वाया कन्नड़ फिल्म हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाली कोंकणी भाषी परिवार की दीपिका पादुकोण ने बॉलीवुड में भिन्न भाषा भाषी करैक्टर किये हैं। उन्होंने अपनी पहली हिंदी फिल्म 'ओम शांति ओम' में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री का किरदार किया था। वह 'चांदनी चौक टू चाइना' में चीनी भी बनी थीं । आशुतोष गोवारिकर की फिल्म खेलें हम जी जान से में उन्होंने एक बंगाली युवती कल्पना दत्ता का किरदार भी किया था। परन्तु, उन्हें कभी अपने इन किरदारों के लिए किरदार की भाषा सीखने की ज़रुरत नहीं पड़ी। उनके किरदार ने चुस्त हिंदी-उर्दू में संवाद बोले। उन्होंने पहली बार चेन्नई एक्सप्रेस में अपने मीनालोचनी किरदार के लिए पहली बार तामिल सीखी। गोलियों की रासलीला : राम-लीला फिल्म के लिए उन्होंने गुजराती सीखी। फाइंडिंग फेनी में वह गोवा की लड़की के किरदार में थी। इसी साल रिलीज़ फिल्म हैप्पी न्यू ईयर में वह मराठी मोहिनी जोशी का किरदार कर रही थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने मराठी भी सीखनी पढ़ी। अब वह बांगला सीखने के लिए कमर कस चुकी हैं। मशहूर फिल्म निर्देशक शुजीत सरकार की फिल्म पीकू में वह एक बंगाली लड़की पीकू का किरदार कर रही हैं। इसलिए, इस किरदार में स्वाभाविकता की छौंक लगाने के लिए उनका बांगला सीखना स्वाभाविक था। इस प्रकार से दीपिका पादुकोण हिंदी, इंग्लिश और कोंकणी के अलावा पांच अन्य भाषाएँ भी सीख चुकी हैं। भाषा सीखने के इस सिलसिले पर दीपिका पादुकोण कहती हैं, "अलग अलग भाषाओ को सीखने में एक मजा है। बांगला सीखने का अनुभव भी बहुत अलग है।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 29 November 2014
दीपिका पादुकोण तेरे रूप हजार !
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
नहीं होंगे इंडिपेंडेंस डे के सीक्वल में विल स्मिथ !
यह तो तय हो चुका है कि रोलाँ एमरिच की १९९६ में रिलीज़ फिल्म इंडिपेंडेंस डे का सीक्वल बनाया जायेगा। यह भी तय हो गया है कि इंडिपेंडेंस डे २ की रिलीज़ २४ जून २०१६ को होगी । वैसे इसका पहली इंडिपेंडेंस डे की रिलीज़ के २० साल बाद यानि ४ जुलाई को रिलीज़ होना भी संभव हो सकता है। अभी मूल फिल्म के डायरेक्टर रोलाँ एमरिच को साइन नहीं किया गया है। लेकिन, तय है कि वह ही फिल्म को डायरेक्ट करेंगे। उनको साइन किये जाने के बाद फिल्म की स्टार कास्ट का चयन किया जायेगा। यह फिल्म भी एलियन इन्वेज़न पर होगी। इंडिपेंडेंस डे में कैप्टेन स्टीवन हिलर की भूमिका अभिनेता विल स्मिथ ने की थी। परन्तु, इंडिपेंडेंस डे २ में विल स्मिथ नज़र नहीं आएंगे। संभव है कि फिल्म में कैप्टेन स्टीवेन हिलर नाम का कोई किरदार ही न हो । इंडिपेंडेंस डे २ घंटा ३३ मिनट लम्बी फिल्म थी । इस फिल्म के निर्माण में ७५ मिलियन डॉलर का खर्च आया था। फिल्म ने अब तक ८१७ मिलियन डॉलर से अधिक की कमाई कर ली है। इंडिपेंडेंस डे २ के निर्माण में कितना खर्च आएगा, अभी यह तय नहीं हुआ है। लेकिन, इतना तय है कि कार्टर ब्लन्चर्ड इस एलियन कथा को पृथ्वी तक लाएंगे। क्रोधित एलियन फिर पृथ्वी पर आक्रमण करेंगे। ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स द्वारा फिल्म को हरी झंडी दे दिए जाने के बाद, उम्मीद की जाती है कि फिल्म की शूटिंग मई २०१५ से शुरू हो जाएगी। खबर यहाँ तक है कि इंडिपेंडेंस डे ४ तक फिल्म का डायरेक्शन रोलाँ ही करेंगे। लेकिन, फिलहाल इंडिपेंडेंस डे २ और इंडिपेंडेंस डे ३ का ही निर्माण किया जायेगा।
अल्पना कांडपाल
अल्पना कांडपाल
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Hollywood
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पूजा भट्ट का 'कैबरे', करेंगी ऋचा चड्ढा
पूजा भट्ट की फिल्म कैबरे में अभिनेत्री ऋचा चड्ढा कैबरे गर्ल की भूमिका होंगी। निर्देशक पूजा भट्ट की फिल्म कैबरे को शगुफ्ता रफ़ीक ने लिखा है। ओये लकी ! लकी ओये !! में डॉली की भूमिका से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ऋचा चड्ढा को गैंग्स ऑफ़ वासेपुर की नगमा खातून के रूप में ज़बरदस्त सफलता मिली थी। उनका फिल्म फुकरे का भोली पंजाबन का किरदार ख़ास पसंद किया गया था। अब पूजा भट्ट की कैबरे में ऋचा एक बार फिर सशक्त किरदार के साथ नज़र आने वाली है। कैबरे में ऋचा का किरदार एक कैबरे डांसर का है। इस किरदार के लिए अभिनेत्री को अच्छा डांसर होना चाहिए था। इसके अलावा किरदार को एक खुरदुरे, मगर पकड़ रखने वाले चेहरे की ज़रुरत भी थी।
इस किरदार को लेकर ऋचा चड्ढा कहती हैं, "मुझे किसी ऎसी स्क्रिप्ट की चाह थी, जो मेरी डांसिंग स्किल का उपयोग करे। मुझे एक एक्टर के बतौर भी प्रदर्शन करना है। तो कहा जा सकता है कि यह (फिल्म कैबरे का किरदार) हैप्पी मैरिज जैसा है।"
पूजा भट्ट की बतौर निर्देशक फिल्म हॉलिडे ख़ास थी, क्योंकि हॉलिडे १९८७ में रिलीज़ अमेरिकन फिल्म डर्टी डांसिंग पर आधारित थी। इस लिहाज़ से कैबरे के सन्दर्भ में पूजा भट्ट ख़ास बन जाती हैं. ऋचा चड्ढा कहती हैं, "कैबरे के लिए शारीरिक हाव भाव ख़ास हैं। लेकिन, मेरे लिए पूजा भट्ट प्रेरणा स्त्रोत हैं। मैं जब पहली बार उनसे मिली और उन्होंने मुझ पर जो विश्वास जताया, उसके लिए मैं उनकी एहसानमंद हूँ। मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूँ।"
ऋचा चड्ढा ट्रेन्ड डांसर हैं। उन्हें कत्थक और जैज़ में महारत हासिल है। वह शिामक डावर्स के ट्रुप के साथ डांस भी कर चुकी हैं। वह कहती हैं, "अब मैं अपनी कत्थक और जैज़ डांसिंग का फायदा उठा सकूंगी।"
ऋचा ने अब तक जिस प्रकार से लीक से हट कर भूमिकाओं को सहज निभाया है, उससे उम्मीद की जानी चाहिए कि वह कैबरे डांसर की हट कर भूमिका को भी सहजता से कर सकेंगी. फिलहाल तो वह एक कैबरे डांसर लगाने के लिए कठोर ट्रेनिंग लेने जा रही हैं।
इस किरदार को लेकर ऋचा चड्ढा कहती हैं, "मुझे किसी ऎसी स्क्रिप्ट की चाह थी, जो मेरी डांसिंग स्किल का उपयोग करे। मुझे एक एक्टर के बतौर भी प्रदर्शन करना है। तो कहा जा सकता है कि यह (फिल्म कैबरे का किरदार) हैप्पी मैरिज जैसा है।"
पूजा भट्ट की बतौर निर्देशक फिल्म हॉलिडे ख़ास थी, क्योंकि हॉलिडे १९८७ में रिलीज़ अमेरिकन फिल्म डर्टी डांसिंग पर आधारित थी। इस लिहाज़ से कैबरे के सन्दर्भ में पूजा भट्ट ख़ास बन जाती हैं. ऋचा चड्ढा कहती हैं, "कैबरे के लिए शारीरिक हाव भाव ख़ास हैं। लेकिन, मेरे लिए पूजा भट्ट प्रेरणा स्त्रोत हैं। मैं जब पहली बार उनसे मिली और उन्होंने मुझ पर जो विश्वास जताया, उसके लिए मैं उनकी एहसानमंद हूँ। मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूँ।"
ऋचा चड्ढा ट्रेन्ड डांसर हैं। उन्हें कत्थक और जैज़ में महारत हासिल है। वह शिामक डावर्स के ट्रुप के साथ डांस भी कर चुकी हैं। वह कहती हैं, "अब मैं अपनी कत्थक और जैज़ डांसिंग का फायदा उठा सकूंगी।"
