहरुख़ खान की एक दूसरी
नायिका कैटरीना कैफ भी थी। ऐ दिल है
मुश्किल में ऐश्वर्या राय बच्चन भी थी।
लेकिन,
इन तीनों ही
फिल्मों में अनुष्का शर्मा की भूमिका सशक्त थी।
सुल्तान में तो वह इमोशन के साथ सलमान खान के किरदार का सपोर्ट कर रही
थी। अलबत्ता वह जब तक है जान का श्रेय
अकेले नहीं ले सकती।
सोनाक्षी
सिन्हा- सोनाक्षी सिन्हा पांच १०० करोड़िया फिल्मों दबंग, दबंग २, राउडी राठौर,
सन ऑफ़ सरदार
और हॉलिडे की नायिका थी। इन फिल्मों के
नायक सलमान खान,
अक्षय कुमार
और अजय देवगन थे। यह फ़िल्में पूरी तरह से
अपने नायकों पर केंद्रित फ़िल्में थी।
सोनाक्षी सिन्हा का रोल सिर्फ ग्लैमर तक ही सीमित था। वह अपने ताज में इन दोनों फिल्मो के सौ करोड़
कमाने का पंख तो लगा सकती हैं। लेकिन, सेहरा नहीं बाँध सकती।
करीना कपूर-
दीपिका पादुकोण की तरह करीना कपूर के खाते में भी छह सौ करोड़ कमाने वाली फ़िल्में
दर्ज़ हैं। गोलमाल ३, रा.वन, बजरंगी भाईजान,
३ इडियट्स, बॉडीगार्ड और सिंघम रिटर्न्स में वह सोलो
नायिका थी। गोलमाल ३ और सिंघम रिटर्न्स
में अजय देवगन,
रा.वन में
शाहरुख़ खान, बॉडी गार्ड और बजरंगी भाईजान में सलमान
खान और ३ इडियट्स में आमिर खान उनके नायक थे।
यह सभी फ़िल्में सुपर स्टार अभिनेताओं की थी। यह कहना ठीक नहीं होगा कि अगर करीना कपूर अदि इन फिल्मों की
नायिका न होती तो यह फ़िल्में इतनी बड़ी हिट न हो पाती।
प्रियंका
चोपड़ा- पांच फ़िल्में दर्ज़ हैं प्रियंका चोपड़ा के खाते में, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ क्लब
में शामिल होने का सम्मान पाया। बाजीराव मस्तानी
मे प्रियंका चोपड़ा की भूमिका अपेक्षाकृत छोटी मगर सशक्त थी। डॉन २ में शाहरुख़ खान के डॉन किरदार पीछे पड़ी हुई, उसके दांत खट्टे किये दे रही थी।
अग्निपथ में हृथिक रोशन की वह नायिका थी।
उनका रोल छोटा था। मगर प्रियंका
चोपड़ा की छाप नज़र आई थी। कृष ३ में वह फिर
हृथिक रोशन की नायिका थी। अलबत्ता, कंगना रनौत का किरदार थोड़ा भारी पड़
रहा था।
रणबीर सिंह के साथ बर्फी में दोनों के अभिनय की टक्कर थी। पूरी फिल्म इन्ही दोनों के अभिनय पर टिकी हुई
थी। ख़ास बात यह है कि अग्निपथ और कृष ३
छोड़ कर बाकी दूसरी फ़िल्में अलग अलग अभिनेताओं के साथ थी।
कैटरीना कैफ-
कभी कैटरीना कैफ को लकी मैस्कॉट माना जाता था।
अक्षय कुमार के साथ उनकी जोड़ी हिट मानी जाती थी। मगर उनकी १०० क्लब में शामिल कोई भी फिल्म
अक्षय कुमार के साथ नहीं है। एक था टाइगर
में सलमान खान,
बैंग बैंग
में हृथिक रोशन,
धूम ३ में
आमिर खान और जब तक हैं जान में शाहरुख़ खान उनके नायक थे। हालाँकि, कैटरीना कैफ की १०० क्लब शामिल सभी फ़िल्में भिन्न नायकों वाली थी।
इसके बावजूद कैटरीना काफी किसी भी फिल्म पर अपना मज़बूत दावा नहीं ठोंक सकती।
जैक्विलिन
फर्नांडीज़- जुड़वा २ को शामिल कर लिया जाए तो जैक्विलिन फर्नांडीज़ भी पांच १०० करोड़
क्लब में शामिल फिल्मों की नायिका हैं। पहले की चार फिल्मों हाउसफुल २ और ३, किक और रेस २ में किसी भी फिल्म को
जैक्विलिन की फिल्म नहीं कहा जा सकता है।
यह सभी फ़िल्में सितारा बहुल भी हैं।
सोनम कपूर- दो सौ करोड़ क्लब वाली फिल्मों की नायिका सोनम कपूर को अभी यह
दावा पुख्ता करना है कि वह १०० करोड़ क्लब की नायिका की सही दावेदार हैं। सलमान खान
के साथ प्रेम रतन धन पायों और फरहान अख्तर के साथ भाग मिल्खा भाग में सोनम कपूर
कुछ भी नहीं कर रही थी।
श्रद्धा कपूर-
एबीसीडी २ और एक विलेन की श्रद्धा कपूर का दावा इन दोनों सौ करोड़ क्लब वाली
फिल्मों पर पुख्ता उस समय हो जाता है, जब वह इन फिल्मों में अपनी सशक्त भूमिका और डांसिंग क्षमता के कारण
फिल्म को मोड़ दे सकने में कामयाब होती हैं।
आलिया भट्ट-
बद्री की दुल्हनिया की आलिया भट्ट हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और २ स्टेट्स में
१०० करोड़ क्लब की नायिका वाला दावा ठोंक सकती हैं। इन फिल्मों में उनके अभिनय पक्ष
पर दर्शकों का ध्यान जाता है। वह सिर्फ
ग्लैमर डॉल नहीं लगती।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड न्यूज़ ८ अक्टूबर
रक्षंदा
खान के पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर बनने की खबर है।
उनका यह पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर रूप वेब सीरीज रागिनी एमएमएस रिटर्न्स के
लिए होगा। इस सीरीज से रक्षंदा खान डिजीटल की दूनिया में डेब्यु करने जा रही हैं।
रक्षंदा कहती हैं, “मैं एक महाविद्यालय में घटनेवाली सभी
असामान्य गतिविधियों की जांच करने वाली जांच अधिकारी की भूमिका निभाने वाली हूँ ।
यह जांच अधिकारी इस महाविद्यालय के छात्रों को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर काबू पाने
में मदद करती हैं। मैंने रागिनी एमएमएस की दोनो फिल्में देखी हैं। और यह दोनो
फिल्में केवल दो लोगों के इर्दगिर्द घुमते हुए भी काफी डरावनी थी। इसी विशेषता को
कायम रखतें हुए यह कहानी भी काफी डरावनी साबित होंगीं।“ रागिनी
एमएमएस रिटर्न्स का डरावने पोस्टर,
टीजर और ट्रेलर से साबित हो ही रहा हैं
कि यह सीरीज ऑनलाइन दुनिया का सबसे साहसिक और दिलचस्प शो होगा। रागिनी एमएमएस की
फ्रैन्चाइज यह शो हॉरर श्रृंखला को आगे बढाते हुए थोडा और डरावना हो जायेंगा।
डीजिटल प्लेटफॉर्म की स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए इस शो में आजतक कभी ना देखे
गयें, इंटिमेट
और हॉरर सीन दर्शकों के लिए ख़ास लुभावने होंगें। करिश्मा शर्मा और सिध्दार्थ
गुप्ता की केमिस्ट्री के साथ ही, इस शो में रिया सेन, डेलनाज
इरानी, शायनी अवस्थी, इशा चावला, दिपक
कार्ला, श्रेया गुप्ता, नतालिया, हर्ष
सिंग, गौरव शर्मा, प्रियंका बोरा
देखने मिलेंगें।
ऑल्ट
बालाजी की अगली वेबसीरिज मंगलायन
भारत
में सबसे ज्यादा और ओरिजिनल शोज देनेवाला सबसे बडा डीजिटल मंच हैं, ऑल्ट
बालाजी। अपने अलग तरह के डीजिटल कहानीयों से और दस ओरिजनल और सफल शोज के बाद अब
