Sunday, 14 January 2018

डुअ लिपा को मिले सबसे ज़्यादा ब्रिट अवार्ड्स नॉमिनेशन

ब्रिटिश गायिका, गीत लेखिका और मॉडल डुअ लिपा ब्रिट अवार्ड्स में सबसे ज्यादा नॉमिनेशन पाने वाली पहली महिला गायिका बन गई हैं। पिछले दिनों, ऐलान किये गए ब्रिट अवार्ड्स २०१८ में, डुअ लिपा ने एड शेरीन को पीछे छोड़ते हुए, मगर दोनों ने मिल कर ज़्यादातर ब्रिट अवार्ड्स में अपना नामांकन करवा लिया। लिपा को ५ अवार्ड्स ब्रिटिश ब्रेकथ्रू आर्टिस्ट, ब्रिटिश फीमेल सोलो आर्टिस्ट, ब्रिटिश एल्बम ऑफ़ द इयर, ब्रिटिश सिंगल और ब्रिटिश आर्टिस्ट विडियो ऑफ़ द इयर के लिए नामित किया गया। एड शीरन को चार नॉमिनेशन ब्रिटिश मेल सोलो आर्टिस्ट, ब्रिटिश एल्बम ऑफ़ द इयर, ब्रिटिश सिंगल एंड ब्रिटिश आर्टिस्ट विडियो ऑफ़ द इयर की श्रेणी में मिले। यह दोनों सबसे ज्यादा नामांकन पाने वाले कलाकार हैं ही, यह दोनों २१ फरवरी को लन्दन में होने वाले ब्रिट अवार्ड्स २०१८ में अपनी कला का प्रदर्शन भी करेंगे। इस समारोह में परफॉर्म करने वाले दूसरे कलाकारों में सैम स्मिथ, स्टॉर्म्ज़ी और फू फाइटरस भी शामिल हैं। डुअ लिपा अभी सिर्फ २२ साल की हैं। उन्होंने १४ साल की उम्र गाना शुरू कर दिया था। २०१५ में वार्नर म्यूजिक ग्रुप ने उनका पहला सिंगल लांच किया। २०१६ में द फाडेर मैगज़ीन ने उन पर एक डॉक्यूमेंट्री सी इन ब्लू बनवाई। पिछले साल, वार्नर म्यूजिक ग्रुप ने उनके नाम पर एल्बम डुअ लिपा जारी किया था। इस एल्बम में डुअ के प्रेम, तरक्की, सेक्स और सशक्तिकरण की थीम पर सात गीत थे। इस एल्बम के बी द वन, हॉटर देन हेल, ब्लो योर माइंड और न्यू रूल को यूके टॉप ४० में शामिल होने का मौक़ा मिला। न्यू रूल्स ने उन्हें ब्रिट अवार्ड्स में सबसे ज्यादा नामांकन तक पहुंचा दिया. 
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फिल्मों का नाम बदलता रहा है पद्मावती से पद्मावत

ऑपरेशन सेंसर बोर्ड के ज़रिये रानी पद्मावती पुरुष लिंग में परिवर्तित कर पद्मावत बना दी गई है।  अभी तक बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के किरदार रानी पद्मिनी उर्फ़ संजय लीला भंसाली की पद्मावती पर आधारित टाइटल वाली फिल्म पद्मावती अब पद्मावत बन कर एक काव्य रचना बन गई है। किसी फिल्म का टाइटल बदल कर, फिल्म से जुड़े विवादों को कम करने या कम हुआ मान लेने की यह कवायद कितनी कारगार होगी, यह तो वक़्त ही बतायेगा। क्योंकि, मेवाड़ रानी पद्मिनी के साथ खिलजी के कथित रोमांस दृश्यों को लेकर उठा विवाद अब ख़त्म हो जायेगा, कहाँ नहीं जा सकता। राजस्थान सरकार ने पद्मावत की रिलीज़ की तारिख तय होते ही इस फिल्म को राजस्थान में रिलीज़ होने से रोक कर विवाद के ख़त्म न होने का संकेत दे दिया है। संभव है कि कुछ दूसरी राज्य सरकारें भी फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दे। लेकिन, फिलहाल, सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन ने अपनी बला टाइटल बदल कर टाल दी है।
राम-लीला जुड़ी गोलियों की रासलीला से
टाइटल बदलने की सेंसर बोर्ड की राजनीति प्रसून जोशी से समय की नहीं है। कई ऐसे उदाहरण हैं, जब फिल्मों के टाइटल बदल कर फ़िल्में रिलीज़ कर दी गई। संजय लीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रासलीला : राम-लीला का टाइटल इसका प्रमाण है। भंसाली की २०१३ की इस फिल्म का टाइटल राम-लीला रखा गया था।  फिल्म रिलीज़ होने से पहले इस फिल्म के टाइटल पर विवाद खडा हो गया। हिन्दू संगठनों को अपने ईष्ट देव राम के नाम पर फिल्म का नाम रखे जाने पर ऐतराज़ था।  यह मामला कोर्ट तक गया। इस पर राम-लीला के निर्माताओं ने फिल्म के ओरिजिनल टाइटल के साथ गोलियों की रासलीला जोड़ कर फिल्म को गोलियों की रासलीला: राम-लीला कर दिया। इसके बाद किसी हिन्दू संगठन को राम-लीला के साथ शीर्षक के बावजूद फिल्म पर ऐतराज़ नहीं रहा।
कॉपीराईट का मामला हो तो...!
हिंदी फिल्म निर्माता किसी भी पॉपुलर नाम पर अपनी फिल्म का टाइटल रजिस्टर करा कर फिल्म बनाना शुरू कर देते हैं। निर्माता शूजित सरकार ने जब अमित रॉय के साथ शादी की वेबसाइट चलाने वालों के भाग कर शादी करने सलाह देने वाले किरदारों पर फिल्म की शुरुआत की तो फिल्म का नाम रनिंग शादी डॉट कॉम रखा था। तापसी पन्नू और अमित साध को ले कर रनिंग शादी डॉट कॉम के साथ फिल्म बन तो गई, लेकिन शादी को लेकर चलाई जा रही एक वेबसाइट शादी डॉट कॉम ने फिल्म के निर्माताओं पर मुक़दमा कर दिया कि इनकी फिल्म का नाम रनिंग शादी डॉट कॉम उनकी वेबसाइट को बदनाम करने वाला है क्योंकि इस फिल्म में जोड़े को भाग कर शादी करने की सलाह दी जाती हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट में इस टाइटल के खिलाफ याचिका के बाद शूजित सरकार को अपनी फिल्म से डॉट कॉम हटा कर रनिंग शादी कर देना पडा। इस टाइटल के साथ १७ फरवरी २०१७ को रिलीज़ यह फ़िल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई। २०१३ में रिलीज़ एक और फिल्म, शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म आर...राजकुमार भी कॉपीराईट के कारण टाइटल बदलने को मज़बूर हुई थी । इस फिल्म का मूल टाइटल रेम्बो राजकुमार था । लेकिन, हॉलीवुड के एक स्टूडियो द्वारा कॉपीराईट के आधार पर आपत्ति किये जाने पर फिल्म को आर...राजकुमार टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया । शाहिद कपूर को इस फिल्म का फायदा हुआ ।
मज़ाक उडता देख कर पंजाब
अभिषेक चौबे की फिल्म उडता पंजाब इस राज्य में नशे की समस्या को लेकर फिल्म थी। फिल्म में राजनेताओं और पुलिस वालों को नशीली दवाओं की तस्करी करने का ज़िम्मेदार ठहराया गया था।  इस पर पंजाब सरकार द्वारा फिल्म को बिना पंजाब टाइटल के साथ रिलीज़ करने लिए कहा गया। क्योंकि फिल्म का टाइटल पंजाब को बदनाम करने वाला साबित होता था। यह ऐसी पहली फिल्म थी, जो सोशल मीडिया पर मज़ाक बनाये जाने के कारण अपने ओरिजिनल टाइटल के साथ रिलीज़ हुई। ट्विटर पर इस फिल्म से पंजाब हटाने को लेकर, सुझाव आये कि फिल्म का नाम उडता मज़ाक कर दो। मोहजोदाड़ो इंग्लिश के आखिरी तीन शब्द (दारू) हटाने के सुझाव भी आये ताकि फिल्म बिहार और गुजरात जैसे ड्राई राज्यों में भी रिलीज़ हो सके। इस मज़ाक के बाद फिल्म अपने ओरिजिनल नाम के साथ ही रिलीज़ हो कर फ्लॉप हुई।
अमन की आशा बनी टोटल सियापा
निर्माता नीरज पाण्डेय की ईश्वर निवास निर्देशित फिल्म का शुरूआती नाम अमन की आशा था। इस फिल्म का लन्दन में रहने वाले एक पाकिस्तानी गायक अमन को एक हिन्दुस्तानी लड़की आशा से प्रेम हो जाता है। इन दोनों के नाम से मिल कर बनी फिल्म अमन की आशा को खतरा पैदा हुआ पाकिस्तान और हिंदुस्तान के दो बड़े अख़बारों द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने के प्रयासों की लिए शुरू की गई मुहीम अमन की आशा से। हालाँकि, इस समय यह मुहिम कहाँ तक पहुंची है, मालूम नहीं। लेकिन, अली ज़फर और यमी गौतम के टाइटल रोल वाली इस फिल्म का नाम बदल कर टोटल सियापा करना पडा। यकीन जानिये इस फिल्म के निर्माताओं को बॉक्स ऑफिस पर भी टोटल सियापा करना पडा। दस करोड़ में बनी टोटल सियापा तमाम सियापा करने के बावजूद सिर्फ १३ करोड़ ही जुटा पाई।
जाफना से मद्रास कैफ़े तक
निर्माता जोड़ी शूजित सरकार और जॉन अब्राहम ने राजीव गाँधी की लिट्टे आतंकवादियों के द्वारा हत्या पर फिल्म मद्रास कैफ़े २३ अगस्त २०१३ को रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म को जाफना के शीर्षक के साथ बनाया गया था। जॉन अब्राहम की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म के टाइटल पर श्रीलंका सरकार द्वारा ऐतराज़ किया गया कि फिल्म उनके शहर जाफना को राजीव गांधी हत्याकांड से जोड़ने के कारण बदनीयती से दिखाने वाली है। मज़बूरन फिल्म निर्माताओं को राजीव गाँधी की हत्या का षडयंत्र जाफना में रचे जाने के स्थान पर एक काल्पनिक मद्रास कैफ़े में रचा हुआ दिखाने को मज़बूर होना पड़ा। इस फिल्म को इतने विवाद के बावजूद औसत सफलता ही मिली।
जातियों के ऐतराज़ पर भी
फिल्म के टाइटल को जातियों की आपत्ति के कारण भी बदलना पडा है। प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म बिल्लू ऐसा ही एक उदाहरण है। इस फिल्म का शुरूआती टाइटल बिल्लू बारबर या बिल्लू नाई था। इस फिल्म में शाहरुख़ खान ने एक फिल्म सुपर स्टार और इरफ़ान खान ने पेशे से एक नाई बिल्लू की भूमिका की थी। आधुनिक कृष्ण और सुदामा की दोस्ती पर इस फिल्म के टाइटल को लेकर नाई समाज द्वारा भारी विरोध किया गया। इसके बाद दबाव में आकर फिल्म का नाम बिल्लू कर दिया गया। 
ज़ाहिर है कि टाइटल का बदला जाना कोई आज की बात नहीं। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ होगा कि किसी फिल्म के टाइटल को सिर्फ एक अक्षर को हटा कर बदला गया।  वैसे फिल्म की रानी पद्मावती काल्पनिक नाम ही है। क्योंकि, मेवाड़ की महारानी का नाम पद्मिनी था।  पद्मावती तो जायसी की काव्य रचना पद्मावत की नायिका का नाम था।   इसलिए, फिल्म  का टाइटल नायिका के बजाय काव्य पर होना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन, इससे विवाद कम होगा, इसकी उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।  
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बॉलीवुड न्यूज़ १४ जनवरी