ऋचा ने अब तक जिस प्रकार से लीक से हट कर भूमिकाओं को सहज निभाया है, उससे उम्मीद की जानी चाहिए कि वह कैबरे डांसर की हट कर भूमिका को भी सहजता से कर सकेंगी. फिलहाल तो वह एक कैबरे डांसर लगाने के लिए कठोर ट्रेनिंग लेने जा रही हैं।
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साक्षात्कार
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यश ने काजल से कहा लागी तोहसे लगन
मात्र एक साल में ही भोजपुरी फिल्म
जगत में अपना मुकम्मल स्थान हासिल कर चुके और एक्शन स्टार के रूप में उभरे
अभिनेता यश मिश्रा के बारे में आप पढ़ ही चुके हैं कि वह इन दिनों बिहार में अभिनेत्री काजल राघवानी के साथ इश्क़
फरमा रहे हैं। यही नहीं वे काजल के साथ साथ एक और अभिनेत्री भाषा झा को भी
कहते नहीं अघाते लागी तोहसे लगन । इन दिनों, दरअसल, रामपरी इंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्माता मुमताज़
आलम, संतोष सुमन व पंकज जायसवाल एवं निर्देशक रवि कश्यप की फिल्म लागी
तोहसे लगन की शूटिंग बिहार के सीतामढी में चल रही है । फिल्म में दो एक्शन स्टार विराज
भट्ट और यश मुख्य भूमिका में हैं । फिल्म में यश एक्शन के साथ साथ रोमांस
भी करते नज़र आएंगे । निर्देशक रवि कश्यप की इस फिल्म की शूटिंग अपने अंतिम चरण
में हैं । यश ने इस फिल्म में जहां कई एक्शन सींस को आसानी से अंजाम दिया
है, वहीँ रोमांटिक भूमिका में भी जान डाल दी है । फिल्म में विराज
भट्ट, यश मिश्रा, काजल राघवानी, भाषा झा, रिश्ता बसंत, राजन मोदी,
सोनू झा, दिलीप सिन्हा, ललितेश झा, दीपक सिन्हा, अरुण सिंह, राधे
मिश्रा, सुजीत सार्थक, आदि मुख्य भूमिका में हैं । फिल्म की कथा - पटकथा खुद रवि कश्यप ने लिखी है, जबकि संवाद मनोज सिंह के हैं । लागी तोहसे लगन के संगीतकार एस कुमार हैं ।
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भोजपुरी
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अब कूल नहीं रहे रितेश देशमुख !
कोई दस साल पहले, यानि ६ मई २००५ को एकता कपूर की फिल्म 'क्या कूल हैं हम' रिलीज़ हुई थी।संगीत सिवन निर्देशित इस सेक्स कॉमेडी फिल्म की निर्माण लागत केवल पांच करोड़ रुपये थी। लेकिन, इस फिल्म ने २० करोड़ से ज़्यादा की कमाई की थी और यह उस साल की सुपर हिट फिल्म साबित हुई थी । इस फिल्म के हीरो एकता कपूर के भाई तुषार कपूर थे तथा रितेश देशमुख, ईशा कोपिकर, नेहा धूपिया, अनुपम खेर ,शोमा आनंद, बॉबी डार्लिंग, राजेन्द्रनाथ जुत्शी, सुष्मिता मुख़र्जी, अनिल नागरथ, दिनेश हिंगू, विजय पाटकर, रज़्ज़ाक खान, राजपाल यादव, सोफी चौधरी, जॉनी लीवर, आदि जैसी सपोर्टिंग स्टार कास्ट थी । परन्तु, इस हिट फिल्म का सीक्वल बनाने में कपूर एंड कंपनी को सात साल लग गए । २७ जुलाई २०१२ को प्रदर्शित क्या कूल हैं हम के सीक्वल क्या सुपर कूल हैं हम के निर्माण में १२ करोड़ खर्च हुए थे । क्या सुपर कूल हैं हम में क्या कूल हैं हम की तुषार कपूर और रितेश देशमुख की जोड़ी बरकरार थी । लेकिन, सीक्वल फिल्म में बाकी काफी कुछ बदल गया था । निर्देशन की कमान संगीत सिवन के बजाय अश्विन यार्डी के हाथ में थी । फिल्म में सारा-जेन डियास और नेहा शर्मा जैसी सेक्स बम अपनी सेक्स अपील का विस्फोट कर रही थीं । क्या सुपर कूल है ने बॉक्स ऑफिस पर ४२ करोड़ का जैकपॉट लगा लिया । अब एकता कपूर ने क्या कूल हैं हम के तीसरे हिस्से का ऐलान कर दिया है । मगर चौकाने वाली बात यह है कि फिल्म में रितेश देशमुख नहीं होंगे । बल्कि, अब तुषार कपूर आफताब शिवदासानी के साथ सेक्स कॉमेडी का छौंका मारते नज़र आएंगे । इस तीसरी कड़ी के डायरेक्टर की कुर्सी के लिए तीसरा परिवर्तन किया गया है । क्या कूल हैं हम ३ का निर्देशन डेविड धवन के मैं तेरा हीरो और चश्मे बद्दूर जैसी फिल्मों में सहायक उमेश घाटगे करेंगे । इस फिल्म की नायिका के बतौर एक बिलकुल नयी लड़की को लिया जायेगा । यह फिल्म अगले साल जनवरी में फ्लोर पर जाएगी ।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड को फिर धमकाने लगा अंडरवर्ल्ड !
बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड फिर सर उठाने लगा है । मुंबई पुलिस ने रवि पुजारी गैंग के १३ सदस्यों को फिल्म निर्माता महेश भट्ट को मारने की योजना बनाने के आरोप में पकड़ा है । इस गिरोह के सदस्यों को कुछ समय पहले मोरानी बंधुओं को धमकाए जाने के मामले में भी नामजद किया गया था। हालाँकि, मुंबई पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को पकड़ लिया है। लेकिन, यह तय है कि बॉलीवुड के सुपर सितारों पर अंडरवर्ल्ड का साया मंडरा रहा है। एक बार फिर गुलशन कुमार हत्याकांड की यादें ताज़ा हो जाती हैं, जिसने बॉलीवुड में दहशत फैला दी थी।
फराह खान की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' की रिलीज़ के दौरान यह खबर आई कि फिल्म में शाहरुख़ खान के चोर गिरोह के छह चोरों में से एक सोनू सूद को रवि पुजारी गिरोह का धमकी भरा फ़ोन आया था। सोनू सूद ने इस कॉल की सूचना मुंबई पुलिस को दे दी । सोनू से पहले, ऐसी ही धमकी भर फ़ोन कॉल फिल्म के दो अन्य सदस्यों शाहरुख़ खान और बोमन ईरानी को भी आ चुकी थीं। पुलिस ने इन तीनों को सुरक्षा प्रदान कर दी। शाहरुख़ खान को पहले से ही मिली सुरक्षा डबल कर दी गयी । वैसे अक्टूबर में रिलीज़ होने जा रही फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के एक नहीं तीन तीन सदस्यों को थ्रेट कॉल से ऐसा लग रहा था कि यह पब्लिसिटी स्टंट जैसा कुछ है ।
शाहरुख़ खान बॉलीवुड के सबसे अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले अभिनेता हैं। उनकी ज़्यादा फ़िल्में अच्छा बिज़नेस कर ले जाती हैं। इसीलिए,फिल्म रा.वन में सुपर हीरो का किरदार कर चुके शाहरुख़ खान को अंडरवर्ल्ड की धमकियां मिलती रहती हैं। पिछले दिनों जब उनके करीबी करीम मोरानी के जुहू स्थित घर के बाहर फायरिंग की घटना हुई थी, तब जांच के दौरान पुलिस को एक नोट मिला था, जिसमे लिखा था कि अब शाहरुख़ खान की बारी है । मोरानी बंधुओं की प्रतिष्ठा संदिग्ध है । यही मोरानीज, खान के तमाम वर्ल्ड टूर आयोजित करते रहते हैं, इसलिए शाहरुख़ खान का अंडरवर्ल्ड के निशाने पर होना कोई बड़ी बात नहीं । मगर शाहरुख़ खान को केवल मोरानीज से रिश्तों के कारण ही धमकी नहीं मिलती। खुद शाहरुख़ खान ने अख़बारों को अपने इंटरव्यू में बताया है कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से किसी ख़ास फिल्म को करने के लिए धमकियां मिलाती रहती हैं । १९९८ में अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड पर छाया हुआ था । उस समय शाहरुख़ खान ने बताया था कि फिल्म प्रोडूसर नाज़िम रिजवी और भरत शाह अपनी फिल्म के बारे में उनसे मिले थे । उन्होंने उनकी फिल्म करने से इंकार कर दिया था । छह महीने बाद नाज़िम रिजवी खतरनाक डॉन छोटा शकील का नाम लेकर शाहरुख़ खान से फिल्म करने के लिए फिर मिले। नाज़िम ने फ़ोन के ज़रिये शाहरुख़ खान की कथित गैंगस्टर छोटा शकील से बात भी कराई । शाहरुख़ खान हमेशा स्वीकार करते रहे हैं कि छोटा शकील और अबु सलेम जैसे डॉन से उन्हें धमकियां मिलती रहती हैं ।
