Sunday 29 April 2018

रूपहले परदे पर छिड़ेगा एपिक ड्रामा और युद्ध !

कोई १५ साल पहले, निर्देशक करण जोहर एक एपिक ड्रामा फिल्म बनाना चाहते थे। परन्तु, वह व्यस्त हो गए रोमांटिक, रोमकॉम या सामजिक सरोकारों वाली फिल्मो के निर्माण में। लेकिन, अब उन्होंने उस फिल्म का ऐलान कर दिया है। इस एपिक ड्रामा फिल्म का टाइटल कलंक रखा गया है। यह फिल्म कितने बड़े पैमाने पर बनेगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म के निर्माण में धर्मा प्रोडक्शन्स का साथ साजिद नाडियाडवाला का बैनर नाडियाडवाला ग्रैंडसन और फॉक्स स्टार स्टूडियोज भी दे रहा है। यह फिल्म, एक प्रकार से चौंकाने वाली फिल्म भी कही जा सकती है। फिल्म में माधुरी दीक्षित भी हैं और संजय दत्त भी। माधुरी दीक्षित और संजय दत्त के साथ फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा, वरुण धवन, अलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर भी होंगे। अभिषेक वर्मन निर्देशित इस एपिक ड्रामा फिल्म की पृष्ठभूमि १९४० के भारत की है। यह फिल्म अगले साल १९ अप्रैल २०१९ को रिलीज़ होगी।
बाहुबली के बाद
हिंदुस्तान के रूपहले परदे पर महाकाव्य और पौराणिक कथाये छाने जा रही है। यह तमाम फ़िल्में बॉलीवुड भी बना रहा है और दक्षिण का फिल्म उद्योग भी । पिछले साल रिलीज़, एसएस राजामौली की एपिक फिल्म बाहुबली द कन्क्लूजन को मिली अपार सफलता और इस साल रिलीज़ संजय लीला भंसाली की काल्पनिक ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म पद्मावत की ३०० करोडिया सफलता के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक महँगी और  इतिहास और पुराण खंगालने की शानदार शुरुआत हो चुकी है। इस समय बड़े बैनर से लेकर बड़े अभिनेता- अभिनेत्री तक एपिक फिल्मों के लिए तैयार बैठे हैं। निवेशक पैसा लगाने के लिए तैयार उत्सुक है।
हृथिक रोशन बनेंगे प्रिंस !
पद्मावत की सफलता से उत्साहित संजय लीला भंसाली के अभिनेता हृथिक रोशन के साथ एक पीरियड फिल्म प्रिंस बनाये जाने की खबर है । कुछ समय पहले, संजय लीला भंसाली के दफ्तर से हृथिक रोशन को निकलते देखा गया था। हृथिक और संजय की यह मुलाक़ात, शायद इसी फिल्म के लिए रही होगी । हृथिक रोशन ने, आशुतोष गोवारिकर की जोधा अकबर और मोहनजोदड़ो जैसी पीरियड फ़िल्में की है। हृथिक रोशन ने संजय लीला भंसाली के निर्देशन में फिल्म गुज़ारिश में मुख्य भूमिका की थी। वह, भंसाली की फिल्म मेकिंग से काफी प्रभावित हैं। पिछले साल यह खबर थी कि संजय लीला भंसाली, उपन्यासकार अमिश त्रिपाठी की पुस्तक द इम्मॉर्टल्स ऑफ़ मेलुहा पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। इस फिल्म में, वह हृथिक रोशन को भगवान् शंकर की भूमिका के लिए लेना चाहते थे। संजय की अब बताई जा रही फिल्म का टाइटल इतना तो साबित करता ही है कि प्रिंस, इम्मॉर्टल्स ऑफ़ मेलुहा पर फिल्म नहीं है। बाकी के विवरण प्रोडक्शन ऑफिस से अभी जारी नहीं हुए हैं।
आज़ादी के पूर्व का भारत 
आजादी के पूर्व का भारत, यशराज फिल्म्स की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्थान में भी होगा। इस फिल्म का निर्देशन विजय कृष्ण आचार्य कर रहे हैं। यह फिल्म आज़ादी के पहले के भारत में ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती देने वाले ठगों और डाकुओं की मशहूर कथा होगी। इन डाकुओं से अँगरेज़ भी भय खाते थे। यशराज फिल्म्स, ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्थान को २०० करोड़ के बजट से बना रहा है। फिल्म में आमिर खान और अमिताभ बच्चन के अलावा कैटरीना कैफ और फातिमा सना शैख़ की भी भूमिका ख़ास होगी। यह फिल्म इसी साल, ७ नवम्बर २०१८ को रिलीज़ होगी। 
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
पिछले साल, बाहुबली द कांक्लुजन की अपार सफलता के दौर में मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी का शोर मचा था। इस फिल्म को दक्षिण के निर्देशक कृष बना रहे हैं। फिल्म में मणिकर्णिका यानि झाँसी की रानी की भूमिका बॉलीवुड की क्वीन अभिनेत्री कंगना रानौत कर रही हैं। मणिकर्णिका की कहानी भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर पर केन्द्रित होगी। फिल्म में झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई की विश्वस्त झलकारी बाई की भूमिका अंकिता लोखंडे कर रही है। फिल्म में सोनू सूद, अतुल कुलकर्णी, जीशुआ सेनगुप्ता, सुरेश ओबेरॉय, आदि भी अभिनय कर रहे हैं।
बैटल ऑफ़ सारागढ़ी पर फ़िल्में