उन्होंने मंगलायन इस नये शो की घोषणा की हैं। दुनिया भर की महिलाएँ रूढ़िवादिताओं
को तोड़ रहीं हैं। ऑल्ट बालाजी का अगला डीजिटल शो मंगलायन इस तरह की एक कहानी से
महिलाओं को प्रेरणा देने की कोशीश करनेवाला हैं। वेबसीरिज मंगलायन, 3 महिला
वैज्ञानिकों के बारे में हैं। यह तीनों वैज्ञानिक इस्रो में मार्स ओरबिट मिशन पर
काम कर रहें होतें हैं। जिससे भारत को वैश्विक मंच पर वाहवाही मिलती हैं। देश के
लिए प्रेरणादायक रहीं यह कहानी, इन तीन
वैज्ञानिकों की नीजी और व्यावसायिक जिंदगीं पर रोशनी डालती हैं। उनकी परेशानीयाँ, कठिनाईयाँ
और असफलताओं के साथ साथ इस मिशन को सफल बनाने के लिए हर मुश्किलों को पार करने के
इन तीन वैज्ञानिकों के सफर की यह कहानी हैं। ऑल्ट बालाजी के इस वेबसीरिज का
निर्देशन नुपूर अस्थाना करनेवाली हैं। ऑल्ट बालाजी रोमांस, रहस्य़, कॉमेडी
ऐसे अलग अलग शैलियों की वेबसीरिज के साथ आ रहा हैं। भारत की विभिन्न क्षेत्रीय
भाषाओं में बेहतर कहानीयाँ देने की कोशीश ऑल्ट बालाजी कर रहा हैं।
आजकल
बॉलीवुड में वास्तविक घटनाओं पर फ़िल्में बनाने का चलन बन गया है। अक्षय कुमार,
जॉन
अब्राहम, आमिर खान, सलमान
खान और शाहरुख़ खान वास्तविक घटनाओं और चरित्रों पर फ़िल्में कर रहे हैं या कर चुके
हैं। अब इस कड़ी में सैफ अली खान का नाम भी
जुड़ गया है। उन्हें लेकर बनाई जा रही एक
फिल्म बाटला हाउस १९ सितम्बर २००८ को दिल्ली में हुए एक एनकाउंटर का रील लाइफ
अकाउंट है, जिसमे एक पुलिस अधिकारी मोहन चंद शर्मा
की मृत्यु हो गई थी। निखिल आडवाणी
निर्देशित फिल्म बाटला हाउस में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का किरदार सैफ अली खान
कर रहे हैं। इस फिल्म में सोनाक्षी
सिन्हा को भी लिए जाने की खबर है। अगर, फिल्म
के लिए सोनाक्षी सिन्हा को लिया जाता है तो बाटला हाउस इस जोड़ी की बुलेट राजा के
बाद एक साथ दूसरी फिल्म होगी। सोनाक्षी
सिन्हा इस समय इत्तफ़ाक़ के रीमेक में १९६९ की फिल्म इत्तफ़ाक़ में नंदा वाली भूमिका
करेंगी। सैफ अली खान की फिल्म शेफ
अक्टूबर में रिलीज़ होने जा रही है। उनकी
दो अन्य फ़िल्में कालकांडी और बाज़ार भी इसी साल रिलीज़ हो सकती हैं।
परमाणु
से टकराव पद्मावती ने ही पैदा किया था।
पहले नवंबर में रिलीज़ होने जा रही दीपिका पादुकोण, रणवीर
सिंह, शाहिद कपूर और संजयलीला भंसाली की
फिल्म पद्मावती की तारिख टाल कर १ दिसंबर कर दी गई थी। इस तारिख को जॉन अब्राहम की फिल्म परमाणु की
रिलीज़ पहले से ही तय थी। ऐसा लग रहा था कि
पद्मावती और परमाणु का टकराव हो कर रहेगा।
लेकिन, फिल्म के एक निर्माता जॉन अब्राहम को
समझ में आ गया है कि बड़ी स्टार कास्ट और महँगी फिल्म पद्मावती से परमाणु का टकराना
उनकी फिल्म के लिए ही भारी पड़ेगा। इस लिए, उन्होंने
परमाणु की रिलीज़ की तारिख अगले २३ फरवरी कर दी।
लेकिन, टकराव टालने के बावजूद परमाणु द स्टोरी
ऑफ़ पोखरण का टकराव होगा। परमाणु का यह
टकराव रानी मुख़र्जी की माँ बनने के बाद वापसी फिल्म हिचकी से होगा। हिचकी की रिलीज़ २३ फरवरी पहले से ही तय
थी। इस बारे में फिल्म की निर्माता का
कहना है कि यह दोनों फ़िल्में भिन्न विषयों पर हैं। इसलिए इस टकराव से किसी फिल्म
को नुकसान नहीं होगा।
फिल्म
इंडस्ट्री के लिहाज़ से कुछ ख़ास है १० नवंबर
२०१७
अब ख़त्म होने जा रहा है। तमाम निगाहें
केवल और केवल दिसंबर के महीने पर लगी हुई हैं।
इस महीने दो बड़ी फिल्मों का दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार है। निर्देशक
संजयलीला भंसाली का पीरियड ड्रामा पद्मावती और निर्देशक अली अब्बास ज़फर की स्पाई
फिल्म टाइगर ज़िंदा है दिसंबर में ही रिलीज़ होने जा रही हैं। हालाँकि, दिसंबर में को
बड़ा टकराव नहीं होने जा रहा। अलबत्ता, संभावनाएं
ज़रूर है। हाँ, नवंबर
में टकराव के लक्षण
साफ़
दिखाई दे रहे हैं। ख़ास तौर पर १० नवंबर को
तीन फिल्मों का टकराव होगा। निर्माता आनंद
एल राज की अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म मुक्केबाज़,
निर्माता
विनोद बच्चन की निर्देशक रत्ना सिन्हा
निर्देशित फिल्म शादी में ज़रूर आना और निर्देशक राजीव ढींगरा की फिल्म फिरंगी १०
नवंबर को ही रिलीज़ हो रही हैं। इन तीनों
में बहुत बड़ी स्टार कास्ट नहीं। लेकिन, चर्चित
सितारे ज़रूर हैं। फिरंगी के निर्माता कपिल
शर्मा हैं और वह फिल्म के हीरो भी हैं।
उनके साथ इशिता दत्ता और मोनिका गिल रोमांटिक पेअर बना रहे हैं। विनोद बच्चन की फिल्म
शादी में ज़रूर आना में आनंद एल राज की हिट फिल्म न्यूटन के हीरो राजकुमार राव और
कृति खरबंदा मुख्य भूमिका में हैं। मुक्केबाज़
एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म
में विनीत कुमार सिंह, ज़ोया हुसैन और
रवि किशन की केंद्रीय भूमिका है। ज़ाहिर है
कि इन तीनों फिल्मों से कोई बड़े नाम नहीं
जुड़े हैं। लेकिन, छोटी
फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी कमाई करवा देने वाले नाम ज़रूर है। इसलिए, १० नवंबर का
इंतज़ार दिलचस्प होगा कि कौन फिल्म बाज़ी मारती है !
जब
अतीत के पन्नों में खो गया ही-मैन !
बॉलीवुड
के ओरिजिनल ही-मैन अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने शुरूआती दौर की फोटो अपने
इंस्टाग्राम पेज पर लगाईं। वह अपने संघर्ष
के दौर के पन्ने पलट रहे थे। उन्होंने
लिखा, "आपका धरम नौकरी करता। साइकिल पर आता जाता। फिल्मी पोस्टर में अपनी झलक देखता। रातों को जागता। अनहोने ख्वाब देखता। सुबह उठ कर आईने से पूछता, "मैं
दिलीप कुमार बन सकता हूँ क्या ?" धर्मेंद्र ने
ख्वाब देखे। पूरे भी हुए। वह दिलीप कुमार तो नहीं बन सके। लेकिन, बॉलीवुड के
ही-मैन ज़रूर बन गए। ऐसा ही-मैन, जिसे
आने वाली तमाम पीढ़ियां फॉलो करती रहेंगी सलमान खान की तरह....शर्ट उतार कर
थिरकेंगे। सुपर स्टार बन जायेंगे। तब भी ही-मैन नहीं बन पाएंगे। क्योंकि, वह तो इकलौता है
-ही मैन.....यानि धर्मेंद्र...८१ साल का ही-मैन !