यों तो अंडरवर्ल्ड की निगाहें हमेशा ही बॉलीवुड सुपर स्टार्स पर लगी रहती हैं । जैसे ही बॉलीवुड फूलने फलने लगता है, अंडरवर्ल्ड सर उठाने लगता है । किसी न किसी कारण से अंडरवर्ल्ड की बॉलीवुड को धमकियों का सिलसिला चलता रहता है । शाहरुख़ खान का मामला साफ़ करता है कि फिल्म स्टार्स की सक्सेस खाड़ी और पाकिस्तान में बैठे गैंगस्टर्स को आकर्षित करती है । ऐसे तमाम सफल अभिनेता या फिल्म निर्माता किसी न किसी कारण से डॉन की धमकियों का शिकार होते रहते हैं । आम तौर पर सलमान खान को किसी प्रकार की धमकी के फ़ोन आने की खबरें सुनाई नहीं पड़ती । परन्तु पिछले साल से सलमान खान अंडरवर्ल्ड सरगना रवि पुजारी के निशाने पर हैं । 'जय हो' की रिलीज़ के दौरान ही सलमान खान को वसूली के लिए धमकाया जाने लगा था । किक की सुपर सफलता के बाद फिल्म के निर्माता और निर्देशक साजिद नाडियाडवाला भी अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए । रवि पुजारी गैंग की कुछ ऎसी ही धमकियां फरहान अख्तर, अक्षय कुमार , विवेक ओबेरॉय, करण जौहर, सोहैल खान, फरहान आज़मी और रितेश सिधवानी को भी मिली हैं । इन सभी की छोटा राजन के खिलाफ रिपोर्ट मुंबई के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड में दर्ज है ।
कभी कभी अंडरवर्ल्ड से धमकियों के दूसरे कारण भी होते हैं । जब अभिनेत्री प्रीटी जिंटा का अपने पूर्व प्रेमी नेस वाडिया से झगड़ा चल रहा था और प्रीटी ने नेस के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई थी, उस समय नेस वाडिया के पिता नुस्ली वाडिया ने मुंबई पुलिस के चीफ राकेश मरिया से शिकायत की थी कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से प्रीटी जिंटा को परेशान न करने के लिए धमकियाँ मिल रही हैं । प्रीटी जिंटा की शुरुआत की कई फिल्मों में कथित तौर पर अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा करता था । वह उस दौरान अंडरवर्ल्ड की प्रिय हीरोइन भी थी । वैसे प्रीटी जिंटा ने वाडिया को धमकी में अपना कोई हाथ होने से साफ़ इंकार कर दिया। अक्षय कुमार और बोनी कपूर का मामला कुछ बिलकुल अलग है । अक्षय कुमार ने अपने घर में काम करने वाले एक नौकर को निकाल दिया था । इसके बाद से उनके पास नौकर को वापस रखने के लिए अंडरवर्ल्ड के धमकी भरे फ़ोन आने लगे । बोनी कपूर का मामला थोड़ा अलग इसलिए है कि उनके घर छह लाख की चोरी हो गयी थी । इस चोरी के सिलसिले में दो लोग गिरफ्तार भी हुए थे । इन दोनों की गिरफ़्तारी के बाद बोनी कपूर को इंटरनेशनल नंबर से जान से मार देने की धमकियों वाले फ़ोन आने लगे । रामगोपाल वर्मा का मामला तो काफी दिलचस्प है । वर्मा गैंगस्टर फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर हैं । सत्या २ के दौरान रामगोपाल वर्मा को अंडरवर्ल्ड से फिल्म की कुछ लाइन काट देने के लिए धमकाया गया था। यह कौन सी लाइन थीं, वर्मा ने बताया नहीं । पिछले साल सोनू निगम ने पुलिस में छोटा शकील द्वारा धमकी दिए जाने की रिपोर्ट दर्ज़ कराई थी । दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ छोटा शकील चाहता था कि सोनू निगम एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से करार तोड़ कर उसकी बताई कंपनी से करार करे ।
कभी निर्माता निर्देशक राजीव राय का डंका बजा करता था। उन्होंने त्रिदेव, मोहरा और गुप्त जैसी सुपर हिट फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया था। इस सफलता ने अंडरवर्ल्ड की निगाहें उन पर जमा दी। उन्हें धमकियों भरे फ़ोन आने लगे। वसूली के लिए धमकाया जाने लगा। जब राजीव राय ने इन धमकियों पर ध्यान नहीं दिया तो उन पर जान लेवा हमला हुआ। लेकिन, इस हमले में घायल होने के बावजूद राजीव राय बच गए। इस हमले से घबराये राजीव राय ने देश ही छोड़ दिया। अंडरवर्ल्ड की धमकियों ने एक सुनहरा करियर ख़त्म कर दिया। राजीव राय कुछ समय स्विट्ज़रलैंड में पत्नी सोनम के साथ रहने के बाद अमेरिका चले गए। यह घटना १९९७ की है। सुना है आजकल राजीव राय और सोनम वापस मुंबई आ चुके हैं। लेकिन, फिलहाल राजीव राय का फ़िल्में बनाने का कोई इरादा नहीं है ।
पिछले चार सालों से बॉलीवुड में सौ करोड़ क्लब वाली फिल्मों की भरमार हो गयी है। सलमान खान, शाहरुख़ खान, ऋतिक रोशन, आदि सितारे सफलतम अभिनेताओं में शुमार हैं। अंडरवर्ल्ड को बॉलीवुड का यही फूलना फलना रास आता है। इसीलिए बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को धमकाए जाने का सिलसिला भी शुरू गया हैं।
फराह खान की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' की रिलीज़ के दौरान यह खबर आई कि फिल्म में शाहरुख़ खान के चोर गिरोह के छह चोरों में से एक सोनू सूद को रवि पुजारी गिरोह का धमकी भरा फ़ोन आया था। सोनू सूद ने इस कॉल की सूचना मुंबई पुलिस को दे दी । सोनू से पहले, ऐसी ही धमकी भर फ़ोन कॉल फिल्म के दो अन्य सदस्यों शाहरुख़ खान और बोमन ईरानी को भी आ चुकी थीं। पुलिस ने इन तीनों को सुरक्षा प्रदान कर दी। शाहरुख़ खान को पहले से ही मिली सुरक्षा डबल कर दी गयी । वैसे अक्टूबर में रिलीज़ होने जा रही फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के एक नहीं तीन तीन सदस्यों को थ्रेट कॉल से ऐसा लग रहा था कि यह पब्लिसिटी स्टंट जैसा कुछ है ।
शाहरुख़ खान बॉलीवुड के सबसे अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले अभिनेता हैं। उनकी ज़्यादा फ़िल्में अच्छा बिज़नेस कर ले जाती हैं। इसीलिए,फिल्म रा.वन में सुपर हीरो का किरदार कर चुके शाहरुख़ खान को अंडरवर्ल्ड की धमकियां मिलती रहती हैं। पिछले दिनों जब उनके करीबी करीम मोरानी के जुहू स्थित घर के बाहर फायरिंग की घटना हुई थी, तब जांच के दौरान पुलिस को एक नोट मिला था, जिसमे लिखा था कि अब शाहरुख़ खान की बारी है । मोरानी बंधुओं की प्रतिष्ठा संदिग्ध है । यही मोरानीज, खान के तमाम वर्ल्ड टूर आयोजित करते रहते हैं, इसलिए शाहरुख़ खान का अंडरवर्ल्ड के निशाने पर होना कोई बड़ी बात नहीं । मगर शाहरुख़ खान को केवल मोरानीज से रिश्तों के कारण ही धमकी नहीं मिलती। खुद शाहरुख़ खान ने अख़बारों को अपने इंटरव्यू में बताया है कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से किसी ख़ास फिल्म को करने के लिए धमकियां मिलाती रहती हैं । १९९८ में अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड पर छाया हुआ था । उस समय शाहरुख़ खान ने बताया था कि फिल्म प्रोडूसर नाज़िम रिजवी और भरत शाह अपनी फिल्म के बारे में उनसे मिले थे । उन्होंने उनकी फिल्म करने से इंकार कर दिया था । छह महीने बाद नाज़िम रिजवी खतरनाक डॉन छोटा शकील का नाम लेकर शाहरुख़ खान से फिल्म करने के लिए फिर मिले। नाज़िम ने फ़ोन के ज़रिये शाहरुख़ खान की कथित गैंगस्टर छोटा शकील से बात भी कराई । शाहरुख़ खान हमेशा स्वीकार करते रहे हैं कि छोटा शकील और अबु सलेम जैसे डॉन से उन्हें धमकियां मिलती रहती हैं ।