बॉलीवुड आजादी के पहले के दौर में ही घूमता लग रहा है। भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद, फिल्मकारों की निगाहें १८९७ के उस मशहूर युद्ध पर होगी, जिसे दुनिया के युद्ध के इतिहास के सबसे लम्बे समय तक लड़े गए युद्ध की तरह जाना जाता है। इस युद्ध में २१ सिख सिपाहियों ने दस हजार अफगान हमलावरों का मरते दम तक सामना किया था। इस विषय पर एक फिल्म का निर्माण अक्षय कुमार कर रहे हैं। फिल्म में सिख नायक हवालदार ईशर सिंह की भूमिका अक्षय कुमार कर रहे हैं। इसी विषय पर दूसरी फिल्म बनाने का ऐलान अजय देवगन ने किया था। सन ऑफ़ सरदार २ टाइटल के साथ इस पीरियड फिल्म में ईशर सिंह की भूमिका खुद अजय देवगन करने वाले थे।
तानाजी और शिवाजी पर फ़िल्में
अजय देवगन को शायद, ऐतिहासिक विषयों से ख़ास लगाव हो गया है। उन्होंने एक फिल्म तानाजी द अनसंग वारियर के निर्माण का भी ऐलान किया है। तानाजी महाराष्ट्र गौरव छत्रपति शिवाजी के दाहिने हाथ थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य के लिए काफी युद्ध लड़े थे। लेकिन, शिवाजी की वीरता के बखान के दौर में तानाजी को उतना नहीं जाना गया। उनका सबसे मशहूर युद्ध सिंहगढ़ का था। अभी इस फिल्म का विस्तृत विवरण नहीं मिला है। लेकिन, यह तय है कि तानाजी भी एक बड़े बजट की फिल्म होगी और तानाजी खुद अजय देवगन बनेंगे। 
शिवाजी पर फिल्म भी
अजय देवगन के साथ मस्ती और धमाल जैसी फिल्मों के सह अभिनेता रितेश देशमुख, मराठा साम्राज्य के छत्रपति शिवाजी पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। यह एक बड़े बजट की एपिक ड्रामा फिल्म होगी। इसका बजट २५० करोड़ के आसपास रखा गया है। इस फिल्म में, छत्रपति शिवाजी की भूमिका खुद रितेश देशमुख करेंगे। अभी इस फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ तथा दूसरी स्टारकास्ट का ऐलान नहीं किया गया है।
और पानीपत का युद्ध
मोहनजोदड़ो की असफलता के बावजूद, निर्माता-निर्देशक आशुतोष गोवारिकर दिल्ली से ९७ किलोमीटर दूर उत्तर में पानीपत के मैदान में १४ जनवरी १७६१ को लड़े गए पानीपत के तीसरे युद्ध पर फिल्म पानीपत बनाने जा रहे है। यह युद्ध मराठा योद्धाओं और अफगानिस्तान के आक्रमणकारी अहमदशाह अब्दाली की सेना के बीच लड़ा गया था। रील लाइफ के इस युद्ध में अर्जुन कपूर मराठा सेना के सेनापति सदाशिवराव भाऊ और संजय दत्त अहमदशाह अब्दाली की भूमिका में होंगे।
दक्षिण भी उत्साहित
दक्षिण के फिल्म उद्योग में हिन्दू गौरव और हिन्दू एपिक के प्रति उत्साह काबिलेगौर है। एक के बाद एक, कई बड़ी फिल्मों का ऐलान और निर्माण होता जा रहा है। भारतीय फिल्म उद्योग के लिए यह ख़ुशी की बात है कि अब भारतीय फिल्म निर्माता महंगी फ़िल्में इफरात में बनाने लगे हैं। बाहुबली सीरीज की फिल्मों को जैसी सफलता पूरे देश में मिली है, उसे देख कर ख़ास तौर पर दक्षिण के फिल्म निर्माताओं में बड़े बजट की फ़िल्में दक्षिण की भाषों के साथ हिंदी में भी बनाए जाने का उत्साह पैदा हुआ है। अभिनेता विक्रम की भूमिका वाली महावीर कर्ण एक ऎसी ही फिल्म है। इस फिल्म का कुल बजट ३०० करोड़ रखा गया है। यह फिल्म महाभारत के महादानी और योद्धा चरित्र कर्ण पर है। इस फिल्म की तमाम शूटिंग, भारत में हैदराबाद और जोधपुर में करने के अलावा कनाडा में भी होगी। फिल्म को सम्पूर्ण भारत को स्वीकार्य बनाने के लिए बॉलीवुड तथा दूसरे फिल्म उद्योग के एक्टर भी अहम् भूमिकाओं में लिए जायेंगे। इस फिल्म को तमिल और हिंदी में बनाया जायेगा। पूरे भारत में रिलीज़ करने के ख्याल से इसे दस दूसरी भाषाओँ में भी डब किया जायेगा। महावीर कर्ण को दिसम्बर २०१९ में रिलीज़ किये जाने की योजना है।  तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन महाकाव्य रामायण पर फिल्म बना रहे हैं । इस फिल्म को भी भारी पैमाने पर बनाया जा रहा है। यह फिल्म तेलुगु के अलावा हिंदी और तमिल सहित चार भाषाओं में रिलीज़ होगी। फिल्म में राम की भूमिका राम चरन करेंगे।
महाभारत पर अन्य फ़िल्में
रामायण के अलावा महाभारत पर भी फिल्म या फ़िल्में बनाई जा रही हैं। अभी तक की खबर के अनुसार, महाभारत पर कम से कम से कम दो फ़िल्में या सीरीज बनाई जा सकती है। एक सीरीज की तैयारी तो आमिर खान कर रहे हैं। इसे बड़े पैमाने पर या तो टीवी सीरीज या डिजिटल सीरीज के तौर पर बनाया जायेगा। दूसरी फिल्म दक्षिण से होगी। इस फिल्म का बजट १००० करोड़ रखा गया है। इस फिल्म को भारी पैमाने पर, देश की दूसरी तमाम फिल्म इंडस्ट्री के एक्टरों के साथ बनाया जाएगा ताकि यूनिवर्सल अपील बनी रहे।
ऐसा लगता है जैसे करण जोहर एपिक फिल्मों के हो कर रह गए हैं. वह कलंक के ऐलान से काफी पहले एक फंतासी फिल्म ब्रह्मास्त्र का ऐलान कर चुके हैं. इस फिल्म की काफी शूटिंग इजराइल में हो चुकी है. फिल्म में अमिताभ बच्चन के अलावा रणबीर कपूर, अलिया भट्ट और मौनी रॉय भी केंद्रीय भूमिका में हैं. इस फिल्म का निर्देशन अयान मुख़र्जी कर रहे है. इस फिल्म को ट्राइलॉजी के तौर पर बनाया जायेगा. यह भी हिंदुस्तान की बड़ी फिल्मों में शुमार है. ब्रह्मास्त्र की पहली क़िस्त १५ अगस्त २०१९ को रिलीज़ होगी।