लिपस्टिक अंडर माय बुरखा के बाद फिर साथ एकता और अलंकृता
लिपस्टिक अंडर माय बुरखा की निर्माता एकता कपूर और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव सफलता की कहानी फिर से दोहराना चाहते है । यह दोनों फ़िलहाल एक स्क्रिप्ट पर काम कर रहे है । इस जोडी की आपस में बात तय हो चुकी है कि किस कहानी पर फिल्म बनाई जायेगी । इस समय फिल्म की कास्टिंग चल रही है। लिपस्टिक अंडर माय बुरखा को मिली आलोचकों की प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता के बाद, एकता कपूर और अलंकृता श्रीवास्तव के बीच सहयोग को दर्शकों द्वारा उत्सुकता देखा जाना स्वाभाविक है। अपने और एकता कपूर के सहयोग को लेकर अलंकृता श्रीवास्तव कहती हैं, "मुझे लगता है कि में जैसी फिल्मे बनाना चाहती हूँ, उसके लिए साहस और कुछ जोखिम उठाने की जरुरत है । मुझे इस बात की बहुत खुशी है एक बहादुर प्रोड्यूसर एकता मेरे साथ है। भविष्य महिलाओ का है, और मुझे लगता है कि अधिक महिला सहयोग करे यह हमें देखने की जरूरत है । न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में ।
डिंपल की खातिर करण कपाडिया के सनी देओल
डिंपल कपाडिया और सनी देओल कनेक्शन अब साफ़ नज़र आ रहा है। कुछ समय पहले, लन्दन में एक फुटपाथ के किनारे हाथ में हाथ डाले, सनी देओल और डिंपल कपाडिया की तस्वीरें सोशल साइट्स पर वायरल हुई थी। यह कहा जाने लगा था कि पुराना प्यार फिर कुलांचे मारने लगा है। यह रोमांटिक जोड़ा एक बार फिर रोमांस करने को बेताब है। पिछले दिनों, यह खबर आई कि बॉलीवुड का एक और भतीजा हिंदी फिल्मों में भाग्य आजमाने आ रहा है। यह भतीजा था करण कपाडिया, डिंपल कपाडिया की छोटी बहन सिंपल का बेटा । सिंपल कपाडिया ने १९७७ में अपने जीजा राजेश खन्ना के साथ फिल्म अनुरोध से डेब्यू किया था। राजेश खन्ना के बुलंदियों के दौर में भी अनुरोध फ्लॉप हुई थी। इस फिल्म की असफलता के बाद भी सिंपल ने कुछ फिल्मों में अभिनय किया। लेकिन, वह सफल फिल्म नायिका नहीं बन सकी। सिंपल सफल फिल्म अभिनेत्री तो नहीं बन सकी। लेकिन, वह प्रतिभाशाली कॉस्टयूम डिज़ाइनर थी। उन्होंने कोई दो दर्जन हिंदी फिल्मों की पोशाकें तैयार की थी। उन्हें फिल्म रुदाली के लिए श्रेष्ठ कॉस्टयूम डिज़ाइनर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। इन्ही सिंपल के बेटे हैं करण कपाडिया। टोनी डीसूजा करण कपाडिया की फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। यह वही टोनी हैं, जिन्होंने अन्थोनी डिसूज़ा के नाम से, अक्षय कुमार की २००९ में रिलीज़ फिल्म ब्लू का निर्माण किया था। करण की एक्शन फिल्म का निर्देशन टोनी के चेले बेहज़ाद खम्बाटा करेंगे। इस फिल्म में सनी देओल और डिंपल कपाडिया की जोड़ी की अहम् भूमिका होगी। इस फिल्म में सनी देओल और डिंपल कपाडिया की जोड़ी कोई २४ साल बाद फिर बनेगी। तो क्या इस फिल्म की खातिर सनी देओल और डिंपल कपाडिया लन्दन में मिले थे !
कालकांडी और बाज़ार बदलेंगी सैफ अली खान की इमेज
सैफ अली खान की पिछले साल उनकी दो फ़िल्में रंगून और शेफ बॉक्स ऑफिस पर असफल हुई थी ।  इसके बावजूद विक्रम की तरह सैफ ने अभिनेता बने रहने का हठ नहीं छोड़ा। वह एक बार फिर असफलता को पीछे छोड़ कर, अपने करियर को संवारने में जुट गए है। इस साल भी उनकी दो फ़िल्में रिलीज़ होंगी।, यह फिल्मे उनकी इमेज के अनुरूप चॉकलेटी हीरो वाली नहीं हैं। दोनों ही फिल्मों में उनकी भूमिकाएं बिलकुल अलग हैं। इन भूमिकाओं से वह अपनी अभिनय क्षमता का इम्तिहान भी ले सकते हैं। १२ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही फिल्म कालकांडी में सैफ एक कैंसर पेशेंट बने हैं, जो अपने बचे खुचे दिनों में से कुछ पल चुरा कर जीना चाहता है। अब यह बात दीगर है कि यह सब कुछ उसके लिए एडवेंचरस साबित होता है। फिल्म में मौजूद अमायरा दस्तूर, शोभिता धुलपलिया, ईशा तलवार और शहनाज़ ट्रेज़रीवाला के महिला चरित्र फिल्म के कथानक को दिलचस्प घुमाव देते हैं और कैंसर पेशेंट की ज़िन्दगी में उतार चढ़ाव पैदा करते है। डेल्ही बेली के निर्देशक अक्षय वर्मा कालकांडी का निर्देशन कर रहे है। सैफ की इस साल की दूसरी रिलीज़ होने वाली फिल्म बाज़ार, शेयर मार्किट के उतार चढ़ाव पर अपने आप में अनोखी फिल्म है। इस फिल्म के नायक रोहन मेहरा हैं, जो मशहूर फिल्म अभिनेता स्वर्गीय विनोद मेहरा के बेटे हैं। वह फिल्म में शेयर बाज़ार के अच्छे चेहरे बने हैं। रोहन के किरदार के विपरीत है, सैफ अली खान का किरदार।  वह एक दुष्ट और नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति बने हैं। निश्चित रूप से सैफ का यह गुजराती किरदार सशक्त और प्रभावशाली है। सैफ अली खान को ऎसी भूमिका ओमकारा के बाद, पहली बार मिल रही है। सैफ अली खान कहते हैं, “सशक्त और शक्तिशाली भूमिका करना उत्साहपूर्ण होता है।  लेकिन, मैं भूमिकाओं में फर्क नहीं करता। अगर आप बुरा किरदार भी कर रहे हैं और वह बढ़िया लिखा हुआ है तो दर्शक यह नहीं देखते कि यह अच्छा है या बुरा किरदार है। वह अभिनेता के काम को देखते हैं और पसंद करते हैं।" 
अनिल शर्मा के जीनियस उत्कर्ष और इशिता
नए साल के पहले  दिन की पहली सुबहफिल्म निर्देशक अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष को लांच करने वाली फिल्म जीनियस का फर्स्ट लुक जारी किया।  इस फर्स्ट लुक में, जीनियस के नायक उत्कर्ष शर्मा और फिल्म में उनकी नायिका इशिता चौहान, अलग अलग और साथ साथ हैं। जीनियस एक रोमांटिक एक्शन फिल्म है। उत्कर्ष और इशिता पहली बार किसी फिल्म में नायक-नायिका के किरदार में आ रहे हैं । लेकिन, हिंदी फिल्म दर्शक इन दोनों के चेहरों से काफी परिचित है । उत्कर्ष शर्मा ने, अपने पिता निर्देशित फिल्म ग़दर एक प्रेम कथा (२००१) में, सनी देओल और अमीषा पटेल के बेटे चरणजीत की भूमिका की थी । वह एक शॉर्ट फिल्म पर्पज का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं । वहीँ, फिल्म में उनकी नायिका इशिता चौहान भी दो हिंदी फिल्मों और एक मलयालम थ्रिलर फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं । हिंदी दर्शक उन्हें आप का सुरूर (२००७) और हाईजैक (२००८) में बाल भूमिकाओं में देख चुके हैं । हाईजैक में वह शाइनी आहूजा की बेटी के तौर पर याद कर सकते हैं । इशिता चौहान की मलयालम फिल्म में भूमिका छोटी मगर केन्द्रीय थी । वह लड़कियों पोशाकों के ब्रांड पेपरमिंट की ब्रांड एम्बेसडर हैं । उत्कर्ष शर्मा और इशिता चौहान की पहली रोमांस फिल्म जीनियस की टैग लाइन जीनियस: दिल की लड़ाई दिमाग से है । इससे साफ़ है कि फिल्म में रोमांस के अलावा एक्शन भी होगा । जीनियस की शूटिंग मॉरिशस में पूरी हो जाने के बाद आजकल मुंबई में हो रही है। तो इंतज़ार कीजिये इस नए जोड़े के बीच की केमिस्ट्री देखने के लिए जीनियस की रिलीज़ का ।
