लता मंगेशकर ने सचिन देव बर्मन उर्फ़ बर्मनदा के लिए एक से एक खूबसूरत गीत गाये हैं। लता मंगेशकर सचिनदा की पसंदीदा गायिका थी। लेकिन, एक इंटरव्यू ने इन दोनों के बीच ऎसी दरार पैदा की कि सुर से संगीत दूर हो गया। एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में सचिन देव बर्मन ने कहा था कि लता मंगेशकर को बनाया किसने ! हमने ! हमने दिए उन्हें यह गीत !' इस इंटरव्यू का लता मंगेशकर ने बहुत बुरा माना। उन्होंने १९५८ से १९६२ के बीच पूरे पांच साल तक सचिन देव बर्मन की धुन पर कोई गीत नहीं गाये। सचिनदा तो खुद को राजकुमार समझते थे। उन्होंने ने भी लता की नाराज़गी की परवाह नहीं की। सचिनदेव बर्मन ने इस दौरान लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा भोंसले और दूसरी नई आवाजों से गीत गवाए। लता मंगेशकर भी दूसरे संगीतकारों के साथ सफलता की सीढियां चढ़ती चली गई। लता और सचिनदा के बीच की दीवार को गिराया सचिनदा के बेटे और संगीतकर राहुल देव बर्मन उर्फ़ पंचम ने। उन्होंने बंदिनी फिल्म के गीत मोरा गोरा रंग लाई ले मोहे श्याम रंग दे दे' को गाने के लिए लता को फ़ोन करने को कहा। बर्मनदा ने फ़ोन किया। सुर पिघल गया। इस प्रकार से इस गीत के साथ (देखिये सोंग विडियो) लता मंगेशकर ने सचिन देव बर्मन के लिए फिर गीत गाने शुरू कर दिए।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 22 September 2015
इस गीत ने फिर मिलाया था साज और आवाज़ को
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
इंसानी एक जुटता और जीवटता की दास्तान 'द ३३'
पैट्रिशिया रिग्गेन निर्देशित फिल्म 'द ३३' का कथानक २०१० में चिली के सान जोस माइन में हुए हादसे पर आधारित है, जिसमे ३३ खान मज़दूर फंस गए थे। मीको अलाने और क्रैग बोर्टेन की लिखी पटकथा पर आधारित इस फिल्म में स्पेनिश एक्टर अन्तोनिओ बँडेरास ने माइन में फंसे ३३ मज़दूरों में से एक मज़दूर सुपर मारिओ का किरदार किया है, जो रेस्क्यू टीम को खान में फंसे मज़दूरों की वीडियो भेजता रहता है। यह फिल्म मानवीय भावनाओं, जीवटता और जीने की लालसा का चित्रण करने वाली है। इस फिल्म को २४ अक्टूबर को शिकागो फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जायेगा।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
असम से 'पूरब की आवाज़'
असम की राजधानी गुवाहाटी में, १९ जनवरी को कनकलता की पुण्य तिथि मनाई गई। असम की इस बेटी को, जब वह मात्र १४ साल की थी, ब्रितानी सरकार ने उसके तिरंगा फहराते समय गोली मार दी थी। इस छोटी बच्ची के बलिदान को पूरे देश में, जहाँ हर दिन बलिदानियों की याद की जाती है, शायद ही कोई जानता हो। इसे देखते हुए असम के फिल्म निर्माता लोकनाथ देखा एक फिल्म 'पूरब की आवाज़' का निर्माण कर रहे है। लोकनाथ को लगता है कि कनकलता के बलिदान को देश को बताने की ज़रुरत है। इसीलिए पूरब की बेटी को हिंदी में बनाया जा रहा है। फिल्म का निर्देशन चन्द्र मुदोइ कर रहे हैं। असम की फिल्मों के बारे में देश में जानकारी बहुत कम है। जबकि, वहां बेहद सशक्त विषयों पर फिल्मों का निर्माण किया जाता रहा है। खास तौर पर महिला सशक्तिकरण पर फिल्मों की कोई कमी नहीं। दरअसल, १९३५ में, जब असमी फिल्म उद्योग की शुरुआत हुई थी, तब पहली फिल्म 'जोयमोती' अहोम की राजकुमारी सोती जोयमोती की राजनीतिक कुशलता पर फिल्म थी। यह फिल्म १० मार्च १९३५ को रिलीज़ हुई थी। भबेन्द्र नाथ सैकिया और जाह्नू बरुआ अपनी सशक्त संदेशात्मक फिल्मों के कारण ही जाने जाते हैं। जाह्नू बरुआ की फिल्म 'मैंने गांधी को नहीं मारा' को काफी सराहना मिली । हिंदी दर्शक अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी को पहचानते हैं। लेकिन, वह शायद ही जानते हों कि वह असम से थी। संजयलीला भंसाली की फिल्म 'गुज़ारिश' में असम की सुपर मॉडल मोनिकांगना दत्ता की ह्रितिक रोशन की पूर्व प्रेमिका की सशक्त भूमिका थी। सैकिया की फिल्मों संध्या राग, अनिर्बान, अग्निस्नान, कोलाहल, सारथी, अबर्तन और इतिहास को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में रजत कमल मिले। १९९९ में उनकी हिंदी फिल्म 'काल संध्या' नार्थ ईस्ट में विद्रोह पर थी। इसी कड़ी लोकनाथ देखा आगे बढ़ाना चाहते हैं। वह पूरब की आवाज़ के अलावा एक दूसरी फिल्म 'ऐपः फुलिल ऐपः सरिल' असमी में है। लेकिन, यह दोनों फ़िल्में ही महिलाओं पर केंद्रित हैं। ऐपः फुलिल ऐपः सरिल आज की पीढ़ी की बेटियों के संघर्ष पर आधारित होगी। इन दोनों फिल्मों में निपोन गोस्वामी, उर्मिला महंता, देबाशीष बरथकुर, मणिमाला, तपन शर्मा, रीना बोरा, आदि कर रहे हैं। असमी सिनेमा के इस उत्साह को देखते हुए शेष भारत के लोग तैयार हो जाएँ 'पूरब की बेटी' का स्वागत करने के लिए।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 21 September 2015
हैनेकेन बियर के साथ 'स्पेक्ट्र'
हैनेकेन इकलौता ऐसा ब्रांड है, जो अपनी पब्लिसिटी के लिए 'स्पेक्ट्र' का यूज़ कर सकता है। यह कमर्शियल ऑनलाइन रिलीज़ हो चुका है। मंगल से यह कमर्शियल टीवी और अन्य माध्यमों से प्रसारित होने लगेगा। इस विज्ञापन में बड़े बालों वाले जेम्स बांड यानि डेनियल क्रैग (स्पेक्ट्र में उनके बाल छोटे ही होंगे) एक स्पीड बोट को दौड़ा रहे हैं। उनका पीछा एक खूबसूरत लड़की कर रही है। इस कमर्शियल में उसके हाथ में चार हैनेकेन बियर की चार बोतल वाली ट्रे लग जाती है। यह एक इंटरेस्टिंग कमर्शियल है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 20 September 2015
बॉलीवुड ने बहुत किये ऐसे एड
भारत के एक नेता सनी लियॉन के कंडोम विज्ञापन से
विचलित हो गए। उन्होंने फतवा दिया कि सनी
लियॉन के इस एड से बलात्कार बढ़ेंगे। राखी सावंत जैसी दोयम दर्जे की अभिनेत्रियाँ भी
सनी लियॉन के विरोध में आ गई हैं। लेकिन, पोलिटिकल
लीडर और राखी सावंत नहीं जानते कि बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने पहले भी ऐसे बहुत से 'कंडोम'
विज्ञापन किये हैं। उस समय भी इन विज्ञापनों ने भारतीय समाज में हलचल मचा
दी। इनका ज़बरदस्त विरोध हुआ। नतीजे के तौर
पर इन विज्ञापनों में कुछ को वापस भी लिया गया।
लेकिन, इतने हो हल्ले के बाद हुआ क्या ?
