Wednesday, 9 December 2015

एंग्री इंडियन गॉडेसस पर चली सेंसर की कैंची

भारत की पहली महिला मित्रता फिल्म 'एंग्री इंडियन गौड़ेसेस' भारत में रिलीज़ से पहले ही 60 देशों में बेचीं जा चुकी है।  लेकिन, भारत में इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड की खूब कैंची चली है। फिल्म के कई सीन काट दिए गए हैं।  फिल्मों में महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किये गए अभिशाप शब्द हटा दिए गए हैं।  जबकि हाल ही रिलीज़ हुई  फिल्म में पुरूषों द्वारा इस्तेमाल किये गए अभिशाप शब्दों को ना काटते हुए 'ए' सर्टिफिकेट दे दिया गया है। इतना ही नहीं इस फिल्म में 'माल', 'आदिवासी' और 'इंडियन फिगर' जैसे शब्दों को फिल्म से निकल दिया गया है। जो फिल्म  पूरी दुनिया द्वारा सराही जा रही है, उस फिल्म को अपने ही देश में रिलीज़ के लिए कठनाईओं से गुज़रना पड़ रहा है। इन सब के अलावा सबसे अहम बात इस फिल्म में देवियों (गॉडेस) की तस्वीरों को धुंधला कर दिया गया है।  बताते हैं कि एक बरगी सेंसर बोर्ड ने तो इस फिल्म के नाम से 'गौड़सेसेस' शब्द को भी हटाना को कह दिया था, लेकिन फिर फिल्म के टाइटल पर कोई कैंची नहीं चली है।  फिल्म एंग्री इंडियन गौड़ेसेस के प्रोडूसर गौरव ढींगरा ने इस बारे में बताया, "सेंसर बोर्ड ने हमे  इस फिल्म में जितने भी सीन काटने को कहा हैं, वह सब हास्यास्पद हैं। इन्हे फिल्म से हटाने की कोई वजह ही नहीं है । फिल्म में कई शब्दों को म्यूट  किया गया है, जबकि उन दृश्यों में उन शब्दों का होना ज़रूरी है। मुझे समझ नहीं आता जिस फिल्म को पूरी दुनिया पसंद कर रही है उसी फिल्म को अपने ही देश में रिलीज़ के लिए मुश्किलों का सामना क्यों करना पड़ रहा है। क्या हमारा सेंसर सेंसर बोर्ड महिलाओं को अपनी आवाज़ उठाने का मौका नहीं देना चाहता है।" इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने १६ कट के साथ पारित कर दिया है। 

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