मार्वेल्स के एवेंजर्स और केकेआर स्पेशल फ्रैंचाइज़ी - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Saturday 28 April 2018

मार्वेल्स के एवेंजर्स और केकेआर स्पेशल फ्रैंचाइज़ी

दुनिया के सबसे शक्तिशाली सुपर नायकों- मार्वेल्स एवेंजर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर), जो अपने प्रशंसकों के लिए सबसे जुनूनी जाने जाते हैं, ने इस सीजन में एक खास व्यापारिक रेंज लाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग किया है।

दिल्ली के ग्रैंड होटल आईटीसी मौर्य में इस विशेष मर्चेंडाइज रेंज को लॉन्च किया गया। केकेआर टीम के खिलाड़ियों के साथ इस फे्रंचाइजी के कप्तान दिनेश कार्तिक भी इस मौके पर उपस्थित थे।

बता दें कि नई मर्चेंडाइज रेंज में मार्वल के लोकप्रिय एवेंजर्स फे्रंचाइजी से प्रेरित डिजाइन शामिल हैं, जो आईपीएल टीम के तत्वों, विषयों और रंगों के साथ सहजता से मिश्रित हैं।

संग्रह टी-शर्ट, स्कूल रेंज, मग, बोर्ड गेम, कार्ड गेम, मोबाइल कवर, पावर बैंक और अन्य सहित मर्चेंडाइज के विस्तृत वर्गीकरण को फैलाता है।

एवेंजर्स फे्रंचाइजी और केकेआर के फैंस इन दोनों दुनिया की इस टाॅप जोड़ी के सहयोग आकार लेने वाले बेहतरीन डिजाइनों तक पहुंच सकते हैं।

इस मौके पर केकेआर के सीईओ और एमडी वेंकी मैसूर ने कहा कि मार्वल के एवेंजर्स की शक्ति और कोलकाता नाइट राइडर्स का पंच रोमांचक उत्पादों की इस नई श्रृंखला के साथ प्रशंसकों को प्रसन्न करेगा।

खिलाड़ी वास्तविक जीवन के सुपर हीरोज हैं और हम इस पहल को वापस करने के लिए रोमांचित हैं, जो हमारे खिलाड़ियों और मार्वल के बहुत से प्रिय सुपर हीरोज के बीच तालमेल प्रस्तुत करता है।  

लाइसेंसिंग और मर्चेंडाइजिंग हमारे लिए एक फोकस है, और देश में सबसे बड़े उपभोक्ता उत्पादों के ब्रांडों में से एक के साथ यह साझेदारी उस दिशा में एक कदम है।
                

डिजनी इंडिया के कार्यकारी निदेशक, मुख्य विपणन अधिकारी और स्टूडियो हेड बिक्रम दुग्गल ने कहा कि यह मार्वल सिनेमाई यूनिवर्स की 10वीं वर्षगांठ है और इस सहयोग के साथ, हम अपने भारतीय प्रशंसकों को अपने पसंदीदा सुपर हीरोज के साथ देश में सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले खेल का अनुभव करने का एक शानदार अवसर दे रहे हैं।


स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर रणबीर कपूर की एक्टिंग की पाठशाला - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर रणबीर कपूर की एक्टिंग की पाठशाला

प्रभाष की दूसरी द्विभाषी फिल्म में पूजा हेगड़े

बाहुबली एक्टर प्रभाष एक बार फिर पीरियड फिल्म में नज़र आयेंगे। लेकिन यह फिल्म पीरियड रोमांस फिल्म होगी। 

इस पीरियड रोमांस फिल्म का निर्देशन राधा कृष्णा कुमार कर रहे हैं। 

यह फिल्म दो भाषाओँ तेलुगु और हिंदी में बनाई जायेगी। 

यह प्रभाष की दूसरी तेलुगु हिंदी फिल्म होगी। 

प्रभाष की पहली तेलुगु हिंदी फिल्म साहो की शूटिंग लगभग पूरी होने को है। साहो में प्रभाष की नायिका बॉलीवुड एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर हैं। 

लेकिन, इस पीरियड फिल्म में प्रभाष का रोमांस पूजा हेगड़े हैं। 

पूजा हेगड़े को हिंदी दर्शकों ने आशुतोष गोवारिकर की पीरियड फिल्म मोहनजोदड़ो में देखा था। यह फिल्म फ्लॉप हुई थी। 

लेकिन, पूजा की इसी दौरान रिलीज़, अल्लू अर्जुन के साथ तेलुगु फिल्म दुव्वाडा जगन्नाथम हिट हो गई थी। 

इससे, पूजा हेगड़े तेलुगु फिल्मों में रम गई। 

इस समय वह दक्षिण के तमाम बड़े सितारों के साथ फ़िल्में कर रही हैं। 

हिंदी फिल्मों में भी उन्हें मौके मिल रहे हैं। 

प्रभाष के साथ द्विभाषी फिल्म से पहले उन्हें अक्षय कुमार की फिल्म हाउसफुल ४ के लिए साइन कर लिया गया है। 

क्या प्रभाष और अक्षय कुमार के साथ फिल्मों के ज़रिये पूजा हेगड़े का हिंदी फिल्म करियर नयी करवट लेगा ? 

 शक्ति कपूर और पूनम पांडेय की वापसी !- पढ़ने के लिए क्लिक करें 

शक्ति कपूर और पूनम पांडेय की वापसी !

