अगले साल २९ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'इश्क़ फॉरएवर' में नदीम सैफी का संगीत है। वह १० साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी कर रहे हैं। पूरे १९९० के दशक और २००० के पूर्वार्द्ध में कभी नदीम सैफी का नाम श्रवण राठौड़ के साथ बतौर संगीतकार जोड़ी नदीम श्रवण सुना पढ़ा जाता था। इन दोनों ने इस दौरान आशिक़ी, साजन, दीवाना, दिल का क्या कसूर, हम हैं रही प्यार के, रंग, दिलवाले, राजा, बरसात, अग्नि साक्षी, जीत, राजा हिंदुस्तानी, परदेस, सिर्फ तुम धड़कन, कसूर, हम हो गए आपके, राज़, दिल है तुम्हारा, दिल का रिश्ता अंदाज़, तुमसे नहीं देखा, बेवफा आदि जैसी ढेरो फिल्मों का संगीत दिया। बताते हैं कि फिल्म राज के संगीत को मशहूर सर पॉल मैककार्टनी ने भी सराहा था। नदीम और श्रवण की जोड़ी १९७९ में भोजपुरी फिल्म 'दंगल' के संगीत के रिलीज़ के साथ सामने आया। इन दोनों ने हिंदी फिल्म 'मैंने जीना सीख लिया' (१९८१) का संगीत दे कर पहली बार बॉलीवुड में प्रवेश किया। लेकिन, इस जोड़ी को शोहरत मिली टी सीरीज की महेश भट्ट निर्देशित फिल्म 'आशिक़ी' के संगीत से। यह टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की व्यावसायिक चतुराई थी कि उन्होंने फिल्म के संगीत का ज़बरदस्त प्रचार किया। फिल्म का संगीत इतना हिट हुआ कि संगीत के बल पर आशिक़ी भी सुपर हिट हो गई। नदीम-श्रवण जोड़ी टी सीरीज के गुलशन कुमार की पसंदीदा जोड़ी थी। नदीम, श्रवण और गुलशन तिकड़ी ने ९० के दशक को मधुर संगीत से गूंजायमान कर दिया। कैसी विडम्बना थी कि जिस गुलशन कुमार ने नदीम को आकाश पर पहुंचाया, उसी गुलशन कुमार की हत्या में आरोपित हो कर नदीम सैफी को देश छोड़ कर लंदन बस जाना पड़ा। लंदन से भी वह श्रवण के साथ संगीत रचना करते रहे। लेकिन २००५ में दोस्ती फिल्म के संगीत के बाद यह जोड़ी टूट गई। अब 'इश्क़ फॉरएवर' के ज़रिये नदीम सैफी हिंदी फिल्मों में वापसी करना चाहते हैं। खबर यह भी है कि वह दीवाना २ और साजन २ के अलावा विशेष फिल्म्स की अगली फिल्म का संगीत दे सकते हैं। लेकिन, सब कुछ निर्भर करेगा 'इश्क़ फॉरएवर' के संगीत की लोकप्रियता पर। समीर सिप्पी की इस फिल्म में कृष्णा चतुर्वेदी, रूही सिंह, लिसा रे, आदि काम कर रहे हैं। यह एक म्यूजिकल ड्रामा फिल्म है। क्या नदीम सैफी नब्बे के दशक वाला रंग जमा पाएंगे ? यह बड़ा सवाल है। लेकिन, पहले सुनिए फिल्म के एक गीत के टीज़र में नदीम की धुन-
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday 15 December 2015
बिना श्रवण के नदीम सैफी की वापसी !
Labels:
Nadeem Saifi,
गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment