२०१४ की शुरू में केप टाउन साउथ अफ्रीका में निर्देशक अनुराग बासु की फिल्म जग्गा जासूस की शूटिंग शुरू हुई थी। इस दौरान रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ के बीच कुछ रोमांटिक दृश्य और गीत फिल्माए जा रहे थे। लेकिन बीच बीच में इन दोनों के बीच किसी बात को लेकर वाद विवाद होता रहता था। इसलिए इन रोमांटिक गीतों में रोमांस पैदा नहीं हो पा रहा था। इसके बावजूद २० मार्च तक अनुराग बासु अपनी फिल्म की २० प्रतिशत शूटिंग पूरी कर चुके थे। लेकिन फिल्म के रशेस देखने के बाद अनुराग को रणबीर कपूर के काम में कमी नज़र आई। इसी बीच रणबीर कपूर एक दूसरे अनुराग यानि अनुराग कश्यप की फिल्म बॉम्बे वेलवेट की शूटिंग कर रहे थे। बॉम्बे वेलवेट १५ मई २०१५ को रिलीज़ भी हो गई। लेकिन जग्गा जासूस लटकती चली गई। इसके बाद शूटिंग के शुरू होने और रुकने तथा फिर शुरू होने का सिलसिला चलता ही गया। इस दौरान अनुराग बासु का जग्गा रॉय, बॉम्बे वेलवेट और तमाशा जैसी फ्लॉप और ऐ दिल है मुश्किल जैसी हिट फ़िल्में दे चूका था।
तीन साल का अरसा बहुत लंबा होता है। दर्शक इंतज़ार करते करते ऊब जाते हैं। फिल्म की स्टार कास्ट और कहानी चमक खो बैठती है। जब तक फिल्म रिलीज़ होती है, दर्शकों के लिए बासी पड़ चुकी होती है। हिंदी फिल्मों का इतिहास गवाह है कि लम्बे समय से बन रही या रुकी हुई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर चमत्कार नहीं कर पाती। ज़्यादातर फ़िल्में फ्लॉप ही हो जाती है। आइये जानते हैं ऎसी ही कुछ लम्बे समय से रुकी फ्लॉप फिल्मों के बारे में -
इकत्तीस सालों में यार मेरी ज़िन्दगी
निरीक्षक मुकुल दत्त ने अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, शारदा और सुधा चंद्रन के साथ फिल्म अपराजित का निर्माण शुरू किया था। उस समय अमिताभ बच्चन संघर्षरत थे। कई कठिनाइयों के बाद उकता आकर दत्त ने १९७६ में फिल्म छोड़ दी। १९९३ में डायरेक्टर अशोक गुप्ता ने इस प्रोजेक्ट को अपने हाथों में लिया। उन्होंने फिल्म को एक साल में पूरा भी कर लिया। फिल्म का म्यूजिक भी रिलीज़ हो गया। फिर २००८ में अशोक मिश्रा ने फिल्म के प्रदर्शन के अधिकार खरीद लिए और अशोक गुप्ता के साथ अपराजित को यार मेरी ज़िन्दगी टाइटल के साथ महाराष्ट्र में सिर्फ २० प्रिंटों में रिलीज़ किया। इसके बावजूद बासी पड़ चुकी यह फिल्म फ्लॉप हुई।
पंद्रह साल बाद सनम तेरी कसम- सैफ अली खान और पूजा भट्ट की इस फिल्म का पहला ट्रेलर सम्बन्ध टाइटल के साथ सैफ की एक दूसरी रिलीज़ फिल्म एक था राजा (१९९६) के साथ रिलीज़ हुआ था। चालीस दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरी लॉरेंस डिसूज़ा की यह फिल्म कानूनी पचड़े में पड़ने के कारण रुकती गई। इस फिल्म को २००१ में रिलीज़ करने के लिए यह प्यार ही तो है टाइटल भी दिया गया। लेकिन, आखिरकार २०१० में जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो उस समय तक फिल्म के डायरेक्टर लॉरेंस डिसूज़ा और नायक सैफ अली खान तक फिल्म को भूल गए थे। सैफ ने तो फिल्म देख कर सनम तेरी कसम का प्रमोशन करने से भी मना कर दिया था। इस फिल्म ने सिर्फ ५ लाख का ग्रॉस किया।
