मशहूर
निर्माता मुशीर- रियाज़ ने गुलशन नंदा के उपन्यास सिसकते साज़ पर एक फिल्म मेहबूबा
का निर्माण १९७६ में किया था। शक्ति सामंत द्वारा निर्देशित पुनर्जन्म पर आधारित
इस संगीतमय फिल्म का संगीत राहुल देव
बर्मन ने संजोया था। इस फिल्म में राजेश खन्ना,
हेमा
मालिनी, प्रेम चोपड़ा, असरानी और आशा सचदेव की
भूमिकाये थी। इस फिल्म के तमाम गीत
लोकप्रिय हुए थे। इनमे एक लता मंगेशकर और
किशोर कुमार का अलग अलग गाया गया गीत मेरे नैना सावन
भादो भी था। क्या आप जानते हैं कि किशोर कुमार ने पहली बार
में इस गीत को गाने से मना कर दिया था? लेकिन, क्या आप यह भी जानते हैं कि
उन्हें इसे गाने से क्यों मना किया था ? कहते हैं कि जब पंचम दा ने
किशोर कुमार को इस गीत के बारे में बताया तो उन्होंने इसे गाने से मना कर दिया ।
ऐसा नहीं था कि वह राग शिवरंजनी में इस गीत को गाना नहीं चाहते थे । उन्होंने
पंचमदा से कहा कि पहले तुम इसे लता मंगेशकर से रिकॉर्ड करवा लो । पंचमदा ने किशोर
कुमार की बात मान ली और गीत लता मंगेशकर की आवाज़ में रिकॉर्ड करवा लिया । किशोर
कुमार ने लता द्वारा गाये गए इस गीत को खूब सुना । इसके बाद ही उन्होंने इस गीत को
रिकॉर्ड करवाया। अब यह बात दीगर है कि दर्शकों ने लता और किशोर के गाये इस गीत को
पसंद किया. लेकिन, ज्यादा सफलता मिली किशोर कुमार के गये वर्शन को ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday 20 July 2020
किशोर कुमार ने इस गीत को गाने से क्यों मना किया ?
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झिलमिल अतीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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