यों तो अंडरवर्ल्ड की निगाहें हमेशा ही बॉलीवुड सुपर स्टार्स पर लगी रहती हैं । जैसे ही बॉलीवुड फूलने फलने लगता है, अंडरवर्ल्ड सर उठाने लगता है । किसी न किसी कारण से अंडरवर्ल्ड की बॉलीवुड को धमकियों का सिलसिला चलता रहता है । शाहरुख़ खान का मामला साफ़ करता है कि फिल्म स्टार्स की सक्सेस खाड़ी और पाकिस्तान में बैठे गैंगस्टर्स को आकर्षित करती है । ऐसे तमाम सफल अभिनेता या फिल्म निर्माता किसी न किसी कारण से डॉन की धमकियों का शिकार होते रहते हैं । आम तौर पर सलमान खान को किसी प्रकार की धमकी के फ़ोन आने की खबरें सुनाई नहीं पड़ती । परन्तु पिछले साल से सलमान खान अंडरवर्ल्ड सरगना रवि पुजारी के निशाने पर हैं । 'जय हो' की रिलीज़ के दौरान ही सलमान खान को वसूली के लिए धमकाया जाने लगा था । किक की सुपर सफलता के बाद फिल्म के निर्माता और निर्देशक साजिद नाडियाडवाला भी अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए । रवि पुजारी गैंग की कुछ ऎसी ही धमकियां फरहान अख्तर, अक्षय कुमार , विवेक ओबेरॉय, करण जौहर, सोहैल खान, फरहान आज़मी और रितेश सिधवानी को भी मिली हैं । इन सभी की छोटा राजन के खिलाफ रिपोर्ट मुंबई के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड में दर्ज है ।
कभी कभी अंडरवर्ल्ड से धमकियों के दूसरे कारण भी होते हैं । जब अभिनेत्री प्रीटी जिंटा का अपने पूर्व प्रेमी नेस वाडिया से झगड़ा चल रहा था और प्रीटी ने नेस के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई थी, उस समय नेस वाडिया के पिता नुस्ली वाडिया ने मुंबई पुलिस के चीफ राकेश मरिया से शिकायत की थी कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से प्रीटी जिंटा को परेशान न करने के लिए धमकियाँ मिल रही हैं । प्रीटी जिंटा की शुरुआत की कई फिल्मों में कथित तौर पर अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा करता था । वह उस दौरान अंडरवर्ल्ड की प्रिय हीरोइन भी थी । वैसे प्रीटी जिंटा ने वाडिया को धमकी में अपना कोई हाथ होने से साफ़ इंकार कर दिया। अक्षय कुमार और बोनी कपूर का मामला कुछ बिलकुल अलग है । अक्षय कुमार ने अपने घर में काम करने वाले एक नौकर को निकाल दिया था । इसके बाद से उनके पास नौकर को वापस रखने के लिए अंडरवर्ल्ड के धमकी भरे फ़ोन आने लगे । बोनी कपूर का मामला थोड़ा अलग इसलिए है कि उनके घर छह लाख की चोरी हो गयी थी । इस चोरी के सिलसिले में दो लोग गिरफ्तार भी हुए थे । इन दोनों की गिरफ़्तारी के बाद बोनी कपूर को इंटरनेशनल नंबर से जान से मार देने की धमकियों वाले फ़ोन आने लगे । रामगोपाल वर्मा का मामला तो काफी दिलचस्प है । वर्मा गैंगस्टर फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर हैं । सत्या २ के दौरान रामगोपाल वर्मा को अंडरवर्ल्ड से फिल्म की कुछ लाइन काट देने के लिए धमकाया गया था। यह कौन सी लाइन थीं, वर्मा ने बताया नहीं । पिछले साल सोनू निगम ने पुलिस में छोटा शकील द्वारा धमकी दिए जाने की रिपोर्ट दर्ज़ कराई थी । दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ छोटा शकील चाहता था कि सोनू निगम एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से करार तोड़ कर उसकी बताई कंपनी से करार करे ।
कभी निर्माता निर्देशक राजीव राय का डंका बजा करता था। उन्होंने त्रिदेव, मोहरा और गुप्त जैसी सुपर हिट फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया था। इस सफलता ने अंडरवर्ल्ड की निगाहें उन पर जमा दी। उन्हें धमकियों भरे फ़ोन आने लगे। वसूली के लिए धमकाया जाने लगा। जब राजीव राय ने इन धमकियों पर ध्यान नहीं दिया तो उन पर जान लेवा हमला हुआ। लेकिन, इस हमले में घायल होने के बावजूद राजीव राय बच गए। इस हमले से घबराये राजीव राय ने देश ही छोड़ दिया। अंडरवर्ल्ड की धमकियों ने एक सुनहरा करियर ख़त्म कर दिया। राजीव राय कुछ समय स्विट्ज़रलैंड में पत्नी सोनम के साथ रहने के बाद अमेरिका चले गए। यह घटना १९९७ की है। सुना है आजकल राजीव राय और सोनम वापस मुंबई आ चुके हैं। लेकिन, फिलहाल राजीव राय का फ़िल्में बनाने का कोई इरादा नहीं है ।
पिछले चार सालों से बॉलीवुड में सौ करोड़ क्लब वाली फिल्मों की भरमार हो गयी है। सलमान खान, शाहरुख़ खान, ऋतिक रोशन, आदि सितारे सफलतम अभिनेताओं में शुमार हैं। अंडरवर्ल्ड को बॉलीवुड का यही फूलना फलना रास आता है। इसीलिए बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को धमकाए जाने का सिलसिला भी शुरू गया हैं।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिर बनी एंजेलिना-ब्रैड पिट जोड़ी
कोई तीन महीना पहले शादी के बाद भी हॉलीवुड स्टार जोड़ी एंजेलिना जोली और ब्रैड पिट हनीमून नहीं मना पाये हैं। वह शादी के बाद से ही अपनी रोमांस ड्रामा फिल्म बाई द सी की माल्टा में शूटिंग करने में व्यस्त हैं। इस फिल्म में एंजेलिना जोली ब्लॉन्ड महिला बनी हैं। इसके लिए एंजेलिना ने अपने बालों को नहीं रंगवाया है, बल्कि विग का इस्तेमाल किया है। इस फिल्म से पहले १९९९ में रिलीज़ फिल्म गर्ल, इंटरप्टेड में भी जोली ब्लॉन्ड बनी थीं। इस फिल्म के लिए जोली को ऑस्कर पुरस्कार मिला था। निकोलस केज के साथ फिल्म गॉन इन सिक्सटी सेकण्ड्स में भी जोली के बालों का रंग हल्का था। २००२ की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म लाइफ और समथिंग लिखे आईटी में भी जोली के बालों का रंग बदल हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि बाई द सी एंजेलिना जोली ने ही लिखा है और इसे निर्देशित कर रही हैं। यह फिल्म सत्तर के दशक के फ्रांस की पृष्ठभूमि पर है। इसलिए फिल्म में उसी काल खंड के अनुरूप पोशाकें इस्तेमाल की जा रही हैं। फिल्म में एंजेलिना जोली एक पूर्व डांसर का रोल कर रही हैं। जोली और फिल्म में उनके पति बने ब्रैड पिट ऐसे विवाहित जोड़े बने हैं, जो अपनी शादी को ताजादम बनाने के लिए फ्रांस में घूमने निकलते हैं। बाई द सी का निर्माण जोली और ब्रैड पिट मिल कर कर रहे हैं। यहाँ, उल्लेखनीय है कि बाई द सी की शूटिंग के दौरान ही जोली और ब्रैड ने शादी करने का मन बनाया था। यह फिल्म इन दोनों की २००५ में रिलीज़ फिल्म मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ के बाद पहली एक साथ फिल्म है। मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ की शूटिंग के दौरान ही जोली और पिट के बीच प्यार पनपा। यह संयोग ही है कि दोनों की शादी साथ फिल्म की शूटिंग के दौरान ही हुई। बाई द सी अगले साल रिलीज़ होनी है।
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Hollywood
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बॉक्स ऑफिस पर एन एच १०, बैंक चोर और टाइगर्स !
अनुष्का शर्मा ने अगले साल १० मार्च के बॉक्स ऑफिस पर दिलचस्पी पैदा कर दी है। इस दिन दो फ़िल्में इमरान हाश्मी की इंटरनेशनल फिल्म टाइगर्स और यशराज प्रोडक्शंस की रितेश देशमुख और विवेक ओबेरॉय अभिनीत फिल्म बैंक चोर रिलीज़ हो रही है। टाइगर्स भारत-फ्रांस सहयोग से बनी फिल्म है। यह अयान नाम के युवक की कहानी है, जो पाकिस्तानी की दवाएं बेचा करता है। यह दवाएं काफी सस्ती होने के बावजूद कोई खरीदता नहीं, क्योंकि इनका कोई ब्रांड नाम नहीं। यह कहानी है व्यवस्था से टकरा जाने वाले व्यक्ति की। फिल्म का निर्देशन डेनिस टनोविच ने किया है। बैंक चोर तीन मूर्खों की कहानी है, जो एक बैंक लूटने की कोशिश करते हैं। बैंक चोर का निर्देशन बम्पी कर रहे हैं। रितेश देशमुख और विवेक ओबेरॉय के बैंक चोर के साथ इमरान हाशमी के मुकाबले को उत्सुकता से देखा जा रहा था। क्योंकि, जहाँ बॉलीवुड के सीरियल किसर इमरान हाशमी की फ़िल्में ख़ास वर्ग द्वारा पसंद की जाती हैं, वही यशराज बैनर की फिल्मों का भी ख़ास दर्शक वर्ग है। १० मार्च २०१५ को होने जा रहे इस दिलचस्प मुकाबले को अनुष्का शर्मा ने ज़्यादा दिलचस्प और सनसनीखेज बना दिया है। इस दिन अनुष्का शर्मा की बतौर निर्माता पहली फिल्म एनएच १० भी रिलीज़ होने जा रही है। यह एक रोड ट्रिप की थ्रिल से भरपूर कहानी है, जो यकायक गलत रास्ते पर चली जाती है। फिल्म की मुख्य भूमिका में अनुष्का शर्मा के साथ नील बूपलम हैं। फिल्म का निर्देशन नवदीप सिंह कर रहे है। नवदीप की इससे पहले रिलीज़ मनोरमा सिक्स फ़ीट अंडर बॉक्स ऑफिस पर कोई ख़ास बिज़नेस नहीं कर पाई थी। उनकी दूसरी फिल्म रॉक द शादी रिलीज़ तक नहीं हो सकी। एनएच १० के १० मार्च को रिलीज़ होने से, अब तक बैलेंस में नज़र आ रहा सीधा मुक़ाबला अनुष्का शर्मा की फिल्म की ओर झुका नज़र आ रहा है। ट्रेड सर्किल में कहा जा रहा है कि अनुष्का शर्मा की फिल्म एनएच १० को शुरूआती बढ़त हासिल समझो। क्योंकि, अनुष्का की फिल्म एनएच १० का ट्रेलर उनकी ही आमिर खान के साथ फिल्म पीके के साथ १९ दिसंबर को रिलीज़ हो जायेगा। इतने ज़बरदस्त प्रमोशन और अनुष्का शर्मा की फिल्म होने के नाते एनएच १० को अपेक्षाकृत काफी ज़्यादा बढ़त मिलेगी। इसके बाद वीकेंड बिज़नेस ही बताएगा कि अनुष्का शर्मा की फिल्म पर रितेश-विवेक जोड़ी भारी पड़ती है या इमरान हाशमी अकेले ही उन के लिए काफी साबित होते हैं या फिर अनुष्का शर्मा इन तीन चेहरों का चेहरा धुँआ धुँआ कर देती है।
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बॉक्स ऑफिस पर
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डायनासोर का 'जुरैसिक वर्ल्ड'
हॉलीवुड फिल्मों के प्रति भारतीय दर्शकों में पागलपन को हॉलीवुड के स्टूडियो अच्छी तरह समझने लगे हैं। इसीलिए वह भारतीय दर्शकों को अपनी फिल्मों की ओर आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। स्टार मूवीज और यूनिवर्सल पिक्चर्स इंटरनेशनल-इंडिया का एक ऐसा ही प्रयास है इन दोनों के द्वारा डायनासोर साइ-फाइ सीरीज की नवीनतम फिल्म जुरैसिक वर्ल्ड की ख़ास झलक स्टार मूवीज के फेसबुक पेज और ट्विटर पर जारी किया जाना । जुरैसिक वर्ल्ड १२ जून २०१५ को रिलीज़ होनी है । डायनासोर सीरीज की पहली फिल्म 'जुरैसिक पार्क' ११ जून १९९३ को रिलीज़ हुई थी। तब से अब तक २२ साल बीत चुके हैं। जुरैसिक पार्क की निर्माण लागत ६३ मिलियन डॉलर थी। यह फिल्म अब तक १०२९ मिलियन डॉलर का बिज़नेस कर चुकी है। इसके बाद इसकी दो सीक्वल फ़िल्में 'द लॉस्ट वर्ल्ड: जुरैसिक पार्क और जुरैसिक पार्क ३ रिलीज़ हो चुकी हैं। जुरैसिक वर्ल्ड इस सीरीज का तीसरा सीक्वल है । यानि जुरैसिक पार्क सीरीज की चौथी फिल्म है जुरैसिक वर्ल्ड । १९९७ में रिलीज़ द लॉस्ट वर्ल्ड की निर्माण लागत ७३ मिलियन डॉलर थी । द लॉस्ट वर्ल्ड ने ६१८ मिलियन डॉलर कमाए । इसके बाद, २००१ में जुरैसिक पार्क ३ रिलीज़ हुई। ९३ मिलियन डॉलर से बनी जुरैसिक पार्क ने ३६८ मिलियन डॉलर कमाए। पहली दो जुरैसिक पार्क फिल्मों के निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग थे । तीसरी जुरैसिक पार्क फिल्म का निर्देशन जोए जोहन्सटन ने किया था । जुरैसिक वर्ल्ड का निर्देशन कॉलिन ट्रेवोर्रो ने किया है। जुरैसिक पार्क को फिल्म समीक्षक और जानकार एक्शन और थ्रिलर शैली की महानतम फिल्मों में शुमार करते हैं। जुरैसिक पार्क हॉलीवुड की पहली फिल्म थी, जिसे अंग्रेजी के अलावा हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी डब कर रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म के बाद हॉलीवुड फिल्मों को डब कर रिलीज़ करने का सिलसिला चल निकला। तो इंतज़ार कीजिये की जुरैसिक वर्ल्ड में दर्शकों को क्या आश्चर्यजनक देखने को मिलता है।
अल्पना कांडपाल
अल्पना कांडपाल
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खराब लेखन से 'उंगली ' करने की 'ज़िद'
इस शुक्रवार रिलीज़ दो फ़िल्में अच्छे सब्जेक्ट के 'उंगली' करने की बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं की 'ज़िद' के लिए जानी जाएंगी। करण जौहर के बैनर की फिल्म 'उंगली ' एक ऐसे उंगली गिरोह की कहानी है, जो यह सोचता है कि जब सीधी उंगली से या टेढ़ी उंगली से घी न निकले तो बीच का रास्ता निकालना पड़ता है। चार युवाओ- एक लड़की और तीन लड़कों का यह गिरोह भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ जंग छेड़े हुए है। अब होता यह है कि यह नेताओं और पुलिस वालों पर ही हाथ डाल देते हैं। तब इस गैंग को पकड़ने के लिए दो पुलिस अधिकारीयों को लगाया जाता है, जो उन्ही की तरह से काम करते हैं। निर्माता अनुभव सिन्हा की फिल्म 'ज़िद' सस्पेंस थ्रिलर है। एक पत्रकार गोवा में एक वीरान में स्थित मकान मे रहने आता है। इस मकान में एक लड़की और उसका बीमार पिता रहता है। लडके का अपनी प्रेमिका से सम्बन्ध टूट गया है। मकान की लड़की लडके को प्रेम करने लगती है। लड़का उसे सिर्फ दोस्त मानता है। इसके बाद क़त्ल की वारदातें शुरू हो जाती हैं। 'उंगली ' और 'ज़िद' का विषय खास अच्छा और दर्शकों को अपील करने वाला था। परन्तु, यह दोनों फ़िल्में ख़राब लेखन और अभिनय का शिकार हो गयीं। दोनों फिल्मों की ख़ास बात यह है कि इन्हे लिखने में इनके निर्देशकों ने सहयोग दिया है। फिल्म ज़िद का लेखन रोहित मल्होत्रा के
