पिछले दिनों,
यह खबर थी कि तोरबाज़ यानि संजय दत्त और फिल्म के निर्देशक गिरीश मालिक के बीच
क्रिएटिव डिफरेंसेज पैदा हो गए हैं। तोरबाज़ अफगानिस्तान की पृष्ठभूमि पर बच्चों को
मानव बम बनाए जाने के कथानक पर है। इस फिल्म की शूटिंग किर्ग़िज़स्तान में की जा रही
थी। उस समय फिल्म के कुछ फोटोग्राफ नर्गिस फाखरी ने सोशल मीडिया पर शेयर किये थे, जिनमे वह संजय दत्त के साथ हैं। इसके बाद, संजय दत्त ने भी बिशेक की खूबसूरती को
दिखाने वाले अपने द्वारा खींचे गए कुछ चित्र शेयर किये। अब, यकायक यह खबर आ रही है
कि तोरबाज़ की शूटिंग रुक गई है। सूत्रों ने बताया कि संजय दत्त फिल्म की शूटिंग
बीच में छोड़ कर चले गए हैं। उन्होंने फिल्म की स्क्रिप को मॉडिफाई करने के लिए कहा
है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि फिल्म के निर्देशक गिरीश मालिक और निर्माता
राहुल मित्र कहानी को कुछ इस तरह दिखाना चाहते हैं ताकि संजय दत्त को वह पसंद आये
और फिल्म का बाकी का शिड्यूल पूरा हो सके। इस सम्बन्ध में एक अखबार ने संजय दत्त को
मेसेज कर उनका पक्ष जानना चाहा तो संजय दत्त ने किसी भी प्रकार के क्रिएटिव
डिफरेंस से इनकार किया। उन्होंने यह बताया कि वह अपने हिस्से की शूटिंग पूरी करके
दुबई आ गए हैं। बाद में, दुबई में उन्हें फिल्म के डायरेक्टर गिरीश मालिक ने ज्वाइन किया और
दोनों ने नया साल दुबई में ही मनाया। संजय दत्त ने साफ़ किया कि उन्होंने कुछ भी
फिर से लिखने को नहीं कहा और न ही अपने हिस्से की शूटिंग अधूरी रखी है। क्रिएटिव
डिफरेंस की खबर को फिल्म के निर्माता राहुल मित्रा ने भी गलत बताया। अब फिल्म का
निर्माता कह रहा है तो सब ठीक ही होगा ! लेकिन, गिरीश मालिक की ख़ामोशी काबिलेगौर है। वैसे, अगर फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई और फिर न रुकी तो यह फिल्म ११ मई को रिलीज़ होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday 11 January 2018
निर्देशक से क्रिएटिव डिफरेंस, तोरबाज़ को नहीं मालूम !
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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