शक्ति कपूर की दो साल बाद और पूनम पांडेय की तीन साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी होने जा रही है। 

यह दोनों निर्माता- निर्देशक जगबीर दाहिया की फिल्म द जर्नी ऑफ़ कर्मा के नायक- नायिका हैं। 

द जर्नी ऑफ़ कर्मा कहानी है एक गरीब लड़की की, जो अपनी माँ के साथ रहती है।  वह ऊंची शिक्षा प्राप्त करना चाहती है, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं हैं।

ऐसे समय में उसके जीवन में एक बड़ी उम्र का व्यक्ति आता है।  वह अमीर है और लड़की से प्रेम करता है, लेकिन, उम्र का भारी अंतर उसे अपना प्यार व्यक्त करने से रोकता है।

इस फिल्म में लड़की की भूमिका पूनम पांडेय ने और बड़ी उम्र के आदमी की भूमिका शक्ति कपूर ने की है। 

पूनम पांडेय को हिंदी दर्शक उनकी कपडे उतार फेंकने की अदा के कारण जानते पहचानते हैं।

अब यह बात दीगर है कि अपनी इस अदा के बावजूद पूनम पांडेय की फ़िल्में नशा और मालिनी एंड कंपनी सफल नहीं हुई। 

अब जबकि पूनम फिर  वापस आ रही हैं तो अपनी उसी कपड़ा उतार अदा के साथ। 

फिल्म में उस बेचारी गरीब लड़की (पूनम पांडेय) की गरीबी का फायदा उठाने वाली भी कई लोग है।  इसलिए पूनम के पास कपडे उतार फेंकने के कई मौके भी हैं। 

इस फिल्म के टीज़र से, फिल्म के ट्रेलर और पूरी फिल्म  में पूनम पांडेय के बिना या कम कपड़ों के दृश्य देखने को मिलेंगे। 

शक्ति कपूर की पहचान, अपनी फिल्मों की नायिकाओं के कपडे नोच फेंकने वाले विलेन की है।  लेकिन, द जर्नी ऑफ़ कर्मा शक्ति कपूर का किरदार बिलकुल अलग है। 

सूत्र बताते हैं कि इस फिल्म के लिए शक्ति कपूर ने तीन महीने तक अपने बाल नहीं कटवाए और दाढ़ी नहीं बनाई।


इंडियन आइडल १० के जजों का ऐलान - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

इंडियन आइडल १० के जजों का ऐलान

               
                  ~ विशाल ददलानी, नेहा कक्कड़ और अनु मलिक होंगे जज ~

भारतीय टेलीविजन के सबसे बड़े सिंगिंग रिएलिटी शोज़ में से एक के रूप में सम्मानित, सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का इंडियन आइडल अपने १०वें संस्करण में प्रवेश कर गया है! २०१७ में प्रसारित किये गए इस पिछले सीजन को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। इसमें इस सम्मानित टाइटल को जीतने के लिए कई आकांक्षी सिंगर्स को गाते हुए देखा गया था। 

विशाल ददलानी, जो कई रिएलिटी शोज़ का हिस्सा रहे हैं और इस शो के पिछले सीजन में मेहमान के रूप में उपस्थित हुए थे, वह दिलेर पर प्यारी नेहा कक्कड़ के साथ जज की सीट साझा करेंगे।

नेहा कक्कड़ के बारे में एक लाजवाब बात यह है कि आज बेहद सफलता पाने वाली यह गायिका भी कभी इंडियन आइडल का हिस्सा थीं और उन्हें शीर्ष १० प्रतियोगियों में से एक चुना गया था।

वह जज भी शो में वापस आ गए हैं, जिनका सेंस ऑफ ह्यूमर विलक्षण और जो शायरियां सुनाने के अभ्यस्त हैं। यह व्यक्ति कोई और नहीं हमारे अपने सिंगर और संगीतकार अनु मलिक हैं।

इंडियन आइडल १० का सर्वश्रेष्ठ सिंगर चुनने का फैसला लेना अब अनु मलिक, नेहा कक्कड़ और विशाल ददलानी के हाथों में है।

जब विशाल ददलानी से अपने उत्साह को साझा करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं इंडियन आइडल १० के आगामी सीजन में जज की कुर्सी पर बैठने के लिए बेकरार हूँ । मैं कई रिएलिटी शोज़ का हिस्सा रहा हूं, जिनमें इंडियन आइडल जूनियर के साथ मेरा जुड़ा होना भी शामिल है। मैं यह कहना चाहूंगा कि इंडियन आइडल का क्लास भारतीय टेलीविजन पर अन्य म्यूजिक शोज़ से अलग है।

यहां सर्वोत्कृष्ट प्रकार की प्रतिभाएं हैं जो इतने दबदबे के साथ इस प्लेटफार्म पर अपने गायन कौशल का परीक्षण करते हैं कि दर्शक इस शो पर भारत में मौजूद विविधता को देख सकते हैं।

तो खबर फैला दो, कि हम वापस आ गए हैं! मैं सभी आकांक्षी गायक को आगे आने और खुद अपने स्टेज पर अपनी आवाज और अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं।

इस शो से जुड़ने के बारे में, नेहा कक्कड़ ने कहा, “मैं सिंगिंग प्रतिभा के लिए भारत में टेलीविजन पर मौजूद सबसे अच्छे प्लेटफार्म्स में से एक के साथ जुड़कर काफी रोमांचित और उत्साहित हूं।

मेरे सिंगिंग करियर की शुरुआत इसी शो पर एक प्रतिभागी बनने के साथ हुई थी और अब, मैं इसमें जज बनने जा रही हूं। जिंदगी वाकई घूमकर वहीं वापस आ गई है।

मैंने तुरंत ही इंडियन आइडल के जज बनने का ऑफर स्वीकार कर लिया था, क्योंकि मैं जानती हूं कि एक ही स्टेज पर जज किए जाने से लेकर जज करने तक का सफर मेरे लिए एक यादगार अनुभव होने वाला है।

मुझे अब भी शॉर्टलिस्ट किए जाने और टॉप १० में चुने जाने का उत्साह याद है। मुझे एक गायिका के रूप में तैयार करने और मेरे करियर को आकार देने का पूरा श्रेय मैं इंडियन आइडल के प्लेटफार्म को दूंगी।