साथ विवेक अग्निहोत्री ने किया है। ऊँगली का लेखन मिलाप जावेरी के साथ रेंसिल डिसूज़ा ने किया है। यह दोनों फ़िल्में घिसे पिटे घटनाक्रम के साथ आगे घिसटती चलती हैं। उंगली की लीक तो इतनी पिटी हुई है कि दर्शक झल्ला कर अपने ही उंगली करने लगता है कि आखिर वह इस फिल्म को देखने ही क्यों आया ? उंगली में इमरान हाश्मी आकर्षण थे। पर फिल्म में उनके करने लिए लिए कुछ नहीं था। फिल्म में उन्होंने जो किया, उसके लिए उनका प्रशंसक दर्शक उन्हें नहीं पहचानता। कंगना रनौत इस फिल्म में क्या कर रही थीं ? वह स्क्रिप्ट लेखन की ट्रेनिंग ले चुकी हैं। उनकी फिल्म चुनने की क्षमता पर तरस आता है। फिल्म में रणदीप हुडा, संजय दत्त, नील भूपलम, अंगद बेदी और नेहा धूपिया भी दर्शकों के उंगली करते नज़र आ रहे थे। ज़िद भी एक्टर्स की उंगली करने की ज़िद का शिकार हुई। इस फिल्म के लिए ज़ोर शोर से प्रचार किया गया था कि ज़िद प्रियंका चोपड़ा की एक और बहन बार्बी हांडा उर्फ़ मन्नारा हांडा डेब्यू कर रही हैं। इसमे कोई शक नहीं कि खराब एक्टिंग के मामले में वह अपनी दीदी का नाम डुबो कर ही मानेंगी। उन्हें अभिनय का मतलब अपनी बड़ी छातियाँ दिखाना ही लगता है। करणवीर शर्मा के चेहरे के हाव भावों से एक्टिंग न कर पाने का दर्द झलकता रहता है। दक्षिण की अभिनेत्री श्रद्धा दास ने कामुक अंग प्रदर्शन में मन्नारा को ज़बरदस्त टक्कर दी है। मगर, उन्हें इसका कोई फायदा नहीं होने जा रहा। फिल्म ऊँगली में संगीत के क्षेत्र में चार संगीतकारों सलीम-सुलैमान, सचिन-जिगर, गुलराज सिंह और असलम केई ने ऊँगली की है। मगर , वह दर्शकों का दर्द बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं कर पाये। ज़िद में शारिब-तोषी की संगीतकार जोड़ी का ठीक ठाक काम भी बर्बाद हो गया है।
करण जौहर और अनुभव सिन्हा सफल फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। इनकी फ़िल्में अच्छी स्क्रिप्ट की गवाह हैं। समझ में नहीं आता कि यह दोनों चूक कैसे गए। वैसे करण जौहर ने ऊँगली के प्रचार से किनारा कर अपनी नाराज़गी दर्ज करा दी थी।
ज़िद में मन्नारा और उंगली मे कंगना रनौत के किरदार का नाम माया है। लेकिन, लगता नहीं कि नाम के अनुरूप फिल्मों को माया नसीब होगी।
साथ विवेक अग्निहोत्री ने किया है। ऊँगली का लेखन मिलाप जावेरी के साथ रेंसिल डिसूज़ा ने किया है। यह दोनों फ़िल्में घिसे पिटे घटनाक्रम के साथ आगे घिसटती चलती हैं। उंगली की लीक तो इतनी पिटी हुई है कि दर्शक झल्ला कर अपने ही उंगली करने लगता है कि आखिर वह इस फिल्म को देखने ही क्यों आया ? उंगली में इमरान हाश्मी आकर्षण थे। पर फिल्म में उनके करने लिए लिए कुछ नहीं था। फिल्म में उन्होंने जो किया, उसके लिए उनका प्रशंसक दर्शक उन्हें नहीं पहचानता। कंगना रनौत इस फिल्म में क्या कर रही थीं ? वह स्क्रिप्ट लेखन की ट्रेनिंग ले चुकी हैं। उनकी फिल्म चुनने की क्षमता पर तरस आता है। फिल्म में रणदीप हुडा, संजय दत्त, नील भूपलम, अंगद बेदी और नेहा धूपिया भी दर्शकों के उंगली करते नज़र आ रहे थे। ज़िद भी एक्टर्स की उंगली करने की ज़िद का शिकार हुई। इस फिल्म के लिए ज़ोर शोर से प्रचार किया गया था कि ज़िद प्रियंका चोपड़ा की एक और बहन बार्बी हांडा उर्फ़ मन्नारा हांडा डेब्यू कर रही हैं। इसमे कोई शक नहीं कि खराब एक्टिंग के मामले में वह अपनी दीदी का नाम डुबो कर ही मानेंगी। उन्हें अभिनय का मतलब अपनी बड़ी छातियाँ दिखाना ही लगता है। करणवीर शर्मा के चेहरे के हाव भावों से एक्टिंग न कर पाने का दर्द झलकता रहता है। दक्षिण की अभिनेत्री श्रद्धा दास ने कामुक अंग प्रदर्शन में मन्नारा को ज़बरदस्त टक्कर दी है। मगर, उन्हें इसका कोई फायदा नहीं होने जा रहा। फिल्म ऊँगली में संगीत के क्षेत्र में चार संगीतकारों सलीम-सुलैमान, सचिन-जिगर, गुलराज सिंह और असलम केई ने ऊँगली की है। मगर , वह दर्शकों का दर्द बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं कर पाये। ज़िद में शारिब-तोषी की संगीतकार जोड़ी का ठीक ठाक काम भी बर्बाद हो गया है।
करण जौहर और अनुभव सिन्हा सफल फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। इनकी फ़िल्में अच्छी स्क्रिप्ट की गवाह हैं। समझ में नहीं आता कि यह दोनों चूक कैसे गए। वैसे करण जौहर ने ऊँगली के प्रचार से किनारा कर अपनी नाराज़गी दर्ज करा दी थी।
ज़िद में मन्नारा और उंगली मे कंगना रनौत के किरदार का नाम माया है। लेकिन, लगता नहीं कि नाम के अनुरूप फिल्मों को माया नसीब होगी।
Just one film old Kriti Sanon, has won the race to star opposite Akshay Kumar in Prabhu Deva’s ‘Singh is Bling’.
Actresses like Katrina Kaif and Kareena Kapoor
Khan were considered for the role. But, finally the makers have zeroed
in Kriti Sanon for the role.
Kriti made her debut this year with the film ‘Heropanti’ and it is a big deal that the actress has left behind senior actresses like Katrina and Kareena.
Well, it will be interesting to watch Akshay Kumar romancing the much younger actress Kriti Sanon.
- See more at: http://www.calgaryindians.com/news/23230-heropanti-girl-kriti-beats-katrina-kareena.aspx#sthash.Gmb0odrs.dpufKriti made her debut this year with the film ‘Heropanti’ and it is a big deal that the actress has left behind senior actresses like Katrina and Kareena.
Well, it will be interesting to watch Akshay Kumar romancing the much younger actress Kriti Sanon.
Just one film old Kriti Sanon, has won the race to star opposite Akshay Kumar in Prabhu Deva’s ‘Singh is Bling’.
Actresses like Katrina Kaif and Kareena Kapoor
Khan were considered for the role. But, finally the makers have zeroed
in Kriti Sanon for the role.
Kriti made her debut this year with the film ‘Heropanti’ and it is a big deal that the actress has left behind senior actresses like Katrina and Kareena.
Well, it will be interesting to watch Akshay Kumar romancing the much younger actress Kriti Sanon.
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Well, it will be interesting to watch Akshay Kumar romancing the much younger actress Kriti Sanon.
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 28 November 2014
परम गिल को सिद्धि विनायक की फिल्म
डायरेक्टर परम गिल की आजकल निकल पड़ी है। उनकी हिंदी फिल्म डेथ ऑफ़ अमर और इंग्लिश फिल्म द लास्ट सपर को ढेर सारे अवार्ड मिल चुके हैं । लॉस एंजेल्स अंडरग्राउंड फिल्म फेस्टिवल में पाँच अवार्ड मिले । फिल्म को ओरेगॉन फिल्म फेस्टिवल में प्लैटिनम अवार्ड मिला। परम गिल को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड सैनफ्रांसिस्को फिल्म फेस्टिवल में मिला था । क्रिस्टल स्काई ने अमेरिकन फिल्म मार्किट के लिए इंग्लिश फिल्म द लास्ट सपर का पूरा राइट्स खरीद लिया है । राजीव खण्डेलवाल और ज़रीन खान की फिल्म डेथ ऑफ़ अमर के निर्माता रेमो डिसूज़ा है । परम गिल अपनी फिल्म एक फिल्म की शूटिंग जनवरी से शुरू करेंगे। उन्होंने सिद्धि विनायक फिल्म के नरेंद्र बजाज की फिल्म भी बतौर निर्देशक साईन की है ।
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हस्तियां
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बदलापुर का पोस्टर
वरूण धवन, नवाजुद्दीन सिद्दकी, यमी गौतम और हुमा कुरैशी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'बदलापुर' का टीज़र पोस्टर. यह पोस्टर श्वेत श्याम पृष्ठभूमि पर बनाया गया है, जिसमे दो रेलवे ट्रैक के बीच फिल्म का टाइटल बदलापुर हिंदी और अंग्रेजी मिक्स कर बनाया गया है. लेकिन, यह पोस्टर काफी कुछ लिओनार्डो डिकेप्रिओ की फिल्म इन्सेप्शन से मिलता-जुलता सा है . इन्सेप्शन के पोस्टर में दो इमारतों के बीच इन्सेप्शन लिखा नज़र आता था. श्रीराम राघवन के निर्देशन में बनाई जा रही फिल्म बदलापुर अगले साल २० फरवरी को रिलीज़ होगी.
