शायर और फिल्म स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर को,
६ अप्रैल की रात, संकट मोचन मंदिर वाराणसी में हुए एक समारोह
में शांति दूत की उपाधि से सम्मानित किया।
जावेद अख्तर ने इस समाचार को ट्विटर पर शेयर करते हुए मंदिर के महंत
विशम्भर नाथ मिश्र का आभार व्यक्त किया।
इस ट्वीट के बाद जावेद अख्तर ट्रोल होने लगे। एक ट्रोलर ने लिखा- सर इसी
बात पर एक ब्लास्ट तो बनता ही है। दूसरे ट्रोलर ने जवाब दिया एक बूढ़े का इस प्रकार
मज़ाक बनाना उसकी गैस की समस्या के लिहाज़ से अच्छा नहीं है।
एक तीसरे ने लिखा- इसका मतलब श्री विशुम्भर नाथ मिश्रा जी का सेंस ऑफ
ह्यूमर बहुत तगड़ा है, शांतिदूत को शांतिदूत का तमगा दे दिया।
एक और ट्रोलर ने लिखा- जब से आप का नाम जावेद अख्तर रखा तबसे आप शांति दूत
ही तो हो ! एक और ने लिखा- शांतिदूत जिहादियों के लिए उपयोग किया जाने वाला एक
व्यंग्यात्मक शब्द है. आप इतने खुश क्यों हो !
कुछ ने इसे महंत जी का जावेद अख्तर को ट्रोल करना बताया गया।
एक और ने लिखा- मैं इसे शान्त धूर्त पढ़ गया था। आपको इसी लिए बधाई भी देना
चाहता हूँ। एक ट्रोलर ने लिखा- सर पता करो। कहीं गलती से ‘शांति दूत’
न बना दिया हो।
लेकिन, मजेदार था यह ट्वीट - लेकिन एक इंटरव्यू में
पहले बताया है कि आप कभी किसी बाबा/स्वामी या महंत जो एक ही कैटरगोरी में आते हैं
सीरियसली नहीं लिया है या लेते हैं, याद होगा
आपको जग्गी वासुदेव वाला एपिसोड। चलिए होता है। बधाई हो .आप deserve
करते हैं ये उपाधि शायद।
अलबत्ता, जावेद अख्तर को उनके कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए
बधाई देने वालों की कोई कमी नहीं थी । अमिताभ बच्चन के लिए अरिजीत सिंह का बच्चे की जान - क्लिक करें
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