इस साल यह अभियान ऑडिशन के लिए 'खबर फैला दो' के विचार पर केन्द्रित है, और मैं हर किसी से यह खबर साझा करने की विनती और निवेदन करूंगी कि इंडियन आइडल लौट आया है।

मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि १ मई को जयपुर में शुरू होने वाले ऑडिशंस में हमें सर्वश्रेष्ठ सहभागिता मिले।

अनु मलिक आगे कहते हैं, "मैं इस शो में वापसी करके काफी खुश हूं।

मैं इस शो की शुरुआत से ही जुड़ा रहा हूं। मुझे देश की कुछ अनोखी सिंगिंग प्रतिभाएं देखने का मौका मिला है। हर अनुभव हमेशा बने रहने वाला रहा है।

पिछले सीजन में पूरे भारत से कुछ सर्वश्रेष्ठ सिंगिंग प्रतिभाएं देखने को मिली और प्रतियोगिता भी कठिन थी।

इस बार, हम धमाके साथ वापस आए हैं और खबर फैला दो, कि हम भारत की सर्वश्रेष्ठ सिंगिंग प्रतिभा की खोज के साथ वापस आ गए हैं।

मैं हर आकांक्षी सिंगर से इन ऑडिशंस में आने का निवेदन करता हूं।

इंडियन आइडल एक सम्मानित प्लेटफार्म है जिसने कईयों की जिंदगी बदल दी है और मैं इस शो के साथ जुड़कर गौरवान्वित हूं।"


शो के लिए ऑडिशन १ मई, २०१८ को जयपुर से शुरू होंगे और पूरे भारत से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को चुनने के लिए ११ अलगअलग शहरों में कई ऑडिशन आयोजित किए जाएंगे। 

इनमें लखनऊ, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, देहरादून, चंडीगढ़, कोलकाता, हैदराबाद, दिल्ली, इंदौर और मुंबई शामिल है। खबर फैला दो!    

विकी कौशल का अमृता खानविलकर के साथ ‘लावनी डान्स’ - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

विकी कौशल का अमृता खानविलकर के साथ ‘लावनी डान्स’

धर्मा प्रोडक्शन की ११ मई को रिलीज होने जा रही फिल्म राजीमें आलिया भट, विकी कौशल और अमृता खानविलकर नजर आनेवाले हैं।

इस फिल्म के सेट पर अमृता खानविलकर और विकी कौशल की अच्छी दोस्ती हो गयी।

एक दिन पैकअप के बाद विकी कौशल और अमृता ने मराठी फिल्म नटरंगके वाजले के बाराइस गाने पर डान्स किया। 

सूत्रों के मुताबिक, एक दिन विकी युट्युब पर वाजले की बारायह मराठी गाना देख रहें थे। इस गाने में अमृता ने लावनी नृत्य किया हैं।

विकी को यह गाना काफी पसंद हैं। लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी, की, यह अमृता का ही फेमस गाना हैं।

यूनिट में से किसी ने जब उनसे इस बात का जिक्र किया। तब उन्हें ताज्जुब हुआ।

अमृता का इस गाने में अलग लुक होने की वजह से विकी अपनी को-स्टार को पहचान नही पायें थे।

अमृता खानविलकर को इस बारे में पुछने पर वह कहती हैं, “ हाँ, विकी को यह गाना काफी सालों से पता था। लेकिन उसे यह बात नही पता थी कि यह मेरा ही गाना हैं। क्रु मेंबर से पता चलने पर वह दौडते हुए मेरे पास आयें और बोले, 'मैं तुम्हारा बहुत बडा फैन हूँ ।' 

दरअसल, ‘मसानफिल्म देखने के बाद मैं विकी की फैन हो गयी थी। लेकिन उनसे यह बात सुनकर मुझे काफी अच्छा लगा।


अमृता आगे कहती हैं, “उस वक्त हम पटियाला में शूटिंग कर रहें थे। उस दिन पैक-अप के बाद विकी ने वाजले की बारापर डान्स करने की जिद पकडी।

रात को खाना खाने के बाद हमारी महफ़िल जमी। उसने मुझसे सारी स्टेप्स सिखी। फिर मैने और विकी ने इस गाने पर खूब डान्स किया।

स्पेनिश फिल्म के हिंदी रीमेक में लाश खोजेंगे ऋषि कपूर  ! - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

स्पेनिश फिल्म के हिंदी रीमेक में लाश खोजेंगे ऋषि कपूर !

सबसे ऊपर एल कुरेपो,  वेट्टा (बाएं) और द वैनिश (दायें) 
मलयालम फिल्म निर्देशक जीतू जोसफ की पहली हिंदी फिल्म की स्टार कास्ट अनोखी है।

जीतू जोसफ से हिंदी दर्शक, अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से याद कर सकते हैं, जिसके मूल संस्करण मलयालम दृश्यम का निर्देशन किया था।  

इस हिंदी फिल्म में पहली बार, इमरान हाश्मी और ऋषि कपूर साथ नज़र आएंगे ।

जीतू की यह फिल्म एक स्पेनिश फिल्म एल कुरेपो  (२०१२) की रीमेक है।

फिल्म एल कुरेपो की कहानी एक पुलिस अफसर की है, जिसे उस मृत महिला शरीर की तलाश है, जो एक मुर्दाघर से यकायक लापता हो गई है।

इस खोज के दौरान, उस अफसर को उस औरत की पृष्ठभूमि और उसकी ह्त्या के कारणों का पता चलता है।

इस  क्राइम थ्रिलर फिल्म को अंगेज़ी भाषा में द बॉडी टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया।

फिल्म को समीक्षकों की प्रशंसा मिली।

द बॉडी पर कोरियाई फिल्म द वैनिशड (२०१८) का निर्माण हुआ।

एल कुरेपो को, भारत में पहली बार  रीमेक नहीं किया जा रहा।  इस स्पेनिश फिल्म पर राजेश  पिल्लई ने मलायलम फिल्म वेट्टा (२०१६) का निर्माण किया था।