पिछले साल ही गोलियो की रास लीला: रामलीला के
अभिनेता रणवीर सिंह ने ड्यूरेक्स कंडोम का विज्ञापन किया था। रणवीर सिंह के इस
विज्ञापन को 'बोल्ड' माना गया
था। एड में रणवीर सिंह अपनी महिला को-स्टार के साथ मौज मस्ती करते दिखाए गए थे।
रणवीर सिंह की इस बोल्ड्नेस को लेकर भी हो हल्ला मचा। इस एड पर रणवीर सिंह कुछ यो
इतरा रहे थे, जैसे वह ऐसा बोल्ड एड करने वाली पहली
बॉलीवुड हस्ती हैं। जबकि,
वास्तव में रणवीर सिंह ऐसा नया कुछ नहीं कर रहे थे। क्योंकि,
कुछ समय पहले ही सनी लियॉन मैनफोर्स कंडोम का विज्ञापन कर चुकी थी। अलबत्ता पहली बार किसी बड़े बॉलीवुड अभिनेता ने
कंडोम का विज्ञापन किया था । इस विज्ञापन
में रणवीर सिंह अपनी इमेज के अनुरूप बिंदास हो कर अपनी को-स्टार के साथ मौज मस्ती
कर रहे थे और कामुक हाव भाव प्रदर्शित कर रहे थे।
हो हल्ला चाहे जितना मचे,
समाज पर ऐसे विज्ञापनों का असर होता है।
सनी लियॉन ने मैनफाॅर्स कंडोम का विज्ञापन किया। सनी लियॉन द्वारा मैनफ़ोर्स कंडोम के विज्ञापन
का असर यह हुआ कि इस कंडोम की निर्माता कंपनी ने तीन हजार करोड़ का बिज़नेस किया।
यहाँ भारतीय नेताओं की जानकारी के लिए यह बताना ज़रूरी है कि सनी लियॉन का मैनफोर्स
एड आज से नहीं २०१३ से आ रहा है। इसे
थाईलैंड की सुन्दर वादियों में फिल्माया गया है।
इस विज्ञापन में सनी लियॉन पार्श्व में बजते उत्तेजक संगीत के बीच अदा दिखाती
हुई इधर उधर घूमती और काले अंगूर खाती तथा नहाती दिखाई गई हैं। वह अपनी 'कुछ ज़्यादा
और कुछ नया' की चाहत प्रकट करना भी नहीं भूलती। ऐसे में जबकि यह विज्ञापन २०१३ से एयर हो रहा
है, आज कैसे इसके पुनर्प्रसारण से बलात्कार बढ़
सकते हैं। अलबत्ता लोगों में गर्भ निरोध
के प्रति जागरूकता बढी, जो सरकारी
विज्ञापन नहीं कर सके।
पूजा बेदी का 'कामसूत्र'
कंडोम के विज्ञापनों की बात करते समय पूजा बेदी की
याद आ जाती है। सोशलाइट प्रोतिमा बेदी और अभिनेता कबीर बेदी की बेटी पूजा ने कोई
२४ साल पहले ही कामसूत्र कंडोम का विज्ञापन
कर तहलका मचा दिया था। इस एड में पूजा बेदी उस समय के सुपर मॉडल मार्क रॉबिंसन के
साथ शावर लेती दिखाई गई थी। इस विज्ञापन
फिल्म ने तहलका मचा दिया। बताते हैं कि उस
समय के चैनलों ने इस फिल्म को अपने चैनल
से प्रसारित करने से मना कर दिया था। उस समय तक पूजा बेदी की पहली फिल्म 'विषकन्या'
रिलीज़ नहीं हुई थी। इस एड के बाद
पूजा बेदी की सेक्सी और बोल्ड इमेज पुख्ता हो गई।
इसी एड को बाद में विवेक बाबजी और इन्दर सुलतान ने भी एक झरने के नीचे किया
था। इन विज्ञापनों को लेकर ज़बरदस्त बवाल
कटा गया। लेकिन, यकीन मानिये कि आज कामसूत्र कंडोम किसी
प्रचार का मोहताज़ नहीं है।
अंदर की बात
कथित अश्लीलता 'अंदर की बात'
का मामला है। विज्ञापन शयन कक्ष में प्रयोग होने वाले कंडोम का है या
कपड़ों के अंदर पहने जाने वाले इनर वियर का, हंगामा
मचेगा ही। वैसे यह विज्ञापन अपने कंटेंट
के कारण अश्लील भी हो जाते हैं। बिपाशा
बासु और डिनो मोरया को लेकर एक एड १९९७ में शूट हुआ था। उस समय बिपाशा बासु और डिनो मोरया रोमांस सुर्ख
हो रहा था। यह जोड़ी काफी हॉट मानी जा रही थी। ऐसे समय,
स्विट्ज़रलैंड की एक इनरवियर कंपनी 'कैलिडा ने
बिपाशा बासु और डिनो मोरया पर एक विज्ञापन बड़ी चतुराई से शूट किया। इस एड में ब्रा
और पैंटी पहने पेट के बल लेटी बिपाशा बासु की पैंटी को डिनो मोरया दांत से पकड़ कर खींचते नज़र आ रहे
थे। इस एड के बाहर आते ही,
तहलका मच गया। इसे काफी कामुक
माना गया। हो हल्ले से विचलित हो कर अल्ट्रा मॉडर्न बिपाशा
बासु ने भी उस समय बड़ी बचकाना दलील दी, "यह हमारा 'प्राइवेट
मोमेंट' था।
इसकी फोटोग्राफी कर एड नहीं बनाना था।" बाद में इस जोड़ी की फिल्म 'राज़'
रिलीज़ हुई। इस फिल्म में भी
बिपाशा और डिनो बिंदास नज़र आ रहे थे।
फिल्म सुपर हिट हुई।
सिज़लिंग अमीषा पटेल
कोई चार साल पहले,
मुंबई जुहू बीच पर बड़े बड़े विज्ञापनपट नज़र आये। इन विज्ञापनों में कोमक साहनी क्रिस्टल बिकनी
एड में अमीषा पटेल बिकिनी पहने उत्तेजक अंदाज़ में पूल के किनारे इठला रही थी। इनकी
टैग लाइन थी- 'अमीषा पटेल सिज़लिंग इन समर'
। वैसे अमीषा पटेल अक्सर फिल्मों में भी टूपीस बिकिनी में उत्तेजना फैलाती
नज़र आती हैं। रेस २ और थोड़ा प्यार थोड़ा
मैजिक जैसी फ़िल्में अमीषा पटेल की बिकिनी उत्तेजना के ज़रिये प्रचारित की गई।
सना खान की अंदर की बात
अंदर की बात कोई सना खान से पूछे। साल २०१३ में अभिनेत्री सना खान एक एड में अपने
पति की अमूल माचो चड्ढी धोते दिखाई गई थी।
चड्ढी को मीसते और फटकते हुए उनके चहरे पर कामुक हाव भाव आज जा रहे थे। वह
चड्ढी धोने के बाद दर्शकों की तरफ फैलाते हुए कहती हैं, "यह तो बड़ा
ट्वाइन्ग हैं।" इसी के एक विज्ञापन
में एक नर चिम्पांजी के हाथ सना खान के पति की चड्ढी लग जाती है। यह इसे पहन लेता है। नर चिम्पांज़ी को उस चड्ढी में देख कर तमाम मादा
चिम्पांजी उस पर चिपट पड़ती हैं। एड में इस दृश्य को देखती सना खान को निहाल होते
दिखाया गया था। इस एड को भारत सरकार
ने थोड़े समय के लिए प्रतिबंधित भी किया
था।
कंगना रनौत भी शाकाहारी नहीं
लेविस का एक विज्ञापन कहता था "स्टक ऑन
यू" । इस विज्ञापन में कंगना रनौत बिकिनी टॉप पर लेविस की स्टक जीन्स पहने एक
बिना शर्ट वाले पुरुष मॉडल के साथ लेटी-खड़ी
मुद्रा में चिपकी दिखाई गई थी ।
अगर टारगेट में युथ हो !
