सब टीवी से प्रसारित क्रिएटिव आय लिमिटेड
के बैनर तले निर्मित ‘यारो का टशन’
के दर्शक जानते हैं कि 'यारो' एक ऐसा रोबोट है, जिसमें दिल है और वास्तव में एक लड़की के
प्यार में पड़ जाता है। लेकिन संजना उर्फ़ संजू सिर्फ एक लड़की नहीं, बहुत कुछ है। वह रोमांच और हवा का झोका है। वह टॉम
बॉय की तरह है, क्योंकि जब तक उसकी लाइफ
में किक नहीं लगती, संजू को कुछ ठीक नहीं लगता। यारो पागल की तरह संजू से प्यार करने लग जाता है। वह उसे जीतना
चाहता है। वह प्यारके सभी किताबी नियम आजमाता है, लेकिन विफल रहता
है । उसके दोस्त उसे सुझाव देते है कि अगर उसे लड़की का दिल जीतना है, तो लड़की के पसंदीदा का दिल जीतना चाहिए। संजू को अपने जीवन से अधिक प्यार
करता है। तब यारो के जीवन में एक रोमांचक मोड़ आता है, जब उसे पता चलता है कि संजू का सबसे
पसंदीदा उसका कुत्ता भक्तावर है। कुत्ते की अपनी खुद की सोच और पसंद होती
है। चूंकि, यारो एक रोबोट है, इसलिए यारो के मानवीय न होने के कारण भक्तावर को उस की गंध से घृणा है। अब यारो के लिए भक्तावर का दिल जीतना बड़ी चुनौती है। यारो का टशन के दर्शकों के लिए अब आगे क्या होगा जानना दिलचस्प होगा।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 28 March 2017
‘यारो' का टशन में नया ट्विस्ट !
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब इरफ़ान खान ने ओढ़ी साड़ी !
साकेत चौधरी की कॉमेडी ड्रामा फिल्म हिंदी मीडियम दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रहने वाले विवाहित जोड़े की है, जो उच्च-संभ्रांत घरों की पार्टियों शामिल होना और घुलना मिलना चाहता है। यह जोड़ा हिंदी मध्यम स्कूल में पढ़ा है। इसलिए अंग्रेजी न बोल पाना उनकी इस महत्वाकांक्षा के आड़े आता है। इस भूमिका को इरफ़ान खान और पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा क़मर कर रहे हैं। आजकल इस फिल्म का साड़ी ओढ़े इरफ़ान खान का एक पोज़ वायरल हो रहा है कि इरफ़ान खान ने फिल्म में साड़ी क्यों पहनी है। दरअसल, फिल्म में इरफ़ान खान एक व्यवसाई बने हैं, जिसकी चांदनी चौक इलाके में साड़ी, चुंदरी, आदि की दूकान है। इरफ़ान खुद चुंदरी ओढ़ कर अपनी महिला ग्राहकों को समझाने की कोशिश करते हैं। यह दृश्य ऎसी उनकी किसी कोशिश का है। लेकिन, इस सीन को करने का एक बड़ा फायदा इरफ़ान को यह हुआ है कि वह साड़ी बांधना बहुत अच्छी तरह से जान गए हैं। निर्माता दिनेश विजन और भूषण कुमार की यह फिल्म १२ मई को रिलीज़ हो रही है।
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Monday, 27 March 2017
मणि रत्नम की पत्नी ने अदिति राव हैदरी की प्रशंसा की
अदिति राव
हैदरी
फिल्म निर्माता मणिरत्नम के साथ काम करके खुद को भाग्यशाली
मानती है। हालिया में,
तमिल फिल्म कात्रु वेलिइदई के तेलुगु वर्शन
चैलिया के ऑडियो लॉन्च के लिए अदिति हैदराबाद गयी।
तमिल फिल्म कात्रु वेलिइदई में उनके
किरदार
के लिए बहुत प्यार और समर्थन
मिला है।
फिल्म में
अदिति राव हैदरी
को मणिरत्नम
के सिग्नेचर स्टाइल
में अद्भुत तरीके से प्रस्तुत किया गया है
।
हैदराबाद में लॉन्च के समय अदिति को मिल रही सराहना से वे बहुत उत्साही थी। अदिती के उत्साह को दुगना किया
मणि रत्नम की पत्नी
सुहासिनी
मणि रत्नम
ने। उन्होंने
अदिति की खुले मन से तारीफ करते हुए अदिति को " कंप्लीट एक्ट्रेस" बताया ।
स्टेज पर सुहासिनी ने कहा, "
२०
साल बाद मणि
को कोई
कंप्लीट एक्ट्रेस फिर से
मिली है
।
अदिति जितनी सुंदर है वे उतनी ही
प्रतिभाशाली अभिनेत्री
है , मणि बहुत ज्यादा लकी है उन्हें अदिति मिली।"
सुहासिनी
मणि रत्नम
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 26 March 2017
कैसी लगेगी इतनी नाज़ुक 'हसीना' ?
अभिनेत्री श्रद्धा
कपूर अपूर्व लाखिया की गैंगस्टर ड्रामा फिल्म हसीना में दाऊद इब्राहिम की बहन
हसीना पार्कर का किरदार कर रही हैं। उनके
सगे भाई सिद्धांत धवन उनके रील भाई यानि दाऊद इब्राहिम बने हैं। लाखिया की यह फिल्म पूरी तरह से हसीना के
किरदार पर केंद्रित है। दाऊद की बहन ने
दाऊद के भारत से भाग जाने के बाद उसका बिज़नस बड़ी कुशलता से सम्हाला था और उसके
गैंग को निर्देशित किया था। ज़ाहिर है कि
गैंगस्टर हसीना का यह रोल काफी रफ़ टफ है।
रियल लाइफ की लेडी गैंगस्टर को रील लाइफ में उतारना बहुत कठिन नहीं। लेकिन, ज़रूरी होता है कि इस किरदार को करने वाली अभिनेत्री का चुनाव। क्या नाज़ुक श्रद्धा कपूर इस रफ़ टफ हसीना को
परदे पर कारगर ढंग से कर सकेगी?
इसे जानने के लिए
ज़रूरी है हिंदी में बनी लेडी गैंगस्टर फिल्मों और उनकी गैंगस्टर एक्ट्रेस के बारे
में जानना। यह जानना भी दिलचस्प होगा कि
पुरुष गैंगस्टर फिल्मों को हाथोंहाथ लेने वाले हिंदी दर्शकों ने इन लेडी गैंगस्टर
फिल्मों को किस तरह का रिस्पांस दिया !
बॉलीवुड की कई
छोटी-बड़ी, हिट और फ्लॉप
अभिनेत्रियों ने महिला गैंगस्टर का किरदार किया। गैंगस्टर का किरदार करने वाली
ज़्यादातर अभिनेत्रियां टैलेंटेड ज़रूर थी।
लेकिन बॉक्स ऑफिस पर उनके टैलेंट की कोई पूछ नहीं थी। तेलुगु फिल्मों की
अभिनेत्री मधु शालिनी को रामगोपाल ने अपनी फिल्म डिपार्टमेंट में मौका दिया
था। उनकी फिल्म 'डिपार्टमेंट' में मधु शालिनी ने एक गैंगस्टर का किरदार निभाया
था। मधु के इस रोल को लोगों ने काफी पसंद भी किया था। लेकिन, संजय दत्त और राणा डग्गूबाती अभिनीत यह फिल्म ही
बुरी तरह से फ्लॉप हुई। गैंगस्टर फिल्मों
के मशहूर निर्माता-निर्देशक रामगोपाल वर्मा की बतौर निर्माता एक दूसरी फिल्म शबरी
में अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने मुम्बई की पहली महिला डॉन शबरी का किरदार किया था।
इस फिल्म का निर्देशन ललित मराठे ने किया था। दिलचस्प तथ्य यह है कि शबरी २००५ में
पूरी हो चुकी थी, लेकिन भारतीय
सिनेमाघरों में यह फिल्म २०११ में ही रिलीज़ हो चुकी। फिल्म बुरी तरह से असफल हुई।
नंदिता दास ने निर्देशक पदम् कुमार की एक्शन फिल्म सुपारी (२००३) में एक लेडी डॉन ममता शेकरी का किरदार किया था। इस फिल्म में उदय चोपड़ा ने एक क़र्ज़ न चुका पाने वाले व्यक्ति का किरदार किया था, जिससे लेडी डॉन ममता शेकरी सुपारी किलर का काम लेती है। नेहा धूपिया ने फंस गया रे ओबामा (२०१०) में मुन्नी नाम की गैंगस्टर का किरदार किया था। सुभाष कपूर की यह फ़िल्म एक राजनीतिक व्यंग्य फिल्म थी। प्रतिमा काज़मी ने उर्मिला मातोंडकर और सैफ अली खान की थ्रिलर फिल्म एक हसीना थी में गैंगस्टर प्रमिला का किरदार किया था। प्रतिमा इससे पहले फिल्म वैसा भी होता है पार्ट २ में गैंगस्टर गंगू ताई का किरदार किया था। इन दोनों ही फिल्मों में प्रतिमा काज़मी के अभिनय को सराहा गया।
नंदिता दास ने निर्देशक पदम् कुमार की एक्शन फिल्म सुपारी (२००३) में एक लेडी डॉन ममता शेकरी का किरदार किया था। इस फिल्म में उदय चोपड़ा ने एक क़र्ज़ न चुका पाने वाले व्यक्ति का किरदार किया था, जिससे लेडी डॉन ममता शेकरी सुपारी किलर का काम लेती है। नेहा धूपिया ने फंस गया रे ओबामा (२०१०) में मुन्नी नाम की गैंगस्टर का किरदार किया था। सुभाष कपूर की यह फ़िल्म एक राजनीतिक व्यंग्य फिल्म थी। प्रतिमा काज़मी ने उर्मिला मातोंडकर और सैफ अली खान की थ्रिलर फिल्म एक हसीना थी में गैंगस्टर प्रमिला का किरदार किया था। प्रतिमा इससे पहले फिल्म वैसा भी होता है पार्ट २ में गैंगस्टर गंगू ताई का किरदार किया था। इन दोनों ही फिल्मों में प्रतिमा काज़मी के अभिनय को सराहा गया।
गैंगस्टर बनने के
मोह से माधुरी दीक्षित और विद्या बालन भी नहीं बच सकी। गैंगस्टर किरदार आम तौर पर काफी सशक्त होते
हैं। इन किरदारों में अपने टैलेंट को खुल
कर दिखाने का मौका मिलता है। फिल्म
इश्किया में कृष्णा का किरदार करके विद्या बालन ने खूब अवार्ड्स बटोरे। इस फिल्म में उन्हें गालियां बकानी पड़ी। लेकिन उनकी प्रतिष्ठा में चार चाँद ही लगे। यह
औरत अपना मतलब साधने के लिए मामू भांजे को अपने रूप जाल में फंसाती है। मतलब निकल जाने पर गोली मारने से भी नहीं