इस फिल्म को तमिल, कन्नड़ और तेलुगु में भी ओरू मेलिया कोडु/ गेम/ नोटकू पोटू टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया।

जीतू जोसफ की फिल्म  शूटिंग, मई में शुरू हो कर ४५ दिनों तक लगातार चलती रहेगी।  

ऋषि कपूर की अमिताभ बच्चन के साथ हिंदी फिल्म १०२ नॉट आउट ४ मई को रिलीज़ हो रही है। 

फिल्म फ्रंट पर इमरान हाश्मी का कुछ अच्छा नहीं चल रहा।  उनकी पिछली फिल्म, अजय  देवगन के साथ बादशाओ फ्लॉप हुई थी।  उनकी थ्रिलर फिल्म कैप्टेन नवाब का अब तक कोई अतापता नहीं है।  


एस्क्वायर मैगज़ीन में प्रियंका चोपड़ा - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

एस्क्वायर मैगज़ीन में प्रियंका चोपड़ा

 
प्रियंका चोपड़ा, पिछले दिनों, अमेरिका में अपने शो क्वांटिको ३ के प्रमोशन में गई हुई थी।  इस दौरान, उन्होंने काफी जगहों पर क्वांटिको कर प्रचार किया।  इस शो को लेकर मीडिया से बात चीत की।  इस तीन के दौरे में, लगातार व्यस्त होने के बावजूद, प्रियंका चोपड़ा थकावट से कोसों दूर थी।  उनकी इस एनर्जी की सराहना पत्रकारों ने भी की।
प्रचार के दौरान, प्रियंका चोपड़ा ने, अमेरिका की मशहूर पुरुष मैगज़ीन एस्क्वायर से बातचीत की और फोटो सेशन किया।  इस मैगज़ीन के पत्रकार को, प्रियंका चोपड़ा अपनी फुर्ती, ताज़गी और ख़ुशमिज़ाजी के लिहाज़ से क्वांटिको की एफबीआई एजेंट अलेक्स परिष जैसी लगी।  वह लिखता है, "दोनों (प्रियंका चोपड़ा और अलेक्स परिष) अतिशय तनाव के क्षणों में भी, प्रसन्नचित्त रहने वाली असंभव सुंदरियाँ हैं।  दोनों ही अमरीका की सांकेतिक भाषा सहित, कई भाषाओँ की जानकार है।"
प्रियका चोपड़ा से, जब क्वांटिको के चौथे सीजन में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो प्रियंका ने साफ कहा कि वह भारत या अमेरिका तक सीमित रहना नहीं चाहती।  मैं पूरी दुनिया तक पहुंचना चाहती हूँ। जहाँ तक मेरे काम का सवाल है, जब तक लोग मुझे देखना चाहेंगे, मैं काम करती रहना चाहूंगी। 

ओबेरॉय मॉल में अवेंजर्स के किरदार !

स्कोर ट्रेंड्स इंडिया पर प्रियंका चोपडा ने पछाड़ा दीपिका पादुकोण को

बॉलीवूड की अंतरराष्ट्रीय आइकन प्रियंका चोपडा हमेशा अव्वल दर्जे का काम करने में विश्वास रखती हैं। अब स्कोर ट्रेंड्स इंडिया के चार्ट्स पर वह इस बार लोकप्रियता में वह अव्वल स्थान पर हैं। 

प्रियंका के बाद स्कोर ट्रेंड्स की सूचि में आलिया भट दूसरे, सोनम कपूर तीसरे और दीपिका पदूकोण चौथे स्थान पर पहूँच गयीं हैं। यह आंकडे अमरिका की मीडिया टेक कंपनी स्कोर टेंड्स इंडिया व्दारा दिए और  प्रमाणित हैं।  

प्रियंका चोपडा की सलमान खान के साथ रहीं फिल्म भारत की घोषणा से प्रियंका पिछले दिनों हर मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा का विषय बनीं।

सलमान खान हमेशा लोकप्रियता के शिखर पर रहनेवाले कलाकार हैं।

ऐसे में सलमान खान के साथ प्रियंका के फिल्म की घोषणा ने उन्हें डिजीटल तथा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर ट्रेंडिंग बनायें रखा। 

पिछले सप्ताहांत निकाले गए आंकडों के मुताबिक प्रियंका को अप्रैल के दूसरे सप्ताह में 87.43 अंक हासिल हुए। तो दूसरे स्थान पर रहीं आलिया भट को 54.67 अंक मिले हैं। 

स्कोर ट्रेंड्स के सह-संस्थापक अश्वनी कौल कहते हैं, "प्रियंका सोशल मीडिया में काफी लोकप्रिय हैं। ट्विटर, फेसबुक, डिजिटल न्यूज, ब्रॉडकास्ट, वायरल न्यूज और सभी प्रिंट प्रकाशन में वह चर्चा में रहीं प्रियंका 87.43 अंकों के साथ बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय सेलिब्रिटी बन गयीं।" 



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मीरा से अम्बालिका और हैप्पी तक डायना पेंटी

पारसी पिता और क्रिस्चियन माँ की संतान डायना पेंटी अपने लुक से ठेठ हिंदुस्तानी नहीं, काफी मॉडर्न लगती है।

लेकिन, उन्होंने फिल्मों में जो भूमिकाये की हैं, वह ठेठ हिंदुस्तानी है।

"मुंबई की इस मॉडल ने अपने करियर की शुरुआत होमी अदजानिया की सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म कॉकटेल (२०१२) से की थी। उस समय तक, सैफ और दीपिका की जोड़ी इम्तियाज़ अली की फिल्म लव आजकल (२००९) से हिट हो चुकी थी। कॉकटेल के दर्शक इन्ही दोनों की केमिस्ट्री का मज़ा लेने आये थे।"

लेकिन, बाज़ी मार ले गई डायना पेंटी। 

वह फिल्म में हिंदुस्तानी लिबास में रहने, ईश्वर की पूजा करने वाली मीरा का किरदार कर रही थी।  फिल्म हिट हुई।