निर्माता
प्रियंका चोपड़ा की दूसरी भोजपुरी फिल्म काशी अमरनाथ
निर्माता
प्रियंका चोपड़ा के बैनर पर्पल पेबल पिक्चर्स के झंडे तले बनाई गई फिल्म काशी
अमरनाथ इस बैनर की दूसरी भोजपुरी फिल्म
है। इस फिल्म में रवि किशन, दिनेश
लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे
और सपना की मुख्य भूमिका है। इस फिल्म के
डायरेक्टर संतोष मिश्रा हैं। यह फिल्म १८
अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म का
दूसरा गीत कुकर आज रिलीज़ हुआ। इस गीत को
मधुकर आनंद और इंदु सोनाली ने गाया है और निरहुआ और आम्रपाली पर फिल्माया गया
है। निर्माता प्रियंका चोपड़ा की पहली भोजपुरी फिल्म बम बम बोल रहा है
काशी के घटिया स्तर की काफी आलोचना हुई थी।
इसीलिए, तमाम निगाहें १८ अक्टूबर पर टिकी हुई
हैं, जब काशी अमरनाथ रिलीज़ होगी।
स्टार वार्स सागा की सबसे लम्बी फिल्म द लास्ट जेडाई
हॉलीवुड की स्पेस ओपेरा स्टार वार्स की आठवीं फिल्म द लास्ट
जेडाई को स्टार वार्स सागा की अब तक की फिल्मों में सबसे लम्बी फिल्म बताया जा रहा
है। यह आठवीं फिल्म ठीक वहीँ से शुरू होगी, जहाँ निर्देशक जे जे
अब्राम्स ने द फाॅर्स अवकेंस में छोड़ी थी।
फिल्म रे के किरदार के साथ आगे बढ़ेगी।
रे ने द फाॅर्स अवकेंस में बड़े संसार में कदम रखा है। उसकी यह यात्रा फिन, पोई और ल्यूक
स्काईवॉकर के साथ स्टार वार्स कथा के अगले चरण
में जाएगी। जो शायद इस श्रंखला की
नवी फिल्म के साथ ख़त्म हो। द लास्ट जेडाई
में भव्य युद्ध दृश्य हैं, ब्रह्माण्ड के चमत्कार है और कई नए चरित्र भी हैं। इसलिए, फिल्म की लम्बाई ज़्यादा होना स्वाभाविक है। खबर है कि द लास्ट जेडाई की लम्बाई १५० मिनट
यानि लगभग ढाई घंटा बताई जा रही है। इससे
पहले सबसे लम्बी स्टार वार्स सागा फ़िल्म १४२ मिनट लम्बी अटैक ऑफ़ द क्लोन्स
थी। द लास्ट जेडाई की लम्बाई अ न्यू होप
और द एम्पायर स्ट्राइक्स बैक से ३० मिनट और रिटर्न ऑफ़ जेडाई और द फैंटम मेनेस से
२० मिनट लम्बी है। ढाई घंटे से ज़्यादा लम्बाई रखने वाली स्टार वार्स फिल्मों में रिवेंज
ऑफ़ सिथ १४२ मिनट, द फाॅर्स अवकेंस १३५ मिनट और रोग वन १३३ मिनट लम्बी थी।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
राजनीति पर तीखा व्यंग्य करने वाले कुंदन
फिर कुंदन शाह की वापसी हुई। इस बार उन्होंने प्रिटी जिंटा को बिनब्याही माँ का क्रांतिकारी किरदार दिया था। इस बोल्ड फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया। उनकी फिल्म दिल है तुम्हारा भी अवैध संतान की कहानी पर थी। यह फिल्म हिट साबित हुई। बॉबी देओल और करिश्मा कपूर के साथ रोमांटिक कॉमेडी हम तो मोहब्बत करेगा निराशाजनक फिल्म थी। उनकी २००४ में रिलीज़ फिल्म एक से बढ़ कर एक का एक किरदार गॉड फादर उपन्यास पढ़ते हुए अपनी वसीयत लिखाते हुए गलती से यह शर्त रख देता है कि उसका वारिस कोई डॉन ही हो सकता है। मगर यह फिल्म भी फ्लॉप हुई। अपनी आखिरी फिल्म पी से पीएम तक में कुंदन शाह ने राजनीतिक व्यंग्य के ज़रिये एक वैश्या को प्रधान मंत्री के पद तक पहुंचते दिखाया था। लेकिन इस फिल्म को वह सही तरह से अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। दर्शकों ने इस फिल्म को नकार दिया। शायद यह अपनी प्रतिष्ठा के शिखर तक पहुँच चुके कहानीकार की स्वाभाविक फिसलन थी। अपने ३४ साल के फिल्म करियर में सिर्फ ७ फ़िल्में बनाने वाले कुंदन शाह की फिल्मों में राजनीति और समाज नीति पर हमला करने की कोशिश नज़र आती है। वह इस प्रयास में हर बार सफल नहीं होते। लेकिन, अपनी पहली ही फिल्म जाने भी दो यारों से बड़े बड़े फिल्मकारों को दिखा देते हैं कि तीखा राजनीतिक व्यंग्य कैसे किया जाता है। ऐसे कुशल फिल्मकार कुंदन शाह का निधन शुक्रवार की रात दिल का दौरा पड़ने से हो गया।
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अमिताभ बच्चन की ७५ फ़िल्में
०१- सात हिंदुस्तानी (१९६९) - गोवा की आज़ादी के दीवाने सात हिन्दुस्तानियों में से एक अनवर अली के किरदार से अमिताभ बच्चन ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
०२- भुवन शोम - पहली फिल्म में नरेटर।
०३- बॉम्बे टॉकी- फिल्म में मामूली भूमिका करने के कारण शशि कपूर ने बिग बी को फटकार लगाईं थी।
०४- परवाना- इस फिल्म में अमिताभ बच्चन खलनायक की भूमिका में थे।
०५- आनंद (१९७१)- हृषिकेश मुख़र्जी की इस फिल्म में डॉक्टर भास्कर बनर्जी के रोल में अमिताभ बच्चन का पहली बार तत्कालीन सुपर स्टार राजेश खन्ना से सीधा मुक़ाबला हुआ।
०६- रेशमा और शेरा- सुनील दत्त की इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने छोटू का छोटा किरदार किया था।
०७- बॉम्बे टू गोवा- फ्लॉप फिल्मों के दौर में एस रामनाथन की इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को सहारा दिया। ०८- बंसी और बिरजू- इस फिल्म से अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की पहली बार बनी।
०९- ज़ंजीर (१९७३)- प्रकाश मेहरा की इस फिल्म के एंग्री यंगमैन विजय ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टारडम की पहली सीढ़ी दी।
१०-अभिमान- अमिताभ बच्चन के बेहतरीन अभिनय वाली हृषिकेश मुख़र्जी की फिल्म।
११- सौदागर- स्वार्थ के लिए एक विधवा से शादी करने वाले मोती के किरदार को अमिताभ बच्चन ने बखूबी निभाया था। यह फिल्म ऑस्कर में भारतीय एंट्री के रूप में भेजी गई।
१२- नमक हराम- राजेश खन्ना के साथ इस फिल्म के लिए अमिताभ को दूसरा फिल्मफेयर अवार्ड मिला।
१३- रोटी कपड़ा और मकान- सितारों से भरी इस फिल्म का अमिताभ बच्चन की सोलो फिल्म बेनाम से मुक़ाबला हुआ था। बेनाम फ्लॉप थी।
१४- दीवार (१९७५)- यश चोपड़ा निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने हाजी मस्तान का रील लाइफ किरदार कर फिल्म इंडस्ट्री में अपने पाँव मज़बूती से जमा लिए ।
१५- शोले (१९७५)- सज़ायाफ्ता दो चोर दोस्तों जय-वीरू के डाकू गब्बर सिंह को मार गिराने की इस कहानी में अमितभाभ बच्चन ने जय के किरदार से खुद के बढ़िया कॉमेडी एक्टर होने का प्रमाण दिया।
१६- चुपके चुपके- इस फिल्म में अंग्रेजी का प्रोफेसर बॉटनी पढ़ाता था।
१७- मिली- लीक से हटकर बनी फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक निराश शराबी का किरदार किया था।
१८- कभी कभी- यश चोपड़ा की दूसरी फिल्म में एक्शन इमेज से विपरीत लवर बॉय की भूमिका में अमिताभ बच्चन हिट साबित हुए थे।
१९- डॉन- फिल्म के खइके पान बनारस वाला ने अमिताभ बच्चन को छोरा गंगा किनारे वाला का खिताब दिलाया।
२०- मुक़द्दर का सिकंदर- दशक की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली तीन फिल्मों में से एक।
२१- मिस्टर नटवरलाल- फिल्म का मेरे पास आओ मेरे दोस्तों गीत गाया।
२२- शान- शोले की असफल सीक्वल फिल्म को रीरन पर अच्छी सफलता मिली।
२३-लावारिस- हिजड़ा बन कर मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है गीत पर नाच गा कर आलोचना के शिकार हुए।
२४- सिलसिला- अमिताभ बच्चन, रेखा और जया बच्चन का रील लाइफ रोमांस या रियल लाइफ रोमांस।
२५- नमक हलाल- रेखा के साथ संबंधों के कारण राज बब्बर फिल्म का शशि कपूर वाला किरदार नहीं कर सके। २६-शक्ति- पिता बने दिलीप कुमार के साथ कड़े मुक़ाबले में अमिताभ ने जीत हासिल की।
२७- अँधा कानून- डेब्यू फिल्म में रजनीकांत पर एक्सटेंडेड मेहमान भूमिका में अमिताभ बच्चन भारी पड़े।
२८- महान - फिल्म में अमित, इंस्पेक्टर शंकर और गुरु के तीन रोल किये थे।
२९- कुली- शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर का घूसा खा करअमिताभ बच्चन हॉस्पिटल पहुँच गए। पुनीत इस्सर का फिल्म करियर लगभग ख़त्म हो गया।