डिजिटल  दुनिया में आसिफ पंजवानी के २० लाख
ज़ी म्यूजिक द्वारा ज़ारी सिंगल हमज़ुबान हो तुम के साथ संगीतकार आसिफ पंजवानी  डिजिटल वर्ल्ड के बीस लाख दिलों पर राज कर रहे है। आसिफ पंजवानी का यह गीत जारी होने के बाद से दुनिया भर में टॉप ग्रॉसर के तौर पर छाया हुआ है। इस गीत ने रिलीज़ होने के बाद से ही  डिजिटल वर्ल्ड में नंबर एक की स्थिति बरकरार रख कर, खलबली मचा दी है। इस सिंगल के बोल से लेकर संगीत तक, सब कुछ रोमांस में डूबा हुआ है । यही कारण है कि यह गीत युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। असिफ पंजवानी उन संगीतकारों में से हैं, जिनके लिए किसी विश्लेषण की जरूरत नहीं होती है। आसिफ पंजवानी के संगीत को हमेशा से मेलोडी की तलाश रहती हैं। वह बहुत कम वाद्य यंत्रों का उपयोग कर नई नई विधाओं में गीत पेश कर चुके हैं। पंजवानी के लोकप्रिय गीतों में एक्टर एजाज़ खान का गाया दे गोली गीत उल्लेखनीय है। उन्होंने फिल्म टेरर स्ट्राइक : बियॉन्ड बाउंड्रीज का बैकग्राउंड म्यूजिक भी दिया है। वह जी-टीवी के नए शो दिल ढूँढता है का पार्श्व संगीत भी दे रहे हैं। उन्होंने कलर्स से प्रसारित हो रहे सीरियल सावित्री देवी कॉलेज एंड हॉस्पिटल का बैकग्राउंड म्यूजिक भी दिया है। वह गुजराती फिल्म गुज्जू रॉक का संगीत और बैकग्राउंड म्यूजिक भी दे चुके हैं। अब उनका एक और सिंगल मेज़बान ज़िन्दगी जी म्यूजिक द्वारा जारी किया जाने वाला है। आसिफ पंजवानी कहते हैं, "मैं अपने सभी प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिन्होंने मेरे इस गीत को इतना प्यार किया और सराहा है। यह गीत मेरे लिए बेहद विशेष है।" 
गंगा-आरती में सोनू टीटू और स्वीटी
सोनू के टीटू की स्वीटी का दूसरा गाना पिछले दिनों जारी किया गया । इस गाने की खासियत गंगा-आरती का ३० सेकंड का दृश्य है । इस दृश्य के लिए, टीम ने पंडितों द्वारा सम्पन्न किए जाने वाली वास्तविक आरती को फिल्माने का फैसला किया था। जब आरती शुरू हुई तो टीम के सारे लोग इतने भाव-मग्न हो गए थे कि शॉट के बाद भी (निर्देशक लव रंजन ने) आरती के दृश्य को कट नहीं कहा, बल्कि इसे पूरे १४ मिनट की अवधि के लिए जारी रखा। इसमें खास बात यह है इस दृश्य को विभिन्न कोणों से सात शॉट में लिया जाना था और बिना किसी कट के हर बार लव की पूरी आरती को फोकस करना था। ऋषिकेश पहुँचते ही इस गीत की शूटिंग से पहले, टीम के लोग गंगा में डुबकी लगाने से नहीं चूके ।
नोरा फतेही : रोर से माय बर्थडे सांग तक
२०१३ में फ्लॉप एक्टर कमल सडाना निर्देशित फिल्म रोर : टाइगरस ऑफ़ सुंदरबन रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में, कनाडा की भारतीय मूल की डांसर नोरा फतेही ने एक कमांडो सीजे की भूमिका में दर्शकों का ध्यान खिंचा था। कमल सडाना की तरह रोर भी फ्लॉप हुई । रोर के दो साल बाद, इसकी कमांडो सीजे नोरा फिल्म क्रेजी चुक्कड़ फॅमिली में एमी के किरदार में दिखाई दी। इस के बाद, वह हिंदी, तमिल और तेलुगु फिल्मों में स्पेशल अपीयरेंस में डांस करते ही नज़र आ रही थी। अब छः साल बाद, २५ वर्षीय कनाडा में जन्मी एक भारतीय अभिनेत्री नूरा फतेही, बतौर डायरेक्टर फिल्म डेब्यू करने लेखक-निर्देशक समीर सोनी की फिल्म माय बर्थडे सांग में संजय सूरी की नायिका की भूमिका कर रही हैं। फिल्म के डायरेक्टर समीर सोनी ने ही फिल्म को लिखा भी है। इसलिए, वह नोरा के चरित्र को गहराई से जानते हैं। इस करैक्टर के  लिए उन्होंने नोरा फतेही को ही क्यों चुना ? इस बारे में वह कहते हैं, “नोरा फतेही का किरदार काफी जटिल है. इसे करना किसी के लिए भी आसान नहीं। इस चरित्र में मासूमियत भी है और लुभावनापन भी है।  नोरा सुरिचिपूर्ण है, वह बहुत प्यारी हैं, उनके व्यक्तित्व में दूसरों को लुभाने की क्षमता भी है।  कनाडा की होने के कारण वह फिल्म के अपने करैक्टर की तरह ही हैं।“
डीजे शेज़वुड ने गाया परदे में रहने दो !
रीमिक्स की दुनिया में, डीजे शेज़वुड इकलौते ऐसे नाम हैं, जो पिछले सात सालों में रीमिक्स की दुनिया में तहलका मचा देने वाले १०१ से ज्यादा रीमिक्स गीत दे चुके हैं। उनके हिट कंपाइलेशन में मेरे पिया गए रंगून, हादसा, सुट्टा मिक्स, सुपरगर्ल, बुड्ढा मिल गया, समथिंग समथिंग, तू दिस दा, आदि की लाखों कापियां बिक चुकी हैं। यह रीमिक्स संगीत के इतिहास का नया पन्ना है। उनके रीमिक्स के विडियो में राखी सावंत, मेघना नायडू, मुमैत खान, मिका सिंह, पूनम झावर, आदि अपनी कला का प्रदर्शन का चुके हैं। बतौर गायक उनका पहला विडियो तुम ही हमारी मंजिल था। इसे बहुत सफलता और सराहना मिली। अब डीजे शेजवुड की नए साल की शुरुआत एक नए रीमिक्स गीत परदे में रहने दो से हुई हैं। यूनिवर्सल, टी-सीरीज, टिप्स, वीनस और एचएमवी वर्ल्डवाइड द्वारा रिलीज़ किये जा चुके हैं। इस रीमिक्स गीत में शेजवुड का साथ पूजा ने दिया है। यह रीमिक्स १९६८ में रिलीज़ हिट फिल्म शिकार का आशा भोंसले द्वारा गाया, शंकर जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध आशा पारेख पर फिल्माया गया डांस नंबर का है. डीजे शेजवुड कहते हैं, "यह बहुत अच्छा है कि हम कुछ पुराने धुनों को सुधारने में सक्षम हैं। कुछ बहुत खूबसूरत धुन और गीत हैं। जब इन्हें एक आधुनिक मोड़ दिया जाता है, तो युवाओं को क्लासिक्स में पेश करने में मदद मिलती है। अतीत के इस एवरग्रीन गाने के रीमिक्स से हर किसी को इस धुन से प्यार हो जायेगा।"
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Saturday, 13 January 2018