ग्यारह साल बाद ये लम्हे जुदाई के
जब शाहरुख़ खान डर, बाज़ीगर , आदि जैसी हिट फ़िल्में कर रहे थे उसी दौर में शाहरुख़ खान ने रवीना टंडन के साथ फिल्म जादू (१९९३) साइन की थी। वक़्त के साथ शाहरुख़ खान ने महसूस किया कि उन्होंने गलत प्रोजेक्ट साइन कर लिया है। इसलिए वह फिल्म से बाहर हो गए। इसके बाद फिल्म डिब्बा बंद कर गई। एक दिन न जाने क्या सोच कर निर्माता आर जी नय्यर ने कुछ नई कास्ट जोड़ कर शाहरुख़ खान और रवीना टंडन के शूट किये गए दृश्यों के बीच इनको शूट कर फिल्म को रिलीज़ कर दिया। फिल्म डिजास्टर साबित हुई।
दस साल बाद दीवाना मैं दीवाना
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने गोविंदा के साथ इस फिल्म को अपने करियर की शुरुआत में साइन किया था। २००३ में जब यह फिल्म शुरू हुई, तब इसका नाम एक हसीना एक दीवाना था। धीमी रफ़्तार से बनती और रुकती इस फिल्म के निर्देशक-लेखक विन्सेंट सेल्वा थे। इस फिल्म के बनाने के दौरान ही प्रियंका चोपड़ा का सनी देओल के साथ फिल्म द हीरो में डेब्यू हो गया। इसके बाद प्रियंका चोपड़ा की अक्षय कुमार और लारा दत्ता के साथ फिल्म अंदाज़ हिट हो गई। अब एक हसीना एक दीवाना की बागडोर के सी बोकाडिया के हाथ में आ गई। उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर विन्सेट सेल्वा की जगह अपना नाम दर्ज़ करवाने के साथ ही फिल्म का नाम कसूर रख दिया। इसके बाद ही फिल्म की कछुआ गति रुकी नहीं। दस साल बाद, २०१३ में जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो टाइटल बदल कर दीवाना मैं दीवाना हो गया था। दस साल बाद रिलीज़ प्रियंका चोपड़ा की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर मात्र १२ लाख ही कमा सकी।
नौ साल बाद महबूबा- संजय दत्त, मनीषा कोइराला और अजय देवगन की इस फिल्म का निर्माण १९९९ में शुरू हुआ था। अफज़ल खान की यह फिल्म एक रोमांस ड्रामा फिल्म थी। जिसमे मनीषा कोइराला ने दोहरा जीवन जीने वाली लड़की का किरदार किया था। इस फिल्म की शूटिंग अजय देवगन के अपने दूसरे प्रोजेक्ट में जुटे होने के कारण पूरी नहीं हो सकीय। उस समय तक सौदागर की हिट मनीषा फिल्मो से बाहर हो गई थी। इस फिल्म को डिजास्टर मूवी माना जाता है।
छह साल बाद मिलेंगे मिलेंगे- शाहिद कपूर और करीना कपूर की फिल्म मिलेंगे मिलेंगे की शूटिंग २००४ में शुरू हुई थी। सतीश कौशिक की इस फिल्म की शूटिंग पहले शाहिद कपूर के दिल मांगे मोर के प्रीमियर में हिस्सा लेने के कारण और फिर हिन्द महासागर में सुनामी के कारण होटल नष्ट हो जाने के कारण रोकनी पड़ी। इसके बाद मिलेंगे मिलेंगे कभी आर्थिक कठिनाइयों के कारण, कभी करीना कपूर और शाहिद कपूर के अलगाव के बाद रुकती चली गई। २००७ में जब इस जोड़े की फिल्म जब वी मेट हिट हो गई, तब फिल्म को रिलीज़ करने के प्रयास शुरू किये गए। लेकिन, आखिर में ६ साल बाद ६ जुलाई २०१० को यह फिल्म रिलीज़ हुई तो बॉक्स ऑफिस पर १२ करोड़ का कलेक्शन करने के बावजूद औसत फिल्म साबित हुई।
चार साल बाद शादी कर के फँस गया यार !