३०- इन्किलाब- उम्मीद के विपरीत बिग बी की यह राजनीतिक फिल्म बुरी तरह से असफल हुई।
३१- पान खाये सैया हमार- सुजीत कुमार की भोजपुरी फिल्म में खुद के किरदार की मेहमान भूमिका में अमिताभ बच्चन।
३२- शराबी- अमिताभ बच्चन के साथ प्रकाश मेहरा की आखिरी हिट फिल्म।
३३- मर्द- अमृता सिंह की पीठ पर कोड़े मारना और घाव पर नमक मलना नारी सम्मान के खिलाफ माना गया।
३४- गंगा जमुना सरस्वती - इस ज़बरदस्त फिल्म ने डायरेक्टर मनमोहन देसाई का करियर ख़त्म कर दिया।
३५- जादूगर- बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी यह फिल्म प्रकाश मेहरा के निर्देशक को ले डूबी।
३६-मैं आज़ाद हूँ - प्रेस को लताड़ने के लिए बनाई गई फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया।
३७- अग्निपथ- विजय दीनानाथ चौहान के किरदार के लिए अमिताभ बच्चन को पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
३८- हम- जुम्मा चुम्मा दे दे गीत के लिए अमिताभ बच्चन की आलोचना हुई।
३९- अजूबा- सोवियत-भारत सहयोग से बनी फ्लॉप फिल्म में अमिताभ अजूबा की भूमिका में थे।
४०- तेरे मेरे सपने- बच्चन के बैनर ए बी सी एल की पहली फिल्म से चंद्रचूड़ सिंह, अरशद वारसी, सिमरन और प्रिया गिल का डेब्यू हुआ था।
४१- मृत्युदाता- कोई पांच साल बाद अमिताभ बच्चन की इस वापसी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बुरी असफलता मिली।
४२- सूर्यवंशम- दोहरी भूमिका वाली बड़ी फ्लॉप फिल्म सेट मैक्स पर ज़बरदस्त हिट है।
४३- मोहब्बतें- चरित्र भूमिकाओं से अमिताभ की सफल शुरुआत।
४४- एक रिश्ता- द बांड ऑफ़ लव- पिता, पुत्र और पुत्री के संबंधों वाली फिल्म जूही चावला की प्रेगनेंसी के कारण पिता-पुत्र के सम्बन्ध वाली फिल्म बन गई।
४५- अक्स- हॉलीवुड फिल्म फालेन के फ्लॉप रीमेक के लिए अमिताभ बच्चन को समीक्षकों का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया।
४६- आँखें- एक बैंक मैनेजर द्वारा अपना बैंक लुटवाने के लिए अंधों का सहारा लेने की कहानी।
४७- कांटे- क्वॉन्टिन टारनटिनो का पसंदीदा रिजर्वायर डॉग्स का हिंदी रीमेक।
४८- बूम- नग्नता और अश्लीलता से भरी फिल्म करने के लिए अमिताभ बच्चन की कटु आलोचना हुई।
४९- बागबान- पिता-पुत्रों के संबंधों पर फिल्म में अमिताभ बच्चन ने तीन गीत गाये थे।
५०- खाकी- आतंकवादियों को वाले पुलिस अधिकारी की सफल फिल्म। फिल्म में ऐश्वर्या राय की खल भूमिका थी।
५१- देव- गोविन्द निहलानी की फिल्म में ईमानदार पुलिस अधिकारी।
५२- दीवार- युद्ध बंदियों पर यह मल्टीस्टार कास्ट फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी
५३- वीर-ज़ारा- इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने वीर यानि शाहरुख़ खान के चचा चौधरी सुमेर सिंह का मेहमान किरदार किया था।
५४- ब्लैक- अल्झाइमर के रोगी अंधों-बहारों के शिक्षक देबराज सहाय की भूमिका के लिए दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार।
५५- बंटी और बबली- बाप बेटा और बहु के सुपर हिट कजरारे कजरारे गीत के कारण हिट फिल्म।
५६- सरकार- सुपर हिट देसी गॉड फादर सुभाष नागरे।
५७- गंगा- दूसरी भोजपुरी फिल्म में ठाकुर विजय सिंह की भूमिका में
५८- एकलव्य- द रॉयल गार्ड- अमिताभ बच्चन के साथ सैफ अली खान, शर्मीला टैगोर, संजय दत्त, विद्या बालन, जैकी श्रॉफ, जिमी शेरगिल और बोमन ईरानी के साथ विधु विनोद चोपड़ा की निराशाजनक फिल्म।
५९ -निशब्द- रामगोपाल वर्मा की कम उम्र की लड़की के साथ उम्रदराज़ व्यक्ति के रोमांस की फिल्म।
६०- - चीनी कम- बड़ी उम्र के शेफ के एक कम उम्र लड़की के साथ शादी की कहानी।
६१- द लास्ट लेअर- अमिताभ बच्चन की इंग्लिश फिल्म।
६२- भूतनाथ- एक भूत और छोटे बच्चे की दोस्ती की कहानी।
६३- अलादीन - इस फ़न्तासी फिल्म में बच्चन ने जिनि का किरदार किया था।
६४- पा- अपने ही बेटे के बेटे बने थे अमिताभ बच्चन।
६५- रण - टेलीविज़न चैनल के निराश मालिक की भूमिका में।
६६- द ग्रेट गैट्सबी - पहली हॉलीवुड फिल्म।
६७- महाभारत- एनीमेशन फिल्म में भीष्म के एनिमेटेड करैक्टर को आवाज़ दी।
६८- भूतनाथ रिटर्न्स- भूतनाथ (२००८) की फ्लॉप सीक्वल फिल्म।
६९- षमिताभ- अमिताभ बच्चन और धनुष की एक साथ पहली फिल्म।
७०- पीकू- दीपिका पादुकोण के पिता की भूमिका में अमिताभ बच्चन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
७१- वज़ीर-बिजॉय नम्बिआर की फिल्म में एक अपाहिज हत्यारे की भूमिका।
७२- पिंक- वकील दीपक सहगल की भूमिका मे अमिताभ बच्चन।
७३- सरकार राज- फ्लॉप देसी गॉड फादर सुभाष नागरे।
७४- ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान - ठगों की इस कहानी में आमिर खान के साथ पहली बार अभिनय कर रहे हैं।
७५- १०२- नॉट आउट - बूढ़े के सबसे ज़्यादा उम्र के बूढ़े का ख़िताब प्राप्त करने की ज़द्दोज़हद।
अल्पना कांडपाल
०२- भुवन शोम - पहली फिल्म में नरेटर।
०३- बॉम्बे टॉकी- फिल्म में मामूली भूमिका करने के कारण शशि कपूर ने बिग बी को फटकार लगाईं थी।
०४- परवाना- इस फिल्म में अमिताभ बच्चन खलनायक की भूमिका में थे।
०५- आनंद (१९७१)- हृषिकेश मुख़र्जी की इस फिल्म में डॉक्टर भास्कर बनर्जी के रोल में अमिताभ बच्चन का पहली बार तत्कालीन सुपर स्टार राजेश खन्ना से सीधा मुक़ाबला हुआ।
०६- रेशमा और शेरा- सुनील दत्त की इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने छोटू का छोटा किरदार किया था।
०७- बॉम्बे टू गोवा- फ्लॉप फिल्मों के दौर में एस रामनाथन की इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को सहारा दिया। ०८- बंसी और बिरजू- इस फिल्म से अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की पहली बार बनी।
०९- ज़ंजीर (१९७३)- प्रकाश मेहरा की इस फिल्म के एंग्री यंगमैन विजय ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टारडम की पहली सीढ़ी दी।
१०-अभिमान- अमिताभ बच्चन के बेहतरीन अभिनय वाली हृषिकेश मुख़र्जी की फिल्म।
११- सौदागर- स्वार्थ के लिए एक विधवा से शादी करने वाले मोती के किरदार को अमिताभ बच्चन ने बखूबी निभाया था। यह फिल्म ऑस्कर में भारतीय एंट्री के रूप में भेजी गई।
१२- नमक हराम- राजेश खन्ना के साथ इस फिल्म के लिए अमिताभ को दूसरा फिल्मफेयर अवार्ड मिला।
१३- रोटी कपड़ा और मकान- सितारों से भरी इस फिल्म का अमिताभ बच्चन की सोलो फिल्म बेनाम से मुक़ाबला हुआ था। बेनाम फ्लॉप थी।
१४- दीवार (१९७५)- यश चोपड़ा निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने हाजी मस्तान का रील लाइफ किरदार कर फिल्म इंडस्ट्री में अपने पाँव मज़बूती से जमा लिए ।
१५- शोले (१९७५)- सज़ायाफ्ता दो चोर दोस्तों जय-वीरू के डाकू गब्बर सिंह को मार गिराने की इस कहानी में अमितभाभ बच्चन ने जय के किरदार से खुद के बढ़िया कॉमेडी एक्टर होने का प्रमाण दिया।
१६- चुपके चुपके- इस फिल्म में अंग्रेजी का प्रोफेसर बॉटनी पढ़ाता था।
१७- मिली- लीक से हटकर बनी फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक निराश शराबी का किरदार किया था।
१८- कभी कभी- यश चोपड़ा की दूसरी फिल्म में एक्शन इमेज से विपरीत लवर बॉय की भूमिका में अमिताभ बच्चन हिट साबित हुए थे।
१९- डॉन- फिल्म के खइके पान बनारस वाला ने अमिताभ बच्चन को छोरा गंगा किनारे वाला का खिताब दिलाया।
२०- मुक़द्दर का सिकंदर- दशक की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली तीन फिल्मों में से एक।
२१- मिस्टर नटवरलाल- फिल्म का मेरे पास आओ मेरे दोस्तों गीत गाया।
२२- शान- शोले की असफल सीक्वल फिल्म को रीरन पर अच्छी सफलता मिली।