केके मेनन ने किया 'वोदका डायरीज' का प्रमोशन

साल की शुरुआत से ही बॉलीवुड कलाकारों का अपनी-अपनी फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली आगमन जारी है। इसी क्रम में आनेवाली फिल्म 'वोदका डायरीज' के डायरेक्टर कुशल श्रीवास्तव भी कलाकारों केके मेनन एवं मंदिरा बेदी के साथ दिल्ली पहुंचे। मकसद था अपनी नई फिल्म का प्रमोशन। बता दें कि केके मेनन, राइमा सेन एवं मंदिरा बेदी की अदाकारी से सजी 'वोदका डायरीज' एक मर्डर मिस्ट्री की इंवेस्टिगेशन पर आधारित है। फिल्म में जो मर्डर हुए हैं, उनकी जांच एसीपी अश्विनी दीक्षित (केके मेनन) कर रहे हैं। इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाते हुए केके मेनन अपनी बीवी भी खो देते हैं और अजीबोगरीब घटनाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है। कहानी के मुताबिक फिल्म में एक ही रात में चार मर्डर होते हैं और सभी मर्डर के पीछे किसी एक शख्स का हाथ है, लेकिन यह शख्स कौन है, यही सस्पेंस है।
मीडिया से बातचीत में केके मेनन ने कहा, 'यह फिल्म बिल्कुल अलग स्टाइल में बनी है, जिसमें एक ऐसा कैरेक्टर है, जो लगातार कविताएं सुनाता रहता है। विषय-वस्तु आधारित फिल्म लोगों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है। जब आप अन्य प्रकार की फिल्म देखते हैं और बोर नहीं होते, तो मुझे लगता है कि विषय-वस्तु पर आधारित फिल्म आपके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए अच्छी होगी। दरअसल, किसी फिल्म में काम करने के लिए सबसे अहम चीज है पटकथा की परिपक्वता। फिल्म की पटकथा ऐसी होनी चाहिए कि यह आपको इसमें काम करने के लिए प्रेरित करे। हालांकि, मैं फिल्मों का विश्लेषण नहीं करता, लेकिन अगर मुझे कोई पटकथा रोचक लगती है, तो स्वाभाविक तौर पर आप इसकी लय के साथ काम करने लगते हैं। 'वोदका डायरीज' बहुत कुछ इसी तरह की फिल्म है।' 'वोदका डायरीज' की शूटिंग हिमाचल प्रदेश में हुई है। इस अनुभव के बारे में मेनन ने कहा, 'ठंडे मौसम में काम करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि हमारे पास सर्दियों के कपड़े पहनने की सुविधाएं नहीं थीं।'
फिल्म के टाइटल के बारे में पूछने पर मंदिरा बेदी ने कहा, 'दरअसल, यह फिल्म एक ही रात हुई हत्याओं के रहस्य पर बेस्ड है और ये सभी हत्याएं वोदका डायरीज नाम के नाइट क्लब से जुड़ी हुई हैं।' मंदिरा ने कहा, 'मैं अरसा बाद किसी फिल्म में नजर आनेवाली हूं। इसकी वजह यह है कि बहुत दिनों के बाद किसी फिल्म की स्क्रिप्ट ने मुझे प्रभावित किया। वैसे, सबसे खास बात यह है कि पहली बार इस फिल्म में मुझे रोमांटिक भूमिका मिली है, जिसके लिए भी मैं बहुत उत्साहित हूं।'
19 जनवरी को रिलीज हो रही विशालराज फिल्म्स के बैनर तले बनी 'वोदका डायरीज' का निर्देशन कुशल श्रीवास्तव ने किया है। वह इस फिल्म से निर्देशन में डेब्यू भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'बतौर डायरेक्टर यह मेरी पहली फिल्म है। स्वाभाविक रूप से मैं बहुत उत्साहित हूं, क्योंकि इस फिल्म पर हम सबने बहुत मेहनत की है। इसके लिए मैं पूरी टीम का शुक्रिया अदा करता हूं और दर्शकों से आग्रह करता हूं कि वे इस फिल्म को जरूर देखें और हमारी मेहनत को सराहें।
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एक जून को सोनम कपूर की वीरे दी वेडिंग

अब तय हो गया है कि सोनम कपूर की वीरे दी वेडिंग २ जून २०१८ को रिलीज़ होगी। यह फिल्म दोस्तों और दोस्ती की कहानी है। लेकिन, यह दोस्ती किसी पुरुष की पुरुष से या महिला की पुरुष से दोस्ती की कहानी नहीं है। फिल्म में चार प्रमुख चरित्र है, चारों ही महिला चरित्र है। चार युवा लड़कियों की मौज मस्ती और गंभीर दोस्ती की कहानी है वीरे दी वेडिंग। शुरू में शशांक घोष की इस फिल्म को १८ मई को रिलीज़ होना था। लेकिन, अब यह फिल्म अंतिम रूप से १ जून को रिलीज़ होगी। इस फिल्म में सोनम कपूर और करीना कपूर के अलावा स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया चार दोस्तों की भूमिका में हैं। वीरे दी वेडिंग को करीना कपूर ने अपने गर्भवती होने से पहले साइन की थी । बाद में अपने बच्चे का ख्याल रखने के लिए उन्होंने फिल्म की शूटिंग आगे नहीं की। फिल्म का निर्माण सोनम कपूर की बहन रिया कपूर ने एकता कपूर के साथ मिल कर किया है। ख़ास बात यह है कि फिल्म की रिलीज़ शादी के मौसम में हो रही है। शादी का मौसम और वीरे दी वेडिंग टाइटल ख़ास और आम को आकर्षित कर सकता है ! यही सोच कर एकता कपूर ने फिल्म को १ जून को रिलीज़ करना तय किया है। एकता कपूर कहती हैं, “यह निश्चित रूप से अविस्मरणीय शादी होगी। हम इसे १ जून को रिलीज़ करने का ऐलान कर बेहद खुश हैं।” लेकिन, जो एक बात एकता कपूर ने नहीं बताई, वह यह कि एक जून को एकता के भतीजे और तुषार के सरोगेट बेटे लक्ष्य का जन्मदिन भी है। वीरे दी वेडिंग को मेहुल सूरी और निधि मेहरा ने लिखा है। फिल्म की निर्माता रिया कपूर का मानना है कि यह फिल्म इंडस्ट्री में नई शुरुआत करेगी। वह कहती हैं, “ऐसा प्रयास पहले कभी नहीं किया गया। निश्चित रूप से यह फिल्म दर्शकों के लिए मजेदार अनुभव साबित होगी।” वीरे दी वेडिंग की एक दिलचस्प बात यह भी है कि सबसे पहले फिल्म के लिए कैटरीना कैफ और हुमा कुरैशी को साइन किया गया था। लेकिन, यह दोनों एक्ट्रेस बीच में ही फिल्म से निकल गई। उनकी जगह करीना कपूर और स्वरा भास्कर ने ले ली। इस फिल्म में सुमीत व्यास ने करीना कपूर के पुरुष मित्र की भूमिका की है। उनके अलावा विवेक मुश्रान भी अहम् भूमिका में हैं। इस फिल्म की तमाम शूटिंग दिल्ली और मुंबई के अलावा बैंकाक में फुकेट में हुई है। 
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पद्मावत का घूमर दीपिका पादुकोण की ढकी कमर

दीपिका पादुकोण की सुती हुई कमर का उत्तेजक प्रदर्शन देखने के लिए उत्साहित दर्शकों और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के लिए यह दुःख खबरी है।  सेंसर बोर्ड और राज परिवार एक सदस्यों की मौजूदगी में हुई पद्मावती की स्क्रीनिंग में यह पाया गया था कि दीपिका पादुकोण का घूमर नृत्य में उत्तेजना पैदा  करने के लिहाज़ से किया गया कमर सञ्चालन राज परिवार की महिलाओं की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है।  फिल्म के घूमर नृत्य में दीपिका पादुकोण एक सस्ती नर्तकी की तरह कमर और नाभि प्रदर्शन करती और लचकाती डांस कर रही थी।  इसलिए, सेंसर बोर्ड ने इस पेट और कमर के मांसल हिस्से के सञ्चालन को हटाने के आदेश दिए थे।  हालाँकि, इस प्रदर्शन के दौरान राज परिवार ने कई दूसरी आपत्तियां दर्ज की थी, लेकिन सेंसर बोर्ड के सदस्यों को इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा।  सिर्फ एक को छोड़ कर बाकी आपत्तियां रद्द कर दी गई। 
कैसे ढके कमर ! 
सूत्र बताते हैं कि सेंसर  बोर्ड के अनुरूप  घूमर नृत्य में दीपिका पादुकोण के कमर के नंगे हिस्से को हटा दिया जाता है तो गीत और नृत्य का तालमेल टूट जाएगा। इसलिए, यह तय किया गया कि दीपिका पादुकोण के घाघरा और चोली से झांकते हिस्से को कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के ज़रिये ढक दिया जायेगा।  इसलिए, पद्मावत में रानी पद्मावती के घूमर नृत्य के दौरान खुली कमर देखने के शौक़ीन दर्शकों को इसी बात पर संतोष करना पड़ेगा कि खुली न सही, कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के परदे  के अंदर पद्मावती की नंगी कमर लचक तो रही है।  एक ख़ास बात और। इस    से  संजय लीला  भंसाली नीयत और रिसर्च की सत्यता मालूम पड़ती है।  इस समूह नृत्य में बाकी  नर्तकियों ने नीचे तक लटका ब्लाउज पहना है। सिर्फ पद्मावती बनी दीपिका पादुकोण की कमर ही झाँक रही है। खबर लिखे जाने तक संशोधित टाइटल पद्मावत सहित पांच संशोधन के साथ पद्मावती को सेंसर के सामने प्रस्तुत कर दिया गया है।  अब सेंसर बोर्ड  दूसरी फिल्मों के साथ देख कर, आखिरी बार अपनी सहमति देगा।  ऐसे मे यह कहा जा सकता है कि पद्मावत को पैडमैन के सामने २५ जनवरी को रिलीज़ किये जाने का अनुमान लगाना ज़ल्दबाज़ी होगी।  काफी चांस है कि पद्मावत २५ जनवरी को रिलीज़ ही न हो।  क्योंकि, सेंसर की अंतिम स्वीकृति के बाद ही पद्मावत के थिएटर स्क्रीन की संख्या के आधार पर ही तैयारी की जाएगी।  देखिए, कब तक बड़े परदे पर आ पाती है पद्मावत कथा!
हैदर काज़मी के जिहाद की कहानी के लिए क्लिक करें  

एक जिहादी के सच्चे 'जेहाद' की कहानी !

