हमारे सामूहिक धन-मूल्य, यानी धरोहर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए
यूनेस्को की एक पहल के तौर पर हर साल 18 अप्रैल को ‘विश्व धरोहर दिवस’ मनाया जाता है। इसी पहल को जेहन में रखकर भारत के एकमात्र हिंदी भाषा
इन्फोटैनेटेन चैनल ‘एपिक’ 18 अप्रैल की दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक खास कार्यक्रम ‘विरासत’ का प्रसारण करेगा। इा कार्यक्रम की रूपरेखा ऐसी बनाई गई है, जिसके जरिये दर्शक घर बैठे ही देश की कुछ
चुनिंदा एवं सबसे प्रतिष्ठित विरासत स्थलों की यात्रा कर सकेंगे।
इस कार्यक्रम के संबंध में अपने विचार साझा
करते हुए एकांत के एंकर और एपिक टीवी के कंटेंट हेड अकुल त्रिपाठी ने कहा, ‘हमारी ऐतिहासिक विरासत अमूल्य है और इसका
न केवल संरक्षण जरूरी है,
बल्कि इसका
व्यापक स्तर पर विस्तार भी बेहद आवश्यक है। यह एक्सपोजर एक ऐसी समझ और प्रस्तुति
के साथ होना चाहिए,
जो न सिर्फ
शिक्षा दे, बल्कि हमारे पूर्वजों के प्रति हमारे
संबंधों एवं हमारी भावनाओं को भी महसूस कर सके। हम इस विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर
अपने इसी प्रयास के साथ आगे बढ़ने के लिए लिए प्रतिबद्ध हैं।’
देश की महान वास्तुकला की कल्पना ही आने आप
में कला और विज्ञान का एक आकर्षक सम्मिश्रण है। प्रभावशाली और विस्मयकारी तरीकों
से डिजाइन किए गए पुरातात्विक भवनों एवं गुंबदों की प्रतिस्थापना ही भारत की महान
वास्तुकला का उदाहरण है। एपिक ओरिजिनल के तहत वास्तुकला के चमत्कारों की खोज पर
आधारित ‘संचरना’ में ऐसे ही कारनामों के साथ खगोलीय चमत्कारों से इस विश्व धरोहर दिवस
पर रूबरू कराएंगी शो की मेजबान वैभवी उपाध्याय।
इसके अलावा अकुल त्रिपाठी द्वारा लिखित ‘एकांत’ भी एक प्रसिद्ध यात्रा श्रृंखला है, जो दर्शकों को भारत के अनदेखे ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा पर ले जाती
है। हम्पी के खंडहर,
नालंदा के
अंतरराष्ट्रीय शिक्षण केंद्र, कुंबलगढ़ का विशाल किला के साथ और भी बहुत अधिक दिलचस्प जगहों की अनकही
कहानियां ‘एकांत’ के एपिसोड में फिर से देख सकते हैं।
साइलेंटआउल यानि शोर के अंदर मौन - पढ़ने के लिए क्लिक करें
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