Friday, 25 September 2015

कॉमेडी की ज़बरदस्त डोज 'किस किस को प्यार करू'

हंसाने के लिए ज़रूरी नहीं ओवरडोज़।  ठीक ठाक, संतुलित सिचुएशन, संवाद और अभिनय का मिश्रण हो तो दर्शकों की हँसी रोके नहीं रुक सकती।  उन्हें तो हंसना ही है।  अब्बास-मुस्तन की न्रिदेशक जोड़ी 'किस किस को प्यार करू' में कुछ ऐसा ही इरादा जताते नज़र आती है।  एक कपिल शर्मा ! तीन बीवियां (साईं लुकुर, मंजरी फडनिस और सिमरन कौर मुंडी) ! यानि एक पति, तीन पत्नियाँ और चौथी वह (एली एवरम)!!! इन सबके बीच कई पात्र (कपिल शर्मा के माता-पिता सुप्रिया पाठक और शरत सक्सेना, वकील दोस्त करण वरुण शर्मा, कपिल शर्मा का बहरा साला बने अरबाज़ खान) . सब ज़बरदस्त हास्य की रचना करते हैं. वरुण शर्मा की साइंस का फंडा और अरबाज़ खान का बहरापन हंसा हंसा कर लोट पोट कर देता है। अकेले कपिल शर्मा, चाहे खड़े हों या बैठे हों, हंसाते हैं और सिर्फ हंसाते हैं. हर बीवी के साथ उनकी बेबसी दर्शकों को पेट पकड़ने के लिए मजबूर कर देती है. अब्बास-मुस्तन की निर्देशक जोड़ी का कपिल शर्मा का कॉमेडी त्रिकोण ज़बरदस्त है. लेकिन, इस तिकड़ी को
मक़बूल करती है अनुकल्प गोस्वामी और धीरज सरना की स्क्रीनप्ले और डायलाग राइटर जोडी। इन दोनों ने कपिल शर्मा की तीन बीवियों और वकील दोस्त के रहने के लिए कॉकटेल टावर्स की ईजाद की है।  हर बीवी के लिए हेड ऑफिस, ब्रांच ऑफिस और रीजनल ऑफिस का फंडा अपने आप में यूनिक और हास्य पैदा करने वाला है। अब्बास मुस्तन की जोड़ी की यह पहली कॉमेडी फिल्म है।  उन्होंने अपनी थ्रिलर फिल्मो की तरह दिलचस्प दृश्य रचना की है। कपिल शर्मा का ऑफिस जाते समय बिल्डिंग के नीचे से अपनी तीनों बीवियों को बाय बाय करना और वाचमैन का इस दृश्य को बड़े कौतूहल से देखना, कल्पनाशीलता का अच्छा नमूना है।  करवाचौथ के दिन कपिल शर्मा के चरित्र का एक ही समय अपनी पत्नियों के सामने आना भी हंसाने वाला यूनिक कल्पना है। गीत संगीत ठीक ठाक हैं। एली एवरम ने अपने निर्माताओं वीनस रिकार्ड्स एंड टेप के डिस्को गर्ल के पैसे बचवा दिए हैं।  वह क्लब गर्ल का जिम्मा भी उठाती हैं। इस फिल्म को कपिल शर्मा के लिए ही नहीं, किसी के लिए भी देख सकते हैं। एक बार तो ज़रूर देखी जा सकती है- किस किस को प्यार करू.



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