चूकती। माधुरी दीक्षित को तो अपना कमबैक
सफल बनाना था। सौमिक सेन की फिल्म गुलाब
गैंग में माधुरी दीक्षित गैंगस्टर रज्जो के किरदार में थी, जिसका गुलाबी साड़ी पहने औरतों का गैंग था। यह गैंग मज़लूम महिलाओं की मदद करता था। ज़ाहिर है कि विद्या बालन का इश्किया का कृष्ण
और माधुरी दीक्षित का गुलाब गैंग का रज्जो का किरदार काफी सशक्त था। लेकिन जहाँ इश्किया हिट हुई वहीँ गुलाब गैंग
बुरी तरह से फ्लॉप हुई।
लेडी गैंगस्टर का
किरदार करके तो कला फिल्मों की अभिनेत्री शबाना आज़मी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तक
जीत चुकी हैं। विनय शुक्ल की १९९९ में
रिलीज़ फिल्म गॉड मदर पोरबंदर गुजरात की अस्सी और नब्बे के दशक की लेडी गैंगस्टर
संतोख बेन पर थी, जो अपने पति की
हत्या का बदला लेने के लिए गैंस्टर बन जाती है। संतोख बेन ने बाद में राजनीति का
चोला ओढ़ लिया था। शबाना आज़मी ने गॉडमदर में संतोख बेन का रील लाइफ किरदार रांभी
किया था।
ऋचा चड्डा को
बॉलीवुड की गैंगस्टर गर्ल कहा जाता है। क्यों ? क्योंकि, ऋचा चड्डा की पहचान ही गैंगस्टर किरदार से हुई। ओये लकी लकी ओये से
अपने फिल्म करियर का आगाज़ करने वाली ऋचा चड्डा को पहचान मिली अनुराग कश्यप की दो
हिस्सों में बनी गैंगस्टर फिल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में नगमा खातून के किरदार
से। यह औरत अपने पति की हत्या के बाद अपने
गैंग को सम्हालती है और बेटे को बदला लेने के लिए तैयार करती है। इस फिल्म के बाद,
निर्देशक मृगदीप सिंह लाम्बा की फिल्म
फुकरे की भोली पंजाबन के किरदार में ऋचा चड्डा ने दर्शकों को बेहद प्रभावित
किया। ऋचा चड्डा ने निखिल द्विवेदी के साथ
फिल्म तमंचे में भी गैंगस्टर बाबु के किरदार से दर्शकों का ध्यान आकर्षित
किया। इन गैंगस्टर किरदार वाली फिल्मों ने
ऋचा चड्डा को गैंगस्टर गर्ल का खिताब दिला दिया। आजकल तो लेडी गैंगस्टर के लिए ऋचा
चड्डा को सबसे पहले याद किया जाता है। लेडी गैंगस्टर के लिहाज़ से माहि गिल का नाम
भी लिया जा सकता है। तिग्मांशु धुलिया के
गैंगस्टर फिल्म साहब बीवी तथा गैंगस्टर और गैंगस्टर रिटर्न्स में माहि ने माधवी
देवी के गैंगस्टर किरदार को बेहद खूबसूरती से किया था।
बहुत कम लोग जानते
होंगे कि बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अपने हिंदी फिल्मों में ढलते करियर
के दौरान २००५ में निर्देशक डी राजेंद्र बाबू की कन्नड़ फिल्म ऑटो शंकर में एक लेडी
डॉन माया का किरदार किया था। दरअसल यह
किरदार हाफ निगेटिव और हाफ पॉजिटिव था। यानि फिल्म के शुरू में माया एक लेडी डॉन की बेटी बानी थी, जो माँ द्वारा गरीबों को उधार में दिए गए पैसों
को क्रूरता से वसूलती है। बाद में उसे
मालूम पड़ता है कि वह लेडी डॉन की बेटी नहीं तो वह सुधर जाती है। इस फिल्म के निर्माताओं ने हिंदी फिल्मों में
शिल्पा शेट्टी की लोकप्रियता को भुनाने के
ख्याल से 'शिल्पा : द बिग डॉन
टाइटल के साथ हिंदी में डब कर रिलीज़ किया
था। हालाँकि, शिल्पा नहीं चाहती
थी कि उनकी यह कन्नड़ हिट फिल्म डब कर रिलीज़ हो। लेकिन, कोई कॉन्ट्रैक्ट न होने के कारण वह निर्माता को
नहीं रोक सकी। अब यह बात दीगर है कि फिल्म को हिंदी बेल्ट में सफलता नहीं
मिली। लेकिन इस घटना में हिंदी दर्शकों के
बीच लेडी डॉन की लोकप्रियता का पता ज़रूर चलता था।
कंगना रनौत के करियर
की शुरुआत गैंगस्टर फिल्म गैंगस्टर से हुई थी। हालाँकि, उन्होंने खुद को
हरफनमौला एक्टर के बतौर स्थापित कर लिया है। कंगना ने फिल्म रिवाल्वर रानी में गोलियां चलाने में माहिर अलका सिंह का
किरदार किया था। लेडी गैंगस्टर के किरदार के लिहाज़ से कंगना रनौत की हंसल मेहता
निर्देशित फिल्म सिमरन में पैसों के लिए बैंक डकैती और दूसरे अपराध करने वाली
सिमरन का किरदार किया है। यह फिल्म १५
सितम्बर को रिलीज़ होगी। लेकिन इससे दो महीना पहले हसीना रिलीज़ हो जाएगी। ज़ाहिर है कि इन दोनों फिल्मों में लेडी
गैंगस्टर है। दोनों ही अभिनेत्रियां नाज़ुक बदन हैं। क्या रफ़ टफ गैंगस्टर किरदारों में यह दोनों फिट
बैठेंगी। महिला गैंगस्टर को भी रूपहले
परदे पर पर जैसी सफलता मिली है,उससे श्रद्धा कपूर और कंगना रनौत के गैंगस्टर की
सफलता लाज़िमी लगती है। क्या सचमुच ऐसा हो
पायेगा ?
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फिल्म पुराण
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Saturday, 25 March 2017
लॉरा अल्बर्ट के किरदार में लॉरा डर्न
अमेरिकी पेंटर, म्यूजिशियन, लेखक और फिल्म निर्देशक डेविड कीथ लिंच के साथ संबंधों को लेकर मशहूर तथा डेविड की तीन फिल्मों ब्लू वेलवेट, वाइल्ड ऐट हार्ट और इनलैंड एम्पायर की नायिका लौरा डर्न के बॉयोपिक फिल्म जेटी लेरॉय में क्रिस्टीन स्टीवर्ट के साथ लिए जाने की खबर है। जस्टिन केली निर्देशित यह फिल्म अमेरिकी लेखिका लौरा विक्टोरिया अल्बर्ट के जीवन पर है, जिसने छद्म नाम जेटी लेरॉय से उपन्यास और कहानियां लिखीऔर कॉन्ट्रैक्ट किये । उसे सवन्ना क्नूप के नाम से भी जाना जाता है। बताते हैं कि लिंग भेद के डर से यह लेखिका लोगों से पुरुष (समलैंगिक) आवाज़ में बात भी करती थी। उसमे हॉलीवुड की सबसे धनी और मशहूर लेखिका बनाने की हवस थी। वह इस प्रकार से फैशन और लेखन के क्षेत्र में मशहूर भी हुई। छह साल बाद न्यू यॉर्क टाइम्स ने लौरा की पोल खोल दी। अपने उपन्यास सारा पर फिल्म बनाने के एक कॉन्ट्रैक्ट को छद्म नाम से करने के कारण वह कानूनी पचड़ों में भी फंसी। जस्टिन केली ने इसी छद्म नाम जेटी लेरॉय की कहानी पर अपनी फिल्म की पटकथा लिखी है। फिल्म में लॉरा डर्न अल्बर्ट के किरदार में होंगी।
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Laura Dern
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कौन होगी ड्रैगन टैटू वाली एक्ट्रेस ?
पिछले दिनों, सोनी पिक्चर्स ने ऐलान किया कि वह स्वीडिश लेखक डेविड लागरक्रांतज़ के उपन्यास द गर्ल इन द स्पाइडर्स वेब पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। डेविड का यह अपराध उपन्यास स्टीग लार्सन द्वारा २००५ में लिखी गई मिलेनियम ट्राइलॉजी के पहले उपन्यास द गर्ल विथ ड्रैगन टैटू की श्रृंखला की चौथी किताब है। स्टीग के उपन्यास पर पहली बार एक स्वीडिश फिल्म २००९ में बनाई गई थी। २०११ में निर्देशक डेविड फिंचर ने इस किताब पर अंग्रेजी फिल्म का निर्माण डेनियल क्रेग और रूनी मारा के साथ किया था। यह फिल्म एक जॉर्नलिस्ट मिकैल ब्लोम्क्विस्ट (डेनियल क्रेग) की कहानी थी, जो एक धनी घराने की ४० साल पहले गुम हुई लड़की की तलाश में है कि उसके साथ आखिर हुआ क्या! इसके लिए वह एक कंप्यूटर हैकर लिसाबेथ सलेंडर (रूनी मारा) की मदद लेता है। मिलेनियम ट्राइलॉजी की कहानी में हैकर लड़की लिसाबेथ सलेंडर का किरदार अहम् है। इसलिए सोनी पिक्चर्स को इस किरदार के लिए ए-लिस्टर एक्ट्रेस की तलाश है। खबर है कि फ़ेदे अल्वारेज़ के निर्देशन में इस फिल्म की सलेंडर बनने के लिए स्कारलेट जोहांसन और नताली पोर्टमैन के बीच दौड़ है। यहाँ बताते चलें कि २०११ की फिल्म के सलेंडर के किरदार के लिए स्कारलेट जोहांसन प्रयास कर रही थी। बाद में रूनी मारा को सलेंडर के किरदार के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन भी मिला। जॉर्नलिस्ट ब्लोम्क्विस्ट को स्कूप की तलाश है। वह सलेंडर की मदद ले रहा है। सलेंडर का अपना अलग एजेंडा है। लेकिन, दोनों ही नहीं जानते कि दोनों जिस सीक्रेट की तलाश में हैं, उसके कारण वह जासूसों, सायबर क्रिमिनल्स और दुनियां की सरकारों के मकड़जाल में फंसने जा रहे हैं। द गर्ल इन द स्पाइडर्स वेब की पटकथा स्टीवन नाइट और जे बासु लिख रहे हैं। यह फिल्म ५ अक्टूबर २०१८ को वार्नर ब्रदर्स की फिल्म एक्वामैन के साथ रिलीज़ होगी।
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क्या फुसफुसा रही है नीतू सिंह के कान में दीपिका पादुकोण !