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Poster
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पूरा हुआ ए बी सी डी २ इंडिया शिड्यूल
रेमो डिसूज़ा की फिल्म ए बी सी डी २ का इंडिया शिड्यूल पूरा हो गया है। अब वरुण धवन, श्रद्धा कपूर और प्रभुदेवा के साथ पूरी टीम, लास वेगास अमेरिका के लिए रवाना होगी। रियल लाइफ करैक्टर पर आधारित यह फिल्म मुंबई के नालासोपारा इलाके के आवारा बच्चों की कहानी है, जो अपनी लगन और मेहनत के बल पर अंतर्राष्ट्रीय डांस कम्पटीशन में हिस्सा लेने जाते है। वरुण धवन अपने साथी बच्चों के टीम लीडर सुरेश की भूमिका में हैं, जो अपना डांस ट्रुप ले कर इंटरनेशनल डांस कम्पटीशन में हिस्सा लेते हैं । श्रद्धा कपूर वरुण धवन की प्रेमिका का किरदार कर रही है। प्रभुदेवा वरुण धवन के गॉड फादर बने हैं । बताते चलें कि ए बी सी डी २ रेमो डिसूज़ा की २०१३ में बतौर निर्देशक पहली फिल्म ए बी सी डी - एनी बडी कैन डांस का सीक्वल है । 'मगर इस सीक्वल फिल्म की कहानी बिलकुल अलग है', बताते हैं रेमो डिसूुज़ा। रेमो डिसूज़ा ज़मीन से उठे आदमी हैं। उनकी फिल्मों में अभाव, सपने, प्रेरणा, संघर्ष और प्रेम प्रमुख तत्व होते हैं। ए बी सी डी २ भी उसी शैली की फिल्म है। यह फिल्म अगले साल के मध्य में रिलीज़ होगी।
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फिल्म पुराण
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Thursday, 27 November 2014
जेड प्लस जैसी फ़िल्में संतुष्टि देती हैं - मोना सिंह
जस्सी जैसी कोई नहीं और क्या हुआ तेरा वादा से छोटे परदे पर छा जाने वाली मोना सिंह की ऊट पटांग और ३ इडियट्स जैसी फिल्मों से बड़े परदे पर एंट्री ख़ास नहीं रही। ३ इडियट्स के बाद मोना सिंह , ज़्यादातर रियलिटी शोज में नज़र आयीं। अब वह कोई तीन चार साल बाद डॉक्टर चंद्रप्रकाश की फिल्म जेड प्लस से दर्शकों के सामने होंगी । जेड प्लस एक सामाजिक राजनीतिक ड्रामा फिल्म है । समकालीन राजनीति पर कटाक्ष करती इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक राज्य के भ्रष्ट राजनेता अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक पंक्चर वाले को जेड प्लस सुरक्षा दे देते हैं। इस फिल्म में असलम पंक्चर वाले की भूमिका आदिल हुसैन ने की है। मोना सिंह ने इसी पंक्चर वाले की बीवी की भूमिका की है। मोना सिंह छोटे परदे पर अपना जादू बिखेरने के बावजूद ज़्यादा फिल्मों में इसलिए नज़र नहीं आयीं कि क्योंकि उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट का इंतज़ार था ।
मोना सिंह ने जेड प्लस का चुनाव स्क्रिप्ट की वजह से किया या अपनी भूमिका पढ़ किया ! कहती हैं मोना सिंह, "डॉक्टर साहब की स्क्रिप्ट राजनीती का शानदार बयान है।
मोना सिंह ने जेड प्लस का चुनाव स्क्रिप्ट की वजह से किया या अपनी भूमिका पढ़ किया ! कहती हैं मोना सिंह, "डॉक्टर साहब की स्क्रिप्ट राजनीती का शानदार बयान है।
मोना इतने लम्बे समय तक फिल्मों में नज़र नहीं आयी, क्योंकि, उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट का इंतज़ार था। वह कहती हैं, " आजकल ज़्यादातर रोमांटिक फ़िल्में बनायी जा रही हैं। मैं रोमांस फिल्मों की विरोधी नहीं। परन्तु, फिल्मों में कुछ समझदारी भी तो होनी चाहिए। मैं कुछ फ़िल्में गिना सकती हूँ, जो देखने योग्य है। क्वीन ऎसी ही फिल्म थी। मैंने इसे कई बार देखा। आँखों देखी भी शानदार फिल्म थी। यह फ़िल्में अलग प्रकार का सिनेमा थी। "
हमारे यहाँ अच्छी स्क्रिप्ट की इतनी कमी क्यों हैं ? बताती हैं मोना सिंह, "दरअसल, अच्छी स्क्रिप्ट तैयार करने में काफी मेहनत और समय लगता है। हमारे फिल्म उद्योग में अच्छी स्क्रिप्ट की बड़ी कमी है। इसीलिए अच्छा सिनेमा देखने को बहुत कम मिल रहा। "
जेड प्लस की स्क्रिप्ट अच्छी थी या मोना सिंह को अपना रोल अच्छा लगा ? जेड प्लस साइन करने का क्या कारण था ? मोना बताती हैं, "डॉक्टर साहब ने ब्रिलियंट स्क्रिप्ट लिखी है। वह बड़े रोचक अंदाज़ में स्क्रिप्ट सुनाते हैं। उन्होंने स्क्रिप्ट का अंत मुझे नहीं सुनाया और कहा कि मैं अंत नहीं बताना चाहता। लेकिन, बाद में जब मैंने अंत बताने की ज़िद पकड़ी तो उन्होंने अंत बता दिया। मुझे यह बहुत अच्छा लगा और मैंने तुरंत फिल्म को हाँ कर दी।"
क्या आप जेड प्लस से खुश हैं ? मोना सिंह कहती हैं, "एक एक्टर के लिए जेड प्लस जैसी फिल्म से जुड़ना बड़े संतोष की बात होती। आप फिल्म देखते समय इमोशन के विस्तृत आयाम देखेंगे।"
राजेंद्र कांडपाल
क्या आप जेड प्लस से खुश हैं ? मोना सिंह कहती हैं, "एक एक्टर के लिए जेड प्लस जैसी फिल्म से जुड़ना बड़े संतोष की बात होती। आप फिल्म देखते समय इमोशन के विस्तृत आयाम देखेंगे।"
राजेंद्र कांडपाल
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साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आम आदमी को बेवक़ूफ़ समझना ठीक नहीं- आदिल हुसैन
डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म जेड प्लस में अभिनेता आदिल हुसैन
एक पंक्चर वाले असलम का किरदार कर रहे हैं, जिसे भ्रष्ट राजनीतिज्ञ जेड
प्लस सुरक्षा दे देते हैं। इस सुरक्षा घेरे में उस पंक्चर वाले का जीवन
कैसे नरक हो जाता है, यही जेड प्लस का राजनीतिक व्यंग्य है। अभी तक गंभीर
और गहन भूमिकाएं करने वाले आदिल हुसैन 'जेड प्लस' को उनकी इमेज बदल देने
वाली फिल्म मानते हैं। क्यों ?
जब आपके पास जेड प्लस का प्रस्ताव आया तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी ?
जब फिल्म के निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी अपनी फिल्म लेकर मेरे पास आये तो मैं चकित रह गया कि वह मेरे पास यह हल्की फुल्की कहानी वाली फिल्म क्यों लेकर आये हैं! हो सकता है किसी को लगा होगा कि मैं यह रोल कर सकता हूँ। वैसे यह कुछ लोग ही जानते हैं कि मेरी ट्रेनिंग विदूषक के तौर पर हुई है और मैं स्टैंड अप कॉमेडियन भी रहा हूँ। वैसे मैं काफी समय से हल्की फुल्की फिल्म करना चाहता था।
जब आपके पास जेड प्लस का प्रस्ताव आया तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी ?
जब फिल्म के निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी अपनी फिल्म लेकर मेरे पास आये तो मैं चकित रह गया कि वह मेरे पास यह हल्की फुल्की कहानी वाली फिल्म क्यों लेकर आये हैं! हो सकता है किसी को लगा होगा कि मैं यह रोल कर सकता हूँ। वैसे यह कुछ लोग ही जानते हैं कि मेरी ट्रेनिंग विदूषक के तौर पर हुई है और मैं स्टैंड अप कॉमेडियन भी रहा हूँ। वैसे मैं काफी समय से हल्की फुल्की फिल्म करना चाहता था।
आप के लिए इस फिल्म का कितना महत्त्व है ?
यह फिल्म मुझे मेरी स्टीरियो टाइप इमेज से बाहर निकलेगी। बॉलीवुड का यह ट्रेंड है कि आप अगर एक प्रकार की भूमिका में सफल होते हैं तो आपको फिर वैसी ही भूमिकाएं दी जाती हैं। इसीलिए जब मुझे यह ऑफर मिला तो मैं सरप्राइज था। डॉक्टर चन्द्रप्रकाश ने जब कहानी सुनाई तो मैं जैसे आसमान में उड़ने लगा।
आपके साथ मोना सिंह काम कर रही हैं। कैसा रहा उनका साथ ?
