सुशांत सिंह राजपूत द्वारा कथित आत्महत्या को एक महीना ७ दिन हो चुके हैं।
इसके बावजूद महाराष्ट्र पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाई है। ऐसा नहीं कि
पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुँचना नहीं चाहती। दरअसल, वह सभी आरोपों की जांच इस प्रकार से कर लेना
चाहती है ताकि शक और मीनमेख की गुंजाईश न रहे। इसलिए आत्महत्या, आत्महत्या
के लिए उकसाने तथा हत्या के कोणों को पुलिस खंगाल रही है। इसी के तहत, फिल्म
निर्माता, निर्देशक और
सह कलाकारों से पुलिस ने पूछताछ कर रही है। ज़ल्द ही कुछ पत्रकारों की भी बारी आ
रही है कि उन्होंने किसी एक्टर या फिल्म निर्माता के कहने पर सुशांत सिंह राजपूत
के खिलाफ लिखा। इससे सुशांत सिंह हतोत्साहित हुए और उन्होंने आत्महत्या कर ली।
करियर की प्रस्तावना
इसे समझने के लिए सुशांत सिंह राजपूत के करियर ग्राफ पर और बीच के
घटनाक्रमों पर निगाह डालना बेहतर होगा। सुशांत सिंह राजपूत द्वारा साइन की गई, रिलीज़ और
बंद कर दी गई फिल्मों पर नज़र डाली जाए तो दिलचस्प तथ्य निकल कर आते हैं। कुछ
पत्रकारों द्वारा उन्हें ट्रोल किये जाने को, सुशांत की सफल फिल्मों की रोशनी में देखना
भी दिलचस्प होगा। इनसे एक ऎसी कहानी उभर कर आती हैं, जिसमे एक छोटे शहर के एक्टर को मेट्रो
एक्टरों और उनके पत्रकार गुर्गों ने निराशा के ऐसे गर्त में इस तरह धकेल दिया कि
उसने मौत को गले लगा लिया। आइये जानते हैं ऐसे कुछ तथ्य।
टीवी सीरियल से शुरुआत
सुशांत सिंह राजपूत के अभिनय जीवन की शुरुआत टीवी सीरियल पवित्र रिश्ता के
मानव की भूमिका से ज़ोरदार हुई थी। हालाँकि, वह इससे पहले किस देश में है मेरा दिल
सीरियल कर चुके थे। लेकिन,
पवित्र रिश्ता के मानव और अर्चना की जोडी हर भारतीय घर की आदर्श जोड़ी बन
गई। सुशांत सिंह राजपूत के निजी जीवन में रोमांटिक होने की खबरे आम हो चलीं।
हालाँकि, जून २००९ से
शुरू हुआ शो पवित्र रिश्ता अक्टूबर २०१४ तक चलता रहा था। लेकिन, सुशांत सिंह
राजपूत फिल्मों में काम करने की इच्छा से बॉलीवुड के बियावान में भटकने को निकल
पड़े थे। उस समय उन्हें यह एहसास तक नहीं रहा होगा कि उन्होंने छोटे शहर के आदर्श
बेटे और पति की जिस छवि की वजह से इतनी लोकप्रियता पाई है, रियल लाइफ
की वह छवि उनके करियर में आड़े आएगी। मेट्रो का सेलेब्रिटी उन्हें कमतर आंकेगा, उनका अपमान
करेगा।
पहली दो सफल
सुशांत सिंह राजपूत का पहला ऑडिशन अभिषेक कपूर ने अपनी फिल्म काई पो चे के
ईशान भट्ट की भूमिका के लिए लिया था। सुशांत सेलेक्ट कर लिए गए। जिला स्तर के
क्रिकेटर की इस भूमिका को सुशांत ने इतने बेहतर तरीके से किया कि फिल्म को बॉक्स
ऑफिस पर दर्शक भी मिले और समीक्षकों की सराहना भी। इसी समय, सुशांत को
यशराज बैनर से शुद्ध देसी रोमांस के साथ दो दूसरी फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट भी मिल
गया। इस समय,
सुशांत सिंह राजपूत के पास तीन फ़िल्में डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्षी, एमएस धोनी अ
अनटोल्ड स्टोरी और पानी थी। पहले काई पो चे और शुद्ध देसी रोमांस प्रदर्शित हुई।
सुशांत की यह दोनों शुरूआती फ़िल्में सफल हुई।
हिट के बावजूद !