एचटी मोस्ट स्टाइलिश अवार्ड्स २०१७ में दीपिका पादुकोण को मोस्ट स्टाइलिश ग्लोबल आइकॉन अवार्ड से नवाज़ा गया। लेकिन, तमाम मीडिया- चैनलों में दीपिका को लेकर इस अवार्ड को ख़ास तवज्जो नहीं मिली। मीडिया ने तरजीह दी इस फंक्शन में हिस्सा लेने पहुंची पूर्व फिल्म अभिनेत्री नीतू सिंह कपूर से दीपिका पादुकोण की सरगोशियों के फोटो को। लगभग हर न्यूज़ पोर्टल और वेब साइट ने इस फोटो को अपने पेज पर दिखाया । इस फोटो में दीपिका पादुकोण नीतू सिंह कपूर के कान में कुछ फुसफुसाती नज़र आ रही थी। नीतू कपूर के चेहरे और हाव भाव से उत्सुकता झलक रही थी। ख़ास बात यह रही कि इस फोटो को इस प्रकार से नहीं पेश किया गया कि स्टाइलिश दीपिका पादुकोण पूर्व स्टाइलिश एक्ट्रेस नीतू सिंह से कुछ टिप्स लेना चाह रही है। लगभग सभी रिपोर्टरों ने अपनी रिपोर्ट में नीतू सिंह का रणबीर कपूर की माँ के बतौर परिचय कराते हुए उत्सुकता व्यक्त की थी कि दीपिका पादुकोण अपने पूर्व प्रेमी की माँ से क्या बात कर रही है ! यह भी बताया गया कि रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण के सम्बन्ध अब ख़त्म हो गए हैं। यह बताने में भी हिचक नहीं दिखाई गई कि नीतू कपूर कभी भी दीपिका को पसंद नहीं करती थी। दीपिका पादुकोण ने इन रिपोर्ट्स पर क्या प्रतिक्रिया दिखाई होगी नहीं मालूम। लेकिन, जब एक वेब साइट ने ट्विटर पर यह फोटो लगाते हुए लिखा कि क्या दीपिका अपने पूर्व प्रेमी की माँ नीतू सिंह से रणबीर के बारे में गॉसिप कर रही है तो दीपिका ने नाराज़गी जताते हुए 'येलो पत्रकारिता' के टैग के साथ इसे रिट्वीट कर दिया।
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Friday, 24 March 2017
सिया के राम की सीता जाट की जुगनी
दक्षिण में फ्लॉप तेलुगु फिल्म से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री मदिराक्षी मुंडले ने स्टार प्लस के धार्मिक टीवी सीरियल सिया के राम में सीता का धार्मिक चरित्र निभा कर हिंदी दर्शको का ध्यान अपनी और खींच था। लेकिन, २०१६ में सिया के राम के ख़त्म होने के बाद मदिराक्षी को किसी फिल्म का ऑफर नहीं मिला। ऐसे में जबकि दर्शक मदिराक्षी को भूल चले थे, मदिराक्षी की दुरुस्त आयद होती नज़र आ रही है। वह सोनी एंटरटेनमेंट के सीरियल जाट की जुगनी में एक हरियाणवी लड़की मुन्नी का किरदार कर रही हैं। उससे एक जाट युवा बिट्टू प्रेम करने लगता है। सीरियल की ख़ास बात यह होगी कि मुन्नी और बिट्टू की प्रेम कहानी किस राह पर ख़त्म होती है। माइथोलॉजिकल करैक्टर सीता करने के बाद मुन्नी का किरदार करना मदिराक्षी के लिए अपना जीवन जीना जैसा है। वह अपने रोल के बारे में कहती हैं, "मुन्नी का करैक्टर करना अपनी वास्तविक ज़िन्दगी में रहने जैसा है। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं हरियाणवी लड़की नहीं हूँ। " सीता के किरदार में शुद्ध हिंदी बोलने वाली मदिराक्षी को जाट की जुगनी में हरियाणवी शैली में संवाद बोलने हैं। मदिराक्षी को जहाँ सीता का किरदार करने के लिए शुद्ध हिन्दी की प्रैक्टिस करनी पड़ी थी, वहीँ अब हिंदी बोलने के लिए हरियाणवी उच्चारण के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है। मदिराक्षी कहती हैं, "यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण भी था और उत्साहजनक भी। अपने रोल में घुसने के लिए मैंने अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय हरियाणा के स्थानीय लोगों के बीच गुजारा। अब मैं अपने प्रशंसकों के रिस्पांस को देखना चाहती हूँ।"
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अ रिंकल इन टाइम
८७ वे अकैडमी अवार्ड्स (ऑस्कर अवार्ड्स) में श्रेष्ठ फिल्म की केटेगरी में नामित बायोग्राफिकल फिल्म सेल्मा की डायरेक्टर अवा डुवरने अब एक एडवेंचर फंतासी फिल्म अ रिंकल इन टाइम ले कर आ रही है।
मूरी परिवार के बच्चे अपने अंतरिक्ष वैज्ञानिक पिता डॉक्टर जैक मूरी के यकायक गायब हो जाने के बाद मेग और उसका भाई चार्ल्स, दोस्त कैल्विन के साथ उनका पता लगाने के लिए अंतरिक्ष यात्रा पर निकलते है। पिता की खोज में उनकी मदद मिसेज व्हाटसिट, मिसेज हु और मिसेज व्हिच करते हैं। अंतरिक्ष में उनका सामना ईविल फाॅर्स से होता है। इस फिल्म में ओप्रा विन्फ्रे ने मिसेज व्हिच और मिंडी कालिंग ने मिसेज हु का किरदार किया है। व्हाटसिट आकाश गंगा की एक सितारा है, जिसने बुराई से लड़ने के लिए अपने सितारा अस्तित्व का त्याग कर दिया है। इस भूमिका को रीस विदरस्पून कर रही हैं। रीस फिल्म वाक द लाइन के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का ऑस्कर जीत चुकी हैं। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में लीगली ब्लोंड, हॉट परसूट और सिंग के नाम उल्लेखनीय हैं। फिल्म अ रिंकल इन टाइम ६ अप्रैल २०१८ को रिलीज़ होगी। लेकिन, इससे पहले कॉमेडी ड्रामा फिल्म होम अगेन में दिखाई देंगी।
मूरी परिवार के बच्चे अपने अंतरिक्ष वैज्ञानिक पिता डॉक्टर जैक मूरी के यकायक गायब हो जाने के बाद मेग और उसका भाई चार्ल्स, दोस्त कैल्विन के साथ उनका पता लगाने के लिए अंतरिक्ष यात्रा पर निकलते है। पिता की खोज में उनकी मदद मिसेज व्हाटसिट, मिसेज हु और मिसेज व्हिच करते हैं। अंतरिक्ष में उनका सामना ईविल फाॅर्स से होता है। इस फिल्म में ओप्रा विन्फ्रे ने मिसेज व्हिच और मिंडी कालिंग ने मिसेज हु का किरदार किया है। व्हाटसिट आकाश गंगा की एक सितारा है, जिसने बुराई से लड़ने के लिए अपने सितारा अस्तित्व का त्याग कर दिया है। इस भूमिका को रीस विदरस्पून कर रही हैं। रीस फिल्म वाक द लाइन के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का ऑस्कर जीत चुकी हैं। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में लीगली ब्लोंड, हॉट परसूट और सिंग के नाम उल्लेखनीय हैं। फिल्म अ रिंकल इन टाइम ६ अप्रैल २०१८ को रिलीज़ होगी। लेकिन, इससे पहले कॉमेडी ड्रामा फिल्म होम अगेन में दिखाई देंगी।
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Wednesday, 22 March 2017
क्या रीलोड होगी मैट्रिक्स फ्रैंचाइज़ी ?
कुछ अमेरिकी वेब साइट्स की खबर है कि वॉर्नर ब्रॉदर्स के बॉस अपनी हिट मैट्रिक्स फ्रैंचाइज़ी को रीलोड यानि रिलॉन्च करना चाहते हैं। हालाँकि, अभी यह सब सोच विचार के ही दायरे में है। लेकिन, ३१ मार्च १९९९ को रिलीज़ पहली फ्रैंचाइज़ी फिल्म द मैट्रिक्स को रिवाइव करने पर स्टूडियो गंभीर ज़रूर नज़र आता है। इस मैट्रिक्स ट्राइलॉजी की पहली फिल्म से ही यह हिट फ्रैंचाइज़ी में शुमार हो गई थी। द मैट्रिक्स (१९९९) के निर्माण में ६३ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे तथा इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड ४६३.५ मिलियन डॉलर का ग्रॉस किया था। द वाचोवस्कीस ब्रदर्स द्वारा निर्देशित इस फ्रैंचाइज़ी की दूसरी फिल्म मैट्रिक्स रीलोडेड का बजट १५० मिलियन डॉलर था। फिल्म ने वर्ल्डवाइड ७४२ मिलियन डॉलर का ग्रॉस किया। तीसरी फिल्म द मैट्रिक्स रेवोल्यूशनस के निर्माण में भी १५० मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। फिल्म ने ४२७ मिलियन डॉलर का ग्रॉस किया। हालाँकि, यह ग्रॉस उम्मीद से कम था। इसके बावजूद मैट्रिक्स 1.६२ बिलियन डॉलर का ग्रॉस करने वाली एक बड़ी हिट फ्रैंचाइज़ी में शुमार की गई। ताज़ा खबर यह है कि द मैट्रिक्स को रिवाइव करने के जैक पेन से बातचीत जारी है। क्रीड फ्रैंचाइज़ी और ब्लैक पैंथर के माइकल बी जॉर्डन इस फ्रैंचाइज़ी में शामिल किये जा सकते हैं। ट्राइलॉजी के दो प्रमुख एक्टर कीआनु रीव्स और लॉरेंस फिशबॉर्न को पिछली बार जॉन विक २ में पसंद किया गया था। यह दोनों रिवाइवल फिल्म में शामिल हो सकते हैं। रीव्स ने इंटरेस्ट दिखाया भी है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड के लिए ज़रूरी नहीं शादी से बच्चा !