अल्ताफ एक जेहादी है।  उसे लगता है कि इस्लाम सर्वोच्च है।  वह सोचता है कि जेहाद बन्दूक की नाल से, काफिरों को मार कर आता है।  लेकिन, उसे नहीं मालूम की जिहाद का असली मतलब खून खराबा नहीं है।  इस्लाम भाईचारे की बात करता है, खून बहाने की नहीं।  यह अल्ताफ की नासमझी नहीं, ज़्यादातर लोग इस्लाम का सही अर्थ ही नहीं जानते।  इस्लाम मानवता का सन्देश देता है।  अल्ताफ को समझ में आ जाता है कि जिहाद बाहर  लड़ा जाने वाला धर्म युद्ध नहीं।  यह आदमी के  अंदर लड़ा जाने वाला युद्ध हैं।  जिहाद, अपने अंदर की बुराइयों पर विजय पाना है।  बन्दूक मौत दे सकती है।  अगर तुम ज़िन्दगी दे सकते हो..तो दो ! यही  सन्देश है निर्देशक राकेश परमार की फिल्म जिहाद का।  जिहाद को राकेश परमार के साथ सुरभि पंड्या और संजय जोशी ने लिखा है।  हालाँकि,  जिहाद के निर्देशक और लेखक हिन्दू है, लेकिन फिल्म का निर्माण एक मुस्लिम हैदर काज़मी ने किया है।  हैदर, जिहाद से पहले पाथ और बॉबी : लव एंड लस्ट  का निर्माण और अभिनय कर चुके हैं।  वह १२ साल बाद किसी फिल्म में अभिनय   कर रहे हैं।  जिहाद में वह अल्ताफ का मुख्य किरदार कर रहे हैं।  इस फिल्म के लिए हैदर को टोरंटो इंटरनेशनल नॉलीवूड फिल्म फेस्टिवल में श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता है।  हैदर ने अपनी फिल्म का पहला पोस्टर हिंदुस्तान में अयोध्या में रिलीज़ किया था।  वह हिन्दू और  मुसलमानो को भाइयों की तरह रहने का सन्देश देते हैं।  हैदर की फिल्म में अल्फिया, फरहाद अहमद देहलवी, मुज़्ज़म्मिल भवनी, आदि मुख्य  भूमिका में हैं।  क्या हैदर काज़मी की यह फिल्म हिंदुस्तान में जिहाद की सोच रखने वाले कुछ लोगों को भी बदल पाएगी ?
२०१८ में आनंद एल राय की कौन कौन सी फ़िल्में  रिलीज़ होंगी जानने के लिए  क्लिक करें 

आनंद एल राय की २०१८ की फ़िल्में

आनंद एल राय, अब एक ऐसा नाम बन गए हैं, जिससे कुछ अच्छी फिल्मों की उम्मीद लगाईं जा सकती है। इस साल, जब शाहरुख़ खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा के साथ उनकी निर्देशित फिल्म जीरो रिलीज़ होगी, तब उनका कद कुछ और ज्यादा बढ़ गया होगा। साल २०१७ में रिलीज़ उनकी कुरकुरी कॉमेडी फिल्म शुभ मंगल सावधान और ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजी गई फिल्म न्यूटन के बाद दर्शकों को राय की हर फिल्म का इंतज़ार रहता है। वह मनोरंजन के पर्याय जो बन गए हैं। २०१८ में भी आनंद एल राय के खजाने से बहुत कुछ निकलने वाला है। उनके और अनुराग कश्यप के सहयोग से बनी फिल्म मुक्काबाज़ १२ जनवरी को रिलीज़ हो चुकी है। इस फिल्म को दर्शकों की प्रशंसा मिल रही है। उनकी इस साल के आखिर में रिलीज़ होने जा रही, शाहरुख खान के बौने किरदार वाली फिल्म जीरो का दर्शक बेसब्री से इंतज़ार कर ही रहे हैं। 
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मुक्काबाज़ के बाद फ़िल्में 
मुक्काबाज़ के बाद, आनंद एल राय और अनुराग कश्यप का साथ फिल्म मनमर्जियां में भी दिखाई देगा। यह फिल्म भी एक बहुत छोटे शहर की है। आनंद के बैनर से एक नए निर्देशक राहुल शंकल्या की फिल्म निम्मो भी इसी साल रिलीज़ होगी। दर्शकों को मुदस्सर अज़ीज़ की २०१६ में रिलीज़ सफल फिल्म हैप्पी भाग जायेगी की सीक्वल फिल्म हैप्पी भाग जायेगी रिटर्न्स की भी प्रतीक्षा है। इस फिल्म से सोनाक्षी सिन्हा भी जुड़ गई है। वह भी, डायना पेंटी के साथ हैप्पी का किरदार कर रही होंगी। नवदीप सिंह भी, राय के साथ मिल कर, सैफ अली खान की इनाम के लिए शिकार करने वाले १८वी शताब्दी के शिकारी की भूमिका वाली फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। न्यूटन के डायरेक्टर अमित मसूरकर के निर्देशन में भी एक फिल्म इसी साल फ्लोर पर जायेगी। शुभ मंगल सावधान के लेखक हितेश केवल्या और मनमर्जियां के लेखक कनिका ढिल्लों की कहानियों पर भी फ़िल्में बनाए जाने की खबर है। आनंद एल राय कहते हैं, “हालाँकि, हमारी पहचान पारिवारिक मनोरंजन से भरपूर फिल्म बनाने वालों की है। लेकिन, हम हर जोनर की फिल्म बनाना चाहते हैं। इसके लिए स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है। जिन फिल्मों की स्क्रिप्ट तैयार हैं उनकी कास्टिंग को अंतिम रूप देकर फिल्म की शूटिंग की तैयारी की जायगी। कुछ लोकेशन तय कर शूटिंग भी शुरू होनी है। जीरो की शूटिंग तो चल ही रही है।”
भारत के प्रथम प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु का रहस्य खोलने वाली विवेक अग्निहोत्री की फिल्म की जानकारी के लिए   

क्या विवेक अग्निहोत्री खोल पाएंगे शास्त्री जी की मौत का रहस्य ?

क्या विवेक अग्निहोत्री खोल पाएंगे रहस्य ?
लगभग ५२ साल पहले, सुदूर यूएसएसआर (अब विभाजित) के ताशकंद से भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के देहांत की खबर आई थी। वह, पाकिस्तान से १९६५ का युद्ध जीतने के बाद, पाकिस्तानी राष्ट्रपति से वार्ता हेतु ताशकंद गए हुए थे। बताते हैं कि वहां उन पर समझौते के लिए दबाव डाला गया। इस समझौते के तहत भारत की सेना को पाकिस्तान का जीता हुआ पूरा इलाका बिना शर्त वापस कर देना था। इससे शास्त्री जी सदमे, तनाव और दबाब में थे। रात उन्हें दिल का दौरा पडा और वह चल बसे। कुछ अफवाहें यह भी थी कि उन्हें जहर देकर मारा गया। लेकिन, यह गुत्थी कभी खुल नहीं सकी कि उनकी मृत्यु कैसे हुई ? यह स्वाभाविक थी या उन्हें मारा गया ? 
क्यों नहीं बनाई गई फ़िल्में ?
ख़ास बात यह थी कि बॉलीवुड ने भी इस महत्वपूर्ण घटना की जांच कर कोई फिल्म बनाने की कोशिश नहीं की। अगर हॉलीवुड होता तो शायद इस रहस्यमयी मृत्य पर दसियों फ़िल्में बन गई होती। ऐसा लगता है कि अब निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने यह बीड़ा उठाया है। उन्होंने, शास्त्री जी की रहस्यपूर्ण मृत्यु के ५२ साल होने पर ट्विटर के माध्यम से यह सवाल उठाया कि शास्त्री जी की इस मौत के रहस्य से पर्दा क्यों नहीं उठाया गया ? विवेक कहते हैं, “मैं कहानी के दोनों कथनों को दर्शकों को दिखाना चाहता हूँ।” लेकिन, जहाँ तक विवेक के शास्त्री जी के मौत के रहस्य को खंगालने का सवाल है, वह पिछले एक साल से ऐसा कर रहे हैं। इस साल की तरह, पिछले साल जनवरी में भी उन्होंने ऐसा ही ऐलान किया था। परन्तु वह अभी तक भारत के प्रथम प्रधान मंत्री के किरदार के लिए अभिनेता का चुनाव तक नहीं कर सकें। हालाँकि, वह फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और नसीरुद्दीन शाह को लिए जाने का दावा करते हैं। वह कहते हैं, “इस फिल्म की कहानी कहने के लिए इन दोनों से विश्वसनीय कोई दूसरा अभिनेता नहीं हो सकता।” अब यह तो भविष्य बतायेगा कि अगली जनवरी २०१९ तक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म घोषणा से कितना आगे बढ़ सकी है? 
 दिशा पाटनी की हिंदी, तमिल और तेलुगु फिल्म संघमित्रा की खबर के लिए क्लिक करें- 

क्या दिशा पटनी की फिल्म संघमित्रा बंद हो गई !

