जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी की एनजीओ मिजवां वेलफेयर सोसायटी और
डिजाइनर मनीष मल्होत्रा जल्द ही अपने ९वें सालाना फंडरेजिंग फैशन शो की मेजबानी
मुंबई में करने जा रहे हैं। इसका मकसद शबाना आजमी के पिता,
मशहूर शायर और समाजसेवी, कैफी आज़मी
के गांव, मिजवां की महिलाओं एवं लड़कियों को शिक्षित
और आत्मनिर्भर बनाना है। आज कैफी साब का वह सपना एक हकीकत बन चुका है। मिजवां आज न
केवल भारत के एक छोटे से गांव की प्रगति की कहानी है,
बल्कि यह उन महिलाओं की कहानी है, जिन्होंने
समाज की पितृसत्तात्मक सोच को ताक पर रखकर अपनी पहचान बनाई है। अपना भविष्य बनाया
है। इस साल देश की जानी-मानी थिएटर चेन पीवीआर ने मिजवां वेलफेयर सोसायटी के साथ
हाथ मिलाया है। वे मिजवां पर बनी 60 सेकेंड की प्रेरणात्मक कहानी को देश के सभी
पीवीआर थियेटर्स में राष्ट्रीय गान से पहले दिखाएंगे। वे यह सुनिश्चित करना चाहते
हैं कि यह कहानी अधिकाधिक दर्शकों तक पहुंचे। पीवीआर की इस पहल पर शबाना आज़मी
कहती हैं, "मेरे अब्बा का मानना था कि भारत की आर्थिक
प्रगति केवल ग्रामीण भारत तक पहुंच कर ही हो सकती है,
जहां 80 प्रतिशत लोग रहते हैं, लेकिन उन तक
अवसर पहुंचते नहीं हैं। उनके ये शब्द मेरे लिए मंत्र जैसे काम करते हैं। जब कैफी
साब ने अकेले यह यात्रा शुरू की थी, तब मिजवां
को भारत के नक्शे पर कोई जानता नहीं था और आज मिजवां दुनिया भर में प्रसिद्ध
है।"
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