करण जौहर भी पापा जौहर बन गए। उन्होंने सरोगेसी के ज़रिये जुडवा बच्चों- एक लड़का और के लड़की- को जन्म दिया है । करण जौहर ने बेटे का नाम अपने पिता के नाम पर यश और बेटी का नाम माँ हीरू के नाम को उलट कर रूही रखा है। इससे पहले तुषार कपूर ने भी शादी करने के बजाय सरोगेसी के ज़रिये एक बच्चे को जन्म दिया। तुषार के माता पिता ने भी तुषार के इस निर्णय का समर्थन किया। इस लडके का नाम लक्ष्य रखा गया है। लेकिन, करण जौहर और तुषार कपूर पहले बॉलीवुड सेलब्रिटी नहीं है, जिन्होंने इस तरह से बच्चे पैदा किये या गोद लिए। अलबत्ता इन दोनों ने बिना शादी किये ही बच्चे पैदा किये। आइये जानते हैं कि ऐसी कौन सी सेलिब्रिटी हैं, जिन्होंने शादी के अलावा अन्य ज़रिये से बच्चे प्राप्त किये -
इन्होंने भी लिया कृत्रिम गर्भाधान का सहारा
हिंदी फिल्मों की कोरियोग्राफर और फिल्म निर्देशक फराह खान ४३ साल की उम्र में माँ बनी। फराह खान ने २००४ में फिल्म निर्देशक, संपादक और पटकथा लेखक शिरीष कुंदर से विवाह किया था। उन्होंने २००८ में एक साथ तीन बच्चों- लडके ज़ार और बेटी दिव्या और अन्या को जन्म दिया। फराह के इन तीनों बच्चों का जन्म आईवीएफ तकनीक से गर्भाधान करवा कर ही संभव हो सका। फराह खान ने मज़ाकिया लहज़े में कहा भी था, "नो पिज़्ज़ा मैन हैज डेलिवर्ड देम। " आमिर खान ने दो हिन्दू लड़कियों से निकाह किया। १९८६ में पहली पत्नी रीना दत्ता से आमिर खान को दो बच्चे जुनैद (बेटा) और इरा (बेटी) है। आमिर ने २००२ में रीना को तलाक़ दे दिया। उन्होंने २००५ में एक असिस्टेंट डायरेक्टर किरण राव के साथ २००५ में निकाह किया। किरण ने २०११ में आईवीएफ सरोगेसी के ज़रिये एक बेटे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम आज़ाद राव खान रखा गया है।
शाहरुख़ खान ने अपनी बचपन की दोस्त गौरी छिब्बर के साथ १९९१ में शादी की थी। इन दोनों के दो जैविक बच्चे आर्यन (१९९७)और सुहाना (२०००) हैं। इसके बावजूद शाहरुख़ खान और गौरी ने २०१३ में सरोगेसी के ज़रिये एक और बेटे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम अबराम रखा गया है।
शादी के बाद गोद लिया
फिल्म डायरेक्टर निखिल अडवाणी ने अपनी कॉलेज की दोस्त सुपर्ण गुप्ता से प्रेम विवाह किया था। इन दोनों ने एक लड़की केया को गोद ले रखा है। एक्टर समीर सोनी और नीलम कोठारी की पहली शादी असफल हो गई थी। इन दोनों ने २०११ में विवाह कर लिया। इस जोड़े ने बच्चे के लिए इंतज़ार करने के बजाय एक लड़की (आहना) को गोद ले लिया। डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी और उनकी पत्नी ऋचा की इच्छा थी कि उनके एक बेटी हो। इसलिए दोनों ने अनाथालय से एक लड़की को गोद ले लिया। सुभाष घई के प्रोडक्शन हाउस को सम्हालने वाली लड़की मेघना, सुभाष घई और रेहाना घई की गोद ली हुई बेटी हैं।
शादी से पहले ही बनी माँ
अभिनेत्री रवीना टंडन ने २००४ में फिल्म वितरक अनिल थडानी से शादी की थी। लेकिन, रवीना टंडन इस शादी से काफी पहले माँ बन चुकी थी। उन्होंने १९९५ में दो बच्चियों छाया (११ साल) और पूजा (८ साल) को गोद ले लिया था। अनिल से शादी के बाद रवीना टंडन के दो बच्चे बेटी राशा और बेटा रणबीरवर्द्धन हुए। पिछले साल रवीना टंडन की पहली बेटी छाया की शादी एक कैथोलिक लडके के साथ हुई। मिस यूनिवर्स १९९४ सुष्मिता सेन ने भी बिन ब्याही माँ का उदाहरण पेश किया। उन्होंने २५ साल की उम्र में एक लड़की रेनी को सन २००० में गोद लिया। इस माँ यूनिवर्स ने २०१० में फिर एक तीन महीने की लड़की को गोद लिया। इस लड़की का नाम अलीशा रखा गया।
बच्चों के बाद भी एक बच्चा
बॉलीवुड फिल्म पटकथा लेखक सलीम खान ने १९६४ में सुशीला चरक से शादी की थी। इस शादी से उनके तीन बेटे सलमान खान, अरबाज़ खान और सोहैल खान तथा एक बेटी अलवीरा खान पैदा हुई। सलीम खान ने फुटपाथ में मर गई एक औरत की बच्ची को गोद लिया तथा इसे अपने बच्चों की तरह पाला पोसा और नाम दिया। इस लड़की का नाम अर्पिता खान रखा। पिछले साल अर्पिता की शादी शादी हिमांचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुखराम के बेटे के साथ हुई। इसी प्रकार से, सलीम खान के बेटे सोहैल खान ने १९९८ में फैशन डिज़ाइनर सीमा सचदेव से शादी की। २००१ में इस जोड़े के घर के लडके निर्वाण का जन्म हुआ। दस साल बाद इस जोड़े ने सरोगेसी के ज़रिये एक दूसरे लडके योहान को जन्म दिया।
राहुल बोस और प्रीटी जिंटा के दर्जनों बच्चे
राहुल बोस और प्रीटी जिंटा को बच्चों से बेहद प्यार हैं। इसके लिए इन दोनों ने शादी कर बच्चे पैदा करने बजाय गोद लेने का रास्ता अपनाया। राहुल बोस अंडमान एंड निकोबार आइलैंड में चैरिटी संगठन चलाते हैं। उन्होंने इस द्वीप समूह के आधा दर्जन बच्चे गोद ले रखे हैं। वह इन सभी को आंध्र प्रदेश के अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। प्रीटी जिंटा ने ऋषिकेश के एक स्कूल के ३४ बच्चों को गोद ले रखा है। वह इन सभी बच्चों का पूरा खर्च उठाती हैं। समय समय पर वह इन बच्चों से मिलती भी रहती हैं।
इनके आँगन में नहीं गूंजी किलकारी
बॉलीवुड के कुछ सेलिब्रिटी ऐसे भी हैं, जिन्हें शादी के बाद बच्चे नहीं हुए। लेकिन, उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। इन जोड़ों ने न सरोगेसी बच्चे पाने की कोशिश की, न किसी को गोद लिया। दिलीप कुमार और सायरा बानू की जोड़ी एक ऎसी ही जोड़ी है। दिलीप कुमार ने १९६६ में फिल्म अभिनेत्री सायरा बानू से निकाह किया था। परंतु ५१ साल बाद भी इनके कोई बच्चा नहीं है। बताते चलें कि सायरा बानू उम्र में दिलीप कुमार से २२ साल छोटी हैं। शबाना आज़मी और जावेद अख्तर ने १९८४ में शादी की थी। इन के भी कोई औलाद नहीं है। शबाना आज़मी जावेद अख्तर के हनी ईरानी से बच्चों फरहान और ज़ोया को ही औलाद की तरह मानती हैं। अनुपम खेर और किरण खेर ने १९८४ में शादी की थी। इन दोनों की कोई औलाद नहीं है। अलबत्ता किरण खेर की पहली शादी (गौतम बेरी) से एक बेटा सिकंदर है। स्वर्गीय मीना कुमारी ने १९५२ में उम्र में १५ साल बड़े फिल्मकार कमाल अमरोही से निकाह किया था। मीना कुमारी को कमाल अमरोही से कोई संतान नहीं हुई। कहा जाता है कि कमाल अमरोही ने मीना कुमारी के साथ शादी इसी शर्त पर की थी कि उनके कोई बच्चा नहीं होगा। किशोर कुमार और मधुबाला के भी कभी कोई बच्चा नहीं हुआ। सभी जानते हैं कि मधुबाला को टीबी थी। साधना और आरके नय्यर के भी कोई बच्चा नहीं हुआ। आशा भोंसले और आरडी बर्मन की भी कोई औलाद नहीं हुई। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता अभिनेत्री रेहाना सुलतान और निर्देशक बीआर इशारा के भी कोई औलाद नहीं हुई।
राजेंद्र कांडपाल
इन्होंने भी लिया कृत्रिम गर्भाधान का सहारा
हिंदी फिल्मों की कोरियोग्राफर और फिल्म निर्देशक फराह खान ४३ साल की उम्र में माँ बनी। फराह खान ने २००४ में फिल्म निर्देशक, संपादक और पटकथा लेखक शिरीष कुंदर से विवाह किया था। उन्होंने २००८ में एक साथ तीन बच्चों- लडके ज़ार और बेटी दिव्या और अन्या को जन्म दिया। फराह के इन तीनों बच्चों का जन्म आईवीएफ तकनीक से गर्भाधान करवा कर ही संभव हो सका। फराह खान ने मज़ाकिया लहज़े में कहा भी था, "नो पिज़्ज़ा मैन हैज डेलिवर्ड देम। " आमिर खान ने दो हिन्दू लड़कियों से निकाह किया। १९८६ में पहली पत्नी रीना दत्ता से आमिर खान को दो बच्चे जुनैद (बेटा) और इरा (बेटी) है। आमिर ने २००२ में रीना को तलाक़ दे दिया। उन्होंने २००५ में एक असिस्टेंट डायरेक्टर किरण राव के साथ २००५ में निकाह किया। किरण ने २०११ में आईवीएफ सरोगेसी के ज़रिये एक बेटे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम आज़ाद राव खान रखा गया है।
शाहरुख़ खान ने अपनी बचपन की दोस्त गौरी छिब्बर के साथ १९९१ में शादी की थी। इन दोनों के दो जैविक बच्चे आर्यन (१९९७)और सुहाना (२०००) हैं। इसके बावजूद शाहरुख़ खान और गौरी ने २०१३ में सरोगेसी के ज़रिये एक और बेटे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम अबराम रखा गया है।
शादी के बाद गोद लिया
फिल्म डायरेक्टर निखिल अडवाणी ने अपनी कॉलेज की दोस्त सुपर्ण गुप्ता से प्रेम विवाह किया था। इन दोनों ने एक लड़की केया को गोद ले रखा है। एक्टर समीर सोनी और नीलम कोठारी की पहली शादी असफल हो गई थी। इन दोनों ने २०११ में विवाह कर लिया। इस जोड़े ने बच्चे के लिए इंतज़ार करने के बजाय एक लड़की (आहना) को गोद ले लिया। डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी और उनकी पत्नी ऋचा की इच्छा थी कि उनके एक बेटी हो। इसलिए दोनों ने अनाथालय से एक लड़की को गोद ले लिया। सुभाष घई के प्रोडक्शन हाउस को सम्हालने वाली लड़की मेघना, सुभाष घई और रेहाना घई की गोद ली हुई बेटी हैं।
शादी से पहले ही बनी माँ
