निर्देशक रॉबर्ट
ज़ेमेकिस की फिल्म 'द वाक' दो ऊंची इमारतों के बीच खींचे तार पर चलने वाले
फ्रांसीसी कलाकार फिलिप पेटिट की वास्तविक ज़िन्दगी पर हैं। यह फिल्म ख़ास तौर पर उस
घटना पर है, जब 1974 में फिलिप ने न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स
के बीच बेहद ऊँचे तार पर चलकर सफलता और प्रसिद्धि को प्राप्त की थी । इस फ़िल्म में
पेटिट का किरदार जोसफ गॉर्डन-लेविट निभा रहे हैं। उन्हें इस किरदार को निभाने के
लिए ऊँचे तार पर चलने के बेहद मुश्किल कौशल में खुद को दक्ष करना पड़ा है । उन्हें
इसके लिए खुद फिलिप पेटिट ने प्रशिक्षित किया था। फिलिप से ट्रेंड होने के बाद
जोसेफ अपने बायो डेटा में 'ऊँचे तारों पर चलना' हुनर भी दर्शा सकते
हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए गॉर्डन
ने बताया, " दरअसल लाजवाब फिलिप
पेटिट ने खुद ही यह आग्रह किया की वह मुझे ऊँचे तारों पर चलना सिखाएंगे। उनके
सहयोगी कैथी ने इसके लिये विस्तार में एक कार्यशाला लगायी।फिलिप ने सब कुछ बहुत
खुलकर और विस्तारपूर्वक बताया । इसके लिए मैंने पूरे आठ दिन लगातार तार पर चलने का
निरंतर अभ्यास किया । वह मुझे लगातार हौसला देते रहे कि मैं इन तारों पर ज़रूर चल
पाऊँगा। और आखिरकार मैं ऊँचे तार पर अपना संतुलन बनाने में कामयाब हो पाया । मैं
लगातार चलते रहना चाहता था। यहाँ तक कि इस प्रक्रिया ने मेरे पैरों सुन्न कर दिया ।
लेकिन, सच कहूँ मुझे इसे करने में बहुत मज़ा आ रहा था
।" रोमांच, संघर्ष, साहस और आश्चर्य से भरी फ़िल्म 'द वाक' भारत में सोनी
पिक्चर्स द्वारा 9 अक्टूबर को रिलीज़
की जा रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 18 September 2015
जब रियल लाइफ ने दी रील लाइफ को ट्रेनिंग
Labels:
Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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