ज़रूरी नहीं कि सब 'अंदर की बात'
ही हो। यह एड बनाने का नजरिया है
कि वह अपने उत्पाद के लिए दर्शकों को किस
प्रकार से आकर्षित करता है। अगर किसी
उत्पाद के लिए यूथ को टारगेट करना है तो कामुकता ज़रूरी हो जाती है। कटरीना कैफ का 'आमसूत्र'
का विज्ञापन इसका प्रमाण है। इस एड में कटरीना कैफ को मैनफोर्स की सनी
लियॉन की तरह आम के बगीचे में टहलते और लटकते आमों को सहलाते देखा जा सकता
था। इसके बाद वह आमसूत्र की बोतल उठा का
अपने होंठों पर आम रस की एक बूँद टपकाती हैं।
इस एड की कटरीना पूरे कामुक हाव भाव के साथ दर्शकों की और देखते हुए कहती
हैं, "सब्र का फल
मीठा होता है।" अपने इस विज्ञापन के कंटेंट पर कटरीना कैफ कहती हैं,
"यह एड सब्र के मीठे फल को सेलिब्रेट करता है। मेरे जीवन में भी सब्र का
महत्व है।" आम आदमी के लिए यह सोचना ज़रा मुश्किल होगा कि किसी कॉफ़ी का
विज्ञापन उत्तेजक हो सकता है। लेकिन,
अगर वह सलमान खान की 'आइटम गर्ल'
भाभी और भाई हैं तो उत्तेजना देखी जा सकती है। एक कॉफ़ी का एड कहता है,
"सही आनंद यकायक नहीं आ
सकता।" इस एड में मलाइका अरोरा खान
और अरबाज़ खान एक दूसरे में डूबे हुए दिखाए गए थे। इस एड को बोल्ड माना गया
था। इसी समय अमूल ने इसके कैरीकेचर
विज्ञापन को टैग लाइन- रियल प्लेझर कमस इन अन इंस्टेंट- के साथ जारी किया था ।
१९९५ में रिलीज़ टफ शूज के विज्ञापन ने भी तहलका मचा दिया था। इस विज्ञापन में मॉडल मिलिंद सोमन और मधु सप्रे बिलकुल नग्न हालत में
टफ शूज पहने, एक दूसरे से चिपकाए खड़े थे। इन दोनों के बीच एक अजगर फैला हुआ था। इस विज्ञापन को अश्लील मानते हुए बैन कर दिया गया था।
डूरेक्स कंडोम का विज्ञापन कर तहलका मचाने वाले
रणवीर सिंह कहते हैं, "सेक्स हमारे समाज में टैबू है। मैंने समाज में जागरूकता लाने के लिए इस एड को
किया।" इसमे कोई शक नहीं कि आम आदमी का ध्यान सेक्स आसानी से खींचता है। इनर वियर और कंडोम जैसे विज्ञापनों में सेक्स
को टैबू नहीं माना जा सकता। इसलिए,
इनके कारण बलात्कार जैसे अपराध बढ़ते हैं,
बचकानी दलील है।
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नए चेहरे
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 19 September 2015
एक 'किस' ४५ रिटेक
निर्देशक रिखिल बहादुर की फिल्म 'टाइमआउट' आज के नौजवानों की ज़िन्दगी में मची हलचल की कहानी है। इसलिए इस स्टोरी में युवा जोड़े के बीच चुम्बन होना तो लाजिमी था। अब यह बात दीगर है कि प्रणय चौधरी और सनाया अरोरा के युवा जोड़े को इस चुम्बन को फिल्माने में ४५ रिटेक देने पड़े। जब भी दोनों चुम्बन लेते, डायरेक्टर को लगता कि किस में कुछ मिस हो रहा है। सो वह कट इट बोलकर रिटेक का फरमान जारी कर देते। इस प्रयास में प्रणय और सनाया का कितना पसीना बहा, पता नहीं। लेकिन, डायरेक्टर ने यह सीन तभी ओके किया, जब सीन के लिए ज़रूरी पैशन उन्हें नज़र नहीं आ गया। एक दूसरे से लिपलॉक करने में कौन शर्मा रहा था, पता नहीं। लेकिन, इस सीन को परफेक्ट करने में निर्देशक का गुस्सा, ४५ रिटेक और छः घंटे खर्च हो गए। तब जाकर 'टाइमआउट' का यह चुम्बन ओके हो पाया। अब समय बतायेगा कि वायाकॉम १८ मोशन पिक्चरस की इस फिल्म को इस मैराथन चुम्बन का क्या फायदा होता है। बताते चलें कि २५ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही 'टाइमआउट' के निर्देशक रिखिल बहादुर, एक्टर प्रणय पचौरी और सनाया अरोरा की यह पहली फिल्म है।
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Friday, 18 September 2015
सलमान भाई मेरे लिए लकी हैं : शबाब साबरी
बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर शबाब साबरी इन दिनों बुलंदियों पर हैं। अनीस बज़्मी की फिल्म 'वेलकम बैक' में उनका गया गाना 'नस नस में' ज़बरदस्त हिट हो रहा है। इसी साल उनकी दो बड़ी फिल्मे सिंह इज़ ब्लिंग और प्रेम रतन धन पायो भी रिलीज़ हो रही हैं। इन फिल्मों में उनके गाये गीत भी ज़रूर हिट होंगे। पेश हैं एक मुलाकात शबाब साबरी से -
थोड़ा अपने बारे में बताएं। आपने संगीत की ट्रेनिंग कब से लेनी शुरू की ?
मेरा जन्म ६ जुलाई १९७९ को सहारनपुर में हुआ। मेरे पिता इक़बाल साबरी और अंकल अफ़ज़ाल साबरी विख्यात क़व्वाली और सूफी सिंगर्स रहे हैं। घर में मौसिकी का माहौल था। एक तरह से बचपन से ही मैंने ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। लेकिन १४ साल की उम्र से उस्ताद रशीद खान साहेब से मैंने प्रॉपर ट्रेनिंग शुरू की। बाद में मैंने अपने वालिद साहेब के साथ और चाचा जान के साथ लाईव शोज़ में गाया। इससे मेरे हौसले को पंख मिले और मैं मक़बूल होता चला गया।
बॉलीवुड में आपकी शुरुआत किस मूवी से हुई?
मैंने सलमान भाई की फिल्म जब प्यार किया तो डरना क्या से अपना फ़िल्मी करिअर शुरू किया था। यह फिल्म १९९८ में सिनेमा घरों में रिलीज़ हुई थी। साजिद वाजिद का संगीत था। अपने वालिद और चचा के साथ मैंने भी तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है गाया था। यह नगमा गाने के बाद मेरे पास बहुत सी फिल्मो में गाने की पेशकश आई। ज़ाहिर सी बात है कि उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा । मैं समझता हूँ कि सलमान भाई मेरे लिए लक्की हैं ।
अब तक आपके कितने गाने हो गए होंगे?