अभिनेत्री रवीना टंडन ने २००४ में फिल्म वितरक अनिल थडानी से शादी की थी। लेकिन, रवीना टंडन इस शादी से काफी पहले माँ बन चुकी थी। उन्होंने १९९५ में दो बच्चियों छाया (११ साल) और पूजा (८ साल) को गोद ले लिया था। अनिल से शादी के बाद रवीना टंडन के दो बच्चे बेटी राशा और बेटा रणबीरवर्द्धन हुए। पिछले साल रवीना टंडन की पहली बेटी छाया की शादी एक कैथोलिक लडके के साथ हुई। मिस यूनिवर्स १९९४ सुष्मिता सेन ने भी बिन ब्याही माँ का उदाहरण पेश किया। उन्होंने २५ साल की उम्र में एक लड़की रेनी को सन २००० में गोद लिया। इस माँ यूनिवर्स ने २०१० में फिर एक तीन महीने की लड़की को गोद लिया। इस लड़की का नाम अलीशा रखा गया।
बच्चों के बाद भी एक बच्चा
बॉलीवुड फिल्म पटकथा लेखक सलीम खान ने १९६४ में सुशीला चरक से शादी की थी। इस शादी से उनके तीन बेटे सलमान खान, अरबाज़ खान और सोहैल खान तथा एक बेटी अलवीरा खान पैदा हुई। सलीम खान ने फुटपाथ में मर गई एक औरत की बच्ची को गोद लिया तथा इसे अपने बच्चों की तरह पाला पोसा और नाम दिया। इस लड़की का नाम अर्पिता खान रखा। पिछले साल अर्पिता की शादी शादी हिमांचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुखराम के बेटे के साथ हुई। इसी प्रकार से, सलीम खान के बेटे सोहैल खान ने १९९८ में फैशन डिज़ाइनर सीमा सचदेव से शादी की। २००१ में इस जोड़े के घर के लडके निर्वाण का जन्म हुआ। दस साल बाद इस जोड़े ने सरोगेसी के ज़रिये एक दूसरे लडके योहान को जन्म दिया।
राहुल बोस और प्रीटी जिंटा के दर्जनों बच्चे
राहुल बोस और प्रीटी जिंटा को बच्चों से बेहद प्यार हैं। इसके लिए इन दोनों ने शादी कर बच्चे पैदा करने बजाय गोद लेने का रास्ता अपनाया। राहुल बोस अंडमान एंड निकोबार आइलैंड में चैरिटी संगठन चलाते हैं। उन्होंने इस द्वीप समूह के आधा दर्जन बच्चे गोद ले रखे हैं। वह इन सभी को आंध्र प्रदेश के अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। प्रीटी जिंटा ने ऋषिकेश के एक स्कूल के ३४ बच्चों को गोद ले रखा है। वह इन सभी बच्चों का पूरा खर्च उठाती हैं। समय समय पर वह इन बच्चों से मिलती भी रहती हैं।
इनके आँगन में नहीं गूंजी किलकारी
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 18 March 2017
कश्मीर की मुख्य मँत्री ने लांच किया फिल्म 'सरगोशियां' का ट्रेलर
जम्मू और कश्मीर की मुख्य मँत्री महबूबा
मुफ्ती ने मुम्बई के जुहू स्थित होटल जे
डब्लू मेरियेट मे शुक्रवार को एक्टर से
डायरेक्टर -प्रोड्यूसर बने इमरान खान की पहली फिल्म 'सरगोशियां' का ट्रेलर लांच किया। इस अवसर पर फिल्म की पूरी स्टारकास्ट फरीदा जलाल, इमरान खान, सारा खान, शाहबाज़ खान, इंद्रनील सेनगुप्ता, टॉम
आल्टर,
अहसान
खान, खालिद सिद्दकी और अलोक
नाथसहित बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार .रणजीत, पूनम सिन्हा, सोहैल खान, रजामुराद, अकबर खान, किरण कुमार, कंचन अदिकारी, इन्दर कुमार, नरेंद्र झा, अंजू महेन्द्रू, गुड्डू धनोआ, परमीत सेठी, दीप शिखा,
लेख टंडन, शावर अली मौजूद थे। इमरान खान की फिल्म
'सरगोशियां' की कहानी
कश्मीर और कश्मीरी लोगों की सादगी, गर्व और
कश्मीरियत पर केंद्रित है। इस फिल्म को इमरान ने जम्मू और कश्मीर के सुदूर
लोकेशन्स पर फिल्माया है। अपनी इस कहानी के माध्यम से कश्मीर की खूबसूरती के साथ
वास्तविक कश्मीर को दिखने का प्रयास भी किया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दशको मे
जम्मू और कश्मीर की परिस्थितियों की वजह से
लोग वहां जाने से कतराते हैं। इस फिल्म के माध्यमसे इमरान ने लोगों को कश्मीर के वास्तविक अस्तित्व को दिखाने की कोशिश की है। ट्रेलर लांच के दौरान इमरान ने कहा, "बतौर डायरेक्टर उनकी इस डेब्यू फिल्म की शूटिंग के दौरान
जम्मू एंड कश्मीर टूरिज्म, जम्मू एंड
कश्मीर सरकार,
इंडियन आर्मी और जम्मू और कश्मीर के लोगों ने
काफी मदद की। उन्होंने बताया कि उन्हें जम्मू और कश्मीर के सुदूर इलाकों में
शूटिंग करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई।" इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर कि
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती काफी खुश नजर आ
रही थी। एक पत्रकार द्वारा पूछे जाने पर कि अगर बॉलीवुड से किसी को जम्मू और कश्मीर
का ब्रांड अम्बेसेडर बनाने कि बात हो और
आलिया भट्ट या दीपिका पादुकोण का नाम प्रस्तावित हो तो आप किसे पसंद
करेंगी ? इस सवाल के जवाब में हँसते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि कोई हीरो भी हो
सकता है। जब उनसे पूछा गया कि शाहरुख़ या सलमान, तो उन्होंने हंसते हुएकहा कि सलमान
बेहतर चॉइस होंगे। उन्होंने कहा आगे कहा, "पुरे
मुल्कमें अगर लड़कियां कही सेफ जगह हैं तो वो जम्मू एंड कश्मीर है." अवसर
पर महबूबा मुफ़्ती ने अपने दिवंगत पिता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री
मुफ़्ती मोहम्मद सईद को याद करते हुए कहा
कि "पौने दो साल पहले वे यहाँ आये थे और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से भी मिले
थे. वे चाहते थे कि जम्मूकश्मीर में जो सन्नाटा आ गया है उसे दूर
करें."उनहोंने कहा कि उनके पिता कि इच्छा थी कि जम्मू और कश्मीर में बॉलीवुड
के लोग फिर से पहले कि ही तरह फिल्मों कि शूटिंग के लिए आएं..उन्होंने इस अवसर पर
कहा कि वे यहाँ अपनेपिता कि उस इच्छा को पूरी करने के उद्देश्य से आयी हैं उन्होंने कहा कि वे यहाँ बॉलीवुड के लोगों से
कश्मीर के सन्नाटे को दूर करने में मदद मांगने आयी हैं. इसअवसर पर सोहैल खान ने
कहा कि कश्मीर भारत का ताज है, उन्हेंने कहा कि वे कश्मीर जा चुके हैं और
उन्हें कश्मीर बहुत पसंद है,साथ ही उन्होंने कहा कि इमरान ने वहां जाकर
फिल्म बनाई है,इसे देख कर और भी प्रोड्यूसर्स इंस्पायर्ड होंगे ,सोहैल खान ने कहा कि पहले वहां काफी फिल्मो कि शूटिंग होती थी औरआज भी होनी
चाहिए। इस अवसर पर सोहैल ने अपनी इच्छा जताते हुए कहा कि वे भी कश्मीर में जाकर
अपनी फिल्म कि शूटिंग करना चाहते हैं।
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ट्रेलर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मैरी पॉपिन्स की वापसी
पी एल ट्रैवर्स ने १९३४ से १९८८ के बीच बच्चों के लिए मैरी पोपिंस सीरीज की आठ किताबें लिखी थी। १९६४ में वाल्ट डिज्नी ने इस पुस्तक को म्यूजिकल फंतासी कॉमेडी फिल्म की तरह पेश किया। रॉबर्ट स्टीवेंसन निर्देशित इस फिल्म में अभिनेत्री जूली एंड्रूज ने मैरी पोपिंस का किरदार किया था। इस संगीतमय फिल्म का संगीत शर्मन ब्रदर्स ने तैयार किया था। मैरी पोपिंस लन्दन के एक बर्बाद हो चुके बैंक्स परिवार में जा पहुंचती है। वह अपनी शैली में इस परिवार को सुधारने का सफल प्रयस कराती है। २७ अगस्त १९६४ को रिलीज़ इस फिल्म को बड़ी सफलता मिली थी। इस फिल्म के निर्माण में पांच मिलियन डॉलर से कम खर्च हुए थे। फिल्म अपनी इनिशियल रिलीज़ में ही ३३ मिलियन डॉलर का ग्रॉस कर ले गई थी। इसका लाइफटाइम ग्रॉस १०२ मिलियन डॉलर है। इस फिल्म को १९६५ के अकैडमी अवार्ड्स (ऑस्कर) में रिकॉर्ड १३ नॉमिनेशन मिले थे। फिल्म ने मैरी पोपिंस यानि जूली एंड्रूज को बेस्ट एक्टर इन लीडिंग रोल का खिताब दिलवाया। फिल्म ने फिल्म एडिटिंग, विसुअल इफेक्ट्स, बेस्ट ओरिजिनल सांग और स्कोर तथा बेस्ट अडॉप्टेशन के ऑस्कर मिले। वाल्ट डिज्नी की यह इकलौती फिल्म थी, जो ऑस्कर की बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में नामित हुई थी। अब ५२ साल बाद मैरी पोपिंस के सीक्वल मैरी पॉपिन्स की तैयारी शुरू हो गई है। इस फिल्म की कहानी मैरी पॉपिन्स की कहानी से २५ साल बाद की कहानी होगी। बैंक्स परिवार में दुखद घटना घट चुकी है। मैरी पॉपिन्स बैंक्स परिवार में खुशियों का संचार करने का एक और प्रयास करती है। रॉब मार्शल निर्देशित इस फिल्म में मैरी पॉपिन्स का किरदार एमिली ब्लंट कर रही हैं। फिल्म में पॉपिन्स की कजिन टोप्सी का किरदार मेरील स्ट्रीप कर रही हैं। कॉलिन फ़र्थ फिडेलिटी फिदूसरी बैंक के प्रेजिडेंट विलियम वेदरआल विल्किन्स का किरदार कर रहे हैं। पिछले दिनों वाल्ट डिज्नी स्टूडियोज ने मैरी पॉपिन्स के किरदार में एमिली ब्लंट का चित्र जारी किया। मैरी पॉपिन्स रिटर्न्स अगले साल क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ होगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
एडगर राइट का क्राइम, एक्शन म्यूजिकल 'बेबी ड्राइवर'