२३-लावारिस- हिजड़ा बन कर मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है गीत पर नाच गा कर आलोचना के शिकार हुए।
२४- सिलसिला- अमिताभ बच्चन, रेखा और जया बच्चन का रील लाइफ रोमांस या रियल लाइफ रोमांस।
२५- नमक हलाल- रेखा के साथ संबंधों के कारण राज बब्बर फिल्म का शशि कपूर वाला किरदार नहीं कर सके। २६-शक्ति- पिता बने दिलीप कुमार के साथ कड़े मुक़ाबले में अमिताभ ने जीत हासिल की।
२७- अँधा कानून- डेब्यू फिल्म में रजनीकांत पर एक्सटेंडेड मेहमान भूमिका में अमिताभ बच्चन भारी पड़े।
२८- महान - फिल्म में अमित, इंस्पेक्टर शंकर और गुरु के तीन रोल किये थे।
२९- कुली- शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर का घूसा खा करअमिताभ बच्चन हॉस्पिटल पहुँच गए। पुनीत इस्सर का फिल्म करियर लगभग ख़त्म हो गया।
३०- इन्किलाब- उम्मीद के विपरीत बिग बी की यह राजनीतिक फिल्म बुरी तरह से असफल हुई।
३१- पान खाये सैया हमार- सुजीत कुमार की भोजपुरी फिल्म में खुद के किरदार की मेहमान भूमिका में अमिताभ बच्चन।
३२- शराबी- अमिताभ बच्चन के साथ प्रकाश मेहरा की आखिरी हिट फिल्म।
३३- मर्द- अमृता सिंह की पीठ पर कोड़े मारना और घाव पर नमक मलना नारी सम्मान के खिलाफ माना गया।
३४- गंगा जमुना सरस्वती - इस ज़बरदस्त फिल्म ने डायरेक्टर मनमोहन देसाई का करियर ख़त्म कर दिया।
३५- जादूगर- बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी यह फिल्म प्रकाश मेहरा के निर्देशक को ले डूबी।
३६-मैं आज़ाद हूँ - प्रेस को लताड़ने के लिए बनाई गई फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया।
३७- अग्निपथ- विजय दीनानाथ चौहान के किरदार के लिए अमिताभ बच्चन को पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
३८- हम- जुम्मा चुम्मा दे दे गीत के लिए अमिताभ बच्चन की आलोचना हुई।
३९- अजूबा- सोवियत-भारत सहयोग से बनी फ्लॉप फिल्म में अमिताभ अजूबा की भूमिका में थे।
४०- तेरे मेरे सपने- बच्चन के बैनर ए बी सी एल की पहली फिल्म से चंद्रचूड़ सिंह, अरशद वारसी, सिमरन और प्रिया गिल का डेब्यू हुआ था।
४१- मृत्युदाता- कोई पांच साल बाद अमिताभ बच्चन की इस वापसी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बुरी असफलता मिली।
४२- सूर्यवंशम- दोहरी भूमिका वाली बड़ी फ्लॉप फिल्म सेट मैक्स पर ज़बरदस्त हिट है।
४३- मोहब्बतें- चरित्र भूमिकाओं से अमिताभ की सफल शुरुआत।
४४- एक रिश्ता- द बांड ऑफ़ लव- पिता, पुत्र और पुत्री के संबंधों वाली फिल्म जूही चावला की प्रेगनेंसी के कारण पिता-पुत्र के सम्बन्ध वाली फिल्म बन गई।
४५- अक्स- हॉलीवुड फिल्म फालेन के फ्लॉप रीमेक के लिए अमिताभ बच्चन को समीक्षकों का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया।
४६- आँखें- एक बैंक मैनेजर द्वारा अपना बैंक लुटवाने के लिए अंधों का सहारा लेने की कहानी।
४७- कांटे- क्वॉन्टिन टारनटिनो का पसंदीदा रिजर्वायर डॉग्स का हिंदी रीमेक।
४८- बूम- नग्नता और अश्लीलता से भरी फिल्म करने के लिए अमिताभ बच्चन की कटु आलोचना हुई।
४९- बागबान- पिता-पुत्रों के संबंधों पर फिल्म में अमिताभ बच्चन ने तीन गीत गाये थे।
५०- खाकी- आतंकवादियों को वाले पुलिस अधिकारी की सफल फिल्म। फिल्म में ऐश्वर्या राय की खल भूमिका थी।
५१- देव- गोविन्द निहलानी की फिल्म में ईमानदार पुलिस अधिकारी।
५२- दीवार- युद्ध बंदियों पर यह मल्टीस्टार कास्ट फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी
५३- वीर-ज़ारा- इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने वीर यानि शाहरुख़ खान के चचा चौधरी सुमेर सिंह का मेहमान किरदार किया था।
५४- ब्लैक- अल्झाइमर के रोगी अंधों-बहारों के शिक्षक देबराज सहाय की भूमिका के लिए दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार।
५५- बंटी और बबली- बाप बेटा और बहु के सुपर हिट कजरारे कजरारे गीत के कारण हिट फिल्म।
५६- सरकार- सुपर हिट देसी गॉड फादर सुभाष नागरे।
५७- गंगा- दूसरी भोजपुरी फिल्म में ठाकुर विजय सिंह की भूमिका में
५८- एकलव्य- द रॉयल गार्ड- अमिताभ बच्चन के साथ सैफ अली खान, शर्मीला टैगोर, संजय दत्त, विद्या बालन, जैकी श्रॉफ, जिमी शेरगिल और बोमन ईरानी के साथ विधु विनोद चोपड़ा की निराशाजनक फिल्म।
५९ -निशब्द- रामगोपाल वर्मा की कम उम्र की लड़की के साथ उम्रदराज़ व्यक्ति के रोमांस की फिल्म।
६०- - चीनी कम- बड़ी उम्र के शेफ के एक कम उम्र लड़की के साथ शादी की कहानी।
६१- द लास्ट लेअर- अमिताभ बच्चन की इंग्लिश फिल्म।
६२- भूतनाथ- एक भूत और छोटे बच्चे की दोस्ती की कहानी।
६३- अलादीन - इस फ़न्तासी फिल्म में बच्चन ने जिनि का किरदार किया था।
६४- पा- अपने ही बेटे के बेटे बने थे अमिताभ बच्चन।
६५- रण - टेलीविज़न चैनल के निराश मालिक की भूमिका में।
६६- द ग्रेट गैट्सबी - पहली हॉलीवुड फिल्म।
६७- महाभारत- एनीमेशन फिल्म में भीष्म के एनिमेटेड करैक्टर को आवाज़ दी।
६८- भूतनाथ रिटर्न्स- भूतनाथ (२००८) की फ्लॉप सीक्वल फिल्म।
६९- षमिताभ- अमिताभ बच्चन और धनुष की एक साथ पहली फिल्म।
७०- पीकू- दीपिका पादुकोण के पिता की भूमिका में अमिताभ बच्चन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
७१- वज़ीर-बिजॉय नम्बिआर की फिल्म में एक अपाहिज हत्यारे की भूमिका।
७२- पिंक- वकील दीपक सहगल की भूमिका मे अमिताभ बच्चन।
७३- सरकार राज- फ्लॉप देसी गॉड फादर सुभाष नागरे।
७४- ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान - ठगों की इस कहानी में आमिर खान के साथ पहली बार अभिनय कर रहे हैं।
७५- १०२- नॉट आउट - बूढ़े के सबसे ज़्यादा उम्र के बूढ़े का ख़िताब प्राप्त करने की ज़द्दोज़हद।
अल्पना कांडपाल
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
उम्र ७५ साल, करियर के ५० साल २२४ फ़िल्में यानि अमिताभ बच्चन
उमेश शुक्ल अगले साल रिलीज़ होने वाली फिल्म १०२ नॉट आउट में ऋषि कपूर ने ७५ साल के बेटे का किरदार किया है। इस बूढ़े बेटे के १०२ साल के बाप का किरदार अमिताभ बच्चन कर रहे हैं। अमिताभ बच्चन ११ अक्टूबर को ७५ साल के हो जायेंगे। १०२ नॉट आउट उनके करियर की २२४ वी फिल्म साबित हो सकती हैं। अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी ७ नवंबर १९६९ को रिलीज़ हुई थी। इस लिहाज़ से उन्हें इंडस्ट्री में ५० साल भी होने वाले हैं। उम्र के ७५ साल, करियर के पचास साल और २२४ फ़िल्में! बेहद आकर्षक आंकड़े लगते हैं। लेकिन, इन आंकड़ों के पीछे के करियर के उतार चढाव कहीं ज़्यादा मायने रखते हैं।
यहाँ बताते चलें की सात हिंदुस्तानी से छह महीना पहले ही दर्शकों ने अमिताभ बच्चन की आवाज़ भुवन शोम फिल्म में सुन ली थी। इस फिल्म में वह नैरेटर के किरदार में थे। जबकि, इसी आवाज़ के कारण आल इंडिया रेडियो ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। सात हिंदुस्तानी के फ्लॉप होने के बावजूद अमिताभ बच्चन को फ़िल्में मिलती रही। लेकिन, सभी फ्लॉप। जब उनकी फिल्म ज़ंजीर रिलीज़ हुई, उस समय तक वह दर्जन भर फ्लॉप फ़िल्में दे चुके थे। ज़ंजीर ने उन्हें बॉलीवुड का एंग्री यंग मैन बना दिया। दीवार और शोले ने उनके कदम कुछ ऐसे जमा दिए कि वह सुपर स्टार, शहंशाह ऑफ़ बॉलीवुड, मेगा स्टार, मिलेनियम स्टार, वन मैन इंडस्ट्री, आदि आदि न जाने कितने विशेषणों से नवाज़ दिए गए। इस दौरान उन्होंने अभिमान, दीवार, शोले, ज़मीर, चुपके चुपके, कभी कभी, हेरा फेरी, अदालत, अमर अकबर अन्थोनी, खून पसीना, कस्मे वादे, बेशरम, त्रिशूल, डॉन, मुक़द्दर का सिकंदर, मिस्टर नटवर लाल, सुहाग, दोस्ताना, राम बलराम, याराना, नसीब, लावारिस, कालिया, नमक हलाल, खुद्दार, अंधा कानून, कुली, आदि हिट फ़िल्में दी।