मुझे बड़ी ख़ुशी है कि मैंने अब तक सौ से ज़्यादा गाने गाये हैं। इनमे से एक दर्जन गीत ज़बरदस्त हिट हुए हैं। दबंग, बोल बच्चन और एजेंट विनोद जैसी फिल्मो में गाये मेरे गीतों को लोगों ने बेहद सराहा है। इसके अलावा मैंने तेज़, वीर, डैंजरस इश्क, पेज थ्री और पिक्चर अभी बाकी है के भी गीत गाये हैं।
आप कैरियर में कौन लोग मददगार साबित हुए ?
कैरियर के इस मुकाम पर मैं हिमेश रेशमिया का भी शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझसे बहुत सारे गाने गवाए और मुझ पर विश्वास रखते हुए मुझे मौके देते रहे। साजिद वाजिद और हिमेश रेशमिया के साथ मैंने सबसे ज़्यादा काम किया है। मैं खुद को बड़ा खुशनसीब मानता हूँ कि मुझे इन संगीतकारों के साथ काम करने का मौका मिला।मैं एक और नाम लेना चाहूंगा और वह हैं हिमांशु झुनझुनवाला वह मुंबई में मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और मेरी कामयाबी में उनका भी बड़ा हाथ है क्योंकि वही वह शख़्स हैं जिन्होंने मुझे मायानगरी में टिके रहने की सलाह दी।
आप खुद को कैसे अलग रख पाते हैं अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाना भी मुश्किल काम होता है?
मैने अपनी गायकी में वैरीएशन का खास ख्याल रखा है एक तरफ मैंने सूफी गाने गाये हैं तो दूसरी तरफ ठुमरी भी गाई है, ग़ज़ल भी गाई है तो रोमांटिक नग्मे भी गाये हैं। क्लासिकल गीत भी गाये है।
मेरा जन्म ६ जुलाई १९७९ को सहारनपुर में हुआ। मेरे पिता इक़बाल साबरी और अंकल अफ़ज़ाल साबरी विख्यात क़व्वाली और सूफी सिंगर्स रहे हैं। घर में मौसिकी का माहौल था। एक तरह से बचपन से ही मैंने ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। लेकिन १४ साल की उम्र से उस्ताद रशीद खान साहेब से मैंने प्रॉपर ट्रेनिंग शुरू की। बाद में मैंने अपने वालिद साहेब के साथ और चाचा जान के साथ लाईव शोज़ में गाया। इससे मेरे हौसले को पंख मिले और मैं मक़बूल होता चला गया।
बॉलीवुड में आपकी शुरुआत किस मूवी से हुई?
मैंने सलमान भाई की फिल्म जब प्यार किया तो डरना क्या से अपना फ़िल्मी करिअर शुरू किया था। यह फिल्म १९९८ में सिनेमा घरों में रिलीज़ हुई थी। साजिद वाजिद का संगीत था। अपने वालिद और चचा के साथ मैंने भी तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है गाया था। यह नगमा गाने के बाद मेरे पास बहुत सी फिल्मो में गाने की पेशकश आई। ज़ाहिर सी बात है कि उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा । मैं समझता हूँ कि सलमान भाई मेरे लिए लक्की हैं ।
अब तक आपके कितने गाने हो गए होंगे?
मुझे बड़ी ख़ुशी है कि मैंने अब तक सौ से ज़्यादा गाने गाये हैं। इनमे से एक दर्जन गीत ज़बरदस्त हिट हुए हैं। दबंग, बोल बच्चन और एजेंट विनोद जैसी फिल्मो में गाये मेरे गीतों को लोगों ने बेहद सराहा है। इसके अलावा मैंने तेज़, वीर, डैंजरस इश्क, पेज थ्री और पिक्चर अभी बाकी है के भी गीत गाये हैं।
आप कैरियर में कौन लोग मददगार साबित हुए ?
कैरियर के इस मुकाम पर मैं हिमेश रेशमिया का भी शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझसे बहुत सारे गाने गवाए और मुझ पर विश्वास रखते हुए मुझे मौके देते रहे। साजिद वाजिद और हिमेश रेशमिया के साथ मैंने सबसे ज़्यादा काम किया है। मैं खुद को बड़ा खुशनसीब मानता हूँ कि मुझे इन संगीतकारों के साथ काम करने का मौका मिला।मैं एक और नाम लेना चाहूंगा और वह हैं हिमांशु झुनझुनवाला वह मुंबई में मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और मेरी कामयाबी में उनका भी बड़ा हाथ है क्योंकि वही वह शख़्स हैं जिन्होंने मुझे मायानगरी में टिके रहने की सलाह दी।
आप खुद को कैसे अलग रख पाते हैं अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाना भी मुश्किल काम होता है?
मैने अपनी गायकी में वैरीएशन का खास ख्याल रखा है एक तरफ मैंने सूफी गाने गाये हैं तो दूसरी तरफ ठुमरी भी गाई है, ग़ज़ल भी गाई है तो रोमांटिक नग्मे भी गाये हैं। क्लासिकल गीत भी गाये है।
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साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अमृता राव कर रही 'सत्संग'
टाइटल चौंकाऊ, लेकिन बिलकुल सही है। अमृता राव आजकल सत्संग कर रही हैं। लेकिन, उनका यह सत्संग किसी बाबा के मठ में नहीं। न ही वह साधुनी बन कर धूनी रमा रही हैं। उनका यह सत्संग अजय देवगन के साथ हैं और प्रकाश झा की फिल्म के लिए। प्रकाश झा की फिल्म सत्संग में वह सत्संग करती नज़र आयेंगी। प्रकाश झा की यह फिल्म भी ज्वलंत सामाजिक मुद्दे पर है। बताते हैं कि वह फिल्म में बिलकुल नए अवतार में होंगी। अमृता राव प्रकाश झा की फिल्मों स्थाई सदस्य बन गई लगती हैं। प्रकाश झा की पिछली फिल्म 'सत्याग्रह' में भी अमृता राव का रोल सशक्त था। प्रकाश झा, फिलहाल प्रियंका चोपड़ा की मुख्य भूमिका वाली कॉप फिल्म 'गंगाजल २' की शूटिंग में व्यस्त हैं। गंगाजल २ के बाद यह सत्संग की शूटिंग शुरू कर देंगे। अमृता राव की पिछले दो सालों से कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हुई है। अब देखने की बात होगी कि 'सत्संग' के बाद अमृता राव का करियर कैसा मोड़ लेता है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
भगवान के स्ट्रगल में विद्या बालन का 'शोला जो भड़के'