निर्देशक एडगर राइट की नई फिल्म बेबी ड्राइवर एक क्राइम एक्शन म्यूजिकल फिल्म है। एडगर के निर्देशन में यह विषय काफी अलग सा है। एडगर राइट ने कॉरनेट्टो ट्राइलॉजी की फिल्मों शॉन ऑफ़ द डेड, हॉट फ़ज़्ज़ और द वर्ल्डस एन्ड तथा सकॉट पिलग्रिम वर्सेज द वर्ल्ड जैसी फिल्मों का निर्माण किया था, जिनमे कॉमेडी की हैवी डोज़ थी । कॉरनेट्टो ट्राइलॉजी की आखिरी फिल्म द वर्ल्डस एन्ड २०१३ में रिलीज़ हुई थी। इसके बाद एडगर को मार्वेल कॉमिक्स के सबसे छोटे सुपरह्यूमन अंट-मैन पर फिल्म के निर्देशन की कमान सौंपी गई थी। लेकिन, इस फिल्म से निकल जाने के बाद एडगर की फिल्मों के प्रशंसक दर्शकों का इंतज़ार काफी लंबा हो चला था। लेकिन अब दर्शकों का यह इंतज़ार सुखद आश्चर्य से भरा साबित होगा। उनकी फिल्म बेबी ड्राइवर एक ऐसे ड्राइवर की कहानी है, जो एक अपराधी गिरोह के सरगना के दबाव पर डकैती में हिस्सा लेने को मज़बूर है। अब होता यह है कि यह डकैती ही असफल हो जाती है। इस से बेबी ड्राइवर और उसकी प्रेमिका की ज़िन्दगी खतरे में पड़ जाती है। इस फिल्म में सिमोन पेग और निक फ्रॉस्ट की एडगर राइट की प्रिय जोड़ी नहीं होगी। लेकिन एडगर को जैमी फॉक्स और जॉन हैम जैसे अभिनेताओं के अलावा बेबी की भूमिका में अभिनेता एंसेल ऐलगॉर्ट और अपराधी सरगना के किरदार में केविन स्पेसी हैं। यह फिल्म ११ अगस्त को रिलीज़ होगी। देखिये फिल्म का ट्रेलर -
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Wednesday, 15 March 2017
धरती पर फिर बरसी प्राकृतिक आपदा
पृथ्वी पर खतरा बन रही प्राकृतिक आपदा को देखते हुए विश्व के तमाम नेता मिल कर यह तय करते हैं कि एक दूसरे से जुड़े सॅटॅलाइट का नेटवर्क बनाया जाये, ताकि किसी भी आपदा से देशों की रक्षा की जा सके। लेकिन, होता उल्टा है। अंतरिक्ष में बनाया गई सुरक्षा प्रणाली पृथ्वी पर हमलावर बन कर बरसने लगती है। अब जिम्मेदार लोगों को समय से तेज़ दौड़ लगनी है ताकि सब कुछ ख़त्म होने से पहले दुनिया को बचाया जा सके। यह फिल्म जिओस्टॉर्म की कहानी है। इंडिपेंडेंस डे के लेखक और निर्माता डीन डेवलिन इस फिल्म से बतौर निर्देशक डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म में ओलम्पस हैज फालेन और ३०० के अभिनेता जेरार्ड बटलर (एक वैज्ञानिक जैक), क्लाउड एटलस के जिम स्टर्जस (जैक के भाई मैक्स), लिमिटलेस की एब्बी कॉर्निश (सीक्रेट सर्विस एजेंट सारा), रश की अलेक्जेन्ड्रा मारिया लारा (आईएसएस की अंतरिक्ष यात्री उते फासबाइंडर), द मैन विथ द आयरन फिस्ट्स, वॉरक्राफ्ट: द बेगिनिंग के डेनियल वु (डच बॉय प्रोग्राम के सुपरवाइजर चेंग)के अलावा द गॉड फादर पार्ट ३ के एंडी गरसिया (प्रेसीडेंट पाल्म) और द ऑवरस, अपोलो १३ के एड हैर्रिस (सेक्रेटरी डेक्क्म) महत्वपूर्ण किरदार कर रहे हैं। इस फिल्म को डीन डेवलिन के साथ पॉल गुयोत ने लिखा है। यह फिल्म २० अक्टूबर को २ड़ी प्रभाव के अलावा ३ड़ी और आईमैक्स में रिलीज़ होगी।
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फिर साथ आ सकते हैं वॉल्वरिन और प्रोफेसर एक्स
मार्वल कॉमिक्स की किताबों से एक करैक्टर डेडपूल पर फिल्म को अभूतपूर्व सफलता मिलेगी, इसके निर्माता स्टूडियोज ने सोचा तक न था। मार्च में एक्स-मेन सीरीज की फिल्म लोगन रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म की रिलीज़ से पहले ह्यू जैकमैन ने ऐलान किया था कि लोगन उनकी आखिर एक्स-मेन सीरीज फिल्म होगी। इसी के बाद प्रोफेसर एक्स का किरदार करने वाले एक्टर पैट्रिक स्टीवर्ट ने भी आधिकारिक रूप से इस सीरीज से रिटायर होने का ऐलान कर दिया था। लेकिन, वॉल्वरिन वर्सेस डेडपूल का ऐलान हुआ तो जैसे घडी उलटी दौड़ पड़ी। जैकमैन ने कहा कि संभव है कि वह वेड विल्सन से दो दो हाथ करें। इसी के बाद पैट्रिक विल्सन ने भी पुनर्विचार करने का ऐलान कर दिया। क्या वॉल्वरिन वर्सेस डेडपूल बनेगी? अगर ऐसा हुआ तो ह्यू जैकमैन और रयान रेनॉल्ड्स के साथ पैट्रिक विल्सन भी अपने २००० के किरदार में नज़र आएंगे। वैसे जानकारों का कहना है कि अगर जैकमैन न भी लौटे तो पैट्रिक विल्सन डेडपूल २ या एक्स- फाॅर्स में से किसी फिल्म में कैमिया में अपने करैक्टर में नज़र आएं।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बर्लिन की ढहती दीवार पर चार्लीज़ थेरॉन बनी एटॉमिक ब्लोंड
दो गर्मियों बाद, एक बार फिर हॉलीवुड अभिनेत्री चार्लीज़ थेरॉन खतरनाक अंदाज़ में नज़र आएंगी। २०१५ में रिलीज़ फिल्म मैड मैक्स फ्यूरी रोड में चार्लीज़ थेरॉन ध्वस्त राष्ट्र में फैली अराजकता के बीच एक सैनिक इम्परेटर फ्यूरिओस के किरदार में लूटपाट और हत्या करती इम्मोरटन जोए की सेना को क्रूरता से कत्ल कर रही थी । अब डेविड लैच की बतौर स्वतंत्र निर्देशक पहली फिल्म (जॉन वीक का चाड स्टाह्लस्की के साथ निर्देशन) है। यह फिल्म १९८९ के बर्लिन की है, जब बर्लिन की दीवार ढहाई जा रही थी। ऐसे समय में एमआई ६ एजेंट लोरेन ब्रोटन को अराजकता की शिकार बर्लिन में खतरनाक जासूसी संस्था को ख़त्म करने में डेविड पेरसिवल की मदद करने के लिए भेजा जाता है। इन दोनों के संबंधों में असहजता है। इसके बावजूद इन्हें मिलकर मिशन को पूरा करना है। फिल्म में जेम्स मैकवॉय ने डेविड पेरसिवल का किरदार किया है।
यह फिल्म अंटोनी जोह्न्स्टन के उपन्यास द कोल्डेस्ट सिटी पर आधारित है। थेरॉन के इस करैक्टर को केवल आटोमेटिक गन से फायरिंग नहीं करनी है। बिना अस्त्र-शस्त्र के भी मार्शल आर्ट्स के सहारे युद्ध करना है। इसके लिए थेरॉन ने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने लैच और उनकी लड़ाकों की टीम के साथ तीन महीने तक लगातार चार से पांच घंटे तक युद्धाभ्यास किया । लैच कहते हैं, "उन्होंने (चार्लीज़ थेरॉन ने) कॉम्बैट सीन्स के लिए मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स सीखी। कई हमलावरों का सामना करना सीखा । इसमें उन्हें छलांग लगा कर पीठ के बल ज़मीन पर गिरते और एक आदमी को अपने सर से ऊपर फेंकते दिखाया गया है।" थेरॉन कहती हैं,"ईमानदारी से कहूँ तो मेरे नितंबों पर रोज ही चोट लगी है। मेरे दो दांत में मुंह के अंदर घुस गए। मुझे बड़ी डेंटल सर्जरी करानी पड़ी।" एटॉमिक ब्लोंड २८ जुलाई को रिलीज़ होगी।
यह फिल्म अंटोनी जोह्न्स्टन के उपन्यास द कोल्डेस्ट सिटी पर आधारित है। थेरॉन के इस करैक्टर को केवल आटोमेटिक गन से फायरिंग नहीं करनी है। बिना अस्त्र-शस्त्र के भी मार्शल आर्ट्स के सहारे युद्ध करना है। इसके लिए थेरॉन ने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने लैच और उनकी लड़ाकों की टीम के साथ तीन महीने तक लगातार चार से पांच घंटे तक युद्धाभ्यास किया । लैच कहते हैं, "उन्होंने (चार्लीज़ थेरॉन ने) कॉम्बैट सीन्स के लिए मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स सीखी। कई हमलावरों का सामना करना सीखा । इसमें उन्हें छलांग लगा कर पीठ के बल ज़मीन पर गिरते और एक आदमी को अपने सर से ऊपर फेंकते दिखाया गया है।" थेरॉन कहती हैं,"ईमानदारी से कहूँ तो मेरे नितंबों पर रोज ही चोट लगी है। मेरे दो दांत में मुंह के अंदर घुस गए। मुझे बड़ी डेंटल सर्जरी करानी पड़ी।" एटॉमिक ब्लोंड २८ जुलाई को रिलीज़ होगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्म मुग़ल में गुलशन कुमार की भूमिका में अक्षय कुमार
टी-सीरीज को संगीत की दुनिया में टॉप पर पहुंचाने वाले गुलशन कुमार की ज़िन्दगी की कहानी बेहद दिलचस्प है। दिल्ली के दरियागंज में फिल्म संगीत का मज़ा लेते हुए फलों का रस बेचने वाले गुलशन कुमार के दिमाग में पुरानी फिल्मों के गीतों का कवर वर्शन बनाने का आईडिया चमका और इसके साथ ही सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज की स्थापना हो गई। आज की टी-सीरीज इसी का नतीजा है। इस फिल्म का निर्देशन अक्षय कुमार के साथ अपनी पहली १०० करोड़िया फिल्म बनाने वाले सुभाष कपूर करेंगे। फिल्म में गुलशन कुमार की भूमिका अक्षय कुमार करेंगे। अपनी इस भूमिका के बारे में अक्षय कुमार बताते हैं, "मैं सौभाग्यशाली हूँ कि गुलशनजी के साथ मेरा जुड़ाव पहली फिल्म सौगंध से ही बन गया था। हम दोनों में काफी चीज़ें सामान है और हम एक पृष्ठभूमि से भी हैं। मैं स्क्रीन पर उन्हें करने को लेकर उत्साहित हूँ।" मुग़ल की निर्माता गुलशन कुमार की पत्नी सुदेश कुमारी हैं। टी-सीरीज के बैनर तले बन रही इस फिल्म में गुलशन कुमार के जीवन के कई अनजाने और रोचक मगर प्रेरक किस्से देखने को मिलेंगे। गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार कहते हैं, "मुग़ल मेरे लिए केवल एक फिल्म नहीं है। यह मेरा सपना सच होने जैसा है। मेरे पिता हमेशा से मेरी प्रेरणा रहे हैं। वह आज भी मेरे साथ हैं। मैं जानता था कि एक दिन मैं मुग़ल बनाऊंगा और मेरे पिता की अद्भुत कहानिया दुनिया को बताऊंगा। इस फिल्म में उनकी भूमिका अक्षय कुमार के अलावा दूसरा कोई नहीं कर सकता था।" व्यवस्था पर करारी चोट करने वाली फिल्मों के निर्देशक सुभाष कपूर हमेशा से चाहते थे कि उन्हें कभी गुलशन कुमार पर फिल्म बनाने का मौक़ा मिले। वह कहते हैं, "जब विक्रम मल्होत्रा (फिल्म के एक निर्माता) ने मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरा सपना सच होने जा रहा है।" यहाँ दिलचस्प तथ्य यह भी है कि गुलशन कुमार अपनी बेटी तुलसी कुमार (गायिका) से बहुत जुड़े थे। इसलिए मुग़ल का ऐलान तुलसी कुमार के जन्मदिन पर किया गया।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 12 March 2017
बदला हुआ कॉमेडी फिल्मों का चेहरा !