गोवा में अपनी २पीस बिकिनी वाली फोटोज पोस्ट कर कर के दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने वाली, टाइगर श्रॉफ के साथ बेशर्म रोमांस करने वाली अभिनेत्री दिशा पाटनी के लिए यह बुरी खबर के सामान थी।  खबर दक्षिण से थी। दिशा ने, धोनी : एन अनटोल्ड स्टोरी जैसी हिट फिल्म करने के बाद बॉलीवुड में ऐसा कोई तीर नहीं मारा था कि उन्हें बॉलीवुड अपनी बड़ी फिल्मों की नायिका बनाता ।  अलबत्ता, वह एक फिल्म पुरस्कार में अपनी उभरी हुई कामुकता जगाने वाली छातियों के लिए ज़रूर सोशल मीडिया पर ट्रोल होती रही। इसी दौरान उन्हें मिल गई सुन्दर सी की फिल्म संघमित्रा। यह एक ऐतिहासिक किरदार वाली फिल्म थी। ख़ास बात यह थी कि फिल्म में दिशा पाटनी को संघमित्रा का केंद्रीय किरदार करना था। संघमित्रा, ८वी शताब्दी के दक्षिण के एक राज्य की राजकुमारी की कहानी है, जिसे अपने राज्य को बचाए रखने के लिए तमाम बलिदान करने पड़ते हैं और संघर्ष करना पड़ता है। इस फिल्म के निर्माण की लागत २५० करोड़ बताई जाती है। फिल्म के लिए, दिशा से पहले कमल हासन की बेटी श्रुति हासन को लिया गया था। वह इस चरित्र के लिए आवश्यक घुड़सवारी, तीरंदाजी और तलवारबाजी की ट्रेनिंग भी ले रही थी। लेकिन, फिर यकायक उन्होंने फिल्म छोड़ दी। श्रुति हासन के फिल्म छोड़ देने के बाद, तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही इस फिल्म के लिए किसी बॉलीवुड फिल्म एक्ट्रेस की तलाश की जाने लगी। और निर्माताओं की यह तलाश ख़त्म हुई दिशा पाटनी पर। यहाँ बताते चलें कि श्रुति हासन से भी पहले, फिल्म निर्माताओं ने संघमित्रा के किरदार के लिए दीपिका पादुकोण को चुना था। लेकिन, न जाने क्या बात हुई कि दीपिका संघमित्रा की राजकुमारी नहीं बन सकी। इसीलिए, संघमित्रा के बंद हो जाने की खबर दिशा पाटनी के लिए बड़े झटके के सामान है। बॉलीवुड में दिशा पाटनी अभी भी टाइगर श्रॉफ की नायिका से आगे नहीं निकल पाई है। जबकि, दक्षिण की इस दो हिस्सों में बनाई जा रही संघमित्रा में, दिशा पाटनी के नायक दक्षिण के दो बड़े अभिनेता जयम रवि और आर्या हैं। परन्तु, अब मालूम हुआ है कि संघमित्रा बंद नहीं की गई है। इस फिल्म की पूरी तैयारी की जा रही है। फिल्म की शूटिंग अप्रैल या मई से शुरू हो जायेगी। 
पद्मावती के पद्मावत बनने से कैसे डिले हो गई परमाणु की रिलीज़ जानने के लिए क्लिक करें 

पद्मावती के पद्मावत बनने का शिकार हुई परमाणु !

निर्माता जॉन अब्राहम की फिल्म परमाणु : द स्टोरी ऑफ़ पोखरण की रिलीज़ की तारीख़ तीसरी बार बदल दी गई है। इस बार भी परमाणु को संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती/पद्मावत का शिकार होना पडा है। परमाणु को मूल रूप में ८ दिसम्बर २०१७ को रिलीज़ होना था। लेकिन, इससे एक हफ्ता पहले यानि १ दिसम्बर को दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर की पद्मावती रिलीज़ हो रही थी। इस फिल्म को विवादों में घिरने के कारण, भारी पब्लिसिटी मिल रही थी। ऐसे में पद्मावती को दर्शकों का ज्यादा प्यार मिलना स्वाभाविक था। इसका ज़्यादा नुकसान जॉन अब्राहम की पोखरण में परमाणु बम विस्फोट की कहानी पर फिल्म को होना ही था। उस समय परमाणु के साथ फुकरे रिटर्न्स भी रिलीज़ हो रही थी। इसे देख कर जॉन अब्राहम ने अपनी फिल्म परमाणु की रिलीज़ अगली किसी तारीख़ तक टालने का निर्णय लिया। जॉन अब्राहम और फिल्म की सह निर्माता क्रिअर्ज ने इस फिल्म को जनवरी के आखिर में रिलीज़ करने का विचार बनाया था। लेकिन, इसी बीच खबर आई कि पद्मावती अब पद्मावत बन गई है और बदले लिंग के साथ २५ जनवरी को रिलीज़ होगी। इस तरह से २५ जनवरी को दो बड़ी पॉपुलर फिल्मों का टकराव होने जा रहा था। लेकिन, इस टकराव की तपिश परमाणु भी झेलती। इसलिये, परमाणु की रिलीज़ की तारीख़ २३ फरवरी कर दी गई। लेकिन, अब फिर बुरा फसा था परमाणु ! २३ फरवरी को रानी मुख़र्जी की वापसी फिल्म कॉमेडी हिचकी और एक दूसरी कॉमेडी फिल्म बूम बूम इन न्यू यॉर्क रिलीज़ हो रही थी। बूम बूम इन न्यू यॉर्क में दिलजीत दोसांझ के साथ सोनाक्षी सिन्हा का मुख्य किरदार है। इस प्रकार से परमाणु को अब फिर त्रिकोण टकराव का सामना करना पड़ रहा था। इसके अलावा, पद्मावत के कारण कुछ दूसरी फिल्मों की तारीखों में भी बदलाव हो रहा था। अनुष्का शर्मा की फिल्म परी को एक हफ्ता पहले यानि होली वीकेंड पर २ मार्च को रिलीज़ करने का फैसला कर लिया गया।  ऐसे में परमाणु द स्टोरी ऑफ़ पोखरण की रिलीज़ के बाद अगले ही हफ्ते परी रिलीज़ होती। एक निर्माता कंपनी की दो फिल्मों का एक के बाद एक रिलीज़ होना ठीक नहीं समझा जाता। इसलिए, क्रिअर्ज ने, क्लीन स्लेट की अनुष्का शर्मा के ऐलान का सम्मान करते हुए, परमाणु को अगली तारिख तक के लिए टालना ठीक समझा। अब सवाल यह है कि जॉन अब्राहम के परमाणु बम का रहस्य कब फटेगा ? कब रिलीज़ होगी परमाणु द स्टोरी ऑफ़ पोखरण ? क्योंकि, अप्रैल तक तो लगातार बहुचर्चित फिल्मों की रिलीज़ की तैयारी चल रही है। 
क्या आपने पढ़ी संघमित्रा की कहानी ? लिंक देखिये

क्या गैंगस्टर बन कर पुरस्कार जीत पाएंगे संजय दत्त ?

संजय दत्त की फ्लॉप भूमि के बाद शूट हो रही फिल्मों में तिग्मांशु धुलिया की फिल्म साहेब बीवी और गंस्टर ३ भी एक फिल्म थी। इस फिल्म में संजय दत्त के साथ, इस हिट सीरीज की मूल स्टार कास्ट माही गिल और जिमी शेरगिल भी शामिल थे। इस फिल्म की शूटिंग अब पूरी हो चुकी है। इस मौके पर संजय दत्त ने अपने घर में अपनी फिल्म की स्टार कास्ट और क्रू के लिए पार्टी का आयोजन किया। साहेब बीवी और गैंगस्टर ३ में संजय दत्त के साथ कबीर बेदी और दीपक तिजोरी के नए किरदार शामिल किये गए हैं। इनसे फिल्म कुछ ज्यादा इंटेंस और तनावपूर्ण हो जायेगी। एक्शन में गर्मी पैदा हो जाएगी। साहेब बीवी और गैंगस्टर की अब तक की दो फिल्मों में गैंगस्टर किरदार पहली में रणदीप हूडा ने और दूसरी फिल्म में इरफ़ान खान ने किये थे।  साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स में इरफ़ान खान के अलावा राज बब्बर और सोहा अली खान के नए किरदार भी शामिल हुए थे। अलबत्ता,  पहली दोनों फिल्मों के साहेब और बीवी जिमी शेरगिल और माही गिल ही थे। हालाँकि, पहली साहेब बीवी और गैंगस्टर फिल्म को अच्छी सफलता मिली, लेकिन दूसरी गैंगस्टर फिल्म को समीक्षकों की सराहना ज्यादा मिली। अब साहेब बीवी और गैंगस्टर ३ में संजय दत्त एक बार फिर गैंगस्टर की भूमिका कर रहे हैं। संजय दत्त ने फिल्म की शूटिंग शुरू होने के तुरंत बाद अपने गैंगस्टर किरदार के चित्र जारी किये थे, जिनमे उनके गाल में कटे का निशान और कोणनुमा दाढ़ी नज़र आती थी। इस फिल्म से पहले भी संजय दत्त ने गैंगस्टर किरदार किये हैं।संजय दत्त ने वास्तव- द रियलिटी (१९९९) में रघु का गैंगस्टर किरदार किया था। इस फिल्म का निर्देशन महेश मजरेकर ने किया था। २००२ में फिल्म का सीक्वल हथियार भी रिलीज़ हुआ। दूसरी फिल्म में भी संजय दत्त गैंगस्टर ही बने थे। वास्तव में रघु के किरदार के लिए संजय दत्त को फिल्मफेयर ने श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया था। क्या तिग्मांशु धुलिया की फिल्म साहेब बीवी और गैंगस्टर ३ भी संजय दत्त को कोई पुरस्कार जितवा पायेगी ? 

