रामचंद्र नरहर चितलकर को हिंदी फिल्म संगीत के शौक़ीन सी रामचंद्र के नाम से पहचानते हैं। अलबेला का शोला जो भड़के, आज़ाद का कितना हसीं हैं मौसम, शहनाई का मेरी जान संडे के संडे को, पतंगा का मेरे पिया गए रंगून, आदि उनके बेहद लोकप्रिय दोगाने हैं। उन्होंने खुद के द्वारा संगीतबद्ध गीतों के अलावा दूसरे संगीत निर्देशकों अनिल बिस्वास, हुस्नलाल भगतराम, हेमंत कुमार, रोशन, उषा खन्ना, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, आदि के लिए भी गीत गाये। उन्होंने, अनारकली, आज़ाद, अलबेला, नवरंग, शहनाई, नदिया के पार, समाधी, शबिस्तां, नास्तिक, सुबह का तारा, इंसानियत, शतरंज, शारदा, तलाश, स्त्री, आदि जैसी लगभग १०४ फिल्मों का संगीत सी रामचंद्र नाम के साथ दिया। उन्होंने अन्ना साहेब, आर एन चितलकर और राम चितलकर नाम से भी संगीत रचना की। १२ जनवरी १९१८ को जन्मे, सी रामचंद्र ने वाय वी राव की मराठी फिल्म नागानंद (१९३५) से फिल्म डेब्यू किया। फिल्म फ्लॉप हुई। फिर, मिनर्वा मूवीटोन की दो फिल्मों सईद ए हवस और आत्मा तरंग में भी अभिनय किया। मिनर्वा के कम्पोज़रों बिंदु खान और हबीब खान के लिए हारमोनियम बजाने लगे। मराठी फिल्मों के लिए गीत भी गाये। रामचंद्र को बतौर संगीतकार पहली बार मौका मिला तमिल फिल्म जयक्कोड़ी और मनमोहिनी में। सी रामचंद्र की पहली हिंदी फिल्म भगवान दादा की फिल्म सुखी जीवन (१९४२) थी। सी रामचंद्र का देहांत ६३ साल की उम्र में ५ जनवरी १९८२ को हो गया। आज अगर वह जीवित होते तो शतायु हो गए होते। उन्हें नमन।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 12 January 2018
सी रामचंद्र : जिनकी आज जन्मशती है !
Labels:
श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment