Monday 30 July 2018

क्या बॉलीवुड में बन पायेगा दुलकर सलमान का 'कारवां' ?

रोड मूवी कारवां की कहानी दिलचस्प है।

तीन चरित्र हैं।

इरफ़ान खान, दुलकर सलमान और मिथिला पालकर के तीन प्रमुख किरदार हैं।

इन्हे खो गए एक मृत शरीर की तलाश है।

दुलकर सलमान के पिता का मृत शरीर गलती से किसी और को दे दिया जाता है।  दुलकर को जो शरीर दिया गया है वह मिथिला की नानी का है। तीनों को उस गायब शरीर की तलाश है।

इस फिल्म में, गंभीरता या नीरसता की जगह नहीं है।  डेब्यूटांट डायरेक्टर आकर्ष खुराना ने फिल्म को हल्का फुल्का और हास्य से भरपूर रखा है। 

इरफ़ान खान के बीमार होने के बाद, यह पहली फिल्म होगी, जो रिलीज़ हो रही है।  दर्शक इरफ़ान के कारण कारवां को देखना ज़रूर चाहेंगे।

फिल्म में दो नए चहरे भी हैं।

मराठी एक्ट्रेस मिथिला पालकर, कंगना रनौत की फिल्म कट्टी बट्टी की छोटी भूमिका के बाद इस फिल्म में प्रमुख भूमिका में हैं।

इस फिल्म से मलयालम सुपरस्टार दुलकर सलमान का हिंदी फिल्म डेब्यू हो रहा है।  दुलकर सलमान, मलयालम फिल्मों के मशहूर एक्टर मम्मूट्टि के बेटे हैं।

कारवां के कारवां में कृति खरबंदा भी हैं।  कृति खरबंदा दक्षिण की नामचीन एक्ट्रेस हैं।  उनकी चार हिंदी फ़िल्में राज़ रिबूट, गेस्ट इन लंदन, शादी में ज़रूर आना और वीरे की वेडिंग रिलीज़ हो चुकी है।  वह इस समय, यमला पगला दीवाना फिर से और हाउसफुल ४  में भी काम कर रही हैं।

अमला अक्किनेनी की फिल्म में चरित्र भूमिका है।  हिंदी दर्शक उनसे परिचित हैं।

उनका हिंदी फिल्म डेब्यू १९८८ में रिलीज़ विनोद खन्ना, फ़िरोज़ खान और माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म दयावान से हुआ था।

टी प्रकाश राव  की फिल्म कब तक  चुप रहूंगी की वह नायिका थी।

दोस्त (१९८९), जुर्रत (१९८९) और शिवा (१९९०) के बाद वह हिंदी फिल्मों से दूर हो गई।

उन्होंने शिवा के नायक नागार्जुन से शादी कर ली।

लिसेन अमाया (२०१३) से उन्होंने वापसी की।  फिर वह हमारी अधूरी कहानी (२०१५)  में नज़र आई। 


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