फ्लॉप फिल्मों के अध्ययन और अश्मित पटेल

आज के दिन (१३ जनवरी को), बॉलीवुड के दो फ्लॉप एक्टरों का जन्म हुआ था।  इन दोनों एक्टरों के जन्म के बीच दस सालों का  फासला है, लेकिन अभिनय और करियर के लिहाज़ से यह दोनों जीरो के बिलकुल करीब हैं।  अश्मित पटेल १९७८ को जन्मे थे।  उनके कसीदे काढ़ने हो तो वह बहुत बड़े परिवार से हैं।  उनके दादा जी रजनी पटेल बैरिस्टर और कांग्रेस से जुड़े राजनेता थे।  उनकी बहन अमीषा पटेल ने कहो न प्यार है,  ग़दर एक प्रेम कथा, हमराज, आदि सुपर हिट फ़िल्में दी हैं।  लेकिन, बहन  के कारण विक्रम भट्ट की फिल्म इंतहा से डेब्यू करने के बावजूद अश्मित जीरो हीरो  साबित हुए।  कोई ९ फिल्म करने के बावजूद अश्मित से फ्लॉप का टैग हट नहीं  सका है।  उनकी एक फिल्म निर्दोष १९ जनवरी को रिलीज़ होने वाली है।  दूसरे, दस साल छोटे एक्टर हैं अध्ययन सुमन।  उनके पिता शेखर सुमन अपने बड़बोलेपन और स्टैंडप कॉमेडी  के लिए मशहूर हैं।  शेखर में आम बिहारी की तरह सेंस ऑफ़ ह्यूमर खूब है।  लेकिन, उनके १९८८ में जन्मे बेटे अध्ययन में न एक्टिंग सेंस है, न ह्यूमर है।  अजय देवगन निर्देशित फिल्म हाल ए दिल से फिल्म डेब्यू किया।  फिल्म फ्लॉप हुई।  कंगना  रनौत के साथ फिल्म राज़ : द मिस्ट्री कन्टीन्यूज जैसी हिट फिल्म मिली।  पर यह दिमाग में चढ़ गई।  खुद को बड़ा एक्टर समझ कर कंगना से लस गए।  प्रोफेशनल कंगना ने झटक दिया।  अब लगे रोने धोने।   फिलहाल, आधा दर्जन फ्लॉप फिल्म देने के बाद २०१५ से चुप बैठे हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि समान जन्मदिन वाले इन एक्टरों ने एक एक हिट फिल्म में ज़रूर अभिनय किया है।  दोनों फ्लॉप  एक्टरों को जन्मदिन पर बधाइयां। 

Friday, 12 January 2018

कंगना रनौत का इंडियाज नेक्स्ट सुपरस्टार में स्वागत कर कितने खुश नज़र आ रहे हैं करण जौहर !


सी रामचंद्र : जिनकी आज जन्मशती है !

रामचंद्र नरहर चितलकर को हिंदी फिल्म संगीत के शौक़ीन सी रामचंद्र के नाम से पहचानते हैं।  अलबेला का शोला जो भड़के, आज़ाद का कितना हसीं हैं मौसम, शहनाई का मेरी जान संडे के संडे को,  पतंगा का मेरे पिया गए रंगून, आदि उनके बेहद लोकप्रिय दोगाने हैं।  उन्होंने खुद के द्वारा संगीतबद्ध  गीतों के अलावा दूसरे संगीत निर्देशकों अनिल बिस्वास, हुस्नलाल भगतराम, हेमंत कुमार, रोशन, उषा खन्ना, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल,  आदि के लिए भी गीत गाये। उन्होंने, अनारकली, आज़ाद, अलबेला, नवरंग, शहनाई, नदिया के पार, समाधी, शबिस्तां, नास्तिक, सुबह का तारा, इंसानियत, शतरंज, शारदा, तलाश, स्त्री, आदि जैसी लगभग १०४  फिल्मों का संगीत सी रामचंद्र  नाम के साथ दिया।  उन्होंने अन्ना साहेब, आर एन चितलकर और राम चितलकर नाम से भी संगीत रचना की।  १२ जनवरी १९१८ को जन्मे, सी रामचंद्र ने वाय वी राव की मराठी फिल्म नागानंद (१९३५)  से फिल्म डेब्यू किया।  फिल्म फ्लॉप हुई।  फिर,  मिनर्वा मूवीटोन की दो फिल्मों सईद ए हवस और आत्मा तरंग में भी अभिनय किया।  मिनर्वा के कम्पोज़रों बिंदु खान और हबीब खान के लिए हारमोनियम बजाने लगे।  मराठी फिल्मों के लिए गीत भी गाये।  रामचंद्र को बतौर संगीतकार पहली बार मौका मिला तमिल फिल्म जयक्कोड़ी और मनमोहिनी में।  सी  रामचंद्र की पहली हिंदी फिल्म भगवान दादा की फिल्म सुखी जीवन (१९४२) थी।  सी रामचंद्र का देहांत ६३ साल की उम्र में ५ जनवरी १९८२ को हो गया।  आज अगर वह जीवित होते तो शतायु हो गए होते।  उन्हें नमन।  

Thursday, 11 January 2018

पद्मावत बनी पद्मावती के कारण फिल्मों में तारीखों के लिए चख चख !

करणी सेना और सेंसर के झमेले में फंस कर फिल्म पद्मावती से पद्मावत बन गई .लेकिन, इसके साथ ही लम्बी दूरी तक फिल्मों की रिलीज़ की चखचख भी पैदा कर गई। पद्मावती को १ दिसम्बर २०१७ को रिलीज़ होना था। सेंसर के झमेले में फंसी तो फिल्म के निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज़ को अनिश्चित काल तक के लिए टाल दिया। अब, जबकि फिल्म को सेंसर ने प्रमाणपत्र दे दिया है  तो फिल्म की रिलीज़  की तारिख ने भयंकर झमेला पैदा कर दिया। सोचा जा रहा था कि पद्मावत बन कर फिल्म मार्च में रिलीज़ होगी। लेकिन, पद्मावत ने पैडमैन को निशाना बना लिया।  इस फिल्म की रिलीज़ २५ जनवरी को पैडमैन की रिलीज़ की तारीख़ को तय कर दी गई। यह हिंदी फिल्मों के इतिहास का एक बड़ा टकराव था। लेकिन, अब यह टकराव दो फिल्मों तक सीमित नहीं रहा। इस टकराव की गूँज दूर दूर तक सुनाई देने लगी है। २५ जनवरी को नीरज पाण्डेय की फिल्म ऐय्यारी भी रिलीज़ हो रही थी। लेकिन, उस समय ऐय्यारी और पैडमैन का सीधा मुकाबला था। दोनों के जॉनर भिन्न थे। इसलिए टकराव के बावजूद दोनों ही फिल्मों को पर्याप्त थिएटर मिलने थे। लेकिन, पद्मावत ने आकर इसे त्रिकोणीय बना दिया। इस कोण से ऐय्यारी भी सहम गई। फिल्म के निर्माता क्रिअर्ज एंटरटेनमेंट ने ऐय्यारी को पीछे करके ९ फरवरी कर दिया। इस तारीख़ को क्रिअर्ज की एक दूसरी फिल्म अनुष्का शर्मा के साथ परी की रिलीज़ पहले से तय थी। हॉरर फिल्म परी, ९ फरवरी को कॉमेडी फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी के साथ रिलीज़ हो रही थी। ऐय्यारी को ९ फरवरी को लाने के बाद क्रिअर्ज ने परी को होली वीकेंड में २ मार्च को रिलीज़ करने का फैसला किया। इस प्रकार से ९ फरवरी को तो त्रिकोणीय मुकाबला ख़त्म हो गया। लेकिन, अब क्रिअर्ज की परी २ मार्च को धर्मा प्रोडक्शन्स की फिल्म ड्राइव से टकरा रही थी। ड्राइव की २ मार्च की रिलीज़ की तारिख काफी पहले से तय थी। लेकिन, इस टकराव से सुशांत सिंह राजपूत को बेचैन कर दिया। वह, जैक्विलिन फर्नांडेज के साथ ड्राइव के नायक हैं। सुशांत सिंह राजपूत, क्रिअर्ज की ही एक फिल्म केदारनाथ के हीरो हैं। जब केदारनाथ के निर्देशक अभिषेक कपूर ने केदारनाथ को उसी तारीख़ में रिलीज़ किये जाने का ऐलान किया, जिसमे शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो रिलीज़ होने जा रही थी, तब क्रिअर्ज की प्रेरणा अरोरा ने बड़ा विरोध किया था। यह सुशांत सिंह को नागवार गुजरा था कि कभी  टकराव के विरोध करने वाली प्रेरणा ने अपनी परी को सुशांत की ड्राइव से भिड़ा दिया है। ध्यान रहे कि सुशांत सिंह राजपूत  फिल्म पीके में अनुष्का शर्मा के पाकिस्तानी प्रेमी बने थे। आगे आगे देखिये होता है क्या ! 
तारीखों के कुछ दूसरे बदलाव जानने के लिए क्लिक कीजिये यह लिंक-  http://filmhiifilm.blogspot.in/2018/01/blog-post_89.html


निर्देशक से क्रिएटिव डिफरेंस, तोरबाज़ को नहीं मालूम !