कभी कॉमेडियनों और कॉमेडी फिल्मों का ज़माना था। तब के हास्य अभिनेताओ के लिए पारिवारिक फिल्मों में समान्तर ट्रैक लिखवाये जाते थे। हीरो-हीरोइन के मुकाबले कॉमेडियन जोड़ी को काफी फुटेज दिया जाता था। किशोर कुमार, महमूद, जॉनी वॉकर, शोभा खोटे, आदि कॉमेडियनों को हीरो बना कर फ़िल्में बनाई गई। कॉमेडियन एक्टरों की फिल्मों की नायिका उस ज़माने की बड़ी एक्ट्रेस तक हुआ करती थी।
कॉमेडियन नदारद
आज माहौल बिलकुल अलग है। सत्तर के दशक में एक्शन फिल्मों की शुरुआत के साथ ही राजेन्द्रनाथ, धूमल, महमूद, जॉनी वॉकर, जैसे कॉमेडियन नेपथ्य में चले गए। जब नायक अभिनेताओं ने कॉमेडी करनी शुरू कर दी तो हिंदी फिल्मों से हास्य अभिनेता बिलकुल ख़त्म हो गए। अब ऐसे अभिनेताओं ने कॉमेडी की कमान सम्हाल ली है, जो सीरियस अभिनय कर सकते हैं। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म फ्रीकी अली ऐसा इकलौता उदाहरण फिल्म नहीं। अब तो कॉमेडी के नए नए रूप दिखाई देने लगे हैं। एक्शन कॉमेडी है तो एडल्ट कॉमेडी भी और सेक्स कॉमेडी भी। रोमकॉम यानि रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्में भी बहुत सी बन रही है। पिछले साल, यानि २०१६ में अक्षय कुमार ने हाउसफुल ३ जैसी १०० करोड़िया फिल्म दी थी। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि अक्षय कुमार थ्रिलर फिल्मों के अलावा एक्शन कॉमेडी या रोमकॉम फिल्मों से अपनी कॉमेडी शैली विकसित कर चुके हैं।
कॉमेडी की भिन्न शैलियों वाली फ़िल्में
२०१७ की शुरुआत कॉमेडी फिल्म प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक से हुई थी। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बाद रिलीज़ क्राइम कॉमेडी फिल्म कॉफ़ी विथ डी भी फ्लॉप हुई। अलबत्ता अक्षय कुमार की
एक्शन और रोमांस वाली कॉमेडी ड्रामा फिल्म जॉली एलएलबी २ ने कॉमेडी फिल्मों के १०० करोड़ कमाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इस साल भिन्न शैली की कई कॉमेडी फ़िल्में रिलीज़ होंगी। मसलन, रोमांस-कॉमेडी (बद्रीनाथ की दुल्हनिया, फिल्लौरी, भँवरे, मेरी प्यारी बिंदु, हाफ गर्लफ्रेंड, बरेली की बर्फी, मुबारकां), एक्शन- कॉमेडी (आ गया हीरो, जुड़वा २), ड्रामा- कॉमेडी (अनारकली ऑफ़ आरा, जग्गा जासूस, नूर) के अलावा अजय देवगन की कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन, अक्षय कुमार की रोमांस व्यंग्य फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा तथा हास्य से भरपूर के विज्ञानं फंतासी फ़िल्म भी रिलीज़ होगी। ऎसी कोई फिल्म सीरियस मोड़ ले सकती है। लेकिन, उसका ट्रीटमेंट कॉमेडी की छौंक के साथ ही होगा। जैसे सोनाक्षी सिन्हा की अप्रैल में रिलीज़ होने जा रही फिल्म नूर है। यह एक ऎसी पत्रकार की कहानी है, जो जिस किसी काम को करने की कोशिश करती है, कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती है। यह कॉमेडी ट्रैक से शुरुआत करती फिल्म मध्यांतर के बाद गंभीर मोड़ लेती है। इस साल की ख़ास बात यह होगी कि कोई भी एडल्ट कॉमेडी या सेक्स कॉमेडी फिल्म रिलीज़ नहीं होगी। गोविंदा और आज का गोविंदा वरुण धवन
अस्सी के दशक के कॉमेडियन हीरो गोविंदा की एक्शन कॉमेडी फिल्म आ गया हीरो रिलीज़ होगी। लेकिन इस फिल्म की रिलीज़ से एक हफ्ता पहले आज के गोविंदा वरुण धवन की रोमकॉम फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया रिलीज़ हो जाएगी। वरुण धवन खुद को आज का गोविंदा मानते हैं। वह बेहतर अभिनय भी कर लेते हैं और अच्छे डांसर भी है। वह जुडवा के सीक्वल जुडवा २ में सलमान खान के जूते में पैर डाल रहे होंगे। वरुण धवन सही मायनों में कॉमेडियन हीरो हैं।
सीरियस रोल करने वाले कॉमेडियन
अब हिंदी फिल्मों में हरफनमौला युवा अभिनेता आ गए हैं। यह अभिनेता अच्छी कॉमेडी भी कर जाते हैं और सीरियस रोल भी कर लेते हैं। अमित साध को ही लीजिये। उन्होंने कॉमेडी ड्रामा फिल्म रनिंग शादी डॉट कॉम की थी तो वह एक्शन थ्रिलर सरकार ३ में खून खराबा करने को तैयार रहने वाला किरदार कर रहे हैं। संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, स्वरा भास्कर, ऋचा चड्डा, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, आदि जिस शिद्दत के साथ सीरियस रोल कर सकते हैं, उसी शिद्दत से हास्य अभिनय भी कर ले जाते हैं। पंकज त्रिपाठी को पहचानते हैं आप ! वही गैंग्स ऑफ़ वासेपुर के सुल्तान कुरैशी ! वह जितना अच्छा अभिनय खल भूमिकाओं में करते हैं, उतना ही सीरियस कॉमेडी अभिनय अपनी फुकरे, ग्लोबल बाबा और दिलवाले जैसी फिल्मों में कर ले जाते हैं। संजय मिश्र भी लाजवाब हैं। वह गंभीर और हास्य फिल्मों को पूरी महारत से करते हैं। ऋचा चड्डा ने दिबाकर बनर्जी की कॉमेडी फिल्म ओये लकी लकी ओये से अपने करियर की शुरुआत की थी। वह जितनी सफल कॉमेडी फिल्मों (बेनी और बबलू, फुकरे, आ गया हीरो) में हैं, उतनी ही सफल गंभीर फिल्मों (गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, रामलीला, मसान, चाक एंड डस्टर) में भी हैं। सलमान खान के साथ फिल्म प्रेम रतन धन पायो में राजकुमारी चन्द्रिका की गंभीर भूमिका करने वाली स्वरा भास्कर फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा में हंसा हंसा के लोटपोट भी कर रही हैं। विक्की डोनर के हीरो आयुष्मान खुराना की इस साल तीन कॉमेडी फ़िल्में मेरी प्यारी बिंदु, बरेली की बर्फी और शुभ मंगल सावधान रिलीज़ होंगी। राजकुमार राव ने शाहिद और अलीगढ से अपनी गंभीर अभिनेता वाली इमेज बना रखी है। यही राजकुमार राव बरेली की बर्फी के अलावा फिल्म फाइव वेडिंग्स और शिमला मिर्ची में बढ़िया कॉमेडी करते नज़र आएंगे। पिछले साल फिल्म पिंक से अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाली तापसी पन्नू इस साल जहाँ रनिंग शादी और जुड़वा २ में कॉमेडी के रंग बिखेरेंगी, वहीँ नाम शबाना में हैरतअंगेज़ एक्शन भी कर रही होंगी। उड़ता पंजाब के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार पाने वाली आलिया भट्ट फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया में हंसा हंसा कर लोटपोट करने जा रही हैं।
कॉमेडी फिल्मों के किंग अक्षय कुमार
अक्षय कुमार २००० में प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हेरा फेरी से हास्य अभिनय की ओर मुड़े। उन्होंने खिलाडी ४२०, आवारा पागल दीवाना, मुझसे शादी करोगी, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी, भागम भाग, हे बेबी, भूल भुलैया (थ्रिलर कॉमेडी फिल्म), वेलकम, सिंह इज किंग, चांदनी चौक टू चाइना, दे दना दन, हाउसफुल सीरीज की फिल्मों, खट्टा मीठा, थैंक यू, देसी बॉयज़, राउडी राठौर, ओएमजी ओह माय गॉड, बॉस, एंटरटेनमेंट, द शौकीन्स, सिंह इज ब्लिंग, आदि फिल्मों के ज़रिये खुद का नाम कॉमेडी हीरो के रूप में भी दर्ज कराया।
कॉमेडी फिल्मों बदला हुआ है। जहाँ, खालिस रोमकॉम या एक्शन कॉमेडी फ़िल्में बनाई जा रही है, वहीँ व्यवस्था पर चोट करने वाली फिल्मों का निर्माण भी हो रहा है। अनारकली ऑफ़ आरा राजनीतिक व्यंग्य फिल्म है। टॉयलेट एक प्रेम कथा प्रधान मंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत गांव में टॉयलेट की ज़रुरत को हलके फुल्के ढंग से पेश करती है। फाइव वेडिंग्स में दैनिक जीवन पर पुलिसिया दखल को दर्शाती है। हिंदी फिल्मों के सशक्त अभिनेताओं ने इन फिल्मों को परदे पर दर्शनीय बना दिया है।
राजेंद्र कांडपाल
कॉमेडियन नदारद