निर्देशक के एस अधिमान ने शाहरुख़ खान, माधुरी दीक्षित और सलमान खान की एक साथ हम तुम्हारे हैं सनम (२००२) के बाद शादी करके फँस गया यार की शुरुआत दिल चुरा के चल दिए टाइटल के साथ की थी। उस समय सलमान खान की फ़िल्में अच्छा बिज़नेस कर रही थी। लेकिन, चार साल बाद २००६ में जब यह फिल्म रिलीज़ हुई, उस समय तक सलमान खान का जादू उतार पर था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर मूवी साबित हुई।
तीन साल बाद रश- इमरान हाश्मी की मुख्य भूमिका वाली थ्रिलर फिल्म रफ़्तार २४*७ को बनने में तीन साल लगे। हालाँकि इस फिल्म में इमरान हाश्मी के अलावा नेहा धूपिया, सागरिका घाटगे और आदित्य पंचोली ही थे। लेकिन २०१० में बननी शुरू हुई यह फिल्म २०१२ में रिलीज़ हुई इसके निर्देशक शमीन देसाई की मौत के बाद। २०११ में शमीन की मौत हो गई थी। उस समय खबर आई थी कि फिल्म बंद कर दी गई है। लेकिन इमरान हाश्मी और शमीन की बीवी प्रियंका ने यह फिल्म पूरी कर रश टाइटल के साथ रिलीज़ किया। इस फिल्म का कुल बिज़नेस चार करोड़ का ही हुआ और फिल्म फ्लॉप मानी गई।
तीन साल बाद आतंक ही आतंक भी
आमिर खान और रजनीकांत की जोड़ी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने के लिए काफी होनी चाहिए थी। लेकिन, गॉडफादर की हिंदी रीमेक इस फिल्म आतंक के बीच से ही सनी देओल के निकल जाने के कारण फिल्म में रुकावट पैदा हुई। फिर सनी देओल की जगह आमिर खान आ गये। लगा कि फिल्म सुपर हिट हो जाएगी। लेकिन हुआ ठीक उलटा। आमिर खान और जूही चावला की जोड़ी वाली आतंक ही आतंक बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई। यह रजनीकांत का बॉलीवुड में आखिरी बड़ा प्रोजेक्ट था ।
ऎसी बहुत सी फ़िल्में हैं, जिनके निर्माण में लम्बा समय लगा और यह फ़िल्में रिलीज़ होने पर फ्लॉप साबित हुई। इनमे अमिताभ बच्चन, करीना कपूर और अरशद वारसी की ज़मानत (१० साल), बॉबी देओल और अमीषा पटेल की हमको तुमसे प्यार है (चार साल), शरमन जोशी, रिया सेन और राइमा सेन की ३ बैचलर्स (१० साल), अक्षय कुमार, करिश्मा कपूर और अमीषा पटेल की मेरे जीवन साथी (३ साल), सनी देओल और कंगना रनौत की आई लव न्यू यॉर्क (४ साल), जॉन अब्राहम की फिल्म आशाएं (२ साल) जैसी देरी से रिलीज़ फ़िल्में फ्लॉप हुई।
छह साल बाद रिलीज़ फिर भी हिट
शाहरुख़ खान, सलमान खान और माधुरी दीक्षित की के एस अधियमान निर्देशित हम तुम्हारे हैं सनम की शुरुआत १९९७ में हुई थी। लेकिन, के सी बोकाडिया की तमाम फिल्मों की तरह हम तुम्हारे हैं सनम बीच बनती, रुकती और बनती रही। आखिरकार २००२ में जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो तीनों मुख्य एक्टरों ने फिल्म को ख़ास महत्त्व नहीं दिया। इसके बावजूद हम तुम्हारे हैं सनम सफल रही।
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