जब फिल्मों ने बोलना शुरू किया था, उस दौर में बजरिये मूक फिल्म 'बेवफा अश्क' से दीक्षित, मुबारक, ईश्वरलाल और कौशल्या की हिंदी फिल्म 'ज़बान' से भगवान दादा का प्रवेश हुआ था। उन्होंने कई छोटे बजट की मराठी फ़िल्में भी बनाई थी। राजकपूर के कहने पर वह स्टंट फिल्मों के बजाय कॉमेडी फैमिली फिल्मों की और मुड़े। फिल्म थी १९५१ में रिलीज़ 'अलबेला' । भगवान दादा खुद इस फिल्म के हीरो थे तथा नायिका गीता बाली थीं, जो उस समय की बड़ी नायिका थीं और बाद में राजकपूर के भाई शम्मी कपूर की बीवी बनी। इस फिल्म को बनाने में और बाद के भगवान दादा के संघर्ष की मार्मिक गाथा पर मराठी फिल्म डायरेक्टर शेखर सरतनदेल मराठी फिल्म 'एक अलबेला' बना रहे हैं। शेखर ने अपनी फिल्म का नाम एक अलबेला इसलिए रखा कि एक तो यह भगवान दादा की आज भी लोकप्रिय फिल्म है तथा दूसरे भगवान दादा अपने आप में अलबेले थे। एक अलबेला में भगवान दादा के अलबेला बनाते समय आई कठिनाइयों, इसके गीतों के फिल्मांकन की तकलीफों, आदि का चित्रण हुआ है। इस फिल्म के 'शोला जो भड़के' गीत के लिए बैकग्राउंड डांसर जुटाने में भगवान दादा को आर्थिक बाधाओं का सामना करना पड़ा। फिल्म 'एक अलबेला' में विद्या बालन भगवान दादा की नायिका नहीं, बल्कि अलबेला फिल्म की नायिका गीता बाली को परदे पर पेश करने का ज़िम्मा ही उन्हें मिला है। इस फिल्म में उन पर अलबेला के दो गीत 'शोला जो भड़के' और 'भोली सूरत दिल के खोटे' का फिल्मांकन किया गया है। यह दोनों गीत ख़ास कर शोला जो भड़के भगवान दादा की ख़ास डांसिंग स्टाइल के लिए मशहूर है। इस गीत में गीता बाली के चेहरे के हाव भाव मुग्ध करने वाले हैं। गीता बाली ऎसी अभिनेत्री थी, जिनकी आँखे और चेहरा अभिनय करता था। इस लिहाज़ से, गीता बाली को परदे पर उतारने के लिहाज़ से विद्या बालन बेजोड़ हैं। बहरहाल, विद्या बालन 'एक अलबेला' में केवल मेहमान भूमिका में हैं। एक अलबेला में भगवान दादा के उस जीवन को दिखाया गया है, जब क़र्ज़ चुकाने के लिए उन्हें जुहू स्थित अपना २५ कमरों का मकान बेचना पड़ा, हर दिन उपयोग की जाने वाली सात बड़ी कारों को एक एक कर बेचना पड़ा। जब वह मरे तब तक उनके सभी साथी उनका साथ छोड़ चुके थे, सिवाय संगीतकार सी रामचन्द्र, हास्य अभिनेता ओम प्रकाश और गीतकार राजिंदर कृष्ण के । उनकी ज़बरदस्त दिल का दौरान पड़ने से मौत एक चॉल में हुई।
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
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मराठी फिल्म इंडस्ट्री
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब रियल लाइफ ने दी रील लाइफ को ट्रेनिंग
निर्देशक रॉबर्ट
ज़ेमेकिस की फिल्म 'द वाक' दो ऊंची इमारतों के बीच खींचे तार पर चलने वाले
फ्रांसीसी कलाकार फिलिप पेटिट की वास्तविक ज़िन्दगी पर हैं। यह फिल्म ख़ास तौर पर उस
घटना पर है, जब 1974 में फिलिप ने न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स
के बीच बेहद ऊँचे तार पर चलकर सफलता और प्रसिद्धि को प्राप्त की थी । इस फ़िल्म में
पेटिट का किरदार जोसफ गॉर्डन-लेविट निभा रहे हैं। उन्हें इस किरदार को निभाने के
लिए ऊँचे तार पर चलने के बेहद मुश्किल कौशल में खुद को दक्ष करना पड़ा है । उन्हें
इसके लिए खुद फिलिप पेटिट ने प्रशिक्षित किया था। फिलिप से ट्रेंड होने के बाद
जोसेफ अपने बायो डेटा में 'ऊँचे तारों पर चलना' हुनर भी दर्शा सकते
हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए गॉर्डन
ने बताया, " दरअसल लाजवाब फिलिप
पेटिट ने खुद ही यह आग्रह किया की वह मुझे ऊँचे तारों पर चलना सिखाएंगे। उनके
सहयोगी कैथी ने इसके लिये विस्तार में एक कार्यशाला लगायी।फिलिप ने सब कुछ बहुत
खुलकर और विस्तारपूर्वक बताया । इसके लिए मैंने पूरे आठ दिन लगातार तार पर चलने का
निरंतर अभ्यास किया । वह मुझे लगातार हौसला देते रहे कि मैं इन तारों पर ज़रूर चल
पाऊँगा। और आखिरकार मैं ऊँचे तार पर अपना संतुलन बनाने में कामयाब हो पाया । मैं
लगातार चलते रहना चाहता था। यहाँ तक कि इस प्रक्रिया ने मेरे पैरों सुन्न कर दिया ।
लेकिन, सच कहूँ मुझे इसे करने में बहुत मज़ा आ रहा था
।" रोमांच, संघर्ष, साहस और आश्चर्य से भरी फ़िल्म 'द वाक' भारत में सोनी
पिक्चर्स द्वारा 9 अक्टूबर को रिलीज़
की जा रही है।
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Hollywood
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जब अक्षय कुमार ने एमी जैक्सन के साथ की मोटर साइकिल की सवारी
अक्षय कुमार मोबाइक के बेहद शौक़ीन हैं। उन्हें मोटर साइकिल पर सवार मुंबई की सडकों पर घूमते देखा जाता रहा है। वह मोटरसाइकिल की सेफ्टी के लिए होने वाले कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते हैं। वह हौंडा मोटरसाइकिल के ब्रांड एम्बेसडर हैं। उनका बाइक शौक कुछ इतना ज़्यादा है कि वह अपने को-स्टार्स को भी बाइक की सैर करा देते हैं। ऐसा ही कुछ एमी जैक्सन के साथ भी हुआ। रोमानिया में फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' की शूटिंग के लिए एक ख़ास बाइक मंगवाई गई थी। फिल्म में अक्षय कुमार के काफी सीन की शूटिंग इस बाइक पर हुई है। यह बाइक लिमिटेड एडिशन में होने के कारण कुछ ख़ास है। शूटिंग के दौरान अक्षय कुमार को बाइक से कुछ इतना प्यार हो गया कि वह खुद ही बाइक की साफ़ सफाई भी कर दिया करते थे। उन्होंने इस बाइक पर फिल्म की शूटिंग की ही, शूटिंग के बाद अपनी को-स्टार एमी जैक्सन को भी इस बाइक से शहर की सैर कराई। अब अक्षय कुमार वैसे ही फीचर वाली बाइक मुंबई में मंगवाना चाहते हैं। सिंह इज़ ब्लिंग का निर्देशन प्रभुदेवा कर रहे हैं। प्रभुदेवा और अक्षय कुमार की सफल जोड़ी की यह दूसरी फिल्म है। अक्षय कुमार २०१२ में प्रभुदेवा के साथ 'राउडी राठौर' जैसी हिट फिल्म दे चुके हैं। सिंह इज़ ब्लिंग २ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।
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Thursday, 17 September 2015
अब धोनी की 'एक्स' बनेगी जूली