हालाँकि, कॉकटेल दीपिका के ग्लैमर पर काफी केंद्रित थी।

मगर, सीधी सादी मीरा की भूमिका में डायना ने दर्शकों को प्रभावित किया था।

अजीब बात यह हुई कि पहली हिट फिल्म और अपनी अभिनयशीलता प्रभाव छोड़ने के बावजूद डायना पेंटी की दूसरी फिल्म हैप्पी भाग जाएगी चार साल बाद यानि २०१६ में रिलीज़ हुई।

हैप्पी भाग जाएगी, डायना के किरदार हैप्पी पर केंद्रित कॉमेडी फिल्म थी। छोटे बजट की इस फिल्म को बड़ी सफलता हासिल हुई।

इस फिल्म के बाद, २०१७ में रिलीज़ फिल्म फरहान अख्तर के साथ डायना की फिल्म लखनऊ सेंट्रल बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। लखनऊ सेंट्रल में डायना ने एक एनजीओ वर्कर गायत्री कश्यप की भूमिका की थी। डायना के काम की प्रशंसा हुई।

फिर भी, डायना को नई फिल्मों की किल्लत होती रही।

मगर, अपनी पांच सालों में रिलीज़ तीन फिल्मों से डायना ने हिंदी फिल्म निर्माताओं का ध्यान खींच लिया था ।

हैप्पी भाग जायेगी के निर्माता आनंद एल राज ने अपनी हैप्पी यानि डायना पेंटी पर विश्वास कायम रखा । हैप्पी फिर भाग जायेगी में डायना पेंटी फिर हैप्पी की भूमिका में हैं ।

अलबत्ता, इस फिल्म में कहानी की मांग के अनुसार दूसरी हैप्पी सोनाक्षी सिन्हा के रूप में आ गई है ।

बताते चलें हैप्पी फिर भाग जाएगी से पहले, २५ मई को, डायना पेंटी, फिल्म परमाणु द स्टोरी ऑफ़ पोखरण में भारतीय सेना की कैप्टेन और जॉन अब्राहम की सहयोगी अम्बालिका की भूमिका में दर्शकों का परिचय अपनी जांबाजी से करा रही होंगी ।

बेशक, शुरूआती दौर में ही दो दो हिट फिल्मों के बावजूद बॉलीवुड द्वारा डायना को तरजीह नहीं देना, डायना के लिए निराशाजनक था ।

लेकिन, इस साल कसर पूरी हो सकती है ।

पहले, परमाणु और हैप्पी फिर भाग जायेगी के बाद डायना को बॉलीवुड अपनी फिल्मों में शामिल करने लगेगा । 


बॉलीवुड में हिट-फ्लॉप होता रहा है मज़दूर - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