इसके बावजूद,
यशराज फिल्म्स ने पानी का प्रोजेक्ट बंद कर दिया। क्योंकि, इसी बीच
उनकी, सुशांत सिंह
राजपूत अभिनीत दूसरी फिल्म डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्षी फ्लॉप हो गई थी। हालाँकि, इस फिल्म से
पहले, सुशांत
राजकुमार हिरानी की फिल्म पीके मे आमिर खान और अनुष्का शर्मा के साथ स्क्रीन शेयर
कर चुके थे। निर्माता दिनेश विजन भी अपनी बतौर निर्देशक बड़े बजट की पहली फिल्म
राबता की शुरुआत सुशांत सिंह के साथ कर चुके थे। इधर सुशांत की सितम्बर २०१६ को
रिलीज़ फिल्म एमएस धोनी अ अनटोल्ड स्टोरी हिट हो गई।
बेफिक्रे की आलोचना
ऐसा लगता था कि काई पो चे, शुद्ध देसी रोमांस, पीके और
एमएस धोनी के बाद सुशांत सिंह राजपूत को बड़े बैनर की फ़िल्में मिलने लगी हैं।
क्योंकि, निर्माता
करण जौहर ने,
करण मनसुखानी निर्देशित एक्शन थ्रिलर डाका फिल्म ड्राइव में जैक्वेलिन
फ़र्नांडेज़ के साथ सुशांत को ले लिया था। तभी एक घटना हो गई। दरअसल, निर्देशक
आदित्य चोपड़ा की रणवीर सिंह और वाणी कपूर के साथ महँगी फिल्म बेफिक्रे दिसम्बर
२०१६ में रिलीज़ हुई। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई । जनवरी २०१७ में, पत्रकारों
से बात करते हुए,
सुशांत ने बेफिक्रे की कड़ी आलोचना कर दी। सुशांत के द्वारा एक बड़े बैनर और
निर्देशक की फिल्म की इस बुरी आलोचना को मीडिया में खूब उछाला गया।
बुरे दिन शुरू
इसके साथ ही सुशांत के बुरे दिन शुरू हो गए। यशराज बैनर ने, इस बात का
बड़ा बुरा माना। आदित्य चोपड़ा ने इसे दिल पर ले लिया। अब अख़बारों में ब्लाइंड आइटम
लिख कर सुशांत को हिट किया जाने लगा। सुशांत सिंह राजपूत की फिल्मों की रफ़्तार
धीमी पड़ गई। ड्राइव की शूटिंग मार्च २०१७ में शुरू हो गई थी। लेकिन, इसके शूट की
रफ़्तार कछुआ चाल में थी। राबता की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तो पत्रकारों ने
उन्हें रुड की संज्ञा दे दी। राबता की असफलता ने, पत्रकारों को खाद पानी दे दिया। इस बीच
सुशांत ने अपनी पीआर फर्म रेनड्राप को ड्राप कर स्पाइस को ले लिया। फिर भी
पत्रकारों के साथ उनके संबंधों की कटुता ख़त्म नहीं हुई।
मीडिया की खिलाफत
कहा जा सकता है कि राबता की असफलता के बाद, बॉलीवुड का मीडिया उनके खिलाफ सा था। अगस्त २०१७ में सुशांत सिंह राजपूत चंदा मामा
दूर के फिल्म की तैयारियों के लिए अमेरिका में नासा चले गए थे। लेकिन, इधर भारत
में राजीव मसंद नामक पत्रकार अपने ब्लाइंड कॉलम में सुशांत को 'चुका हुआ' और 'असुरक्षित
एक्टर' बता रहे थे।
२०१८, सुशांत के
लिए ख़ास तौर पर खराब रहा। इस साल, उनकी फिल्म चंदा मामा दूर के बंद कर दी गई। राजीव
मसंद ने तो उन्हें 'ओवरपेड
आउटसाइडर' लिख कर, बॉलीवुड में
भाई भतीजावाद की एक प्रकार से पुष्टि कर दी।
दिल बेचारा का बेचारा सुशांत
जुलाई २०१८ में दिल बेचारा की शूटिंग शुरू हुई। लेकिन, कुछ समय बाद
ही फिल्म की नायिका संजना सांघी ने, सुशांत पर छेड़छाड़ का आरोप लगा कर, फिल्म का
सेट छोड़ दिया। फिर तो जैसे भिन्न वेबसाईट और टेबलायड में सुशांत सिंह राजपूत पर
ब्लाइंड आइटम लिखे जाने लगे। पिंकविला ने उन्हें 'ऐयाश' और मुंबई मिरर ने 'लड़कीबाज़' बता दिया।
जुलाई २०१९ में पिंकविला ने रिया चक्रवर्ती का मामला उठाते हुए ब्लाइंड लिखा कि
रिया के भाई ने छिछोरे के सेट पर बवाल किया।अगस्त में मुंबई मिरर ने सुशांत पर
ब्लाइंड आइटम किया कि उन्हें छिछोरे के प्रमोशन से हटाया दिया गया है। राजीव मसंद ने नवम्बर २०१९ में एक बार फिर
सुशांत सिंह राजपूत पर मीटू का आरोप लगा दिया।
दो सफलताओ पर भारी एक असफलता
हालाँकि,
एमएस धोनी के बाद सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म केदारनाथ और छिछोरे हिट हुई
थी। लेकिन, सोन चिड़िया
की असफलता को ज्यादा वजन दिया गया। करण जौहर ने बार बार तारीखे तय हो जाने के
बावजूद ड्राइव की रिलीज़ किसी न किसी कारण से बदल दी। अंततः यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर
ही रिलीज़ हो सकी। दिल बेचारा भी उनके जीवन काल में ही डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज़
होने के लिए लाइन में लगा दी गई थी। यह किसी भी एक्टर के लिए बड़ा झटका था।
अब पत्रकारों की बारी
पुलिस ने फिल्म से जुड़े तमाम बैनर, निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली, मुकेश छाबड़ा, मुकेश भट्ट, यशराज बैनर
के दो पूर्व अधिकारियों के अलावा कुछ पीआर फर्म के प्रमुखों से भी पूछताछ की है।
अब पुलिस की निगाहें ब्लाइंड आइटम पर हैं। पुलिस, बॉलीवुड के राजीव मसंद जैसे कुछ बड़े पत्रकार
और कमाल राशिद खान जैसे स्वयंभू पत्रकारों से पुलिस पूछताछ करने के लिए बुला सकती
है। उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के खिलाफ ब्लाइंड आइटम और
तल्ख़ टिप्पणियां किसी बड़े निर्माता के इशारे पर तो नहीं लिखी?