तेलुगु फिल्मों की स्टार एक्ट्रेस लक्ष्मी राइ अब जूली बनेंगी। तमिल, तेलुगु और मलयाली फिल्मों की सफल एक्ट्रेस लक्ष्मी राय में गज़ब की सेक्स अपील है। दक्षिण की ग्लॉसी मॅगज़ीन्स में उनके ग्लैमरस पोज़ दर्शकों की नींदे उड़ाते हैं। उन्होंने दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री को कई हिट फ़िल्में दी हैं। वह दक्षिण के तमाम बड़े अभिनेताओं की नायिका बन चुकी हैं। हिंदी बेल्ट में, उनका नाम २००८ में महेंद्र सिंह धोनी से अफेयर के कारण चर्चा में आया। लेकिन, यह अफेयर जल्द ही ख़त्म हो गया। इस बीच राइ ने हिमेश रेशमिया के साथ फिल्म 'हे गुज्जु' का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। इसके बाद इसी साल वह खबरों में थी एआर मुरुगदॉस की फिल्म 'अकीरा' में कैमिया के कारण। इस एक्शन से भरी फिल्म की नायिका सोनाक्षी सिन्हा हैं। लक्ष्मी का रोल बहुत थोड़ा है। लेकिन, मुरुगदॉस की फिल्म के कारण उनका नाम बॉलीवुड में चर्चा का विषय बन गया। दीपक शिवदासानी ऐसे ही एक फिल्म निर्माता निर्देशक थे। दीपक शिवदासानी अपनी २००४ में रिलीज़ हिट फिल्म 'जूली' का सीक्वल 'जूली २' बनाना चाहते थे। लेकिन, जूली की नेहा धूपिया ने इस किरदार को फिर करने से साफ़ मना
कर दिया। तभी किसी ने दक्षिण की फिल्मों में अपनी सेक्स अपील के लिए मशहूर राइ लक्ष्मी का नाम दीपक को सुझाया। इस प्रकार से दक्षिण की लक्ष्मी बॉलीवुड की जूली बन गई। इत्तेफ़ाक़ यह है कि 'जूली २' राइ लक्ष्मी की पंचासवी फिल्म है। हिंदी और करियर की पचासवीं फिल्म, लक्ष्मी के लिए यह संयोग महत्व रखता है। वह किसी भी सूरत में इसे गंवाना नहीं चाहती हैं। वह जूली २ की जूली के लिए कोई भी लक्ष्मण रेखा लांघ सकती हैं। इस फिल्म में वह जूली की नेहा धूपिया की तरह सेक्सी अवतार में होंगी। वह फिल्म के लिए टू पीस बिकिनी पहन रही हैं। जूली २ में सेक्स और ग्लैमर तो है ही, रोमांस भी है, ड्रामा भी है और कॉमेडी भी है। वह ऐसी जूली का किरदार कर रही हैं, जो कभी फिल्म एक्ट्रेस नहीं बनाना चाहती थी। लेकिन, वह एक बड़ी स्टार बन जाती हैं। ज़ाहिर है कि इस रोल में लक्ष्मी के लिए स्कोप है। वह अपनी सेक्स अपील और ग्लैमर के बूते हिंदी फिल्म दर्शकों को लुभाएंगी ही, अपनी अभिनय क्षमता प्रदर्शित कर सम्पूर्ण अभिनेत्री भी साबित होंगी।
कर दिया। तभी किसी ने दक्षिण की फिल्मों में अपनी सेक्स अपील के लिए मशहूर राइ लक्ष्मी का नाम दीपक को सुझाया। इस प्रकार से दक्षिण की लक्ष्मी बॉलीवुड की जूली बन गई। इत्तेफ़ाक़ यह है कि 'जूली २' राइ लक्ष्मी की पंचासवी फिल्म है। हिंदी और करियर की पचासवीं फिल्म, लक्ष्मी के लिए यह संयोग महत्व रखता है। वह किसी भी सूरत में इसे गंवाना नहीं चाहती हैं। वह जूली २ की जूली के लिए कोई भी लक्ष्मण रेखा लांघ सकती हैं। इस फिल्म में वह जूली की नेहा धूपिया की तरह सेक्सी अवतार में होंगी। वह फिल्म के लिए टू पीस बिकिनी पहन रही हैं। जूली २ में सेक्स और ग्लैमर तो है ही, रोमांस भी है, ड्रामा भी है और कॉमेडी भी है। वह ऐसी जूली का किरदार कर रही हैं, जो कभी फिल्म एक्ट्रेस नहीं बनाना चाहती थी। लेकिन, वह एक बड़ी स्टार बन जाती हैं। ज़ाहिर है कि इस रोल में लक्ष्मी के लिए स्कोप है। वह अपनी सेक्स अपील और ग्लैमर के बूते हिंदी फिल्म दर्शकों को लुभाएंगी ही, अपनी अभिनय क्षमता प्रदर्शित कर सम्पूर्ण अभिनेत्री भी साबित होंगी।
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साउथ सिनेमा
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मधुर भंडारकर की 'कैलेंडर गर्ल्स' में मोदी की बेटी !
चौंकने की ज़रुरत नहीं। देश के प्रधान मंत्री की कोई औलाद नहीं है। इसलिए उनकी बेटी के फिल्मो में होने का सवाल ही नहीं उठता। अलबत्ता, निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म 'कैलेंडर गर्ल्स' की पांच कैलेंडर गर्ल्स आकांक्षा पूरी, कीरा दत्ता, रूही सिंह और सतरूपा पाइन के साथ एक मोदी गर्ल भी है। यह हैं गुजरात के अहमदाबाद में पैदा और पली-बढ़ी और पढ़ी अवनि मोदी। वह अहमदाबाद में ही पढ़ी हैं। उन्होंने कुछ स्थानीय चैनलों के लिए एंकरिंग की। विज्ञापन किये। कैलेंडर गर्ल्स उनकी पहली हिंदी फिल्म है। जिसमे वह खुद का यानि एक मॉडल का किरदार कर रही हैं। पिछले दिनों वह अहमदाबाद आई तो पत्रकारों ने उनसे प्रधान मंत्री से उनके रिश्ते की बाबत पूछा तो अवनि ने जवाब दिया, "वह मेरे पिता हैं।" पत्रकारों को सवाल पूछने का मौका दिए बिना वह बोली, "वह न केवल मेरे, बल्कि पूरे भारत की लड़कियों के पिता हैं। वह हम सबके लिए पिता के समान हैं।" तो यह है कैलेंडर गर्ल अवनि मोदी का प्रधान मंत्री से रिश्ता। वैसे बताते चले कि पहले भी देश के प्रतिष्ठित राजनेताओं उपनाम वाली दो अन्य अभिनेत्रियां कामना जेठमलानी और कियारा आडवाणी भी आ चुकी हैं। कामना का मशहूर वकील और भाजपा नेता से कोई सम्बन्ध नहीं है। वह मुंबई के बिजनेसमैन की पोती हैं। वह कुछ तेलुगु और तमिल फिल्मों में काम कर चुकी हैं। कियारा अडवाणी का वास्तविक नाम अलिया अडवाणी है। कियारा भी बिज़नेसमैन परिवार से हैं। उनका फिल्म डेब्यू कबीर सदानंद की फिल्म 'फग्ली' से हुआ था। तो अब मधुर भंडारकर की फिल्म 'कैलेंडर गर्ल्स' से तीसरी राजनीतिक नाम वाली फिल्म अभिनेत्री से।
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हस्तियां
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बाली सागू लेकर आ रहे हैं 'कैफ़े पंजाब'
रेगे, सोल और डिस्को के मास्टर बाली सागू अब नए एल्बम के साथ आ रहे हैं। सूफी मेलोडी से भरे इस एल्बम 'कैफ़े पंजाबी' में आठ गीत हैं। डक यू रिकार्ड्स के लेबल के अंतर्गत जारी इस एल्बम में शिव कुमार बटालवी, अमर सिंह चमकीला, अमरजीत कौर, नुसरत फ़तेह अली खान को श्रद्धांजलि दी गई है। १८ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रहे इस एल्बम में छल्या, अँखियाँ में तू वस्दा, यादां तेरियां, केनू केनू दसा और जोर गरीबा दा जैसे गीत शामिल हैं। इस एल्बम के छल्या गीत के वीडियो की शूटिंग पॉन्डिचेरी में हुई थी। आर स्वामी द्वारा निर्देशित इस वीडियो में किंगफ़िशर कैलेंडर की मॉडल शिबानी सुवर्णा ने काम किया है। बाली सागू ने बैंड इट लाइक बैकहम, मिस्ट्रेस ऑफ़ स्पाइसेज और मानसून वेडिंग जैसी हॉलीवुड फिल्मों का म्यूजिक भी दिया है ।
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गीत संगीत,
ये ल्लों !!!