मोना बहुत खुल कर काम करती हैं। साथ ही उनमे दायित्व बोध भी है। वह जीवंत महिला है। उनमे अच्छी चीजों की समझ है। अगर उन्हें कुछ करना है तो उनमे इतना साहस है कि वह उसे आगे बढ़ कर करें। उन्होंने बतौर अभिनेत्री फिल्म में शानदार काम किया है। उनके साथ काम करना आनंददायक अनुभव था।
यह फिल्म मुझे मेरी स्टीरियो टाइप इमेज से बाहर निकलेगी। बॉलीवुड का यह ट्रेंड है कि आप अगर एक प्रकार की भूमिका में सफल होते हैं तो आपको फिर वैसी ही भूमिकाएं दी जाती हैं। इसीलिए जब मुझे यह ऑफर मिला तो मैं सरप्राइज था। डॉक्टर चन्द्रप्रकाश ने जब कहानी सुनाई तो मैं जैसे आसमान में उड़ने लगा।
आपके साथ मोना सिंह काम कर रही हैं। कैसा रहा उनका साथ ?
मोना बहुत खुल कर काम करती हैं। साथ ही उनमे दायित्व बोध भी है। वह जीवंत महिला है। उनमे अच्छी चीजों की समझ है। अगर उन्हें कुछ करना है तो उनमे इतना साहस है कि वह उसे आगे बढ़ कर करें। उन्होंने बतौर अभिनेत्री फिल्म में शानदार काम किया है। उनके साथ काम करना आनंददायक अनुभव था।
फिल्म के डायरेक्टर डॉक्टर चंद्रप्रकाश के बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
उनका कहानी कहने का अंदाज़ बहुत अलग है। उन्हें इस फिल्म को बनाने के लिए बड़ा इंतज़ार करना पड़ा है। वह सीरियल चाणक्य में ही काफी अलग थे। उस समय जब वह चाणक्य बना रहे थे तो लोग उनकी आलोचना कर रहे थे। नाउ इट्स अ लीजेंड, इट्स अ कल्ट। चाणक्य शानदार इस लिए था कि डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने इसे उसी प्रकाश से बनाया, जैसे वह बनाना चाहते थे। उन्होंने कंटेंट के साथ कोई समझौता नहीं किया।
जेड प्लस के कॉमन मैन के बारे में क्या कहेंगे ?
यह सोचना ही अपमान होगा कि आम आदमी शहर के आदमी के मुकाबले कम बुद्धिमान होता है। आम आदमी को बेवक़ूफ़ समझना ठीक नहीं। डॉक्टर चंद्रप्रकाश बतौर निर्देशक यह समझ रखते हैं।
उनका कहानी कहने का अंदाज़ बहुत अलग है। उन्हें इस फिल्म को बनाने के लिए बड़ा इंतज़ार करना पड़ा है। वह सीरियल चाणक्य में ही काफी अलग थे। उस समय जब वह चाणक्य बना रहे थे तो लोग उनकी आलोचना कर रहे थे। नाउ इट्स अ लीजेंड, इट्स अ कल्ट। चाणक्य शानदार इस लिए था कि डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने इसे उसी प्रकाश से बनाया, जैसे वह बनाना चाहते थे। उन्होंने कंटेंट के साथ कोई समझौता नहीं किया।
जेड प्लस के कॉमन मैन के बारे में क्या कहेंगे ?
यह सोचना ही अपमान होगा कि आम आदमी शहर के आदमी के मुकाबले कम बुद्धिमान होता है। आम आदमी को बेवक़ूफ़ समझना ठीक नहीं। डॉक्टर चंद्रप्रकाश बतौर निर्देशक यह समझ रखते हैं।
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साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
समुद्र के खतरों से जूझने वाले २१ जहाजियों की दास्तान
डायरेक्टर रॉन होवार्ड की बायोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म 'इन द हार्ट ऑफ़ द सी' मनुष्य के जीवन के लिए संघर्ष की प्रेरक सत्य घटना है। क्रिस हेम्सवर्थ, सिलियन मर्फी और टॉम हॉलैंड की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म अगले साल १५ मार्च को रिलीज़ होगी । 'इन द हार्ट ऑफ़ द सी' नथानिएल फिल्ब्रिक के २००० में लिखा गए इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है । यह उपन्यास व्हेलेशिप एसेक्स के डूबने की घटना पर बच कर निकले जहाज के सदस्यों के जीवन वृतांत के आधार पर लिखा गया था । द एसेक्स एक विशालकाय पक्षी के आकार का अमेरिकी जहाज था, जो दक्षिण प्रशांत महासागर में क्रोधित विशालकाय व्हेल के हमले में टूट कर २० नवंबर १८२० को डूब गया था । इस जहाज के कैप्टेन जॉर्ज पोलार्ड जूनियर थे । जहाज पर सवार लोगों में से २१ ने जीवन के लिए संघर्ष करते हुए समुद्र में महीनों गुजारे । इन २१ लोगों में से केवल आठ लोग ही समुद्र से जीवित बाहर आ सके । जहाज के एक सहायक ओवेन चेस और केबिन बॉय थॉमस निक्केर्सोन ने समुद्र में गुजारे गए खतरनाक और दिल दहला देने वाले दिनों को कागज़ पर उतारा । उनके संस्मरणों पर हरमन मेलविल ने १८५१ में मोबी-डिक उपन्यास लिखा । लेकिन, फिल्म बनाने के लिए कहानी और पटकथा लिखने के लिए चार्ल्स लेविट, रिक जफा और अमांडा सिल्वर को प्रेरित किया नथानिएल फिल्ब्रिक के उपन्यास ने । रॉन होवार्ड की फिल्म में जहाज के कैप्टेन पोलार्ड की भूमिका बेंजामिन वॉकर कर रहे है । समुद्र में संघर्ष कर जीवित बचे सहायक ओवेन चेस की भूमिका क्रिस हेम्सवर्थ, दूसरे सहायक मैथ्यू जॉय का किरदार सिलियन मर्फी और केबिन बॉय थॉमस निक्केर्सोन का किरदार टॉम हॉलैंड कर रहे है।
अल्पना कांडपाल
अल्पना कांडपाल
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मनारा के मगरमछ के साथ २५ रीटेक
ज़िद
आज कल यह फिल्म अपने ट्रेलर और गानो से बड़ी सुर्खिया बटोर रही है। इस
फिल्म में एक नयी जोड़ी बॉलीवुड में कदम रख रही है जो की है करणवीर शर्मा और
प्रियंका चोपड़ा की कजन सिस्टर मनारा। मनारा इस फिल्म से बॉलीवुड में अपना
पहला कदम रख रही है। मनारा ने अपनी ज़िद फिल्म से ही बेहद मेहनत करना शुरू
कर दिया है इसका प्रत्ये आया एक सीन फिल्माने के वक्त। फिल्म में एक मनारा
के एक सीन मगरमछ है इस सीन में मनरा को उस छोटे मगरमछ को अपने हातो में
थामे रखना था लेकिन वह मगरमछ इतना चुलबुला था की वह एक जगह पर स्थिर नहीं
था। हमेशा अपनी जगह से हिल जाता उसे संभाल ने के चक्कर में मनारा भी हिल
जाती थी। मनारा की तारीफ़ करनी होगी २५ रीटेक के बाद यह सीन ओके हुआ लेकिन
सीन फिल्माने के दौरान मनरा के हाथो पर उस मगरमछ के नाख़ून और स्किन के कारण
बड़े बड़े निशान बन गए साथ ही कुछ जख्म भी बन गए उससे खून भी निकल आया उसके
बाद भी मनारा ने यह सीन पूरा किया।
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ये ल्लों !!!
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ज़िद के प्रोमोशन में श्रद्धा
ज़िद फिल्म के ट्रेलर में मनारा और करणवीर के साथ श्रद्धा भी दिखाई देती हैं। लेकिन जब से फिल्म का प्रमोशन शुरू हुआ श्रद्धा दास हर प्रोमोशन से नदारद रही हैं । श्रद्धा दास दक्षिण की फिल्मों में भी काम करती है । इसलिए, वह 'ज़िद' के प्रमोशन के दौरान भी दक्षिण में फिल्मो की शूटिंग के लिए चली गयीं। अब श्रद्धा महसूस कर रही हैं कि उन्हें भी
प्रोमोशनल इवेंट में शामिल होना चाहिए। क्योंकि, अब उन्हें लग रहा है कि फिल्म के गाने हिट हो चुके हैं । दर्शक फिल्म का ट्रेलर और तमाम गीत बेहद पसंद किये जा रहे हैं। ज़िद २८ नवम्बर को सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही
है ।
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इस शुक्रवार
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दिसंबर में सोनी टेलीविज़न पर बॉक्स क्रिकेट लीग
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Wednesday, 26 November 2014
दिव्या की पार्टी में उनकी अगली फिल्म के सितारे .
दिव्या खोसला कुमार की बर्थडे पार्टी में उनकी हिट फिल्म यारियां के बाद , उनकी बतौर निर्देशक अगली फिल्म के नायक नायिका पुलकित सम्राट, यामी गौतम और उर्वशी रौतेला भी .
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फोटो फीचर
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