अस्सी के दशक तक अमिताभ बच्चन का डंका बजता रहा। उनके होने का मतलब फिल्म का हिट होना सुनिश्चित माना जाता था। इसीलिए उन्हें वन मैन इंडस्ट्री कहा गया। लेकिन, अस्सी की दशक से ही अमिताभ बच्चन का पतन भी शुरू हो गया। उनकी फिल्म कुली, सेट पर घायल हो कर जीवन मृत्य से संघर्ष करने की घटना से उपजी सहानुभूति के ज्वार में हिट हो गई। लेकिन, उस दौरान की उनकी महान, पुकार, इन्किलाब, खबरदार, कानून क्या करेगा, आदि फ़िल्में एक के बाद पिटती चली गई। इस दौरान वह राजीव गांधी के हाथ मज़बूत करने के लिए राजनीती में चले गए। ८वी लोक सभा का चुनाव लड़ा। विपक्ष के हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज उम्मीदवार को बुरी तरह से हराया। लेकिन, राजनीति में उनकी ऎसी किरकिरी हुई कि वह राजनीती को कीचड भरा तालाब बता कर बाहर आ गए। १९८७ में उन्होंने वापसी की। लेकिन, फिल्म फ्रंट पर भी उनकी आखिरी रास्ता, गंगा जमुना सरस्वती, तूफ़ान, जादूगर, मैं आज़ाद हूँ, आदि फ़िल्में फ्लॉप होती चली गई। लगा कि अमिताभ बच्चन का सूरज अस्त हो गया। १९९१ में उन्होंने हम से फिर वापसी की। मगर, अकेला, इंद्रजीत, अजूबा, खुदा गवाह और इंसानियत जैसी बड़ी फिल्मों की असफलता ने अमिताभ बच्चन को पुनः बाहर हो जाने के लिए विवश कर दिया। पांच साल तक अमिताभ बच्चन का वनवास रहा। १९९६ में उन्होंने अपनी फिल्म निर्माण संस्था बनाई। लेकिन, इस सौदे में वह गले गले तक क़र्ज़ में डूब गए।
अमिताभ बच्चन कहते हैं, "दुर्भाग्य या तो आपको नष्ट कर देता है या आपको वह बना देता है जो आप हैं।" दुर्भाग्य अमिताभ बच्चन को नष्ट नहीं कर सका। उनके अच्छे दिन शुरू हुए २००० से। क़र्ज़ से उबरने में राजनीति मैं उनके मित्र अमर सिंह ने उनकी काफी मदद की। इस समय तक उन्होंने हीरो बनने का मोह छोड़ दिया था। उन्हें मोहब्बतें, एक रिश्ता- द बांड ऑफ़ लव, कभी ख़ुशी कभी गम, बागबान, खाकी, ब्लैक, बंटी और बबली, वक़्त द रेस अगेंस्ट टाइम, सरकार, आदि फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं कर, अपनी इंडस्ट्री में पुख्ता वापसी कराई ही, उन्हें अवार्ड्स आदि भी दिलवाए। इस दौरान उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति किया। इस शो में उनकी साफ़ हिंदी, बोलने का गवई लहज़ा, आत्मीयता और व्यक्तित्व ने दर्शकों को शो का दीवाना बना दिया।
इसमें कोई शक नहीं कि अमिताभ बच्चन को अपने करियर में उतार चढ़ाव काफी देखने को मिले। सफलता उनके सर चढ़ कर बोली भी। उन्होंने फिल्म पत्रकारों और पत्र-पत्रिकाओं से जम कर पन्गा लिया। ख़ास तौर पर स्टारडस्ट के साथ उनका दुश्मनी लंबा रिश्ता बना रहा। उन्होंने तमाम फिल्म पत्रकारों के सेट्स पर आने की मनाही कर दी। १९८४ में राजनीति में आने के बाद उनके राष्ट्रीय प्रेस से भी सम्बन्ध खराब हो गए। प्रेस को लांछित करने लिए उन्होंने प्रेस से खार खाये बैठे जावेद अख्तर और शबाना आज़मी के साथ मिल कर मैं आज़ाद हूँ का निर्माण किया। पर आम जनता और उनके प्रशंसक इस फिल्म से सहमत नहीं हुए। फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई।
इस दौर में अमिताभ बच्चन ने बहुत कुछ सीखा। एक इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन ने कहा था कि जो हो गया सो हो गया। मैं दिमाग में इतना रखता हूँ कि मैं फिर वही गलतियां दोहराऊं नहीं। उन्हें लगा कि बॉलीवुड का स्टारडम बहुत दिन तक साथ नहीं देता। प्रेस से दुश्मनी, अक्खड़पन, नुकसान पहुंचाने की आदत उन पर भारी पड़ेगी। रेखा के साथ सम्बन्ध ख़त्म होने, कुली के सेट पर हुई दुर्घटना और उसके बाद वापसी ने अमिताभ बच्चन में परिवर्तन ला दिए थे। प्रोफेशनल तो वह पहले ही से थे। परिश्रम करने की उनमें कोई कमी नहीं थी। विनम्रता को उन्होंने खुद में कूट कूट कर भर लिया था। विवादों से वह दूर हो गए। कुली के बाद उनके साथ किसी विवाद का नाता नहीं रहा। कुछ समय पहले अमर सिंह ने एक पीसी में कहा था कि अमिताभ बच्चन और जया बच्चन अलग अलग रहते हैं। अमिताभ बच्चन ने इस पर कोई तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। वह सोशल साइट्स पर सक्रिय है। उनके २.९ करोड़ फॉलोवर हैं। हर दिन वह ट्वीट करते हैं। लेकिन, इस ट्वीट में विवाद नदारद होते हैं। वह राजनीती टिप्पणी से बचते हैं। इंडस्ट्री को लेकर उनके विचार उत्साहजनक हो सकते हैं, आलोचक नहीं। प्रेस को मैनेज करना उन्होंने सीख लिया है। वह अपने जूनियर कलाकारों के अच्छे अभिनय के लिए बुके भेजना और ट्वीट कर बधाई देना नहीं भूलते। इससे उनकी प्रशंसकों के बीच अच्छी और सच्ची इमेज बनती हैं। अमिताभ बच्चन की खासियत है कि वह सेट्स पर समय से पहुंचते हैं। अपने काम को समझते हैं। अपनी समझ को डायरेक्टर पर थोपते नहीं। अलबत्ता, सुझाव ज़रूर देते हैं। महिलाओं के प्रति उनकी विनम्रता अनुकरणीय है। केबीसी के सेट पर वह महिला प्रतिभागी को खुद उसकी कुर्सी पर बैठने में मदद करते हैं तथा उसके बैठ जाने के बाद ही खुद बैठते हैं। उनका महिलाओं के प्रति यह सम्मान, उनकी अस्सी की दशक की फिल्मों की नायिका के प्रस्तुतीकरण से ठीक विपरीत है।
अमिताभ बच्चन कहते हैं, "बदलाव जिंदगी का स्वभाव है। लेकिन ज़िन्दगी का लक्ष्य चुनौती है। इसलिए, हमेशा बदलाव को चुनौती दो। चुनौती को बदलने की कोशिश मत करो।" अमिताभ बच्चन का यह गुरुमंत्र उनका आज़माया हुआ है। उन्होंने समय के साथ खुद को बदला। बदलाव को बदलने बजाय चुनौती दी। नतीजा सामने हैं। उनका शो कौन बनेगा करोड़ पति का दसवा सीजन चल रहा है। वह इसे आठवी बार पेश कर रहे हैं। तीसरे सीजन में आये शाहरुख खान फीके साबित हुए। आज नवे सीजन में आठवीं बार भी अमिताभ बच्चन टॉप पर हैं। टीवी शो में आये बदलाव उन्हें प्रभावित नहीं कर सके। वह बदलाव को चुनौती देते हैं। इसीलिए टॉप पर हैं।
यहाँ बताते चलें की सात हिंदुस्तानी से छह महीना पहले ही दर्शकों ने अमिताभ बच्चन की आवाज़ भुवन शोम फिल्म में सुन ली थी। इस फिल्म में वह नैरेटर के किरदार में थे। जबकि, इसी आवाज़ के कारण आल इंडिया रेडियो ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। सात हिंदुस्तानी के फ्लॉप होने के बावजूद अमिताभ बच्चन को फ़िल्में मिलती रही। लेकिन, सभी फ्लॉप। जब उनकी फिल्म ज़ंजीर रिलीज़ हुई, उस समय तक वह दर्जन भर फ्लॉप फ़िल्में दे चुके थे। ज़ंजीर ने उन्हें बॉलीवुड का एंग्री यंग मैन बना दिया। दीवार और शोले ने उनके कदम कुछ ऐसे जमा दिए कि वह सुपर स्टार, शहंशाह ऑफ़ बॉलीवुड, मेगा स्टार, मिलेनियम स्टार, वन मैन इंडस्ट्री, आदि आदि न जाने कितने विशेषणों से नवाज़ दिए गए। इस दौरान उन्होंने अभिमान, दीवार, शोले, ज़मीर, चुपके चुपके, कभी कभी, हेरा फेरी, अदालत, अमर अकबर अन्थोनी, खून पसीना, कस्मे वादे, बेशरम, त्रिशूल, डॉन, मुक़द्दर का सिकंदर, मिस्टर नटवर लाल, सुहाग, दोस्ताना, राम बलराम, याराना, नसीब, लावारिस, कालिया, नमक हलाल, खुद्दार, अंधा कानून, कुली, आदि हिट फ़िल्में दी।
अस्सी के दशक तक अमिताभ बच्चन का डंका बजता रहा। उनके होने का मतलब फिल्म का हिट होना सुनिश्चित माना जाता था। इसीलिए उन्हें वन मैन इंडस्ट्री कहा गया। लेकिन, अस्सी की दशक से ही अमिताभ बच्चन का पतन भी शुरू हो गया। उनकी फिल्म कुली, सेट पर घायल हो कर जीवन मृत्य से संघर्ष करने की घटना से उपजी सहानुभूति के ज्वार में हिट हो गई। लेकिन, उस दौरान की उनकी महान, पुकार, इन्किलाब, खबरदार, कानून क्या करेगा, आदि फ़िल्में एक के बाद पिटती चली गई। इस दौरान वह राजीव गांधी के हाथ मज़बूत करने के लिए राजनीती में चले गए। ८वी लोक सभा का चुनाव लड़ा। विपक्ष के हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज उम्मीदवार को बुरी तरह से हराया। लेकिन, राजनीति में उनकी ऎसी किरकिरी हुई कि वह राजनीती को कीचड भरा तालाब बता कर बाहर आ गए। १९८७ में उन्होंने वापसी की। लेकिन, फिल्म फ्रंट पर भी उनकी आखिरी रास्ता, गंगा जमुना सरस्वती, तूफ़ान, जादूगर, मैं आज़ाद हूँ, आदि फ़िल्में फ्लॉप होती चली गई। लगा कि अमिताभ बच्चन का सूरज अस्त हो गया। १९९१ में उन्होंने हम से फिर वापसी की। मगर, अकेला, इंद्रजीत, अजूबा, खुदा गवाह और इंसानियत जैसी बड़ी फिल्मों की असफलता ने अमिताभ बच्चन को पुनः बाहर हो जाने के लिए विवश कर दिया। पांच साल तक अमिताभ बच्चन का वनवास रहा। १९९६ में उन्होंने अपनी फिल्म निर्माण संस्था बनाई। लेकिन, इस सौदे में वह गले गले तक क़र्ज़ में डूब गए।