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Monday, 14 September 2015
राजस्थान पर दो फ़िल्में मचा रहीं धूम
राजस्थान की पृष्ठभूमि पर, लेकिन भिन्न सामजिक समस्याओं से रु-ब-रु कराने वाली दो फ़िल्में, आजकल पूरी दुनिया के पुरस्कार समारोहों में धाक जमाये पड़ी है। सांकल, कहानी है राजस्थान के थार रेगिस्तान के निवासियों के बीच आज भी प्रचलित उस प्रथा पर केन्द्रित है, जिसमे बड़ी उम्र की औरतों को उनसे काफी छोटे उम्र के लड़कों से शादी करने को विवश किया जाता है। हालाँकि, इस प्रथा के कई दुष्प्रभाव होते हैं। इस फिल्म का निर्देशन देदिप्या जोशी ने किया है। इस फिल्म के लिए अभिनेत्री तनिमा भट्टाचार्य को 'सांकल' में अबीरा के रोल के लिए २० वां इंडी गैदरिंग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में श्रेष्ठ एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला है। सांकल पीसीअन पिक्चर्स की पहली फिल्म है। फिल्म ने सेकंड बेस्ट फॉरेन फीचर ड्रामा अवार्ड भी जीता है। सांकल में तनिमा के अलावा चेतन शर्मा, हरीश कुमार, जगत सिंह, समर्थ शांडिल्य और मिलिंद गुणाजी की भूमिका भी ख़ास है। दूसरी फिल्म है निर्माता और फिल्म अभिनेता अजय देवगन के इंटरनेशनल बैनर शिवालय एंटरटेनमेंट की फिल्म 'पार्च्ड' । इस फिल्म का निर्देशन लीना यादव ने किया है। यह फिल्म राजस्थान की तीन औरतों की प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी बताती है कि साधारण महिलाएं भी असाधारण काम कर सकती हैं। इस फिल्म की महिलाएं पुरानी परम्पराओं को तोड़ कर बाहर आने की कोशिश करती हैं। इस फिल्म को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया। उपस्थित दर्शकों ने फिल्म का तालियों से स्वागत किया। 'पार्च्ड' में बॉलीवुड की दो मशहूर सेक्सी अभिनेत्रियां सुरवीन चावला और राधिका आप्टे बिलकुल नए रूप और अंदाज़ में पेश हो रही हैं। फिल्म में आदिल हुसैन, लहर खान, ऋद्धि सेन, महेश बलराज और चन्दन आनंद की ख़ास भूमिकाये हैं।
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
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फिल्म फेस्टिवल
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'गूसबम्प्स' हिंदी में 'कुछ कुछ खतरा है'
लेक प्लेसिड, श्रेक, श्रेक टेल, मॉन्स्टर्स वर्सेस एलियन्स और गुलिवर्स ट्रेवल्स जैसी फिल्मों के नर्देशक रॉब लेटरमैन की पांच साल बाद कोई फिल्म रिलीज़ होने जा रही है। इस फिल्म का नाम है 'गूसबम्प्स।' एक छोटे कसबे में रहना आया एक टीनएज लड़का ज़क कूपर अपनी पड़ोसन की लड़की हन्ना से मिलता है। हन्ना का पिता आरएल स्टीन गूसबम्प्स की कहानिया लिखा करता है। उसने अपनी कहानियों की पांडुलिपियों में तमाम भूतों और राक्षसों को कब्ज़े में कर रखा है। एक दिन, अजनाने में, जॉच सभी भूत और राक्षसों को रिहा कर देता हैं। अब जॉच, हन्ना और स्टीन को इन राक्षसों को वापस करना है, इससे पहले कि यह कसबे को और यहाँ रहने वाले लोगों को नुक्सान पहुंचाए। यह फिल्म इसी नाम की बच्चों की पुस्तक श्रंखला पर आधारित है। फिल्म में गूसबम्प्स पुस्तक के लेखक आरएल स्टीन के नाम पर ही मुख्य किरदार का नाम है। कोलंबिया पिक्चर्स की इस लाइव-एक्शन/कंप्यूटर-एनिमेटेड हॉरर कॉमेडी फिल्म 'गूसबम्प्स'में जैक ब्लैक, डायलन मिनेट, ओडेया रश, अल्स्टोन सेज, एमी रयान, रयान ली और जिलियन बेल मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म को स्कॉट एलेग्जेंडर, लॉरी करस्जेव्स्की और डैरेन लेम्के ने लिखा है। गूसबम्प्स इंग्लिश के अलावा हिंदी में 'कुछ कुछ खतरा है' टाइटल के साथ १६ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।
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Hollywood
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जब रियल शूट हुआ रील लाइफ एक्शन
यह सीन डायरेक्टर शिवम नायर की फिल्म 'भाग जॉनी' का है। इस सीन में कुणाल खेमू और फिल्म में उनकी नायिका जोया मोरानी को बोट से भागना था। सीन के अनुसार ज़ोया मोटर बोट पर बैठ गई थी। अब कुणाल को भागते हुए बोट पर छलांग मार कर बैठना था। लेकिन, हुआ यह कि गलतफहमी में बोट चालक ने बोट पहले ही आगे बढ़ा दी। इस पर कुणाल खेमू के पास और कोई चारा नहीं था कि वह बोट पर छलांग लगा दे। हालाँकि, बोट थोड़ा ज़्यादा आगे चली गई थी, लेकिन बिलकुल रियल हीरो की तरह कुणाल खेमू बोट पर अपनी हीरोइन के पास पहुँच ही गए। अपने इस प्रयास में कुणाल खेमू थोड़ा घायल हो गए। मगर, यह रील स्टंट कुणाल के रियल स्टंट के कारण रियल बन गया। हालाँकि, यह सीन दुर्घटनावश हो गया था, इसलिए कुणाल दूसरे टेक के लिए तैयार थे। लेकिन, डायरेक्टर शिवम नायर इस एक्ट से इतना खुश थे कि उन्होंने इसी सीन को ओके कर दिया।
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शूटिंग/लोकेशन
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
चार दिनों तक सो नहीं सकी थी एमिली ब्लंट
एमिली ओलिविआ लिआ ब्लंट, जिन्हे हॉलीवुड फिल्मों के दर्शक एमिली ब्लंट के नाम से जानते हैं, को आम तौर पर हॉलीवुड की फिल्मों में चकाचौंध से भरी भूमिकाओं देखा जाता रहा है। यह ब्रिटिश अभिनेत्री अब एक एक्शन रोमांच से भरी फिल्म 'सिकैरियो' में बिलकुल नए अवतार में नज़र आएंगी। फिल्म में वह एफबीआई एजेंट केट मैसी के किरदार में हैं। केट, एफबीआई द्वारा अपहरण के जवाब में गठित एक टीम का नेतृत्व कर रही है, जिसे सरकार द्वारा एक ड्रग लार्ड के विरुद्ध कार्यवाही करने का खतरनाक मिशन सौंपा गया है। 'सिकैरियो' में अपनी भूमिका के बारे में एमिली कहती हैं, "इस तरह की फिल्मों में आप रोमांच भी महसूस करते हैं और प्रताड़ना भी। मैंने फिल्म में एक ऐसा दृश्य किया है, जिसे करने के बाद मैं लगातार चार दिनों तक सो नहीं सकी। हालाँकि, मैं काफी दृढ़ और काम के प्रति समर्पित अभिनेत्री हूँ। इसलिए मैं सोचती हूँ, यदि आप स्वभाव से दृढ नहीं हैं, तो ऐसे दृश्य आप पर काफी प्रभाव डाल सकते हैं।" 'सिकैरियो' में एमिली ब्लंट के साथ बेनिसिओ डेल टोरो और जोश ब्रोलिन भी है। इस फिल्म के निर्देशक डेनिस विलेनेयुवे हैं। उनके साथ इस थ्रिलर फिल्म की फोटोग्राफी जेम्स बांड फिल्म स्काईफाल्स के फोटोग्राफर रॉजर डॉकिन्स ने की है। पीवीआर पिक्चर्स की यह ज़बरदस्त रोमांच फिल्म २५ सितम्बर को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है।
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
१५ सितम्बर को रिलीज़ होगा 'बाजीराव मस्तानी' का 'गजानन' गीत
कल पुणे के श्री छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, बालवाड़ी स्टेडियम में महा आरती होगी। इस महा आरती में बॉलीवुड के दो सितारे दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह फिल्म निर्माता निर्देशक संजयलीला भंसाली के साथ हिस्सा लेंगे। यह महा आरती भंसाली की १८ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही ऐतिहासिक रोमांस ड्रामा फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' के प्रमोशन का एक हिस्सा होगा। 'गजानन' गीत की लॉन्चिंग फिल्म के प्रमोशन की शुरुआत का संकेत भी है । संजयलीला भंसाली की फ़िल्में कथानक के रोमांस और अपनी दृश्य भव्यता के लिए जानी जाती हैं। भंसाली का यह ऐतिहासिक ड्रामा भव्यता के लिहाज़ से किसी मुग़ल ए आज़म से कम नहीं होगा । पिछले दिनों खबर थी कि संजय ने फिल्म के लिए मुग़ल ए आज़म के शीश महल की तर्ज़ पर बेहद खर्चीला 'आइना महल' बनवाया है। इस महल को खूबसूरती से गढ़े कांच के बीस हजार टुकड़े साढ़े बारह हजार फिट के दायरे में फैले सेट पर बनाया गया है। इसके लिए जयपुर से कारीगरों को बुलाया गया था। इस महल में एक गीत रणवीर सिंह, प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण पर फिल्माया गया है। कुछ ऎसी ही भव्यता गजानन गीत के साथ महा आरती में भी देखने को मिलेगी। इस आरती के लिए गजानन गणेश की मोज़ेक प्रतिमा पूरे देश से बुलाये गए पांच हजार से अधिक छात्रों द्वारा अपने हाथों से तैयार की गई है। यह प्रतिमा १९४ फिट ऊंची है। इस विशाल गणेश प्रतिमा के सामने बाजीराव रणवीर सिंह अपनी मस्तानी दीपिका पादुकोण के साथ पूरे राजसी ठाठ बाट के साथ महा आरती करेंगे। पार्श्व में सुखविंदर का गाया गजानन गीत बज रहा होगा। इस गीत को लेकर उत्साहित रणवीर सिंह कहते हैं, "गजानन की लॉन्चिंग के साथ फिल्म बाजीराव मस्तानी का प्रमोशन सबसे सही तरीका हो सकता है। यह फिल्म महानता का भी प्रतीक है।" पिछले दिनों इस गजानन प्रतिमा का रेखा चित्र सोशल साइट्स पर डाला गया था।
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Sunday, 13 September 2015
क्या बॉलीवुड में वापसी करेंगे नदीम सैफी ?
पिछले दिनों, सोशल मीडिया पर उस समय हलचल मच गई, जब नदीम सैफी ने परकशन बजाते हुए अपनी एक फोटो अपलोड की। (देखें फोटो) कभी बॉलीवुड फिल्मों की मशहूर जोड़ी नदीम-श्रवण के नदीम का एक वाद्य यन्त्र बजाना चौंकाऊ नहीं होना चाहिए। क्योंकि, कभी नदीम ने श्रवण के साथ बॉलीवुड को कई हिट धुनें दी हैं। इस जोड़ी ने १९९१ से १९९८ के बीच चार फिल्मफेयर अवार्ड्स और दो स्क्रीन अवार्ड्स जीते थे। नदीम और श्रवण की पहली मुलाक़ात एक फंक्शन के दौरान १९७२ में हुई थी। १९७९ में इन दोनों ने भोजपुरी फिल्म 'दंगल' में संगीत देकर अपने फिल्म करियर का आगाज़ किया था। टी-सीरीज की फिल्म 'आशिक़ी' ने नदीम-श्रवण जोड़ी को हिंदी फिल्म संगीत की टॉप जोड़ी बना दिया। इसके बाद इन दोनों ने साजन, दीवाना, हम हैं रही प्यार के, राजा हिंदुस्तान, परदेस, सिर्फ तुम, धड़कन, राज़, अंदाज़, आदि फिल्मों का सुपर हिट संगीत दिया। टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने इस जोड़ी को भरपूर संरक्षण दिया। इसीलिए, फिल्म इंडस्ट्री में उस समय हलचल मच गई, जब गुलशन कुमार की हत्या में नदीम सैफी का नाम आया। हालाँकि, नदीम ने इस हत्या में अपना हाथ होने से इंकार किया, लेकिन, इसके बावजूद गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लंदन भाग गए। इस घटना के बाद भी नदीम ने श्रवण के साथ मिल कर यह दिल आशिक़ाना, एक रिश्ता, कसूर, हम हो गए आपके, राज़, दिल है तुम्हारा, क़यामत, हंगामा, अंदाज़, बेवफा, तुमसा नहीं देखा, बरसात, दोस्ती और दो नॉट डिस्टर्ब का संगीत दिया। फिल्म 'दोस्ती' के संगीत के बाद इस जोड़ी की दोस्ती भी ख़त्म हो गई। बाद में पता चला कि नदीम अब कम्पोजीशन के बजाय लंदन में परफ्यूम का बिज़नेस कर रहे हैं। खैर, सोशल मीडिया पर नदीम की तस्वीर देख कर, उनके प्रशंसकों के संदेशों की भरमार हो गई। इन संदेशों में नदीम और श्रवण जोड़ी के संगीत को याद करते हुए, नदीम से फिर से मधुर धुनें तैयार करने की गुज़ारिश की गई थी। इतने लम्बे समय बाद नदीम सैफी का अपनी वाद्य यन्त्र बजाते हुए फोटो पोस्ट करना संगीत जगत में वापसी की ओर संकेत करता लगता है। अब जबकि, इस तस्वीर की एवज में नदीम के प्रशंसकों की उनकी संगीत में वापसी की अपील की जाने लगी है, कोई संदेह नहीं अगर नदीम-श्रवण जोड़ी फिर फिल्म संगीत देती नज़र आये। 'राज़' के दौरान नदीम- श्रवण जोड़ी के पब्लिसिस्ट रहे डेल भगवागर कहते हैं, "बॉलीवुड संगीत में नदीम- श्रवण जोड़ी अभूलनीय है। नदीम के वाद्य यन्त्र बजाती फोटो को मिला ज़बरदस्त रिस्पांस उनकी वापसी बन सकता है।"
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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