आज माहौल बिलकुल अलग है। सत्तर के दशक में एक्शन फिल्मों की शुरुआत के साथ ही राजेन्द्रनाथ, धूमल, महमूद, जॉनी वॉकर, जैसे कॉमेडियन नेपथ्य में चले गए। जब नायक अभिनेताओं ने कॉमेडी करनी शुरू कर दी तो हिंदी फिल्मों से हास्य अभिनेता बिलकुल ख़त्म हो गए। अब ऐसे अभिनेताओं ने कॉमेडी की कमान सम्हाल ली है, जो सीरियस अभिनय कर सकते हैं। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म फ्रीकी अली ऐसा इकलौता उदाहरण फिल्म नहीं। अब तो कॉमेडी के नए नए रूप दिखाई देने लगे हैं। एक्शन कॉमेडी है तो एडल्ट कॉमेडी भी और सेक्स कॉमेडी भी। रोमकॉम यानि रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्में भी बहुत सी बन रही है। पिछले साल, यानि २०१६ में अक्षय कुमार ने हाउसफुल ३ जैसी १०० करोड़िया फिल्म दी थी। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि अक्षय कुमार थ्रिलर फिल्मों के अलावा एक्शन कॉमेडी या रोमकॉम फिल्मों से अपनी कॉमेडी शैली विकसित कर चुके हैं।
कॉमेडी की भिन्न शैलियों वाली फ़िल्में
२०१७ की शुरुआत कॉमेडी फिल्म प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक से हुई थी। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बाद रिलीज़ क्राइम कॉमेडी फिल्म कॉफ़ी विथ डी भी फ्लॉप हुई। अलबत्ता अक्षय कुमार की
एक्शन और रोमांस वाली कॉमेडी ड्रामा फिल्म जॉली एलएलबी २ ने कॉमेडी फिल्मों के १०० करोड़ कमाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इस साल भिन्न शैली की कई कॉमेडी फ़िल्में रिलीज़ होंगी। मसलन, रोमांस-कॉमेडी (बद्रीनाथ की दुल्हनिया, फिल्लौरी, भँवरे, मेरी प्यारी बिंदु, हाफ गर्लफ्रेंड, बरेली की बर्फी, मुबारकां), एक्शन- कॉमेडी (आ गया हीरो, जुड़वा २), ड्रामा- कॉमेडी (अनारकली ऑफ़ आरा, जग्गा जासूस, नूर) के अलावा अजय देवगन की कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन, अक्षय कुमार की रोमांस व्यंग्य फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा तथा हास्य से भरपूर के विज्ञानं फंतासी फ़िल्म भी रिलीज़ होगी। ऎसी कोई फिल्म सीरियस मोड़ ले सकती है। लेकिन, उसका ट्रीटमेंट कॉमेडी की छौंक के साथ ही होगा। जैसे सोनाक्षी सिन्हा की अप्रैल में रिलीज़ होने जा रही फिल्म नूर है। यह एक ऎसी पत्रकार की कहानी है, जो जिस किसी काम को करने की कोशिश करती है, कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती है। यह कॉमेडी ट्रैक से शुरुआत करती फिल्म मध्यांतर के बाद गंभीर मोड़ लेती है। इस साल की ख़ास बात यह होगी कि कोई भी एडल्ट कॉमेडी या सेक्स कॉमेडी फिल्म रिलीज़ नहीं होगी। गोविंदा और आज का गोविंदा वरुण धवन
अस्सी के दशक के कॉमेडियन हीरो गोविंदा की एक्शन कॉमेडी फिल्म आ गया हीरो रिलीज़ होगी। लेकिन इस फिल्म की रिलीज़ से एक हफ्ता पहले आज के गोविंदा वरुण धवन की रोमकॉम फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया रिलीज़ हो जाएगी। वरुण धवन खुद को आज का गोविंदा मानते हैं। वह बेहतर अभिनय भी कर लेते हैं और अच्छे डांसर भी है। वह जुडवा के सीक्वल जुडवा २ में सलमान खान के जूते में पैर डाल रहे होंगे। वरुण धवन सही मायनों में कॉमेडियन हीरो हैं।
सीरियस रोल करने वाले कॉमेडियन
अब हिंदी फिल्मों में हरफनमौला युवा अभिनेता आ गए हैं। यह अभिनेता अच्छी कॉमेडी भी कर जाते हैं और सीरियस रोल भी कर लेते हैं। अमित साध को ही लीजिये। उन्होंने कॉमेडी ड्रामा फिल्म रनिंग शादी डॉट कॉम की थी तो वह एक्शन थ्रिलर सरकार ३ में खून खराबा करने को तैयार रहने वाला किरदार कर रहे हैं। संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, स्वरा भास्कर, ऋचा चड्डा, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, आदि जिस शिद्दत के साथ सीरियस रोल कर सकते हैं, उसी शिद्दत से हास्य अभिनय भी कर ले जाते हैं। पंकज त्रिपाठी को पहचानते हैं आप ! वही गैंग्स ऑफ़ वासेपुर के सुल्तान कुरैशी ! वह जितना अच्छा अभिनय खल भूमिकाओं में करते हैं, उतना ही सीरियस कॉमेडी अभिनय अपनी फुकरे, ग्लोबल बाबा और दिलवाले जैसी फिल्मों में कर ले जाते हैं। संजय मिश्र भी लाजवाब हैं। वह गंभीर और हास्य फिल्मों को पूरी महारत से करते हैं। ऋचा चड्डा ने दिबाकर बनर्जी की कॉमेडी फिल्म ओये लकी लकी ओये से अपने करियर की शुरुआत की थी। वह जितनी सफल कॉमेडी फिल्मों (बेनी और बबलू, फुकरे, आ गया हीरो) में हैं, उतनी ही सफल गंभीर फिल्मों (गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, रामलीला, मसान, चाक एंड डस्टर) में भी हैं। सलमान खान के साथ फिल्म प्रेम रतन धन पायो में राजकुमारी चन्द्रिका की गंभीर भूमिका करने वाली स्वरा भास्कर फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा में हंसा हंसा के लोटपोट भी कर रही हैं। विक्की डोनर के हीरो आयुष्मान खुराना की इस साल तीन कॉमेडी फ़िल्में मेरी प्यारी बिंदु, बरेली की बर्फी और शुभ मंगल सावधान रिलीज़ होंगी। राजकुमार राव ने शाहिद और अलीगढ से अपनी गंभीर अभिनेता वाली इमेज बना रखी है। यही राजकुमार राव बरेली की बर्फी के अलावा फिल्म फाइव वेडिंग्स और शिमला मिर्ची में बढ़िया कॉमेडी करते नज़र आएंगे। पिछले साल फिल्म पिंक से अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाली तापसी पन्नू इस साल जहाँ रनिंग शादी और जुड़वा २ में कॉमेडी के रंग बिखेरेंगी, वहीँ नाम शबाना में हैरतअंगेज़ एक्शन भी कर रही होंगी। उड़ता पंजाब के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार पाने वाली आलिया भट्ट फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया में हंसा हंसा कर लोटपोट करने जा रही हैं।
कॉमेडी फिल्मों के किंग अक्षय कुमार
अक्षय कुमार २००० में प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हेरा फेरी से हास्य अभिनय की ओर मुड़े। उन्होंने खिलाडी ४२०, आवारा पागल दीवाना, मुझसे शादी करोगी, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी, भागम भाग, हे बेबी, भूल भुलैया (थ्रिलर कॉमेडी फिल्म), वेलकम, सिंह इज किंग, चांदनी चौक टू चाइना, दे दना दन, हाउसफुल सीरीज की फिल्मों, खट्टा मीठा, थैंक यू, देसी बॉयज़, राउडी राठौर, ओएमजी ओह माय गॉड, बॉस, एंटरटेनमेंट, द शौकीन्स, सिंह इज ब्लिंग, आदि फिल्मों के ज़रिये खुद का नाम कॉमेडी हीरो के रूप में भी दर्ज कराया।
कॉमेडी फिल्मों बदला हुआ है। जहाँ, खालिस रोमकॉम या एक्शन कॉमेडी फ़िल्में बनाई जा रही है, वहीँ व्यवस्था पर चोट करने वाली फिल्मों का निर्माण भी हो रहा है। अनारकली ऑफ़ आरा राजनीतिक व्यंग्य फिल्म है। टॉयलेट एक प्रेम कथा प्रधान मंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत गांव में टॉयलेट की ज़रुरत को हलके फुल्के ढंग से पेश करती है। फाइव वेडिंग्स में दैनिक जीवन पर पुलिसिया दखल को दर्शाती है। हिंदी फिल्मों के सशक्त अभिनेताओं ने इन फिल्मों को परदे पर दर्शनीय बना दिया है।
राजेंद्र कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 11 March 2017
ब्लैक एंड वाइट फ्रेम में एक्स-मेन
एक्स-मेन सीरीज में वॉल्वरिन के रोल में ह्यू जैकमैन की आखिरी (!) फिल्म लोगन रिलीज़ हो चुकी है। यह फिल्म दुनिया में धूम मचा रही है। हालाँकि, यह लोगन पारंपरिक सुपरहीरो जैसा नहीं। यह कमोबेश वेस्टर्न है। अब फिल्म के डायरेक्टर जेम्स मैनगोल्ड अपनी फिल्म को पारंपरिक जामा पहनाना चाहते हैं। इस फिल्म को पुरानी क्लासिक फिल्मों के तौर पर ढालने के लिए जेम्स इस ब्लैक एंड वाइट यानि श्वेत-श्याम छायांकन में उतारना चाहते हैं। मैनगोल्ड ने ट्वीट कर इस बारे में बताया। हालाँकि, नई फिल्मों को श्वेत-श्याम फोटो में उतारने का विचार मैनगोल्ड का नया विचार नहीं। मैड मैक्स : फ्यूरी रोड और द मिस्ट जैसी फ़िल्में श्वेत-श्याम फ्रेम में ढाली जा चुकी हैं। लोगन के साथ ख़ास यह है कि फिल्म की कहानी के लिहाज़ से ब्लैक एंड वाइट एरा शूट भी करेगा। अन जबकि ह्यू जैकमैन और पैट्रिक स्टीवर्ट अपने वॉल्वरिन और प्रोफेसर एक्स किरदारों को अलविदा कहने का ऐलान कर चुके हैं, इन दोनों के लिए यह जेम्स मैनगोल्ड का यह बड़ी पुष्पांजलि होगी।
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