अमिताभ बच्चन कहते हैं, "दुर्भाग्य या तो आपको नष्ट कर देता है या आपको वह बना देता है जो आप हैं।" दुर्भाग्य अमिताभ बच्चन को नष्ट नहीं कर सका। उनके अच्छे दिन शुरू हुए २००० से। क़र्ज़ से उबरने में राजनीति मैं उनके मित्र अमर सिंह ने उनकी काफी मदद की। इस समय तक उन्होंने हीरो बनने का मोह छोड़ दिया था। उन्हें मोहब्बतें, एक रिश्ता- द बांड ऑफ़ लव, कभी ख़ुशी कभी गम, बागबान, खाकी, ब्लैक, बंटी और बबली, वक़्त द रेस अगेंस्ट टाइम, सरकार, आदि फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं कर, अपनी इंडस्ट्री में पुख्ता वापसी कराई ही, उन्हें अवार्ड्स आदि भी दिलवाए। इस दौरान उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति किया। इस शो में उनकी साफ़ हिंदी, बोलने का गवई लहज़ा, आत्मीयता और व्यक्तित्व ने दर्शकों को शो का दीवाना बना दिया।
इसमें कोई शक नहीं कि अमिताभ बच्चन को अपने करियर में उतार चढ़ाव काफी देखने को मिले। सफलता उनके सर चढ़ कर बोली भी। उन्होंने फिल्म पत्रकारों और पत्र-पत्रिकाओं से जम कर पन्गा लिया। ख़ास तौर पर स्टारडस्ट के साथ उनका दुश्मनी लंबा रिश्ता बना रहा। उन्होंने तमाम फिल्म पत्रकारों के सेट्स पर आने की मनाही कर दी। १९८४ में राजनीति में आने के बाद उनके राष्ट्रीय प्रेस से भी सम्बन्ध खराब हो गए। प्रेस को लांछित करने लिए उन्होंने प्रेस से खार खाये बैठे जावेद अख्तर और शबाना आज़मी के साथ मिल कर मैं आज़ाद हूँ का निर्माण किया। पर आम जनता और उनके प्रशंसक इस फिल्म से सहमत नहीं हुए। फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई।
इस दौर में अमिताभ बच्चन ने बहुत कुछ सीखा। एक इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन ने कहा था कि जो हो गया सो हो गया। मैं दिमाग में इतना रखता हूँ कि मैं फिर वही गलतियां दोहराऊं नहीं। उन्हें लगा कि बॉलीवुड का स्टारडम बहुत दिन तक साथ नहीं देता। प्रेस से दुश्मनी, अक्खड़पन, नुकसान पहुंचाने की आदत उन पर भारी पड़ेगी। रेखा के साथ सम्बन्ध ख़त्म होने, कुली के सेट पर हुई दुर्घटना और उसके बाद वापसी ने अमिताभ बच्चन में परिवर्तन ला दिए थे। प्रोफेशनल तो वह पहले ही से थे। परिश्रम करने की उनमें कोई कमी नहीं थी। विनम्रता को उन्होंने खुद में कूट कूट कर भर लिया था। विवादों से वह दूर हो गए। कुली के बाद उनके साथ किसी विवाद का नाता नहीं रहा। कुछ समय पहले अमर सिंह ने एक पीसी में कहा था कि अमिताभ बच्चन और जया बच्चन अलग अलग रहते हैं। अमिताभ बच्चन ने इस पर कोई तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। वह सोशल साइट्स पर सक्रिय है। उनके २.९ करोड़ फॉलोवर हैं। हर दिन वह ट्वीट करते हैं। लेकिन, इस ट्वीट में विवाद नदारद होते हैं। वह राजनीती टिप्पणी से बचते हैं। इंडस्ट्री को लेकर उनके विचार उत्साहजनक हो सकते हैं, आलोचक नहीं। प्रेस को मैनेज करना उन्होंने सीख लिया है। वह अपने जूनियर कलाकारों के अच्छे अभिनय के लिए बुके भेजना और ट्वीट कर बधाई देना नहीं भूलते। इससे उनकी प्रशंसकों के बीच अच्छी और सच्ची इमेज बनती हैं। अमिताभ बच्चन की खासियत है कि वह सेट्स पर समय से पहुंचते हैं। अपने काम को समझते हैं। अपनी समझ को डायरेक्टर पर थोपते नहीं। अलबत्ता, सुझाव ज़रूर देते हैं। महिलाओं के प्रति उनकी विनम्रता अनुकरणीय है। केबीसी के सेट पर वह महिला प्रतिभागी को खुद उसकी कुर्सी पर बैठने में मदद करते हैं तथा उसके बैठ जाने के बाद ही खुद बैठते हैं। उनका महिलाओं के प्रति यह सम्मान, उनकी अस्सी की दशक की फिल्मों की नायिका के प्रस्तुतीकरण से ठीक विपरीत है।
अमिताभ बच्चन कहते हैं, "बदलाव जिंदगी का स्वभाव है। लेकिन ज़िन्दगी का लक्ष्य चुनौती है। इसलिए, हमेशा बदलाव को चुनौती दो। चुनौती को बदलने की कोशिश मत करो।" अमिताभ बच्चन का यह गुरुमंत्र उनका आज़माया हुआ है। उन्होंने समय के साथ खुद को बदला। बदलाव को बदलने बजाय चुनौती दी। नतीजा सामने हैं। उनका शो कौन बनेगा करोड़ पति का दसवा सीजन चल रहा है। वह इसे आठवी बार पेश कर रहे हैं। तीसरे सीजन में आये शाहरुख खान फीके साबित हुए। आज नवे सीजन में आठवीं बार भी अमिताभ बच्चन टॉप पर हैं। टीवी शो में आये बदलाव उन्हें प्रभावित नहीं कर सके। वह बदलाव को चुनौती देते हैं। इसीलिए टॉप पर हैं।
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Amitabh Bachchan,
फिल्म पुराण,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 7 October 2017
हिंदुस्तान की सबसे ज्यादा बजट वाली फिल्म २.०
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ट्रेलर,
साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
हिंदी में भी बनेगी केजीएफ
कन्नड़ फ़िल्में १०- १५ करोड़ के बजट से बना करती हैं। केजीएफ का बजट ५० करोड़ है। यह एक १९७० और १९८० के दशक पर आधारित पीरियड ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म में रॉकी का किरदार एक शिष्ट और मृदु भाषी व्यक्ति है। इस किरदार को कन्नड़ स्टार यश कर रहे हैं। वह कर्नाटक के लोकप्रिय अभिनेताओं में गिने जाते हैं। फिल्म में उनकी नायिका श्रीनिधि शेट्टी हैं। यह उनकी पहली फिल्म है। फिल्म की शूटिंग कोलर, बेंगलुरु और मैसूरु में हो चुकी हैं। आगे की शूटिंग कोलकात्ता, मुंबई और लद्दाख में की जाएगी। यह फिल्म चार भाषाओं कन्नड़, तमिल, तेलुगु, मलयालम और हिंदी में भी शूट की जाएगी। फिल्म का निर्देशन प्रशांत नील करेंगे। फिल्म को अगले साल जनवरी में रिलीज़ किये जाने का इरादा है।
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ऑस्कर पुरस्कारों में चीनी रेम्बो फिल्म वुल्फ वारियर २
चीन ने ९०वे ऑस्कर अवार्ड्स की विदेशी फिल्मों की श्रेणी के लिए अपनी एक्शन ड्रामा वॉर फिल्म वुल्फ वारियर २ भेजी है। यह फिल्म चीनी रेम्बो हीरो वाली फिल्म है। इस फिल्म का नायक स्पेशल फाॅर्स का सिपाही है। नशीली दवाओं के बड़े व्यापारी द्वारा उसे मारने के लिए भाड़े के हत्यारे बुलाये जाते हैं। लेकिन, वह उन सबको एक एक कर मार डालता है। २०१५ में रिलीज़ फिल्म वुल्फ वारियर (चीनी टाइटल झान लँग) की सीक्वल फिल्म में एजेंट लेंग फेंग हिंसा से दूर शांतिपूर्ण जीवन जी रहा है। लेकिन, कुछ विदेशी भाड़े के हत्यारे आसपास के नागरिकों की ह्त्या करने लगते हैं। उन्हें बचाने के लिए लेंग को अपना शांतिपूर्ण जीवन छोड़ना ही है। वुल्फ वारियर और वुल्फ वारियर २ में मुख्य भूमिका करने वाले मार्शल आर्ट्स में पारंगत अभिनेता जिंग वु ने ही फिल्म का निर्देशन भी किया है। वुल्फ वारियर २ ने वर्ल्ड १ बिलियन डॉलर का आंकड़ा छूना शुरू कर दिया है। यह फिल्म चीन में सबसे ज़्यादा ग्रॉस करने वाली चीनी फिल्म बन गई है। इस फिल्म के निर्माण में सिर्फ ३० मिलियन डॉलर ही खर्च हुए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज़्यादा सफल वुल्फ वारियर २ चीन को ऑस्कर पुरस्कार दिला पाती है !