बॉलीवुड में हिट-फ्लॉप होता रहा है मज़दूर

आगामी दो फ़िल्में महत्वपूर्ण हैं। यशराज बैनर की फिल्म सुई धागा : मेड इन इंडिया और दक्षिण से तमिलतेलुगु और हिंदी में बनाई गई फिल्म काला।  यशराज फिल्म्स के बैनर तले सुई धागा में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा केंद्रीय भूमिका में है।  इस फिल्म में वरुण धवन एक मज़दूर की भूमिका में हैं।  उनके साइकिल या बस पर सवारटिफ़िन थामे चित्र सोशल साइट्स पर नज़र आते हैं।  दक्षिण की फिल्म काला में रजनीकांत टाइटल रोल यानि करिकालन काला की भूमिका कर रहे हैं।  यह एक तमिल भाषी मज़दूर हैजिसे मुंबई में रहते हुए रंगभेद का शिकार होना पड़ता है। इससे दुखी हो कर वह खुद का नाम काला रख लेता है।  फिर वह इतना ताक़तवर बनता है कि सब उसके सामने झुकते हैं। यह दो फ़िल्में बताती हैं कि बॉलीवुड या दक्षिण की फिल्म इंडस्ट्री चाहे कितनी बदल गई होमज़दूर और मालिक अथवा वर्ग विभेद कथानक के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हैं।अगरकहानी और अभिनय की दरकार है तो इमोशन के लिहाज़ से मज़दूर की दशा और जोश के लिहाज़ से वर्ग भेद महत्वपूर्ण कारक बन जाता है।  भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की यह सोच आज की नहींहमेशा से रही है।
महबूब खान की फिल्मों का वर्ग संघर्ष
पुराने दौर की फिल्मों का विषय वर्ग संघर्ष, किसान ज़मींदार, शोषण ही हुआ करता था । पचास के दशक की फिल्मों की बात करते हैं ! कभी महबूब खान का बैनर महबूब प्रोडक्शनस का लोगो हंसिया और हथौड़ा हुआ करता था । यह चिन्ह वर्ग संघर्ष और साम्यवाद के प्रतीक थे । महबूब खान की फ़िल्में प्रमाण है कि उन्होंने अपनी सोच के अनुरूप अपनी फिल्मों में किसान, साहूकार और शोषण को अहमियत दी । महबूब खान की फिल्म औरत (१९४०) और इसकी रीमेक फ़िल्म मदर इंडिया (१९५७) स्त्री शक्ति के साथ साथ खेतिहर मज़दूर की दशा और सहकर के शोषण पर केन्द्रित थी । महबूब खान की फिल्म आन एक आम आदमी के एक राजकुमारी से प्रेम की कहानी थी । उन्होंने हुमायूँ में आम जनता को महारानी से भी ऊपर दिखाया था । उनकी फिल्म रोटी भी वर्ग संघर्ष पर, पूंजीपतियों के खिलाफ फिल्म थी ।
चोपड़ाओं की मज़दूर फ़िल्में
बॉलीवुड के चोपड़ा बंधुओ बीआर चोपड़ा और यशराज चोपड़ा की फिल्मों में मज़दूर की बात हुई है । वर्ग संघर्ष चित्रित हुआ है । बलदेव राज चोपड़ा (बीआर चोपड़ा) की १९५७ में रिलीज़ फिल्म नया दौर दो दोस्तों की कहानी के बीच किसान और खेत खलिहान की बात करने वाली फिल्म थी । इस फिल्म के गीत साथी हाथ बढ़ाना और यह देश है वीर जवानों का जोशीले और आम आदमी की बात कहने वाले थे । यश चोपड़ा के निर्देशन में बीआर फिल्म्स की फिल्म आदमी और इंसान में भी दोस्ती के साथ वर्ग संघर्ष का चित्रण हुआ था । चोपड़ा बंधुओं की फिल्म मज़दूर तो पूरी तरह से मज़दूरों पर केन्द्रित और वर्ग संघर्ष की वकालत करने वाली थी । यश चोपड़ा की फिल्म त्रिशूल (१९७८) मिल मालिक और मज़दूर के टकराव,  काला पत्थर (१९७९) कोयला खान मज़दूरों पर तथा मशाल (१९८४) एक पत्रकार और मज़दूर किरदारों का पूंजीवाद के खिलाफ संघर्ष की फ़िल्में थी ।
जब मज़दूर बने सुपर स्टार
सशक्त कहानियां हो और अभिनय का माद्दा हो तो सुपर स्टार भी मज़दूर का चोला पहनने से गुरेज़ नहीं करते । दिलीप कुमार की मज़दूर की भूमिका में नया दौर और पैगाम जैसी फ़िल्में उल्लेखनीय हैं । यह फ़िल्में वर्ग संघर्ष की समर्थक थी । दिलीप कुमार, फिल्म गंगा जमुना में किसान की भूमिका में थे, जो ज़मींदार के अत्याचार के खिलाफ बन्दूक उठाने को मज़बूर हो जाता है । राजेंद्र कुमार की फिल्म गंवार किसान और जमींदार के बीच संघर्ष की कहानी थी । अमिताभ बच्चन ने तो मज़दूर या कुली बन कर काफी शोहरत हासिल की । उनकी मज़दूर किरदार वाली फिल्मों में नमक हराम, दीवार, काला पत्थर, कुली, त्रिशूल आदि उल्लेखनीय हैं । अमिताभ बच्चन नमक हराम में एक पूंजीपति के बेटे बने थे तो त्रिशूल में उसकी अवैध संतान थे । शाहरुख़ खान ने फिल्म कोयला में एक मज़दूर की भूमिका की थी । फिल्म नमक हराम में राजेश खन्ना मज़दूर बने थे । फिल्म अवतार में वह मज़दूर बने थे तो राजेश खन्ना अभिनीत नासिर हुसैन निर्देशित फिल्म बहारों के सपने पूरी तरह से मज़दूरों पर केन्द्रित थी ।
किसान/मजदूर और जमींदार टकराव की डाकू फ़िल्में
पुराने दौर की ज़्यादातर डाकू फ़िल्में शोषण और अत्याचार का परिणाम थी । मदर इंडिया जैसे ढेरो फिल्मों में साहूकार का शोषण था तो गंगा जमुना जैसी फिल्म जमींदार के अत्याचार की कहानी थी । ज़मींदार के अत्याचार से तंग आकर डाकू बन जाने वाले किरदार केवल हीरो ही नहीं था, हीरोइन को भी डाकू बनाना पसंद था । सुनील दत्त ने मदर इंडिया के डाकू किरदार से जो शोहरत पाई, उसके परिणामस्वरुप वह फिल्म दर फिल्म डाकू बनते चले गए । इस लिहाज़ से मुझे जीने दो उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्म थी । अमिताभ बच्चन ने भी बहुत से डकैत फ़िल्में की । हिंदी फिल्मों में अमिताभ बच्चन की नायिका रह चुकी रेखा, श्रीदेवी, जयाप्रदा, हेमा मालिनी, आदि ने भी बदला लेने के लिए डाकू बनाना पसंद किया । बॉलीवुड की बी ग्रेड की ज़्यादातर फ़िल्में ज़मींदार के खिलाफ बन्दूक उठा लेने की कहानी थी ।
नए दौर की फ़िल्में
अस्सी के दशक के बाद हिंदी फिल्मों के कथानक में काफी बदलाव आया है । दर्शकों को मज़दूरों की कहानी वाली फ़िल्में नापसंद हो गई थी । निर्देशक महेश मांजरेकर की फिल्म सिटी ऑफ़ गोल्ड बॉम्बे की कपड़ा मिलो, उनके बंद होने और मज़दूरों के शोषण पर फिल्म थी । लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई । चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म जेड प्लस भी बुरी तरह से असफल हुई । इसके बावजूद, मज़दूर, मिल मालिक, वर्ग संघर्ष पर कुछ फ़िल्में बनी । आमिर खान की फिल्म पीपली लाइव गाँव की पृष्ठभूमि पर न्यूज़ चैनल पर व्यंग्य करती थी । मणिरत्नम की फिल्म गुरु, रिलायंस के संस्थापक धीरुभाई अम्बानी पर फिल्म थी । इस फिल्म में अम्बानी सीनियर के किरदार को मज़दूर समर्थक दिखाया गया था ।
काला और सुई धागा को हिंदी में अपवाद फ़िल्में ही कहा जाना होगा । अब हिंदी फिल्म निर्माताओं का ज्यादा ध्यान चमक-दमक, ग्लैमर और सेक्स पर लगी हुई है । मज़दूर या वर्ग संघर्ष पर फिल्मों में इसकी गुंजाईश नहीं होती । ऐसी फिल्मों को दर्शक स्वीकार भी नहीं कर रहा । यह कारण है कि प्यासा, सत्यकाम, दो बीघा ज़मीन, आदि फिल्मों की कोई गुंजाईश नहीं है । इसके बावजूद, लगान, स्वदेश, इक़बाल, कॉर्पोरेट, शंघाई, चक्रव्यूह, मटरू की बिजली का मनडोला, आदि फ़िल्में देखने को मिल रही हैं ।

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