Tuesday 17 July 2018

हॉर्मोनियम से ट्रम्पेट तक बॉलीवुड के फन्ने खान अनिल कपूर

वह सात दिन के ३५ साल बाद, अनिल कपूर ने एक बार फिर म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखा।

इकसठ साल के अनिल कपूर, अतुल मांजरेकर की फिल्म फन्ने खान में एक गायक कलाकार, जिसे उसके मोहल्ले में फन्ने खान कहा जाता था, की भूमिका कर रहे कर रहे हैं। वह मोहम्मद रफ़ी बनना चाहता था, बन नहीं सका। अब उसकी सारी इच्छा बेटी को लता मंगेशकर बनाने की है।

इस करैक्टर के कई रंग है।

वास्तव में अनिल कपूर की यह बेहद  मार्मिक  भूमिका होगी।  इस भूमिका की  ख़ास बात यह है कि फन्ने खान ट्रम्पेट बहुत अच्छा बजा लेता है।  वह खुश होने पर भी ट्रम्पेट बजाता है और दुखी होने पर भी। कहने का मतलब यह कि उसके जीवन से जुड़ा है यह ट्रम्पेट।

जब, फन्ने खान में अनिल कपूर के करैक्टर का पोस्टर जारी किया गया तो उसमे भी अनिल कपूर का लुंगी और टीशर्ट पहने किरदार छत की मुंडेर पर बैठ कर ट्रम्पेट बजाते नज़र आ रहा था।

इस किरदार के लिए अनिल कपूर ने काफी मेहनत की है।

प्रोफेशनल ट्रम्पेट प्लेयर रमेश कुमार गुरुंग से उन्होंने ट्रम्पेट बजाना सीखा। अनिल कपूर ने अपनी भूमिका कैमरे के सामने तभी की, जब वह ट्रम्पेट बजाने के उस्ताद हो गए।

ट्रम्पेट बजा लेना एक बात है, लेकिन  ट्रम्पेट बजाते हुए एक्टिंग कर लेना बिलकुल दूसरी बात है।  अनिल कपूर कहते हैं, "इंस्ट्रूमेंट बजाते हुए भाव प्रकट करना काफी चुनौतीपूर्ण था ।"

अनिल कपूर ने अपनी बतौर नायक पहली फिल्म वह सात दिन के प्रेम प्रताप पटियालेवाले की भूमिका को भी स्वभाविक बनाने के लिए उस्ताद इक़बाल अहमद खान से हॉर्मोनियम बजाना सीखा था।

इससे पहले, उन्होंने फिल्म तू पायल मैं गीत (१९७१) की अपनी बाल भूमिका के लिए सितार बजाना सीखा था। वह सितार बजाने की ट्रेनिंग लेने के लिए अपने चेम्बूर वाले घर से बांद्रा जाया करते थे।  
अनिल कपूर कहते हैं, "संगीत मेरे करियर का अभिन्न हिस्सा रहा है।  मैंने मेलोडी और रिदम की समझ अपने फ़िल्मी चरित्रों के ज़रिये ही समझी ।"

फन्ने खान में ऐश्वर्या राय बच्चन, राजकुमार राव, दिव्या दत्ता और पीहू संड की भूमिका ख़ास है।  

फन्ने खान ३ अगस्त को रिलीज़ हो रही है। 

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