पिछले दिनों, यह खबर थी कि तोरबाज़ यानि संजय दत्त और फिल्म के निर्देशक गिरीश मालिक के बीच क्रिएटिव डिफरेंसेज पैदा हो गए हैं। तोरबाज़ अफगानिस्तान की पृष्ठभूमि पर बच्चों को मानव बम बनाए जाने के कथानक पर है। इस फिल्म की शूटिंग किर्ग़िज़स्तान में की जा रही थी। उस समय फिल्म के कुछ फोटोग्राफ नर्गिस फाखरी ने सोशल मीडिया पर शेयर किये थे, जिनमे वह संजय दत्त के साथ हैं। इसके बाद, संजय दत्त ने भी बिशेक की खूबसूरती को दिखाने वाले अपने द्वारा खींचे गए कुछ चित्र शेयर किये। अब, यकायक यह खबर आ रही है कि तोरबाज़ की शूटिंग रुक गई है। सूत्रों ने बताया कि संजय दत्त फिल्म की शूटिंग बीच में छोड़ कर चले गए हैं। उन्होंने फिल्म की स्क्रिप को मॉडिफाई करने के लिए कहा है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि फिल्म के निर्देशक गिरीश मालिक और निर्माता राहुल मित्र कहानी को कुछ इस तरह दिखाना चाहते हैं ताकि संजय दत्त को वह पसंद आये और फिल्म का बाकी का शिड्यूल पूरा हो सके। इस सम्बन्ध में एक अखबार ने संजय दत्त को मेसेज कर उनका पक्ष जानना चाहा तो संजय दत्त ने किसी भी प्रकार के क्रिएटिव डिफरेंस से इनकार किया। उन्होंने यह बताया कि वह अपने हिस्से की शूटिंग पूरी करके दुबई आ गए हैं। बाद में, दुबई में उन्हें फिल्म के डायरेक्टर गिरीश मालिक ने ज्वाइन किया और दोनों ने नया साल दुबई में ही मनाया। संजय दत्त ने साफ़ किया कि उन्होंने कुछ भी फिर से लिखने को नहीं कहा और न ही अपने हिस्से की शूटिंग अधूरी रखी है। क्रिएटिव डिफरेंस की खबर को फिल्म के निर्माता राहुल मित्रा ने भी गलत बताया। अब फिल्म का निर्माता कह रहा है तो सब ठीक ही होगा ! लेकिन, गिरीश मालिक की ख़ामोशी काबिलेगौर है। वैसे, अगर फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई और फिर न रुकी तो यह फिल्म ११ मई को रिलीज़ होगी। 

रजनीकांत भूलने की बीमारी के कारण गजिनीकान्त

पिता, तमिल सुपर स्टार रजनीकांत का कट्टर प्रशंसक है। इसलिए, वह अपने बेटे का नाम रजनीकांत रख देता है। उसकी एक खूबसूरत प्रेमिका है और वह लड़ाई विधा में माहिर है। यहाँ तक तो ठीक था। लेकिन, इस रजनीकांत को भूलने की बीमारी है। उसकी यही बीमारी उसके लिए समस्याएं पैदा करती रहती है। उसकी इस भूलने की आदत पर उसके दोस्त उसे गजिनी बताते हुए, उसका नाम रजनीकांत से गजिनीकान्त कर देते हैं। यानि सूर्या की सुपर हिट फिल्म गजिनी के साथ रजनीकांत का कान्त जोड़ कर। यह कहानी है तमिल फिल्म गजिनीकान्त की। फिल्म में रजनीकांत उर्फ़ गजिनीकान्त की भूमिका अभिनेता आर्य कर रहे हैं। उनकी प्रेमिका की भूमिका दिलीप कुमार की नातिन सयेशा कर रही हैं। सयेशा को हिंदी दर्शकों ने अजय देवगन के साथ फिल्म शिवाय में देखा था। इस फिल्म का निर्देशन संतोष पी जयकुमार कर रहे हैं। दिलचस्प कहानी वाली इस फिल्म के ट्रीटमेंट और प्रमुख कलाकारों के अभिनय पर काफी कुछ निर्भर करेगा। हालाँकि, फिल्म में काफी अनुभवी कलाकारों को लिया गया है। रजनीकांत के पिता की भूमिका आडुकलम नरेन कर रहे हैं। रजनीकांत के दोस्त की भूमिका में करुणाकरण और सतिश हैं। फिल्मों मे स्टंट डबल से फिल्म करियर की शुरुआत करने  वाले मोटा राजेंद्रन फिल्म के मुख्य विलेन हैं। आर्य की आने वाली फिल्मों में संघमित्रा और सयेशा की फिल्मों में विजय सेतुपति के साथ जुंगा और कार्थी के साथ पंडीराज निर्देशित अनाम फिल्म के नाम उल्लेखनीय है। फिल्म इसी साल रिलीज़ होनी है। 

रामगोपाल वर्मा की जीएसटी यानि गॉड सेक्स एंड ट्रुथ में पोर्न स्टार मिया मालकोवा

होशियार...खबरदार...निःशब्द फिल्म निर्माता और निर्देशक रामगोपाल वर्मा आ रहे हैं। इस बार वह न तो कोई गैंगस्टर फिल्म ला रहे हैं, न कोई हॉरर और न ही कोई रियल लाइफ मर्डर मिस्ट्री फिल्म ही। इस बार उनका फिल्मकार सेक्स फलसफा पेश करने जा रहा है। क्योंकि इस बार वह ला रहे हैं एक पोर्न एक्ट्रेस को। इस पोर्न एक्ट्रेस का नाम मिया मालकोवा है। २५ साल की यह पोर्न एक्ट्रेस अमेरिका में कैलिफ़ोर्निया की हैं। वह अपनी कंपनी माइंडगीक के लिए पोर्न फिल्मों में अभिनय किया करती थी। वह हार्ड एक्स के लिए पुरुष साथी के साथ सेक्स करती नज़र आती थी। रामगोपाल वर्मा इसी पोर्न एक्ट्रेस को अपनी फिल्म जीएसटी की नायिका बना कर लाये हैं। इससे पहले, महेश भट्ट ने पूजा भट्ट निर्देशित फिल्म जिस्म २ के लिए पोर्न एक्ट्रेस सनी लियॉन को ढूंढ निकाला था। फिल्म जीएसटी का एक फोटो ट्वीट करते हुए रामगोपाल वर्मा लिखते हैं, “यह टैक्स वाली जीएसटी नहीं है। यह गॉड सेक्स एंड ट्रुथ वाली जीएसटी है। मैंने इस फिल्म को मिया मालकोवा के साथ शूट किया है। मिया, सनी लियॉन के बाद किसी फिल्म मेकर द्वारा शूट की जाने वाली दूसरी पोर्न स्टार हैं।" इस फिल्म के बारे में मिया ने भी ट्वीट कर बताया, “कुछ दिन पहले एक भारतीय फिल्मकार रामगोपाल वर्मा ने यूरोप में मेरे साथ एक विडियो गॉड सेक्स एंड ट्रुथ शूट किया है। थैंक्यू रामगोपाल वर्मा. तुम्हारी दृष्टि से खुद को देखना आनंददायक अनुभव था। वर्मा की फिल्म के पोस्टर फिल्म की कामुकता को बयान करने वाले हैं। लेकिन, रामगोपाल वर्मा इसे मिया पर दार्शनिक निबंध बताते हैं।  फिल्म का ट्रेलर १६ जनवरी को रिलीज़ हो रहा है।  

अब बालिगों के लिए मोहल्ला अस्सी

दो साल लम्बी चली कानूनी लड़ाई के बाद डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म मोहल्ला अस्सी सेंसर द्वारा पारित कर दी गई है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफिकेशन ने बुद्धवार को मोहल्ला अस्सी को बालिगों के लिए प्रमाण पत्र के साथ पारित कर दिया है। फिल्म में सनी देओल के संस्कृत के शिक्षक द्वारा बोले गए गालियों भरे संवादों को म्यूट कर दिया गया है। फिल्म को किसी प्रकार के कोई कट नहीं लगे हैं। यहाँ बताते चलें कि दो साल पहले सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को धर्म और संस्कृति के लिए अपमानजनक बताते हुए पारित करने से मना कर दिया था। इस पर अपीलेट ट्रिब्यूनल ने फिल्म को दस कट के साथ पारित करने को कहा था। लेकिन, फिल्म के निर्माता कोर्ट चले गए।  इस प्रकार से यह लड़ाई दो साल तक चलती रही। इस बीच पूरी फिल्म यू ट्यूब पर लीक भी हो गई। फिल्म को प्रमाण पत्र मिलने के बाद, फिल्म के निर्माता विनय तिवारी का इरादा फिल्म को ज़ल्द से ज़ल्द रिलीज़ करने का है। विनय तिवारी मोहल्ला अस्सी को होली से पहले रिलीज़ करना चाहते हैं। डॉक्टर काशीनाथ सिंह की पुस्तक काशी का अस्सी पर आधारित इस फिल्म में सनी देओल की  संस्कृत के शिक्षक की केंद्रीय भूमिका है। फिल्म में साक्षी तंवर ने उनकी पत्नी की भूमिका की है। फिल्म में रवि किशन, सौरभ शुक्ल, मुकेश तिवारी, राजेंद्र गुप्ता, मिथिलेश चतुर्वेदी, सीमा आज़मी, फैसल रशीद, दविंदर सिंह, मोहित सिन्हा, नरेश जंग और वैभव मिश्र अन्य भूमिकाओं में हैं।