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सरहद पार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 6 October 2017
ऐश्वर्य राय ने क्यों कैंसिल की फन्ने खान की शूटिंग !
खबर चौंकाने वाली है ! ऐश्वर्य राय बच्चन ने आज (६ अक्टूबर) से शुरू अपने फिल्म फन्ने खान की शूटिंग कैंसिल कर दी है। आज ही उन्हें अभिनेता राजकुमार राव के साथ सीन करना था। लेकिन, शूटिंग के कैंसिल कर दिए जाने से ज़ल्दबाज़ी में कोई शिगूफा छोड़ने की ज़रुरत नहीं। दरअसल, ऐश्वर्या राय बच्चन को मनीषा मल्होत्रा द्वारा तैयार किये गए फिल्म के अपने कॉस्ट्यूम पसंद नहीं आये थे। ऐश्वर्या राय पूरी तरह से पेशेवर अभिनेत्री हैं। वह अपने रोल पर तो ध्यान देती ही है, सह कलाकारों, फिल्म के दूसरे पक्षों और ख़ास तौर पर अपनी पोशाकों के लिए काफी सावधान रहती हैं। फन्ने खान मे ऐश्वर्या राय का किरदार एक पॉप गायिका का है। यह किरदार बेयोंसे के तरीके वाला लिखा गया है। ऐश्वर्या को लगा था कि मनीष ने उनकी जो पोशाकें तैयार की थी, वह काफी हद तक भारतीय प्रकार की थी। जबकि, एक बड़ी पॉप गायिका के किरदार थोड़े सेक्सी और काफी ग्लैमरस होने चाहिए थे। चूंकि, मनीष मल्होत्रा भारत में नहीं थे इसलिए ऐश्वर्या राय की इच्छा के मुताबिक कॉस्ट्यूम तैयार नहीं हो सकते थे। ऐसे में फिल्म की शूटिंग कैंसिल करना ही विकल्प बचता था। अब खबर है कि फन्ने खान की शूटिंग के दिवाली के दौरान एक शिड्यूल में पूरी कर ली जाएगी। उस समय तक ऐश्वर्या राय बच्चन के कॉस्ट्यूम भी तैयार हो जायेंगे।
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Aishwarya Rai Bachchan,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्म अक्सर २ का नया गीत तन्हाईयाँ
फिल्म अक्सर २ के "आज ज़िद" और "जाना वे" गीत लोगों के सर चढ़कर बोल रहे है। अब इन दो हिट सॉन्ग के बाद फिल्म के निर्माताओं ने फिल्म का तीसरा गीत तन्हाईयाँ लॉन्च किया है ।तन्हाईयाँ गीत को मॉरीशस के रमणीय स्थल पर शूट किया गया है। अनंत महादेवन कहते है "हमने इस गीत कुछ विदेशी जगहों पर शूट करने के साथ ही मॉरीशस के खूबसूरत लोकेशन्स पर भी
शूट किया है। यह एक ब्रिटिश प्रकार का विला है जिसे सुंदर फर्नीचर, पियानो और ग्रैंड फादर क्लॉकके साथ कलाकृतियों से संग्रहालय में बदल दिया गया है । हमने समुद्र तट और किले पर इस गीत के कुछ हिस्से की शूटिंग की है।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
देवदास के १५ साल बाद अबू जानी-संदीप की वीरे दी वेडिंग
निर्माता रिय़ा कपूर ने फिल्म वीरे दी वेडिंग के लिए डिजाइनर जोडी अबू जानी- संदिप खोसला को साइन किया हैं। कभी फैशन की
दूनिया का बहुत बडा नाम रहे डिजाइनर अबू जानी- संदीप खोसला ने १५ साल पहले फिल्म देवदास के कॉस्ट्यूम डिजाइन किए
थे। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। देवदास के बाद इस डिजाइनर जोडी ने खुद को हिंदी फिल्मों की कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग से दूर रखा था।
लेकिन अब वीरे दी वेडिंग के मेकर्स इन दोनों को मनाने में कमायाब हो पायें हैं। अबू जानी और संदिप खोसला
कहतें हैं, “पिछले कई सालों से
हम खुद का ब्रैंड फैशन की दुनिया में बनाने में इतने व्यस्त थे कि फिल्मों की ओर ध्यान ही नहीं दे पायें। लेकिन जब रिया कपूर के लिए हम तैयार हो गयें।
हमें रिया का काम करने का तरीका पसंद हैं। उसने अपने देश में सेलिब्रिटी स्टायलिंग का तरीका ही बदल दिया हैं। अपने क्षेत्र में हम ट्रेंडसेटर
रहें हैं। ऐसे में एकता कपूर और रिया कपूर जैसे मनोरंजन की दूनिया के ट्रेंडसेटर्स
के साथ काम करने के लिए हम उत्साहित हैं। सोनम के लिए हम सावरियाँ के वक्त से
डिजाइन कर रहें हैं। यह शादी के उपर फिल्म हैं। और हमें भारतीय तरीके की शादियां पसंद हैं।“
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Fashion
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
परेश रावल ने संजय छेल की पुस्तक ‘मुट्ठी अनचेरा कांती माडिया’ लॉन्च की
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दूसरा टीज़र २.०
आज अक्षय कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट से अपने प्रशंसकों को खुशखबरी दी। यह खुशखबर थी उनकी विलेन भूमिका वाली रजनीकांत की फिल्म २.० के विशेष टीज़र ट्रेलर के जारी किये जाने की। यह टीज़र कल (७ सितम्बर को) जारी होगा। अगस्त में फिल्म के निर्माताओं ने एक टीज़र जारी कर २.० के बनाये जाने की एक झलक दिखलाई थी, जिसमे फिल्म से जुड़े तमाम कलाकार और तकनीशियन हाड़तोड़ मेहनत कर रहे थे। इस क्लिप ने फिल्म की प्रतीक्षा कर रहे दर्शकों की उत्सुकता कुछ ज़्यादा बढ़ा दी। अब अक्षय कुमार की आज की घोषणा इसके बाद की कड़ी है। यहाँ पाठकों जानकारी दे दें कि रजनीकांत, एमी जैक्सन और अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली फिल्म २.० एक साइंस फिक्शन थ्रिलर है। यह फिल्म २०१० की फिल्म एंधिरन (हिंदी में रोबोट) की सीक्वल फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन भी एस शंकर कर रहे हैं। २.० में भी रजनीकांत रोबोट चिट्टी का किरदार करेंगे। अक्षय कुमार की यह पहली तमिल फिल्म है। रजनीकांत के प्रशंसकों, खास तौर पर हिंदी फिल्म दर्शकों के लिए ख़ुशी की बात यह है कि २०१८ में रजनीकांत की दो फ़िल्में २.० के अलावा काला भी रिलीज़ होगी। काला एक गैंगस्टर अपराध फिल्म है। इस फिल्म की नायिका हुमा कुरैशी हैं। इस फिल्म का निर्माण रजनीकांत के दामाद और फिल्म अभिनेता धनुष कर रहे हैं।
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ट्रेलर
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तापसी पन्नू की वैनिटी वैन
अपनी फिल्मों की शूटिंग में लगातार व्यस्त रहने वाली तापसी पन्नू का ज़्यादा समय अपनी वैनिटी वैन में व्यतीत करती है। इसलिए उन्होंने अपने लिए एक नयी वैनिटी वैन ली है और उसे अपनी ज़रुरत के मुताबिक सजाया भी है। बताते चलें कि तापसी ने अपने घर का डिज़ाइन भी खुद किया है। वह अपने आसपास को अपनी रुचि के अनुसार आरामदायक बनाना चाहती हैं। वैनिटी वन की सजावट के बारे में बात करते हुए तापसी ने कहा, “वैनिटी वैन हमारा दूसरा घर होती है। हाल ही में मैंने जिन फिल्मों में काम किया है, वहाँ
मुझे पसीने छूट गए थे। हमें अपने लिए खुद की एक जगह चाहिए होती है। सेट पर पहुंचकर आपका जो पहला काम होता है, वह होता है वैन में घुसना जो आपके मूड
और आपके दिन को प्रभावित करता है। मैं चाहती थी कि मेरा वैन काफी खुशनुमा रहे और
वहाँ मुझे सकारात्मकता का अहसास हो, क्योंकि मेरे दिन की शुरुआत वहीं से होती है।” हिट फिल्म जुड़वा २ के बाद तापसी पन्नू अब अनुभव सिन्हा की फिल्म मुल्क में दिलजीत दोसांझ के साथ नज़र आने वाली हैं।
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खबर है
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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